Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भाग नमो नमो निम्मलदंसणस्सा पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर-गुरुभ्यो नम: म् आगम_संबंधी साहित्य आगम-सूत्रादि-अकारादिः आजमा आजम मूल संशोधक :- पूज्यपाद आगमोद्धारक आचार्यश्री आनंदसागरसूरीश्वरजी महाराजसाहेब अभिनव-संकलनकर्ता :- आगम दिवाकर मुनिश्री दीपरत्नसागरजी (M.Com., M.Ed., Ph.D., श्रुतमहर्षि] पूज्य शासनप्रभावक आचार्य श्री हर्षसागरसूरिजी म० की प्रेरणा से श्री परम आनंद श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ, पालडी, अमदावाद Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ईस प्रोजेक्ट के संपूर्ण-अनुदान-दाता womanepance सच्चारित्र चूडामणि स्वर्गस्थ पूज्यपाद श्री परम आनंद श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ गच्छाधिपति आचार्यदेव श्री देवेन्द्रसागर की वीतराग सोसायटी, प्रभूदास ठक्कर कोलेज रोड, पालडी, अमदावाद सूरीश्वरजी महाराज साहेब करीब पचास साल पहेले परम पूज्य स्वर्गस्थ गच्छाधिपति आचार्य देव श्रीमद् देवेन्द्रसागरसूरीश्वरजी महाराज साहेब द्वारा संस्थापित इस संघमें श्री शीतलनाथ भगवंत का जिनालय भी है, जिन के प्रतिष्ठाचार्य भी पूज्य देवेन्द्रसागरसूरीश्वरजी म. ही है । इस संघमें पूज्य साधू-भगवंत एवं साध्वी-महाराज के लिए उपाश्रय भी है, जहां हर-साल चातुर्मास करवा के श्रावक-श्राविकाओ को धर्म-आराधन से लाभान्वित करवाया जाता है । इस संघर्म आयंबिलभवन, उबाला हुआ पानी, ज्ञान-भण्डार एवं पाठशाला की भी बहोत अच्छी सुविधा प्रदान हो रही है | ऐसे सम्यग-मार्गी संघ की सद्भावना और प्रभावक आचार्य पूज्य श्री हर्षसागरसूरिजी म. की प्रेरणा से इस शास्त्र के लिए अनुदान प्राप्त हुआ है | Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ म आज आजम आज आजम SIMINE आजम नमो नमो निम्मलदंसणस्स आगम_संबंधी_साहित्य मूल संशोधक BISTR आजम STIT SPLOTER पूज्यपाद आगमोद्धारक आचार्य श्री आनंदसागरसूरीश्वरजी महाराज 3757 腿 अभिनव संकलनकर्ता STROTH आगम BIDDE आगर आवास भागम आगम दिवाकर मुनिश्री दीपत्नसागरजी आगम (M.Com., M.Ed., Ph.D., श्रुतमहर्षि] आजम प्रत प्राप्ति और पेज सेटिंग कर्ता : के चेरमन श्री प्रवीणभाई शाह, अमेरिका मुद्रक : नवप्रभात प्रिन्टींग प्रेस अमदाबाद Mo 9825598855 / 9825306275 Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ &STISTA & BONER $377TH & 9am 1 TOTER BUSH आजम ॐ आगम STING BRIMER आजम आगम आजम सन्म 5000 राज आजम वासरण आजम आजम आजम आगम आगम आसाम आम आगम आजम राजम 2213111 lauri S1GT ~4~ पलाम आगम वाचना शताब्दी वर्ष 8419237 SUCHTE आज आगम आगम OTHE आगर BIOTH आम आ झालर सम् उपगम् म जिम GLIGEN आगम आगम म आगम 271ST आपण 34676 आजम Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री आगमसूत्रायकारादि: भाग-3 नमो नमो निम्मलदसणस्म २३१७ पूज्य मानव समाजवित सुशील गुपनगागर मुस्कान आगम-सूत्रादि-अकारादिः सूत्रादि अकारादि [२] उपांग-प्रकीर्णक सूत्रा 7 नन्दयादि सत्रादि अकारादि आगम-संबंधी-साहित्य भाग-31 ENT आदय संपादकः पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता मुनि दीपरत्नसागर MCom M.Ed. Ph.D. श्रुतमहर्षि 30110212017, बुधवार, २०७३ महा शुक्ल ५. आगम-संबंधी-साहित्य आणि भाग-३ मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए श्रीआचारांगाद्येकादशांग्याः। सूत्राद्यकारादि अंगाकारादि। दीप क्रमांक के लिए देखीए मुद्रयित्रीमालवदेशान्तर्गतश्रीरत्नपुरीय( रतलाम )श्रीऋषभदेवजीकेशरीमलजीत्यभिधाना श्वेताम्बरसंस्था । मुद्रका-इन्दोर जैनबन्धु मुद्रणालयाधिपतिः श्रेष्ठी जुहारमलजी, पालरेचा, भावनगरीय महोदयमुद्रणालयाधिपतिः श्रेष्ठी गुलाबचन्दजी लल्लुभाइ। वीरसंवत् २४६३ विक्रमसंवत् १९९३ काइस्टसन् १९३७ प्रत ५०० पण्यं ४-०-० 'सवृत्तिक आगम सुल्ताणि ... मूल संपादकीय टाईटल पृष्ठ Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सामाचारी-संरक्षक, ज्ञानधनी, आगम-संशोधक, तीव्र-मेधावी, समाधिमृत्यु-प्राप्त, बहुमुखीप्रतिभाधारक पज्यपाद आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागरसूरीश्वरजी महाराज साहेब • जिन्होने शुद्ध-श्रद्धा, सम्यक्-श्रुत आराधना, यथाख्यातचारित्र के प्रति गति और अंत समय देह-ममत्व के त्याग के द्वारा कायोत्सर्ग नामक अभ्यंतरतप कि मिशाल कायम कि है ऐसे बहुश्रुत आचार्य श्री सागरानंदसूरीश्वरजी महाराज का परिचय कराना मेरे लिए नामुमकिन है, फ़िर भी गुरुभक्ति बुद्धि से : श्रद्धांजली स्वरुप एक मामुली सी झलक पैस करने का यह प्रयास मात्र है। चारित्र-ग्रहण के बाद अल्प कालमे जो अपने गुरुदेव की छत्रछाया से दूर हो गये, तो भी गुरुदेव के स्वर्ग-गमन को सिर्फ कर्मो का प्रभाव मानकर | अपने संयम के लक्ष्य प्रति स्थिर रहते हए अकेले ज्ञान-मार्ग कि साधना के पथ पर चले | पढाई के लिए ही कितने महिनो तक रोज एकासणा तप के साथ | • बारह किल्लोमिटर पैदल विहार भी किया | लेकिन अपने मंझिल पे डटे रहे, और परिणाम स्वरुप संस्कृत एवं प्राकृत भाषा का, प्राचीन लिपिओ का, व्याकरणन्याय-साहित्य आदि का सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त किया | जैन आगमशास्त्रो के समुद्र को भी पार कर गए| .एक अकेला आदमी भी क्या नहीं कर शकता? इस प्रश्न का उत्तर हमें इस महापुरुष के जीवन और कवन से मिल गया, जब वे चल पड़े देवगिणी क्षमाश्रमण के स्थापित पथ पर. बिना किसी सहाय लिए हए सिर्फ अकेले ही "जैन-आगम-शास्त्रो" को दीर्घजीवी बनाने के लिए अनेक हस्तप्रतो से शुद्ध-पाठ तैयार किये | दो वैकल्पिक आगम, कल्पसूत्र और नियुक्तिओ को जोड़कर ४५ आगम-शास्त्रो को संशोधित कर के संपादित किया | फिर पालीताणामें आगम • मंदिर बनवाकर आरस-पत्थर के ऊपर ये सभी आगम-साहित्य को कंडारा, सूरतमें तामपत्र पर भी अंकित करवाए और "आगम मंजूषा" नाम से मुद्रण भी करवा के बड़ी बड़ी पेटीमें रखवा के गाँव गाँव भेज दिए | वर्तमानकालमे सर्व प्रथमबार ऐसा कार्य हआ | .सिर्फ मल आगम के कार्य से ही उन के कदम रुके नही थे, उन्होंने आगमो की वृत्ति, चूर्णि, नियुक्ति, अव चूरी, संस्कृत- छाया आदि का भी संशोधन-सम्पादन किया | उपयोगी विषयो के लिए उन्होंने एक लाख श्लोक प्रमाण संस्कृत-प्राकृत नए ग्रंथो की रचना भी की | कितने ही ग्रंथो की प्रस्तावना भी लिखी | ये सम्यक्-श्रुत मुद्रित करवाने के लिए आगमोदय समिति, देवचंद लालभाई इत्यादि विभिन्न संस्था की स्थापना भी की | . ज्ञानमार्ग के अलावा सम्मेतशिखर, अंतरीक्षजी, केशरियाजी आदि तीर्थरक्षा कर के सम्यक-दर्शन-आराधना का परिचय भी दिया | राजाओं को प्रतिबोध: | कर के और वाचनाओ द्वारा अपनी प्रवचन-प्रभावकता भी उजागर करवाई | बालदिक्षा, देवद्रव्य-संरक्षण, तिथि-प्रश्न इत्यादि विषयोमे सत्य-पक्षमें अंत तक दृढ़ रहे | जैनशासन के लिए जब जरुरत पड़ी तब अदालती कारवाईओ का सामना भी बड़ी निडरता से किया था | • सागरानंदजी के नाम से मशहूर हो चुके पूज्य आनंदसागरसूरीश्वरजीने अपने परिवार स्वरुप ७०० साधू-साध्वीजी भी शासन को भेट किये । ...ये थे हमारे गुरुदेव "सागरजी"... .........