Book Title: Aetihasik Jain Kavya Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Shankardas Shubhairaj Nahta Calcutta

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Page 671
________________ ४७६ नेमिचन्द्रसूरि नेमिदास नेमीदास नेमिनाथ नैयाक नैषधकाव्य पडिहारा पता पनजी पन्नवणा पदममन्दिर नोता ४२५ ( नेतानगर ) नन्दी विजय नन्दीश्वर ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह पर्व रलावली पल्ह ४१,४४,२२१,३१२, पयठाणपुर परधरी पर्वत : पर्वतशाह ३६६ १४३, १४४ २३३ १८, ११०, २६४, ३५६ ३६ २७३ ४२६ ३५८ ર प ૬. ४२५ १९४ २१९ ५५, ५६ पहुराज पञ्चनदी पाटण ३९८ देखो -- अणहिलपुर पामदत्त ५३ पाहणपुर ( प्रल्हादनपुर) ७, ९, १०, ६४,६५,१९३,२३५,३९०,३९१,३९२ पाली पालीताणा पावापुरी ६७, ३७४, ४१५ २८४, २८५ २९७, ३२७ पारकर ३४३ पारख २०७, १९४,२५०, ३६०,३६३ पारस साह १४३ पार्श्वनाथ 300 ३६८ ३१, ४० १७९ १८,५४,५५,६८,२१८, २३०,२६४,३४३,३६५,३६६,४०० पदमराज पदमसिंह ११५, ३२२, ३२३ पाण्डव पदमसी परमसुन्दर १४१, १४२, १४३ पिंगल (शास्त्र) पदमहेम २५५, २५७, ४२०, ४२१ | पिंड विशुद्धि पदमादे २९३, २९६, २९६ | पीचो 'पद्मावती (पदिमणी देवी) १३, १५ पीथइ ४५, २१५, ३८४, ४०० पीपलीयो गच्छ ३० २८४ १४३, १४४ | पुण्यविमल ७२ नमचन्द पासाणी ९७ पांच पीर ९१,९३,१०३,१७०,३७४ ३६१ | (पंचनदीपती) पुञ्जाउत पुण्य Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only 1 १८७ ३४६ २७३ '४६, २१६ २५० २०६, २३५ ४०९ ३५८ ३३.७ १४० २१ www.jainelibrary.org

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