Book Title: Aetihasik Jain Kavya Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Shankardas Shubhairaj Nahta Calcutta
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४८६
ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह
३६,
१९९,
३११ २१९,
२७५,
साडूल
समयनिधान १९६, सहज
३६०,३६१,३६२, समयप्रमोद
सहसकूट
२७५,२७६, समयसिद्धि
२४०, सहसफणा पार्श्व १६९,२८०, समयसुन्दर ७०,७१,८८,१०६,१०७, सहसमल (करण) ३६०,२४५,२४७ १०८,१०९,१२६,१२७,१२८,१२९, सांउसुखा (गोत्र)
२१४ १३१,१४६,१४७,१४८,१९२ २००, साकरशाह
२३१, २३३, २२७, सांख्य (मत) समयहर्ष
२५४, सागरचन्द्राचार्य २७,५०, समरिग३९१,३९३,३९४,३९५,३९६,
सांगानेर स्याणि
४८, साचोर ३१५,३१६,४१५,१४६,१४७, स्यादवादमञ्जरी
१४८, स्यामाचार्य
सादड़ी
३०१, स्याहानीपोल
३६०, सर (लूणकरणसर) १८७,१९३,
साधुकीर्ति
४०३, सर्व देवसूरि सव्वएवसुरि ३, साधुकीर्ति ९२,९७,१३७,१३८,१३९, सव्वड
१४०, १४१, १४२,१४४,१४५, सरस्वती (साध्वी) ३०,३९५, साधुरंग
२९२, सरसा ६९, साधुसुन्दर
२०८,२०९, सरसती
३४०,४२३, सामल १८१,१८५,१९१, सराणउ
सामल (वंश)
१८, सरूपचन्द (सेवग) ३११, सामीदास
१४३, २५०, सलेम (जहांगीर) ८१,८७,९८,१०३, सामन्तभद्रसूरि
२२.८, १०९,१२३,१३२,१६७,१७९,३५५ सारमूर्ति
२०, २.३, सव्वडशाह ५०, साल्हिगु
३८८, सहजकीर्ति
१७५,१७६, सांवल सहजपाल
४२५, सावक्ति सहजलदे
सांसनगर
४३२, सहजसिंह
१४३, साहणशाह सहजीया
११५, साहिबदे
५०,
३३७,
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