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________________ कोड A 1.1 A 1.2 अर्हत् वचन वर्ष - 1 (1988-89) से वर्ष 14 (2002) में प्रकाशित लेखों की वर्षानुसार सूची (428) A1.3 लेखक का नाम / लेख का शीर्षक एवं प्रकाशन विवरण अग्रवाल, पारसमल जैन द्रव्यानुयोग का गणित, आधुनिक विज्ञान एवं आध्यात्मिक प्रगति 10. 1.7 जैन, रमेशचन्द्र स्यादवाद के सप्त भंग एवं आधुनिक गणित विज्ञान 1(1), 9-13 गुप्त, राधाचरण: पाई का जैन मान और विदेशों में उसका प्रचार, 1 (1), 15-18 जैन, अनुपम एवं अग्रवाल, सुरेशचन्द्र जैन गणितीय साहित्य, 1 (1) 19-40 A 1.5 जैन, अनुपम एवं अग्रवाल, सुरेशचन्द्र जैन गणितज्ञ महावीराचार्य, 1(1), 41-46 A 1.6 जैन, अनुपम : आचार्य कुन्दकुन्द के साहित्य में विद्यमान गणितीय तत्व, 1 (1), 47-52 हेमराज व्यक्तित्व एवं कृतित्व, 1 (1), 53-63 + 1 पृ. आर्ट पेपर माधवचन्द्र एवं उनकी षट्त्रिशिंका, 1(1), 65-74+1 पृ. आर्ट पेपर A 1.7 जैन, अनुपम A1.8 जैन, अनुपम A1.9 जैन, लक्ष्मीचन्द्र आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती की खगोल विद्या एवं गणित संबंधी मान्यताएँ - आधुनिक सन्दर्भ में 1(1) 75-90 A 1.10 Raina, Dhruv & Singh, Navjyoti: The Jaina Theory of Motion, 1 (1), 91-96 A 1.11 Jha, Ganganand Singh: The Theory of Relativity and the Jaina Thought, 1(1), 97-102 A 1.12 Jha, Parmeshwar: Contribution of Jainācāryas to Mathematics & Astronomy, 1(1), 103-112 जैन गणित की मौलिकताएँ एवं भावी शोध दिशाएँ (विशेष सम्पादकीय) 1(1), 113-121 A 1.13 जैन, अनुपम A 1.14 जैन, लक्ष्मीचन्द्र गिरिनगर की चन्द्रगुफा में हीनाक्षरी एवं धनाक्षरी का रहस्य 1 (2), 11-16 A 1.15 जैन, अनुपम दार्शनिक गणितज्ञ आचार्य यतिवृषभ (2) 17-24 A 1.16 जैन, अनुपम दार्शनिक गणितज्ञ आचार्य वीरसेन, 1(2), 25-37 A 1.17 Lishk, Sajjan Singh Samaya' As an Unit of Time in Jaina Astronomy. 1 (2) 39-42 A 1.18 Singh, Parmanand: Acarya Jayadeva's Treatment of Permutation and Combinations, 1(2), 43-48 : Jain Education International - - A 1.19 जैन, अनुपम एवं जैन, जयचन्द क्या श्रीधर जैन थे? 1(2), 49-54 A 1.20 Shastri, T.V. G. New Light on the Nativity of Kundakunda Acarya 1 (2), 55-63 A1.21 जैन, लक्ष्मीचन्द्र एवं जैन, अनुपम क्या आचार्य कुन्दकुन्द दसाह पद्धति के आविष्कारक थे? 113) 7-15 A1.22 मेलडा, महावीर राज तमस्काय ब्लेक होल, 1 (3) 17-19 अर्हत् वचन, 15 (1-2), 2003 - For Private & Personal Use Only 9 www.jainelibrary.org
SR No.526557
Book TitleArhat Vachan 2003 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnupam Jain
PublisherKundkund Gyanpith Indore
Publication Year2003
Total Pages124
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Arhat Vachan, & India
File Size7 MB
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