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वर्ष 15 अंक -1-2
Vol. -15, Issue-1-2
ational
KUNDAKUNDA JÄÄNAPĪTHA. INDORE
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर
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जनवरी - जून 2003
January - June 2003
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ARHAT VACANA
अर्हत् वचन
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I.S.S.N. 0971-9024
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प्रकाशकीय उद्गार
सूचना एवं संचार क्रांति के वर्तमान युगा में जब इलेक्ट्रानिक मीडिया पर विपुल ज्ञान राशि उपलब्ध है एवं इस कोष में निरन्तर वृद्धि हो रही है, तब भी प्रिन्ट मीडिया का महत्व घटा नहीं है अपतुि ज्ञान प्राप्ति की जिज्ञासा बढ़ जा से प्रिन्ट मीडिया के प्रति रुझान बढ़ा ही है। इसका सबल प्रमाण ठगत दशकों में जैन समाज द्वारा प्रकाशित होने वाली सामाजिक पत्र-पत्रिकाओ
की संख्या में वृद्धि है। गत सितम्बर 1988 से अनवरत रूप से प्रकाशित हो रही अर्हत् वचन पत्रिका के 14 वर्षों में सन 2002 तक 56 अंक प्रकाशित हो चुके हैं। इन अंकों में प्रकाशित लेखों, टिप्पणियों, आख्याओं, सारां साक्षात्कारों आदि के माध्यम से जैन इतिहास/पुरातत्व, विज्ञान की विविध शाखाओं के साथ जैन दर्शी सम्बन्ध, कर्म सिद्धान्त, साहित्य, संगीत आदि के बारे में मौलिक, शोधपूर्ण सामठी प्रकाशित की। शोधार्थियों तक इसकी जानकारी व्यवस्थित एवं वर्गीकृत रूप में पहुँच सके, इस भावना से अर्हत् वचत प्रस्तुत अंक को पूर्व प्रकाशित सामग्री की वर्गीकृत सूचियों के विशेषांक' के रूप में प्रकाशित किया जा है। सामवी के संकलन, सूचीकरण, वर्गीकरण का काम जटिल, विस्तृत एवं समयसाध्य था, इस कार हम इसे संयुक्तांक 15 (1-2) के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। पाठकों को हुई क्षतिपूर्ति हम आगामी अंकों अधिक सामवी देकर करने का प्रयास करेंगे ।
अर्हत् वचन, कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर का मुख पत्र है एवं कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ का लक्ष्य शोध गतिविधियों को विकसित करने हेतु आधारभूत ढांचा तैयार करना एवं शोधार्थियों को सर्व प्रका सहयोठा देना है। अतः अर्हत् वचन के पाठकों को इस संस्था की अथ से अब तक की गतिविधिर परिचित कराना श्रेयस्कर होगा। इस भावना के साथ इसी अंक में ज्ञानपीठ की 16 वर्षीय (1987-20 प्रगति आख्या भी प्रस्तुत की है। आशा है पाठकगण इस प्रयास को उपयोगी पायेंगे ।
प्रस्तुत अंक के संकलन, संयोजन एवं सम्पादन में डॉ. अनुपम जैन एवं उनकी पूरी टीम ने अनथक परिश्रम किया है एतदर्थ उन्हें साधुवाद।
अंक पर पाठकों की प्रतिक्रियाओं का सदैव स्वागत है। हमें विश्वास है कि उन्हें यह अंक उपयोगी लगेगा। श्रुत पंचमी, 5 जून 2003
देवकुमारसिंह कासलीवाल
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अर्हत् वचन
ARHAT VACANA
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ (देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर द्वारा मान्यता प्राप्त शोध संस्थान), इन्दौर द्वारा प्रकाशित शोध त्रैमासिकी Quarterly Research Journal of Kundakunda Jñānapitha, INDORE (Recognised by Devi Ahilya University, Indore)
वर्ष 15, अंक 1 - 2
Volume 15, Issue 1-2
I.S.S.N. -0971-9024
पूर्व प्रकाशित सामग्री की वर्गीकृत सूचियों का विशेषांक
मानद - सम्पादक
डॉ. अनुपम जैन
HONY. EDITOR
DR. ANUPAM JAIN Department of Mathematics,
गणित विभाग
शासकीय होल्कर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय,
Govt. Holkar Autonomous Science College,
इन्दौर - 452017 भारत INDORE-452017 INDIA 0731-2787790, 2545421 E.mail: anupamjain3@rediffmail.com
जनवरी - जून 2003 January-June 2003
प्रकाशक
देवकुमार सिंह कासलीवाल अध्यक्ष- कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ,
584, महात्मा गाँधी मार्ग, तुकोगंज, इन्दौर 452001 (म. प्र. )
PUBLISHER
DEOKUMAR SINGH KASLIWAL President - Kundakunda Jñanapitha
584, M.G. Road, Tukoganj, INDORE - 452 001 (M.P.) INDIA
(0731) 2545744, 2545421 (0) 2434718, 2539081, 2454987 (R)
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प्राचार्य श्री नरेन्द्रप्रकाश जैन 104 नई बस्ती,
फिरोजाबाद- 283 203
प्रो. लक्ष्मी चन्द्र जैन
सेवानिवृत्त प्राध्यापक गणित एवं प्राचार्य
जबलपुर 482002
-
प्रो. राधाचरण गुप्त
सम्पादक गणित भारती, झांसी- 284003
परामर्श मंडल / Advisory Board (2003-04)
-
प्रो. पारसमल अग्रवाल
रसायन भौतिकी समूह, रसायन शास्त्र विभाग
ओक्लेहोमा विश्वविद्यालय,
स्टिलवाटर OK 74078 USA
-
डॉ. लकाओ हायाशी
विज्ञान एवं अभियांत्रिकी शोध संस्थान,
दोशीशा विश्वविद्यालय,
क्योटो 610-03 जापान
प्रो. जे. सी. उपाध्याय प्राध्यापक इतिहास इन्दौर
2
-
श्री सूरजमल बोयरा
निदेशक- ज्ञानोदय फाउन्डेशन इन्दौर - 452003
Shri Narendra Prakash Jain, Principal 104, Nai Basti,
Firozabad-283203
डॉ. अनुपम जैन
'ज्ञान छाया',
डी 14, सुदामा नगर,
इन्दौर - 452009
फोन/ फैक्स : 0731-2787790
Prof. Laxmi Chandra Jain
Retd. Professor- Mathematics & Principal Jabalpur 482002
Prof. Radha Charan Gupta Editor- Ganita Bharati, Jhansi-284 003
Prof. Parasmal Agrawal
Chemical Physics Group, Dept. of Chemistry
Oklehoma State University,
Stillwater OK 74078 USA
Dr. Takao Hayashi
Science & Tech. Research Institute,
Doshisha University. Kyoto-610-03 Japan
Prof. J. C. Upadhyaya Professor History Indore
Shri Surajmal Bobra
Director - Jn anodaya Foundation Indore - 452003
सम्पादकीय पत्राचार का पता
Dr. Anupam Jain
'Gyan Chhaya', D-14, Sudama Nagar, Indore-452009
Ph. /Fax: 0731-2787790
सदस्यता शुल्क / SUBSCRIPTION RATES
व्यक्तिगत INDIVIDUAL रु./Rs. 125=00
वार्षिक / Annual
रु./ Rs.1000=00
10 वर्ष हेतु / 10 Years सहयोगी सदस्य रु./ Rs.2100=00 पुराने अंक सजिल्द फाईलों में रु. 250.00 / US$25.00 प्रति वर्ष की दर से सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं। सदस्यता एवं विज्ञापन शुल्क के म.आ./ चेक / ड्राफ्ट कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर के नाम देय ही प्रेषित करें इन्दौर के बाहर के चेक के साथ कलेक्शन चार्ज रु. 25/- अतिरिक्त जोड़कर भेजें।
संस्थागत INSTITUTIONAL रु./Rs. 250=00 रु./ Rs.1000=00
रु./ Rs.2100=00
लेखकों द्वारा व्यक्त विचारों के लिये वे स्वयं उत्तरदायी हैं। सम्पादक अथवा सम्पादक मण्डल का उनसे सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। इस पत्रिका से कोई भी आलेख पुनर्मुद्रित करते समय पत्रिका के सम्बद्ध अंक का उल्लेख अवश्य करें। साथ ही सम्बद्ध अंक की एक प्रति भी हमें आवश्क रूप से प्रेषित करें। समस्त विवादों का निपटारा इन्दौर न्यायालयीन क्षेत्र में ही होगा।
अर्हत् वचन, 15 (12) 2003
विदेश
FOREIGN U.S. $
25=00
U.S. $ 250 00
U.S. $ 500 = 00
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अर्हत् वचन के गत 14 वर्षों के प्रकाशक/सम्पादक/सम्पादक मंडल
प्रकाशक
देवकुमारसिंह कासलीवाल, अध्यक्ष - कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ अनोप भवन, 580, महात्मा गांधी मार्ग, तुकोगंज, इन्दौर - 452 001
फोन : 0731-2434718, 2539081, 2530218
सम्पादक डॉ. अनुपम जैन, स. प्राध्यापक - गणित, शासकीय आदर्श स्वशासी होलकर विज्ञान महाविद्यालय, इन्दौर-452017
निवास : 'ज्ञानछाया', डी- 14, सुदामानगर, इन्दौर - 452 009 फोन : 0731 - 2545421, 2545744 (ज्ञानपीठ), 2464074 (महा.), 2787790 (निवास)
फैक्स : 0731- 2787790 e-mail - kundkund@sancharnet.in, anupamjain3@rediffmail.com (नोट : अगस्त 1988 से अप्रैल 1995 तक शासकीय महाविद्यालय, सारंगपुर (राजगढ़) में पदस्थ)
अर्हत् वचन के गत 14 वर्षों के सम्पादक मंडल के सदस्य 1. प्रो. लक्ष्मीचन्द्र जैन
4. डॉ. राममोहन शुक्ल सेवानिवृत्त प्राचार्य एवं प्राध्यापक
स. प्राध्यापक - वनस्पति शास्त्र दीक्षा ज्वैलर्स के ऊपर,
कार्यक्रम समन्वयक - रा.से.यो.. 554, सराफा,
विक्रम विश्वविद्यालय, जबलपुर (म.प्र.)
उज्जैन (म.प्र.) 1988 से 2002
1988 से 1994 2. प्रो. सुरेशचन्द्र अग्रवाल
5. डॉ. सज्जनसिंह "लिश्क' प्राध्यापक एवं अध्यक्ष - गणित विभाग, (गणित विभाग, गवर्नमेन्ट इन उच्च शिक्षा संस्थान,
सर्विस ट्रेनिंग सेन्टर), चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय,
एस-62, सन्त नगर, मेरठ - 250 404 (उ.प्र.)
पटियाला- 147001 (पंजाब) 1988 से जनवरी 2001
1988 से 1994 3. डॉ. टी. वी. जी. शास्त्री
6. प्रो. कैलाशचन्द्र जैन विख्यात पुराविद् एवं पूर्व निदेशक BACRI सेवानिवृत्त प्राध्यापक एवं अध्यक्ष, 12/11/1418, बौद्धनगर,
प्रा.भा.इ.सं. एवं पुरातत्व विभाग, सिकन्दराबाद (आ.प्र.)
विक्रम विश्वविद्यालय, 1988 से 1994
C/o. डॉ. प्रभा जैन आदिनाथ आई केअर सेन्टर, दशहरा मैदान, उज्जै न (म.प्र.) 1995 से जनवरी 2001
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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7. प्रो. राधाचरण गुप्त
सम्पादक गणित भारती (पूर्व प्राध्यापक - गणित, बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान - मेसरा ), आर- 20, रसबहार कालोनी, लहरगिर्द, झाँसी (उ.प्र.)
1995 से 2002
8. डॉ. तकाओ हायाशी
इन्स्टीट्यूट ऑफ साईस एण्ड टेक्नोलॉजी, दोशीशा विश्वविद्यालय,
क्योटो - 610- 03 (जापान) 1995 से 2002
9. प्रो. पारसमल अग्रवाल रसायन - भौतिकी समूह ओक्लेहोमा स्टेट विश्वविद्यालय, ओक्लेहोमा (अमेरिका)
(पूर्व में विक्रम वि.वि., उज्जैन में पदस्थ ) 1999 से 2002
10. डॉ. स्नेहरानी जैन
11.
(सेवानिवृत्त प्रवाचक - भेषज विज्ञान, डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय) C/ c. श्री राजकुमार मलैया, भगवानगंज, स्टेशन रोड, सागर (म.प्र.)
1999 से जनवरी 2001
श्री सूरजमल बोबरा
निदेशक- ज्ञानोदय फाउन्डेशन
9/2, स्नेहलता गंज, इन्दौर
-452003 (म.प्र.) अप्रैल 2001 से 2002
12. डॉ. महेन्द्रकुमार जैन 'मनुज'
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार
श्री दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम ट्रस्ट, इन्दौर द्वारा जैन साहित्य के सृजन, अध्ययन, अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर के अन्तर्गत रुपये 25,000 = 00 का कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रतिवर्ष देने का निर्णय 1992 में लिया गया था। इसके अन्तर्गत नगद राशि के अतिरिक्त लेखक को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न, शाल, श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया जाता है।
05.06.2003
शोधाधिकारी - सिरि भूवलय परियोजना C/o. कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ,
584, महात्मा गांधी मार्ग, इन्दौर - 452001 (म.प्र.) अप्रैल 2001 से 2002
1993 से 1999 के मध्य संहितासूरि पं. नाथूलाल जैन शास्त्री ( इन्दौर), प्रो. लक्ष्मीचन्द्र जैन (जबलपुर), प्रो. भागचन्द्र 'भास्कर' (नागपुर), डॉ. उदयचन्द्र जैन (उदयपुर), आचार्य गोपीलाल 'अमर' (नई दिल्ली), प्रो. राधाचरण गुप्त (झांसी) एवं डॉ. प्रकाशचन्द्र जैन ( इन्दौर) को कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
वर्ष 2000, 2001 एवं 2002 हेतु प्राप्त प्रविष्टियों का मूल्यांकन कार्य प्रगति पर है। वर्ष 2003 हेतु जैन विद्याओं के अध्ययन से सम्बद्ध किसी भी विधा पर हिन्दी / अंग्रेजी में लिखित मौलिक, प्रकाशित / अप्रकाशित कृति हेतु प्रस्ताव 30 सितम्बर 03 तक सादर आमंत्रित हैं। निर्धारित प्रस्ताव पत्र एवं नियमावली कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ कार्यालय में उपलब्ध है। देवकुमारसिंह कासलीवाल
अध्यक्ष
डॉ. अनुपम जैन मानद सचिव
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अर्हत् वचन के पूर्व प्रकाशित अंकों का विवरण
माह एवं वर्ष संकेताक्षर पृष्ठों का विवरण
वर्ष एवं अंक
वर्ष - 1, अंक-1
सितम्बर 1988 दिसम्बर 1988
वर्ष - 1, अंक-2
सितम्बर 1989
जून - सितम्बर 1989 दिसम्बर 1989
वर्ष - 1, अंक - 3 वर्ष-1, अंक - 3-4 वर्ष-2, अंक -1 वर्ष-2, अंक-2 वर्ष - 2, अंक-3 वर्ष-2, अंक-4
मार्च 1990
जून 1990 सितम्बर 1990 जनवरी 1991
वर्ष-3, अंक -1
वर्ष-3, अंक-2
अप्रैल 1991
जुलाई 1991
वर्ष - 3, अंक -3 वर्ष -3, अंक -4
अक्टूबर 1991 जनवरी 1992
वर्ष -4, अंक-1 वर्ष-4, अंक-2-3
1 (1) 1- 122 + 2 पृ. आर्ट पेपर 1 (2) 1- 100 + 2 पृ. आर्ट पेपर 1 (3) 1- 100 + 4 पृ. आर्ट पेपर 1 (4) 1-78 + 18 पृ. आर्ट पेपर 2 (1) 1-84 + 8 पृ. आर्ट पेपर 2 (2) 1-96 + 6 पृ. आर्ट पेपर 2(3) 1-86 2 (4) 1-84 + 4 पृ. आर्ट पेपर 3 (1) 1-76 + 2 पृ. आर्ट पेपर 3(2) 1-80+ 6 पृ. आर्ट पेपर 3 (3)
आर्ट पेपर 3(4) 1-72 + 2 पृ. आर्ट पेपर 4 (1) 1-90 + 8 पृ. आर्ट पेपर
(2 - 3) 1- 160 + 4 पृ. आर्ट पेपर 4 (4) 1-76 + 2 पृ. आर्ट पेपर 5 (1) 1-98. 1 - 40 + 14 पृ. आर्ट पेपर 5(2) 99-148, 41-74 + 8 प्र. आर्ट पेपर 5 (3) 149 - 206, 75 - 100 5 (4) 207 - 256, 59 - 96 + 4 पृ. आर्ट पेपर 6 (1) 1-72, 1 - 16, + 10 पृ. आर्ट पेपर 6(2) 73-144, 17-36 6 (3) 145- 206 + 37- 58 6 (4) 207- 256, 59-96 + 4 पृ. आर्ट पेपर 7 (1) 1-98 + 4 पृ. आर्ट पेपर 7 (2) 1-96 + 8 पृ. आर्ट पेपर
___ अप्रैल - जुलाई 19924
अक्टूबर 1992 जनवरी 1993
___
वर्ष-4, अंक-4 वर्ष-5, अंक -1 वर्ष - 5, अंक-2 वर्ष-5, अंक-3
अप्रैल 1993
जुलाई 1993 अक्टूबर 1993 जनवरी 1994
वर्ष -5, अंक-4 वर्ष-6, अंक -1 वर्ष-6, अंक-2 वर्ष-6, अंक-3
अप्रैल 1994
वर्ष-6, अंक - 4 वर्ष - 7, अंक-1 वर्ष-7, अंक-2
जुलाई 1994 अक्टूबर 1994 जनवरी 1995
अप्रैल 1995
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वर्ष-7, अंक-3 वर्ष -7, अंक-4
जुलाई 1995 अक्टूबर 1995 जनवरी 1996 अप्रैल 1996
7 (3) 7 (4) 8 (1)
1-80 1-78 1-88
वर्ष-8, अंक - 1 वर्ष - 8, अंक -2
वर्ष -8, अंक-3
जुलाई 1996
8 (2) 18 (3) 8 (4) 9 (1)
1-88 + 8 पृ. आर्ट पेपर 1-78 1-88 1-80
वर्ष - 8. अंक - 4
अक्टूबर 1996
वर्ष -9, अंक-1
जनवरी 1997
वर्ष-9, अंक-2
9(2)
1-100
अप्रैल 1997 जुलाई 1997
वर्ष -9, अंक - 3
(3)
1-100 + 4 पृ. आर्ट पेपर
वर्ष - 9, अंक-4
अक्टूबर 1997
वर्ष - 10, अंक-1
जनवरी 1998
अप्रैल 1998
वर्ष - 10, अंक-2 वर्ष - 10, अंक -3
9 (4) 1-90 10 (1) 1-88 10,(2) 1- 92 10 (3) 1-92 10 (4) 1-80
जुलाई 1998
वर्ष - 10, अंक - 4
अक्टूबर 1998
जनवरी 1999
11 (1)
1-100 + 8 पृ. आर्ट पेपर
अप्रैल 1995
11 (2)
1-88
वर्ष - 11, अंक-1 वर्ष - 11, अंक-2 वर्ष - 11, अंक-3 वर्ष - 11, अंक-4
जुलाई 1999
11 (3)
1-80 + 4 पृ. आर्ट पेपर
अक्टूबर - दिसम्बर 1999 11 (4)
1-88
वर्ष - 12, अंक -1 वर्ष - 12, अंक-2
वर्ष - 12, अंक - 3
वर्ष - 12, अंक-4
वर्ष - 13, अंक -1
वर्ष - 13, अंक-2
जनवरी - मार्च 2000 12 (1) 1-80 अप्रैल - जून 2000 12 (2) 1-100 जुलाई - सितम्बर 2000 12 (3) 1- 100 + 4 पृ. आर्ट पेपर अक्टूबर - दिसम्बर 2000 12 (4) 1- 90 जनवरी - मार्च 2001 13 (1) 1- 108 अप्रैल - जून 2001 13 (2) 1जुलाई- दिसम्बर 2001 13 (3) 1-96 जनवरी - मार्च 2002 14 (1) 1-104 अप्रैल - सितम्बर 2002 14 (2) 1-144 अक्टूबर - दिसम्बर 2002 14 (4) 1- 116
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
वर्ष - 13. अंक - 3-4
वर्ष - 14, अंक - 1 वर्ष - 14, अंक - 2-3 वर्ष - 14, अंक - 4
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ध्यातव्य
1. प्रस्तुत अंक के खण्ड-1 में अर्हत् वचन में वर्ष 1 (1988-89 ) से वर्ष 14 (2002) तक प्रकाशित सामग्री की वर्गीकृत सूचियाँ हैं एवं खण्ड-2 में कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की 1987 - 2003 (जून) तक की संक्षिप्त प्रगति आख्या है।
2. वर्गीकृत सूचियाँ 3 प्रकार से दी हैं
वर्षानुसार विषयानुसार लेखकानुसार
लेख (Article) टिप्पणी
समीक्षा
3. वर्षानुसार संकलित सूचियों को निम्नांकित वर्गों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक लेख/टिप्पणी / आख्या / समीक्षा/सारांश/ साक्षात्कार / कविता हेतु एक कोड निर्धारित किया गया है। कोड का प्रथम अक्षर वर्ग को, उपरान्त प्रथम अंक प्रकाशन वर्ष एवं बाद के अंक क्रमांक को व्यक्त करते हैं। जैसे A 1.3 में A लेख व्यक्त करता है एवं 1.3 से आशय प्रथम वर्ष (Volume - 1 ) का तीसरा लेख है। कोड का प्रथम अक्षर
(Article) को
वर्ग का नाम
आख्या
सारांश
-
(Note)
(Review)
(Report)
(Abstract)
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पृष्ठ 9 से 43
पृष्ठ 45 से 62
पृष्ठ 63 से 77
साक्षात्कार (Interview) व्यक्ति परिचय कविता (Poem)
C
P
4. वर्षानुसार सूचियों में प्रकाशित सामग्री का पूर्ण विवरण दिया है। यथा वर्ष, अंक, प्रकाशन प्रकाशन वर्ष एवं पृष्ठ संख्या । इस क्रम में संक्षिप्त गतिविधियों, अकादमिक सूचनाओं
एवं मत अभिमत को छोड़ दिया है।
-
(Introduction)
5. विषयानुसार विभाजन के क्रम में केवल लेखों को वर्गीकृत किया है। टिप्पणी, सारांश,
आख्या, समीक्षा आदि के लिये वर्षानुसार सूचियाँ ही देखना चाहिये ।
6. विषयानुसार विभाजन निम्नवत् है।
-
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
A
N
B
R
S
I
1. इतिहास एवं पुरातत्व ( History & Archaelogy)
2. गणित, सांख्यिकी एवं ज्योतिर्विज्ञान (Mathematics, Statistics & Astronomy)
3. भौतिक शास्त्र एवं रसायनशास्त्र (Physics & Chemistry)
4. प्राणीशास्त्र, वनस्पतिशास्त्र एवं पर्यावरण (Zoology, Botany & Environment)
5. शाकाहार, आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य (Vegetarianism, Ayurved & Health)
6. शिक्षा एवं मनोविज्ञान (Education & Psychology)
7. संगीत एवं चित्रकला ( Music & Painting)
8.
साहित्य (Literature)
9. कर्म सिद्धान्त और सामान्य विज्ञान (Karmic Theory & General Science)
7
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7. लेखकानुसार के क्रम में लेखक के नाम के साथ केवल कोड नं. दिये हैं। वर्षानुसार
सूचियों में से उक्त कोड का पूर्ण विवरण देखना चाहिये। 8. लेखकानुसार सूचियों के बाद अब तक के अर्हत् वचन के लेखकों के पते दिये हैं।
पते परिवर्तनशील हैं। हमने प्रयास किया है कि लेखकों के वर्तमान पते दें किन्तु इस विषय में हमारी सीमायें हैं। हमारे पास उपलब्ध श्रेष्ठतम जानकारी हमने दी
है। त्रुटि के लिये अग्रिम खेद। 9. खण्ड - 1 के अन्त में अर्हत् वचन पुरस्कार योजना के 1990 से 2002 तक के पुरस्कृत लेखों की सूची विवरण सहित पृ. 95 - 98 पर दी है।
डॉ. अनुपम जैन
सम्पादक कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर का वर्तमान निदेशक मण्डल
___ मानद निदेशक प्रो. ए. ए. अब्बासी, पूर्व कुलपति, अध्यक्ष
बी - 476, सुदामानगर, इन्दौर - 452 009
सदस्य 1. प्रो. सुरेशचन्द्र अग्रवाल
5. प्रो. नरेन्द्र धाकड़ प्राध्यापक एवं अध्यक्ष - गणित विभाग
प्राचार्य उच्च शिक्षा संस्थान,
होलकर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय, चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय,
ए. बी. रोड़, मेरठ-250004
इन्दौर - 452017 2. प्रो. नलिन. के. शास्त्री
6. डॉ. एन. पी. जैन कुलसचिव-इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय
पूर्व राजदूत कश्मारी गेट,
ई-50, साकेत, दिल्ली- 110006
इन्दौर-452001 3. प्रो. प्रभुनारायण मिश्र
7. डॉ. प्रकाशचन्द्र जैन निदेशक - प्रबन्ध अध्ययन संस्थान
सेवानिवृत्त व्याख्याता - हिन्दी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,
17/1, गली नं. 3, तिलकनगर, तक्षशिला परिसर,
इन्दौर - 452001 इन्दौर - 452017 4. प्रो. गणेश कावडिया
सदस्य सचिव प्राध्यापक - अर्थशास्त्र
डॉ. अनुपम जैन, सचिव अधिष्ठाता - समाज विज्ञान संकाय .
स. प्राध्यापक - गणित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,
होलकर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय, अर. एन. टी. मार्ग,
डी- 14, सुदामानगर, इन्दौर - 452001
इन्दौर-452009
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
Page #11
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कोड
A 1.1
A 1.2
अर्हत् वचन वर्ष - 1 (1988-89) से वर्ष 14 (2002) में प्रकाशित
लेखों की वर्षानुसार सूची (428)
A1.3
लेखक का नाम / लेख का शीर्षक एवं प्रकाशन विवरण
अग्रवाल, पारसमल जैन द्रव्यानुयोग का गणित, आधुनिक विज्ञान एवं आध्यात्मिक प्रगति 10. 1.7 जैन, रमेशचन्द्र स्यादवाद के सप्त भंग एवं आधुनिक गणित विज्ञान 1(1), 9-13
गुप्त, राधाचरण: पाई का जैन मान और विदेशों में उसका प्रचार, 1 (1), 15-18 जैन, अनुपम एवं अग्रवाल, सुरेशचन्द्र जैन गणितीय साहित्य, 1 (1) 19-40
A 1.5
जैन, अनुपम एवं अग्रवाल, सुरेशचन्द्र जैन गणितज्ञ महावीराचार्य, 1(1), 41-46 A 1.6 जैन, अनुपम : आचार्य कुन्दकुन्द के साहित्य में विद्यमान गणितीय तत्व, 1 (1), 47-52 हेमराज व्यक्तित्व एवं कृतित्व, 1 (1), 53-63 + 1 पृ. आर्ट पेपर माधवचन्द्र एवं उनकी षट्त्रिशिंका, 1(1), 65-74+1 पृ. आर्ट पेपर
A 1.7 जैन, अनुपम A1.8 जैन, अनुपम A1.9 जैन, लक्ष्मीचन्द्र
आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती की खगोल विद्या एवं गणित संबंधी मान्यताएँ - आधुनिक सन्दर्भ में 1(1) 75-90
A 1.10 Raina, Dhruv & Singh, Navjyoti: The Jaina Theory of Motion, 1 (1), 91-96
A 1.11 Jha, Ganganand Singh: The Theory of Relativity and the Jaina Thought, 1(1), 97-102
A 1.12 Jha, Parmeshwar: Contribution of Jainācāryas to Mathematics & Astronomy, 1(1), 103-112 जैन गणित की मौलिकताएँ एवं भावी शोध दिशाएँ (विशेष सम्पादकीय) 1(1), 113-121
A 1.13 जैन, अनुपम
A 1.14 जैन, लक्ष्मीचन्द्र
गिरिनगर की चन्द्रगुफा में हीनाक्षरी एवं धनाक्षरी का रहस्य 1 (2), 11-16
A 1.15 जैन, अनुपम
दार्शनिक गणितज्ञ
आचार्य यतिवृषभ (2) 17-24
A 1.16 जैन, अनुपम
दार्शनिक गणितज्ञ
आचार्य वीरसेन, 1(2), 25-37
A 1.17 Lishk, Sajjan Singh Samaya' As an Unit of Time in Jaina Astronomy. 1 (2) 39-42
A 1.18 Singh, Parmanand: Acarya Jayadeva's Treatment of Permutation and Combinations, 1(2), 43-48
:
-
-
A 1.19 जैन, अनुपम एवं जैन, जयचन्द क्या श्रीधर जैन थे? 1(2), 49-54
A 1.20 Shastri, T.V. G. New Light on the Nativity of Kundakunda Acarya 1 (2), 55-63
A1.21 जैन, लक्ष्मीचन्द्र एवं जैन, अनुपम
क्या आचार्य कुन्दकुन्द दसाह पद्धति के आविष्कारक थे? 113) 7-15
A1.22 मेलडा, महावीर राज
तमस्काय
ब्लेक होल, 1 (3) 17-19
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
-
9
Page #12
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A 1.23 A 1.24
4cil (f): Uten uit URHTU faşina, 1 (3), 21-24 , . . : UTT Asich TERI, ETA 35 97 YECA, 1 (3), 25-26
A 1.25 Kasliwal, R.M.: Karma and Rebirth Phenomenon of Jaina Philosophy as Worked out on
Scientific Lines, 1 (3), 27-32
A 1.26
Jain, Laxmi Chandra : Systems Theory in Jainism and Science, (A Study in Prospects and Achievements) 1 (3), 33-37
A 1.27 Lishk, Sajjan Singh : On Geometry of Jambūdvipa, 1 (3), 39-42 A 1.28 Lishk, Sajjan Singh : Gnomon Experiments in Ancient Indian Astronomy, 1 (3), 43-47 A 1.29 Mallappa, M.C. : Siri Bhüvalaya (Bhoovalaya) of Kumudendu, 1 (3). 49-54 A 1.30 Jain, Sultan Singh : Religion Means - The Thoughtful way of Living which Bless Others
to Live too, 1 (3), 55-58 A 1.31 Shastri, T.V.G. : Dhārāśiva Caves, 1 (3), 59-70+ 4 Page Art paper A 1.32 Ut, Tradi: gretjet GOU, TU 31 qutu : TAHTSH 37 , 1 (3-4), 1-17 A 1.33 Jain, Chakresh Kumar : The Jaina Geography, the Digambara Jaina Jambūdvipa and the
Modern Context, 1 (3-4), 19-20 A 1.34 Shastri, T.V.G. : An Earliest Jaina Site in the Krishna (Krsnā) Valley, 1 (3-4), 23-29 A 1.35 Shastri, T.V.G. : Remains of Vaddamānu, 1 (3-4), 30--37 + 2 Page Art paper A 1.36 Shastri, T.V.G. : Early History of Jainism, 1 (3-4), 38-47 +2 Page Art paper A 1.37 Shastri, T.V.G. : The Earliest Coinage of Jaina Kings, 1 (3-4), 48-54 A 1.38 Handa, Devendra : A Sarvatobhadrikā Pratimă from Punjab, 1 (3-4), 55-56 + 1 Page
Art paper A 1.39 Kumar, P.Kishore : A Rare Sculpture of Jaina Sarasvatī, 1 (3-4), 57-58 + 1 Page Art paper A 2.1 HR (342T-A): vita af hriftstifth CRUT, 2 (1), 1-5 A 2.
2 7, stars gotta, 37244 : 37arf one gore te feu Para , 2 (1), 7-12 + 2 faa yoo A 2.3 ita, siang : ita erf 774 fargerf, 2(1), 13-19
A 2.4
Jain, S.C. : Jambūdvipa and its Two Suns, 2(1), 21-27
A 2.5
Ekambaranathan, A. : Early Jaina Vestiges in Tamilnadu, 2(1), 29-35+ 2 Page Art paper
A 2.6
Shastri, T.V.G. : Jaina and the Other Antiquarian Remains of the Gwalior Fort, 2(1), 37-46 Jain, D.C. : Bio-chemistry of Violence, 2 (2), 1-3
A 2.7
Jain Education Ternational
376607, 15 (1-2), 2003
Page #13
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A 2.8
Jha, Parmeshwar : Jaina Astronomical Texts belonging to the Pre-Siddhāntic Period of Ancient India, 2(2), 5-10
A 2.9 Michiwaki, Yoshimasa : On the Resemblance of Indian, Chinese and Japanese
Mathematics, 2 (2), 11-15 A 2.10 जैन, लक्ष्मीचन्द्र : ब्राह्मी लिपि का आविष्कारक एवं आचार्य भद्रबाहु मुनि संघ, 2 (2), 17-26 A2.11 जैन, रत्नलाल : कर्म की विचित्र गति - मनोविज्ञान के परिप्रेक्ष्य में, 2 (2), 27-37
A 2.12 Shastri, T.V.G. : Jaina Eras and their Chronology, 2(2), 39-43
A2.13 Lal, G.Jawahar : History of Medieval Jainism in Telgudesa, 2(2), 45-47 A 2.14 Narsimhamurthy,A.V. : Siri Bhuvalaya (Bhoovalaya) of Kumudendu, 2(2), 49-53 A2.15 जैन, लक्ष्मीचन्द्र एवं जैन, चक्रेश कुमार : जम्बूद्वीप परिप्रेक्ष्य - दिगम्बर जैन मान्यताएँ और आधुनिक सन्दर्भ
2 (2), 55-62 A2.16 जैन, लक्ष्मीचन्द्र : ब्राह्मी लिपि का आविष्कारक एवं आचार्य श्री भद्रबाह मुनि संघ - 2, 2 (3), 1-11 A2.17 अग्रवाल, पारसमल : जैन दर्शन एवं आधुनिक विज्ञान (व्यवहार पल्य का गणित एवं आधुनिक अणु विज्ञान),
2 (3), 13-19 A2.18 जैन, नीलम : वर्तमान की आवश्यकता - जैनागम का वैज्ञानिक विश्लेषण, 2 (3), 21-22 A 2.19 जैन, अभय प्रकाश : अशोक संवत् : कुछ तथ्य, 2 (3), 23-26 A 2.20 Jain, Sneh Rani : On Certain Concepts of Time in Pharmaccutical and Religious Studies,
2 (3), 27-38 A 2.21 Hanumatharao, B.S.L. : Vardhamani (A) Vihāra Mahāmeghavāhana, 2 (3), 39-45 A 2.22 Shastri, T.V.G. : Early Jainas in Tamilnadu and Madurai Caves, 2 (3), 47-61 + 4 Page
Art paper A 2.23 कनकनन्दि (उपाध्याय-मुनि) : जैन धर्म में वर्णित मनोविज्ञान (षट् भावात्मक वर्ण), 2 (4), 1-7
A 2.24 जैन, लक्ष्मीचन्द्र : दिगम्बर जैन ग्रंथों में बिन्दु, वृत्त, रेखा और त्रिभुज, 2 (4), 9-12 A 2.25 जैन, नीलम : जैन धर्म की धरा और विज्ञान का वृक्ष, 2 (4), 13-16
A 2.26 जैन, रमेशचन्द्र : भविष्यत् काल के तीर्थकर, बलभद्र, नारायण एवं प्रतिनारायण के शरीर की ऊँचाई का प्रमाण,
2 (4). 17-20 A 2.27 शुक्ल, राममोहन एवं श्याम वैद्य : मध्यप्रदेश के पुरातत्व संग्रहालयों में जैन पुरातत्व प्रतिमाएँ, 2 (4), 21-24 A 2.28 कनकनन्दि (उपाध्याय-मुनि) : दिव्यध्वनि : एक विश्लेषण, 3 (4), 25-33 A2.29 जोशी, कमला : जैन दर्शन और आधुनिक विज्ञान के परमाणु विषयक विचारों का तुलनात्मक विवेचन, 2 (4), 35-43 A 2.30 Lishk, Sajjan Singh : On Five Circular Parts of Jambudvipa, 2 (4), 45-49
A2.31 Shastri, T.V.G.: Stone Inscriptions of Vaddamānu, 2 (4), 51-61 + 2 Page Art paper
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
11
Page #14
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A 2.32 Shastri, T.V.G.: Inscribed Potsherds, 2(4), 63-71+2 Page Art paper
A 3.1
दुबे, महेश कवि और गणितज्ञ महावीराचार्य, 3(1), 1-26
A 3.2
A 3.3
A 3.4
A 3.5
A 3.6
A 3.7
Jain, Laxmi Chandra: Subject Matter of Labdhisära, 3(1), 27-37
Lishk, Sajjan Singh: On Nature of the Sun and the Moon as mentioned in Twentieth Pähuda of Surya Pannatti (Prajñāpti), 3(1), 39-40)
कनकनन्दि (उपाध्याय मुनि) कर्म सिद्धान्त का वैज्ञानिक विश्लेषण, 3(1). 41-44
Nagarch, B.L.: Jaina Temple and Sculptures at Indor, Dist. Guna (M.P.), 3(1), 45-46
2 Page Art paper
+
M
Rajagopal, P.: The Sthānāṁga Sutra Programme in Indian Mathematics, 3(2), 1-8)
Shastri, T.V.G.: An Introduction to the Iconography of Jaina Tirthankaras, 3(2), 9-40 +2 Page Art paper
शुक्ल, राममोहन एवं श्याम वैद्य : मध्यप्रदेश के पुरातत्व संग्रहालयों में संग्रहीत जैन पुरातत्व प्रतिमाएँ, 3(2), 41-44
A 3.8
A 3.9 जैन, अभयप्रकाश भूला बिसरा काम्पिल्य, 3(2). 45-49
A 3.10 सम्यक्त्व सागर (ऐलक) प्राकृतिक संरचना एवं मांसाहार 3(2), 51-54
A 3.11 जैन, नीलम राम धनुर्धर ही नहीं, वैज्ञानिक भी थे, 3(2), 55-57
:
A 3.12 Sharma, I.K.
Digambara Jainism in Karnataka. 3(3). 1-7
A 3.13 Mukundarao, N.
Jaina Monuments and Teachers of Kasala nādu (North-West Deccan) - An Epigraphical Study, 3(3), 9-11
A 3.14 Kumar, Lalit: A Life Size Image of Neminatha in Lalbhai Dalpatbhai Museum (Ahmedabad), 3(3), 13-15+1 Page Art paper
A 3.15 Bajpai, K.D.: Contribution of Jainism to Indian Art, 3(3), 17-22
12
A 3.16 Michiwaki, Yoshimasa: On the Resemblence among Indian, Chinese and Japanese Old Mathematics, 3(3), 23-26
A 3.17 Lishk, Sajjan Singh: An Introduction to Syädvåda Siddhi of Vadibha Simha Süri, 3(3). 27-31
A 3.18 जैन, लक्ष्मीचन्द्र मूल नन्दिसंघ आचार्य श्री कुन्दकुन्द का समय निर्धारण (गणितीय परम्परा के आधार पर).
3 (3), 33-41
A 3.19 जैन, अभयप्रकाश खगोल शास्त्र एवं जैन ज्योतिष की प्राचीनता 3(3), 43-47
MO
A 3.20 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : सिद्धौ गोपाद्रौ देवपत्तने, 3(3), 49-52 + 2 पृ. आर्ट पेपर
A 3.21 Bajpai, K.D.: Jaina Image of Sarasvati in the Lucknow Museum, 3 (4), 1-3+1 Page Art paper
अर्हत् वचन 15 (1-2). 2003
Page #15
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A 3.22 T. Ganesan: Condition of Jaina Society as Gleaned from Tirunkondai Inscriptions, 3(4), 7-10
A 3.23_Jain, A. P. Transitive Elements of Music in Jaina Works, 3 (4), 13-16
A 3.24 Jain, H.C.: Jainism and Principles of Health, 3 (4). 17-19 A3.25 जैन, रामजीत (एडवोकेट) भारत में विशाल मूर्तियों के निर्माण की परम्परा 3 (4) 21-23
A 3.26 जैन, कमलेश जैन परम्परा में पंचास्तिकाय की अवधारणा, 3 (4) 25-34
:
A 3.27 कनकनंदि (उपाध्याय - मुनि) : मंत्र का वैज्ञानिक विश्लेषण, 3 (4), 35-39
A 3.28 जैन, नीलम
चरणस्पर्श का वैज्ञानिक आधार है 3 (4) 41-44
A 3.29 जैन, कुन्दनलाल
A 3.30 जैन, रत्नलाल A 4.1 गुप्त, राधाचरण
A 4.2
A 4.3
A 4.4
A4.5
:
बाजपेयी, कृष्णदत्त
जैन, लक्ष्मीचन्द्र एवं प्रभा, सतीश्वरी आविष्कार में सहयोगी हुए?, 4(1), 13-20
देवगण (लुवच्छगिरी) के सिंघई होलिचन्द्र, 3 (4). 45-49
कर्मवाद का मनोवैज्ञानिक पहलू, 3 (4), 51-60
चीन और जापान में पाई के जैनमान (10) की लोकप्रियता 4(1), 1.5
Shastri, T.V.G.: Architecture of Early Jaina Structures in Krishna ( Krsna) Valley. 4 (1), 21-38
:
,
Jain, A. P. The Emergence of Drone in Indian Music as Dipicited in Jaina Sources, 4 (1), 39-43
A 4.14 जैन, प्रकाशचन्द्र
A 4.15 शुक्ल, राममोहन
A 4.16 जैन, प्रकाशचन्द्र A 4.17 जैन, स्नेहरानी
A 4.6
A 4.7
Gupta, R. C. Mahäviracärya's Rule for the Arca of a Plane Polygon, 4(1), 45-54 Rajagopal, P: Practical and Commercial Problems in Indian Mathematics, 4(1), 55-70 A 4.8 गुप्तिसागर ( उपाध्याय) तीर्थंकर ऋषभ का अनन्य अददान जीवन की सम्पूर्ण कलाएँ, 4 (2-3), 19-24
A 4.9 शास्त्री, सुमन (ब्र.) : जैन दर्शन अध्यात्म / विज्ञान, 4 (2-3), 25-28
A 4.10 अग्रवाल, सुरेशचन्द्र जैन गणित के क्षेत्र में शोध के नये क्षितिज, 4 (2-3), 29-36
A 4.11 जैन, रमेशचन्द्र
A 4. 12 जैन, कमलेश
A 4.13 झा, परमेश्वर
1:
जैन श्रमण परम्परा 4(1), 7-12
:
क्या सम्राट चन्द्रगुप्त दक्षिण भारत में मुनि रूप में ब्राह्मी लिपि के
:
जैन दर्शन एवं आधुनिक विज्ञान, 4 (2-3), 37-40
जैनधर्म में श्रमण एवं श्रावक परम्परा, 4 (2-3), 41-43 जैन ज्योतिष गणित आर्यभट प्रथम, 4(2-3), 45-50
:
मालवा में मूलसंघ की भट्टारक परम्परा (अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर), 4(2-3), 51-54
राजगढ जिले की पुरा सम्पदा जैन मूर्तियों के सन्दर्भ में, 4 (2-3), 55-61
जैन विद्या के महामेरू आचार्य कुन्दकुन्द 4 (2-3), 63-67
:
वर्तमान आयुर्वेदिक पद्धतियों के स्वरूप, 4 (2-3), 69-77
:
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
13
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A 4.18 जैन, नीलम : पर्यावरण प्रदूषण मांसाहार से भी होता है, 4(2-3), 79-80
A 4.19 सालगिया, सुशीला : मूक माटी की सामाजिक चेतना, 4(2-3), 81-88
A 4.20 Gupta, R.C. : Jaina Cosmography and Perfect Numbers, 4(2-3), 89-94 A 4.21 Jain, Laxmi Chandra : The Jaina Schools of Mathematical Sciences (The Digambara
and the Svetambara Schools), 4 (2-3), 95-101 A 4.22 Nagarch, B.L. : Newly Discovered Jaina Cave and Sculptures at Bihar-Kotara, Dist.
