Book Title: Aetihasik Jain Kavya Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Shankardas Shubhairaj Nahta Calcutta

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Page 695
________________ अ० अ० अ०भ० ऐतिहासिक जैन काव्य-संग्रह लेखोंको हड़प जानेको गजबकरामात, ओस० सुधारक वर्ष २ अं० १९ अ० महावीर जयन्ताकी सार्थकता , वर्ष २ अं० २१ अ० भ्रमात्मक इतिहास जैन सन् १९३० भ० कविवर समयसुन्दर साहित्य जैन, पुस्तक ३३ अंक २३, २५ अ, भ. पट्टावलियों में संशोधनकी आवश्यकता जैन पु. ३३ अंक २८ अलभ्य ग्रन्थों की खोज (अपूर्ण प्र.) जैन पु० ३३ अंक ४० सतो वाव सम्बन्धी एक गम्भीर भूल, जैन पु० ३५ अक अ० भ० वा० मो० शाहको महत्वपूर्ण भूल जैन १९।१२।३७ भानुचन्द्र चरित्र परिचय जैनजागृति (मासिक) अ० कविवर बिनयचन्द्र जैनज्योति (मासिक) सं० १९८८ अंक ९ अ० भ० पुजा ऋषिरास जैन ज्योति सं० १९८८ अंक ११ अ० भ० जैन कवियों का हीयाली साहित्य , सं० १९८९ अंक ३ अ० भ० महाराष्ट्री और पारसी भाषामें दोस्तवन, जैनज्योति सं० १९८९ अंक ७ भ० बाल्यकाल और धार्मिक शिक्षा, जैनज्योति (साप्ताहिक) सं० १९९० भ० विचार प्रकाश , वर्ष १ अंक २८ अ० स्थानक वासी इतिहास परिचय जैनध्वज वर्ष २ अक ८ अ० सती चन्दनबाला-आलोचना , वर्ष २ अंक १४ भ० सिन्ध प्रान्त और खरतरगच्छ जैनध्वज अ० भ० प्रश्नोत्तर ३० जैनधर्मप्रकाश पुस्तक ४७ अंक ११ अ० प्रश्नोत्तर ११, १४, १४, २६ जैनधर्म प्रकाश पुस्तक ४८ अंक ४,५,८ भ० प्रश्नोत्तर २०, २१ २५ , ,, ४९ अंक १,४,६ अ० प्रश्नोत्तर २७,२२,११,१५,१५,२०,८,, ,, ५० अं० १,३,५से ९ अ० प्रश्नोत्तर १९ ,, ५१ अंक ६ अ० प्रश्नोत्तर ३१ , ५३ अंक ८,९ अ० देवचन्द्रजी कृत अप्रकाशित स्तवनपद ,, ,, ४९ अंक ४,८ अ० " " , , ५० अंक ४,८ " " ,, ५१ अंक ६,७ अ० मस्तयोगी ज्ञानसारजी कृत ४ पद ,, ,, ४८ साधु मर्यादा पट्टक . जैन सत्य प्रकाश वर्ष २ अंक ३ अ० श्री महावीर स्तव ( कविता) , वर्ष २ अंक ४-५ अ० अ० अ० Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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