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समर्पण
विद्वद्वर्ग में जो अपने विशिष्ट वैदुष्य
के लिए विख्यात थे, जिन्होंने श्रुत का तलस्पर्शी गहन अध्ययन-अध्यापन किया, अनेक आगमों पर विशद और विस्तृत विवेचन करके जनसाधारण के लिए
___ सुबोध बनाया, उन मधुरभाषी, गरिमामय एवं भव्य व्यक्तित्व से मण्डित, आचार्यवर्य श्री आत्मारामजी महाराज के प्रमुख अन्तेवासी पं.र. मुनिश्री हेमचन्द्रजी महाराज
के कर-कमलों में.