Rajgarh (M.P.), 4(2-3), 103-106
A 4.23 Shastri, T.V.G. : Mulasamgha - The Earliest Jaina Organisation, 4(2-3), 107-110
A 4.24 Jain, A. P. : Raga and their Time, 4 (2-3), 111-114 A 4.25 Ganesan, T.: Origin and Development of Jaina Architecture in Tamilnadu, 4(4), 1-5 A 4.26 Hanumantha Rao, B.S.L. : The Jaina Relics of Kolānupaka, 4(4), 7-11 A 4.27 जैन, लक्ष्मीचन्द्र एवं सतीश्वरी प्रभा : क्या सम्राट चन्द्रगुप्त दक्षिण भारत में मुनि रूप में ब्राह्मी लिपि के
आविष्कार में सहयोगी हुए ? भाग-2, 4(4), 13-22 A 4.28 जैन, कुन्दनलाल : देवगढ का शिलालेख, 4 (4), 23-30 + 2 पृ. आर्ट पेपर A 4.29 जैन, अभयप्रकाश : प्रकाशधारा और आभामंडल, 4 (4), 31-34
A 4.30 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : स्वस्तिक - प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति, 4 (4), 35-38
A 4.31 जैन, महेन्द्रकुमार ‘मनुज' : मगध की जैन कला में अम्बिका निरूपण, 4 (4), 39-42 A 4.32 नागार्च, बिहारीलाल : मध्यप्रदेश की जैन मूर्ति कला तथा बिडला संग्रहालय भोपाल की विशिष्ट जैन प्रतिमाएँ,
4 (4), 43-48 A 4.33 उपाध्याय, शचीन्द्र प्रसाद एवं उपाध्याय, ऋचा : शाजापुर में प्राप्त जैन प्रतिमाओं का अध्ययन, 4 (4), 49-53 A 5.1 जैन, राजाराम : गोपाचल : उत्तरमध्यकालीन इतिहास, साहित्य एवं कला का संगम तीर्थ, 5 (1), 9.17 A 5.2 आर्य, सुरेन्द्र कुमार : गोपाचल दुर्ग का जैन पुरावशेष, 5 (1), 19-27 A5.3 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : गौरवता का गौरव - गोपाचल, 5 (1), 29-37 A 5.4 आर्य, मायारानी : ग्वालियर संग्रहालय की जैन प्रतिमाएँ, 5 (1), 39-40 A5.5 जैन, अभयप्रकाश : तीर्थकर पार्श्व और नागवंश, 5 (1), 41-43 A 5.6 जैन, मीरा : ग्वालियर के दिगम्बर जैन मन्दिर की चित्रकला, 5 (1), 45-46 + 1 पृ. आर्ट पेपर
A 5.7
माहेश्वरी, एच. बी. 'जैसल' :
जैन धर्म संस्कृति का एक सिद्धक्षेत्र - नरवर, 5 (1), 47-50
A 5.8
जैन, कंवर : गोपाचल का त्रिशलागिरि समूह, 5 (1), 51-52 + 2 पृ.आर्ट पेपर
A 5.9
Kaushik, J.P. & Sikarwar, Ram Lakhan Singh & Shukla, R.M. : Flora of Gwalior Fort, 5 (1), E7-24
14
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A 5.10 जैन, राजकुमार (आचार्य) : जैन धर्म और आयुर्वेद, 5 (2), 93-98 A 5.11 शुक्ल, राममोहन : भविष्य का पूर्ण आहार, 5 (2), 99-102 + 1 पृ. आर्ट पेपर A 5.12 जैन, महेन्द्रकुमार मनुज' : पाहुडसूत्रों की दशाधिक टीकाएँ, 5 (2), 103-106 A5.13 जैन, रत्नलाल : मनोविज्ञान के परिप्रेक्ष्य में भाग्य को बदलने का सिद्धांत : संक्रमणकरण, 5 (2), 107-114
A 5.14 Kapur, J.N.: Ancient Indian Mathematics and its Relevence to Modern Indian
Mathematics, 5(2), E 41-47
A 5.15 Shastri, T.V.G. : The Early Jain Reamins and their Charecterstic Features, 5(2), E 49-60
+6 Page Art paper A 5.16 Shastri, T.V.G. : Sirpur Antariksa Pārsvanātha : An Archaeological Study, 5 (2). E 61-70 A.5.17 जैन, लक्ष्मीचन्द्र एवं जैन, प्रभा : क्या सम्राट चन्द्रगुप्त दणिण भारत में मुनि रूप में ब्राह्मी लिपि के आविष्कार
में सहयोगी हुए?, 5 (3), 155-171 A 5.18 शास्त्री, नाथूलाल जैन : करणानुयोग के परिप्रेक्ष्य में तथ्य, सत्यदृष्टि तथा करण (गणित) की अनिवार्यता,
5(3), 173-178 A 5.19 कुमार, रज्जन : पृथ्वीकाय 36 या 40, 5 (3), 179-185 A 5.20 जैन, शकुन्तला : ग्वालियर के पुरातत्व संग्रहालय में जैन धर्म, 5 (3), 187-190 A 5.21 माहेश्वरी, एच.बी. 'जैसल' : जैसलमेर - जैन धर्म के सन्दर्भ में, 5 (3), 191-193 A 5.22 Rajagopal, P : Mathematical Problem Solving in Medieval India and Europe, 5 (3), E 77-92 A 5.23 Lal, G. Jawahar : An Epitaph of Meghacandra Siddhanta Deva, 5 (3), E93-95 A 5.24 दुबे, महेश : विज्ञान, धर्म और आइंस्टाइन, 5 (4), 225-228 A 5.25 अग्रवाल, पारसमल : अनेकान्तवाद एवं आधुनिक भौतिक विज्ञान, 5 (4), 229-245 A 5.26 जैन, अभयप्रकाश : जैन ग्रन्थों में प्रतिपादित वीणा, 5 (4), 247-252 A 5.27 जैन, एच.सी. : जैन आयुर्वेद का ऐतिहासिक पक्ष, 5 (4), 253-259 A5.28 जैन, प्रकाशचन्द्र : अभिलेखों के आधार पर मालवा की मध्यकालीन दिगम्बर जैन जातियाँ, 5 (4), 261-264
A 5.29 जैन, शकुन्तला : कुन्दकुन्द और उनका जन्म स्थान, 5(4), 265-267
A 5.30
जैन, कान्ति : अतीत का ग्वालियर, 5 (4), 269-270
A 6.1
आर्य, सुरेन्द्र कुमार : श्रवणबेलगोला के जैन पुरातत्व का ऐतिहासिक विवेचन, 6 (1), 9-15
A 6.2 A 6.3 A6.4
जैन, अभयप्रकाश : श्रवणबेलगोला का पुरातत्व, 6 (1), 17-20 जैन, भागचन्द्र 'भागेन्दु' : गोम्मटेश्वर बाहुबली और गोमटेश थुदि : एक अनुशीलन, 6 (1), 21-25 जैन, प्रकाशचन्द्र : श्रवणबेलगोला , 6 (1), 27-32
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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A6.5
A 6.6 A 6.7 A6.8
जैन, नीलम : वर्तमान भौतिक युग में बाहुबली, 6 (1), 33-35 गुप्त, राधाचरण : मयूर कितने थे?, 6 (1), 37-40 जैन, कुन्दनलाल : मथुरा में 514 जैन स्तूपों के निर्माता श्री टोडर साहू, 6 (1), 41-50 जैन, नरेन्द्र : विश्व धर्म संसद में जैन धर्म, 6 (1), 51-54
A 6.9 Sharma, I.K.: Some Aspects of Jaina Asceticism and its Vestiges in South India,
6 (1), E3-10+4 Page Art paper A 6.10 Rao, M. Basava : An Interesting Image of a Jaina Tirthankara, 6 (1), E 11-12 + 2 Page
Art paper A 6.11 Nagarch, B.L. : Newly Discovered Jaina Sculptures from Pithanpur, 6 (1), E 13-16 +
4 Page Art paper A 6.12 ज्ञानमती (गणिनी - आर्यिका) : अनादि तीर्थ अयोध्या, 6(2), 81-82 A 6.13 जैन, (ब्र.) रवीन्द्रकुमार : महामस्तकाभिषेक की प्रासंगिकता एवं उपयोगिता, 6(2), 85-87
A6.14 जैन, नीलम : महामस्तकाभिषेक : एक विश्लेषण, 6 (2), 89.92 A 6.15 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : संस्कृति व मूर्ति कला, 6 (2), 93-95 A 6.16 जैन, लक्ष्मीचन्द्र : प्राकृत ग्रन्थों की कतिपय गणितीय अन्तर्वस्तुएँ तथा उनकी इतिहास, भाषा विज्ञान एवं
पुरालिपि विज्ञान में भूमिका, 6 (2), 97-101 A6.17 जैन, कपूरचन्द : 1991-93 में जैन विद्या शोध : एक विश्लेषण, 6(2), 103-112 A6.18 जैन, अभयप्रकाश : कन्नड जैनाचार्यों की संगीत सेवा, 6(2), 113-117 A 6.19 जैन, रत्नलाल : भगवती अहिंसा और विश्वशांति, 6 (2), 119-124 A 6.20 जैन, अनुपम : भगवान ऋषभदेव की परम्परा में विकसित गणित, 6(2), 125-130 A 6.21 Jain, Laxmi Chandra & Jain, Anupam : Mathematical Content of Certain Digambara
Jaina Texts, 6(2), 19-24 A 6.22 Shastri, T.V.G. : Gommatesvara of Sravanbelgola, 6(2), 25-31
A6.23 जैन, उदयचन्द : शाकाहार एवं पर्यावरण, 6 (3), 155-170 A 6.24 जैन, राजकुमार (आचार्य) : सात्विक हो आहार हमारा, 6 (3), 171-175 A 6.25 भट्टाचार्य, मधुलेखा: प्रदूषण एवं स्वास्थ्य, 6 (3), 177-180 A 6.26 जैन, ज्योति : 1991-93 में जैन विद्या शोध एवं पंजीकृत शोधार्थी : एक विश्लेषण, 6 (3), 181-190 A 6.27 Jain, Rajmal : Environment and Anekānta, 6(3), 39-43
A6.28 Jain, S.M. : Jainism and Environment Protection, 6 (3), 45-54
A6.29 जैन, कमलेशकुमार : पांडुलिपि : सम्पादन एवं सुरक्षा, 6 (4), 215-221
16
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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________________
A 6.30 सालगिया, सुशीला
आचार्य विद्यासागर - व्यक्तित्व एवं कृतित्व, 6(4), 223-233 A 6.31 मलैया, यशवंतकुमार 'गोलाहिवइ' और 'गोल्लदेशधिप' 6 (4), 235-239
A 6.32 Jain, A. P. Cosmos Energy Pyramids and Namokāra, 6 (4), 61-66 A 6.33 Bhattacharya, Samir K. Meditative Way to Peace, 6(4), 67-90
A 6.34 Lishk, Sajjan Singh Jaina Horary Astrology and Kevalajnanapraśnacūdamani.
6 (4), 91-94
A 7.1
जैन, कुन्दनलाल
A 7.2 जैन, अभयप्रकाश
A 7.3
जैन, रामजीत
गोपाचल ही गोल्लादेश है, 7(1). 21-24
A 7.4
Jain, Nandlal Branches and Subjects of Learnings in Jaina Canons, 7 (1) 75-84
A 7.5
Jain, Devendra : Jainism Past & Future, 7 (1) 85-87
A 7.6
Tiwari, Binod Kumar : Pārśva - The Twenty third Tirthankara, 7(1), 89-96 णमोकार महामंत्र एक सांगीतिक यात्रा 'ण' से 'णं' तक, 7 (2), 11-14
A 7.7
शर्मा, जयचन्द्र
A 7.8
जैन, कैलाशचन्द्र
नरेणा का प्राचीन वैभव, 7 (2), 15-18
A 7.9 माहेश्वरी, एच. बी. 'जैसल'
सोनागिरि तीर्थस्थल की प्राचीनता, 7(2), 19-22
A 7.10 जैन, रामजीत (एडवोकेट)
अनन्त ज्ञान का प्रतीक 'ओं ओउम् ऊँ' 7 (2), 23-26
A 7.11] उपाध्याय, शचीन्द्र एवं उपाध्याय, ऋचा शाजापुर की प्राचीन जैन गुहा (गुफा), 7(2), 27-28
महाकवि धवल से पूर्ववर्ती कुछ कवि और उनकी रचनाएँ 7 (1) 9-16
बरई की रंगशाला, 7(1), 17-20
(एडवोकेट)
-
A 7.12, Sundara, A.: Some Aspects of Jaina Art in Karnataka Architecture & Sculpture, 7 (2),
67-82
A 7.13 जैन, राजकुमार (आचार्य): श्रुत परम्परा में आयुर्वेद, 7(3), 7-15
A 7.14 राजपुरोहित, भगवतीलाल धार के शिलांकित प्राकृत काव्य, 7(3), 17-20
A 7.15 जैन, अभयप्रकाश
समवशरण स्थित भामण्डल में गत / आगत भवों का दिग्दर्शन, 7(3), 21-25
A 7.16 जैन, नीलम मानस्तम्भ संरचना की सार्थकता : एक विश्लेषण, 7 (3) 26-30 + 1 पृ आर्ट पेपर
A 7.17 Ganesan, T.: Jaina Temple Architecture under the Cholas A Care Study from South Arcot Distt., Tamilnadu, 7(3), 57-68
A 7.18 Kothari, Saroj: Impact of Religion upon Development of Moral Conncepts, 7 (3), 69-76 पौद्गलिक स्कन्धा का वैज्ञानिक विश्लेषण, 7 ( 4 ), 9-23 जैनागमों में श्रावक शिक्षा, 7(4), 25-33
A 7.19 जैन, अजितकुमार
A 7.20 जैन, कमलेशकुमार
A 7.21 जैन, शकुन्तला
प्राचीन काल में जैन कला एवं स्थापत्य, 7(4), 35-38
A 7.22 Ali, Ahmed : Jaina Art in Gwalior Region A Study 7 (4), 57-63
-
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
17
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________________
A 7.23 Jain, Surajmal: Symbiosis v/s Predation, 7 (4). 65-67
A 7.24 Jain, Suresh,
A 7.25 Shastri, T.V.G.
A 8.1
Save Planet Through Eco Jainism 7(4), 69-72 Jainism and the Spiritual Environment, 7(4), 73-75 कारण
अग्रवाल, पारसमल सिद्धान्त, 8 (1) 9-15
जैन, अनुपम एवं सिंघल, ममता
जैन, रमेशचन्द्र तीन लोक
जैन, रामजीत (एडवोकेट)
कार्य सिद्धान्त के परिप्रेक्ष्य में कर्म सिद्धान्त एवं भौतिक विज्ञान का क्वाण्टम
आचार्य श्रीधर एवं उनका गणितीय अवदान 8 (1) 17-24
F
आधुनिक दृष्टि में 811) 25-28
सोनागिरि नाम प्राचीन नहीं सिद्धक्षेत्र अति प्राचीन, 8(1), 29-34 Jaina Community - Past, Present & Future, 8 (1), 35-48 Melodic Perception of Music in Jaina Source, 8 (1), 49-51 गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती व्यक्तित्व एवं कृतित्व 8 (2), 11-16
पर्यावरण संरक्षण और जैनागम 8 (2) 17-24
भारतीय संस्कृति के सूत्रधार शिव स्वरूप ऋषभदेव, 8 (2), 25-30
A 8.2
A 8.3
A 8.4
A 8.5
Jain, Bhagchandra
A 8.6
Jain, A. P.
A8.7
जैन, अनुपम
A 8.8
जैन, पुष्पलता
A 8.9
बंसल, राजेन्द्रकुमार
A 8.10 मेहता, संगीता जैन वांगमय में पर्यावरण चेतना, 8(2). 31-38
:
A 8.11 Nandighosh, Vijay (Muni): Mathematical Form of Parmanu Units (Vargana) According to ācāránga Sutra, 8(2) 39-40
A 8.12 Jain, Laxmi Chandra & Jain, Anupam On the Three Types of Intervals between the Rectangular Lakes on the Nandisvara Island, 8 (2), 41-42
A 8.13 Jain, Sneh rani Tissue Culture Sammūrchana form of Life, 8 (2), 43-47
A 8.14 माहेश्वरी, एच. बी. 'जैसल' जैन धर्म ग्रन्थों का भारत के क्षेत्रीय इतिहास लेखन में योगदान, 8(2), 49-51
A 8.15 जैन, अशोक जैन मूर्तियों, शिल्पकला एवं प्राचीन ग्रंथों का जैविक क्षरण, 8 (3), 9-15
A8.16 पटेल, जया भारतीय अर्थतंत्र की रीढ गाय, 8 (3) 17-30
A 8.17 जैन, अशोक
मंत्र विद्या जैन दृष्टि, 8 (3), 33-36
A 8.18 डोणगांवकर, नेमचन्द : संघ भेद तथा श्रुतावतार 8 (3), 37-40
-
A 8.19 Jain, N.P. Jainism in the Contemporary World, 8 (3), 41-47
A 8.20 Jain, Snch Rani
A 8.21 मिश्र, प्रभुनारायण
A 8.22 जैन, अनिल कुमार
A 8.23 गेलडा, महावीर राज
A 8.24 जैन, आचार्य राजकुमार
18
The Five Balayatis and their Twenty Two Afflications, 8 (3), 49-52 मानव मन जैन दर्शन और मनोविज्ञान की दृष्टि में, 8 (4), 9-16 निमित्त तथा उसका वैज्ञानिक निरूपण, 8 (4) 17-28
:
,
विज्ञान और जैन आगम के सन्दर्भ में सूक्ष्म पदार्थ क्या है? 8 (4), 29-36 आयुर्वेद को जैनाचार्यो का योगदान, 8(4), 37-44
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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________________
A 8.25 जाधव, दिपक गोम्मटसार ( जीवकाण्ड) में संचय का विकास एवं विस्तार 8 (4) 45-51
A 8.26_Jain, Nandlal
Jaina Relativism ( Anekāntavāda) and Theory of Relativity, 8 (4), 53-66 डोंगरीय जैन दर्शन में अनेकान्त और स्याद्वाद, 9 (1), 7-16
A 9.1
जैन, माथूराम
:
49.2
कुमार, रज्जन
ध्यान : एक विश्लेषण, 9 (1), 17-27
A 9.3
डोणगांवकर, नेमचन्द : जम्बूदीवपण्णत्तिसंगहो के कर्ता पद्मनंदी कौन? 9 (1), 29-35 गोम्मटसार जीवकाण्ड में प्रतिपादित षट्लेश्या और पर्यावरण, 9(1), 37-42
A 9.4
जैन, आराधना
A 9.5
Kumar, Bhuvanendra, S.A.: Jainas and their Religion in America: A Social Survey, 9 (1), 43-53
A 9.6
Agrawal, Parasmal : The Existence of Soul & Modern Science, 9 (2), 9-24
A 9.7
जैन, अनिल कुमार विज्ञान के परिप्रेक्ष्य में सम्मूर्च्छन जन्म, 9 (2), 25-40
A 9.8
जैन, अशोक
जैनाचार्यों का वानस्पतिक ज्ञान, 9(2), 41-45
A9.9 जैन, नन्दलाल णमोकार मंत्र की साधकता एक तुलनात्मक विश्लेषण, 9 (2), 47-55
:
A 9.10 जैन, कमलेशकुमार जैन शास्त्रों में तन्त्र मन्त्रों के उल्लेख, 9(2) 57-62
:
A9.11 Jain, S.M.
9 (2), 63-73
A 9.12 झा, परमेश्वर
A 9.13 जाधव, दिपक
A 9.14 जैन, रत्नलाल
A 9.15 नांदगांवकर, राजकुमार
A 9.16 Serguie, Krivov Eco- Rationality and Jaina Karma Theory, 9(3), 53-68
A 9.17 जैन, ज्योति अमर जैन शहीद
श्री साबूलाल बैसाखिया, 9 (4), 9-11
A 9.18 जैन, बारेलाल एवं जैन, के. एल. : आचार्य विद्यासागर के काव्य में राष्ट्रीय एकता के स्वर 9 (4) 13-22
A 9.19 मंगलप्रज्ञा, समणी
A 9.20 जैन, शकुन्तला
A 9.21 Mishra, P.N.: A 9.22 Jain, Suresh
Kalpavrkṣas- The Benovolent Trees (Scientific Interpretation),
:
जैन गणित : कतिपय प्रमुख केन्द्र, 9 (3), 9-17
नेमिचन्द्राचार्य कृत संचय के विकास का युक्तियुक्तकरण, 9 (3) 19-34
जैन कर्म सिद्धान्त और मनोविज्ञान 9 (3). 35-45
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
पाषाण प्रतिमा क्षरण कारण मीमांसा, 9 (3), 47-52
-
सत्य व्याख्या का द्वार अनेकान्त, 9 (4), 23-26
मध्यकालीन जैन आयुर्वेदाचार्य पं. आशाधर, 9 (4) 27-29
-
Management of Anger: A Moment of Indian Wisdom, 9 (4), 31-34) The Strategy for Better Management of the Self, 9 (4), 35-38 Sarāka Tribal Folk Therapy, the Art of Healing, 9 (4), 39-46 पर्यावरण और जैन धर्म, 9 (4), 47-53
A 9.23 Jain, A. P.
A 9.24 जैन, अजित कुमार
A 9.25 शर्मा, गायत्री: आजादी के पचास वर्ष और भारतीय पशुधन (गोरक्षा एवं माँस निर्यात के विशेष सन्दर्भ में),
9 (4), 57-72
-
19
Page #22
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________________
A 10.1 कुमार, रज्जन : ऋषभ : एक वैश्विक व्यक्तित्व, 10 (1). 9.17 A10.2 जैन, शिवचरनलाल : श्रीमद्भागवत में ऋषभदेव, 10 (1), 19-24 A10.3 रस्तोगी, शैलेन्द्र कुमार : ऋषभदेव के दुर्लभ अभिलेखीय साक्ष्य, 10 (1), 25-28
A 10.4 बोबरा, सूरजमल : जैन इतिहास के सूत्र : नेमिनाथ तक, 10 (1), 29-47
A 10.5 Tiwari, Binod Kumar : Rsabhadev - The First Tirthankara, 10 (1), 49-52 A 10.6 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : भारत नाम ही गरिमा का है, 10 (1), 53-56 A 10.7 Mishra, P.N. & Pandit Shailendra : A Special Calendar, 10 (1), 75-77 A 10.8 जैन, अल्पना : कर्मयुग के प्रणेता तीर्थकर ऋषभदेव, 10 (2), 9-17 A 10.9 तिवारी, बिनोदकुमार : मौर्यकालीन बराबर की जैन गुफाएँ, 10 (2), 19-22 A10.10 दुबे, नागेश : सागर जिले के प्राचीन जैन केन्द्र, 10 (2). 23-35 A10.11 पाठक, नरेशकुमार : देवास एवं महेश्वर के संग्रहालयों में जैन मूर्तियाँ, 10 (2), 37-39
A10.12 जैन, अरविन्दकुमार : पावागिरि (ऊन) के जैन मन्दिर, 10 (2), 41-43 A10.13 मलैया, आशारानी एवं जैन, स्नेहरानी : नायनार और ऐलाचार्य, 10 (2), 45-46 A 10.14 जाधव, दिपक : नेमिचन्द्रचार्य कृत ग्रन्थों में अक्षर संख्याओं का प्रयोग, 10 (2), 47-59
A10.15 Gangwal, Manik Chand : Karmic Theory in Jain Philosophy, 10 (2), 61-63 A 10.16 Rajagopal, P. : Indian Mathematics and its Evolution, 10 (3), 9-26 A 10.17 Mishra, Ashok K. : Epistemology in the Jaina Aspect of Atomic Hypothesis, 10 (3), 29-34 A10.18 वसंतराज, एम.डी. : दिगम्बर जैन आगम के बारे में एक चिन्तन, 10 (3), 35-45 A 10.19 जाधव, दिपक एवं जैन, अनुपम : गोम्मटसार (जीवकाण्ड) में काल एवं उसका मापन, 10 (3), 47-54 A 10.20 जैन, जिनेश्वरदास : कर्म बन्धन का वैज्ञानिक विश्लेषण, 10 (3), 55-62 A 10.21 जैन, संदीप 'सरल' (ब्र.) : विलुप्त जैन आगम - एक विचारणीय प्रश्न, 10 (3), 63-65 A 10.22 बोबरा, सूरजमल : जैन इतिहास शोध : एक अनिवार्यता, 10 (3), 67-68
A 10.23 Serguei, Krivov : The Formal Semantic for Jaina Logic, 10 (4), 9-29
A10.24 नांदगांवकर. राजकमार : पर्यावरण विज्ञान के जनक भगवान ऋषभदेव, 10 (4). 31-34
A 10.25 जैन, अजित 'जलज' : तत्त्वार्थसूत्र में जीव विज्ञान की अवधारणाओं का निरूपण, 10 (4), 35-40 A10.26 जैन, कपूरचन्द : संविधान निर्माण में जैनों का योगदान, 10 (4), 41-47 A 10.27 दुबे, पुरुषोत्तम : श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा विरचित मेरी स्मृतियाँ - एक समीक्षा, 10 (4), 49-53 A 10.28 जैन, स्नेहरानी : भारत के महावीर पूर्वकालीन जैन गुफा मन्दिर, 10 (4), 55-62 A 10.29 जैन, अनुपम एवं जैन, श्वेता : शौरसेनी प्राकृत ग्रन्थों में निहित गणितीय सामग्री, 10 (4), 63-68
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________________
A 10.30 Ganesan, T. : Iconography of Jaina Images at Tirunarunkondai, South Arcot District,
10 (4), 69.72 A11.1 जैन, अशोककुमार : सराक क्षेत्र - प्राचीनतम जैन धर्मावलम्बियों का निवास स्थान, 11 (1), 9-15
A11.2 जैन, अभयप्रकाश : जैन संस्कृति की पोषक सराक प्रजाति, 11 (1), 17-20
A11.3 जैन, रामजीत (एडवोकेट): उत्कल के जैन वंशज - वर्तमान सराक, 11 (1), 21-28 A 11.4 कासलीवाल, कस्तूरचन्द : सराक जाति की विशेषताएँ, 11 (1), 29-30 A 11.5 जैन, अनुपम : सराक साहित्य - एक सर्वेक्षण, 11 (1), 31-35 A 11.6 गोबरा, सूरजमल : भद्रबाहु : जैन इतिहास का दीपस्तम्भ, 11 (1), 37-44 A11.7 जैन, नाथूलाल शास्त्री : तीर्थकर दिव्यध्वनि की भाषा, 11 (1), 45-48 A1 1.8 Jain, A. P. : Cultural Identity of The Jaina Influence on the Tribal Rituals of Korāpūta,
11 (1), 49-54 A 11.9 अमर, गोपीलाल आचार्य : जैन समाज में नारी की हैसियत, 11 (2), 9-18 A11.10 भट्ट, जयश्री सुनील : बौद्ध एवं मौर्य काल में पत्नी उत्पीडन, 11 (2), 19-24 A11.11 बोबरा, सूरजमल : जैन नीति पर आधारित राजनीति व अर्थशास्त्र के प्रणेता आचार्य चाणक्य, 11 (2), 25.31 A 11.12 कावडिया, गणेश : जैन आगम साहित्य में अर्थ चिंतन, 11 (27, 33-36 A11.13 जैन, पुरुषोत्तम एवं जैन, रवीन्द्र : प्राचीन पंजाब का जैन पुरातत्व, 11 (2), 37-44 All.14 चौरसिया, सुरेन्द्र कुमार : झाँसी के संग्रहालय में संग्रहीत जैन प्रतिमाएँ, 11 (2), 45-50 A11.15 जैन, गुलाबचन्द : तीर्थकर ऋषभदेव (आदिनाथ) और उनकी साधना स्थली विशाला (बद्रीनाथ), 11 (2), 51-57 A11.16 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : बलात् धर्म परिवर्तन के स्मारक - सराक, 11 (2), 59-61 A11.17 जैन, अनिलकुमार : क्लोनिंग तथा कर्म सिद्धान्त, 11 (3), 9-15 A11.18 जैन, अजित 'जलज' : जैन कर्म सिद्धान्त की जीव वैज्ञानिक परिकल्पना, 11 (3), 17-22 A11.19 जैन, कुमार अनेकान्त : कालद्रव्य : जैन दर्शन और विज्ञान, 11 (3), 23-32 A11.20 जैन, नन्दलाल : रसायन के क्षेत्र में जैनाचार्यों का योगदान, 11 (3), 33-42 A11.21 जैन, लालचन्द्र राकेश' : जैन भूगोल : वैज्ञानिक सन्दर्भ, 11 (3), 43-47
A11.22 शर्मा, जयचन्द्र : णमोकार महामंत्र - साधना के स्वर, 11 (3), 49-52
A11.23 Jadhav, Dipak : Exploration of Representation of Numbers in Nemicandrācārya's Works,
11 (3), 53-63 A11.24 बोबरा, सूरजमल : किंवदन्तियों के पार से झांकते सत्य, 11 (4), 9-18 A11.25 जाधव, दिपक : गोम्मटसार का नामकरण , 11 (4), 19-24
A11.26 खरे, लखनलाल : जैन संस्कृति का मोहन जोदडों - पारागढ, 11 (4), 25-28
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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________________
A11.27 छाबडा, गौरव क्या है प्राचीन उदयगिरि खंडगिरि गुफाओं का भविष्य 11 (4) 29-31
:
A11.28 डोणगांवकर, नेमचन्द्र : शक तथा सात वाहन सम्बन्ध 11 (4), 33-36
A11.29 जैन, उदयचन्द्र
अनेकान्त की दृष्टि और पर्यावरण की सृष्टि, 11 (4), 37-39
A11.30 बंसल, राजेन्द्रकुमार
:
प्रकृति पर्यावरण के सन्दर्भ में आहार का स्वरूप 11 (4), 41-43
A11.31 जैन, मालती जैन धर्म और पर्यावरण 11 (4) 45.48
A11.32 Jain, A. P. Gos ālā Movement in India - A Nonviolent Perspective for the Future,
11 (4), 49-60
A12.1 ज्ञानमती (गणिनी
आर्यिका ) : भगवान ऋषभदेव, 12 (1), 7-12 A12.2 मेहता, संगीता : जैन धर्म की प्राचीनता और ऋषभदेव, 12 (1), 13-16 A 12.3 जैन, सुधीर जैन धर्म पर डाक टिकटें 12 (1), : जैन धर्म पर डाक टिकटें 12 (1) 17.20 1 An paper
A 12.4 जैन, स्नेहरानी
A 12.5 जैन, दयाचन्द
ऋग्वेद मूलतः श्रमण ऋषभदेव प्रभावित कृति है, 12 (1), 21-28 महामंत्र णमोकार एक तात्विक एवं वैज्ञानिक विवेचन, 12 (1), 29-38 हिन्दू और जैन आर्थिक चिन्तन : वर्तमान परिप्रेक्ष्य में, 12 (1), 39-42 जैन गणित के उद्धारक डॉ. हीरालाल जैन, 12 (1), 43-46
A 12.6 जैन, उदय
A 12.7 जैन, अनुपम
A128 जैन, हेमन्त कुमार
:
अन्य ग्रहों पर जीवन 12 (1) 47-51
·
A129 मेहता, संगीता जैनधर्मे आचारदृष्टि 12 (1) 53-60
A12.10 Nandighosh, Vijay Adamit Colour: The Wonderful Charecterstic of Sound, 12 (1), 61-66 A12.11 Jain, Anupam Indian Contribution to Mathematics with Special Reference to Misplaced Credits of Jainācāryas, 12 (1), 67-74
A12.12 चन्दनामती (आर्यिका ) : संस्कृत साहित्य के विकास में गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी का योगदान,
22
:
12 (2), 9-30
A12.13 पाटनी, उषा ऋषभ निर्वाण भूमि अष्टापद 12 (2) 31-35
A12.14 कनकनंदी (आचार्य - मुनि) A12.15 जाधव, दिपक शंकराचार्य A12.16 शर्मा, जयचन्द्र A12.17 जैन, रामजीत 12.18 जैन, गुलाबचन्द A12.19 जैन, जिनेन्द्रकुमार जैन साहित्य और पर्यावरण, 12 (2), 57-62 A12.20 जैन, सनतकुमार जैन आगम में पर्यावरण विज्ञान, 12 (2), 63-65
:
ज्ञान विज्ञान का आविष्कारक भारत, 12 (2), 37-40 व्यक्तित्व एवं गणितीय कृतित्व, 12 (2), 41-44
·
णमोकार मंत्र की जाप संख्या और पंचतंत्री वीणा 12 (2), 45-48 (एडवोकेट) क्या डूंगरसिंह जैन धर्मानुयायी था? 12 (2), 49-51 विदिशा का कल्पवृक्ष अंकित स्तम्भ शीर्ष 12 (2), 53.55
:
अहंत् वचन, 15 (1-2), 2003
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A12.21 जैन, शकुन्तला : जैन आयुर्वेद : एक परिचय, 12 (3), 9-27
A12.22 चौधरी, सरोज : प्रमुख जैन पुराणों में प्रतिपादित राजा के गुण-दोष, 12 (3), 29-34
A12.23 Sundara,A. : The Early Kadambas and Jainism in Karnataka, 12 (3), 35-46 A12.24 Jain, Nandlal : Rightful Exposition of Jainism in the West, 12 (3), 47-54
A12.25 Nandighosh, Vijay (Muni): Jainistic & Scientific Analysis of Extrasensory Perceptions
of Shri Ashok Dutt, 12 (3), 55-63
A12.26 अग्रवाल, पारसमल : जैनागम में प्राणायाम एवं ध्यान, 12 (3), 65-66
A12.27 जैन, रमेश : हडप्पा की मोहरों पर जैन पुराण और आचरण के सन्दर्भ, 12 (4), 9.16
A12.28 जैन, महेन्द्रकुमार ‘मनुज' : राजगढ की सोनभद्र गुफा एवं उसका पुरातत्व, 12 (4), 17-26 A12.29 जैन, स्नेहरानी : आधुनिक विज्ञान वर्गणाएँ तथा निगोद, 12 (4), 27-47 A12.30 Ganesan, T. : Jaina Paintings in Tamilnadu, 12 (4), 49.59 A12.31 Jadhav, Dipak : On the Quadrature of a Circular Annulus, 12 (4), 61-66 A12.32 अग्रवाल, पारसमल : जैनागम, आधुनिक विज्ञान एवं हमारे दैनन्दिन जीवन में ध्यान, 12 (4), 67-74
A13.1 A13.2
Tiwari, Binod Kumar : Rsabhadeva - The First Jaina Tirthankara, 13 (1), 9-11 Jain, Satish Kumar : Jainism Abroad, 13 (1), 13-26
A13.3 Kumar, BhuvanendraS.A. : Partnership for Jaina Education Promotion, 13 (1), 27-32 A13.4 Jain, Rajmal : The Solar System in Jainism and Modern Astronomy, 13 (1), 33-42 A13.5 मालव, रवीन्द्र : विश्व धर्म संसद में गूंजा वह स्वर सारे भारत का था, 13 (1), 43-47 A13.6 बोथरा, सुरेन्द्र : जैन वास्तव में धार्मिक अल्पसंख्यक ही हैं, 13 (1), 49-54 A13.7 जैन, अजित 'जलज' : जैन विद्या और वनस्पति विज्ञान : सैद्धान्तिक समानताएँ एवं संभावनाएँ, 13 (10,55-59
A13.8 जैन, निहालचन्द : शाकाहार एवं पर्यावरण संरक्षण, 13 (1). 61-69 A13.9 जैन, अभयप्रकाश : आचार्य ज्ञानसागर कृत वीरोदय महाकाव्य का संगीत पक्ष, 13 (1), 71-76 A13.10 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : अरिहंत, अर्ह , अरहंत, 13 (1).77-79 A13.11 जैन, प्रकाशचन्द्र : जैन कवि लाखू, 13 (1), 81-84 A13.12 जैन, महेन्द्रकुमार मनुज' : षट्पाहुड की पद्यानुवाद युक्त अप्रकाशित पांडुलिपि, 13 (1), 85-87 A13.13 जैन, विमला : जैन वांग मय में श्री सम्मेदशिखरजी, 13 (1), 89-92 A13.14 चन्दनामती (आर्यिका) : भगवान महावीर जन्मभूमि - कुण्डलपुर, 13 (2), 9-16 A13.15 जैन, रश्मि : तीर्थंकर महावीर पर आधारित प्रबन्ध काव्य, 13 (2), 17-26 A13.16 जैन, रमाकान्त : बौद्ध साहित्य के निगण्ठ नातपुत्त - तीर्थकर महावीर, 13 (2), 27-28
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A13.17 मेहता, संगीता : वर्धमान चरितम्, वर्धमानस्वामिचरित्तम्, 13 (2), 29-34 A13.18 बंसल, राजेन्द्रकुमार : भगवान शिव एवं विष्णु के अवतार, 13 (2). 35-38 A13.19 जैन, जयकुमार : नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती और द्रव्यसंग्रहकार मुनि नेमिचन्द्र की भिन्नता, 13 (2), 39-44 A13.20 जैन, अनिलकुमार : क्या औरंगजेब की नीतियाँ हिन्दू विरोधी थीं?, 13 (2), 45-49 A13.21 जैन, जया : रइघू रचित पोथी चित्र में जैन चित्रकला?, 13 (2). 51-56 A13.22 Kunar, Bhuvnendra S.A. : Searching for Jaina Identity in NorthAmerica, 13 (2), 57-62 A13.23 Jain, Narendra P : Conflict Resolution Through Non-Violence in Action - The Jaina
Approach, 13 (2), 63-69 A13.24 Malaiya, Yashvant K. : Kundalpur's Past Three Centuries, 13 (3-4), 5-13 A13.25 महाप्रज्ञ (आचार्य) : मांसाहार : एक समीक्षा, 13 (3-4), 15-18
A13.26 जैन, राजकुमार आचार्य : द्वादशांग श्रुत और उसकी परम्परा, 13 (3-4), 19-24
A13.27 बोबरा, सूरजमल : आगमिक सन्दर्भो के शिल्पी : वैज्ञानिक इतिहासकार - यतिवृषभ, 13 (3-4), 25-40
A13.28 मेहता, मुकुलराज : जैन दर्शन में आस्रव तत्व का स्वरूप, 13 (3-4), 41-47
A13.29 जैन, कमल : वास्तुकला और पाषाण प्रतिमाएँ, 13 (3-4), 49-54
A13.30 जैन, रश्मि : तीर्थकर महावीर : एक जीवन शैली,13 (3-4), 55-58 A13.31 जैन, प्रकाशचन्द्र : डॉ. नेपीचन्द जैन सन्दर्भ साहित्य : एक दृष्टि, 13 (3-4), 59.62 A13.32 मधुबाला (साध्वी) : सम्पइजिणचरिऊ में महावीर, 13 (3-4), 63-66 A14.1 Gupta, R.C. : Area of Bow-Figure in Jaina Mathematics, 14 (1), 9-15 A14.2 Jain, Anupam : Mathematics in Mahāvira's Tradition, 14 (1), 17-29
A14.3
Jadhav, Dipak and Padmavathamma : The Mensuration of a Conch in Ancient India, , 14 (1), 31-54
A14.4 Jain, Nandlal : Mathematical Formulary of Jainistic Precepts, 14 (1), 55-60 A14.5 गुप्त, राधाचरण : जैन गणित पर आधारित नारायण पंडित के कुछ सूत्र, 14 (1), 61-70 A14.6 जैन, अभयप्रकाश : जैन साहित्य में ध्वनि/शब्द विज्ञान, 14 (1), 71-74 A14.7 जैन, प्रभा (ब्र.) एवं जैन, लक्ष्मीचन्द्र : आधुनिकतम मस्तिष्क संबंधी खोजें - जैन कर्म सिद्धान्त के परिप्रेक्ष्य में,
14 (1), 75-86 A14.8 जैन, अनुपम, अग्रवाल (सिंघल) ममता एवं तिलवनकर, प्रशान्त : आचार्य श्रीधर और उनका गणितीय
अवदान, 14 (2-3), 15-30 A14.9 जैन, उदयचन्द्र : गणनकृति : स्वरूप एवं विवेचन, 14 (2-3), 31-33 A14.10 मंगलप्रज्ञा (समणी) : जैन दर्शन मान्य काल-द्रव्य, 14 (2-3), 35-39
24
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________________
14.11 जैन, स्नेहरानी
काल विषयक दृष्टिकोण, 14 (2-3), 41-50
A14.12 जैन, अनुपम
बीसवीं सदी में जैन गणित के अध्ययन की प्रगति, 14 (2-3), 51-68
A14.13 Dongaonkar, Ujjwala N., Karade, T.M. & Jain, L.C. A Brief Review of the Literature of Jaina Karmic Theory, 14 (2-3), 69-77
:
A14.14 Jain, Pragati & Jain, Anupam Acarya Virasena and his Mathematial Contribution,
:
14 (2-3), 79-90
A14.15 Surana, Dilip KD Theory of Time & Consciousness, 14 (2-3), 91-97 Environment Life Ethics and Jain Religion. 14 (4), 9-14
A14.16 Jain, N.P. A14.17 कोठारी, सरोज
आतंकवाद का मनोविज्ञान एवं अहिंसा के सिद्धान्त की प्रासंगिकता, 14 (4) 15-24 : अहिंसा की वैज्ञानिक आवश्यकता और उन्नति के उपाय 14 (4), 25.31
कीट हत्या: कारण, प्रभाव तथा बचाव
14 (4) 31-35
14. 18 जैन, अजित 'जलज' A14.19 जैन, अजित 'जलज' A14.20 जैन, रामजीत (एडवोकेट) A14.21 तिवारी, बिनोदकुमार 14.22 प्रसाद, जगदीश मांसाहार और आधुनिक विज्ञान 14 (4), 45-47
: अहिंसा इतिहास के आलोक में, 14 (4), 37-40
:
जैन संस्कृति और पर्यावरण, 14 (4),
41-43
:
A14.23 Kumar, Bhuvanendra S.A. The Jaina Hagiography and the Satkhandagama,
14 (4), 49-60 A14.24 जैन, गुलाब चन्द A14.25 जैन, गुलाब चन्द A14.26 जैन, अभयप्रकाश : A14.27 जैन, रामजीत (एडवोकेट) 14.28 जैन, जिनेश्वरदास जैन परम्परा से जुडी माया सभ्यता, 14 (4) 81-84
अर्हतु वचन 15 (1-2). 2003
·
1
षट्खंडागम और धवला, जयधवला, महाधवला आदि उसकी टीकाएँ, 14 (4), 61-68 बडोह पठारी के प्राचीन जिनालयों का जैन सांस्कृतिक धरातल 14 (4), 69.72 सराक लोक कला की सांस्कृतिक धरोहर, 14 (4), 73-76
·
जैन दर्शन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, 14 (4) 77-80
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आचार्य कुन्दकुन्द द्विसहस्राब्दि महोत्सव वर्ष के सन्दर्भ में 1987 में स्थापित कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ ने एक महत्वपूर्ण प्रकल्प के रूप में भारतीय विद्याओं, विशेषत: जैन विद्याओं, के अध्येताओं की सुविधा हेतु देश के मध्य में अवस्थित इन्दौर नगर में एक सर्वागपूर्ण सन्दर्भ ग्रन्थालय की स्थापना का निश्चय किया ।
हमारी योजना है कि आधुनिक रीति से दाशमिक पद्धति से वर्गीकृत किये गये इस पुस्तकालय में जैन विद्या के किसी भी क्षेत्र में कार्य करने वाले अध्येताओं को सभी सम्बद्ध ग्रन्थ / शोध पत्र एक ही स्थल पर उपलब्ध हो जायें। हम यहाँ जैन विद्याओं से सम्बद्ध विभिन्न विषयों पर होने वाले शोध के सन्दर्भ में समस्त सूचनाएँ अद्यतन उपलब्ध कराना चाहते हैं। इससे जैन विद्याओं के शोध में रूचि रखने वालों को प्रथम चरण में ही हतोत्साहित होने एवं पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा।
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर का प्रकल्प सन्दर्भ ग्रन्थालय
केवल इतना ही नहीं, हमारी योजना दुर्लभ पांडुलिपियों की खोज, मूल अथवा उसकी छाया प्रतियों / माइक्रो फिल्मों के संकलन की भी है। इन विचारों को मूर्तरूप देने हेतु दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम, 584, महात्मा गांधी मार्ग, इन्दौर पर नवीन पुस्तकालय भवन का निर्माण किया गया है। 31 दिसम्बर 2002 तक पुस्तकालय में 9750 महत्वपूर्ण ग्रन्थ एवं 1167 पांडुलिपियों का संकलन हो चुका है। जिसमें अनेक दुर्लभ ग्रन्थों की फोटो प्रतियाँ भी सम्मिलित हैं। अब उपलब्ध पुस्तकों की समस्त जानकारी कम्प्यूटर पर भी उपलब्ध है। फलतः किसी भी पुस्तक को क्षण मात्र में ही प्राप्त किया जा सकता है। हमारे पुस्तकालय में लगभग 350 पत्र पत्रिकाएँ भी नियमित रूप से आती हैं, जो अन्यत्र दुर्लभ है।
:
संस्थाओं से लेखकों से :
आपसे अनुरोध है कि
1.
2.
26
-
अध्यक्ष
अपनी संस्था के प्रकाशनों की 11 प्रति पुस्तकालय को प्रेषित करें। अपनी कृतियों (पुस्तकों / लेखों) की सूची प्रेषित करें, जिससे उनको पुस्तकालय में उपलब्ध किया जा सके।
दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम परिसर में ही अमर ग्रन्थालय के अन्तर्गत पुस्तक विक्रय केन्द्र की स्थापना की गई है। सन्दर्भ ग्रन्थालय में प्राप्त होने वाली कृतियों का प्रकाशकों के अनुरोध पर बिक्री केन्द्र पर बिक्री की जाने वाली पुस्तकों की नमूना प्रति के रूप में उपयोग किया जा सकेगा। आवश्यकतानुसार नमूना प्रति के आधार पर अधिक प्रतियों के आर्डर दिये जायेंगे।
3. जैन विद्या के क्षेत्र में होने वाली नवीनतम शोधों की सूचनाएँ प्रेषित
करें ।
प्रकाशित जैन साहित्य के सूचीकरण की परियोजना भी यहीं संचालित होने के कारण पाठकों को बहुत सी सूचनाएँ यहाँ सहज उपलब्ध हैं।
देवकुमारसिंह कासलीवाल
01.01.03
डॉ. अनुपम जैन मानद सचिव
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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अर्हत् वचन वर्ष - 1 (1988 - 89) से वर्ष 14 (2002) में प्रकाशित
टिप्पणियों की वर्षानुसार सूची (151)
कोड लेखक का नाम / टिप्पणी का शीर्षक एवं प्रकाशन विवरण N 1.1 जैन, अनुपम : जैन गणित पर एक और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की उपादेयता, 1(2), 65-67 N1.2 जैन, अनुपम : तेजसिंह एवं इष्टांक पंचविंशतिका, 1(2), 68 +2 पृ. आर्ट पेपर N 1.3 Jain, Anupam : A New Book of Al - Birūni, 1(2), 69-70 N1.4 वैद्य, सिद्धार्थश्याम : अर्हत् वचन एक युगान्तरकारी शोध प्रकाशन (पत्र में लेख), 1 (3), 87-88 N1.5 शुक्ल, राममोहन : प्राच्य विद्याओं का अध्ययन - एक अनिवार्य आवश्यकता (पत्र में लेख), 1(3), 89.91 N 1.6 Pisapati, R.K. : Dhärāshiva Caves Excavated by Trikutakās, 1(3-4). 59 N1.7 Shastri, T.V.G. : Proposed Emblem of Kundakunda Jnanapitha, 1 (3-4), 60 N 1.8 Shastri, T.V.G. : The Date of Kundakundācārya, 1(3-4), 61-62 N2.1 शुक्ल, राममोहन : टीले में छिपा इतिहास, 2 (2), 69-70 N2.2 जैन, अनुपम : वचन कोश के गणितीय अंश, 2 (2), 71-74 N2.3 मिलिन्द, निर्मल : छोटा नागपुर एवं संथाल परगना के जैन पुरावशेष, 2 (2), 75-76 N2.4 कनकनंदी (उपाध्याय - मुनि) : स्वास्थ्य विज्ञान, 2 (3), 63-64 N2.5 Shastri, T.V.G. : Ugrāditya - A Jaina Vaidyācārya of Trikalinga, 2(3), 65-66 N 2.6 Jain, Laxmi Chandra : Origination and Charecterstic of Jaina Mathematics ( A Comment),
2 (4), 73-75 N3.1 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : कडवप्पु - कलवप्पु, 3 (1), 47-49 N3.2 जैन, ऋषभचन्द 'फौजदार' : नियमसार का विशिष्ट संस्करण, 3 (2), 59-60 N3.3 चौधरी, कैलाशचन्द्र : धर्मस्थल एवं बावनगजाजी, 3 (2), 65-67 N3.4 कासलीवाल, रमेश : उत्सवों के उत्साह का उचित उपयोग अनिवार्य, 3(2), 67-68 N3.5 जैन, सुमन : जैन महिला जागरण में विशाल महोत्सवों की भूमिका, 3 (2), 69-70 N 3.8 Shastri, T.V.G. : Umāsvāmi - A Saint of Kundakunda Lincage, 3(3), 75-76 N4.1 जैन, उषा : 17 वीं शताब्दी के महान कवि - कविवर बुलाकीदास, 4 (1), 71-72
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N 4.2
N 4.3
जैन, सुनीता
N 4.4
जैन, महेन्द्रकुमार 'मनुज'
N 4.5
मेश्राम, प्रदीप शालिग्राम
N4.6 जैन, ओ. पी. तमस्काय (ब्लेक होल) 414). 57-58
N4.7
जैन, अभयप्रकाश
प्राचीन नगरी पवाया (पदमावती) 4 (4), 59-60
N 4.8
Shastri, T.V.G. Paumacariam The Jaina Version of Ramayana, 4(4), 61-62
N5.1
सिंह, लाल बहादुर
पनिहार जिला ग्वालियर से प्राप्त जैन मूतियों का विशाल भंडार, 5 (1), 53
N 5.2 जैन, अभयप्रकाश
भगवान पार्श्व के 108 सिद्धस्थान, 5 (1), 54
N 5.3 जैन, सुनीता
मालवा में प्राचीन शास्त्रों की खोज, 5(1), 55-57
N5.4
Evidence of Early Jaina Monuments and Their Charecterstic Features,
जैन, स्नेहरानी : सल्लेखना इतनी सहज नहीं, 4 (1), 73-74
प्रवचनसार का विशिष्ट संस्करण प्रस्तावित,
Shastri, T.V.G.
