Book Title: Aetihasik Jain Kavya Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Shankardas Shubhairaj Nahta Calcutta
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३६७
श्रीजिनोदयसूरि विवाहल सुविहियाचारि१६ विहारु२० करतंउ,
वाणारिउ गणि 'सोमप्पहो'२१ । दुविह सिक्खो२२ सुगीयत्थु२३ संजायउ,
गच्छ गुरु भार उद्धरण२४ सीहो२५ ॥३२॥ तयणु२६ जिणचंद सुरि' पट्टि, संठाविउ२७,
. सिरि२८ 'तरुणप्पह' (आ) यरियराए२६ । 'चउद पनरोतरे'३० 'खंभतित्थे'पुरे, मास 'असाढ़ वदि तेरसीए'॥३३॥ सिरि 'जिणउदयसूरि' गुरुय नामेण, उदयउ भाग सोभाग निधि । विहरए 'गूजर' 'सिंधु' 'मेवाड़ि ,३१पमुह देसेसु रोपइ३२ सुविधि ॥३४॥
॥घात॥ नामु३३ निम्मिउ नामु निम्मिउ, तासु अभिरामु । 'सोमप्पहु' मुणि रयणु३४ सुगुरु, पास सो पढइ अहनिसि । वाणारिउ क्रमि (क्रमि३५ हूयउ,
गच्छ भारु३६ धरु३७ जाणि गुण वसि३८ । सिरि 'तरुणप्पह' आयरिए३६ सिरि 'जिणचंदह' पाटि ।
थापिउ सिरि 'जिणउदय', गुरु४० विहरइ मुनिवर थाटि४१ ॥३५॥ १९b.d सुविहि आधारि, २०b विहार, २१३.cd सोमपहो. २२a सिक्ख. २३b.c सुगियत्य, २४b भारू d भारूद्धरण, २५a.c.d सहो, २६b तयण, २७d संताविउ, २८d सिर, २९b तरुणप्पह आयरिय. d. तरुणप्पहायरिष. राए, ३० पनोतरे ३१d सिन्धु मेवाड़ गूंजर. ३२b रोविधि। ___ ३३६ तासु निमिउ (२) नामु अभिरामु. c तासु नियउ (२) मामु अभिरामु. d भालु निम्मित (२) मामु अभिरामु. ३४b रयण, ३६b.d ३६० भार, ३७d धरि, ३०d वंसि, ३९b आयरिय, ४०d सूरि, ४१b थट्टि
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