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क्या है यह सब?
-ले० जस्टिस एम०एल० जैन पूछते है लोग-ये जिन्हे आप मुनि कहते हैं वे या तो सर्वथा जन्मजात नग्न है या सफेद कपड़े पहने हुए हैं, कुछ मुंह पर पट्टी बांधे रहते है, जगह-जगह जनता मे प्रवचन करते है, पैदल चलते है, कई दिनो के उपवास करते है, मौत आई जानकर उसके लिए तैयार हो जाते है, नाम भी अजीब रखे हुए है, कोई सागर है ज्ञान का तो कोई विद्या का तो काई आनन्द का मानो सागर कोई छोटा सा जलाशय हो, क्या है यह सब?
ये जो बड़े-बड़े मदिर एक से एक कला के नमूने है, इनमें जो हाथों से लिखे हर विषय के ग्रंथ संजोए हुए है, इनमे बड़ी सुन्दर मूर्तियाँ है जिनके सामने अपनी पूरी ताकत से और लाउडस्पीकर की ताकत से आप कुछ गाते है, कुछ बोलते भी है न समझ मे आने वाले कुछ शब्द वे ही जिन्हे कहते है मत्र । क्या है यह सब?
यह महिलाएं सुन्दर व कीमती कपड़े गहने पहने सर पर चादी-सोने के बरतनो में जल लेकर बड़े-बड़े जुलूस मे चलती है, क्या है यह सब?
ये आप लोग कुछ चीजे खाते है-कुछ से परहेज करते है, कई है जो रात मे केवल पानी ही पीते हैं, भागे-भागे जाते है मुनियो पण्डितो के व्याख्यान सुनने, क्या है यह सब?
क्या है यह सब?
इन सवालो के जवाब है बड़े बड़े ऐसे जो देशी-विदेशी सबको, विद्वानों को डाले उलझन मे, इसलिए पूछते है-बताइए थोड़े से शब्दो में, क्या है यह सब जिसे आप कहते है अपना धर्म, जैन धर्म, अहिंसा धर्म और विश्व धर्म