Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Part 02 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 495
________________ ४७० आचारांग सूत्र - द्वितीय श्रुतस्कन्ध परिशिष्ट : २ आचारांगसूत्रान्तर्गत गाथाओं की अकारादि सूची गाथा सूत्र ७४९ ७६७ ७९८ ७९६ ७६८ ७६१ ७६० ७५१ ७६२ सूत्र | गाथा ७९३ | तिण्णेव य कोडिसता ७५७ दिव्वो मणुस्सघोसो | दिसोदिसिंऽणंतजिणेण ताइणा | पडिवज्जित्तु चरित्तं ७४८ | पुरतो सुरा वहंती ७५२ | पुव्विं उक्खिता माणुसेहिं । |बंभम्मि य कप्पम्मि वणसंडं व कुसुमियं | वरपडहभेरिझल्लरी | विदू णते धम्मपयं अणुत्तरं | वेसमणकुंडलधरा | संवच्छरेण होहिति ७९० सिंतेहिं भिक्खू असिते परिव्वए ७९० । सिद्धत्थवणं व जहा ७६५ | सिवियाए मज्झयारे ७९५ सीया उवणीया जिणवरस्स ७९४ | सीहासणे णिविट्ठो ८०० | से हु परिण्णासमयम्मि वट्टती अणिच्चमावासमुवेंति जंतुणो आलइयमालमउडो | इम्ममि लोए पर ए य दोसु वी उवेहमाणे कुसलेहिं संवसे एगा हिरण्णकोडी एते देवनिकाया छट्टेणं भत्तेणं अज्झवसाणेण जमाहु ओहं सलिलं अपारगं जहा य बद्धं इह माणवेहिं या ण सका ण गंधमग्घाउं ण सक्का ण सोउं सद्दा ण सक्का ण संवेदे] ण सक्का रसमणासातुं ण सक्का सूवमर्छ | ततविततं घणझुसिरं तहप्पगारेहिं जणेहिं हीलिते तहागयं भिक्खुमणंतसंजतं | तहा विमुक्कस्स परिण्णचारिणो ७६४ ७९७ ७५० ७४७ ७९९ ७६३ ७५६ ७५५ ७५९ ८०१ .

Loading...

Page Navigation
1 ... 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510