मुनि दीपरत्नसागर... 27 Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संयमैकलक्षी, उपधान-तप-प्रेरक, चारित्र-मार्ग-रागी, प्रवचन-पटु, सुपरिवार-युक्त पूज्य गच्छाधिपतिआचार्यदेव श्री देवेन्द्रसागरसूरीश्वरजी महाराज साहेब ... परमपूज्य आचार्यश्री आनंदसागरसूरीश्वरजी के पाट-परंपरामे हुए तिसरे गच्छाधिपति थे पूज्य आचार्य श्री देवेन्द्रसागरसूरीश्वरजी, जो एक पून्यवान् आत्मा थे, दीक्षा ग्रहण के बाद अल्पकालमे ही एक शिष्य के गुरु बन गये | फ़िर क्या ! शिष्यो कि संख्या बढती चली, बढ़ते हुए पुन्य के साथ-साथ वे आखिर 'गच्छाधिपति' पद पे आरूढ़ हो गए | इस महात्मा का पुन्य सिर्फ शिष्यों तक सिमित नही था, वे जहा कहीं भी 'उपधान-तप' की प्रेरणा करते थे, तुरंत ही वहां 'उपधान' हो जाते थे | प्रवचनपटुता एवं पर्षदापुन्य के कारण उन के उपदेश-प्राप्त बहोत आत्माओने संयम-मार्ग का स्वीकार किया | खुद भी संयमैकलक्षी होने के कारण चारित्रमार्ग के रागी तो थे ही, साथसाथ ज्ञानमार्ग का स्पर्श भी उन का निरंतर रहेता था | आप कभी भी दुपहर को चले जाइए, वे खुद अकेले या शिष्यपरिवार के साथ कोई भी ग्रन्थ के अध्ययन-अध्यापनमें रत दिखाई देंगे। ... ये तो हमने उनके जीवन के दो-तीन पहेलु दिखाए | एक और भी अनुसरणीय बात उन के जीवन में देखने को मिली थी- 'आराधना-प्रेम'. कैसी भी शारीरिक स्थिति हो, मगर उन्होंने दोनों शाश्वती ओलीजी, पोष)दशमी, शुक्ल पंचमी, त्रिकाल देववंदन, पर्व या पर्वतिथि के देववंदन आदि आराधना कभी नहीं छोड़ी | आखरी सालोमें जब उन को एहसास हो गया की अब 'अंतिम-आराधना' का अवसर नजदीक है, तब उन के महमें एक ही रटण बारबार चाल हो गया“अरिहंतन शरण, सिद्धनं शरण, साधनं शरण, केवली भगवंते भाखेला धर्मन् शरण " इसी चार शरणो के रटण के साथ ही वे समाधि-मृत्यु-रूप सम्यक निद्रा को प्राप्त हुए थे | ऐसे महान् सूरिवर को भावबरी वंदना | ... मुनि दीपरत्नसागर... अनुदान दाता संस्था:- “श्री परम-आनंद श्वेतांबर मर्तिपूजक जैन संघ वीतराग सोसायटी, प्रभदास ठककर कोलेज रोड, पालडी. अमदावाद करीब ५० साल पहेले परम पूज्य स्व. गच्छाधिपति आचार्यदेव श्रीमद् देवेन्द्रसागरसूरीश्वरजी महाराजसाहेब द्वारा संस्थापित इस संघमें श्री शीतलनाथ भगवंत का जिनालय भी है, जिन के प्रतिष्ठाचार्य भी पूज्य देवेंद्रसागरसूरीजी म.सा. ही है | इस संघमें पूज्य साधू भगवंत एवं साध्वीजीओ का उपाश्रय भी है जहा हर-साल चातुर्मास करवाके श्रावक-श्राविकाओ को धर्म-आराधन से लाभान्वित करवाया जाता है | इस संघमें आयंबिलभवन, उबाला हुआ पानी, ज्ञान-भण्डार एवं पाठशाला की भी बहोत अच्छी सुविधा प्रदान हो रही है | ऐसे सम्यग-मार्गी संघ की सद्भावना और प्रभावक आचार्य पूज्य श्री हर्षसागरसूरिजी म० की प्रेरणा से इस शास्त्र के लिए अनुदान प्राप्त हुआ है। - 8 Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - . . - . . - .. - .. .. - .. - .. 'सागर-समुदाय-एकता-संरक्षक, तीर्थ-उद्धार-कार्य-प्रवृत्त, गुणानुरागी' इस "आगम-संबंधी-साहित्य" श्रेणि भाग १ से ४ के संपूर्ण अनुदान के प्रेरणादाता पूज्य शासनप्रभावक आचार्य श्री हर्षसागरसरिजी महाराज साहेब पूज्यपाद स्व. गच्छाधिपति देवेन्द्रसागर-सूरीश्वरजी के विनयी शिष्य एवं दो गच्छाधिपतिओ के मुख्य सहायक के रुपमे 'सागर समुदाय' के सुचारु संचालक | पूज्य हर्षसागरसूरिजी, जिन की प्रेरणा से ये "आगम संबंधी साहित्य" के मद्रण के लिए संपूर्ण द्रव्यराशि प्राप्त हुई, उनका अत्यल्प परिचय यहां करेंगे | समुदाय: एकता के लिए सदैव प्रयत्नशील रहते हुए ये महात्मा समुदाय के साधु-साध्वीजी की आवश्यकताओकी पूर्ती के लिए भी प्रवृत्त रहेते है, प्राचीन-अर्वाचीन तीर्थो के | जीर्णोद्धार एवं विकाश के लिए भी उत्साहित रहेते है, ज्ञान-क्षेत्र अछूता न रहे इसीलिए अनुमोदना, अनुदान एवं समय मिलने पर शास्त्र-वांचनमें भी रूचि रखते है | समुदाय के जरूरतमंद साध्वीजी भगवंतो के आवास का विषय हो या साध्वीजी के विहारमें मजदूर का वेतन चुकाना हो, ऐसे छोटे-छोटे कार्यों के प्रति भी उन का लक्ष्य रहेता है | दर्शन-शुद्धि के लिए जब उन्होंने समग्र भारतवर्ष के १०० साल तक के पुराने जिनालयो में १८ अभिषेक की प्रेरणा की, उस वक्त लगभग | सभी अभिषेक-सामग्री की