Book Title: Apaschim Tirthankar Mahavira Part 02
Author(s): Akhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh Bikaner
Publisher: Akhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh
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हुए वर्तमान मे हावडा मे चातुर्मास हेतु विराज रहे है। कुछ वर्षों पूर्व भगवान महावीर के सिद्धान्त एव जीवनशैली पर कुछ लेखनी की आवश्यकता महसूस हुई। हमारे सघ के वरिष्ट सुश्रावक श्रीमान् पीरदानजी पारख तथा श्रीमान् हरीसिहजी राका ने इस विषयक अपनी जिज्ञासाएँ भी प्रस्तुत की ।
इसका शोध करते हुए विदुषी महासती श्री विपुलाश्री जी मसा ने चूर्णि आदि प्राचीन ग्रन्थो का अध्ययन करते हुए भगवान के तपपूत जीवन को अपनी लेखनी से उकेरा तथा अपश्चिम तीर्थकर महावीर भाग-1 का प्रकाशन हमारे ही सघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सघरत्न शासन गौरव श्रीमान् सुजानमलजी कर्णावट परिवार, बंगलोर के सोजन्य से हुआ। इसके दो सस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। इस पुस्तक की अत्यधिक माग रही तथा विदुषी महासती श्री विपुलाश्री जी म साने गुरुकृपा एव अथक परिश्रम से अपश्चिम तीर्थकर महावीर भाग-2 का भी कार्य सम्पूर्ण किया। उसी का परिणाम है कि यह द्वितीय भाग आपके समक्ष प्रस्तुत है। इसके प्रकाशन के लिये भी श्रीमान सुजानमलजी कर्णावट ने अपनी उदारता का परिचय दिया हे एतदर्थ सघ आपका आभारी है। श्री कर्णावट परिवार निश्चित रूप से सघ एव समाज की अद्वितीय सेवा कर रहा है। श्री साधमार्गी जैन सघ का परम सौभाग्य है कि आचार्यदेव अपने सूक्ष्म शास्त्रीय विवेचनों से साधु-साध्वी समाज मे ज्ञान की अलख जगा रहे हैं। उन्हीं मे से एक विदुषी महासती श्री विपुलाश्री जी मसा का वैदुष्य एव कौशल इस ग्रन्थ के सहज सुगम्य है।
विदुषी महासती श्री विपुलाश्री जी मसा ने अपनी सासारिक अवस्था मे संस्कृत में एमए प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की थी। दीक्षा पश्चात् स्व आचार्य श्री नानेश के चरणो मे आगमो का तलस्पर्शी ज्ञान किया। इस हेतु हम विदुषी महासती श्री विपुलाश्री जी मसा के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं।
हालाकि भगवान महावीर का जीवन सागर के समान गहरा, आकाश के समान विशाल एव कोहिनूर हीरे के समान उज्ज्वल है फिर भी उनके जीवन एव उनकी विहार यात्रा तथा सयमी चर्या के कुछ महत्त्वपूर्ण भागो को इस पुस्तक मे अत्यन्त कुशलतापूर्वक उभारा गया है। प्रस्तुत ग्रन्थ को प्रकाशित करने में पूर्ण सावधानी बरती गई है, फिर भी कोई त्रुटि हो तो हम क्षमाप्रार्थी है।
मदनलाल कटारिया
सयोजक - साहित्य प्रकाशन समिति
श्री अमा साधुमार्गी जन सघ, बीकानेर
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