5 (1), 59
N.5.5 जैन, अभयप्रकाश
N 5.6
N 5.7
28
जैन, शकुन्तला ग्वालियर में भट्टारक पीठ, 5 (2), 117 118
मुन्या, बद्रीलाल प्रभूलाल विनाश के कगार पर घसोई की पुरातत्व सम्पदा, 5 (3) 195-196
N6.1
जैन, तृप्ति सदी का अन्तिम मस्तकाभिषेक, 6 (1), 55-56
:
N 6.2 जैन, अभय
प्राचीन जैन मूर्तियों का खजाना, 6 (1), 57
N 6.3
जैन, आदित्य
एक विस्मृत तीर्थ कन्नौज, 6 (1), 58
N 6.4
शेट्टर ष
दैवी कद का अन्दाजा (विवरण), 6(1), 63
N 6.5 जैन, महेन्द्र राजा जैन सन्दर्भ पुस्तकालय, 6(2), 131-133 N6.6 जोशी, मंजूरानी जैन संस्कृति की महत्ता 6 (2) 135-136 N6.7 जैन, सुशीलकुमार 'पुष्प' धर्म का मर्म 6 (2) 137 N6.8 जैन, उदय जैन धर्म और पर्यावरण, 6 (3) 191-192
N6.9 जैन, निर्मल पर्यावरण और धर्म, 6(3), 193-194
N6.10 जैन, सुशीलकुमार 'पुष्प' उपवास एक विश्लेषण 6 (3). 195
N6.11 Lishk, Sajjan Singh : Jaina Karma Theory & Psychology, 6 (3), 55-56
N 6.12 जैन, अभयप्रकाश सोनागिरि में जैन विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु शिलान्यास, 6 (4), 241
4 (2-3). 127-128
आचार्य कुन्दकुन्द के प्राकृत पाहुडों की खोज, 4 (2-3), 129-130
रेल की जैन प्रतिमा 4(4), 55-56
चन्द्रप्रभु मन्दिर या मोहम्मद गौस का मकबरा, 5 (2) 115
:
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जैन, ओ. पी. : नक्षत्र भोजन, 6 (4), 242
N6.13 N7.1
जैन, मीरा : जैन चित्रकला की दशा - दिशा और समाधान, 7(1). 25-26
N7.2
बजाज, मदन मोहन : भुरता देश की दर्दनाक दास्तान - 4000 ई. का भारत, 7(1), 27-28
N7.3
जैन, लक्ष्मीचन्द्र : चरखे का टूटे ना तार (पंडित परम्परा का आर्थिक पक्ष), 7 (1), 29
N 7.4
. : The Return of the pair of Mythical Acquatic Creaters (Makaras) to Sahu Shanti Prasad Jain Kala Sangrahalaya of Khajuraho, 7(1), 97.98
N7.5
N7.6 N7.7 N7.8 N7.9
आर्य, सुरेन्द्रकुमार : गुजरात में जैन पुरा सम्पदा की नवीनतम् उपलब्धि एवं उसका ऐतिहासिक महत्व. 7(2), 29-31 जैन, राजकुमार : 21 वीं शताब्दी में जैन धर्म, 7(3), 31-34 जैन, अभयप्रकाश : क्या तानसेन - बैजू का मुकाबला हुआ था?, 7(3), 35-37 जैन, मनोजकुमार निर्लिप्त' : ग्रहस्थों - श्रावकों द्वारा दान व्रतों से भी अधिक महत्वपूर्ण, 7(4), 39-42 जैन, कस्तूरचन्द 'सुमन' : सोनागिरि तीर्थस्थल की प्राचीनता, 7(4), 43-45
N 7.10 Lal, Jawahar, G. : Did the Sātvāhanas Patronise Jainism,
7(4), 77-78
N7.11 जैन, प्रकाशचन्द्र : अमर ग्रन्थालय - एक परिचय, 8 (1), 52 N8.1 माहेश्वरी, एच.बी. 'जैसल' : छतरपुर के जैन मन्दिरों में विद्यमान भित्तिचित्र, 8 (1), 53-54
N8.2 N8.3 N8.4
Shastri, T.V.G. : Samantabhadra - The Greatest Exponent of Syādavāda. 8(1), 55-56 अतुल (ब्र.) : हमारे पूर्वज - सराक, 8 (2), 57-60
जैन, नीलम : सराक क्षेत्र में विकीर्ण जैन पुरातत्व, 8 (2), 61-64
N8.5
जैन, स्नेहरानी : तत्वार्थ सूत्र - आधुनिक परिप्रेक्ष्य में, 8 (2), 65-67
N8.6 जैन, उमेशचन्द्र : नेपाल में जैनधर्म, 8(2), 68 N8.7 जैन, संदीप सरल' (अ.) : बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अनदेखी पांडुलिपियाँ, 8 (3), 53-55 N8.8 जैन, सुदीप : भारत भारती : प्राकृत भाषा, 8 (3), 57-58 N8.9 जैन, अभयप्रकाश : गोपाचल दुर्ग का जैन विद्यापीठ एवं जैन मन्दिर पुरावशेष, 8 (3), 59-61 N8.10 जैन, अशोक सहजानन्द' : ज्योतिष के दर्पण में आपका घर, 8 (4), 67-68
N8.11 जैन, अभयप्रकाश : जम्बूद्वीप और पृथ्वी की स्थिरता के तथ्य, 8 (4), 69.70
N8.12 सराफ, संजीव एवं पाण्डे, प्रभात : दशमलव वर्गीकरण पद्धति के जैन पुस्तकालयों में अनुप्रयोग, 8 (4), 71-72
N8.13 N9.1
जैन, सूरजमल : मंत्र विद्या की जैन मान्यता संदिग्ध , 8 (4), 79 जैन, सुरेन्द्रकुमार : भगवान पार्श्वनाथ का समवशरण स्थल - नैनागिरि, 9(1), 55-56
29
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N9.2 N9.3
जैन, हेमन्तकुमार : जम्बूद्वीप और पृथ्वी की स्थिरता, 9 (1), 57-58 गोयल, निर्मलकुमार : हमार देश का नाम भारत अथवा इण्डिया, 9(2), 75-76
N9.4
अग्रवाल, पारसमल : अध्यात्म एवं विज्ञान से संबन्धित कुछ शोध बिन्दु, 9 (2), 77-79
N9.5
जैन, स्नेहरानी : गणितीय छन्द ग्रन्थ - षट्खंडागम, 9(2), 81-82
N9.6
जैन, अभयप्रकाश : अनहद बाजे नोम तोम, 9(2), 83-35
N9.7
जैन, हृदयराज : भगवान ऋषभदेव का लांछन बैल नहीं वृषभ, 9(2), 87-89
N9.8
जैन, हेमन्तकुमार : सिरि भूवलय की प्राप्ति - कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की एक उपलब्धि, ५(3), 69-72
N9.9
खरे, लखनलाल : वर्षों से पत्थरों की मार झेलती एक जैन प्रतिमा, 9(3), 73-74
N9.10 माहेश्वरी, एच.बी. 'जैसल' : चंबल अंचल का प्राचीन अतिशय क्षेत्र - सिंहोनिया, 9(3), 75
N9.11 पाटनी, मन्मथ : भक्ष्य - अभक्ष्य, 9(3), 77-78 N9.12 जैन, निर्मलकुमार (सेठी) : धर्मायतनों की रक्षा जरूरी, 9 (3), 79-80 N9.13 पाटनी, मन्मथ : बिदल क्या है?, 9 (4), 54 N9.14 पाठक, नरेशकुमार : केन्द्रीय संग्रहालय इन्दौर में सुरक्षित परमार कालीन जैन श्रुत देवी की कांस्य प्रतिमा,
9 (4), 55-56 N 10.1 जैन, अनिलकुमार : इस ओर भी ध्यान दें, 10 (1), 57-58 N 10.2 अग्रवाल, भंवरलाल : द्विदल (बिदल) का आगमानुसार कथन (पाक्षिक श्रावकाचार), 10 (1), 59-60 N10.3 पाठक, नरेशकुमार : खेराई एत्तं झाबुआ की जैन प्रतिमाएँ, 10 (1), 61-62 N10.4 जैन, निहालचन्द : महामंत्र णमोकार - एक वैज्ञानिक पृष्ठभूमि, 10 (1), 63-65 N10.5 अग्रवाल, भंवरलाल : वर्तमान में हमारी आवश्यकता, 10 (1), 66 N10.6 अग्रवाल, अशोक : भारतीय विद्याओं के अध्ययन का विशिष्ट केन्द्र - कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, 10 (1), 67-69
N10.7 बहुगुणा, सुन्दरलाल : शाकाहार के लिये वृक्ष खेती, 10 (1), 70 N 10.8 जोशी, राजकुमार : ऋषभ निर्वाण भूमि - अष्टापद कैलाश, 10 (1), 71-74 N10.9 शर्मा, जयचन्द्र : णमोकार महामत्र में लय शक्ति, 10 (2), 65-66 N10.10 पाठक, नरेशकुमार : खौर का प्राचीन जैन मन्दिर, 10 (2), 67-68 N10.11 जैन, अभयप्रकाश : पभोषागिरि की शैलकला सम्पूर्ण मानवता की विरासत, 10 (2), 69-70
N10.12 माहेश्वरी, एच.बी. जैसल' : जैन दर्शन के मर्मज्ञ डॉ. जगदीशचन्द्र जैन के सम्मान में डाक टिकट, 10 (2), 71-72
N10.13 जैन, सुरेश : अध्यात्म का वैज्ञानिकीकरण एवं विज्ञान का आध्यात्मीकरण, 10 (2), 73-74 N10.14 खरे, लखनलाल : कब तक अपमानित होंगी जैन प्रतिमाएँ, 10 (3), 69-70 30
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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N10.15 जैन, कुन्दनलाल : क्या अर्हन्तों की प्रतिमा सुखासन या अर्द्धपद्मासन में प्राप्त है?, 10 (3), 71
N10.16 खरे, लखनलाल : देवगढ की ज्ञानशिला कहाँ गई?, 10 (3), 72
N10.17 जैन, शिवचरनलाल : कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ अग्र विभूषित अर्हत् वचन, 10 (3), 73-74
N10.18 जैन, महेन्द्र राजा : कुछ विचारणीय प्रश्न, 10 (3), 75-77
N10.19 शर्मा, जयचन्द : संगीत साधकों के एक इष्ट - ऋषभदेव, 10 (4), 73-74
N10.20 Jain,A.P. : The Jain Rockart Paintings Heritage of Hathphore Caves at Ambikapur (M.P.),
10 (4), 75-76 N11.1 पाठक, नरेशकुमार : नेमिनाथ जैन मन्दिर कडौदकला, 11 (2), 63
N11.2 Jain, A.P. : Omniscience & Jainism, 11 (2), 64
N11.3 Jain,A.P. : Are all Tribals Hindu Jain, 11 (2), 65-66
N11.4 जैन, आदित्य : भगवान ऋषभदेव की निर्वाण स्थली, 11 (2), 67-70 N11.5 ब्र. अतुल : सराक सर्वेक्षण - कतिपय तथ्य, 11 (2), 77-78
N11.6 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : इन्दौर की देन - महात्मा गांधी लेन, 11 (2), 79
N11.7 Jain,A. P. : What Dreams Talk About, 11 (3), 64 N 11.8 Jain, A. P. : Jaina References Not Included in Khajuraho Festival, 11 (4), 65 N11.9 पाठक, नरेशकुमार : केन्द्रीय संग्रहालय इन्दौर में सुरक्षित तीर्थकर पार्श्वनाथ की धातु प्रतिमा, 11 (4), 66
N11.10 जैन, सुरेश 'मारोरा' : तीर्थ क्षेत्र, विद्यालय आदि में लगाने योग्य पौधे, 11 (4), 67-68
N12.1 जैन, अभयप्रकाश : उडीसा के सराक चक्रवाती विभीषिका के शिकार, 12 (1), 77-78
N12.2 जैन, अनिलकुमार : कुछ विचारणीय बिन्दु, 12 (1). 79-800 N12.3 जैन, अनिलकुमार : आचार्य जिनदत्त सूरि, 12 (1). 81 N12.4 जैन, सुल्तानसिंह : निगोदिया जीव, 12 (1), 82 N 12.5 बाजपेयी, अटलबिहारी : भारत के प्रधानमंत्री श्री अटलबिहारीजी का राष्ट्र के नाम संदेश, 12 (1), 91-92 N12.6 कोठिया, विवेककुमार : आकाश द्रव्य - एक उर्जीय रूप, 12 (2), 67-68 N12.7 पाठक, नरेशकुमार : महाराजा छत्रसाल संग्रहालय, थुबेला जिला छतरपुर में सुरक्षित मऊ-सहानिया की
ऋषभनाथ प्रतिमाएँ, 12 (2), 69-70
N12.8 पाठक, नरेशकुमार : ऊण्डेल की सुपार्श्वनाथ की परमारकालीन प्रतिमा, 12 (2), 71
N12.9 ---
: अल्पसंख्यक क्यों नहीं घोषित करते?, 12 (2), 72 N12.10 जैन, शिवकुमार : अर्द्धपद्मासन प्रतिमाएँ, 12 (2), 73-74
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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________________
N 12.11 नांदगांवकर, आर. आर. जैन धर्म और विज्ञान,
12 (3), 67-68
N 12.12 जोशी, राजेश : विकास का खंडहर - सबका हित किस में है ?, 12 (3), 69-70
भगवान ऋषभदेव का उद्घोष 12 (4) 85-86
N 12.13 जैन, रवीन्द्रकुमार ( ब्र.) : N 12.14 जैन, इन्दू (साहू)
N 12.15 जैन, खिल्लीमल
N 14.1 गुप्त, राधाचरण
N 13.1 जैन, नाथूलाल शास्त्री
N 13.2 जैन, रवीन्द्रकुमार (ब्र.) N 13.3 रामपुरिया, जतनलाल N 13.4 जैन, सुल्तानसिंह : N 13.5 जैन, माणिकचन्द पाटनी : समाधि स्थली नहीं, 13 (3-4), 67
32
:
:
:
अहिंसा ही विश्व में शांति का उपाय,
जैन तीर्थक्षेत्रों के प्रबन्धकों से प्रार्थना,
.
12 (4), 87-88
12 (4), 91
दान की दिशा दर्द निवारण में बदली जाये, 13 (1), 93-94
तीर्थकर ऋषभदेव दिगम्बर जैन चतुर्विध संघ सहस्राब्दी सम्मेलन 13 (1) 93-94
:
13 (2), 71-73
स्थूल के माध्यम से सूक्ष्म का सन्धान, आशीर्वाद, संगीत और प्रार्थना का प्रभाव,
: जैन गणित के प्रथम विदेशी प्रचारक डॉ. डेविड यूजीन स्मिथ ( 1860-1944), 14 (2-3), 99-100
N 14.2 Gupta, R.C.: A Little Known 19th Century Study of The Ganita-Sära-Samgraha,
14 (2-3).
103-104
N 14.3 बंडी, श्रेणिक जैन गणित के अध्ययन का एक गतिशील केन्द्र होल्कर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय,
:
:
इन्दौर, 14 (2-3), 101-102
N14.4 जैन, लालचन्द्र 'राकेश' : श्रुत पंचमी ऐसे मनायें, 14 (2-3), 105-107 N 14.5 सचदेव, एन. एन. : ध्यान एक यात्रा (अ)ज्ञात के उस पार, 14 (2-3), 108 N 14.6 रामपुरिया, जतनलाल धर्म और विज्ञान, 14 (2-3), 109-110 N 14.7 जैन, अनुपम जैन गणित को समर्पित साध्वी आर्यिका श्री विशुद्धमती माताजी, 14 (2-3) 111-112 N14.8 श्रद्धिश्री (आर्यिका ) : शाकाहार और स्वास्थ्य रक्षा पर भगवान महावीर के उपदेश, 14 (4), 85-86 N 14.9 जैन, मनोजकुमार 'निर्लिप्त' : ध्रुवक्षेत्र अंटाकर्टिका में शाकोत्पादन एवं शाका 14 (4), 87-90 कृषि, पशु, जनस्वास्थ्य के लिये एक चेतना प्रसाय क्रिया अग्निहोत्र क्रिया, 14 (4) 91-93 भारतीय अहिंसा महासंघ की एक महान उपलब्धि नई माँस योजना अस्वीकृत 14 (4) 94
N 14.10 पाटनी, मन्मथ N 14.11 बगडा, चिरंजीलाल
N 14.12 पाटनी, मन्मथ विस्मयकारी, रहस्यमयी क्रापसर्कल्स, 14 (4), 95-96
N 14.13 जैन, शीतल कुमार एवं जैन, पवनकुमार
N 14.14 जैन, स्नेहरानी
N 14.15 जैन, अनिलकुमार :
:
13 (2), 75-76
गिरनार पर्वत पर भगवान नेमिनाथ की तपोभूमि एवं मोक्ष स्थली है, दत्तात्रय की
-
-
अशोक स्तम्भ की संरचना में जैनधर्म का प्रभाव 14 (4) 97-98
संग्रहालयों में जैन प्रतीकों की भ्रामक प्रस्तुतियाँ 14 (4) 99-100
जीवन क्या है ? पर शंका समाधान, 14 (4), 101 102
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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कोड
B 1.1
B 2.1
अर्हत् वचन वर्ष
B2.7
B 1.2
Nagarajan, K.S.: Philosopher Mathematician (L.C. Jain & Anupam Jain), Book, 1 (2), 64 Jaina Astronomy. (S.S. Lishk), Book, 1 (3), 83-84)
B 1.3
Amar, Gopilal Acharya
B1.4 Naimpally, S.A.: Mahāvīrācārya: A Critical Study ( In Hindi) (Anupam Jain & Suresh Chandra Agrawal (पुस्तक) 1(3). 85-86
B 2.8
1(1988-89 ) से वर्ष 14 (2002) में प्रकाशित
पुस्तक / लेख समीक्षाओं की वर्षानुसार सूची (74)
लेखक का नाम / पुस्तक / लेख का शीर्षक एवं प्रकाशन विवरण
जैन, सागरमल : महावीराचार्य एक समीक्षात्मक अध्ययन (अनुपम जैन एवं सुरेशचन्द्र अग्रवाल), (पुस्तक)
1 (1), 64.
B2.2
लिश्क, सज्जनसिंह : स्याद्वाद के सप्तभंग एवं आधुनिक गणित विज्ञान ( रमेशचन्द जैन), (लेख), 2 (1), 48 B 2.3 लिक, सज्जनसिंह पाई (19) का जैन मान और विदेशों में उसका प्रचार ( राधाचरण गुप्त ), (लेख),
:
2 (1), 48-49
B2.4 लिक, सज्जनसिंह : हेमराज, व्यक्तित्व एवं कृतित्व ( अनुपम जैन), (लेख), 2 (1), 49
B 2.5
B 2.6
शुक्ल, राममोहन जैन द्रव्यानुयोग का गणित, आधुनिक विज्ञान एवं आध्यात्मिक प्रगति (पारसमल अग्रवाल), (लेख), 2 (1), 47
जैन, हरीन्द्रभूषण गणितानुयोग (संकलन मुनि कन्हैयालाल 'कमल'), (पुस्तक) 2 (1), 51-55
"
Lishk, Sajjan Singh: Exact Sciences from the Jaina Sources, Vol. I: Basic Mathematics. (L.C. Jain), (Book), 2(1), 56-58
Hayashi, Takao: Exact Sciences from the Jaina Sources, Vol. II: Astronomy & Cosmology (L.C. Jain), (Book), 2(1), 59-60"
Dharmanand (Kshullak): Karma & Rebirth Pheonomenon of Jain Philosophy as worked out on Scientific Lines (R.M. Kasliwal), (Article) 2 (1), 61-62
B 2.9
शुक्ल, राममोहन जैन गणितीय साहित्य ( अनुपम जैन व सुरेशचन्द्र अग्रवाल), (लेख) 2 (2) 81-82 B2.10 शुक्ल, राममोहन जैन गणितज्ञ महावीराचार्य ( अनुपम जैन व सुरेशचन्द्र अग्रवाल), (लेख), 2 (2), 82-83 B2.11 शुक्ल, राममोहन आचार्य कुन्दकुन्द के साहित्य में विद्यमान गणितीय तथ्य ( अनुपम जैन), (लेख), 2 (2), 83 B2.12 शुक्ल, राममोहन आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती की खगोल विद्या एवं गणित संबंधी मान्यताएँ - आधुनिक सन्दर्भ में (लक्ष्मीचन्द्र जैन) (लेख), 2 (2) 83-84
B2.13 शुक्ल, राममोहन माधवचन्द्र एवं उनकी षट्त्रिंशिका ( अनुपम जैन) (लेख), 2 (2), 84
:
B2.14 Jain K.C. JambudvIpa Parisilan (Hindi) (Anupam Jain), (पुस्तक), 2 (3), 67-68
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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2.15 Jain, Laxmi Chandra Indian Value for ) Derived from Aryabhata's Value (Takao Hayashi & Others), (लेख), 2 (3) 69-70
-
B 2.16 जैन, अनुपम प्राकृत विद्या प्राकृत अध्ययन एवं सांस्कृतिक मूल्यों की त्रैमासिक पत्रिका (सम्पादन डॉ. प्रेमसुमन जैन), 2 (3). 71
B 3.1
B 3.2
B 3.3
B 3.4
B 3.5
B 5.1
B5.2
शुक्ल, राममोहन जैन आगमों में वनस्पति विज्ञान (कन्हैयालाल लोढा), (पुस्तक), 3(1), 51-52
:
-
B 3.6 जैन, अनुपम बालकों एवं किशोरों को संस्कारित करने का श्रेष्ठ प्रयास जैन बालादर्श (सम्पादक श्रेयांसकुमार जैन), (पत्रिका), 3 (4), 64
शुक्ल, राममोहन : संग्रहणीय दस्तावेज - बावनगजा महामस्तकाभिषेक स्मारिका (अनुपम जैन), (पुस्तक), 3 (2), 61-62
जैन, लक्ष्मीचन्द्र : अहिच्छत्रा की पुरा सम्पदा ( डॉ. रमेशचन्द्र जैन), (पुस्तक), 3 (3), 77
Jain Laxmi Chandra: Aryabhața-I and his Contribution to Mathematics (Parmeshwar Jha), (Book), 3(3), 78
B 6.1
जैन, लक्ष्मीचन्द्र: प्रभा चन्द्र कृत कथा प्रबन्ध (कथा कोष) (पुस्तक), (अनु. - रमेशचन्द्र जैन), 3 (4), 63-64
B 6.2
B 7.1
B 7.2
B7.3
B 8.1
B 8.2
B 8.3
B8.4
34
B5.3 जैन, अनुपम जैन सिद्धान्त भवन ग्रंथावली भाग २ (सम्पादन ऋषभचन्द्र जैन 'फौजदार ) (पुस्तक), '
-
:
5 (1), 62
आर्य, सुरेन्द्र कुमार : ऐतिहासिक हिन्दी काव्य - ग्वालियर नामा (द्विज बादलदास), (पुस्तक), 5 (1), 59-60 जैन, अनुपम शोधार्थियों की मार्गदर्शिका ( प्राकृत एवं जैन विद्या शोध सन्दर्भ) (संकलन कपूरचन्द्र जैन), (पुस्तक), 5 (1), 61
B5.4
Amar, Gopilal Acharya : The Tao of Jain Sciences (Prof. L.C. Jain), (Book), 5 (1), 27-28 B5.5 जैन, प्रकाशचन्द्र गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती अभिवन्दन ग्रन्थ (सम्पादक ब्र. रवीन्द्रकुमार जैन) (पुस्तक), 5 (2), 129-130
-
Lishk, Sajjan Singh : Ancient Geography of Ayodhya ( Shiv Narayan Pandey) (Book), 6(2), 33-34
शुक्ल, राममोहन शाकाहार मानव सभ्यता की पहली सुबह ( नेमीचन्द जैन) (पुस्तक) 6 (3), 197-199 जैन, निधि ऋषभ को समझे बिना भारतीय संस्कृति के प्रारम्भ को समझना असंभव (पत्रिका समीक्षा), 7(2), 44 Amar, Gopilal Acharya: Secret of Face Readings (Lishk, Sajjan Singh) (Book), 7(2), 83 Amar, Gopilal Acharya Astrological Talks (Lishk, Sajjan Singh), (Book), 7(2), 85-86
जैन, अनुपम : वाग्दीक्षा : स्वरूप एवं महत्व (सुदीप जैन) (पुस्तक) 8 (2), 53
जैन, जयसेन : जैनधर्म का सरल परिचय ( बलभद्र जैन), (पुस्तक), 8 (2), 55
जैन, मेघराज : महामंत्र णमोकार वैज्ञानिक अन्वेषण (रवीन्द्र कुमार जैन), (पुस्तक), 8 (2), 56
जैन, प्रकाशचन्द्र : बारस अणुपेक्खा (आचार्य कुन्दकुन्द, अनु. - बलभद्र जैन), (पुस्तक), 8(3), 71-72
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B 8.5 B8.6 B9.1
जैन, अरविन्दकुमार : आत्म धर्म और समाज धर्म (नाथूलाल शास्त्री), (पुस्तक), 8 (3), 73 जैन, अनुपम : प्राकृत विद्या (पागद विज्जा) (संपा. - राजाराम जैन एवं सुदीप जैन),(पत्रिका), 8 (4),77 जैन, अनुपम : जैन धर्म - दर्शन के प्रमुख सिद्धान्तों की वैज्ञानिकता (लक्ष्मीचन्द्र जैन, जबलपुर) (पुस्तक), 9(4), 73 जैन, अनुपम : वह कौन थे? (ऐलक श्री विज्ञानसागरजी महाराज) (पुस्तक), 9(4).73
B9.2
B 10.1 Agrawal, Ashvini: The Jain Sanctuaries of Fortress of Gwalior (T.V.G. Shastri), (Book),
10 (3),81 B 10.2 जैन, अनुपम : नैतिक जागरण (निहालचन्द जैन), (पुस्तक), 10 (3), 81 B 10.3 जैन, अभय प्रकाश : क्या द्विदल/विद्वल जैन मान्यतानुसार ग्राह्य हैं?, (पुस्तक), 10 (3), 83-84 B 11.1 Rastogi, Shailendra: The Jain Sanctuaries of Fortness of Gwalior (T.V.G. Shastri) (Book),
11(1), 61-62 B 11.2 Jain, Anupam : Jainism - A Pictorial Guide to the Religion of Non-Violence (Kurt Titze),
(Book), 11 (2), 62 B 11.3 जैन, अनुपम : महाश्रमणी (साध्वी स्वर्णकान्ताजी अभिनन्दन ग्रंथ), 11 (1), 62 B11.4 जैन, कान्तिकुमार : हिन्दी साहित्य की संत परम्परा के परिप्रेक्ष्य में आचार्य विद्यासागर के कृतित्व का अनुशीलन
(बारेलाल जैन) (पुस्तक), 11 (2),71-73 B11.5 जैन, रमेशचन्द : कर्मबन्ध का वैज्ञानिक विश्लेषण - समीक्षा (जिनेश्वरदासजी जैन), 11(2), 75-76 B11.6 जैन, अनुपम : डॉ. नेमीचन्द जैन : व्यक्तित्व और कृतित्व (संपा. - प्रेमचन्द जैन) (पुस्तक), 11 (3), 65-66 B 11.7 जैन, अनुपम : प्रतिष्ठा प्रदीप (नाथूलाल जैन शास्त्री) (पुस्तक), 11 (3), 67 B 11.8 जैन, अनुपम : अनेकान्त दर्पण (संपा.- रतनचन्द जैन) (पत्रिका), 11 (3), 68 B11.9 जैन, कुन्दनलाल : देव निर्मित (वोद्रेथूमे) जैन स्तूप, 11 (4), 61-64 B 12.1 जैन, शिवचरनलाल: मूल संघ और उसका प्राचीन साहित्य (नाथूलाल जैन शास्त्री), 12 (1), 89 B 12.2 जैन, अनुपम : सराक सोपान, वर्ष - 1, अंक - 1, अप्रैल 2000 (सं. - सुभाषचन्द्र जैन) 12 (2), 75 B 12.3 जैन, अनुपम : तुलसी प्रज्ञा, वर्ष - 26, अंक - 106, (संपा.- शान्ता जैन), 12 (2), 76 B 12.4 शास्त्री, नेमीचन्द्र : मूल संघ और उसका प्राचीन साहित्य (नाथूलाल जैन शास्त्री), 12 (2), ?6 B 12.5 कोठारी, सरोज : लेश्या और मनोविज्ञान (शान्ता जैन) (पुस्तक), 12 (3), 71 B 12.6 जैन, कोकलचन्द : अभिवन्दना पुष्प (संपा. - निर्मल जैन) (पुस्तक), 12 (3), 72 B 12.7 ऋद्धिश्री (आर्यिका): युग निर्माता भगवान ऋषभदेव (धर्माचार्य श्री कनकनंदीजी गुरुदेव)(पुस्तक), 12 (4), 89 B 12.8 जैन, महेन्द्रकुमार ‘मनुज' : वर्धमान पंचांग (संपा. - महाकुमार जैन शास्त्री), 12 (4). 9)
२६
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________________
B 13.1 बोबरा, सूरजमल : मध्यप्रदेश का जैन शिल्प (नरेशकुमार पाठक)(पुस्तक), 13 (2), 77-78 B 13.2 जैन, कुमार अनेकान्त : शुद्ध शोध की बोधक - सम्पादकीय (लेख) (अर्हत् वचन, जनवरी 2001 का
सम्पादकीय, अनुपम जैन), 13 (2), 93-94 B 13.3 जैन, भागचन्द्र भास्कर' : जैन विद्या संस्थानों के टूटते बिखरते कंगूरे (लेख), 13 (2), 95-97 B 13.4 अग्रवाल, सुरेशचन्द्र : त्वरित नहीं दूरगामी सोच चाहिये (लेख), 13 (2), 98 B 13.5 जैन, अभयप्रकाश: जैन शोध संस्थानों की समस्याएँ एवं समाधान - सम्पादकीय एवं सत्र विचारोत्तेजक (अर्हत्
वचन, जनवरी 2001, अनुपम जैन)(लेख), 13 (2), 99-100 B 13.6 जैन, अनुपम : प्राग्वैदिक जैन धर्म एवं उसके सिद्धान्त (नाथूलाल जैन शास्त्री)(पुस्तक), 13 (3-4), 75 B 13.7 जैन, जयसेन : समीचीन सार्वधर्म सोपान (नाथूलाल जैन डोंगरीय) (पुस्तक), 13 (3-4),76 B14.1 बोबरा, सूरजमल : जीवन क्या है? (डॉ. अनिल कुमार जैन) (पुस्तक), 14 (1), 87-88 B 14.2 जैन, अनुपम : गणितसार संग्रह (महावीराचार्य 850 ई.) (कन्नड अनुवाद सहित सम्पादित पद्मावथम्मा),
(पुस्तक), 14 (2-3), 124 B 14.3 जैन, अनुपम : ऋषिकल्प (डॉ. हीरालाल जैन स्मृति ग्रन्थ) (संपादक.- धर्मचन्द जैन), 14 (4), 104
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की स्थापना दि. जैन समाज में एक अभूतपूर्व प्रयास है। ज्ञानेन पुंसां सकलार्थ सिद्धिः इस आस्था के परिचायक है ज्ञानपीठ के सभी प्रयास। अर्हत् वचन शोध पत्रिका ने अल्पावधि में देश - विदेश के प्रबुद्ध वर्ग को आकर्षित किया है। जैन विद्या के क्षेत्र में शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने तथा तीर्थ क्षेत्रों पर बिखरे अवशेषों के पीछे छिपे इतिहास के अन्वेषणों के जो प्रोजेक्ट्स ज्ञानपीठ ने हाथ में लिये हैं, वे अत्यन्त महत्व के हैं।
प्राचार्य नरेन्द्र प्रकाश जैन सम्पादक - जैन गजट एवं अध्यक्ष - अ. भा. दि. जैन शास्त्री परिषद
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________________
Jain, Anupam International Symposium for History of Mathematics and Mathematical Education Using Chinese Character, 1 (2), 85-86
R 1.3 जैन, अरविन्दकुमार : कुन्दकुन्द ज्ञान संगोष्ठी - 1987 1(2), 87-88
R 1.4
जैन, विजयकुमार : आचार्य कुन्दकुन्द चिन्तन संगोष्ठी जबलपुर, 24-26 नवम्बर 1988, 1 (3), 71-72
R 1.5
Jain, Arvind Kumar
Sculptures from Doada, 1 (3), 73-75
R 3.1
जयचन्द्र, एम.ए. : प्रथम राष्ट्रीय प्राकृत सम्मेलन, 3(2), 71-74
R 3.2 जैन, स्नेहरानी : अन्तर्राष्ट्रीय दिगम्बर जैन सांस्कृतिक परिषद, 3 (4), 61-62
R 4.1
जैन, अनुपम
4 (2-3), 3-6 +4
R5.1
जैन, अनुपम
R5.2 जैन, अनुपम
R 5.3
R 5.4
अर्हत् वचन वर्ष - 1 (1988-89 ) से वर्ष 14 (2002) में प्रकाशित
महत्वपूर्ण आख्याओं की वर्षानुसार सूची (69)
Gupta, R. C. International Seminar on Jaina Mathematics and Cosmology, 1985. 1 (2), 80-84
R 5.5
R6.1
:
जैन विद्या संगोष्ठी एवं अर्हत् वचन पुरस्कार वितरण समारोह, इन्दौर, 12-13 जनवरी 1992, पृ. आर्ट पेपर
प्राचीन अतिशय क्षेत्र जामनेर, 5 (1), 63-64
अन्तर्राज्यीय चारित्र निर्माण संगोष्ठी एवं गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती अभिवन्दन ग्रंथ समर्पण समारोह, हस्तिनापुर, 8-12 अक्टूबर 1992, 5 ( 1 ),
65-80 + 4 पृ. आर्ट पेपर
शुक्ल, राममोहन : जैन विद्या शोध उन्नयन / विकास विचार विमर्श बैठक 2-5-1993 5 (2), 121-128 Shastri, T.V.G. Nineteenth Annual Conference of the Epigraphical Society of India (Tiruchirapalli) - 1993, 5 (2), 71-72
-
जैन, अरविन्दकुमार : जैन विद्या संगोष्ठी, कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार एवं अर्हत् वचन पुरस्कार वितरण समारोह, इन्दौर, 4-5 जून 1993, 5 (3) 217-222+4 पृ. आर्ट पेपर
R 7.2 जैन, अनुपम
अर्हत् वचन 15 (1-2). 2003
जैन, अनुपम
भारतीय संस्कृति के आद्य प्रणेता भगवान ऋषभदेव पर राष्ट्रीय संगोष्ठी, अयोध्या, 27-31 अक्टू. 1993, 6 (1), 65-71
·
R6.3
R 6.2 जैन, अभयप्रकाश : अ. भा. विद्वत् संगोष्ठी, सांगानेर (जयपुर), 9-11 जून 1994, 6 (4), 243-244 जैन, अनुपम : जैन विज्ञान विचार संगोष्ठी, गुना, 26-28 अगस्त 1994, 6 (4), 253-256 अर्हत् वचन सलाहकार परिषद की बैठक सम्पन्न, कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर, 23.10.1994, 7 (1) 31-34 + 2 पृ.. आर्ट पेपर
R 7.1 जैन, प्रकाशचन्द्र
अखिल भारतीय प्राकृत संगोष्ठी, कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर, 22-24 अक्टू. 1994,
37
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________________
। (I). 39-42+2 पृ. आटपपर
R7.3
जैन, सुदीप : प्रथम राष्ट्रीय शौरसेनी प्राकृत संगोष्ठी, कुन्दकुन्द भारती, दिल्ली, 28-30 अक्टू. 1994, 7 (1), 43-46 जैन, श्रेयांसकुमार : वीरोदय महाकाव्य पर अ.भा. विद्वत् संगोष्ठी, अजमेर, 13-15 अक्टू. 1994, 7 (1), 47-48 +4 पृ. आर्ट पेपर
R7.4
R7.5 R7.6
जैन, अशोककुमार : राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी, साढम, 13-15 नवम्बर 1994, 7 (1), 49.50 जैन, जयसेन एवं कासलीवाल, रमेश : जैन विद्या संगोष्ठी, इन्दौर, 21-22 फरवरी 1995, 7 (2), 33 - 40 + 8 पृ. आर्ट पेपर जैन, अनुपम : ऋषभदेव जैन पीठ का शिलान्यास एवं गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी डी.लिट् की मानद उपाधि से सम्मानित, फैजाबाद, 5 फरवरी 1995, 7 (2), 41-43
R7.7
R7.8
जैन, निहालचन्द्र एवं जैन, नीलम : जैन विज्ञान राष्ट्रीय संगोष्ठी, सहारनपुर, 25-27 मई 1995, 7 (3), 41-43
R8.1 अग्रवाल, सुरेशचन्द्र : गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती साहित्य संगोष्ठी, जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर, 4-7 अक्टू.
1995, 8 (1),57-64
R8.2
जैन, रमेशचन्द्र एवं जैन, कमलेशकुमार : जयोदय महाकाव्य राष्ट्रीय संगोष्ठी, मदनगंज-किशनगढ़, 29 सितम्बर से 3 अक्टूबर 1995, 8 (1), 65-67
R8.3 R8.4
जैन, अभयप्रकाश : जैन विज्ञान विचार संगोष्ठी, चिकसंतर, ग्वालियर, 31.10.95, 8 (1), 68 जैन, अभयप्रकाश : जैन विज्ञान संगोष्ठी, करगुवां, झाँसी, 29 सितम्बर से ! अक्टूबर 95. 8 (1), 69-70
R8.5
जैन, नीलम :
पत्रकार एवं सराक सम्मेलन, 8 (1),71-72
R8.6
अग्रवाल, सुरेशचन्द्र : व्यक्ति नहीं समर्पण का सम्मान है, 8 (1), 81-85
R 8.7
Jha, G.S. : New Research in the History of Indian Mathematics - 60th Birth Anniversary Dedication to a Scholar, 8 (2). 69-71 जैन, नीलम : अ.भा. सराक संगोष्ठी, दिल्ली , 11-13 फरवरी 96, , 8 (2), 77
R8.8
R8.9 जैन, जयसेन : जैन विद्या संगोष्ठी, कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ एवं अर्हत्वचन पुरस्कार समर्पण समारोह, इन्दौर,
12-13 मार्च 96, 8 (2), 81-87 + 8 पृ. आर्ट पेपर R8.10 जैन, सुदीप : द्वितीय राष्ट्रीय शौरसेनी प्राकृत संगोष्ठी, नई दिल्ली, 21 मई 96, 8 (3), 65-67
R9.1
जैन, जयकुमार : श्रावकाचार संगोष्ठी, बहलना (मुजफ्फरनगर), 19 से 21 अक्टू. 96, 9 (1), 59-60
R9.1
दोशी, अशोक : जैन विद्या विचार संगोष्ठी - 96, इन्दौर, 24-27 अक्टू. 96, 9 (1), 61-62
R9.2
जैन, अशोककुमार : जैन न्याय को आचार्य अकलंकदेव का अवदान - राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी, शाहपुर (मुजफ्फरनगर), 27-29 अक्टू. 96, 9 (1), 63-64 जैन, जयसेन : अखिल भारतीय अनेकान्त संगोष्ठी, इन्दौर, 15-16 नवम्बर 96, 9 (1), 65-66
R9.3
38
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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________________
जैन, सुदर्शनलाल
श्री जिनेन्द्र वर्णी पर द्विदिवसीय संगोष्ठी, वाराणसी, 24-25 मई 97, 9 (3), 81-82
जैन, जयसेन
: जैन विद्या संगोष्ठी, कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ एवं अर्हत् वचन पुरस्कार समर्पण समारोह, इन्दौर, 28-29 जून 97, 9 (3), 83-87 + 4 Art paper
R 10.1 जैन, अरविन्दकुमार मालवा की जैन कला द्विदिवसीय संगोष्ठी, देवास, 21-22 मार्च 98 10 (2) 75-77
R9.4
R9.5
R 10.2 Jain, Anupam: The 4th International Symposium on the History of Mathematics and Msihematical Education Using Chinese Characters (ISHME), August 1999, 10 (2), 87-88 R 10.3 जैन, निहालचन्द जैन दर्शन राष्ट्रीय संगोष्ठी - 98, सहारनपुर, 2-4 अग. 98, 10 (3), 79 R11.1 जैन निहालचन्द : चतुर्थ जैन विज्ञान विचार संगोष्ठी 98, बीना, 2-4 अक्टू. 98, 11 (1). 63-64 R11.2 जैन, अनुपम आदि तीर्थकर भगवान ऋषभदेव : शिक्षा एवं दर्शन राष्ट्रीय संगोष्ठी, कुरुक्षेत्र, 16-17 जनवरी 99, 11 (1), 71-73
R11.3 जैन, अनुपम भगवान ऋषभदेव राष्ट्रीय कुलपति सम्मेलन, जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर, 4-6 अक्टू 98, 11 (1), 81-96 +4 पृ. आर्ट पेपर
11.4 जैन, विमलप्रकाश : आचार्य उमास्वाति (मी) और उनकी रचनाए ( संगोष्ठी), 4-6 जनवरी 99, 11 (2), 83 R 11.5 Jain, Vimal Prakash: Fifteen Day Autumn School on Jain Philosophy held at Bhogilal Leherchand Institute of Indology, Deli, Oct. 1998, 11 (2), 84
R 12.1 जैन, विजयकुमार शास्त्री
मथुरा के जैन स्तूप व कंकाली का सांस्कृतिक वैभव, द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, 15-16 अक्टूबर 1999, 12 (1) 83-84
-
R 12.2 जैन, कृष्णा डॉ. हीरालाल जैन व्यक्तित्व एवं कृतित्व, त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 19 से 21 नवम्बर
1999, 12 (1),
85-86
R 12.3 जैन, गुणमाला
तृतीय विराट राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगोष्ठी, झाडोल, 21-25 नवम्बर 99, 12 (1), 87
R 12.4 जैन, अरविन्दकुमार
द्विदिवसीय भगवान ऋषभदेव संगोष्ठी, इन्दौर, 28-29 मार्च, 2000, 12 (2), 77-78
R 12.5 जैन, जयसेन
R 12.6 जैन, कृष्णा
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ का पुरस्कार समर्पण समारोह, इन्दौर, 29 मार्च 2000, 12 (2), 79-81 भगवान ऋषभदेव संगोष्ठी, जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर, 21 मई 2000, 12 (3) 73-74 जैन धर्म की प्राचीनता पर राष्ट्रीय सेमिनार, जम्बूद्वीप - हस्तिनापुर, 11 जून 2000,
R 12.7 जैन, खिल्लीमल
:
12 (3), 75-76
:
-
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
:
R 12.8 जैन, कृष्णा : अखिल भारतीय प्राच्य विद्या सम्मेलन, चेन्नई, 28-31 मई 2000, 12 (3), 77
R 12.9 जैन, महेन्द्रकुमार 'मनुज'
आचार्य कुन्दकुन्द हस्तलिखित श्रुत भंडार, खजुराहो, 12 (4), 75-78
श्रुत संवर्द्धन वार्षिक पुरस्कार समर्पण समारोह 12 (4), 79-80
R 12.10 जैन, कृष्णा एवं जैन, रश्मि R12.11 मिश्रा, सुरेखा चतुर्थ राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगोष्ठी, उदयपुर, 9-12 नवम्बर 2000, 12 (4), 83-84
39
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R 13.1 जैन, महेन्द्रकुमार 'मनुज' : भट्टारक यशकीर्ति दिग. जैन सरस्वती भवन, ऋषभदेव का सर्वेक्षण व शास्त्रों का
मिलान, 13 (2), 79-82 R 13.2 जैन, अनुपम : जैन विद्या संगोष्ठी एवं पुरस्कार समर्पण समारोह, इन्दौर, 3-5 मार्च, 2001, 13 (2), 83-88 R 13.3 जैन, राजीव : भगवान ऋषभदेव जयन्ती एवं संगोष्ठी, आगरा, 18-19 मार्च 2001, 13 (2), 91-92 R 13.4 शुभचन्द्र एवं जैन, अशोककुमार : डॉ. आ.ने. उपाध्ये : व्यक्तित्व एवं कृतित्व राष्ट्रीय संगोष्ठी, सूर्यनगर,
गाजियाबाद, 1-3 मार्च 2001, 13 (3-4), 69-74 R 14.1 बोबरा, सूरजमल : भगवान महावीर : जीवन एवं दर्शन राष्ट्रीय संगोष्ठी, इन्दौर, 24-25 फरवरी 2002,
14 (1), 89.91
R14.2 जैन, हंसकुमार : प्रथम उपाध्याय ज्ञानसागर श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार - 2000 समर्पण समारोह, दिल्ली,6
जनवरी 2002, 14 (1), 93-95
R14.3 जैन, जयसेन : श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार - 2001 समर्पण समारोह, केकडी, 26 मई 2002, 14 (2-3), 113-114 R14.4 जैन, अभयप्रकाश : गोपाचल विरासत दशा एवं दिशा राष्ट्रीय संगोष्ठी, ग्वालियर, 7-8 सितम्बर 2002,
____14 (2-3), 115-118
R14.5 जैन, महेन्द्रकुमार 'मनुज' : सिरिभूवलय अनुसंधान परियोजना : बढ़ते कदम, 14 (2-3), 119.123
R 14.6 जैन, विजयकुमार : जैन श्रावकाचार पर राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी, लखनऊ, 15-16 अगस्त 2002,
14 (4), 103 नोट - व्याख्यानमाला की आख्याओं एवं अन्य अकादमिक गतिविधियों की संक्षिप्त आख्याओं/सूचनाओं को इसमें
सम्मिलित नहीं किया गया है।
अर्हत् वचन का अंक मिला, प्रसन्नता हुई । अर्हत् वचन के लेख असाधारण तथा गम्भीर हैं, यही इसकी विशेषता है । अर्हत् वचन में प्रकाशित समाचारों से प्रतीत होता है कि जैन संस्कृति की भावी दिशाएँ उज्जवल हैं और समाज में जागरण आ रहा है। विद्वानों के साथ - साथ समाज के प्रत्येक घटक को संस्कृति के प्रति जागरूक बनाने का प्रयास आपके द्वारा हो रहा है, यह स्तुत्य है।
डॉ. महावीर राज गेलड़ा पूर्व कुलपति - जैन विश्व भारती संस्थान,
5 सी.एच./20 जवाहर नगर, जयपुर
40
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अर्हत् वचन वर्ष - 1(1988 - 89) से वर्ष 14 (2002) में प्रकाशित
सारांशों की वर्षानुसार सूची (18) S 1.1 अग्रवाल, मुकुट बिहारीलाल : गणित एवं ज्योतिष के विकास में जैनाचार्यों का योगदान (शोध प्रबन्ध का
सारांश), 1 (2), 71-76
S1.2
जैन, अनुपम : गणित के विकास में जैनाचार्यों का योगदान (एम.फिल. योजना विवरण का सारांश),1 (2),77-78
S1.3 Lishk, Sajjan Singh : Mathematical Analysis of Post-Vedānga Data in Jaina Astronomy,
(Summary of Thesis), 1 (3), 76-78 S1.4 जैन, अनुपम : गणित के विकास में जैनाचार्यों का योगदान (शोध प्रबन्ध का सारांश), 163),79-82 52.1 जैन, कपूरचन्द : जैन दर्शन में कर्म सिद्धान्त : एक अध्ययन (मनोरमा जैन के शोध प्रबन्ध का सारांश),
2 (3), 73-75 S4.1 जैन, कैलाशचन्द्र : म.प्र. में जैन पुरातत्व और उनका ऐतिहासिक महत्व, 4 (2-3), 115-116 S4.2 जैन, गोकुलचन्द्र : विरासत में प्राप्त अध्यात्म ज्ञान के सूत्र नई पीढी को सौंपे, 4 (2-3), 117 S4.3 निगम, श्यामसुन्दर : मेरी समन्वेषणा एवं जैन पुरातत्व, 4 (2-3), 117-118 S4.4 जैन, प्रभा : जैन तर्कशास्त्र में हेतु का स्वरूप, ऐतिहासिक एवं समीक्षात्मक अध्ययन की एक झलक, 4 (2-3), 119-120 54.5 अग्रवाल, पारसमल : आधुनिक विज्ञान, जैन दर्शन एवं हम, 4 (2-3), 121
S4.6 त्रिपाठी, रूद्रदेव : जैन साहित्य में विद्यमान वैज्ञानिक सामग्री के सन्दर्भ में भूगोल एवं खगोल संबंधी विचारणाएँ,
4 (2-3), 122 54.7 आर्य, सुरेन्द्रकुमार : जैन हरिवंशपुराण में वर्णित आभूषण एवं अस्त्र-शस्त्रों का समकालीन मूर्ति शिल्प में
प्रकल्पन, 4 (2-3), 123-124 84.8 जैन, अशोक : जैन धर्म के कुछ वैज्ञानिक तथ्य - पर्यावरण संरक्षण के सन्दर्भ में, 4 (2-3), 125
s5.1
जैन,कैलाशचन्द्र : मध्यप्रदेश के जैन तीर्थ, 5 (4), 271-272
s5.2 निगम, श्यामसुन्दर : मालव अंचल में जैन पुरातत्व (समस्या एवं समाधान, 5 (4), 273 55.3 आर्य, सुरेन्द्रकुमार : जैन धर्म के निवृत्ति मार्ग में सहायक तीर्थंकरों की आसन प्रणाली का मूर्ति शिल्प में
प्रकल्पन, 5 (4), 274 55.4 खण्डेलवाल, जयकिशन प्रसाद : श्रमण संस्कृति का आधार, 5 (4), 275-276
S14.1 छाजेड़ (श्रीमती) अनुपमा :
जैन रामायणों में राम का स्वरूप (शोध प्रबन्ध का सारांश), 14 (4), 105-106
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अर्हत् वचन वर्ष - 1 (1988 - 89) से वर्ष 14 (2002) में प्रकाशित
साक्षात्कारों की वर्षानुसार सूची (7) 1 1.1 पूज्य गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी/अनुपम जैन (हस्तिनापुर - 19.06.88), 1 (2). 89-92 I 2.1 प्रो. लक्ष्मीचन्द्र जैन/अनुपम जैन (जबलपुर - 22.09.89 से 08.10.89), 2 (2), 63-67
| 3.1
उपाध्याय गुप्तिसागर/अनुपम जैन (शाकाहार पर एक सार्थक बातचीत) (कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर, 27.12.90), 3 (3), 53-72
I 3.2 पूज्य गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी/आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी (क्या सरस्वती की मूर्ति वन्दनीय
है?), 3 (4), 5-6 17.1 पूज्य गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी/आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी एवं डॉ. अनुपम जैन (टिकैतनगर -
17.10.94), 7 (2), 49-57 I 7.2 पूज्य गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी/आर्यिका चन्दनामती माताजी एवं डॉ. अनुपम जैन (टिकैतनगर -
17.10.94), 7 (4), 49.54
I 11.1 उपाध्याय मुनि श्री ज्ञानसागरजी/डॉ. अनुपम जैन (तिजारा - 8.12.98), 11 (1), 55-60
आदरणीय श्रद्धेय देवकुमारसिंहजी कासलीवाल एवं उनके सहयोगियों का शोध का कार्य जिसमें भाई डॉ.अनुपम जैन का पूर्ण सहयोग है, अत्यन्त श्लाघनीय है। अर्हत् वचन के महत्वपूर्ण लेखों, सुन्दर छपाई व खोजपूर्ण कार्यों से समस्त विद्वत् वर्ग प्रभावित है। आज पुस्तकालय और अन्य कार्यों को देखकर खुशी हुई, यह शुरुआत है, आगे बहुत कार्य करने हैं। इस संस्था के मंगलमय भविष्य की कामना के साथ...
