Book Title: Aetihasik Jain Kavya Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Shankardas Shubhairaj Nahta Calcutta

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Page 640
________________ कठिन शब्द-कोष ४४५ दादइ दंगणु ४०७ जलाना | दोंकार १६४ तबलेकीआवाज दसण ३८८ दर्शन दोगंदक १५१ देवताकी जाति दाखवू ३२१ कहूं दोहग्गु ३७१ दौर्भाग्य ३४५ दादेने दोहिला१६३,३२३,३९३ दुष्कर दिक्खा ३९ दीक्षा द्रग २६८ दुर्ग दिणि १ दिन दू(?)यमणि ३३ रुक्मिणी दिवाजउ ६७ शोभा दिवांने १४७ दरबार धखावे २७९ सलगावे,जलावे. दिवायर ७ दिवाकर, सूर्य धनदाण ५१ धन देनेवाला दिवायरु धणुहरु ३६५,३६६ धनुर्धर दीठेली १२ देखी हुई दीदार ३०३,३४८ आंख, दर्शन घम्ममई ३३५ धर्ममति दीवंमि १ दीपक घय २२ ध्वजा यवड दुक्कर ३६६ ध्वजपट ध्वजा दीस ४१३ दिन धवरावह १५७ लडाना, दुक्करकार १६३,१६४ दुष्कर कारक प्यार करना दुग्गय ४० दुर्गति धवल मंगल३६२,३८८ मंगल गायन ४ दुष्टदल धाडि ३७७ डाका दुडवडी १५५ जल्दी धींगड ३१४ मोटे, जबरदस्त ३६७ दुस्तर मजबूत, पुष्ट १६४ दुस्तार धींगा १९३ , १६७ किला, दुर्ग धुयरय ३१ धुतरज: ? १५ दुर्लभ धुरहि ३५ प्रथम आदिमें दुविस्सह ३६७ दुर्विषय धूतारी ३४८ धूर्त स्त्री दुसम २६१ कठिन, बुरा धोक ४१३ साष्टांग प्रणाम दुहेलउ ३७९ दुष्कर देवाणुप्रिय २६५,३२३ देवानांप्रिय नगीनो ३५४ जवाहिरात देशना ११६ व्याख्यान । नन्दी १८३ सूत्र देसण ४९,८९ " नमेवी ३८४ नमस्कार करके दुत्तरि दुतारो दुरंग Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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