Book Title: Arhat Vachan 2003 01
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 44
________________ अर्हत् वचन वर्ष - 1 (1988 - 89) से वर्ष 14 (2002) में प्रकाशित साक्षात्कारों की वर्षानुसार सूची (7) 1 1.1 पूज्य गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी/अनुपम जैन (हस्तिनापुर - 19.06.88), 1 (2). 89-92 I 2.1 प्रो. लक्ष्मीचन्द्र जैन/अनुपम जैन (जबलपुर - 22.09.89 से 08.10.89), 2 (2), 63-67 | 3.1 उपाध्याय गुप्तिसागर/अनुपम जैन (शाकाहार पर एक सार्थक बातचीत) (कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर, 27.12.90), 3 (3), 53-72 I 3.2 पूज्य गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी/आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी (क्या सरस्वती की मूर्ति वन्दनीय है?), 3 (4), 5-6 17.1 पूज्य गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी/आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी एवं डॉ. अनुपम जैन (टिकैतनगर - 17.10.94), 7 (2), 49-57 I 7.2 पूज्य गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी/आर्यिका चन्दनामती माताजी एवं डॉ. अनुपम जैन (टिकैतनगर - 17.10.94), 7 (4), 49.54 I 11.1 उपाध्याय मुनि श्री ज्ञानसागरजी/डॉ. अनुपम जैन (तिजारा - 8.12.98), 11 (1), 55-60 आदरणीय श्रद्धेय देवकुमारसिंहजी कासलीवाल एवं उनके सहयोगियों का शोध का कार्य जिसमें भाई डॉ.अनुपम जैन का पूर्ण सहयोग है, अत्यन्त श्लाघनीय है। अर्हत् वचन के महत्वपूर्ण लेखों, सुन्दर छपाई व खोजपूर्ण कार्यों से समस्त विद्वत् वर्ग प्रभावित है। आज पुस्तकालय और अन्य कार्यों को देखकर खुशी हुई, यह शुरुआत है, आगे बहुत कार्य करने हैं। इस संस्था के मंगलमय भविष्य की कामना के साथ... निर्मलकुमार सेठी राष्ट्रीय अध्यक्ष - अ. भा. दि.जैन महासभा, लखनऊ अर्हत् वचन, 15 (1-2), 200% Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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