निर्मलकुमार सेठी राष्ट्रीय अध्यक्ष - अ. भा. दि.जैन महासभा, लखनऊ
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अर्हत् वचन वर्ष - 1 (1988 - 89) से वर्ष 14 (2002) में प्रकाशित
व्यक्ति परिचय की वर्षानुसार सूची (8) C 1.1 गुप्त, राधाचरण : विभूतिभूषण दत्त (स्वामी विद्यारण्य), 1 (1), 122 C 7.1 Jain, Anupam : Prof. R.C. Gupta's Research work and Publications on Jaina
Mathematics,, 7 (3), 77-79 C8.1 जैन, महेशप्रसाद : डॉ. दरबारीलाल कोठिया - एक परिचय, 8 (3), 63-64 C 8.2 जैन, अनुपम : डॉ. अनिलकुमार जैन - व्यक्तित्व एवं कृतित्व, 8 (4), 73-76 C 9.1 जैन, अनुपम : डॉ. कमलचन्द सोगाणी, 9 (1), 68 C 11.1 जैन, अनुपम : क्षुल्लक श्री जिनेन्द्र वर्णी - व्यक्तित्व, 11 (1), 74
C 12.1 जैन, अनुपम : समाज की प्रतिभा नितिन जैन द्वारा निर्मित कुन्दकुन्द रोबोट, 12 (1), 75-76
C 14.1 जैन, प्रकाशचन्द्र : डॉ. नेमीचन्दजी जैन - अहिंसा और शाकाहार के लिये समर्पित व्यक्तित्व, 14 (4), 5-6
संस्थान की पत्रिका अर्हत् वचन ने अल्प समय में ही अच्छा स्तर बनाया है तथा इसमें उच्च स्तरीय लेख प्रकाशित होते हैं। यह संस्था के विकास का अच्छा लक्षण है और
इससे जैन धर्म और साहित्य के प्रकाशन में मदद मिलेगी। मैं संस्था की उत्तरोत्तर प्रगति की ___ कामना करता हूँ।
-
डॉ. रमेशचन्द जैन अध्यक्ष - अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत् परिषद, बिजनौर ।
___104, नई बस्ती, फिरोजाबाद - 283 203 !
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P1.1 जैन, मिश्रीलाल कुन्दकुन्दाचार्य 1 (1), 8
P 2.1
P 4.1
P 5.1
P 6.1
अर्हत् वचन वर्ष - 1 (1988-89 ) से वर्ष 14 (2002) में प्रकाशित कविताओं की वर्षानुसार सूची (8)
44
Dubey, Mahesh: A Tribute to Ramanujan,, 2 (3), 85-86
कासलीवाल, रमेश
कुन्दकुन्द मुनिवर, 4 (2-3), 18
जैन, स्नेहरानी भ्रूण की व्यथा, 5 (2), 119-120
चन्दनामती (आर्यिका) : पुत्र के बाद पिता का अभिषेक, 6 (2), 83-84
P 6.2 Nijananda Sagar, Muni World Famous Statue at Sravanbelgola, E6 (2), 35-36
P 9.1 जैन, शिवचरनलाल : कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ कीर्ति:, 9 (1), 92
P 10.1 जैन, नाथूराम डोंगरीय श्री ऋषभाभिनन्दनम्
10 (2), 18
प्रकाशन स्थल प्रकाशन अवधि
मुद्रक एवं प्रकाशक
राष्ट्रीयता
पता
मानद सम्पादक
राष्ट्रीयता
अर्हत् वचन के सम्बन्ध में तथ्य संबन्धी घोषणा
( फार्म 4 नियम 8 )
पता
स्वामित्व
त्रैमासिक
देवकुमारसिंह कासलीवाल
:
भारतीय
580, महात्मा गांधी मार्ग, इन्दौर 452001
: डॉ. अनुपम जैन
:
भारतीय
: ज्ञानछाया, डी 14, सुदामा नगर, इन्दौर - 452009
: कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, 584, महात्मा गांधी मार्ग, इन्दौर - 452001
मुद्रण व्यवस्था
: सुगन ग्राफिक्स, यूजी 18 सिटी प्लाजा, म. गांधी मार्ग, इन्दौर मैं देवकुमारसिंह कासलीवाल एतद् द्वारा घोषणा करता हूँ कि मेरी अधिकतम जानकारी एवं विश्वास के अनुसार उपरोक्त विवरण सत्य है।
-
: इन्दौर
31.3.2003
-
देवकुमारसिंह कासलीवाल अध्यक्ष- कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर
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36TL 9TH af - 1(1988 - 89) Hac 14 (2002) #YATTAI
लेखों की विषयानुसार सूची
( gfaara sa geraira
(History & Archeology) (178)]
A 1.20 Shastri, T.V.G. : New Light on the Nativity of Kundakunda Ācārya, 1 (2), 55-63
A 1.29 Mallappa, M.C. : Siri Bhūvalaya (Bhoovalaya) of Kumudendu, 1 (3), 49-54 A 1.31 Shastri, T.V.G. : Dhārāśiva Caves, 1(3), 59-70+ 4 Page Art Paper A 1.34 Shastri, T.V.G. : An Earliest Jaina Site in the Krishna (Krsna) Valley, 1 (3-4), 23-29 A 1.35 Shastri, T.V.G. : Remains of Vaddamānu, 1 (3-4), 30--37 + 2 Page Art Paper A 1.36 Shastri, T.V.G. : Early History of Jainism, 1 (3-4), 38-47 + 2 Page Art Paper A 1.37 Shastri, T.V.G. : The Earliest Coinage of Jaina Kings, 1(3-4), 48-54 A 1.38 Handa, Devendra : A Sarvatobhadrikā Pratimā from Punjab, 1 (3-4), 55-56 + 1 Page Art
Paper A 1.39 Kumar, P. Kishore : A Rare Sculpture of Jaina Sarasvati, 1 (3-4), 57-58 + 1 Page Art Paper
A 2.5
Ekambaranathan, A. : Early Jaina Vestiges in Tamilnadu, 2(1), 29-35+2 Page Art Paper
A 2.6
Shastri, T.V.G. : Jaina and the Other Antiquarian Remains of the Gwalior Fort, 2 (1), 37-46
A 2.12 Shastri, T.V.G.: Jaina Eras and their Chronology, 2 (2), 39-43
A 2.13 Lal, G. Jawahar : History of Medieval Jainism in Telgudeśa, 2 (2), 45-47
A 2.14 Narsimhamurthy, A.V.: Siri Bhūvalaya (Bhoovalaya) of Kumudendu, 2(2), 49-53 A 2.19 A, 3744 74791 : 3791ch viaal: o qez, 2(3), 23-26 A 2.21 Hanumatharao, B.S.L. : Vardhamani (A) Vihāra Mahāmeghavāhana, 2(3), 39-45 A 2.22 Shastri, T.V.G. : Early Jainas in Tamilnadu and Madurai Caves, 2 (3), 47-61 + 4 Page Art
Paper A 2.27 169, 74169 Ja sam da : HEZTETETT gerara FIETSRUT ist geraca ufahrt, 2 (4), 21-24
A 2.31 Shastri, T.V.G.: Stone Inscriptions of Vaddamănu, 2 (4), 51-61 + 2 Page Art Paper A 2.32 Shastri, T.V.G. : Inscribed Potsherds, 2 (4), 63-71
37629997, 15 (1-2), 2003
Page #48
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A 3.5
Nagarch, B.L. : Jaina Temple and Sculptures at Indor, Dist. Guna (M.P.), 3(1), 45-46 + 2 Page Art Paper
A 3.7 Shasti, T.V.G. : An Introduction to the Iconography of Jaina Tirthankaras, 3(2), 9-40 A 3.8 शुक्ल, राममोहन एवं श्याम वैद्य : मध्यप्रदेश के पुरातत्व संग्रहालयों में संग्रहीत जैन पुरातत्व प्रतिमाएँ, 3 (2), 41-44 A 3.9 जैन, अभयप्रकाश : भूला बिसरा काम्पिल्य, 312), 45-49 A 3.12 Sharma, I.K. : Digambara Jainism in Karnataka, 3 (3), 1-7 A 3.13 Mukundarao, N. : Jaina Monuments and Teachers of Kasala nadu (North-West Deccan) -
An Epigraphical Study, 3(3), 9-11 A 3.14 Kumar, Lalit: A Life size Image of Neminātha in Lalbhai Dalpatbhai Museum
(Ahmedabad), 3(3), 13-15 + 1 Page Art Paper A 3.15 Bajpai, K.D. : Contribution of Jainism to Indian Art, 3 (3), 17-22 A 3.20 जैन, रामजीत (एडवोकेट): सिद्धौ गोपाद्री देवपत्तने, 3(3), 49-52 + 2. पृ. आर्ट पेपर A 3.21 Bajpai, K.D. : Jaina Image of Sarasvati in the Lucknow Museum, 3(4), 1-3 + 1 Page Art
Paper A 3.22 T. Ganesan : Condition of Jaina Society as Gleaned from Tirunkondai Inscriptions,
3(4), 7-10 A3.25 जैन, रामजीत (एडवोकेट): भारत में विशाल मूर्तियों के निर्माण की परम्परा, 3(4), 21-23 A 3.29 जैन, कुन्दनलाल : देवगण (लुवच्छगिरी) के सिंघई होलिचन्द्र, 3 (4), 45-49 A 4.2 बाजपेयी, कृष्णदत्त : जैन श्रमण परम्परा, 4 (1), 7-12 A 4.3 जैन, लक्ष्मीचन्द्र एवं प्रभा, सतीश्वरी : क्या सम्राट चन्द्रगुप्त दक्षिण भारत में मुनि रूप में ब्राह्मी लिपि के
आविष्कार में सहयोगी हए?, 4(1), 13-20 A 4.4 Shastri, T.V.G.: Architecture of Early Jaina Structures in Krishna Valley, 4(1), 21-38 A 4.8 गुप्तिसागर, उपाध्याय : तीर्थंकर ऋषभ का अनन्य अवदान : जीवन की सम्पूर्ण कलाएँ, 4(2-3), 19-24 A 4.12 जैन, कमलेश : जैनधर्म में श्रमण एवं श्रावक परम्परा, 4 (2-3). 41-43 A 4.14 जैन, प्रकाशचन्द्र : मालवा में मूलसंघ की भट्टारक परम्परा (अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर), 4(2-3), 51-54 A 4.15 शुक्ल, राममोहन : राजगढ जिले की पुरा सम्पदा - जैन मूर्तियों के सन्दर्भ में, 4 (2-3), 55-61 A 4.22 Nagarch, B.L. : Newly Discovered Jaina Cave and Sculptures at Bihar-Kotara, Dist.
Rajgarh (M.P.), 4(2-3), 103-106
A 4.23 Shastri, T.V.G. : Mulasamgha - The Earliest Jaina Organisation, 4(2-3), 107-110
A 4.25 Ganesan, T.: Origin and Development of Jaina Architecture in Tamilnadu, 4(4), 1-5
A 4.26 Hanumant Rao, B.S.L. : The Jaina Relics of Kolanupaka 4 (4), 7-11
46
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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________________
A 4.27 जैन, लक्ष्मीचन्द्र एवं सतीश्वरी प्रभा : क्या सम्राट चन्द्रगुप्त दक्षिण भारत में मुनि रूप में ब्राह्मी लिपि के
आविष्कार में सहयोगी हुए? भाग-2, 4 (4), 13-22 A 4.28 जैन, कुन्दनलाल : देवगढ का शिलालेख, 4 (4), 23-30 + 2 आर्ट पेपर A 4.30 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : स्वस्तिक - प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति, 4 (4), 35-38 A 4.31 जैन, महेन्द्रकुमार 'मनुज' : मगध की जैन कला में अम्बिका निरूपण, 4 (4), 39-42 A 4.32 नागार्च, बिहारीलाल : मध्यप्रदेश की जैन मूर्ति कला तथा बिडला संग्रहालय भोपाल की विशिष्ट जैन प्रतिमाएँ,
4 (4), 43-48 A 4.33 उपाध्याय शचीन्द्र प्रसाद एवं उपाध्याय, ऋचा : शाजापुर में प्राप्त जैन प्रतिमाओं का अध्ययन, 4 (4), 49-53 A5.1 जैन, राजाराम : गोपाचल : उत्तरमध्यकालीन इतिहास, साहित्य एवं कला का संगम तीर्थ, 5 (1), 9-17 A 5.2 आर्य, सुरेन्द्र कुमार : गोपाचल दुर्ग का जैन पुरावशेष, 5 (1), 19-27 A5.3 जैन, रामजीत : गौरवता का गौरव - गोपाचल, 5 (1), 29-37 A 5.4 आर्य, मायारानी : ग्वालियर संग्रहालय की जैन प्रतिमाएँ, 5 (1), 39-40 A 5.5 जैन, अभयप्रकाश : तीर्थकर पार्श्व और नागवंश, 5 (1), 41-43 A 5.6 जैन, मीरा : ग्वालियर के दिगम्बर जैन मन्दिर की चित्रकला, 5 (1), 45-46 + 1 आर्ट पेपर A 5.7 माहेश्वरी, एच. बी. 'जैसल' : जैन धर्म संस्कृति का एक सिद्धक्षेत्र - नरवर, 5 (1), 47-50 A5.8 जैन, कंवर : गोपाचल का त्रिशलागिरि समूह, 5 (1), 51-52 + 2 आर्ट पेपर A 5.15 Shastri, T.V.G. : The Early Jain Reamins and their Charecterstic Features, E 5(2), 49-60
+ 6 Art paper 15.16 Shastri, T.V.G. : Sirpur Antariksa Parsvanātha : An Archaeological Study, E5 (2), 61-70 A 5.17 जैन, लक्ष्मीचन्द्र एवं जैन, प्रभा : क्या सम्राट चन्द्रगुप्त दणिण भारत में मुनि रूप में ब्राह्मी लिपि के आविष्कार
में सहयोगी हुए?, 5 (3), 155-171 A 5.20 जैन, शकुन्तला : ग्वालियर के पुरातत्व संग्रहालय में जैन धर्म, 5 (3), 187-190 A5.21 माहेश्वरी, एच.बी. 'जैसल' : जैसलमेर - जैन धर्म के सन्दर्भ में, 5(3), 191-193
A 5.23 Lal, G. Jawahar : An Epitaph of Meghacandra Siddhānta Deva, E 5 (3), 93-95 A 5.28 जैन, प्रकाशचन्द्र : अभिलेखों के आधार पर मालवा की मध्यकालीन दिगम्बर जैन जातियाँ, 5 (4), 261-264
A 5.29 जैन, शकुन्तला : कुन्दकुन्द और उनका जन्म स्थान, 5 (4), 265-267 A 5.30 जैन, कान्ति : अतीत का ग्वालियर, 5 (4), 269-270 A 6.1 आर्य, सुरेन्द्र कुमार : श्रवणबेलगोला के जैन पुरातत्व का ऐतिहासिक विवेचन, 6 (1), 9-15 A 6.2 जैन, अभयप्रकाश : श्रवणबेलगोला का पुरातत्व, 6 (1), 17-20 A 6.4 जैन, प्रकाशचन्द्र : श्रवणबेलगोला , 6 (1), 27-32
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A 6.5
A 6.7
A 6.8 जैन, नरेन्द्र विश्व धर्म संसद में जैन धर्म, 6 (1), 51-54
:
A 6.9
जैन, नीलम वर्तमान भौतिक युग में बाहुबली, 6 (1), 33-35
जैन, कुन्दनलाल : मथुरा में 514 जैन स्तूपों के निर्माता श्री टोडर साहू, 6 (1), 41-50
Sharma, I.K. Some Aspects of Jaina Asceticism and its Vestiges in South India, E 6(1), 3.10 + 4 आर्ट पेपर
Rao, M. Basava: An Interesting Image of a Jaina Tirthankara, E 6(1), 11-12 +2 Art Paper
A 6.10
A 6.11 Nagarch, B.L.. Newly Discovered Jaina Sculptures from Pithanpur, E 6(1), 13-16 +4 आर्ट पेपर
48
A 6.12 ज्ञानमती (गणिनी
A 6.15 जैन, रामजीत (एडवोकेट)
A6.17 जैन, कपूरचन्द
A 6.22Shastri, T.V. G.
A 6.31 मलैया, यशवंतकुमार A 7.2 जैन, अभयप्रकाश
A 7.3
A 7.5
A 7.6
A 7.8
A 7.9
A 7.11] उपाध्याय, शचीन्द्र एवं उपाध्याय, ऋचा
A 7.12 A. Sundara: Some Aspects of Jaina Art in Karnataka Architecture & Sculpture, 7 (2), 67-82
A 7.14 राजपुरोहित, भगवतीलाल धार के शिलांकित प्राकृत काव्य, 7 (3), 17-20
आर्यिका ): अनादि तीर्थ अयोध्या, 6(2), 81-82 संस्कृति व मूर्ति कला, 6 (2) 93-95
1991-93 में जैन विद्या शोध : एक विश्लेषण, 6(2), 103-112 Gommateśvara of Sravanbelgola, 6 (2), 25-31 'गोलाहिवइ' और 'गोल्लदेशधिप' 6(4), 235-239 बरई की रंगशाला, 7 (1), 17-20
-
जैन, रामजीत : गोपाचल ही गोल्लादेश है, 7(1), 21-24
Jain, Devendra
Jainism Past & Future, 7 (1), 85-87
Tiwari, Binod Kumar Parśva The Twentythird Tirthankara, 7 (1), 89-96
जैन, कैलाशचन्द्र नरेणा का प्राचीन वैभव, 7 (2), 15-18
माहेश्वरी, एच. बी. जैसल सोनागिरी तीर्थस्थल की प्राचीनता 7 (2), 19-22
-
A 7.17 Ganesan, T.: Jaina Temple Architecture under the Cholas - A care Study from South Arcot Distt., Tamilnadu, 7 (3) 57-68
A 7.21 जैन, शकुन्तला
प्राचीन काल में जैन कला एवं स्थापत्य, 7 (4). 35-38 Jaina Art in Gwalior Region A Study 7 (4), 57-63
A 7.22 All, Ahmed
A 8.4 जैन, रामजीत सोनागिरि नाम प्राचीन नहीं सिद्धक्षेत्र अति प्राचीन 8 (1) 29-34
Jain, Bhagchandra Jaina Community Past, Present & Future, 8 (1), 35-48
A 8.5 A 8.9 बंसल, राजेन्द्रकुमार भारतीय संस्कृति के सूत्रधार शिव स्वरूप ऋषभदेव, 8 (2) 25-30
A 8.14 माहेश्वरी, एच. बी. 'जैसल' : जैन धर्म ग्रन्थों का भारत के क्षेत्रीय इतिहास लेखन में योगदान, 8(2), 49-51
शाजापुर की प्राचीन जैन गुहा (गुफा) 7 (2), 27-28
"
·
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A 8.18 डोणगांवकर, नेमचन्द : संघ भेद तथा श्रुतावतार, 8 (3), 37-40
A 8.19
Jain, N.P. : Jainism in the Contemporary World, 8 (3), 41-47
A 8.20 Jain, Sneh Rani : The Five Bālayatis and their Twenty - Two - Afflications, 8 (3), 49-52 A9.3 डोणगांवकर, नेमचन्द : जम्बूदीवपण्णत्ति संगहो के कर्ता पद्मनंदी कौन?, 9 (1), 29-35
A 9.5 Kumar, Bhuvnendra : Jainas and Their Religion in America: A Social Survey, 9 (1), 43-53 A9.17 जैन, ज्योति : अमर जैन शहीद - श्री साबूलाल बैसाखिया, 9 (4), 9-11 A 10.1 कुमार, रज्जन : ऋषभ : एक वैश्विक व्यक्तित्व, 10 (1), 9-17 A 10.2 जैन, शिवचरनलाल : श्रीमद्भागवत में ऋषभदेव, 10 (1), 19-24
A 10.3 रस्तोगी, शैलेन्द्र कुमार : ऋषभदेव के दुर्लभ अभिलेखीय साक्ष्य, 10 (1), 25-28 A 10.4 बोबरा, सूरजमल : जैन इतिहास के सूत्र : नेमिनाथ तक, 10 (1), 29-47 A 10.5 Tiwari, Binod Kumar : Rsabhadev - The First Tirthankara,10 (1), 49-52 A 10.6 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : भारत नाम ही गरिमा का है, 10 (1), 53-56 A 10.8 जैन, अल्पना : कर्मयुग के प्रणेता तीर्थकर ऋषभदेव, 10 (2), 9-17 A 10.9 तिवारी, बिनोदकुमार : मौर्यकालीन बराबर की जैन गुफाएँ, 10 (2), 19-22 A 10.10 दुबे, नागेश : सागर जिले के प्राचीन जैन केन्द्र, 10 (2), 23-35 A10.11 पाठक, नरेशकुमार : देवास एवं महेश्वर के संग्रहालयों में जैन मूर्तियाँ, 10 (2), 37-39 A10.12 जैन, अरविन्दकुमार : पावागिरि (ऊन) के जैन मन्दिर, 10 (2), 41-43 A10.13 मलैया, आशारानी एवं जैन, स्नेहरानी : नायनार और ऐलाचार्य, 10 (2), 45-46 A 10.18 वसंतराज, एम.डी. : दिगम्बर जैन आगम के बारे में एक चिन्तन, 10 (3), 35-45 A 10.21 जैन, ब्र. संदीप सरल : विलुप्त जैन आगम - एक विचारणीय प्रश्न, 10 (3), 63-65 A10.22 बोबरा, सूरजमल : जैन इतिहास शोध : एक अनिवार्यता, 10 (3), 67-68
A 10.26 जैन, कपूरचन्द : संविधान निर्माण में जैनों का योगदान, 10 (4), 41-47 A 10.28 जैन, स्नेहरानी : भारत के महावीर पूर्वकालीन जैन गुफा मन्दिर, 10 (4), 55-62 A 10.30 Ganeshan, T. : Iconography of Jaina Images at Tirunarunkondai, South Arcot District,
10 (4), 69-72 A 11.1 जैन, अशोककुमार : सराक क्षेत्र - प्राचीनतम जैन धर्मावलम्बियों का निवास स्थान, 11 (1), 9-15 A11.2 जैन, अभयप्रकाश : जैन संस्कृति की पोषक सराक प्रजाति, 11 (1), 17-20 A11.3 जैन, रामजीत : उत्कल के जैन वंशज- वर्तमान सराक, 11 (1), 21-28 A11.4 कासलीवाल, कस्तूरचन्द : सराक जाति की विशेषताएँ, 11 (1), 29-30
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________________
A 11.5 जैन, अनुपम : सराक साहित्य - एक सर्वेक्षण, 11 (1), 31-35 A 11.6 बोबरा, सूरजमल : भद्रबाहु : जैन इतिहास का दीपस्तम्भ, 11 (1), 37-44 A1 1.7 जैन, नाथूलाल शास्त्री : तीर्थकर दिव्यध्वनि की भाषा, 11 (1), 45-48 A1 1.8 Jain, A. P. : Cultural Identity of The Jaina Influence on the Tribal Rituals of Korāpūta,
il (1), 49-54 A 11.9 आचार्य, गोपीलाल अमर : जैन समाज में नारी की हैसियत, 11 (2), 9-18 A 11.10 भट्ट, जयश्री सुनील : बौद्ध एवं मौर्य काल में पत्नी उत्पीडन, 11 (2), 19-24 A 11.11 बोबरा, सूरजमल : जैन नीति पर आधारित राजनीति व अर्थशास्त्र के प्रणेता आचार्य चाणक्य, 11 (2), 25-31 A11.13 जैन, पुरुषोत्तम एवं जैन, रवीन्द्र : प्राचीन पंजाब का जैन पुरातत्व, 11 (2), 37-44 A11.14 चौरसिया, सुरेन्द्र कुमार : झाँसी के संग्रहालय में संग्रहीत जैन प्रतिमाएँ, 11 (2), 45-50 Al1.15 जैन, गुलाबचन्द : तीर्थंकर ऋषभदेव (आदिनाथ) और उनकी साधना स्थली विशाला (बद्रीनाथ), 11 (2), 51-57 A11.16 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : बलात् धर्म परिवर्तन के स्मारक - सराक, 11 (2), 59-61 A11.24 बोबरा, सूरजमल : किंवदन्तियों के पार से झांकते सत्य, 11 (4), 9-18
A11.26 खरे, लखनलाल : जैन संस्कृति का मोहन जोदडों - पारागढ, 11 (4), 25-28
A11.27 छाबडा, गौरव : क्या है प्राचीन उदयगिरि-खंडगिरि गुफाओं का भविष्य, 11 (4), 29-31
A11. 28 डोणगांवकर, नेमचन्द्र : शक तथा सात वाहन सम्बन्ध, 11 (4), 33-36
A12.1 ज्ञानमती (गणिनी आर्यिका) : भगवान ऋषभदेव, 12 (1), 7-12 A12.2 मेहता, संगीता : जैन धर्म की प्राचीनता और ऋषभदेव, 12 (1), 13-16 A 12.4 जैन, स्नेहरानी : ऋग्वेद मूलत: श्रमण ऋषभदेव प्रभावित कृति है, 12 (1), 21-28 A12.13 पाटनी, उषा : ऋषभ निर्वाण भूमि - अष्टापद, 12 (2), 31-35 A12.14 कनकनंदी (आचार्य) : ज्ञान विज्ञान का आविष्कारक भारत, 12 (2), 37-40 A12.17 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : क्या दूंगरसिंह जैन धर्मानुयायी था?, 12 (2), 49-51 A12.18 जैन, गुलाबचन्द : विदिशा का कल्पवृक्ष अंकित स्तम्भ शीर्ष, 12 (2), 53-55 A12.22 चौधरी, सरोज : प्रमुख जैन पुराणों में प्रतिपादित राजा के गुण-दोष, 12 (3), 29.34
A12.23 Sundara,A. : The Early Kadambas and Jainism in Karnataka, 12 (3), 35-46
A12.24 Jain,Nandlal : Rightful Exposition of Jainism in the West, 12 (3), 47-54
A12.27 जैन, रमेश : हडप्पा की मोहरों पर जैन पुराण और आचरण के सन्दर्भ, 12 (4), 9-16
A12.28 जैन, महेन्द्रकुमार 'मनुज' : राजगढ की सोनभद्र गुफा एवं उसका पुरातत्व, 12 (4), 17-26
A12.30 Ganesan, T. : Jaina Paintings in Tamilnadu, 12 (4), 49-59
50
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________________
A13.1 Tiwari, Binod Kumar Rsabhadeva The First Jaina Tirthankara, 13 (1), 9-11
A13.2 Jain, Satish Kumar
Jainism Abroad, 13 (1), 13-26
A13.5 मालव, रवीन्द्र विश्व धर्म संसद में गूंजा वह स्वर सारे भारत का था, 13 (1), 43-47 A13.6 बोथरा, सुरेन्द्र जैन वास्तव में धार्मिक अल्पसंख्यक ही हैं, 13 (1), 49-54 A13.10 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : अरिहंत, अर्ह, अरहंत, 13 (1), 77-79 (1), 89-92
A13.13 जैन, विमला जैन वांगमय में श्री सम्मेदशिखरजी 13
:
A13.14 चन्दनामती (आर्यिका ) : भगवान महावीर जन्मभूमि
बौद्ध साहित्य के निगण्ठ नातपुत्त
13.16 जैन, रमाकान्त A13.18 बंसल, राजेन्द्रकुमार
A13.19 जैन, जयकुमार A13.20 जैन, अनिलकुमार : क्या औरंगजेब की नीतियाँ हिन्दू विरोधी थीं?, 13 (2), 45-49
कुण्डलपुर, 13 (2) 9-16
तीर्थंकर महावीर 13 (2) 27-28
A13.24 Malaiya, Yashvant K. A13.26 जैन, आचार्य राजकुमार A13.27 बोबरा, सूरजमल
-
भगवान शिव एवं विष्णु के अवतार 13 (2), 35-38
नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती और द्रव्यसंग्रहकार मुनि नेमिचन्द्र की भिन्नता, 13 (2), 39-44
A13.22 Kumar, Bhuvnendra S.A. Searching for Jaina Identity in North America, 13 (2), 57-62 A13.23 Jain, Narendra P. Conflict Resolution Through Non-Violence in Action - The Jaina Approach, 13 (2), 63-69
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
Kundalpur's Past Three Centuries, 13 (3-4), 5-13 द्वादशांग श्रुत और उसकी परम्परा, 13 (3-4), 19-24
आगमिक सन्दर्भों के शिल्पी वैज्ञानिक इतिहासकार यतिवृषभ, 13 (34) 25-40
A13.29 जैन, कमल : वास्तुकला और पाषाण पतिमाएँ, 13 (3-4), 49-54 A13.30 जैन, रश्मि तीर्थकर महावीर एक जीवन शैली, 13 (3-4), 55-58
A14.20 जैन, रामजीत एडवोकेट : अहिंसा इतिहास के आलोक में, 14 (4), 37-40
A14.23 Kumar, Bhuvanendra S.A. The Jaina Hagiography and the Satkhandagama. 14 (4), 49-60
षट्खंडागम और धवला, जयधवला, महाधवला आदि उसकी टीकाएँ, 14 (4) 61-68 बडोह पठारी के प्राचीन जिनालयों का जैन सांस्कृतिक धरातल 14 (4) 69-72
1
A14.24 जैन, गुलाब चन्द 14.25 जैन, गुलाब चन्द 14.26 जैन, अभयप्रकाश A14.27 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : जैन दर्शन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, 14 (4) 77-80 A14.28 जैन, जिनेश्वर दास : जैन परम्परा से जुडी माया सभ्यता, 14 (4), 81-84
सराक लोक कला की सांस्कृतिक धरोहर, 14 (4) 73-76
-
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गणित, सांख्यिकी एवं ज्योतिर्विज्ञान
(Mathematics, Statistics & Astronomy)|
A1.4
A1.1 अग्रवाल, पारसमल : जैन द्रव्यानुयोग का गणित, आधुनिक विज्ञान एवं आध्यात्मिक प्रगति, 1 (1), 1-7 A 1.2 जैन, रमेशचन्द्र : स्याद्वाद के सप्त भंग एवं आधुनिक गणित विज्ञान, 1 (1), 9-13 A1.3 गुप्त, राधाचरण : पाई 0 का जैन मान और विदेशों में उसका प्रचार, 1(1), 15-18
जैन, अनुपम एवं अग्रवाल, सुरेशचन्द्र : जैन गणितीय साहित्य, 1 (1), 19.40 A 1.5 __ जैन, अनुपम एवं अग्रवाल, सुरेशचन्द्र : जैन गणितज्ञ - महावीराचार्य, 1 (1), 41-46 A 1.6 जैन, अनुपम : आचार्य कुन्दकुन्द के साहित्य में विद्यमान गणितीय तत्व, 1 (1), 47-52 A 1.7 जैन, अनुपम : हेमराज - व्यक्तित्व एवं कृतित्व, 1(1), 53-63 + 1 पृ. आर्ट पेपर A 1.8 जैन, अनुपम : माधवचन्द्र एवं उनकी षट्विशिंका, 1(1), 65-74 +1 पृ. आर्ट पेपर A1.9 जैन, लक्ष्मीचन्द्र : आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती की खगोल विद्या एवं गणित संबंधी मान्यताएँ - आधुनिक
सन्दर्भ में, 1(1), 75-90 A 1.10 Raina, Dhruv & Singh, Navjyoti : The Jaina Theory of Motion, 1(1), 91-96 A1.11 Jha, Ganganand Singh : The Theory of Relativity and the Jaina Thought, 1(1), 97-102
A 1.12 Jha, Parmeshwar : Contribution of Jainācāryas to Mathematics & Astronomy, 1(1),
103-112 A 1.13 जैन, अनुपम : जैन गणित की मौलिकताएँ एवं भावी शोध दिशाएँ (विशेष सम्पादकीय), 1(1), 113-121 A1.14 जैन, लक्ष्मीचन्द्र : गिरिनगर की चन्द्रगुफा में हीनाक्षरी एवं धनाक्षरी का रहस्य, 1(2), 11-16
A1.15 जैन, अनुपम : दार्शनिक गणितज्ञ - आचार्य यतिवृषभ, 1(2), 17-24
A 1.16 जैन, अनुपम : दार्शनिक गणितज्ञ - आचार्य वीरसेन, 1 (2), 25-37 A1.17 Lishk, Sajjan Singh : 'Samaya' As an Unit of Time in Jaina Astronomy, 1(2), 39-42 A 1.18 Singh, Parmanand : Ācārya Jayadeva's Treatment of Permutation and Combinations,
1(2), 43-48 A1.19 जैन, अनुपम एवं जैन, जयचन्द : क्या श्रीधर जैन थे?, 1 (2), 49-54 A1.21 जैन, लक्ष्मीचन्द्र एवं जैन, अनुपम : क्या आचार्य कुन्दकुन्द दसाह पद्धति के आविष्कारक थे?, 1(3), 7-15
A 1.26 Jain, Laxmi Chandra : Systems Theory in Jainism and Science, (A Study in Prospects
___and Achievements) 1(3), 33-37
A 1.27 Lishk, Sajjan Singh : On Geometry of Jambudvipa, 1(3), 39-42 A 1.28 Lishk, Sajjan Singh : Gnomon Experiments in Ancient Indian Astronomy, 1 (3), 43-47
52
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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________________
A 1.33 Jain, Chakresh Kumar: The Jaina Geography, the Digambara Jaina Jambūdvipa and the
Modern Context, 1(3-4), 19-20 A 2.4 Jain, S.C. : Jambūdvipa and its Two Suns, 2(1), 21-27 A 2.8 Jha, Parmeshwar : Jaina Astronomical Texts belonging to the Pre-Siddhāntic Period of
Ancient India, 2(2), 5-10
A 2.9 Michiwaki, Yoshimasa : On the Resemblance of Indian, Chinese and Japanese
Mathematics, 2(2), 11-15 A2.10 जैन, लक्ष्मीचन्द्र : ब्राह्मी लिपि का आविष्कारक एवं आचार्य भद्रबाहु मुनि संघ, 2 (2), 17-26 A 2.15 जैन, लक्ष्मीचन्द्र एवं जैन चक्रेशकुमार : जम्बूद्वीप परिप्रेक्ष्य - दिगम्बर जैन मान्यताएं और आधुनिक सन्दर्भ,
2(2), 55-62 A2.16 जैन, लक्ष्मीचन्द्र : ब्राह्मी लिपि का आविष्कारक एवं आचार्य भद्रबाहु मुनि संघ -2, 2 (3), 1-11 A 2.17 अग्रवाल, पारसमल : जैन दर्शन एवं आधुनिक विज्ञान (व्यवहार पल्य का गणित एवं आधुनिक अणु विज्ञान)
2 (3), 13-19 A 2.24 जैन, लक्ष्मीचन्द्र : दिगम्बर जैन ग्रंथों में बिन्दु, वृत्त, रेखा और त्रिभुज, 2 (4), 9-12 A2.26 जैन, रमेशचन्द्र : भविष्यत् काल के तीर्थकर, बलभद्र, नारायण एवं प्रतिनारायण के शरीर की ऊँचाई का प्रमाण,
2 (4), 17-20
A2.30 Lishk, Sajjan Singh : On Five Circular Parts of Jambudvipa, 2(4), 45-49 A 3.1 दुबे, महेश : कवि और गणितज्ञ : महावीराचार्य, 3(1), 1-26
A 3.2 A 3.3
Jain, Laxmi Chandra : Subject Matter of Labdhisāra, 3(1), 27-37 Lishk, Sajjan Singh : On Nature of the Sun and the Moon as mentioned in Twentieth Pāhuda of Surya Pannatti (Prajnapti), 3 (1), 39-40
A 3.6
Rajagopal, P. : The Sthānānga Sūtra Programme in Indian Mathematics, 3(2), 1-8
A 3.16 Michiwaki Yoshimasa : On the Resemblence among Indian, Chinese and Japanese Old
Mathematics, 3(3), 23-26 A 3.17 Lishk, Sajjan Singh : An Introduction to Syadvada Siddhi of Vadibha Simha. Suri,
3(3), 27-31 A 3.18 जैन, लक्ष्मीचन्द्र : मूल नन्दिसंघ आचार्य श्री कुन्दकुन्द का समय निर्धारण (गणितीय परम्परा के आधार पर),
3(3), 33-41 A 3.19 जैन, अभयप्रकाश : खगोल शास्त्र एवं जैन ज्योतिष की प्राचीनता, 3(3), 43-47 A 4.1 गुप्त, राधाचरण : चीन और जापान में पाई 0 के जैनमान (V10) की लोकप्रियता, 4 (1). 1.5 A 4.6 Gupta, R.C. : Mahavirācārya's Rule for the Area of a Plane Polygon, 4(1), 45-54 A 4.7 Rajagopal,P : Practical and Commercial Problems in Indian Mathematics, 4(1), 55-70
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________________
A 4.10 अग्रवाल, सुरेशचन्द्र : जैन गणित के क्षेत्र में शोध के नये क्षितिज
4 (2-3), 29-36
A 4.13 झा, परमेश्वर : जैन ज्योतिष गणित : आर्यभट् प्रथम 4(2-3), 45-50
A4.20 Gupta, R.C. : Jaina Cosmography and Perfect Numbers, 4 (2-3), 89-94
A 4.21 Jain, Laxmi Chandra : The Jaina Schools of Mathematical Sciences (The Digambara
and the Svetambara Schools), 4(2-3), 95-101
A 5.14 Kapur, J.N. : Ancient Indian Mathematics and its Relevence to Modern Indian
Mathematics, 5(2), E41-47 A5.18 शास्त्री, नाथूलाल जैन : करणानुयोग के परिप्रेक्ष्य में तथ्य सत्यदृष्टि तथा करण (गणित) की अनिवार्यता,
5(3), 173-178
A 5.22 Rajagopal, P : Mathematical Problem Solving in Medieval India and Europe, 5(3), E 77-92 A 6.6 गुप्त, राधाचरण : मयूर कितने थे?, 6 (1), 37-40 A6.16 जैन, लक्ष्मीचन्द्र : प्राकृत ग्रन्थों की कतिपय गणितीय अन्तर्वस्तुएँ तथा उनकी इतिहास, भाषा विज्ञान एवं
पुरालिपि विज्ञान में भूमिका,6 (2), 97.101
A6.20 जैन, अनुपम : भगवान ऋषभदेव की परम्परा में विकसित गणित, 6(2). 125-130
A 6.21 Jain, Laxmi Chandra & Jain, Anupam : Mathematical Content of Certain Digambara
Jaina Texts. 6(2), 19-24
A 6.34 Lishk, Sajjan Singh : Jaina Horary Astrology and Kevaljñānapraśnacūdāmaņi,
6 (4), 91-94 A 8.2 जैन, अनुपम एवं सिंघल, ममता : आचार्य श्रीधर एवं उनका गणितीय अवदान, 8 (1), 17-24 A8.3 जैन, रमेशचन्द्र : तीन लोक - आधुनिक दृष्टि में, 8 (1), 25-28 A 8.11 Nandighosh, Vijay Muni : Mathematical Form of Parmāņu Units (Vargana) According
to Ācārānga Sūtra, 8 (2), 39-40 A 8.12 Jain, Laxmi Chandra & Jain, Anupam : On the Three Types of Intervals between the
Rectangular Lakes on the Nandiśvara Island, 8 (2), 41-42 A 8.25 जाधव, दिपक : गोम्मटसार (जीवकाण्ड) में संचय का विकास एवं विस्तार, 8 (4), 45-51 A9.12 झा, परमेश्वर : जैन गणित : कतिपय प्रमुख केन्द्र, 9 (3), 9-17 A9.13 जाधव, दिपक : नेमिचन्द्राचार्य कृत संचय के विकास का युक्तियुक्तकरण, 9 (3), 19-34 A 10.7 Mishra, P.N. & Pandit Shailendra : A Special Calendar, 10 (1), 75-77 A 10.14 जाधव, दिपक : नेमिचन्द्रचार्य कृत ग्रन्थों में अक्षर संख्याओं का प्रयोग, 10 (2), 47-59 A 10.16 Rajagopal, P. : Indian Mathematics and its Evolution, 10 (3), 9-26
A 10.19 जाधव, दिपक एवं जैन, अनुपम : गोम्मटसार (जीवकाण्ड) में काल एवं उसका मापन, 10 (3), 47-54
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________________
A 10.23 Serguei, Krivov: The Formal Semantic for Jaina Logic, 10 (4), 9-29
A 10.29 जैन, अनुपम एवं जैन श्वेता शौरसेनी प्राकृत ग्रन्थों में निहित गणितीय सामग्री 10 (4), 63-68
A11.21 जैन, लालचन्द्र 'राकेश' जैन भूगोल वैज्ञानिक सन्दर्भ, 11 (3) 43.47
:
:
A11.23 Jadhav, Dipak Exploration of Representation of Numbers in Nemicandrācārya's Works, 11 (3), 53-63
A11.25 जाधव, दिपक गोम्मटसार का नामकरण 11 (4) 19-24
:
A 12.7 जैन, अनुपम जैन गणित के उद्धारक : डॉ. हीरालाल जैन, 12 (1), 43-46
A12.11 Jain, Anupam Indian Contribution to Mathematics with Special Reference to Misplaced Credits of Jainācāryas, 12 (1), 67-74
12.15 जाधन, दिपक
शंकराचार्य व्यक्तित्व एवं गणितीय कृतित्व, 12 (2). 41-44
A12.31 Jadhav, Dipak
On the Quadrature of a Circular Annulus, 12 (4), 61-66
A13.4 Jain, Rajmal The Solar System in Jainism and Modern Astronomy, 13 (!' A14.1 Gupta, R.C. Area of Bow-Figure in Jaina Mathematics, 14 (1), 9-15 A14.2 Jain, Anupam
Mathematics in Mahavira's Tradition, 14 (1), 17-29
A14.3
Jadhav, Dipak and Padmavathamma 14 (1), 31-54
A14.4 Jain, Nandlal: Mathematical Formulary of Jainistic Precepts, 14 (1), 55-60 A14.5 गुप्त, राधाचरण जैन गणित पर आधारित नारायण पंडित के कुछ सूत्र, 14 (1) 61-70
A14.8 जैन, अनुपम अग्रवाल ममता एवं तिलवनकर, प्रशान्त आचार्य श्रीधर और उनका गणितीय अवदान, :
14 (2-3), 15-30
A14.9 जैन, उदयचन्द्र गणनकृति स्वरूप एवं विवेचन, 14 (2-3), 31-33
A14.12 जैन, अनुपम बीसवीं सदी में जैन गणित के अध्ययन की प्रगति, 14 (2-3), 51-68
A14.14 Jain, Pragati & Jain, Anupam ācārya Virasena and his Mathematial Contribution, 14 (2-3), 79-90
A14.15 Surana, Dilip KD Theory of Time & Consciousness, 14 (2-3), 91-97
अर्हत् वचन 15 (1-2), 2003
The Mensuration of a Conch in Ancient India,
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________________
भौतिक एवं रसायनशास्त्र
(Physics & Chemistry) (23)
A1.22 गेलडा, महावीर राज : तमस्काय - ब्लेक होल, 1 (3), 17-19
A 1.23 कुमुदनंदि (मुनि) : जैनधर्म और परमाणु विज्ञान, 1 (3), 21-24 A1.32 जैन, नन्दलाल : कुदकुन्द के ग्रन्थों में द्रव्य, गुण और पर्याय : तुलनात्मक समीक्षा, 1(3-4), 1-17 A 2.2 जैन, लक्ष्मीचन्द्र एवं जैन, अनुपम : आचार्य कुन्दकुन्द एवं नाभिकीय रसायन ,2 (1), 7-12 + 2 चित्र पृष्ठ A 2.29 जोशी, कमला : जैन दर्शन और आधुनिक विज्ञान के परमाणु विषयक विचारों का तुलनात्मक विवेचन, 2 (4), 35-43 A 3.26 जैन, कमलेश : जैन परम्परा में पंचास्तिकाय' की अवधारणा, 3 (4), 25-34 A 4.11 जैन, रमेशचन्द्र : जैन दर्शन एवं आधुनिक विज्ञान, 4 (2-3), 37-40 A4.29 जैन, अभयप्रकाश : प्रकाशधारा और आभामंडल, 4 (4), 31-34
A5,25 अग्रवाल, पारसमल : अनेकान्तवाद एवं आधुनिक भौतिक विज्ञान, 5 (4), 229-245
A 6.32 Jain,A.P : Cosmos Energy Pyramids and Namokāra, 6 (4), 61-66 A7.19 जैन, अजितकुमार : पौद्गलिक स्कन्धा का वैज्ञानिक विश्लेषण, 7 (4), 9-23 A8.1 अग्रवाल, पारसमल : कारण - कार्य सिद्धान्त के परिप्रेक्ष्य में कर्म सिद्धान्त एवं भौतिक विज्ञान का क्वाण्टम
सिद्धान्त, 8 (1), 9.15 A 8.22 जैन, अनिल कुमार : निमित्त तशा उसका वैज्ञानिक निरूपण, 8 (4). 17-28 A8.23 गेलडा, महावीर राज : विज्ञान और जैन आगम के सन्दर्भ में सूक्ष्म पदार्थ क्या है?, 8 (4), 29-36 A 8.26 Jain, Nandlal : Jaina Relativism (Anekāntavāda) and Theory of Relativity, 8 (4), 53-66 A 10.17 Mishra, Ashok K. : Epistemology in the Jaina Aspect of Atomic Hypothesis, 10 (3), 29-34 Al1.19 जैन, कुमार अनेकान्त : कालद्रव्य : जैन दर्शन और विज्ञान, 1 (3), 23-32
A11.20 जैन, नन्दलाल : रसायन के क्षेत्र में जैनाचार्यों का योगदान, 11 (3), 33-42
A12.10 Nandighosh, Vijay (Muni) : Colour : The Wonderful Charecterstic of Sound, 12 (1), 61-66 A12.25 Nandighosh, Vijay (Muni) : Jainistic & Scientific Analysis of Extrasensory Perceptions
of Shri Ashok Dutt, 12 (3), 55-63 A14.6 जैन, अभयप्रकाश : जैन साहित्य में ध्वनि/शब्द विज्ञान, 14 (1), 71-74
A14.10 मंगलप्रज्ञा (समणी) : जैन दर्शन मान्य काल-द्रव्य, 14 (2-3), 35-39
A14.11 जैन, स्नेहरानी : काल विषयक दृष्टिकोण, 14 (2-3), 41-50
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________________
प्राणीशास्त्र, वनस्पति शास्त्र एवं पर्यावरण (Zoology, Botany & Environment) (32)
A 5.9 Kaushik, J.P. & Sikarwar, Ram Lakhan Singh & Shukla, R.M. : Flora of Gwalior
Fort, 5 (1), E7-24 A 6.23 जैन, उदयचन्द : शाकाहार एवं पर्यावरण, 6 (3), 155-170 A6.25 भट्टाचार्य, मधुलेखा: प्रदूषण एवं स्वास्थ्य, 6 (3), 177-180 A 6.27 Jain, Rajmal : Environment and Anekānta, 6 (3), 39-43 A 6.28 Jain, S.M. : Jainism and Environment Protection, 6(3), 45-54 A7.23 Jain, Surajmal: Symbiosis v/s Predation,7 (4), 65-67
A7.24 Jain, Suresh, : Save Planet Through Eco - Jainism.7 (4). 69.72
A8.8
जैन, पुष्पलता : पर्यावरण संरक्षण और जैनागम, 8 (2), 17-24
A 8.10 मेहता, संगीता : जैन वांगमय में पर्यावरण चेतना. 8 (2). 31-38
A 8.13 Jain, Sneh rani : Tissue Culture Sammūrchana form of Life, 8 (2), 43-47 A 8.15 जैन, अशोक : जैन मूर्तियों, शिल्पकला एवं प्राचीन ग्रंथों का जैविक क्षरण, 8 (3), 9-15 A9.4 जैन, आराधना : गोम्मटसार जीवकाण्ड में प्रतिपादित षट्लेश्या और पर्यावरण, 9 (1), 37-42 A9.7 जैन, अनिल कुमार : विज्ञान के परिप्रेक्ष्य में सम्मूर्छन जन्म, 9 (2), 25-40 A9.8 जैन, अशोक : जैनाचार्यों का वानस्पतिक ज्ञान, 9 (2), 41-45 A9.24 जैन, अजित कुमार : पर्यावरण और जैन धर्म, 9 (4), 47-53 A 10.24 नांदगांवकर, राजकुमार : पर्यावरण विज्ञान के जनक भगवान ऋषभदेव, 10 (4), 31-34 A10.25 जैन, अजित 'जलज' : तत्त्वार्थसूत्र में जीव विज्ञान की अवधारणाओं का निरूपण, 10 (4), 35-40 A11.17 जैन, अनिलकुमार : क्लोनिंग तथा कर्म सिद्धान्त, 11 (3), 9.15 A11.18 जैन, अजित 'जलज' : जैन कर्म सिद्धान्त की जीव वैज्ञानिक परिकल्पना, 11 (3), 17-22 A11.29 जैन, उदयचन्द्र : अनेकान्त की दृष्टि और पर्यावरण की सृष्टि, 11 (4), 37-39 A11.30 बंसल, राजेन्द्रकुमार : प्रकृति पर्यावरण के सन्दर्भ में आहार का स्वरूप, 11 (4), 41-43 A11.31 जैन, मालती : जैन धर्म और पर्यावरण,11 (4), 45-48
A11.32 Jain, A.P. : Gośālā Movement in India - A Nonviolent Perspective for the Future,
11 (4), 49-60
A12.19 जैन, जिनेन्द्रकुमार : जैन साहित्य और पर्यावरण,12 (2), 57-62
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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________________
A12.20 जैन, सनतकुमार जैन आगम में पर्यावरण विज्ञान 12 (2) 63-65
A12.29 जैन, स्नेहरानी
:
आधुनिक विज्ञान वर्गणाएँ तथा निगोद 12 (4), 27-47
A13.7 जैन, अजित 'जलज'
जैन विद्या और वनस्पति विज्ञान सैद्धान्तिक समानताएँ एवं संभावनाएँ 13 (1)55-59
:
शाकाहार एवं पर्यावरण संरक्षण, 13 (1) 61-69
A 13.8 जैन, निहालचन्द A14.16 Jain, N.P. A14.18 जैन, अजित 'जलज' :
A14.19 जैन, अजित 'जलज' A14.21 तिवारी, बिनोदकुमार
शाकाहार, आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य (Vegetarianism, Ayurved & Health) (20)
Environment, Life Ethics and Jain Religion, 14 (4), 9-14
A 2.7 Jain, D.C. Bio-chemistry of Violence, 2(2), 1-3
A 2.20 Jain, Sneh Rani : On Certain Concepts of Time in Pharmaceutical and Religious Studies, 2(3), 27-38
A 3.10 सम्यक्त्व सागर (ऐलक) प्राकृतिक संरचना एवं मांसाहार, 3(2), 51-54
A 3.24 Jain, H.C.: Jainism and Principles of Health, 3 (4), 17-19
A 4.17 जैन, स्नेहरानी
58
A 4.18 जैन, नीलम
वर्तमान आयुर्वेदिक पद्धतियों के स्वरूप, 4 (2-3), 69-77 पर्यावरण प्रदूषण मांसाहार से भी होता है, 4(2-3) 79-80 जैन धर्म और आयुर्वेद, 5 (2), 93-98
A 5.10 जैन, राजकुमार (आचार्य)
A 5.11 शुक्ल, राममोहन भविष्य का पूर्ण आहार, 5 (2), 99-102 + 1 आर्ट पेपर
A 5.27 जैन, एच.सी. जैन आयुर्वेद का ऐतिहासिक पक्ष, 5 (4) 253-259
171-175
A 6.24 जैन, राजकुमार सात्विक हो आहार हमारा 6 (3) A 7.13 जैन, राजकुमार (आचार्य) श्रुत परम्परा में आयुर्वेद 7(3), 7-15 A8.16 पटेल, जया भारतीय अर्थतंत्र की रीढ गाय, 8 (3) 17-30 A 8.24 जैन, आचार्य राजकुमार Kalpavrksas The Bahovolent Trees (Scientific Interpretation),
आयुर्वेद को जैनाचार्यों का योगदान, 8(4), 37-44
A9.11 Jain, S.M.
