Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Part 02 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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त्रयोदश अध्ययन : प्राथमिक
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का सर्वथा निषेध है, किन्तु गच्छान्तर्गत स्थविरकल्पी के लिए कारणवश यतना करने का निर्देश है। इस अध्ययन में परक्रिया की परिभाषा, परिणाम, पाद-काय-व्रण-गंडादि-परिकर्म-रूप, परक्रिया निषेध, मलनिष्कासन, केश-रोमकर्तन, घु-लीख-निष्कासन, अंक-पर्यंक पादकाय-व्रणादि परिकर्म, आभूषण-परिधान, चिकित्सा आदि के रूप में दिनचर्या का निषेध है। अन्त में, कृत-कर्म फलस्वरूप प्राप्त वेदना को समभावपूर्वक सहने का उपदेश भी है।
१. (क) आचारांग वृत्ति पत्रांक ४१५, ४१६
(ख) आचारांग नियुक्ति ३२६ गा० २. आचा० मूलपाठ वृत्ति ४१६