Book Title: Aavashyak Niryukti
Author(s): Fulchand Jain, Anekant Jain
Publisher: Jin Foundation

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Page 12
________________ (३) २. आवश्यक नियुक्तिः विषयसूची Bornm " - 3 3 9 ७ ; . mo y y 5 w gv 2 विषय गाथा संख्या पृष्ठ संख्या मंगलाचरण : पंच-परमेष्ठी आवश्यक नियुक्ति-कथन की प्रतिज्ञा २ अरहंत परमेष्ठी का स्वरूप एवं उन्हें नमन ३ अरहंत शब्द की निरुक्ति अरहंत परमेष्ठी के नमन का प्रयोजन एवं फल सिद्ध-परमेष्ठी का स्वरूप एवं निरुक्ति सिद्ध-परमेष्ठी बनने का उपाय आचार्य परमेष्ठी की निरुक्ति आचार्य का स्वरूप उपाध्याय .परमेष्ठी की निरुक्ति साधु परमेष्ठी की नियुक्ति पंचपरमेष्ठी नमस्कार के कथन का उपसंहार पंचनमस्कार-मंत्र की महिमा एवं फल पंचनमस्कार-मंत्र सर्वमंगलों में प्रथम मंगल है .१.५. आवश्यक नियुक्ति की निरुक्ति १६. आवश्यक के सामायिक आदि छह भेद १७. १-सामायिक आवश्यक नियुक्ति का कथन १८. निक्षेप की दृष्टि से सामायिक के छह भेद १७ १३-१५ १९. भाव-सामायिक की निरुक्ति एवं स्वरूप १८-२० १५-१७ २०. उत्तम सामायिक की सिद्धि २१ १७-१९ सम्यक्त्व-चारित्र पूर्वक सामायिक का कथन २२ . १९ १४. o o . २१. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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