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अनुत्तरोपपातिक दशा सूत्र **************************************rrrrrrrrrrrrrrent
पढमं मासं चउत्थं चउत्थेणं अणिविखत्तेणं तवोकम्मेणं दियहाणुक्कुडुए सूराभिमुहे, आयावणभूमीए आयावेमाणे, रत्तिं वीरासणेणं अवाउडेण य।
कठिन शब्दार्थ - अणिक्खित्तेणं - निरन्तर, वाणुक्कुडुए - उत्कटुक आसन से बैठना, सूराभिमुहे - सूर्य के सामने मुंह करके, आयावणभूमीए - आतापना भूमि में, रत्तिं - रात को, अवाउडेण - अप्रावृत्त - वस्त्र रहित।
भावार्थ - प्रथम मास में निरन्तर उपवास करना। दिन में आतापना-भूमि में सूर्य के सामने मुँह कर के उत्कटुक आसन से बैठना और सूर्य की आतापना लेना तथा रात्रि में वीरांसन से बैठ कर अप्रावृत्त (वस्त्र रहित) हो कर शीत सहन करना।
एवं दोच्चं मासं छह छटेणं, अणिविखत्तेणं तवोकम्मेणं दियद्वाणुक्कुडुए सूराभिमुहे, आयावणभूमीए आयावेमाणे, रत्तिं वीरासणेणं अवाउडेण य।
भावार्थ - दूसरे मास में बेले-बेले निरन्तर तप करना, दिन में आतापना भूमि में उत्कटुक आसन से सूर्य के सम्मुख बैठ कर आतापना लेना और रात्रि के समय अप्रावृत्त होकर वीरासन से बैठ कर शीत सहन करना।
एवं तच्चं मासं अहमं अहमेणं अणिविखत्तेणं तवोकम्मेणं दियद्वाणुक्कुडुए सूराभिमुहे, आयावणभूमीए आयावेमाणे, रत्तिं वीरासणेणं अवाउडेण य।
भावार्थ - तीसरे महीने में निरन्तर तेले-तेले तपस्या करना दिन में आतापना आदि पूर्वानुसार।
चउत्थं मासं दसमं दसमेणं अणिविखत्तेणं तवोकम्मेणं दियहाणुक्कुडुए सूराभिमुहे, आयावणभूमीए आयावेमाणे, रत्तिं वीरासणेणं अवाउडेण य|
भावार्थ - चौथे मास में चोले-चोले निरन्तर तप करना। शेष पूर्वानुसार। - पंचमं मासं बारसम, बारसमेणं अणिविखत्तेणं तवोकम्मेणं दियहाणुक्कुडुए सूराभिमुहे, आयावणभूमीए आयावेमाणे, रत्तिं वीरासणेणं अवाउडेण या
भावार्थ - पाँचवें मास में पचोले-पचोले तपस्या करना। शेष पूर्वानुसार।
छह मासं चउट्स चउद्दसमेणं अणिविखत्तेणं तवोकम्मेणं दियहाणुक्कुडुए सूराभिमुहे, आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्तिं वीरासणेणं अवाउडेण य।
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