Book Title: Arhat Vachan 2003 01
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 123
________________ कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की कुछ महत्वपूर्ण गतिविधियाँ संतशिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज संघ सहित अर्हत वचन के प्रत्यावर्तन में प्राप्त होने वाली 300 पत्र - पत्रिकाओं के विशाल संकलन का अवलोकन करते हुए (29.7.99) जिन विद्या संगोष्ठीकूदकदज्ञानपीठ पुरस्कार एवंअहंत वचन पुरस्कार समर्पण समारोह कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर को देवी अहिल्या वि.वि. इन्दौर द्वारा शोध संस्थान की मान्यता प्राप्त होने के उपरान्त प्रथम बार आयोजित जैन विद्या संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए तत्कालीन कुलपति प्रो. ए.ए. अब्बासी सान्निध्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमतीमाताजी (12.3.96) कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, के यशस्वी अध्यक्ष एवं अर्हत् वचन के प्रकाशक श्री देवकुमारसिंह कासलीवाल का उनके 84 वें जन्मदिवस (14 जनवरी 2003) पर ज्ञान के प्रसार में दिये योगदान हेतु अभिनन्दन करते हुए देवी अहिल्या वि.वि. इन्दौर के कुलपति डॉ. भरत छापरवाल एवं प्राचार्य डॉ. नरेन्द्र धाकड़ । समीप खड़े है प्रो. एस.सी. अग्रवाल (मेरठ), प्रो. जयंतीलाल भंडारी (इन्दौर),प्रो. श्रेणिक बंडी (इन्दौर), प्रो. नलिन के. शास्त्री कुलसचिव (दिल्ली)

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