Book Title: Aetihasik Jain Kavya Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Shankardas Shubhairaj Nahta Calcutta
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ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह
३२७
. २,७,९,२२९
चोली (जिनसागर सूरि) १८१ छोटास्याला (लघूपाश्रय !) चोलग
४२० (कोठारीखण) चौगसी गच्छ ४३,८१,९२,१०१,
१२७ चंद्रकीर्ति
४०६,४२१ जगच्चंद्र सूरि
३६३ चंद्रगच्छ (कुल) १,१६,१८,२१,२७,
जगी (श्राविका)
२५० ३५,४३,४३२
जयकीर्ति ३३४,४११,४१२ पंदनबाला
४२२
जयचन्द्रजी भं० २४८,३६४ चंद्रवेलि
जयचन्द्र (धोलकावासी) २८४,२८५ चंद्रमाण
जयतश्री चंद्रसूरि
२२८ जयतली
४२२ चंपापुरी
जयतारण
६७,१९३ चांगादे
जयतिहुअण चांपा (चांपसी)(चोपड़ा) ७६,१२६,
जयदेवसूरि १२७,१२८,१२९,१३२ जयध्वजगणि
४०२ चांपशी (संखवाल)
५२ जयमल
२३५,२४६ चांपशी . १४४,४१७
जयमाणिक्य (धमडाजी) ३१० चांपसी (छाजेड)
४२५
जयवल्लभ चापसिंह (साबलीके) ३६०,३६१
जयसागर
४३,४०० चांपलदे ७६,१२६,१२७,१२८,१२९,
जयसिंह
७,९,३१,३६८ १३२ जयसिंहसरि
४२४
जयसोम ७०,७५,११८,२३० चांपानेर
जयानंद जल्ह
जलोल!
३१७ छतराज
जशोदा
३३० छाजमल
जसू छाजहड ३१४,३२८,१३४,४२४ जहांगीर बादशाह-देखो सलेम छुटा
४२६ जागा
२२९
१३८
ه
سه
३६०
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