द्रव्य-शुद्धि का ख़याल रखते हए अपनी मेधावी बुद्धि का परिचय दिया था, साथमे अनकंपा भाव से पुजारी या विधि करानेवाले को यत्किंचित् बहमान प्रगट करते हए कुछ धन-राशि प्रदान करवाई। ऐसे बहुगुण-संपन्न महात्मा पूज्य आचार्यश्री हर्षसागर-सूरिजी को हम भावभरी वंदना करते हए इस श्रुतकार्य का प्रारंभ करने जा रहे है। ... मुनि दीपरत्नसागर [कात्रेज]पूना, शंखेश्वर, कपडवंज, प्रभासपाटण आदि स्थानोमे आगममंदिर के प्रेरक, कर्मग्रंथ अभ्यासु, निस्पृह महात्मा पूज्यपाद गच्छाधिपति आचार्य श्री दौलतसागर-सूरीश्वरजी महाराज साहेब (एवं) अजातशत्रु, स्वाध्याय-रसिक, प्रशांतमूर्ती और अपने गुरु के प्रीतिपात्र परम पूज्य आचार्य श्री नंदीवर्धनसागर-सूरिजी महाराज साहेब इस पवित्र श्रुत-कार्यमे दोनो सूरिवरो का स्मरण करते हुए कोटि कोटि वंदना के साथ ........मुनि दीपरत्नसागर Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ- कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत AAM014 सूत्रांक यहां देखीए अंगाकाराद्यनुक्रमादीनामुपोद्घातः । - - - दीप क्रमांक के लिए - देखीए विदितचरमेतद्विदुषां यदुत श्रीमत्या आगमोदयसमित्या ऋते छेदग्रन्थान् परिणामिकवाचंयमयोम्यान् प्रव्रज्यापर्यायप्राप्याना श्रीआचारांगादीनां तदितरेषां च श्रीआवश्यकादीनां पारगतगदितानामागमानां वर्तमानयुगातिरुढं स्पृहणीयं चोन्मुद्रणमाहतं, तत्र चैकादशांग्या अपि समारचितमुन्मुद्रणं, यद्यपि पाठकश्रावकसाधूनामेतावन्मुद्रणमात्रमेवोपयुक्ततरं, परमन्वेषकाणां मुनिपुङ्गवानां प्रमोदाय तत्सूत्राचकागदीनामुन्मुद्रणाय विहितोऽयमुद्यमः, तस्था एकादशांग्या मुद्रणावसरे नारम्भे सूत्राद्यकारादिचिकीर्षेति न तत्र गाथानामेकत्रिता संख्या, सूत्रसंख्यानेऽपि विहारादिना त्रुटिरमृद्, ततः सूत्रादिसंख्यादि निश्चित्य तदनुसारेण अकारादिक्रमो विषयानुक्रमश्च विहितौ स्तः, ततोऽवश्यमपेक्षणीया प्रेक्षाचक्षुष्कैः साऽऽदौ, विहितेऽपि प्रयले नासंभावनाऽशुद्धीनामिति क्षाम्यन्तु क्षमाधनाः क्षन्तव्यं, विलोकयन्तु चेदमखिलमखिलकल्मषकापंकषकाः कारुण्यनिधयो मुनयो यथायथं तत्त्वावगमायेत्यर्थयन्ते। आनन्दसागराः २४६३ माघशुक्ला पूर्णिमा, जामनगर (नवानगर) 'सवृत्तिक आगम FORब सुल्ताणि मूल संपादकेन दत्त अंग-आगम-क्रमांक-संकेत ८.आचारांग, ९.सूत्रकृतांग, १०.स्थानांग, ११.समवायांग, १२.भगवती/व्याख्याप्रज्ञप्ति, १३,ज्ञाताधर्मकथा, १४.उपासकदशा, १५.अंतकृद्दशा, १६.अनुत्तरौपपातिकदशा, १७.विपाकश्रुत, १८.प्रश्नव्याकरण. -10 Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्रमाक ०१ ०२ 03 ०४ ०५ of واه ०८ ०९ १० ११ १२ १३ १४ वर्ण: अ-कार क- कार ख-कार ग-कार घ-कार च-कार छ-कार ज-कार झ-कार ट-कार ठ-कार ड-कार ण-कार त-कार अंग-अकारादि-वर्णानुक्रम पृष्ठांक: क्रमांक: ०१३ ०४५ ०५३ ०५३ ०५४ ०५४ ०५९ ०६१ ०७४ ०७४ ०७४ ०७४ २०७८ १५ १६ १७ १८ १९ २० २१ २२ २३ २४ २५ २६ २७ २८ वर्ण: ~11~ थ-कार द- कार ध-कार न-कार प-कार फ़-कार ब-कार भ-कार म-कार र-कार ल-कार व-कार स- कार ह-कार पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य) पृष्ठांक: ०९५ ०९५ १०२ १०२ १०७ ११७ ११७ ११९ १२१ १२४ १९२७ १२९ १३१ १५२ Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [श्री अंगसूत्राद्यकारादिः ] इस प्रकाशन की विकास- गाथा * यह प्रत “श्री अंगसूत्राद्यकारादि" नामसे सन १९३७ (विक्रम संवत १९९३) में 'श्री ऋषभदेव केशरिमल श्वेताम्बर संस्था' द्वारा प्रकाशित हुई, इस के संपादक-महोदय थे पूज्यपाद आगमोद्धारक आचार्यश्री आनंदसागरसूरीश्वरजी (सागरानंदसूरिजी महाराज साहेब | * पूज्यपाद् आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागरसूरीश्वरजी महाराजसाहेबने 'आचारांग' वगैरेह ११ अंगसूत्रो के मूलसूत्र एवं उस पर पूर्वाचार्य रचित वृत्ति आदि का संपादन