9 (2), 63-73 A 9.20 जैन, शकुन्तला
A 9.23 Jain, A. P. Sarāka Tribal Folk Therapy, the Art of Healing, 9 (4), 39-46
अहिंसा की वैज्ञानिक आवश्यकता और उन्नति के उपाय 14 (4), 25-31 कीट हत्या: कारण, प्रभाव तथा बचाव, 14 (4) 31-35
जैन संस्कृति और पर्यावरण 14 (4), 41-43
:
-
मध्यकालीन जैन आयुर्वेदाचार्य पं. आशाधर, 9 (4), 27-29
-
अर्हत् वचन 15 (1-2), 2003
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________________
A 9.25 शर्मा, गायत्री आजादी के पचास वर्ष और भारतीय पशुधन (गोरक्षा एवं माँस निर्यात के विशेष सन्दर्भ में),
9 (4), 57-72
A12.21 जैन, शकुन्तला जैन आयुर्वेद एक परिचय 12 (3), 9-27
A13.25 महाप्रज्ञ (आचार्य)
मांसाहार एक समीक्षा, 13 (3-4), 15-18
A14.22 प्रसाद, जगदीश मांसाहार और आधुनिक विज्ञान 14 (4) 45-47
:
शिक्षा एवं मनोविज्ञान ( Education & Psychology ) ( 11 )
A 2.11 जैन, रत्नलाल कर्म की विचित्र गति मनोविज्ञान के परिप्रेक्ष्य में, 2 (2) 27-37
A 2.23 कनकनन्दि, (उपाध्याय मुनि)
:
जैन धर्म में वर्णित मनोविज्ञान ( षट् भावात्मक वर्ण), 2 (4), 1-7
A 3.30 जैन, रत्नलाल
A 5.13 जैन, रत्नलाल
A 6.19 जैन, रत्नलाल
-
A 7.18 Kothari, Saroj : Impact of Religion upon Development of Moral Conncepts, 7 (3), 69-76
A 7.20 जैन, कमलेशकुमार
जैनागमों में श्रावक शिक्षा, 7(4), 25-33
A 8.21 मिश्र, प्रभुनारायण
मानव मन जैन दर्शन और मनोविज्ञान की दृष्टि में, 8(4), 9-16
A 9.14 जैन, रत्नलाल जैन कर्म सिद्धान्त और मनोविज्ञान, 9 (3), 35-45
कर्मवाद का मनोवैज्ञानिक पहलू, 3 (4) 51-60
मनोविज्ञान के परिप्रेक्ष्य में भाग्य को बदलने का सिद्धांत: संक्रमणकरण, 5 (2), 107-114
भगवती अहिंसा और विश्वशांति, 6 (2), 119-124
A13.3
Kumar, Bhuvanendra S.A. Partnership for Jaina Education Promotion, 13 (1), 27-32 A14.17 कोठारी, सरोज आतंकवाद का मनोविज्ञान एवं अहिंसा के सिद्धान्त की प्रासंगिकता, 14 (4) 15-24
संगीत एवं चित्रकला (Music & Paintings ) ( 11 )
A 3.23 Jain, A. P.: Transitive Elements of Music in Jaina Works, 3 (4), 13-16
A 4.5
Jain, A. P. The Emergence of Drone in Indian Music as Dipicited in Jaina Sources, 4 (1), 39-43
A 4.24 Jain, A. P. Raga and their Time, 4 (2-3), 111-114)
A 5.26 जैन, अभयप्रकाश
:
जैन ग्रन्थों में प्रतिपादित वीणा, 5 (4), 247-252
A 6.18 जैन, अभयप्रकाश
कन्नड जैनाचार्यों की संगीत सेवा 6 (2) 113-117
शर्मा, जयचन्द्र
णमोकार महामंत्र एक सांगीतिक यात्रा ण' से 'णं' तक 7(2), 11-14
A 7.7 A. 8.6 Jain, A. P. Melodic Perception of Music in Jaina Source 8 (1) 49-51 अर्हत् वचन 15 (1-2). 2003
I
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________________
A11.22 शर्मा, जयचन्द्र णमोकार महामंत्र साधना के स्वर, 11 (3), 49-52 A12.16 शर्मा, जयचन्द्र णमोकार मंत्र की जाप संख्या और पंचतंत्री वीणा, 12 (2), 45-48 13.9 जैन, अभयप्रकाश : आचार्य ज्ञानसागर कृत वीरोदय महाकाव्य का संगीत पक्ष, 13 (1), 71-76 A13.21 जैन, जया रइघू रचित पोथी चित्र में जैन चित्रकला 13 (2), 51-56
A 4.16 जैन, प्रकाशचन्द्र
A 4.19 सालगिया, सुशीला
A 5.12 जैन, महेन्द्रकुमार मनुज
जैन, भागचन्द्र 'भागेन्दु'
:
जैन विद्या के महामेरू : आचार्य कुन्दकुन्द, 4 (2-3), 63-67 मूक माटी की सामाजिक चेतना, 4(2-3), 81-88
पाहुडसूत्रों की दशाधिकटीकाएँ, 5 (2) 103-106
गोम्मटेश्वर बाहुबली और गोमटेश यदि एक अनुशीलन, 6 (1), 21-25 पांडुलिपि सम्पादन एवं सुरक्षा 6 (4), 215-221
A 6.29 जैन, कमलेशकुमार
A 6,300 सालगिया, सुशीला
:
आचार्य विद्यासागर व्यक्तित्व एवं कृतित्व, 6(4), 223-233
A 7.1 जैन, कुन्दनलाल A 8.7 जैन, अनुपम
महाकवि धवल से पूर्ववर्ती कुछ कवि और उनकी रचनाएँ 7 (1) 9.16 गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती व्यक्तित्व एवं कृतित्व 8 (2) 11-16
A 9.18 जैन, बारेलाल एवं जैन, के. एल. आचार्य विद्यासागर के काव्य में राष्ट्रीय एकता के स्वर, 9 (4), 13-22
साहित्य (Literature ) ( 18 )
:
60
-
A 10.27 दुबे पुरुषोत्तम श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा विरचित मेरी स्मृतियों एक समीक्षा, 10 (4) 49-53
:
-
A12.9 मेहता, संगीता जैनधर्मे : आचारदृष्टि, 12 (1), 53-60
A12.12 चन्दनामती (आर्यिका ) संस्कृत साहित्य के विकास में गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी का योगदान, 12 (2), 9-30
13.11 जैन, प्रकाशचन्द्र जैन कवि लाख, 13 (1) 81-84
=
A13.12 जैन, महेन्द्रकुमार 'मनुज' षट्पाहुड की पद्यानुवाद युक्त अप्रकाशित पांडुलिपि 13 (1) 85-87 A13.15 जैन, रश्मि तीर्थकर महावीर पर आधारित प्रबन्ध काव्य, 13 (2) 17-26 A13.17 मेहता, संगीता : वर्धमान चरितम्, वर्धमानस्वामिचरित्तम्, 13 (2) 29-34 A13.31 जैन, प्रकाशचन्द्र डॉ. नेमीचन्द जैन सन्दर्भ साहित्य : एक दृष्टि, 13 (3-4), 59-62 A13.32 मधुबाला (साध्वी) सम्मइजिणचरिऊ में महावीर, 13 (3-4), 63-66
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कर्म सिद्धान्त और सामान्य विज्ञान (Karma Theory & General Science) (47)|
A1.24 खरे, के. सी. : योग के वैज्ञानिक रहस्य, ध्वनि ॐ का महत्व, 1 (3), 25-26
A 1.25 Kasliwal, R.M. : Karma and Rebirth Phenomenon of Jaina Philosophy as Worked out on
Scientific Lines, 1 (3), 27-32
A 1.30 Jain, Sultan Singh : Religion Means - The Thoughtful way of Living which Bless Others
to Live to0, 1(3), 55-58 A 2.1 कनकनन्दि (उपाध्याय - मुनि) : जीव की विभिन्न गति के वैज्ञानिक कारण, 2 (1), 1-5 A2.3 जैन, लक्ष्मीचन्द्र : जैन धर्म बनाम विश्वधर्म, 2 (1), 13-19 A2.18 जैन, नीलम : वर्तमान की आवश्यकता - जैनागम का वैज्ञानिक विश्लेषण, 2 (3), 21-22 A2.25 जैन, नीलम : जैन धर्म की धरा और विज्ञान का वृक्ष, 2 (4), 13-16 A 2.28 कनकनन्दि (उपाध्याय - मुनि) : दिव्यध्वनि : एक विश्लेषण, 3 (4), 25-33 A 3.4 कनकनन्दि (उपाध्याय - मुनि) : कर्म सिद्धान्त का वैज्ञानिक विश्लेषण, 3(1), 41-44 + 2 आर्ट पेपर A 3.11 जैन, नीलम : राम धनुर्धर ही नहीं, वैज्ञानिक भी थे, 3 (2), 55-57 A 3.27 कनकनंदि (उपाध्याय - मुनि) : मंत्र का वैज्ञानिक विश्लेषण, 3 (4), 35-39 A3.28 जैन, नीलम : 'चरणस्पर्श' का वैज्ञानिक आधार है. 3(4). 41-44'
A 4.9 शास्त्री, ब्र. सुमन : जैन दर्शन अध्यात्म/विज्ञान, 4 (2-3), 25-28 A 5.19 कुमार, रज्जन : पृथ्वीकाय 36 या 40, 5 (3), 179-185 A 5.24 दुबे, महेश : विज्ञान, धर्म और आइंस्टाइन, 5 (4), 225-228 A 6.13 जैन, (ब्र.) रवीन्द्रकुमार : महामस्तकाभिषेक की प्रासंगिकता एवं उपयोगिता, 6 (2), 85-87 A 6.14 जैन, नीलम : महामस्तकाभिषेक : एक विश्लेषण,6 (2), 89-92 A 6.26 जैन, ज्योति : 1991-93 में जैन विद्या शोध एवं पंजीकृत शोधार्थी : एक विश्लेषण, 6 (3), 181-190 A 6.33 Bhattacharya, Samir K. : Meditative Way to Peace, 6 (4), 67-90 A 7.4 Jain, Nandlal : Branches and Subjects of Learnings in Jaina Canons, 7 (1), 75-84 A7.10 जैन, रामजीत (एडवोकेट) : अनन्त ज्ञान का प्रतीक 'ओं - ओउम् - ऊँ',7 (2), 23-26 A7.15 जैन, अभयप्रकाश : समवशरण स्थित भामण्डल में गत/आगत भवों का दिग्दर्शन, 7 (3), 21-25
A7.16 जैन, नीलम : मानस्तम्भ संरचना की सार्थकता : एक विश्लेषण, 7 (3), 26-30 + 1 पृ. आर्ट पेपर
A 7.25 Shastri, T.V.G. : Jainism and the Spiritual Environment, 7 (4), 73-75
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A 8.17 A9.1
जैन, अशोक : मंत्र विद्या : जैन दृष्टि, 8 (3), 33.36 जैन, नाथूराम डोंगरीय : जैन दर्शन में अनेकान्त और स्याद्वाद, 9 (1), 7-16
A9.2
कुमार, रज्जन : ध्यान : एक विश्लेषण,9 (1), 17-27
A 9.6 A9.9
Agrawal, Parasmal : The Existence of Soul & Modern Science, 9 (2), 9-24 जैन, नन्दलाल : णमोकार मंत्र की साधकता - एक तुलनात्मक विश्लेषण, 9 (2), 47-55
A9.10 जैन, कमलेशकुमार : जैन शास्त्रों में तन्त्र - मन्त्रों के उल्लेख, 9 (2), 57-62 A9.15 नांदगांवकर, राजकुमार : पाषाण प्रतिमा क्षरण - कारण, मीमांसा, 9 (3), 47-52
A9.16 Serguie, Krivov : Eco - Rationality and Jaina Karma Theory, 9 (3), 53-68 A9.19 समणी, मंगलप्रज्ञा : सत्य व्याख्या का द्वार - अनेकान्त, 9 (4), 23-26 A 9.21 Mishra, P.N. : Management of Anger : A Moment of Indian Wisdom, 9 (4), 31-34
A 9.22 Jain, Suresh : The Strategy for Better Management of the Self, 9 (4), 35-38
A 10.15 Gangwal, Manik Chand : Karmic Theory in Jain Philosophy, 10 (2), 61-63 A 10.20 जैन, जिनेश्वरदास : कर्म बन्धन का वैज्ञानिक विश्लेषण, 10 (3), 55-62 A 11.12 कावडिया, गणेश : जैन आगम साहित्य में अर्थ चिंतन, 11 (2), 33-36
A 12.3 जैन, सुधीर : जैन धर्म पर डाक टिकटें, 12 (1), 17-20 +1 Art paper A 12.5 जैन, दयाचन्द : महामंत्र णमोकार : एक तात्विक एवं वैज्ञानिक विवेचन, 12 (1), 29.38 A 12.6 जैन, उदय : हिन्दू और जैन आर्थिक चिन्तन : वर्तमान परिप्रेक्ष्य में, 12 (1), 39-42 A12.8 जैन, हेमन्त कुमार : अन्य ग्रहों पर जीवन, 12 (1), 47-51 A12.26 अग्रवाल, पारसमल : जैनागम में प्राणायाम एवं ध्यान,12 (3), 65-66 A12.32 अग्रवाल, पारसमल : जैनागम, आधुनिक विज्ञान एवं हमारे दैनन्दिन जीवन में ध्यान,12 (4), 67-74 A13.28 मेहता, मुकुलराज: जैन दर्शन में आस्रव तत्व का स्वरूप, 13 (3-4), 41-47 A14.7 जैन, प्रभा (ब्र.) एवं जैन, लक्ष्मीचन्द्र : आधुनिकतम मस्तिष्क संबंधी खोजें - जैन कर्म सिद्धान्त के परिप्रेक्ष्य में,
14 (1), 75-86 A 14.13 Dongaonkar, Ujjwala N., Karade, T.M. & Jain, L.C. : A Brief Review of the Literature
of Jaina Karmic Theory, 14 (2-3), 69-77
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अर्हत् वचन वर्ष – 1 (1988-89) से वर्ष 14 (2002) में प्रकाशित
-
लेखों की लेखकानुसार सूची
अग्रवाल, अशोक ( Agrawal, Ashok )
N 10.6
अग्रवाल,
अश्विनी ( Agrawal, Ashvini)
B 10.1
अग्रवाल, भंवरलाल ( Agrawal, Bhanwarlal) N 10.2, N 10.5
अग्रवाल, मुकुट बिहारीलाल ( Agrawal, S 1.1
अग्रवाल, पारसमल ( Agrawal, P.M. )
A 1.1, A 2.17, A 5.25, A 8.1, A 9.6, A 12.26, A 12.32, N 9.4, अग्रवाल, सुरेशचन्द्र ( Agrawal, Sureshchandra )
A 4.10, B 13.4, R 8.1, R 8.6,
अली, अहमद (Ali, Ahmed )
A 7.22
अमर, गोपीलाल आचार्य
(Amar, B1.3, B5.4,
A 11.9, आर्य, मायारानी (Arya, Mayarani )
M.B. Lal)
Gopilal Acharya ) B7.2, B7.3
A 5.4
आर्य, सुरेन्द्रकुमार (Arya, Surendra Kumar) A 6.1, A 5.2, N 7.5,
अतुल ( ब्र. ) ( Atul, Br.)
N 11.5
N 8.3, बगडा, चिरंजीलाल (Bagda, Chiranjilal)
N 14.11
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
बहुगुणा, सुन्दरलाल (Bahuguna, Sundarlal) N 10.7
बजाज, मदन मोहन (Bajaj, Madan Mohan)
N 7.2
B5.1, S 4.7, S 5.3
बाजपेयी, अटलबिहारी (Bajpai, Atal Bihari)
N 12.5
बाजपेयी, कृष्णदत्त (Bajpai, K.D. ) A 3.15, A 3.21, A 4.2 बंडी, श्रेणिक (Bandi, Shrenika)
N 14.3
S4.5
63
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________________
बंसल, राजेन्द्रकुमार (Bansal, Rajendra Kumar ) A 8.9, A 11.30, A 13.18
TE (Bhatt, Jayashree Sunil )
A 11.10
भट्टाचार्य, मधुलेखा (Bhattacharya, Madhulekha ) A 6.25
ga, (Bhattacharya, Samir)
A 6.33
बोबरा, सूरजमल (Bobra, Surajmal)
A 10.4, A 10.22, A 11.6, A 11.11, A 11.24, A 13.27, B13.1, बोथरा, सुरेन्द्र (Bothra, Surendra)
A 13.6
are (af) (Chandnamati (Aryika)) A 12.12, A 13.14, 13.2, P 6.1 atur, (Chaudhari, Saroj)
(Chhabda, Gourav)
छाबडा, BEST,
A 12.22
A 11.27
3, 39 (Chhajed, Anupama)
S 14.1
चौधरी, कैलाशचन्द्र (Choudhary, Kailashchandra ) N 3.3
चौरसिया, सुरेन्द्र कुमार (Chourasiya, Surendra Kumar) A 11.14
धर्मानन्द ( क्षुल्लक) (Dharmanand, Kshullak )
B 2.8
डोणगांवकर नेमचन्द्र (Dongaonkar, Nemchandra ) A 8.18, A 9.3, A 11.28
"
डोणगांवकर, उज्जवला, एन. कराडे, टी. एम. एवं जैन, एल. सी (Dongaonlar, Ujjwala N., Karade, T.M. & Jain, L.C.)
A 14.13
दोशी, अशोक (Doshi, Ashok )
R 9.1
(Dubey, Mahesh)
A 3.1, A 5.24, P 2.1
दुबे, नागेश (Dubey, Nagesh )
A 10.10
ga, gola (Dubey, Purushottam )
A 10.27
64
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________________
SERICIRA, (Ekmabaranathan, A.)
A 2.5
गणेशन, टी. (Ganeshan, T. )
A 3.22, A 4.25, A 7.17, A 10.30, गंगवाल, माणिकचन्द (Gangwal, Manikchand) A 10.15
लिडा, महावीर राज (Gelra, Mahavir Raj ) A 1.22, A 8.23
गोयल, निर्मलकुमार (Goyal, Nirmal Kumar )
N 9.3
ener
(Gupta, Radhacharana)
A 1.3, A4.1, A 4.6, A 4.20, A 6.6, A 14.1, N 14.1, N 14.2, C1.1, R 1.1
गुप्तिसागर ( उपाध्याय मुनि) (Guptisagar, Upadhyaya, Muni)
A 4.8
झंडा देवेन्द्र (Handa, Devendra)
A 1.38
अनुमतराव, बी.एस.एल. (Hanumantharao, B.S. L.)
A 2.21, A 4.26
डायाशी तकाओ (Hayashi, Takao)
B 2.7
ana, feyes (Jadhav, Dipak)
A 8.25, A 9.13, A 10.14, A 11.23, A 11.25, A 12.15, जाधव, दिपक एवं जैन, अनुपम (Jadhav, Dipak & Jain, Anupam)
A 10.19
anera, feasy q1 (Jadhav, Dipak & Padmavathamma)
A 14.3 जैन, अभय (Jain, Abhay ) N 6.2
जैन, अभयप्रकाश (Jain, A. P.)
A 9.23, N 5.5,
A 2.19, A 3.9, A 3.19, A 3.23, A 4.5, A 4.24, A 4.29, A 6.2, A 6.18, A 6.32, A 7.2, A 7.15, A 8.6, A 11.32, A 13.9, A 14.6, A 14.26, N 4.7, N 5.2, N 8.9. N8.11, N 9.6, N 10.11, N 10.20, N 11.2, N 11.8, N 12.1, B 10.3, B 13.5 R 6.2, R 8.3, जैन, आदित्य (Jain, Aditya )
N11.3, R 8.4,
N6.3, N11.4
da, ang (Jain, Ajit Kumar)
A 7.19, A 9.24
A 12.30
अर्हतु वचन, 15 (1-2), 2003
A 14.5,
A 12.31
A 5.5,
A 11.2, A 11.2,
N 6.12,
N 11.7,
R 14.4,
A 5.26, A 11.8, N7.7,
65
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________________
जैन, अजित 'जलज' (Jain, Ajit ‘Jalaj' )
A 10.25, A 11.18, A 13.7, A 14.18, A 14.19
(Jain, Alpana) A 10.8
जैन, अनुपम (Jain, Anupam )
A 1.6,
A 1.7,
A 11.5,
A 12.7,
N 2.2,
N 14.7,
B 9.1,
B 9.2,
B 12.2,
R 5.2,
R 13.2,
जैन,
,
A 1.15,
A 14.12,
B 5.2,
B 5.3,
B 11.3,
B 11.6,
B 14.3
R 1.2,
R 7.7,
R 10.2.
17.1.
17.2.
S 1.4,
C 8.2,
C11.1,
C 12.1,
C7.1, Ja, sgan ya seaner (fier), un (Jain, Anupam & Agrawal (Singhal), Mamta)
A 8.2
जैन, अनुपम अग्रवाल (सिंघल), ममता एवं तिलवनकर, प्रशान्त
(Jain, Anupam, Agrawal, Mamta & Tilvankar, Prashant)
A 14.8
B 12.3,
R 6.1,
I 1.1,
A 1.8,
A 12.11,
B 2.16,
B 10.2,
B 13.6,
R 6.3,
12.1,
A 1.13,
A 14.2,
B 3.6,
B 11.2,
B 14.2,
R 7.2,
13.1.
C9.1,
जैन, अनुपम एवं अग्रवाल, , gan pasar, ger (Jain, Anupam & Agrawal, Suresh Chandra)
सुरेशचन्द्र
A 1.4, A 1.5
66
अनुपम एवं
guy, (Jain, Anupam & Jain, Jaichand)
A 1.19
ăn, 3544 trở đi, da (Jain, Anupam & Jain, Sweta )
A 10.29
जैन, अनिलकुमार (Jain, Anil Kumar )
A 8.22, A 9.7, A11.17, A 13.20, TUT (Jain, Aradhana) A 9.4
जैन, अरविन्दकुमार (Jain, Arvind Kumar )
A 10.12, B 8.5. R 5.5, R 1.3, R 1.5, R 10.1, (Jain, Ashok)
A 8.15, A 9.8, S 4.8
जैन, अशोक कुमार (Jain, Ashok kumar)
A 11.1
जैन, अशोककुमार (Jain, Ashok kumar) R 7.5, R 9.2 जैन, अशोक सहजानन्द' (Jain, Ashok 'Sahjanand')
A 8.17
जैन बारेलाल एवं जैन, के. एल. (Jain, Barelal & Jain, K. L.)
A 9.18, N8.10,
A 1.16,
N1.1,
N 10.1, N 12.2, N 12.3, N 14.15
A 6.20,
N 1.2,
B 8.1,
B 11.7.
R 4.1,
R 11.2,
I 11.1.
A 8.7,
N 1.3.
B 8.6,
B 11.8,
R 5.1,
R11.3, S 1.2,
R 12.4,
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________________
$ (Jain, Bhagchandra 'Bhagendu')
"
A 6.3,
HER
A 8.5,
A 1.33
A 12.5
जैन, दीपचन्द (Jain, Deepchand)
A 2.7
(Jain, Bhagchandra Bhaskar')
B 13.3
(Jain, Chakresh kumar)
(Jain, Dayachand)
(Jain, Devendra)
A 7.5
जैन, गोकुलचन्द्र (Jain,
S 4.2
जैन, हरिश्चन्द्र
Je
(Jain, Gulabchnad)
A 11.15, A 12.18, A 14.24, A 14.25 जैन, गुणमाला (Jain, Gunamala )
R 12.3
B 2.5
(Jain, Gokulchandra)
(Jain, H.C.) A 3.24, A 5.27
जैन, हंसकुमार (Jain, Hans Kumar)
R 14.2
(Jain, Harindra Bhushan)
(Jain, Hemat Kumar)
A 12.8, N9.2, N9.8
जैन, हृदयराज (Jain,
N 9.7
(m) (Jain, Indu Sahu)
N 12.14
Hridayraj)
, (Jain,
Jaisen)
B 8.2, B 13.7, R 8.9, R9.3, जैन, जयसेन एवं कासलीवाल, रमेश đa, aga referer, (Jain,
R 7.6
जैन, जयकुमार (Jain, Jai Kumar )
R9.5, R 12.5, R 14.3, Jaisen & Kasliwal, Ramesh)
A 13.19, R 9.1 जैन, जया (Jain,
Jaya)
A 13.21
forge (Jain, Jinendra Kumar)
A 12.19
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67
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________________
Ja, forterer
A 10.20, A 14.28
जैन ज्योति (Jain, Jyoti)
A 6.26, A 9.17
em
the
A 7.8,
जैन, कमल
B 2.14
(Jain, Jineshvardas)
A 13.29
जैन, कमलेश कुमार (Jain, Kamlesh kumar)
A 6.29, A 7.20, A 9.10
जैन, कमलेश (Jain, Kamlesh)
A 3.26, A 4.12
68
(Jain, Kailashchandra) S4.1, S 4.1, S 5.1
(Jain, Kailashchandra)
(Jain, Kamal)
A 5.30
जैन, कान्ति कुमार (Jain, Kanti Kumar)
B 11.4
(Jain, Kanwar) A 5.8
जैन कपूरचन्द (Jain, Kapoorchand )
(Jain, Kanti)
A 6.17, A 10.26,
जैन, कस्तूरचन्द 'सुमन' Ja, egere "
N 7.9
जैन, कोकलचन्द्र (Jain, Kokalchandra)
Ja, gare
B 12.6
जैन, खिल्लीमल (Jain, Khillimal)
N 12.15, R 12.7
S 2.1
(Jain, Kastoor Chandra 'Suman')
(Jain, Krishna)
R 12.2, R 12.6, R 12.8
R 12.10
. f
(Jain, Krishna & Jain, Rashmi)
(Jain, Kumar Anekant)
A 11.19, B 13.2
, (Jain, Kundanlal)
A 3.29, A 4.28, A 6.7, A7.1, N 10.15, B 11.9 जैन, लालचन्द 'राकेश' (Jain, Lalchand Rakesh' ) A 11.21, N 14.4
जैन, लक्ष्मीचन्द्र (Jain, Laxminadra)
A 1.9, A 1.14, A 1.26, A 2.3, A 2.10, A 2.16, A 3.18, A 4.21, A 6.16, N2.6, N7.3, B2.15,
A 2.24, B3.3,
A 3.2
B 3.4, B 3.5
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________________
न लक्ष्मीचन्द्र एवं जैन, अनुपम (Jain, Laxmichnadra & Jain, Anupam)
___A1.21, A2.2, A6.21, A8.12 न, लक्ष्मीचन्द्र एवं जैन, चक्रेशकुमार (Jain, Laxmichandra & Jain, Chakresh Kumar)
____A2.15
R 14.5,
न, लक्ष्मीचन्द्र एवं जैन, प्रभा (ब्र.) (Jain, Laxmichandra & Jain, Prabha, Br.)
A5.17, A14.7 न, लक्ष्मीचन्द्र एवं प्रभा, सतीश्वरी (Jain, Laxmichandra & Prabha, Satishvari)
A4.3, A4.27 न, महेन्द्रकुमार ‘मनुज' (Jain, Mahendrakumar 'Manuj')
14.31, A5.12, A 12.28, A 13.12, N4.4, B12.8, R12.9, R13.1, न, महेन्द्र राजा (Jain, Mahendra Raja)
N6.5, N10.18 नि, महेश प्रसाद (Jain, Mahesh Prasad)
C8.1 न, मालती (Jain, Malti)
A11.31 न, माणिकचन्द पाटनी (Jain, Manikchand Patni)
N13.5 न, मनोजकुमार 'निर्लिप्त' (Jain, Manoj Kumar 'Nirlipt')
N7.8, N14.9 न, मीरा (Jain, Meera)
A5.6, N7.1 नैन, मेघराज (Jain, Meghraj)
B8.3 नैन, मिश्रीलाल (Jain, Mishrilal)
P1.1 नैन, नरेन्द्र पी. (Jain, N.P.)
A6.8, A8.19, A 13.23, A14.16 जैन, नन्दलाल (Jain, Nandlal)
A1.32, A7.4, A8.26, A9.9, A11.20, A12.24, A14.4 जैन, नाथूलाल शास्त्री (Jain, Nathulal Shastri)
___A5.18, A 11.7, N13.1 जैन, नाथूराम 'डोंगरीय' (Jain, Nathuram Dongariya)
___A9.1, P10.1 जैन, नीलम (Jain, Neelam)
A2.18, A2.25, A3.11, A3.28, A4.18, A6.5, A6.14, A7.16,
N8.4, R8.5, R8.8 जैन, निधि (Jain, Nidhi)
B7.1
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
Page #72
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________________
, REISER (Jain, Nihalchand)
A 13.8, N 10.4, R 10.3, R 11.1 . REIMER attach (Jain, Nihalchand & Jain, Neelam )
R 7.8 H, Prof (Jain, Nirmal)
N6.9 it f our (Jain, Nirmal Kumar, Sethi)
N9.12 sta, 31. 4. (Jain, O.P)
N 4.6, N 6.13 37, THT (Jain, Prabha)
S 4.4 ru
a ry (Jarin, Prag & Jain, Anupam A 14.14 79, 461917. (Jain, Prakashchandra )
A 4.16, A 6.4, A 13.11, A 13.31, N7.11, B 5.5, B8.4, R7.1, C14.1, H, TU (Jain, Prakashchandra)
A 4.14, A 5.28 #, grataru greit ut, patas (Jain, Purushottam & Jain, Ravindra)
A 11.13 Ha, youcan (Jain, Pushpalata )
A 8.8 +, RTURA (Jain, Rajaram)
A 5.1 H, TU (Jain, Rajmal)
A6.27, A 13.4 H, RIGHT (Jain, Raj kumar)
N 7.6 ta, UHT (319rf) (Jain, Rajkumar, Acharya )
A 5.10, A 6.24, A 7.13, A 8.24, A 13.26 H, pruita (Jain, Rajiv)
R 13.3 ta, 49147 (Jain, Ramakant)
A 13.16 H Has (Jain, Ramesh Chandra )
A 1.2, A 2.26, A 4.11, A 8.3, A 12.27, B 11.5 E, huita (Fala) (Jain, Ramjeet, Advocate. )
A 3.20, A 3.25, A4.30, A 5.3, A6.15, A 7.3, A 7.10, A8.4, A 10.6, A 11.3, A 11.16, A 12.17, A 13.10, A 14.20, A 14.27, N 3.1, N 11.6
376927, 15 (1-2), 2003
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--------------------------------------------------------------------------
________________
, audege (Jain, Ramesh Chandra & Jain, Kamleshkumar)
R 8.2
, (Jain,
Rashmi) A 13.30
A 13.15,
जैन, रत्नलाल (Jain, Ratnalal)
A 2.11, A 3.30, A 5.13, A 6.19, A 9.14
(.) (Jain, Ravindra Kumar, Br.)
A 6.13, N 12.13, N 13.2
जैन, ऋषभचन्द 'फौजदार'
N 3.2
जैन, एस. सी. (Jain, S.C.)
A 2.4
(Jain, Sagarmal) B 1.1
जैन,
, (Jain, Sanat Kumar)
A 12.20
जैन, संदीप 'सरल' (ब.) (Jain, Sandeep Saral, Br. )
A 10.21, N 8.7
, Hrg
A 13.2
Ja, i
(Jain, Rishabhchand Fauzdar' )
शकुन्तला (Jain, Shakuntala)
A 5.20, A 5.29, A 7.21, A 9.20, A 12.21, N 5.6 R (Jain, Shreuansh Kumar)
(Jain, Satish Kumar)
R 7.4
va, Bagan và đi, Targus (Jain, Sheetal Kumar & Jain, Pawan Kumar)
"
N 14.13
जैन, शिवचरनलाल (Jain, Shivcharan Lal )
A 10.2, N 10.17,
P9.1, B 12.1 जैन, शिवकुमार (Jain, Shiv Kumar)
N 12.10
(Jain, Sneh Rani )
A 2.20, A 4.17, A8.13, A 8.20, A 10.28, N4.2, N8.5, N9.5, N 14.14, R 3.2, (Jain, Sudeep)
N8.8, R7.3, R 8.10
(Jain, Sudhir)
A 12.3
, (Jain, Suman) N 3.5
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
A 12.4,
P 5.1,
A 12.29, A 14.11
71
Page #74
--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन, सुनीता (Jain, Suneeta)
N4.3, N5.3
"
g gr (Jain, Surendra Kumar) N 9.1
जैन, सुदर्शनलाल (Jain, Sudarshanlal )
R 9.4
"
(Jain, Surajmal)
A 6.28, A 9.11, A 7.23, N 8.13
A 7.24, A 9.22, N 10.13
जैन, सुरेश 'मारोरा' (Jain, Suresh Marora')
Heeft (Jain, Sultan Singh) A 1.30, N 12.4, N 13.4
ter (Jain, Suresh )
N 11.10
जैन, सुशीलकुमार 'पुष्प' (Jain, Sushilkumar 'Pushpa')
N 6.7, N 6.10
N 6.1
जैन, उदय (Jain, Uday )
A 12.6, N 6.8
decu (Jain, Uday Chandra)
A 6.23, A 11.29, A 14.9
"
72
(Jain, Trapti)
N 8.6
(Jain, Usha) N 4.1
जैन, विजयकुमार (Jain, Vijay Kumar )
R 1.4
जैन, विजयकुमार (Jain, Vijay Kumar)
R 14.6
Ja, fagur eft (Jain, Vijaykumar Shastri )
R 12.1
(Jain, Umesh Chandra)
(Jain, Vimal Prakash)
R 11.4, R 11.5
, f (Jain, Vimla)
A 13.13
www $4.8. (Jaychandra, M.A.)
R 3.1
झा. गंगानन्द सिंह (Jha, Ganganand Singh )
A 1.11, R8.7
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
Page #75
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________________
, (Jha, Parmeshvar)
A 1.12, A 2.8, A 4.13, A 9.12 जोशी, कमला (Joshi, Kamala )
A 2.29
जोशी, मंजूरानी ( Joshi, Manju Rani)
N 6.6
जोशी, राजेश (Joshi, Rajesh )
N 12.12
जोशी, राजकुमार ( Joshi, Rajkumar)
N 10.8
ज्ञानमती ( गणिनी आर्यिका ) (Jnanamati, Ganini Aryika)
A 6.12, A 12.1
कपूर, जे. एन. ( Kapur, J.N.)
A 5.14
कनकनन्दि (आचार्य उपाध्याय मुनि) (Kanaknandi, Acharya Muni Upadhyaya) A 2.1, A 2.23, A 2.28, A 3.4, A 3.27, A 12.14, N 2.4 कासलीवाल, कस्तूरचन्द (Kasliwal, Kastoorchand)
-
A 11.4
कासलीवाल, आर. एम. ( Kasliwal, R.M.)
A 1.25
कासलीवाल, रमेश (Kasliwal, Ramesh)
-
N 3.4, P 4.1
कौशिक, जे.पी., सिकरवार, रामलखनसिंग एवं शुक्ल, आर. एम.
(Kaushik, J.P., Sikarwar, Ram Lakhan Singh & Shukla, R.M.)
A 5.9
nafsu, ter (Kawadiya, Ganesh)
A 11.12
खण्डेलवाल, जयकिशन प्रसाद ( Khandelwal, Jaikishan Prasad )
S 5.4
खरे, के.सी. ( Khare, K.C.)
A 1.24
""
tele (Khare, Lakhanlal)
A 11.26, N 9.9, N 10.14, N 10.16
कोठारी, सरोज (Kothari, Saroj )
A 7.18, A 14.17, B 12.5 कोठिया, विवेककुमार (Kothiya, Vivek Kumar )
N 12.6
कुमार, भुवनेन्द्र, एस. ए. ( Kumar, Bhuvanendra, S.A. )
A 9.5, A 13.3, A 13.22,
A 14.23
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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--------------------------------------------------------------------------
________________
कुमार, ललित (Kumar, Lalit )
A 3.14
कुमार. पी. किशोर (Kumar, P Kishore ) A 1.39
कुमार, रज्जन (Kumar, Rajjan )
A 5.19, A 9.2, A 10.1
gye (f) (Kumudnandi, Muni)
A 1.23
लाल जी जवाहर (Lal, G. Jawahar ) A 2.13, A 5.23, N 7.10
लिश्क, सज्जनसिंह (Lishk, Sajjan Singh )
A 1.17, A 1.27, A 1.28, A 2.30, N 6.11, B 2.2, B 2.3, B 2.4, ayer (and) (Madhubala, Sadhvi ) A 13.32
48 (4) (Mahapragya, Acharya)
A 13.25
माहेश्वरी एच. बी. 'जैसल' (Maheshwari, H.B. 'Jaisal')
"
"
A 5.7.
A 5.21, A 7.9, A8.14, N8.1, N9.10, N 10.12 मलप्पा, एम. सी. (Mallappa, M.C. )
A 1.29
"
74
(Malav, Ravindra)
A 13.28
मेहता, संगीता (Mehta, Sangita )
A 13.5
मलैया, यशवंतकुमार (Malaiya, Yashwant Kumar )
A 6.31, A 13.24
memega, (Malaiya, Asharani & Jain, Snehrani) A 10.13
(f) (Mangal Pragya, Sramani))
A 9.19,
A 14.10
मेहता, मुकुल राज (Mehta, Mukul Raj)
A 8.10, A 12.2, A 12.9, A 13.17 , enfour
A 3.3, B 2.6,
N 4.5 मिचिवाकी योशिमासा (Michiwaki, Yoshimasa)
A 2.9, A 3.16
मिलिन्द, निर्मल (Millind, Nirmal)
N 2.3
(Meshram, Pradeep Shaligram)
A 3.17. B 6.1.
A 6.34 S 1.3,
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Page #77
--------------------------------------------------------------------------
________________
मिश्रा, अशोक के. (Mishra, Ashok K.)
A10.17 मश्र, प्रभुनारायण (Mishra, Prabhunarayan)
A8.21, A9.21 मिश्र, पी.एन. एवं पंडित शैलेन्द्र (Mishra, PN. & Pandit, Shailendra)
A10.7 मिश्रा, सुरेखा (Mishra, Surekha)
R12.11 मुकुन्दराव, एन. (Mukundarao, N)
A3.13 मुन्या, बद्रीलाल प्रभुलाल (Munya, Pradeep Shaligram)
N5.7 नागराजन, केएस. (Nagarajan, K.S.)
B1.2 नागार्च, बी.एल. (Nagarajan, B.L. )
A3.5, A4.22, A4.32, A6.11 नईमपल्ली , एस.ए. (Naimpally, S.A.)
B1.4 नांदगांवकर, राजकुमार (Nandgaonkar, Rajkumar)
A9.15, A 10.24, N12.11 नन्दिघोष, विजय मुनि (Nandighosh, Vijay Muni)
A8.11, A 12.10, A 12.25 नरसिंहमूर्ति, ए.वी. (Narsimhamurthy, A.V.)
A2.14 निगम, श्यामसुन्दर (Nigam, Shyam Sundar )
S4.3, 55.2 निजानन्दसागर (उपाध्याय - मुनि) (Nijanand Sagar - Upadhyaya -Muni)
____P6.2
N11.9,
N12.7,
N12.8
पटेल, जया (Patel, Jaya)
___A8.16 पाठक, नरेशकुमार (Pathak, Naresh Kumar )
A 10.11, N9.14, N10.3, N10.10, N11.1, पाटनी, उषा (Patni, Usha )
A12.13 पाटनी, मन्मथ (Patni, Manmath)
N9.11, N9.13, N14.10, N14.12 पिसाप्ति, आर.के. (Pisapti, R.K.)
N1.6 प्रसाद, जगदीश (Prasad, Jagdish)
A14.22
अर्हत् वचन, 15 (1-2). 2003
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--------------------------------------------------------------------------
________________
रैना, ध्रुव एवं सिंह, नवज्योति (Raina, Dhruva & Singh, Navjyoti)
A1.10 राजगोपाल, पी. (Rajagopal, P)
A 3.6, A4.7, A 5.22, A10.16 राजपुरोहित, भगवतीलाल (Rajpurohit, Bhagwatilal)
A7.14 रामपुरिया, जतनलाल (Rampuriya, Jatanlal)
N13.3, N14.6 राव, एम. बासव (Rao, M. Basava)
A6.10 रस्तोगी, शैलेन्द्रकुमार (Rastogi, Shailendra Kumar)
A 10.3, B 11.1 ऋद्धिश्री (आर्यिका) (Riddhishri, Aryika))
__N14.8, B 12.7 सचदेव, एन.एन. (Sachdeva, N.N.)
N14.5 सालगिया, सुशीला (Salgiya, Sushila)
A4.19, A6.30 सम्यक्त्वसागर, ऐलक (Samyaktava Sagar, Ailak)
A3.10 सराफ, संजीव एवं पाण्डे, प्रभात (Saraf, Sanjeev & Pandey, Prabhat)
N8.12 सेरगुई, क्रिवोव (Serguie, Krivov )
A9.16, A 10.23 सिंह, लाल बहादुर (Singh, Lal Bahadur)
N5.1 सिंह, परमानन्द (Singh, Parmanand)
A1.18 शर्मा, गायत्री (Sharma, Gayatri)
A9.25 शर्मा, आय. के. (Sharma, I.K.)
A 3.12, A6.9 शर्मा, जयचन्द्र (Sharma, Jaichandra)
___A7.7, A11.22, A12.16, N10.9, N 10.19 शास्त्री, नेमीचन्द्र (Shastri, Nemichandra)
B 12.4 शास्त्री, सुमन (ब्र.) (Shastri, Suman, Br.)
A4.9
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________________
शास्त्री, टी.वी.जी. ( Shastri, T.V.G. )
A 1.20, A 1.31, A 1.34, A 1.35, A 2.31, A 2.32, A3.7, A 4.4,
N3.8,
N 2.5, (Shukla, Rammohan )
N2.1, N 2.1,
N 1.7, N 1.8, शुक्ल, राममोहन राममोहन
सुन्दरा, ए.
(Sundara, A.
A 4.15, A 5.11, N1.5,
B 2.13, B3.1, B3.2,
शुक्ल, राममोहन एवं वैद्य, श्याम
A 2.27. A 3.8
शुभचन्द्र एवं जैन अशोककुमार (Shubhachandra & Jain, Ashokkumar )
R 13.4
A 7.12, A 12.23
सुराना, दिलीप, (Surana, Dilip )
A 14.15
शेट्टर प. (Shettar, S.)
A 1.36, A 1.37, A 2.6, A4.23, A 5.15, A 6.22, N4.8, N. 8.2, N 8.2,
N5.4,
B2.1, B2.9,
R5.3
N 6.4
तिवारी, बिनोदकुमार (Tiwari, Binod Kumar ) A 7.6, A 10.5, A 10.9, A 13.1, त्रिपाठी, रूद्रदेव (Tripathi, Rudradev)
S4.6
N 1.4
वसंतराज, एम.डी. ( Vasant raja, M. D. )
A 10.18
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
B6.2, B 6.2,
(Shukla, Rammohan & Vaidya, Shyam )
उपाध्याय, शचीन्द्रप्रसाद एवं उपाध्याय, ऋचा
(Upadhyaya, Shachindra Prasad & Upadhyaya, Richa ) A 4.33, A 7.11
वैद्य, सिद्धार्थ श्याम (Vaidya, Siddhartha Shyam )
A 14.21
A2.12, A 2.22,
A 5.16, A 7.25
R 5.4,
B2.10. B2.11, B2.12.
