Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 01
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Dadar Aradhana Bhavan Jain Poshadhshala Trust

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Page 289
________________ Jain Education International इंद्रिययंत्र. शतक २.-उद्देशक ४. कोने होय! इंद्रिय. . केटला । केवो आकार ? | केटला प्रदे-| विषयर्नु प्रहण | पहा पहोळाई. | | प्रदेशवाळी! शमा रहेली| कया प्रकारे! विषयपरिमाण. स्पर्शइंद्रिय-चामडी -जेनाधी सर्शन ज्ञान थाय ते. सर्व सकर्मक जीवने. | अनेक जातनो आकार. आंगळना असंख्य शरीर जेटली. अनंत भाग जेटली. प्रदेशवाळी. असंख्य प्रदेशमा रहेली. .... ओछामा ओर्छ आंगळना अ- वधारेमा वधारे नव योजन अडकेला विषयर्नु का पसंख्य भाग जेटले दूरथी आ- जेटले दूरधी आवेला अणु-1 कर. वेला अणुओना स्पर्शने जाणे. ओना सर्शने जाणे. , अणुओना रसने जाणे., अणुओनारसने जाणे. रसनेंद्रिय-जिभ वे इंद्रियवाळा-कर- जेनाथी रसनुं ज्ञान थाय ते. मिआ-वगेरेने. सजाया जेवो आकार. बे आंगळथी नव भांगळ जेटली. , अणुओना गंधने जाणे., 'अणुओना गंधने जाणे. घ्राणेंद्रिय-नाकजेनाथी गंधर्नु त्रण इंद्रियवाळा- | अतिमुक्तक-चंद्र ज्ञान थाय ते. | कीडी-वगेरेने. | जेवो आकार. आंगळना असंख्य भाग जेटली. For Private & Personal Use Only छे श्रोत्र(कान) वगेरे इंद्रियोनो घाट केवो छे? ते जणावq.ते आ छे:-कदंबना फुलनी जेवो घाट कणेंद्रियनो छे. मसुरनी जेबो तथा चंद्रनी जेवो घाट नेत्रे- इंद्रियोनो भाकार. पविट्ठ विसय अणगार आहारे."] अहीं सूत्रपुस्तकोमा ऋण द्वार ज लखेलां छे अने वाकीना अर्थो 'यावत्' शब्दथी सूचव्या छे. ते गाधानो अर्थ आ भगवत्सुधर्मस्वामिप्रणीत भगवतीसूत्र. नेत्रंद्रिय-आंख चार इंद्रियवाळा- जेनाथी रूपन | भमरा-वगेरेने. ज्ञान थाय ते. मसूरनी डाळ जेवो आकार. विषयने अडक्या ओछामा ओछु आंगळना * वधारेमा वधारे लाख सिवाय तेनुं ग्रहण असंख्य भाग जेटले दूर | योजन दूर रहेल पदार्थने रहेल रूपने जूए. करे. .. श्रोत्रंद्रिय-कान-पांच इंद्रियबाळा-कदंबना पुष्प जेवो | जेनाथी अवाजनुं मनुष्य-वगेरेने. आकार. ज्ञान थाय ते. अडकेला विषयनुं ओछामा ओर्छ आंगळना वधारेमां वधारे बार योजन | प्रहण करे, | असंख्य भाग जेटले दूरथी| जेटले दूरथी आवेला आवेल अवाजने सांभळे.. शन्दने सांभळे. * आ नियम तेज विनानी वस्तु माटे छे. अने जे वस्तु, पोते तेजवाळी होय ते तो लाख योजनथी पण वधारे दूर होय तो पण आंख द्वारा जोइ शकाय छे.-शास्त्रकारः-अनु. २६९ www.jainelibrary.org.

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