किया था । उन प्रतोमे जो मूलसूत्र, गाथा आदि थे उन सभी सूत्र आदि के 'अकारादि' क्रमांकन किये थे | वे ‘अंगसूत्रादि के अकारादि' को इस प्रतमे प्रकाशित करवाया है | अर्थात् ११ अङ्गसूत्रो के सूत्रादि-अकारादि के रचयिता, संपादक और प्रकाशक श्री आगमोद्धारक आनन्दसागरसूरीश्वरजी महाराजसाहेब ही है | * पूज्यपाद आगमोद्धारक आचार्यदेवश्रीने इसी तरह उपांगसूत्रो, प्रकीर्णकसूत्रो और नन्दी आदि अन्य आगमसूत्रो के सूत्रादि-अकारादि की भी रचना, संपादन और प्रकासन किया है । * हमारा ये प्रयास क्यों? * आगम की सेवा करने के हमें तो बहोत अवसर मिले, अब तक मेरे प्रकाशित किये हुए पुस्तको के १,००,००० से ज्यादा पृष्ठ हो चुके है, किन्तु लोगो की पूज्यश्री सागरानंदसूरीश्वरजी के प्रति श्रद्धा तथा प्रत स्वरुप प्राचीन प्रथा का आदर देखकर हमने इसी प्रत को स्केन करवाई, उसके बाद एक स्पेशियल फोरमेट बनवाया, जिस के बीचमे पूज्यश्री संपादित प्रत ज्यों की त्यों रख दी, ऊपर शीर्षस्थानमे प्रत संबंधी उपयोगी माहिती लिख दी है, ताँकि पढ़नेवाले को प्रत्येक पेज पर कौन से वर्ण का क्रम चल रहा है उसका सरलतासे ज्ञान हो शके । * पूज्यपाद आगमोद्धारकश्री ने आगम संबंधी ५२ विषयो को वर्गीकृत किया था, आज भी उनमे से ऐसी कई प्रते मिलती है, जिसमे ये विभाजन-क्रमांक देखने को मिलते है, उनमे से थोडे विषयों का काम हुआ भी है, जो मुद्रित स्थितिमे भी प्राप्त है | * शासनप्रभावक पूज्य आचार्यश्री हर्षसागरसूरिजी म० की प्रेरणा से और श्री परम आनंद श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैनसंघ, पालडी, अमदावाद की संपूर्ण द्रव्य सहाय से ये 'आगम-संबंधी- साहित्य' भाग-३ का मुद्रण हुआ है, हम उन के प्रति हमारा आभार व्यक्त करते है| 12~ .... मुनि दीपरत्नसागर. Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए kGE ८आ. ९२.४ श्रीआचाराङ्गाद्येकादशाङ्ग्याः सूत्रतद्गाथाद्यकारादि. बEAR १४ उपा. १५ अंत FO अनु. दीप १३ज्ञा. १६ प्रश्न. सूत्रायल१७विपा. ७०* २०२ * ३७* क्रमांक के लिए सूत्राद्यावि. सूत्रे. अइमाणं च मायं च ९ अइमाणं च मायं च ९ अइबत्तियं अणाउट्टि ८ अकरिस्सं चऽहं ८ अकसाई विगयगेही य ८ अकुमारभूए जे केई ११ अकुपओ गवं णस्थि ९ अकुसीले सया भिक्खू ९ अक्सरगुणमतिसंघायणाए९ देखीए R सूत्रायः सूत्राद्य दि. सूत्रे. सूत्राघङ्कः सूत्राय दि. सूत्रे. ४७२ * | अक्खोभ सागरे खलु १५३ * | अग्गिस दाहिणे पासे १२ ५३० * | अगणितो निक्खतो ९ १९५नि. अचयंता व लूहेणं ९ ५८* अगरुबरपबरधूवण १३ ४८ * अचित्तं तु समासज्ज ८ अगारमावसंताबि ९ १९* अच्चित्तं पुण विरियं ९ | अगिद्धे सहफासेसु ९ ४७१% अच्चेइ जाईमरणस्स ८ ३२ * अगुरुवरपवरधूण. १३ ३७* अजित णं अरहा अद्धपंच६१३ - अग्गीया मूलबीया ८ १३०नि. माई धणु उड्ड. ११ ४६४ | अग्गं वणिएहि आहियं ९ १४५ * | अजियस्स गं अरदओ सा२.नि. अग्निकु० सन्वे समाहारा०११२ ६१६ । हरेगाई नव ओहि०११ 'सवृत्तिक आगम ISESEX सुल्ताणि ... जहा ८ लिखा है वहां आचारांग, ९ लिखा है वहां सूत्रकृतांग, इसी तरह १०.स्थानांग, ११.समवायांग, १२.भगवती/व्याख्याप्रज्ञप्ति, १३,ज्ञाताधर्मकथा, १४.उपासक-दशा, १५.अंतकृद्दशा, १६.अनुत्तरौपपातिकदशा, १७.विपाकश्रुत, १८.प्रश्नव्याकरण. ऐसा समझना | अ-कारादि अनुक्रममे जो सूत्रायंक दिये है वे सब सूत्र या गाथा आदि को आगमोद्धारकरी संपादित प्रतमे दिये गये क्रमांक अनुसार समझना। - 13 Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९२ ११४ उपा. सूत्रायः ६०९ ६५४ १५.अंत १३ज्ञा ६४६ दीप १६ प्रश्न. १७वपा. ६१९ ६११ क्रमांक सूत्राचादि. .सूत्रे, सूत्रायः सूत्राद्या दे. सूत्रे. & अजोगरूवं इह संजयाण ९ ६९८* अट्ठ नक्खत्ता चंदेणं सद्धि१० | अज्जदएण गोसाल. ९ १९० नि. अद्रुपएसो रुपगो ८ अज्जोत्ति किंमया पाणा ,१० १६६ अट्ठ पुढवीओ १. | अज्जोत्ति अज्जो! गोसालेणं १२ ५५४ अढ फासा पष्णता १. अज्झवसाणनिमित्वे १० ८२० अट्ठमए य विमोक्खो ८ हे लोए परिजुण्णे ८ १४ अट्ठ मतढाणा पणाचा १० अट्ठ अकिरियावाती १० ६.