Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Part 02 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 433
________________ ४०८ आचारांग सूत्र - द्वितीय श्रुतस्कन्ध तृतीय महाव्रत और उसकी पाँच भावनाएँ ___ ७८३. अहावरं तच्चं [ भंते ! ] महव्वयं पच्चइक्खामि सव्वं अदिण्णादाणं । से गामे वा नगरे वा अरणे वा अप्प वा बहुं वा अणुं वा थूलं वा चित्तमंतं २ वा अचित्तमंतं वा व सयं अदिण्णं गेण्हेजा, णेवऽण्णं अदिण्णं गेण्हावेजा, अण्णं पि अदिण्णं गेण्हतं ण समणुजाणेजा जावजीवाए जाव वोसिरामि'। ७८४. तस्सिमाओ पंच भावणाओ भवंति__ [१] तत्थिमा पढमा भावणा—अणुवीयि मितोग्गहजाई से निग्गंथे। णो अणणुवीयि मितोग्गहजाई से णिग्गंथे। केवली बूया-अणणुवीयि मितोग्गहजाई से णिग्गंथे अदिण्णं गेण्हेजा। अणुवीयि मितोग्गहजाई से निग्गंथे, णो अणणुवीयि मितोग्गहजाई त्ति पढमा भावणा। [२] अहावरा दोच्चा भावणा-अणुण्णविय पाण-भोयणभोई से णिग्गंथे, णो अणणुण्णाविय पाण-भोयणभोई। केवली बूया -अणणुण्णविय पाण-भोयणभोई से णिग्गंथे अदिण्णं भुंजेजा। तम्हा अणुण्णविय पाण-भोयणभोई से णिग्गंथे, णो अणणुण्णविय पाण-भोयणभोई त्ति दोच्चा भावणा। [३] अहावरा तच्चा भावणा—णिग्गंथे णं उग्गहंसि उग्गहियंसि एत्ताव ताव उग्गहणसीलए सिया। केवली बूया निग्गंथे णं उग्गहंसि उग्गहियंसि एत्ताव ताव अणोग्गहणसीलो अदिण्णं ओगिण्हे ज्जा, निग्गंथे णं उग्गहंसि उग्गहियंसि एत्ताव तावं उग्गहणसीलए१० सिय त्ति तच्चा भावणा। १. 'पच्चखामि' के बदले पाठान्तर है-"पच्चक्खाइस्सामि" अर्थ होता है-प्रत्याख्यान (त्याग) करुंगा। २. 'चित्तमंतं वा अचित्तमंतं वा' के बदले पाठान्तर है-'चित्तमंतमचित्तं वा।'-दशवैकालिक सूत्र में भी _ 'चित्तंमंत वा अचित्तमंतं वा' पाठ है। अ० ४ में देखें। ३. 'णेवऽण्णं' के बदले पाठान्तर है—णेवण्णेहि। ४. 'जावजीवाए जाव वोसिरामि' के बदले किसी-किसी प्रति में -'जावजीवाए"तिविहं तिविहेणं मणेण वायाए काएण वोसिरामि' पाठ है। ५. 'अणुवीयि मितोग्गहजाई' के बदले पाठान्तर है- 'अणुवीति मितोग्गहजाई', 'अणुवीयिमिउग्गहजाई, अणुवीयिमित्तोग्गहजाती।' ६. 'अणणुवीयि' के बदले पाठान्तर है - 'अणणुवीयी अणणुवीयि मित्तो।' ७. 'केवली बूया' के बदले पाठान्तर है-'केवली बूया-आयाणमेयं।' ८. 'उग्गहंसि' के बदले पाठान्तर है 'उग्गहंसित्ता'- अवग्रह ग्रहण करके। ९. किसी किसी प्रति में-'उग्गहियंसि' पाठ नहीं है। १०. 'एत्ताव ताव' के बदले पाठान्तर है- 'एत्ता (ता) वता।'

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