शोध पत्रिका (अर्हत् वचन) का प्रस्तुत अंक [14 (23) ] गणित विषयक चयनित सामग्री के कारण गणित के क्षेत्र में विशेषाधिकार ज्ञात होता है। साथ ही अन्य गणितज्ञों ने जैनाचार्यों द्वारा प्रणीत प्राचीन सूत्रों का अवलम्बन किया यह भी बोध होता है। 'जैन साहित्य में ध्वनि विज्ञान' तथा 'जैन कर्म सिद्धान्त के परिप्रेक्ष्य में आधुनिक मस्तिष्क संबंधी खोजें' आलेख नवीन जानकारी प्रदान करते हैं। पत्रिका पठनीय, संकलनीय एवं शोधार्थियों के लिये विशेष उपयोगी है।
संपादक - जैन मित्र ( साप्ताहिक)
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________________
General Instructions and Informations for Contributors
1. Arhat Vacana publishes original papers, reviews of books & essays, summaries
of Disertations and Ph.D. Thesis, reports of Meetings/Symposiums/Seminars/Confere
nces, Interviews etc. 2. Papers are published on the understanding that they have been neither published
earlier and nor have been offered to any journal for publication. 3. The manuscript (in duplicate) should be sent to the following address -
Dr. Anupam Jain Editor - Arhat Vacana Kundakunda Jñanapitha, 584, M. G. Road, Tukoganj,
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double spacing and with wide margin. The title page should contain the title
of the paper, name and full address of the author. 5. The author must provide a short abstract in duplicate, not exceeding 250 words,
summarising and highlighting the principal findings covered in the paper. 6. Foot - notes should be indicated by superior number running sequentially through
the text. All references should be given at the end of the text. The following guidelines should be strictly followed -
(i) References to books should include author's full name, complete and unabbreviated title of the book (underlined to indicate italics), volume, edition (if necessary), publisher's name, place of publication, year of publication and page number cited. For example - Jain, Laxmi Chandra, Exact Sciences from Jaina Sources, Basic Mathematics, Vol. - 1, Rajasthan Prakrit Bharati Sansthan, Jaipur, 1982, pp. XVI + 6.
(ii) References to articles in periodicals should mention author's name, title of the article, title of the periodical, underlined volume, issue number (if required), page number and year. For example - Gupta, R.C., Mahāvirācārya on the Perimeter and Area of Elipse, The Mathematics Education, 8(B), PP. 17-20, 1974.
(ii) In case of similar citations, full reference should be given in the first citation. In the succeeding citation abbreviated version of the title and author's
name may be used. For example - Jain, Exact Sciences, PP. 45 etc. 7. Line sketches should be made with black ink on white board of tracing paper.
Photographic prints should be glossy with strong contrast. 8. Acknowledgements, if there be, are to be placed at the end of the paper,
just before reference. 9. Only ten copies of the reprints will be given free of charge to those authors,
who subscribe. Additional copies, on payment, may be ordered as soon as
it is accepted for publication. 10. Devanagari words, if written in Roman Script, should be underlined and transliteration
system should be adopted.
78
Arhat Vacana, 15(1-2), 2003
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________________
अग्रवाल, अश्विनी (प्रो.)
पूर्व अध्यक्ष
प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग,
पंजाब विश्वविद्यालय,
चण्डीगढ 160014
-
अर्हत् वचन के लेखकों की पते सहित सूची
अमर, गोपीलाल आचार्य अमरावती, सी 2/57, भजनपुरा,
दिल्ली
110 053
अग्रवाल, अशोक (डॉ.)
सहायक प्राध्यापक वाणिज्य
78, चौधरी कालोनी, नई आबादी,
मन्दसौर (म.प्र.)
अग्रवाल, भंवरलाल
बी- 220, विवेकानन्द कालोनी, उज्जैन (म.प्र.)
अग्रवाल (सिंघल) ममता
Clo. डॉ. राजेश अग्रवाल, 193/52, नया बाजार,
दिल्ली रोड, सोतीगंज चौराहा,
मेरठ (उ.प्र.)
अग्रवाल, मुकुट बिहारीलाल (डॉ.)
15/249, चारसू दरवाजा, आगरा - 282001 (उ.प्र.)
अग्रवाल, पारसमल (प्रो.)
रसायन भौतिकी समूह ओक्लाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटी,
स्टील वाटर, ओक्लाहोमा 74078 यू.एस.ए.
अग्रवाल, सुरेशचन्द्र (प्रो.) प्राध्यापक एवं अध्यक्ष - गणित विभाग ए -2, चौधरी चरणसिंह वि. वि. परिसर, मेरठ 250004 (उ.प्र.)
अली, अहमद
पुरातत्व एवं संग्रहालय का निदेशालय,
बाणगंगा रोड,
भोपाल-462001
अर्हत् वचन 15 (1-2). 2003
-
आर्य, मायारानी
22. भक्तनगर, दशहरा मैदान, उज्जैन 456010
आर्य, सुरेन्द्रकुमार (डॉ.) मानसेवी निदेशक
मालवा प्रान्तीय दिग. जैन मूर्ति संग्रहालय, जयसिंहपुरा, उज्जैन
22. भक्तनगर, दशहरा मैदान,
उज्जैन (म.प्र.)
अतुल (ब्र.)
C/o श्री कैलाशचन्द संजीवकुमार जैन
803, छत्तरी कटरा, नई सडक,
दिल्ली
110 006
-
बगडा, चिरंजीलाल (डॉ.)
सम्पादक दिशा बोध,
46 स्ट्राण्ड रोड, तीन तल्ला, कोलकाता 700007
-
,
-
बहुगुणा, सुन्दरलाल विश्वविख्यात पर्यावरणविद्
गढ़वाल (उत्तरांचल)
बजाज,
मदनमोहन (डॉ.)
प्राध्यापक भौतिकी ज्योतिर्भीतिकी प्रयोगशाला कक्ष क्र. 23. भौतिकी एवं ज्योतिर्भौतिकी विभाग,
दिल्ली विश्वविद्यालय,
दिल्ली
110 007
बाजपेयी, अटलबिहारी प्रधानमंत्री - भारत,
प्रधानमंत्री सचिवालय, साऊथ ब्लॉक,
नई दिल्ली 110001
-
79
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________________
बाजपेयी, कृष्णदत्त (प्रो.) (दिवंगत) सेवानिवृत्त प्राध्यापक पुरातत्व विभाग, डॉ. हरीसिंह गौर वि.वि., एच - 15, पद्माकर नगर, सागर (म.प्र.)
चन्दनामती (प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका) संघस्थ - गणिनी ज्ञानमती माताजी दिगम्बर जैन धर्मसंघ में दीक्षित सम्पर्क - दि. जैन त्रिलोक शोध संस्थान, हस्तिनापुर - 250 404 (मेरठ)
बंडी, श्रेणिक (प्रो.) विभागाध्यक्ष - गणित, होलकर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय, इन्दौर 21. इन्द्रलोक कालोनी, केसरबाग रोड, इन्दौर - 452 009
चौधरी, सरोज (डॉ) 1/5, छोटी ग्वालटोली, इन्दौर - 452 001
छाबडा, गौरव फारेस्ट कालोनी, लाल कोठी, जयपुर (राज.)
बंसल, राजेन्द्रकुमार (डॉ.) बी - 369, ओ.पी.एम. कालोनी, अमलाई पेपर मिल, अमलाई - 484117
छाजेड, अनुपमा (डॉ.) द्वारा - श्री प्रदीप छाजेड, 422, कालानी नगर, एरोड्रम रोड, इन्दौर - 452005 (म.प्र.)
भट्ट, जयश्री सुनील शोध अधिकारी (गृह विज्ञान). समाजशास्त्र एवं समाज सेवा विभाग, डॉ. हरीसिंह गौर वि.वि., सागर - 470 003
चौधरी, कैलाशचन्द्र 50, सीतलामाता बाजार, इन्दौर - 452 001
भट्टाचार्य, मधुलेखा (डॉ.) प्रोफेसर, एस.पी.एम. विभाग, मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज, इलाहाबाद (उ.प्र.)
चौरसिया, सुरेन्द्रकुमार शोध छात्र, प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, डॉ. हरीसिंह गौर वि.वि., सागर - 470003
भट्टाचार्य, समीर (प्रो.) (दिवंगत) प्राध्यापक - गणित, इलाहाबाद वि.वि, इलाहाबाद (उ.प्र.)
धर्मानन्द (क्षुल्लक) दि. जैन धर्म संघ में दीक्षित
डोणगांवकर, नेमचन्द्र देउलगांव राजा - 443 204 (बुलढाणा) महाराष्ट्र
बोबरा, सूरजमल निदेशक - ज्ञानोदय फाउन्डेशन 9/2. स्नेहलतागंज, इन्दौर - 452 007
डोणगांवकर, उज्जवला गुरुखम्ब रोड, इतवारी, नागपुर - 2 (महा.)
बोथरा, सुरेन्द्र प्रसिद्ध अनुवादक, 3968, रास्ता मोतीसिंह भोमियाँन, जयपुर - 302 003
दोशी, अशोक 15/1, साउथ तुकोगंज, गौरानी कम्पाउण्ड, इन्दौर - 452 001
80
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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________________
दुबे, महेश (प्रो.) प्राध्यापक - गणित, होल्कर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय, इन्दौर - 452 017 (म.प्र.)
हांडा, देवेन्द्र (डॉ.) रीडर - प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग, पंजाब यूनिवर्सिटी, चण्डीगढ
दुबे, नागेश (डॉ.) प्रा.भा.इ. संस्कृति एवं पुरातत्व, डॉ. हरीसिंह गौर वि.वि., सागर (म.प्र)
हनुमंतराव, बी.एस.एल. (दिवंगत) प्राध्यापक - बौद्ध अध्ययन केन्द्र, गुंटूर (आ.प्र.)
दुबे, पुरुषोत्तम (डॉ.) 74- जे. सेक्टर ए, स्कीम नं. 71, इन्दौर - 452 009
हायाशी, तकाओ (डॉ.) विज्ञान एवं अभियांत्रिकी शोध संस्थान दोशीशा विश्वविद्यालय, क्योटो - 610- 03 (जापान)
इकम्बरानाथन, ए. (डॉ.) प्राचीन इतिहास एव पुरातत्व विभाग, मद्रास वि.वि., चेन्नई - 600005
जाधव, दिपक व्याख्याता - गणित, ज.ने.आ. शासकीय उ. मा. विद्यालय, बडवानी - 451 551 (म.प्र.)
गणेशन, टी. (डॉ.) 161, नार्थ मेन रोड, थन्जावुर (तमिलनाडु)
जैन, अभय महावीर फ्लोअर मिल्स, खिरकिया - 441 441 (म.प्र.)
गंगवाल, माणिकचन्द एडवोकेट सराफा बाजार, ग्वालियर (म.प्र.)
जैन, अभयप्रकाश (डॉ.) एन. - 14 चेतकपुरी, ग्वालियर - 474009
गेलडा, महावीर राज (प्रो.) पूर्व कुलपति - जैन विश्व भारती संस्थान (मानित वि.वि.), 5 सीएच/20, जवाहर नगर, जयपुर (राज.)
जैन, आदित्य (डॉ.) 44/22, साकेतपल्ली , लखनऊ - 226 001 (उ.प्र.)
जैन, अजितकुमार (डॉ.) प्राध्यापक - रसायन शास्त्र, युवराज क्लब के सामने, क्लब रोड, विदिशा - 464001 (म.प्र.)
गोयल, निर्मलकुमार सी- १00, हरी मार्ग, मालवीय नगर, जयपुर - 302 017
जैन, अजित 'जलज' शिक्षक, वीर मार्ग, पो. ककरवाहा - 472 010 जिला टीकमगढ (म.प्र.)
गुप्त, राधाचरण (प्रो.) प्राध्यापक - गणित विभाग, बिरला इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी, मेसरा, आर - 20, रसबहार कालोनी, लहरगिर्द, झांसी (उ.प्र.)
जैन, अल्पना (श्रीमती) अवध ग्रामोद्योग संस्थान 160/1, नवीकोट, नन्दना बक्शी का तालाब, लखनऊ - 227 202
गुप्तिसागर (उपाध्याय - मुनि) दि. जैन धर्म संघ में दीक्षित उपाध्याय अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
Jain Educati
81
Page #84
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________________
जैन, अनुपम (डॉ.)
प. प्राध्यापक - गणित,
होलकर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय, इन्दौर
ज्ञानछाया डी14, सुदामानगर, इन्दौर - 452009 ( म.प्र.)
जैन, अनिलकुमार (डॉ.)
बी- 26, सूर्यनारायण सोसायटी, विसत पेट्रोल पम्प के सामने, साबरमती, अहमदाबाद- 380005 (राज.)
जैन, आराधना (डॉ.)
व्याख्याता - शास. उ. मा. विद्यालय, मिल रोड, गंजबासोदा, जिला विदिशा (म.प्र.)
जैन, अरविन्दकुमार
प्रबन्धक - कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ,
24. डी. के. 1, स्कीम नं. 74 सी,
इन्दौर - 452010 (म.प्र.)
जैन, अशोक (डॉ.)
प्राध्यापक वनस्पतिकी अध्ययनशाला,
जीवाजी विश्वविद्यालय,
ग्वालियर 474011 (म.प्र.)
जैन, अशोककुमार
अशोक आइल मिल्स,
तिजारा, जिला अलवर (राज.)
जैन, अशोककुमार (डॉ.)
व्याख्याता जैन विद्या विभाग,
जैन विश्व भारती संस्थान (मानित वि.वि.), लाडनूं (राज.)
-
जैन, अशोक 'सहजानन्द'
सम्पादक सहज आनन्द, केलादेवी सुमतिप्रसाद ट्रस्ट,
बी 5/263, यमुना विहार,
-
दिल्ली- 110053
जैन, बारेलाल (डॉ.)
रिसर्च एसोशिएट, हिन्दी विभाग,
महाकवि केशव अध्यापन एवं अनुसंधान केन्द्र, अवधेशप्रतापसिंह विश्वविद्यालय,
रीवा (म.प्र.)
82
जैन, भागचन्द्र 'भागेन्दु' (प्रो.)
पूर्व सचिव म. प्र. संस्कृत अकादमी, 28, सरोज सदन, सरस्वती कालोनी, दमोह 470661 (म.प्र.)
जैन, भागचन्द्र 'भास्कर' (प्रो.)
पूर्व अध्यक्ष पाली प्राकृत विभाग, नागपुर वि.वि.,
सदर बाजार, न्यू एक्सटेन्शन एरिया, तुकाराम की चाल,
नागपुर - 440001 (महा.)
-
जैन, चक्रेशकुमार
द्वारा प्रो. लक्ष्मीचन्द्र जैन,
दीक्षा ज्वैलर्स के ऊपर, 554, सराफा बाजार, जबलपुर - 482002 (म.प्र.)
जैन, दयाचन्द साहित्याचार्य (डॉ.)
प्राचार्य श्री गणेश दि. जैन संस्कृत महाविद्यालय,
वर्णी भवन, मोरारजी, लक्ष्मीपुरा,
सागर - 470002 (म.प्र.)
जैन, दीपचन्द (डॉ.)
अध्यक्ष- न्यूरोलाजी विभाग,
के 16. ग्रीन पार्क एक्सटेन्शन,
नई दिल्ली 110016
-
-
जैन, देवेन्द्र (डॉ.)
फ्लेट नं. 302.4 ए. दामोदर पार्क,
LBS मार्ग, घाटकोपर,
मुम्बई- 400 086
जैन, गोकुलचन्द्र (प्रो.)
(पूर्व विभागाध्यक्ष
जैन दर्शन विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कृत वि.वि.), Cla. डॉ. सुनीता जैन,
जैन बालाविश्राम,
आरा (बिहार)
जैन, गुलाबचन्द (दिवंगत ) राजकमल स्टोर्स, सावरकर पथ, विदिशा 464001 (म.प्र.)
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
•
Page #85
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________________
जैन, गुणमाला
धर्मदर्शन विज्ञान शोध संस्थान,
जैन अतिथि भवन,
बडौत (मेरठ) उ.प्र.
जैन, हरिशचन्द्र (डॉ.)
पूर्व प्राध्यापक गुजरात आयुर्वेदिक वि.वि.
बी - 3, संदीप अपार्टमेन्ट, 11, पटेल कालोनी,
जामनगर 361008 (गुजरात)
जैन, हंसकुमार
247, प्रथम तल, दिल्ली रोड, अजन्तास सिनेमा के पास,
मेरठ 250002 (उ.प्र.)
-
-
जैन, हरीन्द्रभूषण (प्रो.) (दिवंगत) मानद निदेशक अनेकान्त शोधपीठ,
15. एम.आई.जी., मुनि नगर,
उज्जैन 456010 (म.प्र.)
-
जैन, हेमन्तकुमार
सेवानिवृत्त वैज्ञानिक, सी.ई.ई.आर.आई.
729 किसान मार्ग, बरकत नगर, जयपुर 302015 (राज.)
जैन, हृदयराज
महामंत्री - ऋषभदेव प्रतिष्ठान,
429 सी, पोकट 11. मयूर विहार1.
दिल्ली- 110091
-
जैन, इन्दू (साहू)
चेअरमेन टाइम्स ऑफ इंडिया प्रकाशन समूह,
7, बहादुरशाह जफर मार्ग,
नई दिल्ली- 110002
जैन, जयचन्द (दिवंगत) 42, शान्तिनगर,
मेरठ (उ.प्र.)
जैन, जयसेन
सम्पादक - सन्मति वाणी, 201, अमित अपार्टमेन्ट,
11. पारसी मोहल्ला, छावनी, इन्दौर. 452001 (म.प्र.) अर्हतु वचन, 15 (1-2), 2003
जैन, जयकुमार (डॉ.) 261/3, पटेल नगर, नई मण्डी, मुजफ्फरनगर - 251001 (उ.प्र.)
जैन, जया (डॉ.)
एफ 3. शासकीय आवास कम्पू.. ग्वालियर 474001 (म.प्र.)
जैन, जिनेन्द्रकुमार
ग्राम मोकलमऊ - 470335
पोस्ट नैनधरा, तह. बंडा, जिला सागर (म. प्र. )
जैन, जिनेश्वरदास (डॉ.)
2. श्रीजी नगर, दुर्गापुरा,
जयपुर 302016 (राज.)
जैन, ज्योति (डॉ.)
द्वारा - डॉ. के.सी. जैन, स्टाफ क्वार्टर नं. ६,
श्री कुन्दकुन्द जैन महाविद्यालय, खतौली 251201 जिला मुजफ्फरनगर
जैन, के. एल. (डॉ.)
हिन्दी विभागाध्यक्ष, शासकीय महाविद्यालय, टीकमगढ (म.प्र.)
जैन, कैलाशचन्द्र
रिटायर्ड सांख्यिकी ऑफिसर, उ.प्र. शासन,
सदर बाजार,
सलावा मेरठ (उ.प्र.)
-
जैन, कमल सरावगी मोहल्ला,
ब्यावर - 305901 (राज.)
जैन, कमलेशकुमार
जैन दर्शन प्राध्यापक, जैन बौद्ध दर्शन विभाग, संस्कृत विद्या धर्मविज्ञान संकाय,
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी
निर्वाण भवन, बी 2/249, लेन नं. 14,
रवीन्द्रपुरी, वाराणसी 221005
-
83
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________________
जैन, कमलेश (डॉ.) उपनिदेशक,
भोगीलाल लहेरचन्द प्राच्य विद्या संस्थान, 20 वाँ कि.मी., जी. टी. करनाल रोड, अलीपुर, दिल्ली- 110036
जैन, कान्ति (डॉ.)
एन 14 चेतकपुरी,
ग्वालियर 474009 (म.प्र.)
-
-
जैन, कान्तिकुमार (डॉ.)
सेवानिवृत्त प्राध्यापक एवं अध्यक्ष हिन्दी विभाग,
द्वारा डॉ. हरीसिंह गौर वि.वि...
सागर (म.प्र.)
जैन, कंवर
मुराई मोहल्ला, छावनी, इन्दौर (म. प्र. )
जैन, कपूरचन्द (डॉ.)
अध्यक्ष संस्कृत विभाग, स्टाफ क्वार्टर नं. 6. श्री कुन्दकुन्द जैन महाविद्यालय,
खतौली - 251201 जिला मुजफ्फरनगर (उ.प्र.)
'जैन, कस्तूरचन्द 'सुमन' (डॉ.)
प्रभारी - जैन विद्या संस्थान, श्रीमहावीरजी
322220 जिला करौली (राज.)
जैन को कलबन्द
1/2/35, जवाहर नगर,
जयपुर - 302 004 (राज.)
जैन, खिल्लीमल (एडवोकेट) 2. विकास पथ,
अलवर (राज.)
जैन, कृष्णा (डॉ.)
द्वारा श्री प्रकाशचन्द जैन एडवोकेट,
-
सी.बी. पैलेस के सामने,
शिन्दे की छावनी, लश्कर, ग्वालियर - 474009 (म.प्र.)
84
जैन, कुमार अनेकान्त (डॉ.)
व्याख्याता लालबहादुर शास्त्री संस्कृत विद्यापीठ, कटवारिया सराय, महरौली रोड,
नई दिल्ली- 110067
-
जैन, कुन्दनलाल सेवानिवृत्त प्राचार्य,
श्रुति कुटीर, 68 विश्वास नगर, विश्वास मार्ग, युधिष्ठिर गली, शाहदरा,
feeft - 110 032
जैन, लालचन्द 'राकेश' सेवानिवृत्त प्राचार्य,
नेहरू चौक, गली नं. 4. गंजबासोदा, जिला विदिशा (म.प्र.)
जैन, लक्ष्मीचन्द्र (प्रो.)
पूर्व प्राध्यापक गणित,
दीक्षा ज्वैलर्स के ऊपर, 554, सराफा बाजार, जबलपुर 482002 (म.प्र.)
जैन, महेन्द्रकुमार 'मनुज' (डॉ.) शोधाधिकारी - सिरि भूवलय परियोजना,
C/o. कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ,
584. महात्मा गांधी मार्ग, तुकोगंज, इन्दौर - 452001 (म.प्र.)
जैन, महेन्द्र राजा
8 ए, नन्द रोड, एडल्की, एलेनगंज, इलाहाबाद - 221002 (उ.प्र.)
जैन, महेशप्रसाद, व्याख्याता,
C/o श्री विवेककुमार कोठिया
सदर बाजार,
बीना (इटावा) उ.प्र.
जैन, मालती (डॉ.)
पूर्व प्राचार्य श्री चित्रगुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय,
-
146, कटरा,
मैनपुरी 205001 (म.प्र.)
-
अर्हतु वचन, 15 (1-2). 2003
Page #87
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________________
जैन, माणिकचन्द पाटनी अध्यक्ष - दिगम्बर जैन महासमिति मध्यांचल ए - 16, नेमीनगर, जैन कालोनी, इन्दौर (म.प्र.)
जैन, निधि बी-5/263, यमुना विहार, दिल्ली - 110053
जैन, मनोजकुमार 'निर्लिप्त' PWD क्वार्टर नं. 63, समद रोड, अलीगढ - 202 001 (उ.प्र.)
जैन, निहालचन्द प्राचार्य - शा.बहु.उ.मा. विद्यालय क्रमांक 3, जवाहर वार्ड, बीना - 470113 जिला सागर (म.प्र.)
जैन, मीरा (डॉ.) जैन भवन, गुब्बारा चौक, लोहिया बाजार, ग्वालियर - 474009 (म.प्र.)
जैन, निर्मल सुषमा प्रेस कम्पाउण्ड, सतना - 485 001 (म.प्र.)
जैन, मेघराज अरिहन्त इन्टरनेशनल, 239, गली कुंजस, दरीबां, दिल्ली - 110 006
जैन, निर्मलकुमार सेठी 70 - ए, सैनिक फार्म, खानपुर, दिल्ली - 110 092
जैन, मिश्रीलाल पृथ्वीराज मार्ग, गुना - 473 001 (म.प्र.)
जैन, ओ.पी. व्याख्याता - भूगोल, कौशल्या, 99 LIG कालोनी, धार - 454 001 (म.प्र.)
जैन, नरेन्द्र पी. (डॉ.) पूर्व राजदूत, ई-50, साकेत, इन्दौर - 452 001 (म.प्र.)
जैन, पवनकुमार (डॉ.) द्वारा - डॉ. शीतलकुमार जैन, 81 - ए, जवाहर नगर कालोनी, भेलूपुर, वाराणसी (उ.प्र.)
जैन, नन्दलाल (डॉ.) निदेशक - जैन केन्द्र, 8/662, बजरंग नगर, इरीगेशन वर्कशॉप के पीछे. रीवां - 486 001 (म.प्र.)
जैन, प्रभा (ब्र.) संचालिका - ब्राह्मी सुन्दरी प्रस्थाश्रम, 21, कंचन विहार, विजयनगर, जबलपुर - 482 002 (म.प्र.)
जैन, नाथूलाल शास्त्री 40, मोती महल, सर हुकमचन्द मार्ग, इन्दौर - 452 002 (म.प्र.)
जैन, प्रगति सहा. प्राध्यापक - गणित, द्वारा - श्री विजयकुमार जैन, 249, अनूप नगर, 201, नीलगिरि अपार्टमेन्ट, इन्दौर - 452 001 (म.प्र.)
जैन, नाथूराम 'डोंगरीय' 549, सुदामा नगर, इन्दौर - 452 009 (म.प्र.)
जैन, नीलम द्वारा - श्री यू. के. जैन के.एच./216, कवि नगर, गाजियाबाद - 201001
जैन, प्रकाशचन्द्र (डॉ.) तृप्ति निवास, 91/1, तिलकनगर, गली नं. 3, इन्दौर (म.प्र.)
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003 Jain Education Internation
www.jainerssary.org
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________________
जैन, प्रकाशचन्द्र (डॉ.)
6, धन्वन्तरि मार्ग, फ्री गंज,
उज्जैन (म.प्र.)
जैन, पुरुषोत्तम
द्वारा श्री रवीन्द्र जैन,
विमल कोल डिपो, पुराने बस स्टेण्ड के सामने,
मालेर कोटला (पंजाब)
जैन, पुष्पलता (डॉ.)
सदर बाजार, न्यू एक्सटेन्शन एरिया, तुकाराम की चाल,
नागपुर 440001 (महा.)
-
जैन, राजाराम (प्रो.)
निदेशाक - कुन्दकुन्द भारती, दिल्ली,
महाजन टोली नम्बर 2,
आरा- 802301 (बिहार)
जैन, राजमल (डॉ.) राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला,
अन्तरिक्ष विज्ञान विभाग, नवरंगपुरा, गुजरात वि.वि. के पास,
अहमदाबाद (गुज.)
जैन, राजकुमार
सिरोंज जिला विदिशा (म.प्र.)
जैन, राजकुमार (आचार्य)
निदेशक जैन प्राणावाय शोध संस्थान
राजीव कामप्लेक्स गली,
इटारसी (म.प्र.)
-
जैन, राजीव
मंत्री - ऋषभदेव प्रतिष्ठान,
शारदा विला, 23, शुभम विहार, कर्मयोगी इन्क्लेव,
आगरा - 282005 (उ.प्र.)
जैन, रमाकान्त (डॉ.)
ज्योति निकुंज, चार बाग, रोडवेज बस स्टेण्ड के पीछे, लखनऊ - 226004 (उ.प्र.)
86
जैन, रमेशचन्द्र (प्रो.) प्राध्यापक सांख्यिकी, विक्रम वि.वि.,
ANS- 2, सेठी नगर, उज्जैन 456010 (म.प्र.)
जैन, रामजीत (एडवोकेट)
टकसाल गली, दानाओली, लश्कर, ग्वालियर 474001 (म.प्र.)
-
जैन, रमेशचन्द्र (डॉ.)
जैन मन्दिर के पास,
बिजनौर - 246701 (उ.प्र.)
जैन, रश्मि (डॉ.)
सहायक प्राध्यापक - हिन्दी
द्वारा दिनेश ट्रेडर्स, सर्वोदय चौक,
बीना - 470113 जिला सागर (म.प्र.)
जैन, रत्नलाल (डॉ.)
रत्नत्रय भवन, गली आर्य समाज,
जैन धर्मशाला के पास,
हाँसी- 125033 (हिसार)
जैन, रवीन्द्र
विमल कोल डिपो, पुराने बस स्टैण्ड के सामने, मालेर कोटला (पंजाब)
जैन, रवीन्द्रकुमार (ब्र.)
अध्यक्ष - दि. जैन त्रिलोक शोध संस्थान, जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर- 250404 (मेरठ)
जैन, ऋषभचन्द 'फौजदार' (डॉ.)
प्राध्यापक अहिंसा, प्राकृत एवं जैन विद्या अध्ययन केन्द्र,
वैशाली (बिहार)
जैन, एस. सी. (डॉ.)
पूर्व शोधाधिकारी,
जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनूँ (राज.)
ई. ए./230. एस. ए.एस., हरि नगर,
नई दिल्ली
110 064
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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--------------------------------------------------------------------------
________________
जैन, सागरमल (प्रो.)
पूर्व निदेशक पार्श्वनाथ विद्यापीठ
सागर टेन्ट हाऊस, नई सडक, शाजापुर (म.प्र.)
जैन, सनतकुमार (डॉ.) पर्यावरण परामर्शक,
ए - 7, ए. बी. रोड, जोरण गार्डन के पीछे,
इन्दौर - 452008 (म.प्र.)
जैन, संदीप 'सरल' (ब्र.)
अनेकान्त ज्ञान मन्दिर, छोटी बजरिया,
बीना 470113 (सागर)
जैन, सतीशकुमार (डॉ.)
जनरल सेक्रेटरी - अहिंसा इन्टरनेशनल,
सी- 3/3129, बसन्त कुंज,
face - 110 070
जैन, शकुन्तला (डॉ.) व्याख्याता - इतिहास,
99. श्रीकृष्ण कालोनी, अंकपात मार्ग,
उज्जैन (म.प्र.)
जैन, श्रेयांसकुमार (डॉ.) रीडर संस्कृत,
24/32, गांधी रोड, बडौत 250610 (उ.प्र.)
जैन, शीतलकुमार (डॉ.)
81 ए, जवाहर नगर, भेलूपुर, वाराणसी (उ.प्र.)
जैन, शिवचरनलाल (पं.)
संरक्षक - तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ,
सीताराम मार्केट,
मैनपुरी 205001 (उ.प्र.)
जैन, शिवकुमार
31/ 7. बी. खेलात बाबू लेन, कोलकाता 700037
-
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
जैन, श्वेता
द्वारा श्री राजेश जैन
-
सी 9, साबरमती कालोनी, कोटा - 324006
जैन, स्नेहरानी (डॉ.)
-
द्वारा श्री राजकुमार मलैया, भगवानगंज, स्टेशन रोड,
सागर (म.प्र.)
जैन, सुदीप (डॉ.)
सम्पादक प्राकृत विद्या,
बी-32, छतरपुर एक्सटेन्शन, नंदा फार्म के पीछे,
नई दिल्ली 110020
-
जैन, सुधीर
सुषमा प्रेस,
सतना - 485001 (म.प्र.)
-
जैन, सुमन
सम्पादक - ऋषभ देशना,
MSJ हाऊस, 36-37 कंचनबाग, इन्दौर - 452001 (म. प्र. )
जैन, सुनीता
"जैन बाला विश्राम, देवाश्रम रोड, आरा (बिहार)
-
जैन, सूरजमल
परामर्शक वानिकी विद्
7- बी, तलबंडी, कामर्स कालेज रोड, प्रायवेट सेक्टर,
कोटा 324005 (राज.)
जैन, सुरेन्द्रकुमार (डॉ.)
व्याख्याता
शा. उ.मा. विद्यालय,
भँगवा - 471 311 जिला छतरपुर (म.प्र.)
-
जैन, सुदर्शनलाल (प्रो.) प्राध्यापक - संस्कृत विभाग, 1. सेन्ट्रल स्कूल कालोनी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी 221005 (उ.प्र.)
-
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________________
जैन, सुल्तानसिंह रिटायर्ड इंजीनियर, 767 - ए, पश्चिमी अम्बर तालाब, शांति नगर, रूढकी - 247667 (उ.प्र.)
जैन, विजयकुमार (दिवंगत) द्वारा - श्री विद्यासागर शोध संस्थान, पिसनहारी की मढिया, जबलपुर - 482 003 (म.प्र.)
जैन, सुरेश I.A.S. 30, निशात कालोनी, भोपाल - 462 003 (म.प्र.)
जैन, विजयकुमार (डॉ.) 5/779, विराम खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ-226010 (उ.प्र.)
जैन, सुरेश 'मारोरा' वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी, जीवन सदन, सर्किट हाऊस के पास, शिवपुरी (म.प्र.)
जैन, विजयकुमार शास्त्री (पं.) इमारत बिल्डिंग, दि. जैन अतिशय क्षेत्र, श्रीमहावीरजी - 322 220 जिला करौली (राज.)
जैन, सुशीलकुमार 'पुष्प' एडवोकेट, कलेक्टरेट, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.)
जैन, विमलप्रकाश (प्रा.) निदेशक - डॉ. बी. एल. इन्स्टीट्यूट ऑफ इण्डोलाजी, 20 वाँ कि.मी.,जी.टी. करनाल रोड, अलीपुर, नई दिल्ली - 110036
जैन, तृप्ति 91/1, गली नं. 3, तिलक नगर, इन्दौर - 452 001 (म.प्र.)
जैन, विमला (डॉ.) सम्पादिका - जैन महिलादर्श, 1/334, सुहाग नगर, फिरोजाबाद - 283 203 (उ.प्र.)
जैन, उदय (प्रो.) प्राध्यापक - अर्थशास्त्र, वैष्णव इन्स्टीट्यूट ऑफ मेनेजमेन्ट एण्ड कामर्स, इन्दौर (म.प्र.)
जयचन्द्र, एम.ए. (डॉ.) द्वारा - प्राकृत अध्ययन एवं समाशोधन केन्द्र, श्रवणबेलगोला (हासन) कर्नाटक
जैन, उदयचन्द्र (डॉ.) रीडर - जैन विद्या विभाग, पिऊकुंज - 3, अरविन्द नगर,
जैन स्थानक के पास, उदयपुर - 313 001 (राज.)
झा, गंगानन्दसिंह (डॉ.) रीडर - डिपार्टमेन्ट ऑफ मेथेमेटिक्स, डी.सी. कालेज, कटिहार - 864 105 (बिहार)
झा, परमेश्वर (डॉ.) पूर्व प्राध्यापक - गणित, सरस्वती सदन, विद्यापुरी, सुपौल-852 131 जिला सहरसा (बिहार)
जैन, उमेशचन्द्र संयोजक - मन्दिर निर्माण समिति, भगवान महावीर जैन निकेतन, कमल पोखरी, काठमाण्डू (नेपाल)
जोशी, कमला (डॉ.) द्वारा - डॉ. जे. एन. जोशी, कष्णापुर महल, कृष्णापुर तल्लीताल, नैनीताल (उ.प्र.)
जैन, उषा (ब्र.) रिसर्च स्कालर, द्वारा - डॉ. आर. सी. जैन ANS - 2, सेठी नगर, उज्जै न (म.प्र.)
जोशी, मंजूरानी (डॉ.) ई-42. जज कम्पाउण्ड, नेहरू नगर, आगरा (उ.प्र.)
88
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
ainelibrary.org
Page #91
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________________
जोशी, राजेश
बी 2/104, वैभव, जांबली गली, बोरीवली (प.).
-
मुम्बई
400 092
-
जोशी, राजकुमार
609, सुदामा नगर,
इन्दौर - 452009
ज्ञानमती (गणिनी आर्यिका )
दि. जैन धर्म संघ में दीक्षित वरिष्ठतम आर्यिका
शिष्या आचार्य श्री वीरसागरजी महाराज
कपूर, जे. एन. (प्रो.) (दिवंगत)
सी 766, न्यू फ्रेंड्स कालोनी, नई दिल्ली
110 065
-
कराडे, टी. एम. (प्रो.)
आइन्सटीन फाउण्डेशन इन्टरनेशनल, नागपुर विश्वविद्यालय,
नागपुर (महा.)
खरे, के. सी. (डॉ.)
द्वारा दैनिक भास्कर, ए.बी. रोड,
इन्दौर (म.प्र.)
खरे,
लखनलाल
सहायक प्राध्यापक - हिन्दी,
शासकीय महाविद्यालय,
कोलारस जिला शिवपुरी (म.प्र.)
कनकनन्दि (आचार्य उपाध्याय दि. जैन धर्म संघ में दीक्षित आचार्य
शिष्य गणधराचार्य श्री कुन्थुसागरजी महाराज
कासलीवाल, कस्तूरचन्द (डॉ.) (दिवंगत ) अमृत कलश, 867 बरकत कालोनी, टॉक फाटक, जयपुर (राज.)
कासलीवाल, आर. एम. (दिवंगत ) प्रोफेसर मेडीसिन,
-
-
पूर्व प्राचार्य SMS, मेडिकल कालेज, जयपुर (राज.)
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
मुनि)
कासलीवाल, रमेश सम्पादक - वीर निकलंक, सन्मति फोटो कॉपी के ऊपर,
191, आर. एन. टी. मार्ग, इन्दौर-452001
कौशिक, जे.पी. (डॉ.)
द्वारा डॉ. आर. एम. शुक्ल,
407, सुरेश नगर, माटीपुर, ग्वालियर (म.प्र.)
कावडिया, गणेश प्राध्यापक - अर्थशास्त्र,
ए 3. वि. वि. प्राध्यापक आवास, खंडवा रोड, इन्दौर-452017
खण्डेलवाल, जयकिशन प्रसाद
निदेशक वृन्दावन शोध संस्थान 6/240, बेलनगंज...
आगरा 282001 (उ.प्र.)
कोठारी, सरोज (डॉ.)
द्वारा - प्रो. एम. एल. कोठारी,
117, कंचनबाग,
इन्दौर - 452001 (म.प्र.)
कोठिया, विवेक कुमार
निदेशक - प्रकृति एवं विज्ञान मूलभूत अनुसंधान केन्द्र,
10. गोस्वामी नगर, रंजी बस्ती,
जबलपुर
482005 (म.प्र.)
कुमार, भुवनेन्द्र, एस.ए. (डॉ.) सम्पादक जिनमंजरी,
46-65, मोकासिन गली,
मिससागुआ ON LAZ 2W5
कुमार, ललित
सहायक क्यूरेटर, एल. डी. म्यूजियम,
अहमदाबाद 380009
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________________
कुमार,पा. किशार प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग, विक्रम वि.वि., उज्जैन (म.प्र.)
मलया, यशवतकुमार (डा.) कम्प्यूटर साईस विभाग, कोलोरेडो राज्य वि.वि., फोर्ट कोलिन्स C0 805123, (यू.एस.ए.)
कुमार, रज्जन (डॉ.) सहायक प्राध्यापक, जीवन विज्ञान विभाग, जैन विश्व भारती संस्थान, लाडन (राज.)
मलैया, आशारानी सागर ट्रेक्टर्स, स्टेशन रोड, 255, तिलकपथ, सागर (म.प्र.)
कुमुदनन्दि (मुनि) दि. जैन धर्मसंघ में दीक्षित मुनि
मंगलप्रज्ञा (समणी) तेरापंथ श्वेताम्बर जैन धर्म संघ में दीक्षित निदेशक - अनेकान्त शोधपीठ, जैन विश्व भारती संस्थान, लाडनूं - 341 306
लाल. जी. जवाहर (डॉ.) पूर्व निदेशक - O.M.L.R.I., द्वारा श्री एन. वी. राघवराव, पोस्ट नलाजेरला, टी.पी. गुडर्न, पश्चिम गोदावरी (ए.पी..)
मेहता, मुकुलराज (डॉ.) रिसर्च साइन्टिस्ट - दर्शन एवं धर्म विभाग, काशी हिन्दू वि.वि., वाराणसी - 221 005 (उ.प्र.)
लिश्क, सज्जनसिंह (डॉ.) एस - 62, सन्त नगर, पटियाला - 147 001 (पंजाब)
मेहता, संगीता (डॉ.) सहायक प्राध्यापक - संस्कृत, ई.एच. 37. स्कीम नं. 54, इन्दौर - 452010 (म.प्र.)
मधुबाला (साध्वी) (डॉ.) स्थानकवासी जैन श्रमण संघ में दीक्षित साध्वी,
महाप्रज्ञ (आचार्य) तेरापंथ श्वेताम्बर जैन धर्म संघ के आचार्य, द्वारा जैन विश्व भारती संस्थान, लाडनूं - 341 306 जिला नागौर (राज.)
मेश्राम, प्रदीप शालिग्राम ए - 6, अध्यापक निवास, भातनगर पोस्ट ऑफिस के सामने, अमरावती, नागपुर - 440 010 (महा.)
माहेश्वरी, एच. बी. 'जैसल' जेसलमेर हाऊस, जे - 17, चेतकपुरी, ग्वालियर - 474 009 (म.प्र.)
मिचिवाकी, योशिमासा (प्रो.) अध्यक्ष - माएबासी इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी, 460, कमिशादोरी माशी, भिबाशी - 371 (जापान)
मलप्पा, एम. सी. 910. लक्ष्मीपुरा, मैसूर (कर्नाटक)
मिलिन्द, निर्मल स्टील सिटी समाचार, गोलमुरी, जमशेदपुर - 3
मालव, रवीन्द्र
मिश्रा, अशोक के. (डॉ.) तीर्थंकर मानविकी कला एवं पुराण विज्ञानशोध एवं
इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, प्रशिक्षण संस्थान, महावीर भवन,
डॉ. राममनोहर लोहिया अवध वि.वि., ग्वालियर (म.प्र.)
फैजाबाद - 224 001 (उ.प्र.) 90
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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मिश्र, प्रभुनारायण (प्रो.) निदेशक - प्रबन्ध अध्ययन संस्थान, देवी अहिल्या वि.वि., पी-2, प्रोफेसर्स क्वार्टर्स, खंडवा रोड, इन्दौर - 452 017
निगम, श्यामसुन्दर (डॉ.) निदेशक - कावेरी शोध संस्थान, 34, केशव नगर, उज्जै न - 456 001 (म.प्र.)
निजानन्दसागर (उपाध्याय - मुनि) दि. जैन धर्म संघ में दीक्षित मुनि, उपाध्याय पद से विभूषित
मिश्रा, सुरेखा द्वारा - श्री शैलेन्द्र मिश्रा, 30 शंकरगंज मेनरोड, इन्दौर (म.प्र.)
पद्मावथम्मा (प्रो.) प्राध्यापक - गणित, मैसूर वि.वि., दीपा नं. 28, II, क्रास, III, स्टेज, गोकुलम्, मैसूर (कर्नाटक)
मुकुन्दराव, एन. चीफ ऐपीग्राफिकल ऑफिसर - पुरातत्व विभाग, हैदराबाद - 500 001 (आ.प्र.)
पाण्डे, प्रभात पुस्तकालयाध्यक्ष, शासकीय महाविद्यालय, गंजबासोदा (विदिशा)
मुन्या, बद्रीलाल प्रभुलाल सुवासरा जिला मन्दसौर (म.प्र.)
नागराजन, के. एस. (प्रो.) 11/12, IV क्रास, विल्सन गार्डन, बैंगलोर - 560027
पंडित, शैलेन्द्र (डॉ.) सहायक प्राध्यापक- प्रबन्ध अध्ययन II.P.S. इन्दौर इन्दौर (म.प्र.)
नागार्च, बी.एल. (डॉ.) ए - 3 प्रोफेसर्स कालोनी, भोपाल-462 001 (म.प्र.)
पटेल, जया अहिल्यामाता गौशाला जीवदया मंडल ट्रस्ट, इन्दौर (म.प्र.)
नईमपल्ली , एस.ए. (प्रो.) गणित विभाग, लेकहेड विश्वविद्यालय, थन्डर बे, ओन्टरियो P7B5EI, कनाडा
पाठक, नरेशकुमार संग्रहाध्यक्ष - केन्द्रीय संग्रहालय, ए.बी. रोड, इन्दौर - 452001 (म.प्र.)
नांदगांवकर, राजकुमार पूर्व कुलपति - विक्रम विश्वविद्यालय, चन्द्रदीप अपार्टमेन्ट, निकावस मन्दिर, इतवारी, नागपुर - 440 002 (महा.)
पाटनी, उषा सहसम्पादिका - ऋषभ देशना, 365, कालानी नगर, इन्दौर (भ.प्र.)
नन्दिघोष, विजय मुनि श्वेताम्बर जैन धर्म संघ में दीक्षित मुनि
पाटनी, मन्मथ वाइस प्रेसिडेन्ट - प्रेस्टीज ग्रुप ऑफ इन्डस्ट्रीज, मनकमल, 104, नेमीनगर, इन्दौर - 452 009
नरसिंहमूर्ति, ए.वी. प्राध्यापक - प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग, मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर (कर्नाटक)
पिसाप्ति, आर. के.
ओस्माना विश्वविद्यालय, हैदराबाद (ए.पी.)
अर्हत वचन. 15 (1-2). 2003 Jain Education
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प्रभा, सताश्वरा C/o., प्रो. एल. सी. जैन, दीक्षा ज्वैलर्स के ऊपर, 554, सराफा बाजार, जबलपुर (म.प्र.)
सालागया, सुशाला (डा.) 10, नार्थ राजमोहल्ला, इन्दौर (म.प्र.)
सम्यक्त्वसागर, ऐलक (दिवंगत) दिगम्बर जैन धर्म संघ में दीक्षित
प्रसाद, जगदीश सेवानिवृत्त रीडर - रसायन शास्त्र, 15, कृष्णपुरी, मेरठ (उ.प्र.)
सराफ, संजीव (डॉ.) पुस्तकालयाध्यक्ष - शासकीय महाविद्यालय, पथरिया (दमोह) म.प्र. L.I.G. - 52, पद्माकर कालोनी, मकरोनिया, सागर (म.प्र.)
रैना, ध्रुव वैज्ञानिक, द्वारा - NISTDS, डॉ. के.एस. कृष्णन् मार्ग, पूसा रोड, दिल्ली - 110012
सेरगुई, क्रिवोव ए - 15, पर्यावरण काम्पलेक्स, साउथ साकेत, नई दिल्ली - 110 030 (सम्प्रति रसिया Russia में)
राजगोपाल, पी. (प्रो.) प्राध्यापक - गणित, एकिन्सन महाविद्यालय, यार्क विश्वविद्यालय, नार्थ यार्क, टोरन्टो - कनाडा
सिंह, परमानन्द (डॉ.) पी.एन. कालेज, हाजीपुर - 844 101 जिला वैशाली
राजपुरोहित, भगवतीलाल (डॉ.) विलोटीपुरा, उज्जैन - 456 006
शर्मा, गायत्री द्वारा - डॉ. देवकरण शर्मा, 129 बहादुरगंज, उज्जैन - 456 001 (म.प्र.)
रामपुरिया, जतनलाल (एडवोकेट) 15, नूरमहल लोहिया लेन, कोलकाता - 700007
राव, एम. बासव संग्रहालयाध्यक्ष - सालारजंग केन्द्रीय संग्रहालय, हैदराबाद (आ.प्र.)
शर्मा, आय. के. (डॉ.) पूर्व निदेशक भारतीय पुरातत्व विभाग, जनपथ, नई दिल्ली - 11001
रस्तोगी, शैलेन्द्रकुमार (डॉ.) भूतपूर्व निदेशक - रामकथा संग्रहालय, अयोध्या (फैजाबाद) सपर्या, 223/10, रस्तोगी टोला, राजाबाजार, लखनऊ (उ.प्र)
शर्मा, जयचन्द्र (डॉ.) (दिवंगत) निदेशक - संगीत भारती कला संस्थान, गंगाशहर रोड, बीकानेर - 334 001 (राज.)
ऋद्धिश्री (आर्यिका) दि.जैन धर्मसंघ में दीक्षित संघस्थ - आचार्य श्री कनकनन्दिजी महाराज
शास्त्री, नेमीचन्द्र (प्राचार्य) नौगांव - 471 209 जिला छतरपुर (म.प्र.)
शास्त्री, सुमन (ब्र.) संघस्थ - उपाध्याय श्री गुप्तिसागरजी महाराज
सचदेव, एन. एन. (डॉ.) देवलोक, न्यू पलासिया, इन्दौर - 452 001 (म.प्र.)
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अर्हत् वचन, 15 (1-2),2003
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शास्त्रा, टा. वा. जी. (डा.) पूर्व निदेशक - BACRI
12/11/1418, युद्ध नगर, सिकन्दराबाद - 500 361 (आ.प्र.)
शुक्ल, राममोहन (डॉ.)
कार्यक्रम समन्वयक - राष्ट्रीय सेवा योजना, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन
407. सुरेश नगर, थाटीपुर, मुरार,
ग्वालियर (म.प्र.)
शुभचन्द्र (डॉ.)
जैन विद्या विभाग, मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर (कर्नाटक)
सिकरवार, रामलखनसिंह
Clo. डॉ. राममोहन शुक्ल
कार्यक्रम समन्वयक - राष्ट्रीय सेवा योजना, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन
सिंह, लालबहादुर (डॉ.)