७ अट्ठ मयट्ठाणा पण्णता ११ अट्ट कप्पा तिरितमिस्सो०१० ६४४ अट्ठमस्स उक्खे०रायगिहे१४ अट्ठ गतितो पण्णचा १० ६२८ अट्ठमस्स उक्वेवओ १३ अहमियाण भिक्खु० १० ६४५ अङ्क महामुक्कसहस्सारेसु१० अट्ठमियाण मिक्यु० ११ ६४ अट्ट य वासा आदी १५ |अट्ठ ठाणाई छउमस्थेणं १० ६१० । अट्ठविधा तणकातिया १० अट्ठ धम्म मापतेसा १० ६२४ । अदुविधा लोगठिती १० के लिए देखीए * सूत्रायः सूत्राचादि. सूत्रे. ६५६ | अढविधा वयणविमत्ती १० ४ २ नि. अट्ठविधा वाणमंतरा देवा१. ६४८ बट्टविधा संसाध्वनगा १० ५९९ अट्ठविध अद्धोवमिते १० ३२ नि अढविधे आउवेदे पण्णते१० ६०६ | अट्ठविधे जोणिसंगहे पं०१० ८ अढविधे दसणे पण्णचे १० ४३ | अट्ठविधे संजमे पण्णचे १० १६२ अट्ठविह कप्परुक्खा ८ ६५० अट्ठविहा गणिसंपता १० १ अट्ठविहे आहारे पण्णत्ते१० ६१३ । अढविहे पायच्छिते १० ६०० अट्ठविहे महानिमिचे १० ६१८ १८७नि A%SEX.X ६०१ 'सवृत्तिक आगम ६२२ सुल्ताणि - 14 Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत - ८आ. ९स सूत्रायः १४ उपा. सूत्रांक यहां देखीए --- १५ अंत % १६१ - ४४ १६ प्रश्न - १०४ ७विपा. ३ दीप क्रमांक के लिए देखीए 4.- सूत्राद्यादि.. सूत्रे. अडविहे संवरे पण्णत्ते १० | अट्ठसमतिए केवलिसमु०१० अट्ठ समितीतो पण्णचा१० | अट्ट सुहमा पग्णचा १० अहिं० एमल्लविहार०१० अट्ठहिं ठाणेहि माती मायं१० अहिं पण्डिच्छित्तए १० अहहिं संघटितवं . अटुंतका रामा ११ अड्डारसविहे भे ११ अट्ठावयमुज्जते ८ अड्डावयं न सिक्खिजा ९ अट्ठावीसविहे. पकप्पे ११ अड्डी जहा परीरंमि ८ -DEOCSCR-CA सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राशङ्कः सूत्रायादि. सूत्रे. ५९८ । अणगारवाइणो पुढवि० ८ १०० नि. अणगारेण माई राय६५२ अणगारस्स अणाउत्तं गिहे रूबाई जाणति १२ ६०३ गच्छमाणस्स वा०कि अणच्चावितं अवलितं १० ६१५ इरियावहिया १२ २६६ अणनपरमं नाणी ८ अणगारेण अप्पणो कम्मलेस्सं१२.५३३ अणभिकंतं च खलु वयं ८ ५९७ अणगारेणं अमाईवा अणभिग्गहिया भासा १२ ६०४ - नारसीए रूबाई १२ १६२ अणसण ऊणोयरिया १२ अणंतराय आहारे ११ १४० अणगारेण बाहिरए. अणंतरोगाढएण नेरइये १८ । प¥० इत्थिरू वा १२ पावं कम्मं किंबंधीई१२ ३३५नि. अणगारेण बाहिरए. अणंतरांगाढा जहा अणं४५३ - वेभारे० उल्लंघचए वा१२ तरोव०१२ २८ अणगारेणं भाषियप्पा अणतरोष नेरइए पार्व ८५नि देव जाणद० १२१५५ । कम्म किंबंधीइ १ १२ - H - -- - 'सवृत्तिक आगम ८४८ --- - - सुत्ताणि १६ - 15 Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत न सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९८ - सूत्रायः ३६७* ६२७* |१४ उपा. १५ अंत ११ स. १२ भ. अनु. - . शा. ११६ प्रश्न. १७ विपा. -- -- दीप क्रमांक के लिए सूत्र यावि. सूत्रे. सूत्रायकः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्र यादि. सूत्रे. अणंतरोव नेरइया कि अणाणाय पुढावि ८ ७४ | अणुत्तरं धम्ममुईरइत्ता १ किरियावादी १२ ८२७ अणादीयं परिबाय ९ ६३७ * अणुत्तरे य ठाणे से ९ अणंतरोव नेरइया पावं अणायगस्स नयवं ११ ३०. अणुत्तरोववाइया०कि कम्म कहि समज्जिाणिसु? १२ ८२१ अणासिया नाम महासि०९ ३४६ उदिनमोहाइ' १२ | अणंतरोव नेरइया पावं. अणाहारो तुयट्टिज्जा ८ २४* | अणुत्तरोवयाइयाणं देवाण १० किं समायं पट्टीवसु ३११२ ८२४ | अणिच्चमावासमुर्विति ८ १३६ * | अणुत्तरोववाइयाणं देवाण११ अणते निइए लोए ९ | अणिच्चे पब्बए रुप्पे ८ ३४५ नि. अणुपविसित्ता गाम वा८ अणागयद्धा णं कि संखे अणिदाणकडा रामा ११ १३९ * अणुपुब्धिगमाएसो ८ जाओ? १२ ७४९ | अणिहे सहिए सुसंवुडे ९ १४०* अणुपुधिविहारीणं ८ अणागयमइकंत १२ ५४ * | अणुकंपा संगहे चेन १० १५५ * अगुपुत्रेण महाघोरं ९ अणागयमतिकंत १० १५७ * अणुगच्छ नाणेवि तह ९ ६०२ * | अणुपुरण विमोहाई ८ अणागयमपस्संता ९ २३८ * अणुत्तरगं परमं महेसा ९ ३६८ * अणुमाणं च मार्य च ९ अणाणाए एगे सोबढाणा ८ १६७ । अणुत्तरं धम्ममिणं जिगाण९ ३५८ | अणुराहानक्खत्ते चउतारे१० - देखीए --- ५४ ११४ २१९ २६७नि.. २५६ नि. ५०१ | १७* ४२८ * ३८६ - 'सवृत्तिक आगम - -- सुल्ताणि - 16 Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा. १५ अंत १२म. १३शा. सूत्रायः ५०२* ४७* १३० * १४४ ५५४ 13|१६ प्रश्न. १७ विपा. दीप क्रमांक के लिए ८आ. ९स.