Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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भूद्विप प्रज्ञप्तिसूत्र भा.दुसरे ही विषयानुभाछा
अनुभांड
पाना नं
११
૧પ १७
विषय
यौथा वक्षस्टार क्षुधहिभवत्वर्षधरपर्वत छा वार्यान क्षुद्रहिभवान डे शिजर हे उपर वर्तमान पद्महाउा नि३पारा क्षुद्रहिभवान छी भूमि में वर्तमान भवनाठिा वार्यान गंगा सिन्धू भहानही ठा नि३पारा
गंगाभिहानही हा निर्णभाठिा नि३पा ६ रोहितंसा भहानही तु प्रपाताहिठा नि३पा
क्षुद्रहिमवत्पर्वत । उपर वर्तमानछूट ठा नि३पाया क्षुद्रहिभान वर्षधरपर्वत से विभठत हैभवक्षैत्र छा वर्शन क्षेत्रजिभाषठ पर्वत हा नि३पाया
भवत वर्ष डे नाभाटिठा नि३पा ११ उतर हिशा उसीभाठारी वर्षधर पर्वत हा नि३५ १२ महापद्मपर्वत छा नि३पाया १७ हिमवत्वर्षधरपर्वत , उधर स्थित छूट ठा नि३पा १४ हरिवर्ष क्षेत्र छा नि३पाया
निषधनाभ ठे वर्षधरपर्वत छा नि३पारा १६ तिगिरछह घक्षिा में वहनेवाली नही ठा वर्शन १७ भहाविदेह वर्ष ठा नि३पारा १८ गंधभाहन वक्षस्टार पर्वत छा नि३पा १८ उतर छु छा नि३पा २० यभष्ठा राधानीयां छा वार्यान २१ नीलवन्ताहि हा वार्शन २२ सुदर्शन भ्यू टा वार्यान
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જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્ર