संग्रहालयाध्यक्ष केन्द्रीय पुरातत्व संग्रहालय, 912. बैरक, छांटीपुरा, पो, रामकृष्णपुरी, ग्वालियर (म.प्र.)
सिंह, नवज्योति (डॉ.)
वैज्ञानिक NISTDS,
*डॉ. के. एस. कृष्णन् मार्ग, पूसा रोड,
facet-110 012
सुन्दरा, ए. (प्रो.)
निदेशक कर्नाटक विश्वविद्यालय पोस्ट ग्रेजुएट सेन्टर,
शोलापुर रोड,
बीजापुर - 586 103 (कर्नाटक)
सुराना, दिलीप (डॉ.)
39/1. कालीघाट रोड,
कोलकाता 700025
शेट्टर, ष.
Clo, दिगम्बर जैन मठ, श्रवणबेलगोला (कर्नाटक)
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
प्रशान्त
तिलवनकर, शोध छात्र कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, 584, महात्मा गंधी मार्ग, तुकोगंज,
इन्दौर - 452001 (म.प्र.)
तिवारी, विनोदकुमार
रीडर इतिहास विभाग, यू. आर. कालेज, रोसडा - 848210 जिला समस्तीपुर (बिहार)
त्रिपाठी, रूद्रदेव (डॉ.)
निदेशक बी., एम. बिडला शोध केन्द्र, विक्रम कीर्ति मन्दिर, उज्जैन (म.प्र.)
उपाध्याय, ऋचा (डॉ.)
द्वारा प्रो. शचीन्द्र प्रसाद उपाध्याय,
बी - 9 / 13, एम.आई.जी., महानंदानगर, उज्जैन (म.प्र.)
उपाध्याय, शचीन्द्रप्रसाद (डॉ.)
अध्यक्ष इतिहास विभाग, माधव महाविद्यालय, उज्जैन
-
बी - 9/13, एम.आई.जी., महानंदानगर, उज्जैन (म.प्र.)
वैद्य, सिद्धार्थ श्याम
44, देवकुआं मार्ग, सारंगपुर जिला राजगढ (ब्यावरा) म.प्र.
वसंतराज, एम. डी. (डॉ.) (दिवंगत) 86. 1X क्रास, नवेलु रास्ते, कुवेम्पुनगर, मैसूर (कर्नाटक)
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अर्हत् वचन पुरस्कार वर्ष 14 (2002) की घोषणा
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा मौलिक एवं शोधपूर्ण आलेखों के सृजन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्ष 1990 में अर्हत् वचन पुरस्कारों की स्थापना की गई। इसके अन्तर्गत प्रतिवर्ष अर्हत् वचन में एक वर्ष में प्रकाशित आलेखों के मूल्यांकन हेतु एक निर्णायक मंडल का गठन किया गया।
निर्णायकों द्वारा प्रदत्त प्राप्तांकों के आधार पर वर्ष 2002 हेतु निम्नांकित आलेखों को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार हेतु चुना गया है। ज्ञातव्य है कि पूज्य मुनिराजों/आर्यिका माताओं, अर्हत् वचन सम्पादक मंडल के सदस्यों एवं विगत पाँच वर्ष में इस पुरस्कार से सम्मानित लेखकों द्वारा लिखित लेख प्रतियोगिता में सम्मिलित नहीं किये जाते हैं। पुरस्कृत लेख के लेखकों को क्रमश: रुपये 5001/-. 3001/-, 2001 की नगद राशि, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह से निकट भविष्य में सम्मानित किया जायेगा। प्रथम पुरस्कार : The Jaina Hagiography and the Satkhandagama, 14(4),
October-December 2002, 49-60, Dr. S. A. Bhuvanendra Kumar, Editor-Jinamanjari, 4665, Moccasin Trail, Mississau
ga, Canada L4Z, 2W5. द्वितीय पुरस्कार : Acarya Virasena and his Mathematical Contribution, 14(2-3),
April- September 2002, 79-90, Mrs. Pragati Jain, Lecturer
ILVA Science & Commerce College, Indore. तृतीय पुरस्कार : काल विषयक दृष्टिकोण, 14 (2 -3), अप्रैल-सितम्बर 2002,
41-50, डॉ. (ब्र.) स्नेहरानी जैन, c/o. श्री राजकुमार मलैया,
भगवानगंज, स्टेशन रोड, सागर। देवकुमारसिंह कासलीवाल
डॉ. अनुपम जैन अध्यक्ष
मानद् सचिव 14.06.2003
JINAMANJARI
जैन विद्या का पठनीय षट्मासिक
JINAMANJARI Editor-S.A. Bhuvanendra Kumar Periodicity - Bi-annual (April & October) Publisher - Brahmi Society, Canada-U.S.A. Contact - Dr. S. A. Bhuvanendra Kumar
4665, Moccasin Trail, MISSISSAUGA, ONTARIO,
Tha
Fuplares
JAINA HISTORIC ASPECTS
OF INDIA
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अर्हत् वचन पुरस्कार योजना
श्रेष्ठ शोध आलेखों के लेखकों को सम्मानित करने के उद्देश्य से कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ द्वारा अर्हत् वचन पुरस्कार योजना 1989 में घोषित की गई। इसके अन्तर्गत वर्ष 2 (1990) से वर्ष 14 (2002) तक के 14 वर्षों में प्रत्येक वर्ष में प्रकाशित पत्रिका के 4 अंकों के आलेखों का त्रिसदस्यीय निर्णायक मंडल द्वारा मूल्यांकन कराकर 3 श्रेष्ठ आलेख के लेखकों को पुरस्कृत किया जाता रहा है। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कारों के अन्तर्गत वर्तमान में प्रशस्ति पत्र के अतिरिक्त रु.5001/-, 3001/- एवं 2001 /- की राशि भी प्रदान की जाती है। वर्तमान में भी यह योजना गतिमान है अब तक पुरस्कृत आलेखों का वर्षवार विवरण निम्नवत् है ।
प्रथम पुरस्कार
'जैन दर्शन एवं आधुनिक विज्ञान' (व्यवहार पल्य का गणित एवं आधुनिक अणु विज्ञान), 2 (3) जून 1990, 1319, डॉ. पारसमल अग्रवाल, उपाचार्य भौतिकी अध्ययनशाला, विक्रम वि.वि., उज्जैन (सम्प्रति प्राध्यापक रसायन भौतिकी, ओक्लाहोमा स्टेट वि.वि. स्टिलवाटर (अमेरिका)
द्वितीय पुरस्कार "Sin Bhüvalaya of Kurmudendu, 2 (2) March 1990, 49-53, Prof. A.V. Nasimhamūrthy, Professor of Ancient Indian History & Archaelogy, Mysore University, Mysore
तृतीय पुरस्कार : 'Jaina Astronomical Texts Belonging to the Presiddhantic Period of
Ancient India', 2 (2), March 1990, 5-10, Dr. Parmeshvar Jha, University Professor & Head, Department of Mathematics, B.S.S. College, Supaul, Saraswati Sadan, Vidyapuri,
Saharasa (Bihar) Presently Retired Supaul 852131.
अर्हत् वचन पुरस्कार
अद्यतन पुरस्कृत आलेखों का विवरण वर्ष 2 (1990)
प्रथम पुरस्कार 'कवि और गणितज्ञ
महावीराचार्य', 3 (1) जनवरी 1991, 126, प्रो. महेश दुबे, प्राध्यापक गणित, होल्कर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय, इन्दौर द्वितीय पुरस्कार Condition of Jaina Society as Gleaned from Tirunarukondai Inscription', 3(4), October 1991, 7-10, Dr. T. Ganesan, Research Assistant, Pondicheery Institute of Linguistics & Culture, Pondicheery (At present Matthailam, 161, North Main Street, Thanjavur, Tamilnadu )
तृतीय पुरस्कार Digambara Jainism in Karnataka, 3(3), July 1991, 17, Dr. I.K. Sharma, Director, Archaelogical Survey of India, Janpath, New Delhi-110001. Presently Retired.
वर्ष 3 (1991)
--
अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
And
'Transitive Elements of Music in Jaina Works', 3(4), October 1991, 13-16, Dr. A. P. Jain, N-14, Chetakpuri, Gwalior-474 009
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________________
प्रथम पुरस्कार 'चीन और जापान में
द्वितीय पुरस्कार 'वर्तमान आयुर्वेदिक पद्धतियों के
प्रथम पुरस्कार
प्रथम पुरस्कार
वर्ष 4 (1992)
-
श के जैन मान 1992, 15, प्रो. आर. सी. गुप्त, संस्थान, मेसरा (रांची) (सम्प्रति
तृतीय पुरस्कार : 'The Jaina Relics of Kolanupuka (A.P.), 4 (4) October 1992, 7-11, Dr. B.S.L. Hanumantha Rao, Former Professor of Buddhist Studies, Nagarjun University, Guntur (A.P.) (He is no more )
art-5 (1993)
गोपाचल उत्तर मध्यकालीन इतिहास, साहित्य एवं कला संगम का तीर्थ', 5 (1), जनवरी 1993, 917, डॉ. राजाराम जैन, निदेशक कुन्दकुन्द भारती, 18 बी, स्पेशल इन्स्टीट्यूशनल एरिया, महरौली रोड़, नई दिल्ली 110067 ( निवास महाजन टोली नं. 2, आरा - बिहार ) द्वितीय पुरस्कार 'Mathematical Problem Solving in Medieval India & Europe', 5 (3), July 1993, E77-92, Prof. P. Rajagopal, Professor of Mathematics, Atkinson College, North York University, York, Ontario, Canada
तृतीय पुरस्कार : 'Ancient Indian Mathematics and its Relevence to Modern Indian
Mathematics', 5(2), April 1993, E41-47, Prof. J. N. Kapur, Ex V.C. & Visiting Professor of Mathematics, J.N.U., Delhi, C-766, New Friends Colony, New Delhi-110065 (He is no more)
प्रथम पुरस्कार
10 की लोकप्रियता' 4 (1) जनवरी प्राध्यापक गणित, बिरला प्रौद्योगिकी आर- 20, रसबहार कालोनी, लहरगिर्द, झांसी)
96
स्वरूप' 4 (23) अप्रैल जुलाई 1992, 69-77, डॉ. स्नेहरानी जैन, रीडर फार्मेसी, डॉ. हरीसिंह गौर वि.वि., सागर (सम्प्रति C/o श्री राजकुमार जैन, भगवानगंज, स्टेशन रोड़, सागर)
-
-
वर्ष 6 (1994)
-
द्वितीय पुरस्कार : 'श्रवणबेलगोला के जैन पुरातत्व का ऐतिहासिक विवेचन' 6 (1), जनवरी 1994, 17- 20, डॉ. सुरेन्द्र आर्य, प्रा.भा. इ. एवं पुरातत्व विभाग, विक्रम वि.वि., उज्जैन (सम्प्रति- सेवानिवृत्त), 22, भक्तनगर, दशहरा मैदान, उज्जैन 245001
तृतीय पुरस्कार : मथुरा में 514 जिन स्तूपों के निर्माता श्री टोडरसाहु' 6 (1) जनवरी 1994, 41-50, प्राचार्य कुन्दनलाल जैन, 68, श्रुति कुटीर, युधिष्ठिर गली, विश्वास मार्ग, विश्वास नगर, शाहदरा, दिल्ली- 110032
'शाकाहार एवं पर्यावरण' 6 (3) जुलाई 1994 155 170, डॉ. उदयचन्द्र जैन, रीडर प्राकृत एवं जैनागम विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया वि.वि., उदयपुर, पिउकुन्ज, अरविन्द नगर उदयपुर 313001
,
वर्ष 7 (1995)
-
-
'श्रुत परम्परा में आयुर्वेद 7(3), जुलाई 1995, 715, आचार्य राजकुमार जैन, निबन्धक एवं सचिव, भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा परिषद, 112 ए ब्लाक सी, पाकेट सी, शालीमार बाग, दिल्ली- 110052 (सम्प्रति जैन आयुर्वेद एवं चिकित्सा केन्द्र, राजीव काम्पलेक्स गली, इटारसी
461111
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द्वितीय पुरस्कार : 'पौद्गलिक स्कन्धों का वैज्ञानिक विश्लेषण' 7 (4), अक्टूबर 1995, 9-23,
डॉ. अजितकुमार जैन, प्राध्यापक -रसायन शास्त्र, एस.एल.एल. जैन कॉलेज,
विदिशा (म.प्र.) तृतीय पुरस्कार : 'Some Aspects of Jaina Art in Kamataka-Architecture & Sculpture',
7(2), April 1995,67-82,Prof.A.Sundra, Director-Karnataka University Post Graduate Centre, Sholapur Road, Bijapur-586 103
वर्ष-8 (1996) प्रथम पुरस्कार : 'निमित्त तथा उसका वैज्ञानिक कारण' 8(4), अक्टूबर 1996, 17-28,
डॉ. अनिलकुमार जैन, प्रबन्धक - आगार, तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम, बी-26,
सूर्यनारायण सोसायटी, विसत पेट्रोल पम्प के सामने, साबरमती, अहमदाबाद - 380005 द्वितीय पुरस्कार : Jaina Relativism & Theory of Relativity, 8(4), October 1996, 53-66,
Dr. Nandlal Jain, Director - Jain Kendra, 8/662, Bajrangnagar,
Rewa-486001 तृतीय पुरस्कार : "विज्ञान और जैन आगम के सन्दर्भ में - सूक्ष्म पदार्थ क्या है?' 8(4),
अक्टूबर 1996, 29-36, डॉ. महावीर राज गेलड़ा, पूर्व कुलपति-जैन विश्व भारती संस्थान, 5 च/20, जवाहर नगर, जयपुर (राज.)
वर्ष-9(1997)
प्रथम पुरस्कार : 'The Existence of Soul and Moderm Sciencce', 9(2), April 1997,
9-24, Dr. Parasmal Agrawal, Professor of Physics, Vikram University, Ujjain (At present Professor of Chemical Physics, Okhlohomo State
University, Okhlohomo - U.S.A.) द्वितीय पुरस्कार : 'Eco - Rationality and Jaina Kama Theory', 9(3), July 1997, 53-68,
Mr. Krivov Serguie, Fellow Dr. H. Skolimonwski International Centre for Eco-Philosophy, A-15, Paryavaran Complex, South of Saket,
New Delhi - 110030 (At present in Russia) तृतीय पुरस्कार : ''Kalpavrksas • The Benevolent Tress (Scientific Interpretation)',
9(2), April 1997, 63.73, Shri S. M. Jain, 7-B, Talawandi, Main Road, Kota-324005
__ वर्ष-10 (1998) प्रथम पुरस्कार : 'नेमिचन्द्राचार्य कृत ग्रन्थों में अक्षर संख्याओं का प्रयोग' 10(2), अप्रैल 1998,
47 - 59, श्री दिपक जाधव, व्याख्याता - गणित, जी-1, माडल स्कूल कैम्पस,
बड़वानी- 451551 द्वितीय पुरस्कार : 'दिगम्बर जैन आगम के बारे में एक चिन्तन' 10(3), जुलाई 1998, 35-45,
डी. वसन्तराज, 66, 9 वाँ क्रास, नवेलु रास्ते, मैसूर (कर्नाटक) (दिवंगत) तृतीय पुरस्कार : 'Epistermology in the Jaina Aspect of Atomic Hypothesis', 10(3),
July 1998, 29-34, Dr. Ashok K. Mishra, Dept. of History, Culture and Archaelogy, Dr. R.M.L. Avadh University, Faizabad - 224001
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वर्ष- 11 (1999) प्रथम पुरस्कार : 'कालद्रव्य : जैन दर्शन और विज्ञान' 11(3), जुलाई 1999, 23 - 32,
कुमार अनेकान्त जैन, जैन विश्व भारती संस्थान, लाडनूं - 341 306 (सम्प्रति
- व्याख्याता, लालबहादुर शास्त्री केन्द्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली- 110067) द्वितीय पुरस्कार : 'जैन समाज में नारी की हैसियत' 11 (2), अप्रैल 1999,9- 18, आचार्य
गोपीलाल अमर, अमरावती, सी-2/57, भजनपुरा, दिल्ली-110053 तृतीय पुरस्कार : ‘णमोकार महामंत्र - साधना के स्वर : एक अध्ययन' 11 (3), जुलाई 1999,
49-52, डॉ. जयचन्द्र शर्मा, निदेशक - श्री संगीत भारती, शोध विभाग, बीकानेर - 334 007 (दिवंगत)
वर्ष- 12 (2000) प्रथम पुरस्कार : 'जैन आयुर्वेद - एक परिचय' 12 (3), जुलाई 2000, 9-27, डॉ. शकुन्तला
जैन, 99, कृष्ण कालोनी, अंकपात मार्ग, उज्जैन - 456 006 द्वितीय पुरस्कार : Jain Paintings in Tamilnadu', 12(4), October 2000, 49-59, Sri T.
Ganesan, 101, North Main Street, Thanjavur (Tamilnadu) तृतीय पुरस्कार : 'जैन धर्मे : आचार दृष्टि:' 12 (1), जनवरी 2000, 53-60, डॉ. संगीता मेहता, ई एच. स्कीम नं. 54, इन्दौर - 452010
वर्ष- 13 (2001) प्रथम पुरस्कार : 'Solar System in Jainism and Modem Astronomy', 13(1), January
2001, 33-42, Prof. Rajmal Jain, Scientist, National Physical Research Laboratory, Dept. of Space, Navrangpura, Near Gujrat University,
Ahmedabad- 380009 द्वितीय पुरस्कार : 'Jainism Abroad', 13(1), January 2001, 13-26, Shri satish Kumar
Jain, Secretary General - Ahimsa International, C-111/3129, Vasant Kunj,
New Delhi तृतीय पुरस्कार : 'जैन दर्शन में आस्रव तत्व का स्वरूप', 13(3-4), जुलाई - दिसम्बर 2001,
9- 17, डॉ. मुकुलराज मेहता, रिसर्च साइंटिस्ट 'सी' - दर्शन एवं धर्म विभाग, काशी हिन्दू वि.वि., वाराणसी
वर्ष- 14 (2002) प्रथम पुरस्कार : 'The Jaina Hagiography and the Sarkhandagama', 14(4), October
2002, 49-60, Dr. S.A. Bhuvanendrakumar, Editor - Jinamanjarai, 4665,
Moccasin Trail, Mississauga, CANADA L4Z, 2W5 द्वितीय पुरस्कार : 'Acārya Virasena and His Mathematical Contribution', 14(2-3),
April - September 2002, 79-90, Mrs. Pragati Jain, Lecturer ILVA
Science and Commerce College, Indore तृतीय पुरस्कार : 'काल विषयक दृष्टिकोण', 14(2 - 3), अप्रैल-सितम्बर 2002, 41-50,
डॉ. (ब्र.) स्नेहरानी जैन, C/o. श्री राजकुमार मलैया, भगवान गंज, स्टेशन रोड़, सागर
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ज्ञानोदय इतिहास पुरस्कार
श्रीमती शांतिदेवी रतनलालजी बोबरा की स्मृति में श्री सूरजमलजी बोबरा, इन्दौर द्वारा स्थापित ज्ञानोदय फाउण्डेशन के सौजन्य से कन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर के माध्यम से ज्ञानोदय पुरस्कार की स्थापना 1998 में की गई है। यह सर्वविदित तथ्य है कि दर्शन एवं साहित्य की अपेक्षा इतिहास एवं पुरातत्त्व के क्षेत्र में मौलिक शोध की मात्रा अल्प रहती है। फलत: यह पुरस्कार जैन इतिहास के क्षेत्र में मौलिक शोध को समर्पित किया गया है। इसके अन्तर्गत पुरस्कार राशि में वृद्धि करते हुए वर्ष 2000 से प्रतिवर्ष जैन इतिहास के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र / पुस्तक प्रस्तुत करने वाले विद्वान् को रुपये 11000/- की नगद राशि, शाल एवं श्रीफल से सम्मानित किया जा रहा है।
वर्ष 1998 का पुरस्कार रामकथा संग्रहालय, फैजाबाद के पूर्व निदेशक डॉ. शैलेन्द्र रस्तोगी को उनकी कृति 'जैन धर्म कला प्राण ऋषभदेव और उनके अभिलेखीय साक्ष्य' पर 29.3.2000 को समर्पित किया गया। इस कृति का ज्ञानोदय फाउण्डेशन के आर्थिक सहयोग से कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा प्रकाशन किया जा रहा है।
वर्ष 1999 का पुरस्कार प्रो. हम्पा नागराजैय्या (Prof. Hampa Nagarajaiyah) को उनकी कृति 'A History of the Rastrakutas of Malkhed and Jainism पर प्रदान किया गया। यह प्रकाशित है।
वर्ष 2000 का पुरस्कार डॉ. अभयप्रकाश जैन (ग्वालियर) को उनकी कृति 'जैन स्तूप परम्परा' (अप्रकाशित) पर एवं 2001 का पुरस्कार श्री सदानन्द अग्रवाल (मेण्डा-उड़ीसा) को उनकी कृति 'खारवेल' (प्रकाशित) पर 3 मई 2003 को इन्दौर में समर्पित किया गया।
वर्ष 2002 से चयन की प्रक्रिया में परिवर्तन किया जा रहा है। अब कोई भी व्यक्ति पुरस्कार हेतु किसी लेख या पुस्तक के लेखक के नाम का प्रस्ताव सामग्री सहित प्रेषित कर सकता है। चयनित कृति के लेखक को अब रु. 11000/- की राशि, शाल, श्रीफल एवं प्रशस्ति प्रदान की जायेगी। .
साथ ही चयनित कृति के प्रस्तावक को भी रु. 1000/- की राशि से सम्मानित किया जायेगा। वर्ष 2002 एवं 2003 के पुरस्कार हेतु प्रस्ताव सादे कागज पर एवं सम्बद्ध कृति/आलेख के लेखक तथा प्रस्तावक के सम्पर्क के पते, फोन नं. सहित 30 सितम्बर 2003 तक मानद सचिव, कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, 584, महात्मा गांधी मार्ग, तुकोगंज, इन्दौर - 452001 के पते पर प्राप्त हो जाना चाहिये।
जैन विद्याओं के अध्ययन/अनुसंधान में रुचि रखने वाले सभी विद्वानों/समाजसेवियों से आग्रह है कि वे विगत 5 वर्षों में प्रकाश में आये जैन इतिहास/पुरातत्त्व विषयक मौलिक शोध कार्यों के संकलन, मूल्यांकन एवं सम्मानित करने में हमें अपना सहयोग प्रदान करें। देवकुमारसिंह कासलीवाल
डॉ. अनुपम जैन अध्यक्ष
मानद सचिव कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003
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जैन पांडुलिपियों की राष्ट्रीय पंजी (रजिस्टर) का निर्माण
भगवान महावीर 2600 वाँ जन्म जयन्ती महोत्सव वर्ष के कार्यक्रमों की श्रृंखला में संस्कृति मंत्रालय - भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अभिलेखागार (National Archives), दिल्ली के माध्यम से देश के विविध अंचलों में विकीर्ण जैन पांडुलिपियों की विस्तृत सूची तैयार करने का निश्चय किया गया, जिससे इन पांडुलिपियों के संरक्षण, अनुवाद, आलोचनात्मक अध्ययन का पथ प्रशस्त हो सके।
शासन द्वारा निर्धारित विस्तृत प्रारूप में कम्प्यूटर पर जैन पांडुलिपियों की राष्ट्रीय पंजी के निर्माण का कार्य राष्ट्रीय स्तर पर चयनित 5 संस्थाओं के माध्यम से प्रारम्भ किया जा चुका है। कार्य की सुविधा की दृष्टि से सम्पूर्ण देश को 5 भागों में विभाजित किया गया है। मध्य क्षेत्र मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र अंचल में यह कार्य कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर को प्रदान किया गया है।
इस योजना में पांडुलिपियों के स्वामित्व, अधिकार एवं संरक्षण स्थल में कोई परिवर्तन नहीं किया जायेगा, वे जहाँ, जिसके स्वामित्व में हैं, वहीं संरक्षित रहेंगी। मात्र उनके बारे में जानकारी संकलित कर राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध कराई जायेगी जिससे अध्येता इसकी जानकारी प्राप्त कर आवश्यकतानुसार अध्ययन हेतु उनका उपयोग कर सकें। दुर्लभ एवं महत्वपूर्ण पांडुलिपियों के संरक्षण हेतु भविष्य में शासन का सहयोग भी प्राप्त होने की संभावना है।
अतः जैन पांडुलिपियों के भंडारों के प्रबन्धकों एवं उन समस्त व्यक्तियों, जिनके सरक्षण में जैन पांडुलिपियाँ हैं, से अनुरोध है कि वे निम्नांकित जानकारी प्रदान कर अनुग्रहीत करें -
जानकारी प्राप्त होने पर हमारे प्रतिनिधि आपके पास आकर पूर्ण विनय एवं सावधानी के साथ सूचीकरण का कार्य सम्पन्न करायेंगे। इस प्रक्रिया में आपका भंडार भी व्यवस्थित हो जायेगा तथा पांडुलिपियों की कम्प्यूटरीकृत सूची भी आपको उपलब्ध हो जायेगी। हम मात्र सूची की एक प्रति अपने साथ लायेंगे ।
कृपया सहयोग कर जिनवाणी संरक्षण के इस कार्य में हमें सहयोग प्रदान करें।
1. भंडार का नाम व पता
2.
भंडार के प्रबन्धक का नाम एवं पता 3. भंडार में उपलब्ध पांडुलिपियों की संख्या
4. क्या केटेलाग (सूची) प्रकाशित है। ? हाँ / नहीं.
5. पत्राचार हेतु पूर्ण पता ( पिनकोड सहित ) 6. फोन नं. कोड सहित
देवकुमारसिंह कासलीवाल
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अध्यक्ष
डॉ. अनुपम जैन मानद सचिव
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खण्ड - 2
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर की प्रगति आख्या
[19.10.87 - 5.6.03]
M
अनुरोध
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर की विकास यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत है। हमें विश्वास है कि इसका अवलोकन कर आप हमें अपना सक्रिय सहयोग एवं मार्गदर्शन अवश्य उपलब्ध करायेंगे। आपके अमूल्य सुझावों के परिप्रेक्ष्य में हम ज्ञानपीठ की आगामी गतिविधियों को संयोजित कर सकेंगे।
देवकुमारसिंह कासलीवाल
डॉ. अनुपम जैन
अजितकुमारसिंह कासलीवाल
अध्यक्ष
मानद सचिव
कोषाध्यक्ष
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कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर की मातृ संस्था
दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम ट्रस्ट, इन्दौर अध्यक्ष
उपाध्यक्ष श्री देवकुमारसिंह कासलीवाल
श्री महाराजाबहादुरसिंह कासलीवाल अनोप भवन,
इन्द्र भवन, 580, महात्मा गांधी मार्ग तुकोगंज
3, महात्मा गांधी मार्ग, तुकोगंज, इन्दौर - 452001
इन्दौर-452001 सदस्य
सदस्य श्री राजेन्द्रकुमारसिंह कासलीवाल
श्री भरतकुमार मोदी कल्याण भवन,
आशा भवन, 582, महात्मा गांधी मार्ग, तुकोगज,
मधुमिलन टाकिज के पास, इन्दौर - 452 001
इन्दौर - 452001 श्री कैलाशचन्द चौधरी
श्री अजितकुमारसिंह कासलीवाल चौधरी मार्केट,
अनोप भवन, 39, सीतलामाता बाजार
580, महात्मा गांधी मार्ग, तुकोगंज, इन्दौर - 452001
इन्दौर - 452001
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर
कार्य परिषद अध्यक्ष
सदस्य श्री देवकुमारसिंह कासलीवाल
श्री महाराजाबहादुरसिंह कासलीवाल अनोप भवन,
इन्द्र भवन, 580 महात्मा गांधी मार्ग,
3. महात्मा गांधी मार्ग, तुकोगंज, इन्दौर - 452001
तुकोगंज, इन्दौर - 452001 उपाध्यक्ष
श्री राजेन्द्रकुमारसिंह कासलीवाल पं. नाथूलाल जैन शास्त्री
कल्याण भवन, 40, मोती महल,
582, महात्मा गांधी मार्ग, सर हुकमचन्द मार्ग,
तुकोगंज, इन्दौर - 452 001 इन्दौर - 452002
श्री कैलाशचन्द चौधरी सचिव
39, सीतलामाता बाजार, डॉ. अनुपम जैन
इन्दौर - 452002 'ज्ञानछाया', डी- 14, सुदामानगर, इन्दौर - 452009
श्री प्रदीपकुमारसिंह कासलीवाल कोषाध्यक्ष
अनोप भवन, श्री अजितकुमारसिंह कासलीवाल
580, महात्मा गांधी मार्ग, अनोप भवन,
तुकोगंज, इन्दौर - 452001 580, महात्मा गांधी मार्ग,
श्री चन्द्रकुमारसिंह कासलीवाल तुकोगंज, इन्दौर - 452001
इन्द्र भवन, निदेशक पदेन
3. महात्मा गांधी मार्ग, प्रो. ए. ए. अब्बासी, पूर्व कुलपति
तुकोगंज, इन्दौर - 452001 बी- 476, सुदामानगर,
इन्दौर-452009 102
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आचार्य कुन्दकुन्द द्विसहस्राब्दी महोत्सव वर्ष के पावन प्रसंग पर 18 - 19 अक्टूबर 1987 को इन्दौर नगर में आयोजित जैन विद्या संगोष्ठी में समागत मूर्धन्य जैन विद्या मनीषियों के साथ सम्पन्न विचार मंथन से प्राप्त नवनीत के रूप में श्री देवकुमारसिंह कासलीवाल ने दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम ट्रस्ट के अन्तर्गत एक शोध संस्थान की स्थापना का निर्णय लिया। तदनुरूप 19.10.87 को प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मोतीलालजी वोरा की उपस्थिति में कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की स्थापना की गई। संगोष्ठी में सप्तागत विद्वानों की भावना के अनुरूप डॉ. अनुपम जैन ने कुन्दकुन्द सानपीड के विकास की भावी योजनाओं एव प्राथमिकताओं का विस्तृत प्रारूप तैयार कर श्री दामारसिह कासलीवाल के मार्गदर्शन में ज्ञानपीठ का संचालन 1.11.87 से प्रारम्भ किया। कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की प्रारम्भ से अब तक संचालित समस्त योजनाओं के आकल्यन एवं क्रियान्वयन का श्रेय इसके प्रथम कार्यकारी अधिकारी एवं वर्तमान मानद सचिव डॉ. अनुपम जैन को जाता है एवं इन गतिविधियों को त्वरित गति देने में श्री आजतकुमारसिंह कासलीवाल की भूमिका अविस्मरणीय है।
सम्प्रति कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ का संचालन मुख्यतः दिगम्बर से उदास आश्रम ट्रस्ट, इन्दौर से प्राप्त अनुदान से कुन्दकुन्द ज्ञानपीट का पावर हार जाता है। ज्ञानपीठ को इस सर्वोच्च संस्था ने अपनी सुविधा के लिये एक परामर्शदान समिति का गठन किया है। सामान्यतः इस समिति के परामर्शानुसार ही झानपीट अनी भावी गतिविधियों का संचालन करती है। कार्य परिषद ने ज्ञानपीठ की समस्त निर्याभत अतिविधियों एवं प्रकल्पो के संचालन हेतु एक 9 सदस्यीय शोध समिति/निदेशक मंडल का मनोनयन किया गया है। इसको सूची. 8 पर दी गई है। प्रत्येक वर्षको अन्तराल से
पुनर्गटन होता है। ज्ञान के अन्तर्गत दिन, गातेविधियों को गत वर न .. कुन्दकुन्द न्यौट परीक्षा संस्थान ...
ज्ञानरीट की स्थापना भूलत. शोध संस्थान के रूप में की गई है। स्थारि । इसकी गतिविधियों को बहआयामी रखा गया है। समाज की नई पीढी में नैतिक मूल्यों के विकास तथा जैनधर्म की मूलभूत शिक्षाओं के प्रचार प्रसार हेतु देश के मूर्धन्य ऐन विद्वान संहितामरि पं. नाथूलाल जैन शास्त्री की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में कुन्टकल ज्ञानपीठ के एक प्रकल्प
में "कुन्द ज्ञानपीठ परीक्षा बोर्ड की स्थापना दिसम्बर 1987 में की गई थी। 1 दिसम्बर 1987 से इस परीक्षा बोर्ड का संचालन पं. नाथूलालजी शास्त्री के सुयोग्य निर्देशन में किया रहा है। सत्र 1995-96 से इस परीक्षा संस्थान के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। 1.12.87 से श्री अरविन्दकुमार जैन शास्त्री परीक्षाधिकारी का दायित्व सफलता से निर्वाह कर रहे हैं। प्रारम्भ में श्रीमती चन्द्रप्रभा देवी मोदी इस संस्थान की मंत्री थीं, किन्तु उनके निधन के पश्चात् यह दायित्व सत्र 1996-97 से श्रीमती विमलादेवी कासलीवाल ने ग्रहण कर लिया है। परीक्षा संस्थान के पाठ्यक्रमों के निर्धारण एवं प्रश्नपत्रों के निर्माण का कार्य विद्वानों के सहयोग से किया जाता है। पृष्ठ 104 पर परीक्षा संस्थान की परामर्शदात्री समिति एवं पृष्ठ 105 पर दी गई सारणी में विभिन्न वर्षों में संचालित पाठ्यक्रमो से सम्बद्ध संस्थाओं एवं छात्रों की संख्या दर्शायी गई है. जो परीक्षा संस्थान के व्यापक स्वरूप को स्पष्ट करती
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अध्यक्ष
मंत्री
निदेशक
परामर्शदाता
परीक्षाधिकारी
104
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ परीक्षा संस्थान, इन्दौर परामर्शदात्री समिति
श्री देवकुमारसिंह कासलीवाल
: श्रीमती विमलादेवी कासलीवाल
:
पं. नाथूलाल जैन शास्त्री
: पं. रतनलाल जैन शास्त्री
इन्द्र भवन, इन्दौर
ब्र. प्रदीप शास्त्री 'पियूष'
श्री वर्णी दिगम्बर जैन गुरुकुल, जबलपुर
ग्र अनिल जैन
अधिष्ठाता श्री दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम, इन्दौर
डॉ. दयाचन्द जैन 'साहित्याचार्य'
प्राचार्य - गणेश दिगम्बर जैन संस्कृत महाविद्यालय, सागर
डॉ. नेमीचन्द जैन
प्राचार्य पार्श्वनाथ गुरुकुल, खुरई
श्री रवि गंगवाल
प्राचार्य - श्री तिलोकचन्द जैन हायर सेकण्डरी स्कूल, इन्दौर
श्री जयकुमार जैन
प्रधानाध्यापक श्री महावीर दिगम्बर जैन संस्कृत महाविद्यालय, सातूमल
श्री मूलचन्द मिश्र
प्राचार्य श्री स्याद्वाद महाविद्यालय, भदैनी, वाराणसी
श्री शीलचन्द जैन
प्रधानाचार्य पार्श्वनाथ दिगम्बर संस्कृत विद्यालय, बरुआ सागर
पं. ऋषभ शास्त्री
प्रधानाध्यापक महावीर दिगम्बर जैन पाठशाला, नवापारा
पं. रमेशचन्द्र बांझल
प्राचार्य सर हुकमचन्द दिगम्बर जैन संस्कृत महाविद्यालय, इन्दौर
-
श्री दयाचन्द जैन
प्रबन्धक महावीर हाई स्कूल, सतना
श्री प्रकाश शास्त्री
दिगम्बर जैन हायर सेकण्डरी स्कूल, इन्दौर
प्रो. ए. ए. अब्बासी
मानद निदेशक- कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर (पदेन)
डॉ. अनुपम जैन
मानद सचिव कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर (पदेन)
: श्री अरविन्दकुमार जैन
प्रबन्धक कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर
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क्र.
कुल योग
संचालित सम्मिलित सम्मिलित
संचालित
सम्मिलित
पाठ्यक्रम
छात्र
संस्थाएँ
पाठ्यक्रम
छात्र
20
3987
14
37
4759
22
5100
11
39
5668
22
6639
37
7073
22
7539
39
8570
22
7994
39
8952
22
10375
37
11537
22
7329
503
37
7832
22
8050
523
37
8573
25
8267
633
42
8900
25
8640
400
42
9040
25
8515
377
42
8892
25
9843
145
42
9988
25
9089
769
42
9558
25
10399
454
42
10853
23
9530
481
40
10011
23
12502
352
40
12854
133798
9262
10
143060
नोट: वर्ष 2001 में भगवान ऋषभदेव अन्तर्राष्ट्रीय निर्वाण महामहोत्सव वर्ष में विशेष प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की गई, इस परीक्षा में 6635 छात्र - छात्राओं ने सम्मिलित होकर लाभ लिया । श्रेष्ठ प्रतिभागियों को गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी के ससंघ सान्निध्य में भगवान ऋषभदेव तपस्थली, प्रयाग में सम्मानित किया गया।
1
2
3
4
5
6780
9
10
11
12
13
14
15
16
योग
वर्ष
1987-88
1988-89
1989-90
1990-91
1991-92
1992-93
1993-94
1994-95
1995-96
1996-97
1997-98
1998-99
1999 2000
2000-2001
2001 2002
2002-2003
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ परीक्षा संस्थान, इन्दौर
अंग्रेजी विभाग
सम्मिलित
संस्थाएँ
40
51
60
73
82
87
75
78
78
75
80
82
70
90
84
103
8
17
12
11
7
7
13
11
11
11
8
9
संस्कृत विभाग
संचालित
पाठ्यक्रम
17
17
15
17
17
15
15
15
17
17
17
17
17
17
17
10
10
सम्मिलित सम्मिलित
छात्र
संस्थाएँ
772
569
434
1031
503
1162
54
62
68
90
94
98
82
85
91
86
91
93
78
99
94
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शोध संस्थान शोध संस्थान के अन्तर्गत आधारभूत सुविधाओं के विकास की श्रृंखला में सन्दर्भ ग्रन्थालय (पुस्तकालय) का विकास एवं त्रैमासिक शोध पत्रिका अर्हत् वचन के प्रकाशन के साथ ही शोध गतिविधियों के विकास के क्रम में व्याख्यानमालाओं का आयोजन, श्रेष्ठ शोध आलेखो के लेखन को प्रोत्साहित करने हेतु अर्हत वचन पुरस्कार योजना, जैन इतिहास एवं पुरातत्व पर मौलिक शोध के प्रोत्साहन हेतु ज्ञानोदय पुरस्कार का संचालन एवं जैन विद्याओं के क्षेत्र में मौलिक लेखन को प्रोत्साहित करने हेतु कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार योजना संचालित की जा रही है।
यत्र - तत्र विकीण जैन पुरावशेषों के अभिलेखीकरण, मूल्यांकन एवं संरक्षण को विशेष महत्व देते हुए पुरातत्व का एक अलग प्रकोष्ट गठित किया गया। इसके अन्तर्गत गोपाचल (ग्वालियर) के सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण करके आख्या का प्रकाशन किया जा चुका है। जैन ग्रन्थों की मूल भाषा प्राकृत के पठन-पाठन को विकसित करने हेतु प्राकृत विद्या शिक्षण - प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। जैन संस्कृति की रक्षा हेतु श्री सत्युत प्रभावना ट्रस्ट के सहयोग से प्रकाशित ग्रन्थों एवं पांडुलिपियों के सूचीकरण की योजना 1999 से मार्च 2001 तक सचालित की गई। सम्प्रति भारत सरकार के सहयोग से जैन पांडुलिपियों को राष्ट्रीय पंजी के निर्माण का कार्य मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र अंचल में गतिमान है। प्रकाशित ग्रन्थों के सचीकरण का कार्य भी ज्ञानपीठ द्वारा स्वतंत्र रूप से चलाया जा रहा है। सिरिभूवलय की डिकोडिंग एवं अनुवाद का कार्य भी चल रहा है। शोध संस्थान की विभिन्न गतिविधियों की बिन्दुवार आख्या निम्नवत है ----- सन्दर्भ ग्रन्थालय
हमारे सन्दर्भ ग्रन्थालय/पुस्तकालय में 31 मार्च 2003 तक 1200 पांडलिपियाँ एवं लगभग 11,000 ग्रन्थ संकलित किये जा चुके हैं। 350 पत्र-पत्रिकाएँ भी आती हैं। आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए पुस्तकालय में उपलब्ध समस्त पुस्तकों एवं पांडुलिपियों की स्चियों को कम्प्यूटर पर उपलब्ध कर दिया गया है। इससे किसी भी पुस्तक की उपलब्धता/अनुपलब्धता एव पुस्तकालय में उसके स्थान बाबद पूर्ण सूचना क्षण भर में कम्प्यूटर पर उपलब्ध हो जाती है। कम्प्यूटरीकरण का यह कार्य डॉ. दिलीप योबरा, अमेरिका द्वारा उदारतापूर्वक कम्प्यूटर सिस्टम आदि उपलब्ध कराये जाने के कारण संभव हुआ है। एतदर्थ हम उनके एवं उनके परिवार के प्रति आभार ज्ञापित करते हैं। पुस्तकालयों में पुस्तकों को सुव्यवस्थित रखने हेतु आवश्यक बुक सेल्फ क्रय करने हेतु हमें श्री शियकुमार जैन (कलकत्ता) के माध्यम से श्री जैन मिश्रीलाल पद्यावती फाउन्डेशन ट्रस्ट द्वारा 1,00,000-00 (एक लाख रुपये) का सहयोग प्राप्त हुआ है। श्री राजेन्द्रकुमार जैन एवं श्रीमती सुधा जैन (न्यू पुष्पक रेस्टॉरेन्ट, इन्दौर) ने 1 बुक सेल्फ, डॉ. रमा जैन (छतरपुर) तथा डॉ. सविता जैन (उज्जैन) ने भी 1-1 बुक सेल्फ पुस्तकालय को सहर्ष प्रदान की है, एतदर्थ संस्था उनकी आभारी है। शोध त्रैमासिकी अहंत वचन
सितम्बर 1988 में पत्रिका के प्रवेशांक के प्रकाशन के साथ ही दिसम्बर 2002 तक 3 संयुक्तांकों सहित इसके 56 अंक प्रकाशित किये जा चुके हैं। 14 वर्षों में प्रकाशित त्रैमासिकी के 56 अंकों की सामग्री का विस्तृत विवरण इसी अंक में पृ. 6
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से 94 तक प्रकाशित किया जा रहा है। अनेक विशेषांक भी प्रकाशित हो चुके हैं। अब तक प्रकाशित अंकों का सामूहिक चित्र मुखपृष्ठ पर दृष्टव्य है।
सम्प्रति इस पत्रिका का संपादन कार्य शासकीय होलकर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय, इन्दौर के गणित विभाग में पदस्थ डॉ. अनुपम जैन द्वारा किया जा रहा है। पत्रिका के 1988 से 2002 तक के सम्पादक मंडल के सदस्यों के नाम पृ. 3 - 4 पर एवं वर्तमान परामर्श मंडल के नाम पृष्ठ-2 पर अंकित हैं। पुरातत्व
1987 में स्थापित कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ द्वारा अपने स्थापना के तत्काल बाद से ही पुरातात्विक सामग्री के सर्वेक्षण, अभिलेखीकरण एवं प्रकाशन को पर्याप्त महत्व दिया जाता रहा है। फलत: हमने इस कार्य को स्वतंत्र विभाग के रूप में संचालित करने का निर्णय किया। परीक्षा बोर्ड के समान ही पुरातत्व विभाग भी प्रारम्भ से ही संचालित है। देश के प्रख्यात पुराविद् डॉ. टी. व्ही. जी. शास्त्री, पूर्व निदेशक-बिरला पुरातत्व एवं संस्कृति अनुसंधान केन्द्र, हैदराबाद के निर्देशन में दक्षिण के अनेक अज्ञात पुरातात्विक महत्व के स्थलों का सर्वेक्षण कराकर अर्हत् वचन में सामग्री का प्रकाशन किया गया। वर्तमान में भी विभिन्न पुरातत्वज्ञों के सहयोग से महत्वपूर्ण स्थलों का सर्वेक्षण कराकर उनकी रिपोर्ट प्रकाशित की जाती है। 1989 से 1997 के मध्य गोपाचल पर एक विस्तृत परियोजना का क्रियान्वयन किया गया।
प्रारम्भ में हमने श्री पी. किशोर (शोध छात्र - विक्रम वि.वि., उज्जैन) की सेवायें शोध सहायक के रूप में प्राप्त की। वे विक्रम विश्वविद्यालय से पुरातत्व में एम.फिल. कर रहे थे। उन्होंने 1990 में 3 माह तक प्राथमिक सर्वेक्षण कर कार्य की दिशा निर्धारित की। तदुपरान्त श्री कँदर जैन की नियुक्ति कर उनसे गोपाचल एवं उसके समीपवर्ती क्षेत्र, जो गोगाचल से सीधे सम्बद्ध हैं, का 3 वर्ष में सम्पूर्ण छायांकन कराया। हमारे प्रतिनिधि द्वारा भोपाबल की समस्त गुफाओं में उपलब्ध मूर्तियों, शिल्प खंडों का चित्रांकन भी किया गया है। उनके द्वारा अब तक 850 चित्र (फोटो) लिये गये हैं जिनमें सम्पूर्ण इतिहास सुरक्षित करने का प्रयास किया गया है। संकलित सामग्री एवं चित्रों का विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन किया गया तथा अर्हत् वचन के गोपाचल विशेषांक (वर्ष - 5, अंक - 1,जनवरी-93) का प्रकाशन किया, जिससे इस क्षेत्र में विद्वानों की रूचि को जाग्रत कर अध्ययन हेतु प्रेरित किया जा सका। विशेषांक से जिज्ञासुओं को प्रारम्भिक सामग्री
भी प्रदान की जा सकी। इस विषय पर 5-6 सितम्बर 1994 को एक कार्यशाला का आयोजन भी किया गया था। इसकी अनुशंसा के अनुरूप सामग्री का संशोधन/संकलन किया गया एवं 1997 में एक प्रतिष्ठापूर्ण मोनोग्राफ The Jaina Sanctuaries of Fortress of Gwalior का प्रकाशन किया गया। अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित इस मोनोग्राफ के प्रकाशन में हमें रमादेवी बिहारीलाल जैन चेरिटेबल ट्रस्ट, ब्लूफील्ड-अमेरिका का रु. 1,00,00C = 00 का श्लाघनीय सहयोग प्राप्त हुआ। इस कार्य में डॉ. स्नेहरानी जैन (सागर) द्वारा प्रदत्त सहयोग हेतु संस्था आभारी है!