स सूत्राचावि. सूत्रे. सूत्र धक्कः। सूत्राचादि सूत्रे. सूत्रायकः। सूत्राचादि. १०स्था. अणुवीइ भिक्खू धम्ममाइ.८ १९२ अण्णउत्थियाण. अतारिंसु तरंगे . ९ अणुसमयं च पवेसो ८ ९.नि. एगेण दो किरिया १२ ८२ अतवस्सीए य जे केई ११ अणुसासणं पुढो पाणी ९ ६१७ * अण्णउत्थियाण जालग अतिकम्मति वायाए ९ अणुसिपि बहुविध १७ ६* ठिया सिया० १२ । १८२ अतिपासं च सुपासं ११ | अणुस्सुओ उरालेसु ९ ४६६ * | अण्णउत्थियाण नियंठे अत्ताण जो जाणति जोय अणेगचित्ते खलु अयं ८ ११४ । कालगए णो अनेक अस्थि ण मते ! अकम्मस्स अणेगरूवाओ जोणीओ ८ परियारेइ १२ ९९ गती पन्नायति ? १२ & अणेलिसस्स खेयने ९ ६१९ * अण्णउत्थियाणं० राय अस्थि ण भंते ! अचित्तावि अणोवसंखाइति ते उदाहुए। ५३८ बहिया अहे०एगे पोग्गला ओभासंति ११२ | अण्णउत्थिया० एगेणं. हरए अघे १२ ११२ अस्थि णं भंते ! अणुचरोदो आउयाई प० १२ | अण्णाणिया ता कुसलावि९ ५३६ * बाइया देवा ! १२ | अण्णउत्थिया० जुवति अण्णातपिंडणहियासएज्जार ४०७ * | अस्थि ण भंते ! अब्बावाहा जुवाणे १२ २०७ । अण्णायया अलोमे य ११ ५६* देवा १२ २६४ देखीए BR-BIBABASINES. 'सवृत्तिक आगम ॥ ५ सुल्ताणि - 17 Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्रांद्यः१४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. P१७ विपा. APER-X-BSI १३ ज्ञा. ८आ. ९सम सूत्राधादि. सूत्रे. सुत्राय १.स्था. ११ स. अत्यिक मते ! इमीसे रय. पु० अहे दबाई वनओट अनमनबद्धाई चिहति १२ ६४६ अस्थि ण मते ! एएसि पलिओ० "हा खएति वा अवचयेति १२ ४२७ अस्थि ण भंते ! चरिमावि नेरतिया १२ अस्थिपं भंते ! जंभया १. ५३२ अस्थि भंते ! जीवाणं कक सवेयणिज्जा कम्मा १२ २८४ अस्थि भंते ! जीवाणं पाणाइवाएणं किरिया १२ दीप क्रमांक के लिए सूत्राथापि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राधावि. सूत्रे. | अस्थि ण मते ! जीवाण अत्थिं मते ! नेरइयाणं सायावेयणिज्ज कम्म१२ २८५ सकारेतिवा० १२ अस्थि मते ! जीवा य अस्थि ण भते नरइयाण पोम्पला य० अममम. | समयातिवा १२ चिट्ठति । १२ अस्थि ण मंते! पज्जने अस्थि ण मते ! तेसि सकी बुद्विकार्य १२ साणाणं. विवादा १२ अस्थि ण भैते लवसचमा अस्थि णं मते ! देवा जे देवा १२ अणते कम्मसे जहणं अस्थि ण मते ! समणाणं २ एकेण वा खवयंति? १२ ६३९ किरिया कज्जा १२ अस्थि भंते ! देवासुराण अस्थि ण मैते ! समणावि० । संगामे १२६३७ । कंखा वेग १२ देखीए 'सवृत्तिक आगम V६॥ सुत्ताणि - 18 Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९ १० स्था- ६१ स. १२. १३बा. ११८नि दीप क्रमांक सूत्राद्यादि. सूत्रे अस्थि ण मैते ! सयासमियं । सुहमे० पवडा १२ अथिचि किरियवादी ९ अस्थि मे आया ८ अस्थे अपरिआवसे ११ | अथ भंते ! अदसिङ्घसंभ० केलतियं कालं जोणी १० अदक्खुव दक्खु वाहियं ९ आदिस्समाणे कयविकयेसु८ अदीणसत्तुसंखे ११ | अदु जेजणि अलंकार ९ अकु कण्णणासच्छेद ९ अदु इचरा उवचरंति ८ सूत्रायः सूत्राचादि. सूत्रे. | अदु णाहणं च सुहीणं वा ९ अदुचरं च णं पुरिसविजयं९ अदुधावरा य तसत्ताए ८ अदु पोरिसिं तिरियं ८ अदुवा अदिनादाणं ८ ५७२ अदुवा तत्थ परकमंतं ८ १५३% अदुवा माहणं च ८ अदु वायसा दिगिछन्ता ८ ८. अदु साविया पवाएणं ९ २८४ * | अद्दपुरे अहसुतो ९ २६८० अदाणक्खचे एगतारे १० ७२. अधोलोगे थे पंच अणुत्तरा१० AAAAAA