Book Title: Aetihasik Jain Kavya Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Shankardas Shubhairaj Nahta Calcutta
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सम्पादकोंकी साहित्य प्रगति
जैन सत्यप्रकाश जैन ग्रन्थों की सूची
लुप्तप्राय दो ऐतिहासिक रासोंका सार
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( सौभाग्यविजय और तपा देवचन्द्र रासका ) युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि और सम्राट अकबर दो खरतरगच्छीय ऐ० रासोका सार (जिन सिंहसूर, जिनराजसूरि रासका )
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कोचरशाहका समय निर्णय
प्रेषित
अ० भ०
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दूत काव्य सम्बन्धी कुछ ज्ञातव्य बातें, जैन सिद्धान्तभास्कर भा० ३कि० १२० जैन पादपूर्ति काव्य साहित्य भाग ३ किरण २, ३ अ० लौका शाद और दिगम्बर साहित्य, जैन ज्योतिष और वैद्यक ग्रन्थ क्या दिगम्बर सम्प्रदाय में खरतरगच्छ तपागच्छ ये ? राजस्थानी भाषा और जैन कधि धर्मवर्द्धन, राजस्थान कविवर लक्ष्मीवल्लभ
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अलवर के शिलालेखपर विशेष प्रकाश वीर सन्देश जिनदत्तसूरि जयन्ती और हमारा कर्तव्य तोर्थ गिरिराजोंके रास्ते
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बुद्धि वर्द्धक प्रश्न
शिक्षण सन्देश श्वेताम्बर जैन
बाल्यकाल और धार्मिक शिक्षा कविवर विनयचन्द्र (कृत राजुल रहनेमि गीत ) ;,
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भ्रमात्मक इतिहास ( जैन में भी ) जैन साहित्यकी वर्तमान दशा सिन्धी भाषामें जैन साहित्य (अपूर्ण प्र०) फलौधी पार्श्व जिन स्तवन (विनयसोमकृत) श्वेताम्ब मिथ्यात्वो और अपात्र हैं ? साम्प्रदायिकताका उग्र विष -दादाजीको वीनती ( कविता ) जैन साहित्यका महत्व ( अपूर्ण प्र० )
अ०
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और भी कई लेख जैन, जैन ज्योति, वीर, जैन धर्म प्रकाश आदिके सम्पादकों को भेजे हुए हैं पर वे अब तक प्रकाशित नहीं
हुए हैं 1
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अ०
भाग ४ किरण १ अ० वर्ष ४ कि० २, ३ ( प्रेषित ) वर्ष २ अंक २ अ०
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अ०
वर्ष १
अ०
अ०
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वर्ष वर्ष २ अंक १ अ०
बर्ष
३ अंक २,३,४ अ० भाग ४ अंक ३१ अ०
भाग ४ अंक २५ भ०
वर्ष २ अंक १०, ११ अ० वर्ष २ अंक १२
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वर्ष ३ अंक २-३ अ०भ०
वर्ष ३ अंक ४, ५ अ०भ०
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भाग ५ संख्या ३० भ०
भाग ६ अंक १९ अ० भाग ६ अंक २१ अ०
भाग ६ संख्या ३० अ० भाग ८ अंक ३१ अ०
भाग १० अंक ११ अ०
भ०
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