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500 PRIK
ALNA
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केन्द्रीय संग्रहालय, इन्दौर के
संग्रहाध्यक्ष श्री नरेशकुमार पाठक द्वारा जैन शिल्प
अत्यन्त श्रमपूर्वक लिखी गई कृतियों - 'मध्यप्रदेश का जैन शिल्प' और 'विदेशी संग्रहालयों में भारत की जैन प्रतिमाएँ का प्रकाशन ज्ञानपीठ द्वारा क्रमश: वर्ष 2000 एवं 2003 में किया गया। इनके प्रकाशन में श्री सिद्धकूट चैत्यालय टेम्पल ट्रस्ट, अजमेर के श्री निर्मलचन्दजी सोनी,
श्री प्रमोदकुमारजी सोनी आदि का विशेष शोध परियोजना
सहयोग रहा। 2 मई 1993 को देवी अहिल्या वि.वि. के तत्कालीन कुलपति डॉ. उमरावसिंह चौधरी के मुख्य आतिथ्य एवं विक्रम वि. वि., उज्जैन के भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. सी. जैन की अध्यक्षता में जैन विद्या शोध उन्नयन विचार विमर्श बैठक सम्पन्न हुई। बैठक की विस्तृत व्याख्या अर्हत् वचन 5 (2), अप्रैल 93 में प्रकाशित है। बैठक के निर्णयों को क्रियान्वित करने के उद्देश्य से जैन विद्याओं के अध्ययन एवं शोध कार्य को प्रोत्साहन देने हेतु तथा लोगों को संस्था से जुड़ने की भावना से 'जैन विद्याओं के अध्ययन/अनुसंधान हेतु आमंत्रण' शीर्षक से एक विज्ञापन मई 93 के द्वितीय पक्ष में देश के प्रमुख समाचार पत्रों - राजस्थान पत्रिका, सन्मार्ग (कलकत्ता), गुजरात समाचार, हिन्दुस्तान दैनिक, जनसत्ता, दैनिक लोकस्वामी, दैनिक भास्कर, इण्डिन एक्सप्रेस आदि पत्रों के विभिन्न स्थानों से निकलने वाले संस्करणों में प्रकाशित किया गया। लगभग 10000 हेण्ड बिल भी प्रकाशित कराकर सम्पूर्ण देश के विश्वविद्यालयों/शोध संस्थानों में भेजे गये।
इन विज्ञापनों के प्रकाशन के पश्चात जानकारी मिलते ही भारतवर्ष के विभिन्न अंचलों से जैन विद्या पर शोध कार्य हेतु लगभग 150 आवेदन पद प्राप्त हुए। जिनमें से पात्रतानुसार चयन करके, योग्य शोधार्थियों को प्रोत्साहित करने हेतु पत्राचार के माध्यम से शोध हेतु विषयों का सुझाव तथा अन्य मार्गदर्शन किया गया। साथ ही इस हेतु संस्था की सहयोग योजना को भी उनके समक्ष स्पष्ट कर दिया गया ताकि अधिक से अधिक लोग इस ओर आकर्षित होकर शोध कार्य कर सकें।
___इस संस्था द्वारा शोधकर्ताओं को विभिन्न कार्यों के लिये समय - समय पर पात्रतानुसार अकादमिक एवं आर्थिक सहायता दी गई एवं दी जा रही है। अनेक शोधार्थियों ने ज्ञानपीठ में रहकर अपने शोधकार्य को पूर्ण किया।
हम यहाँ पर उन Ph.D. शोध प्रबन्धों, M.Phil. Project Reports (योजना विवरणों) एवं M.A/M.Sc. के लघु शोध प्रबन्धों की सूची प्रकाशित कर रहे हैं जिनके प्रणयन में संस्था ने प्रत्यक्ष/परोक्ष, अकादमिक/आर्थिक सहयोग दिया। इस परियोजना के क्रियान्वयन में संस्था के मानद निदेशक प्रो. नवीन. सी. जैन के मार्गदर्शन में डॉ. प्रकाशचन्द जैन का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। सम्प्रति प्रो. ए. ए. अब्बासी, प्रो. गणेश कावडिया, प्रो. ललिताम्या, प्रो. सुरेशचन्द्र अग्रवाल, प्रो. सरोजकुमार, प्रो. पुरुषोत्तम दुबे, डॉ. प्रकाशचन्द्र जैन, डॉ. शकुन्तला सिंह, डॉ. संगीता मेहता एवं डॉ. अनुपम जैन शोधार्थियों को मार्गदर्शन दे रहे हैं।
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Ph.D.
1. 'शुभचन्द्राचार्य विरचित पाण्डव पुराण का समीक्षात्मक अध्ययन' (संस्कृत), डॉ. (श्रीमती) रूबी जैन, सहारनपुर, नि. डॉ. कैलाशचन्द्र जैन, जे. वी. जैन संस्कृत कॉलेज, सहारनपुर, मेरठ वि. वि. (सम्प्रति चौधरी चरणसिंह वि. वि.), मेरठ, 1993.
2. 'साहित्याचार्य डॉ. पन्नालाल जैन विरचित चिन्तामणित्रय का समीक्षात्मक अध्ययन' (संस्कृत), डॉ. अनिलकुमार जैन, दमोह, नि. डॉ. भागचन्द जैन 'भागेन्दु', दमोह, डॉ. हरिसिंह गौर वि.वि., सागर, 1994.
3.
4. 'आचार्य योगीन्दु (जो इन्दु) एक अनुशीलन' (संस्कृत), डॉ. (श्रीमती) वन्दना जैन, दमोह, नि. - डॉ. भागचन्द जैन 'भागेन्दु', शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दमोह, डॉ. हरिसिंह गौर वि.वि., सागर, 1997.
6.
5. 'जैन विषयवस्तु से सम्बद्ध आधुनिक हिन्दी महाकाव्यों में सामाजिक चेतना' (हिन्दी), डॉ. (श्रीमती) सुशीला सालगिया, इन्दौर, नि. डॉ. दिलीप चौहान ( इन्दौर), देवी अहिल्या वि. वि. इन्दौर, 1999.
8.
-
'जैन संस्कृत पुराणों में विहित पुराकथाओं के स्रोत एवं स्वरूप का अध्ययन' (7 वीं से 10वीं शताब्दी तक ) (इतिहास), डॉ. (कु.) वन्दना जैन, जयपुर, नि. - डॉ. विनयकुमार जैन, जयपुर, इतिहास एवं भारतीय संस्कृति विभाग - राजस्थान वि.वि., जयपुर, 1994.
9.
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में (वैदिक
7. 'आयुर्वेद के विकास में जैनाचार्यों का योगदान काल से 17 वीं सदी तक ) (इतिहास), डॉ. (कु.) शकुन्तला जैन, उज्जैन, नि. - डॉ. शचीन्द्रप्रसाद उपाध्याय, माधव महाविद्यालय, उज्जैन, विक्रम वि.वि., उज्जैन,
1999
11.
'जैन धर्म एवं गीता में कर्म का सिद्धान्त एक समाजशास्त्रीय तुलनात्मक अध्ययन' (समाज शास्त्र), डॉ. (श्रीमती) अंजली सराफ w/o श्री अशोककुमार मोदी, ग्वालियर, जीवाजी वि.वि., ग्वालियर, 1999.
-
'प्रमुख जैन पुराणों में प्रतिपादित राजनीति का समीक्षात्मक अध्ययन' (राजनीति शास्त्र), डॉ. (श्रीमती) सरोज चौधरी, इन्दौर, नि. - डॉ. उषा तिवारी, इन्दौर, क्रिश्चियन कॉलेज, इन्दौर, देवी अहिल्या वि. वि, इन्दौर, 1999.
'आचार्य श्रीधर और उनका गणितीय अवदान' (गणित), डॉ. (श्रीमती) ममता अग्रवाल, मेरठ, नि. प्रो. सुरेशचन्द्र अग्रवाल एवं डॉ. अनुपम जैन, इन्दौर उच्च शिक्षा संस्थान, चौधरी चरणसिंह वि.वि., मेरठ, 2001.
10. 'इन्दौर नगर के जैन समाज में प्रमुख जैन साध्वियों की सामाजिक परिवर्तन
में भूमिका' - एक समाजशास्त्रीय अध्ययन ( समाजशास्त्र), डॉ. (श्रीमती) अलका जैन, इन्दौर, नि. प्रो. आर. के. नानावटी, इन्दौर, देवी अहिल्या वि. वि, इन्दौर,
2002.
अर्हत् वचन, 15 (1-2). 2003
'जैन रामायणों में राम का स्वरूप' (हिन्दी), डॉ. (श्रीमती) अनुपमा छाजेड़, इन्दौर, नि. डॉ. पुरुषोत्तम दुबे, कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर, देवी अहिल्या वि. वि., इन्दौर, 2002.
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M.Phil. 12. 'इन्दौर नगर के जैन ग्रन्थागारों (श्री माणक चौक दिगम्बर जैन मन्दिर) की
हस्तलिखित पांडुलिपियों का सर्वेक्षण एवं सूचीकरण' (इतिहास), कु. रश्मि जैन, इन्दौर, नि. - डॉ. जे. सी. उपाध्याय, इन्दौर, देवी अहिल्या वि. वि., इन्दौर, 1994. 'श्रीधराचार्य' (गणित), श्री योगेन्द्र शर्मा, मेरठ, नि. - प्रो. एस. सी. अग्रवाल, मेरठ एवं डॉ. अनुपम जैन, इन्दौर, उच्च शिक्षा संस्थान, चौधरी चरणसिंह वि. वि..
मेरठ, 1996. 14. 'संस्कृत स्तोत्र साहित्य के विकास में गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माताजी
का योगदान' (संस्कृत), कु. वर्षा तिडके, इन्दौर, नि. - डॉ. (श्रीमती) संगीता मेहता,
स्कूल ऑफ एडवान्स्ड लिबरल स्टडीज, देवी अहिल्या वि.वि., इन्दौर, 2001. 15. 'बीसवीं सदी के हिन्दी साहित्य में भगवान महावीर' (हिन्दी), कु. दीपिका जैन, इन्दौर, नि. - डॉ. शकुन्तला सिंह, इन्दौर, देवी अहिल्या वि.वि, इन्दौर, 2002.
M.A/M.Sc. लघु शोध प्रबन्ध "जैन धर्म एवं इन्दौर जिले के प्रमुख जैन मन्दिर' (इतिहास), श्री मनोजकुमार जैन, देपालपुर, नि.-प्रो. स्वरूप नारायण बाजपेयी, लघु शोध प्रबन्ध, इन्दौर क्रिश्चियन
महाविद्यालय, इन्दौर, देवी अहिल्या वि. वि., इन्दौर, 1995. 17. 'भूधरदास कृत पार्श्वपुराण - एक अध्ययन' (हिन्दी), कु. रश्मि पोखरना, इन्दौर,
नि. - डॉ. (श्रीमती) कला जोशी, लघु शोध प्रबन्ध, शासकीय स्नातकोत्तर कन्या
महाविद्यालय, इन्दौर, देवी अहिल्या वि. वि., इन्दौर, 1995. _ 'कविवर बनारसीदास एवं अर्द्ध कथानक' (हिन्दी), श्रीमती बिनोदबाला जैन (वीन),
इन्दौर, नि.- डॉ. दिलीपकुमार चौहान, लघु शोध प्रबन्ध, शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, इन्दौर, देवी अहिल्या वि. वि., इन्दौर, 1996. 'इन्दौर के दिगम्बर जैन मन्दिर' (इतिहास), कु. शैलजा जैन, इन्दौर, नि. - डॉ. हरबंससिंह, लघु शोध प्रबन्ध, शासकीय नूतन स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, इन्दौर,
देवी अहिल्या वि. वि., इन्दौर, 1997. 20. 'जैन एवं विशिष्ट अद्वैत दर्शनों में जीव दर्शन का तुलनात्मक अध्ययन' (दर्शन),
श्रीमती अंजलि सराफ, इन्दौर, लघु शोध प्रबन्ध, नि. - प्रो. बेंजामिन खान एवं
डॉ. सतवीर सिंह भाटिया, इन्दौर, देवी अहिल्या वि. वि., इन्दौर, 1997. 21. 'जैन दर्शन में खान-पान के बदलते परिवेश' (समाजशास्त्र), कु. वर्षा बड़जात्या,
इन्दौर, लघु शोध प्रबन्ध, नि. - प्रो. सोसम्मा पोथन, शासकीय नूतन कन्या महाविद्यालय, इन्दौर, 1997. 'जैन दर्शन एक व्यावहारिक उपयोगितावादी दर्शन - एक विश्लेषण' (दर्शन), श्रीमती रश्मि जैन, इन्दौर, लघु शोध प्रबन्ध, नि. - प्रो. (श्रीमती) सुनीता कवीश्वर,
शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, इन्दौर, 1999. 23. 'ग्वालियर के दिगम्बर जैन मन्दिर के ग्रन्थालय की हस्तलिखित पांडुलिपियों का
सर्वेक्षण एवं सूचीकरण' (श्री डीडवानाओली दि. जैन मन्दिर, ग्वालियर) (इतिहास), कु. वन्दना जैन, इन्दौर, लघुशोध प्रबन्ध, नि. - सुश्री श्रद्धा दुबे, सहायक प्राध्यापक - शासकीय नूतन कन्या महाविद्यालय, इन्दौर, 1999.
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24.
25. 'जैन समाज में नारी की स्थिति एक समाजशास्त्रीय अध्ययन' ( समाजशास्त्र), कु. अलका जैन, इन्दौर, एम.ए. लघु शोध प्रबन्ध, प. म.ब. गुजराती महाविद्यालय, इन्दौर, 1999.
27. Mahavirācārya and his Mathematical Works' (Maths), M.Sc. Project, Ms. Rashmi Jain, Sup.- Prof. Mahesh Dubey, Govt. Autonomous Holkar Science College, Indore, 2001.
28.
'Nemicandra and his Mathematical Contribution', (Maths), M.Sc. Project, Swati Agnihotri, Indore, Sup. Dr. Anupam Jain, Govt. Autonomous Holkar Science College, Indore, 2001.
29. आचार्य श्री विद्यासागरजी के संस्कृत शतकों का साहित्यिक अनुशीलन (संस्कृत), एम. ए. लघु शोध प्रबन्ध, डॉ. संगीता मेहता, शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, इन्दौर, देवी अहिल्या वि.वि., इन्दौर, 2001.
'भारत के पशु मांस निर्यात व्यापार की आर्थिक एवं सामाजिक समीक्षा' (वाणिज्य), कु. कल्पना जैन, सागर, लघु शोध प्रबन्ध, नि - डॉ. एम. डी. गोस्वामी, शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, सागर, 1999.
31.
30. 'बुधजन बुधजन सतसई' (हिन्दी), श्रीमती कुसुमलता जैन, इन्दौर, एम.ए. लघु शोध प्रबन्ध, नि. डॉ. रमेश सोनी, शासकीय संस्कृत महाविद्यालय, इन्दौर, 2002.
A
"Sridharācārya, the Man & the Mathematician' (Maths). M.Sc. Project, Mr. Prashant Tilwankar, Indore, Supervisior-Dr. Anupam Jain, Govt. Autonomous Holkar Science College, Indore, 2000.
2.
4.
'An Introduction to Indian Mathematics with Special Reference to Vedic Mathematics', (Maths), M.Sc. Project, Ku. Arti Agrawal, Sup.-Dr. Anupam Jain, Govt. Autonomous Holkar Science College, Indore, 2001.
इसके अतिरिक्त निम्न शोधार्थी Ph.D. हेतु कार्यरत हैं -
'Mathematical Contribution of Acarya Yativrasabha', (Maths), Prof. N. Shivkumar, Banglore, Sup.-Prof. Padmavathamma, Mysore University, Mysore,
'Mathematical Contribution of Acārya Virasena' (Maths), Mrs. Pragati Jain, Indore, Sup.-Prof. S. C. Agrawal, Meerut & Dr. Anupam Jain, Indore, Chaudhary Charansingh University, Meerut,
'मानव संसाधन विकास में सामाजिक संस्थाओं की भूमिका' (अर्थशास्त्र), श्रीमती मनीषा जैन, इन्दौर, नि. प्रो. गणेश कावडिया, इन्दौर, देवी अहिल्या वि. वि., इन्दौर,
-
'जैन शास्त्र भंडारों में निहित हिन्दी वैज्ञानिक साहित्य का सर्वेक्षण' (हिन्दी), ब्र. रजनी जैन, इन्दौर, नि. प्रो. सरोजकुमार एवं डॉ. अनुपम जैन, देवी अहिल्या वि. वि., इन्दौर,
5. हिन्दी जैन पत्रकारिता के 15 दशक ) हिन्दी ) श्रीमती स्मिता शाह, इन्दौर, नि. डॉ. बद्रीप्रसाद रिमाल, इन्दौर, देवी अहिल्या वि. वि., इन्दौर,
6. 'बीसवीं शताब्दी के हिन्दी साहित्य में भगवान महावीर (हिन्दी), कु. दीपिका जैन, इन्दौर, नि. - डॉ. शकुन्तला सिंह एवं डॉ. अनुपम जैन, देवी अहिल्या वि.वि., इन्दौर.
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7. 'जैन समाज के सन्दर्भ में कार्यशील महिलाओं की भूमिका व उनके पारिवारिक
समायोजन का समाजशास्त्रीय अध्ययन (उदयपुर के सन्दर्भ में)' (समाज शास्त्र),
श्रीमती प्रीति जैन, इन्दौर, नि. - प्रो. सोसम्मा पोथन, देवी अहिल्या वि.वि., इन्दौर 8. 'Mathematical Contribution of Ācārya Nemicandra' (Maths), Mr. Dipak
Jadhav, Barwani, 9. 'Philosopher Mathematicians of India' (Maths), Mr. Prasnat Tilwankar, Indore. प्राकृत विद्या शिक्षण - प्रशिक्षण शिविर
भारत की प्राचीन सांस्कृतिक सम्पदा को समझने के लिये प्राकत का विधिवत वैज्ञानिक पद्धति से अध्ययन, अध्यापन तथा शिक्षण - प्रशिक्षण आज की अनिवार्य आवश्यकता
है।
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ द्वारा भी प्राकृत के अध्ययन को विकसित करने के उद्देश्य से प्राकृत विद्या शिक्षण-प्रशिक्षण शिविर के आयोजन की रूपरेखा बनाई गई। सौभाग्य से सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के प्राकृत एवं जैनागम विभाग के तत्कालीन अध्यक्ष तथा श्रमण विद्या संकाय के संकायाध्यक्ष डॉ. गोकुलचन्द्र जैन का इन्दौर में शुभागमन हआ। संस्था के तत्कालीन निदेशक प्रो. नवीन सी. जैन ने उनसे चर्चा करके प्रशिक्षण हेतु समय देने की स्वीकृति प्राप्त कर ली। यही नहीं, उन्होंने शीघ्र ही प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा भी तैवार करके दे दी। उपरान्त दिनांक 4.12.95 से 17.12.95 तक 2 सप्ताह का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें प्रशिक्षण का दायित्व डॉ. गोकुलचन्द्र जैन, वाराणसी, ब्र. चन्द्रशेखरजी (सम्प्रति मुनि श्री प्रवचनसागरजी, संघस्थ आचार्य श्री विद्यासागरजी) तथा डॉ. संगीता मेहता, सहायक प्राध्यापक - संस्कृत, शासकीय कला एवं वाणिज्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय, इन्दौर ने निभाया। इस पाठ्यक्रम में 33 प्रशिक्षार्थी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. प्रकाशचन्द्र जैन थे। अमर ग्रन्थालय पांडुलिपि सूचीकरण परियोजना
देश के विभिन्न क्षेत्रों में सहस्रों पांडुलिपियाँ अप्रकाशित, अप्रचारित पड़ी हैं। इन पांडुलिपियों का संरक्षण एवं सूचीकरण आज की प्राथमिक एवं अपरिहार्य आवश्यकता है। कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ ने 1993 में डॉ. प्रकाशचन्द्र जैन के मार्गदर्शन में अमर ग्रन्थालय की पांडुलिपियों के सूचीकरण की योजना प्रारम्भ की। 1993 - 1996 की अवधि में इस योजना के अन्तर्गत उन्होंने अमर ग्रन्थालय (दि. जैन उदासीन आश्रम) के 911 ग्रन्थों का सूचीकरण किया। विषय वस्तु की दृष्टि से भी इन ग्रन्थों में इतिहास, राजनीति, समाजशास्त्र, विज्ञान, गणित, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, दर्शन शास्त्र आदि विभिन्न विषयों से सम्बद्ध सामग्री उपलब्ध है। इन ग्रन्थों में से लगभग 60 ग्रन्थ तो ऐसे हैं जो काफी पुराने हैं तथा उनके पृष्ठ निकल रहे हैं। इसके अतिरिक्त कुछ ग्रन्थ रंग - बिरंगी स्याही एवं स्वर्णाक्षरों से लिखे हुए हैं। कुछ ग्रन्थों में तो धर्म और संस्कृति से सम्बद्ध काफी महत्वपूर्ण एवं दुर्लभ चित्र उपलब्ध हैं। इन ग्रन्थों में से कुछ ग्रन्थों में रचनाकारों व लिपिकारों ने देश व समाज के तत्कालीन इतिहास पर भी अच्छा प्रभाव डाला है जो शोध की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। इस भंडार की सूचियों का पुनर्परीक्षण कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ द्वारा श्री सत्श्रुत प्रभावना ट्रस्ट, भावनगर के सहयोग से किया गया। फुटकर संकलन के बंडलों एवं अपूर्ण ग्रन्थों के मध्य हमें कई नये ग्रन्थ मिले हैं जिससे इस सूची में कुछ नये नाम जुड़े हैं। सूची के संशोधन एवं परिवर्द्धन में आश्रम के अधिष्ठाता
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ब्र. अनिलजी, उपअधिष्ठाता ब्र. अभयजी एवं ब्र. बहन रजनीजी का विशेष सहयोग रहा। संशोधित, परिवर्द्धित सूची के अनुसार इसमें 946 ग्रन्थ हैं।
प्रकाशित जैन साहित्य का सूचीकरण
शोध परियोजना के क्रियान्वयन में भी हमें यह अनुभव आया कि शोधार्थियों को किसी विषय से सम्बद्ध प्रकाशित पुस्तकों की जानकारी प्राप्त करने में बहुत श्रम निरर्थक व्यय करना पड़ता है। देश विदेश के शास्त्र भंडारों के सर्वेक्षण के मध्य प्राप्त किसी अचर्चित पांडुलिपि के प्राप्त होने पर वह पूर्व प्रकाशित है या अद्यतन अप्रकाशित, यह निर्णय करने में बहुत असुविधा होती है। श्री हीरालालजी जैन, भावनगर ने देशव्यापी सम्पर्क के क्रम में कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ से भी पांडुलिपियों के सूचीकरण बाबद सम्पर्क किया एवं 1 जनवरी 99 से 31 मार्च 2002 तक कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर एवं सत्श्रुत प्रभावना ट्रस्ट, भावनगर के संयुक्त तत्वावधान में प्रकाशित जैन साहित्य के सूचीकरण की योजना का क्रियान्वयन डॉ. अनुपम जैन के मार्गदर्शन में कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ परिसर में हुआ। 1 अप्रैल 2001 से यह योजना कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ द्वारा स्वतंत्र रूप से संचालित की जा रही है।
पांडुलिपि सूचीकरण
श्री सत्श्रुत प्रभावना ट्रस्ट, भावनगर के आर्थिक अनुदान के आधार पर कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ में जैन पांडुलिपियों के सूचीकरण की योजना श्रुत पंचमी, 18.6.99 को प्रारम्भ की गई जिसके अन्तर्गत अनेक भंडारों में उपलब्ध जैन पांडुलिपियों का सूचीकरण किया गया। व्यावहारिक कठिनाइयों के कारण हमें इस योजना को 31 मार्च 2001 को बन्द करना पड़ा।
भगवान महावीर 2600 वाँ जन्म जयन्ती महोत्सव वर्ष के कार्यक्रमों की श्रृंखला में राष्ट्रीय अभिलेखागार के मार्गदर्शन में मार्च 2003 से जैन पांडुलिपियों की राष्ट्रीय पंजी के निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया गया है। मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र अंचल में यह कार्य संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा किया जा रहा है।
सिरिभूवलय की डिकोडिंग एवं अनुवाद
अंक लिपि में लिखे गये विश्व के अद्वितीय ग्रन्थ 'सिरिभूवलय' की प्रति प्राप्त करने हेतु ज्ञानपीठ के अध्यक्ष श्री देवकुमारसिंह कासलीवाल 1988 से ही प्रयासरत थे किन्तु राष्ट्रीय अभिलेखागार में सुरक्षित इसकी एक मात्र प्रति की छायाप्रति हमें 2001 में प्राप्त हो सकी। अप्रैल 2001 से डॉ. महेन्द्रकुमार जैन 'मनुज' के मार्गदर्शन में डिकोडिंग का कार्य चल रहा है। 59 वें अध्याय की डिकोडिंग हो चुकी है। विस्तृत विवरण अर्हत् वचन 14 (23) (2002) में दृष्टव्य है।
संगोष्ठियाँ
जैन विद्या के क्षेत्र में कार्यरत विद्वानों को पारस्परिक परिचय सम्पर्क एवं विचार विनिमय का मंच उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रतिवर्ष जैन विद्या संगोष्ठी का आयोजन ज्ञानपीठ द्वारा किया जाता है। अब तक आयोजित संगोष्ठियों की तिथियाँ निम्नवत् हैं, इनकी आख्याएँ सम्मुख अंकित अर्हत् वचन के अंक में दृष्टव्य है
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संगोष्ठी अवधि
आख्या जैन विद्या संगोष्ठी - 92 12 - 13 जनवरी, 1992 अर्हत् वचन, 4(2-3), अप्रैल-जुलाई 92 जैन विद्या संगोष्ठी - 93 4-6 जून, 1993 अर्हत् वचन, 5 (4), अक्टूबर 93 अ. भा. प्राकृत संगोष्ठी - 94 2 2-24 अक्टूबर, 1994 अर्हत् वचन, 7(1), जनवरी 95 जैन विद्या संगोष्ठी - 95 21-22 फरवरी, 1995 अर्हत् वचन, 7(2), अप्रैल 95 जैन विद्या संगोष्ठी-96 12-13 मार्च, 1996 अर्हत् वचन, 8 (2), अप्रैल 96 जैन विद्या संगोष्ठी-97 28-29 जून, 1997 अर्हत् वचन, 9(3), जुलाई 97 भगवान ऋषभदेव संगोष्ठी - 2000 28-29 मार्च, 2000 अर्हत् वचन, 12 (2), अप्रैल 2000 जैन विद्या संगोष्ठी - 2001 3-5 मार्च, 2001 अर्हत् वचन, 13 (2), अप्रैल - जून 2001
ज्ञानपीठ में समय समय पर परमपूज्य संतशिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी, आचार्य श्री अभिनन्दनसागरजी, आचार्य श्री पुष्पदंतसागरजी, आचार्य श्री देवनन्दिजी, उपाध्याय श्री गुप्तिसागरजी, उपाध्याय श्री निजानन्दसागरजी, मुनि श्री नियमसागरजी, मुनि श्री योगसागरजी, मुनि श्री क्षमासागरजी, मुनि श्री तरूणसागरजी, गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी, आर्यिका श्री चन्दनामतीजी, आर्यिका श्री प्रज्ञामतीजी, आर्यिका श्री दृढ़मतीजी, आर्यिका श्री पूर्णमतीजी, आर्यिका श्री आदर्शमतीजी, स्थानकवासी जैन संत श्री विनयमुनिजी, समणी मंगलप्रज्ञाजी, प्रो. योशिमाशा मिचीवाकी (जापान), मुत्सुको मिचीवाकी (जापान), टिट्जे दम्पति (आस्ट्रिया), प्रो. एस. डी. बाजपेयी (बहरीन), प्रो. विनोद डुकराल (यू.एस.ए.), प्रो. जयेन्द्र सोनी (जर्मनी), डॉ. महेन्द्र पांड्या (अमेरिका), डॉ. दिलीप बोबरा, डॉ. प्रेमचन्द गाडा (अमेरिका), केन्द्रीय राज्यमंत्री श्रीमती सुमित्रा महाजन तथा अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रख्यात भाषाविद् एवं वैज्ञानिक पधार चुके हैं। अर्हत् वचन पुरस्कार योजना
श्रेष्ठ आलेखों के लेखकों को सम्मानित करने के उद्देश्य से अर्हत् वचन पुरस्कार योजना 1989 में घोषित की गई। इसका विस्तृत विवरण पृष्ठ 95 - 98 पर दृष्टव्य है। ज्ञानोदय पुरस्कार
. श्रीमती शांतादेवी रतनलालजी बोबरा की स्मृति में श्री सूरजमलजी बोबरा, इन्दौर द्वारा कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर के माध्यम से ज्ञानोदय पुरस्कार की स्थापना 1998 से की गई है। यह सर्वविदित तथ्य है कि दर्शन एवं साहित्य की अपेक्षा इतिहास एवं पुरातत्व के क्षेत्र में मौलिक शोध की मात्रा अल्प रहती है। फलत: यह पुरस्कार जैन इतिहास के क्षेत्र में मौलिक शोध को समर्पित किया गया है। इसके अन्तर्गत प्रतिवर्ष जैन इतिहास के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र/पुस्तक प्रस्तुत करने वाले विद्वान को रु. 11,001 = 00की नगद राशि, प्रशस्ति पत्र, शाल एवं श्रीफल से सम्मानित किया जाता रहा है।
इसके अन्तर्गत अब तक निम्न विद्वानों को परस्कत किया जा चका है - वर्ष 1998 : डॉ. शैलेन्द्र रस्तोगी, फैजाबाद पूर्व निदेशक - रामकथा संग्रहालय, फैजाबाद) को उनकी
कृति 'जैन धर्म कला प्राण ऋषभदेव और उनके अभिलेखीय साक्ष्य' पर। वर्ष 1999 : प्रो. हम्पा नागराजैय्या, बैंगलोर को उनकी कृति 'A History of the Rastrakutas
of Malkhed and Jainism' पर। वर्ष 2000 : डॉ. अभयप्रकाश जैन (ग्वालियर) को उनकी कृति 'जैन स्तूप परम्परा' पर। वर्ष 2001 : श्री सदानन्द अग्रवाल (मेण्डा - उडीसा) को उनकी कृति 'खारवेल' पर।
वर्ष 2002 से चयन की प्रक्रिया में परिवर्तन किया गया है। अब चयनित कृति के प्रस्तावक को भी रु. 1,000 = 00 की राशि से सम्मानित किया जायेगा। 114
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कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार
श्री दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम ट्रस्ट, इन्दौर द्वारा जैन साहित्य के सृजन, अध्ययन, अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ के अन्तर्गत रु.25,000 = 00 का कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रतिवर्ष देने का निर्णय 1992 में लिया गया था। इसमें नगद राशि के अतिरिक्त लेखक को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, शाल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया जाता है। गत वर्षों के पुरस्कारों का विवरण निम्नवत् हैं
पुरस्कृत विद्वान पुरस्कृत कृति समर्पण तिथि :
1:
पुरस्कृत विद्वान पुरस्कृत कृति समर्पण तिथि :
पुरस्कृत विद्वान पुरस्कृत कृति समर्पण तिथि :
:
पुरस्कृत विद्वान पुरस्कृत कृति समर्पण तिथि :
पुरस्कृत विद्वान पुरस्कृत कृति : समर्पण तिथि :
1993
संहितासूरि पं. नाथूलाल जैन शास्त्री, इन्दौर
प्रतिष्ठा प्रदीप ( प्रकाशित )
6.6.93
1994
प्रो. लक्ष्मीचन्द्र जैन, जबलपुर
The Tao of Jaina Sciences (अप्रकाशित )
22.2.95
1995
प्रो. भागचन्द्र जैन 'भास्कर', नागपुर
जैन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व (पांडुलिपि)
13.3.96
1996
डॉ. उदयचन्द्र जैन, उदयपुर
जैन धर्म स्वरूप विश्लेषण एवं पर्यावरण संरक्षण (पांडुलिपि)
28.6.97
तथा
आचार्य गोपीलाल 'अमर', दिल्ली
Jaina Solution to the Pollution of Environment (Manuscript) 28.6.97
पुरस्कृत विद्वान पुरस्कृत कृति : जैन गणित समर्पण तिथि :
29.3.2000
1997
कोई प्रविष्ठि पुरस्कार योग्य नहीं पाई गई।
1998
प्रो. राधाचरण गुप्त, झाँसी
1999
पुरस्कृत विद्वान डॉ. प्रकाशचन्द्र जैन, इन्दौर
पुरस्कृत कृति हिन्दी के जैन विलास काव्यों का उद्भव और विकास (वि.सं. 15201999
तक) समर्पण तिथि : 4.3.2000
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आमंत्रित व्याख्यानों का आयोजन
देश के मूर्धन्य विद्वानों को समय समय पर कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ में आमंत्रित कर उनके व्याख्यान आयोजित किये जाते रहे हैं। यह क्रम 1989 से अनवरत रूप से चल रहा है। वर्ष 1996 से क्षु. जिनेन्द्र वर्णी स्मृति व्याख्यानमाला भी प्रारम्भ की गई है। अब तक 4 जिनेन्द्र वर्णी स्मृति व्याख्यान एवं 15 व्याख्यान कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ व्याख्यानमाला के अन्तर्गत आयोजित किये जा चुके हैं। सभी व्याख्यान कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर के परिसर में आयोजित किये गये।
क्षल्लक जिनेन्द्र वर्णी स्मृति व्याख्यानमाला वक्ता
दिनांक
विषय 1. प्रो. पी. एन. मिश्र
17.05.96 मानव मन - जैन दर्शन और निदेशक - IPS. देवी अ. वि.वि., इन्दौर
मनोविज्ञान की दृष्टि में सम्प्रति - निदेशक-IMS, देवी अहिल्या वि.वि., मेजर अलवीरसिह भसीन
19.12.98 वर्तमान युग में जैन धर्म के कुलपति -- मगध नि.वि.,
सिद्धान्तों की उपादेयता बोधगया (बिहार) 3. प्रो. उदय जैन
19.08.99 हिन्दू एंव जैन आर्थिक चिन्तन प्राध्यापक - वाणिज्य, वैष्णव वाणिज्य
: सन्दर्भ वर्तमान परिप्रेक्ष्य महाविद्यालय, इन्दौर (म.प्र.) प्रो. देवाशीष बनी
14.06.03 अहिंसा के परिप्रेक्ष्य में ग्रामीण प्राध्यापक - वनस्पति शास्त्र,
विकास का आधार - जलागम समाज प्रगति सहयोग,
विकास बागली - देवास (म.प्र.)
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ व्याख्यानमाला 1. प्रो. श्रीधर बाजपेयी
09.09.89 गणित इतिहास के अध्ययन प्राध्यापक - गणित,
की आवश्यकता सम्प्रति- स्वामी श्रीधरानन्द, दस महाविद्या शक्तिपीठ, तेजाजीनगर, इन्दौर प्रो. योशिमाशा मिचिवाकी
09.01.90 गणित के उन्नयन में जैनाचार्यों प्राध्यापक - गणित,
द्वारा प्रदत्त विशिष्ट योगदान गुन्मा वि.वि., किरयू, जापान सम्प्रति- अध्यक्ष, माइबाशी इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी, किरयू-जापान प्रो. देवेन्द्र हांडा
27.03.90 जैन मूर्ति शिल्प - पंजाब एवं अध्यक्ष - इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व,
हरियाणा के सन्दर्भ में पंजाब वि.वि., चंडीगढ़
2.
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4.
5.
6.
7.
प्रो. गोकुलचन्द जैन
अध्यक्ष- प्राकृत एवं जैनागम विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कृत वि.वि., वाराणसी (उ.प्र.)
सम्प्रति - सेवानिवृत्त एवं आरा
में निवासरत
9.
डॉ. गोकुल प्रसाद जैन उपनिदेशक- भारतीय ज्ञानपीठ, 18, इन्स्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड,
दिल्ली- 110018
प्रो. लक्ष्मीचन्द्र जैन
INSA रिसर्च एसोशिएट - गणित,
रानी दुर्गावती वि.वि., जबलपुर निवास : दीक्षा ज्वैलर्स के ऊपर, 554, सराफा, जबलपुर
प्रो. श्रीधर बाजपेयी (स्वामी श्रीधरानन्द ) दस महाविद्या शक्तिपीठ,
तेजाजी नगर, इन्दौर
8. प्रो. जी. सी. पाटनी (दिवंगत)
पूर्व अध्यक्ष - गणित विभाग, राजस्थान वि.वि., जयपुर
प्रो. पी. एन. मिश्र
निदेशक - अन्तर्राष्ट्रीय व्यावसायिक अध्ययन संस्थान, देवी अहिल्या वि.वि., इन्दौर
10. डॉ. जे. डी. जैन
पूर्व वैज्ञानिक - C. E.E.R.I., पिलानी, सम्प्रति श्रीजी नगर, जयपुर
11. प्रो. भागचन्द्र जैन 'भास्कर' अध्यक्ष- पाली प्राकृत विभाग, नागपुर वि.वि., नागपुर (महा.)
12. प्रो. पी. एन. मिश्र
निदेशक प्रबन्ध अध्ययन संस्थान, देवी अहिल्या वि.वि., इन्दौर
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17.03.92
20.03.93
24.3.94
29.7.95
19.11.95
31.12.95
23.3.98
20.12.98
30.6.2001
पुरातत्व, कला, संस्कृति एवं विज्ञान का नई पीढ़ी को हस्तांतरण जैन विद्या के सन्दर्भ में
विदेशों में जैन धर्म
जैन धर्म और दर्शन का वैज्ञानिक
पक्ष
मानव सुख सौख्य और विश्व शांति जैन योग एवं संस्कृति में निहित है
जैन विद्याओं में शोध एवं वर्तमान सन्दर्भ
जैन धर्म और आधुनिक विज्ञान
कम्बोडिया के पंचमेरू मंदिर
वर्तमान युग की प्रासंगिकता
में जैन सिद्धान्तों
भगवान महावीर के सिद्धान्तों की प्रासंगिकता
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13. डॉ. नलिन के. शास्त्री
30.6.2001 भगवान महावीर के सिद्धान्तों कुलसचिव-बाबासाहेब अम्बेडकर
की प्रासंगिकता केन्द्रीय वि.वि., लखनऊ सम्प्रति-कुलसचिव, इन्द्रप्रस्थ वि.वि.,
दिल्ली 14. डॉ. महेन्द्रकुमार जैन 'मनुज' 13.1.2003 सात सौ भाषामय ग्रन्थ - शोधाधिकारी - सिरिभूवलय परियोजना,
सिरिभूवलय C/o. कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, 584, महात्मा गांधी मार्ग,
इन्दौर - 452001 15. प्रो. गणेश कावडिया
5.6.2003 संस्कृति संरक्षण, सामाजिक प्राध्यापक- अर्थशास्त्र.
विकास एवं पांडुलिपियाँ अधिष्ठाता - समाज विज्ञान संकाय,
देवी अहिल्या वि.वि., इन्दौर श्री गोरेलाल जैन स्मृति छात्रवृत्ति
स्व. श्री गोरेलाल जैन स्मृति छात्रवृत्ति निधि की स्थापना उनके सुपुत्रों सर्वश्री शान्तिलाल जैन, गुलाबचन्द जैन एवं रमेशचद जैन ने 11,000 = 00 रु. की राशि समर्पित कर 1998 में कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ में की है। इस निधि से प्राप्त ब्याज राशि से किसी एक छात्र को प्रति वर्ष छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। पुस्तक प्रकाशन योजना
ज्ञानपीठ द्वारा समय - समय पर महत्वपूर्ण पुस्तकों का प्रकाशन भी किया जाता है। अब तक प्रकाशित पुस्तकों की सूची निम्नवत् है। पुस्तक का नाम
लेखक
I.S.B.N * 1. जैन धर्म का सरल परिचय
पं. बलभद्र जैन
81-86933-00-X 2. बालबोध जैनधर्म, पहला भाग संशोधित पं. दयाचन्द गोयलीय 81-86933-01-8 3. बालबोध जैनधर्म, दूसरा भाग
पं. दयाचन्द गोयलीय 81-86933-02-6 4. बालबोध जैनधर्म, तीसरा भाग
पं. दयाचन्द गोयलीय 81-86933-03-4 5. बालबोध जैनधर्म, चौथा भाग
पं. दयाचन्द गोयलीय 81-86933-04-2 6. नैतिक शिक्षा, प्रथम भाग
पं. नाथूलाल शास्त्री 81-86933-05-0 7. नैतिक शिक्षा, दूसरा भाग
पं. नाथूलाल शास्त्री 81-86933-06-9 8. नैतिक शिक्षा, तीसरा भाग
पं. नाथूलाल शास्त्री 81-86933-07-7 9. नैतिक शिक्षा, चौथा भाग
पं. नाथूलाल शास्त्री 81-86933-08-5 10. नैतिक शिक्षा, पाँचवा भाग
पं. नाथूलाल शास्त्री 81-86933-09-3 11. नैतिक शिक्षा, छठा भाग
पं. नाथूलाल शास्त्री 81-86933-10-7 12. नैतिक शिक्षा, सातवां भाग
पं. नाथूलाल शास्त्री 81-86933-11-5
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13. The Jain Sancturies of the
Fortress of Gwalior
14. जैन धर्म विश्व धर्म
15. मूलसंघ और उसका प्राचीन साहित्य
16. Jain Dharma
Vishva Dharma
* 17. अमर संग्रहालय में संग्रहीत पाण्डुलिपियें की सूची
* 18. आचार्य कुन्दकुन्द श्रुत भंडार, खजुराहो में संग्रहीत पांडुलिपियों की सूची
19. मध्यप्रदेश का जैन शिल्प
* 20. भट्टारक यशकीर्ति दिग. जैन सरस्वती भंडार, ऋषभदेव में संग्रहीत पांडुलिपियों की सूची
21. जैनाचार विज्ञान
22. समीचीन सार्वधर्म सोपान
23. An Introduction to Jainism & Its Culture
* 24. Ahimsa The Ultimate Winner 25. जीवन क्या है?
26. विदेशी संग्रहालयों में भारत की जैन मूर्तियाँ
* 27. Mathematical Contents of Digambara Jaina Texts of Karanānuyoga Group, Vol. - I
अर्हत् वचन, 15 ( 12 ), 2003
Dr. T.V.G. Shastri
पं. नाथूराम डोंगरीय पं. नाथूलाल शास्त्री
81-86933-13-1
81-86933-14-4
Pt. Nathuram Dongariya 8186933-15-8 सम्पा. डॉ. अनुपम जैन एवं 818603316-6 डॉ. महेन्द्रकुमार जैन 'मनुज'
सम्पा. डॉ. अनुपम जैन एवं 81 8693317.4 डॉ. महेन्द्रकुमार जैन 'मनुज'
श्री नरेशकुमार पाठक
81-86933-18-2
सम्पा. डॉ. अनुपम जैन एवं 81 86933-19-0 डॉ. महेन्द्रकुमार जैन 'मनुज'
मुनि सुनीलसागर
पं.
नाथूराम डोंगरीय
Pt. Balbhadra Jain
Dr. N.P. Jain
डॉ. अनिल कुमार जैन
श्री नरेशकुमार पाठक
Prof. L. C. Jain
81-86933-12-3
Prof. L. C. Jain
* 28. Mathematical Contents of Digambara Jaina Texts of Karanānuyoga Group, Vol. - II
पं. नाथूराम डोंगरीय द्वारा लिखित पुस्तक सार्वधर्म समीचीन सोपान के प्रकाशन हेतु हमें श्री बाबूलाल तोतारामजी लुहाडिया द्वारा रु.50,000 = 00 का सहयोग प्राप्त हुआ है। श्री फूलचन्द जंवरचन्द ग्रन्थमाला ने रु.5,000=00 की राशि पुस्तक प्रकाशन हेतु प्रदान की। श्री राजेन्द्रकुमार जैन एवं श्रीमती सुधा जैन, इन्दौर ने स्व. श्री सुनीलकुमार जैन (न्यू पुष्पक रेस्टारेन्ट) की स्मृति में ग्रन्थमाला की स्थापना हेतु रु. 35,000=00 का सहयोग प्रदान किया है। एतदर्थ संस्था सभी सहयोगियों के प्रति आभार ज्ञापित करती है।
* अनुपलब्ध
81-86933-20-4
81-86933-21-2
81-86933-22-0
81-86933-23-9
81-86933-24-7
81-86933-25-5
81-86933-26-3
81-86933-27-1
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1. श्री देवकुमारसिंह कासलीवाल (अध्यक्ष) अनोप भवन,
580, महात्मा गांधी मार्ग, तुकोगंज, इन्दौर - 452001
3. प्राचार्य नरेन्द्रप्रकाश जैन सम्पादक- जैन गजट, 104, नई बस्ती, फिरोजाबाद 283 203
4. प्रो. राजाराम जैन, निदेशक महाजन टोली नम्बर - 2, आरा- 802301 (बिहार)
5. श्री सुरेश जैन, आई.ए.एस.
30, निशात कालोनी, भोपाल (म.प्र.)
6. पं. शिवचरलाल जैन, पारम्परिक विद्वान
सीताराम मार्केट,
मैनपुरी (उ.प्र.)
7. डॉ. शेखरचन्द जैन
8. प्रो. एम. एल. कोठारी
117, कंचनबाग,
इन्दौर - 452001
25, शिरोमणि बंगलोज,
बरोडा एक्सप्रेस हाईवे के सामने, सी.टी.एम. चार रास्ता के पास, अहमदाबाद (गुजरात)
9. प्रो. श्रेणिक बंडी, विभागाध्यक्ष- गणित होल्कर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय, इन्दौर - 452017
10. प्रो. महेश दुबे, प्राध्यापक - गणित, 17, साउथ राजमोहल्ला, इन्दौर-452002
11. प्रो. आर. एल. पाटनी, पूर्व प्राचार्य
8/4, मल्हारगंज,
इन्दौर - 452002
12. प्रो. सरोजकुमार
120
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर वर्तमान परामर्शदात्री समिति
मनोरम 37 कनाडिया रोड, इन्दौर (म.प्र.)
13. श्री सूरजमल बोबरा 9/2, स्नेहलतागंज, इन्दौर-452003
14. श्री नेमनाथ जैन
अध्यक्ष प्रेस्टीज समूह
30, जावरा कम्पाण्ड,
इन्दौर (म.प्र.)
2. डॉ. अनुपम जैन (सचिव) 'ज्ञानछाया'
डी- 14, सुदामानगर, इन्दौर-452009
सदस्य
15. पद्मश्री बाबूलाल पाटोदी, समाजसेवी 64/3, मल्हारगंज, इन्दौर-452002
6. श्री कैलाशचन्द चौधरी, समाजसेवी 39, सीतलामाता बाजार, इन्दौर-452002
17. श्री अजितकुमारसिंह कासलीवाल, समाजसेवी अनोप भवन,
580, महात्मा गांधी मार्ग, तुकोगंज, इन्दौर - 452001
18. श्री प्रदीपकुमारसिंह कासलीवाल, समाजसेवी अनोप भवन,
580, महात्मा गांधी मार्ग, तुकोगंज,
इन्दौर - 452001
19. प्रो. गणेश कावडिया
प्राध्यापक अर्थशास्त्र अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, देवी अहिल्या वि.वि., इन्दौर (म.प्र.)
-
20. प्रो. नरेन्द्र धाकड
प्राचार्य होल्कर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय,
-
ए.बी. रोड,
इन्दौर-452017
21. डॉ. एन. पी. जैन, पूर्व राजदूत
ई- 50, साकेत,
इन्दौर - 452001
22. डॉ. प्रकाशचन्द्र जैन
91 / 1, गली नं. 3, तिलकनगर, इन्दौर - 452001
23. प्रो. ए. ए. अब्बासी (मानद निदेशक )
470, सुदामानगर, इन्दौर-452009
24. प्रो. पी. एन. मिश्र (पदेन वि.वि. के प्रतिनिधि)
निदेशक प्रबन्ध अध्ययन संस्थान
w
देवी अहिल्या वि.वि.,
इन्दौर - 452001
25. पं. जयसेन जैन (पदेन महावीर ट्रस्ट के प्रतिनिधि)
201, अमित अपार्टमेन्ट,
1/1, पारसी मोहल्ला, छावनी, इन्दौर-452001
अर्हत् वचन, 15 ( 12 ), 2003
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कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की कुछ महत्वपूर्ण गतिविधियाँ
संतशिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज संघ सहित अर्हत वचन के प्रत्यावर्तन में प्राप्त होने वाली 300 पत्र - पत्रिकाओं के विशाल संकलन का
अवलोकन करते हुए (29.7.99)
जिन विद्या संगोष्ठीकूदकदज्ञानपीठ पुरस्कार एवंअहंत वचन पुरस्कार समर्पण समारोह
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर को देवी अहिल्या वि.वि. इन्दौर द्वारा शोध संस्थान की मान्यता प्राप्त होने के उपरान्त प्रथम बार आयोजित जैन विद्या संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए तत्कालीन कुलपति प्रो. ए.ए. अब्बासी सान्निध्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमतीमाताजी (12.3.96)
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, के यशस्वी अध्यक्ष एवं अर्हत् वचन के प्रकाशक श्री देवकुमारसिंह कासलीवाल का उनके 84 वें जन्मदिवस (14 जनवरी 2003) पर ज्ञान के प्रसार में दिये योगदान हेतु अभिनन्दन करते हुए देवी अहिल्या वि.वि. इन्दौर के कुलपति डॉ. भरत छापरवाल एवं प्राचार्य डॉ. नरेन्द्र धाकड़ । समीप खड़े है प्रो. एस.सी. अग्रवाल (मेरठ), प्रो. जयंतीलाल भंडारी (इन्दौर),प्रो. श्रेणिक बंडी (इन्दौर), प्रो. नलिन के. शास्त्री कुलसचिव (दिल्ली)
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________________ I.S.S.N. 0971-9024 अर्हत् वचन भारत सरकार के समाचार - पत्रों के महापंजीयक से प्राप्त पंजीयन संख्या 50199/88 नानपाठ ०८पुन्व इन्दौर स्वामी श्री दि. जैन उदासीन आश्रम ट्रस्ट, कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर की ओर से देवकुमारसिंह कासलीवाल द्वारा 584, महात्मा गांधी मार्ग, इन्दौर से प्रकाशित एवं सुगन ग्राफिक्स, सिटी प्लाजा, म.गा. मार्ग, इन्दौर फोन : 2538283 दारामदित / मानद सम्पादक-डॉ.अनपम जैन an aine branyos