सूत्रायः। सूत्राद्यावि. सूत्रे. सूत्रायः १४ उपा. २६० * | अनउत्थिता कहणं सम १५ अंत३१ । णाणं २ किरिया १. १६७ 1१६ प्रश्न ५५ * | अन्नउत्थिया एवं खलु पाणाइ० ल१७विपा. ४६* बमाणस्स०अने जीवे अमे जीवाया १२ ५९७ अनउत्थिया०एवं खलु समणा पंडिया समणो० १०४* बालपंडिया १२ २७२ अनउत्थियाचलगाणे १८७नि अचलिए १२ ८१ ५५ | अबउत्थिया०जावतिया । ४५१ | रायंगिहि जीवा १२ २५४ २२१ ++MACHAR के लिए । देखीए 'सवृत्तिक आगम सुल्ताणि -19 Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्राद्यः ४३५* १४ उपा. १५ अंत * ३० १६ प्रश्न. १७विपा. * * दीप क्रमांक के लिए ८आ.९स. ___सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. १० स्था. अबउत्थिया सब्वे पाणाएगंतदुक्खं अपढमसमयकडजुम्म. ११ स. है। वेयर्ण वेयंति १२ २५६ एगि० कओ उवव०१२ १२ भ.. | अमउत्थिया सव्वे पाणा अपरकममाएसो ८ एवंभूयं वेदणं वेदेति १२ २०१ अपराजिय विस्ससेण ११ ॥ ८ ॥ अपरिक्खदिढणहु एव ४ अनस्स पाणस्सिहलोइयस्स १ ४०६ * सिद्धी ९ अनहा णं पासए परिह०८ ९२ | अपरिण्णायकम्मा खलु ८ अन मणेण चिति ९ २७० * अपरिमाणं वियाणाई ९ अमाणियाणं वीमंसा ९ ४४ अपस्समाणो पस्सामि ११ अने अमेहि मच्छिया ९ १०८ * अप्पड्डीए ण भैते! देवे अपज्जत्तसुहुमपुढविका महिड्डियस्स० मझ इएणं कइसमएणं विग्ग बीइवएज्जा! १२ हेणं उववजेज्जा ! १२८५२ अप्पणो अहिए बाले ११ * १८३ सूत्रायः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. अप्पपिंडासि पाणासि ९ | अप्पं तिरिय पेहाए ८ २६५ नि. अप्प सुकं बहुं ओयं १० १०३ अप्पुब्बणाणगहणे १३ अप्पेगे खुधियं भिक्खु ९ ३९९ * अप्पेग नायओ दिस्स ९ अप्पेगे पडिभासंति ९ ८२ अप्पेग पलिप तेसि ९ ५४ अप्पेग बइ जुति अप्पे जणे निवारेइ ८ अप्पेण अप्पं इह वंचइतार ५०७ | अप्फासुय पडिसीवय ९ ३४ * | अबहुस्सुए य जे केई ११ * देखीए * 454:55A5% १७४ * ८४ * * 'सवृत्तिक आगम ८९नि ४६ * सुत्ताणि -20 Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक Ck यहां ८आ. ९सू. १.स्था . स. १४ उपा. |१५ अंत देखीए %A4%AE% १६ प्रश्न. १७ विपा. दीप क्रमांक के लिए सूत्राद्यादि. सत्रे. अभयारी जे केई ११ अभंतरपुक्खरद्धेणं अट्ठ जोयणसय चकवाल०१० अब्भागमितंमि वा दुहे ९ अब्भुवगए खलु वासावासेट अभयकर निव्वुइकरा ११ अभयकरो जीवाणं ८ अभवसिद्धियनेरहया णं CARDAMOHNSOHAG सूत्रायः सूत्राधादि. सूत्रे. ३३ * अभिचंदे णं कुलकरे छवणु । सयाई उड्डे १० ६३२ अभिजुंजिया रुद्द असाहु१५९ कम्मा ९ ३३४ नि अभिणदणाओ णं अरहओ ९१ सुमदी अरहा १० २०६ नि. अभिती णक्खत्ते तितारे१० अभिती ण णक्खत्वे साति८०८ रेगे नवमुहुत्ते १० ६३१ * अमिती समणो धणिट्ठा१. १६२ * अभिभूय अदक्खू अणा०८ ३% अभुजिया नमी विदेही ९ ३१ * अमणुनसमुप्पायं ९ सूत्रायः सूत्राधादि. सूत्रे, सूत्रायः अमये णिकसाए य ११ । ५१८ अयगुचे सयादते ९ ५२० * अयमंतरंसि को इत्थ ८ ३४१* अयं चाययतरे सिया ८ अयं व तत्तं जलियं सजोइ ९ ६६४ | अयं से अवरे धम्मे ८ २२७ अयं से उत्तमे धम्मे ८ अरई आउट्टे से मेहावी ८ ७३ | अरई रईच अभिभूय भिक्खू९ ४८६ १४१ * अरति रतिं च अभिभूय ९ ५७४ १६८ अरती अचेल इत्थी १२ ५९ २२६ * अरहओ णं अरिडनेमिस्स। ६९ *। चत्तालीसं अज्जिया सा०११ ४० देखीए % कहि उवव० 'सवृत्तिक आगम अभविंसु पुरा धीरा ९ अभविसु पुरावि मिक्खयो। अभिईसवणणिट्ठा १० अभिक्कमे पडिक्कमे ८ सुल्ताणि -21 Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए आ. ९सू. १.स्था. ११ स. १४ उपा १५ अंत १२ भ. १३ ज्ञा. 25A5 दीप क्रमांक के लिए १६ प्रश्न. १७ विपा. P ७०१ * सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्राद्यकः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राय: | अरहतोणं अरिडनेमिस्स. अल्सए णो पच्छन्नभासी९ ६०५ * | अवि साहिए दुवे वासे ८ | अट्ठमातो पुरिसजुगातो १० ६२० अलोगागासे णं किं जीवा १२ १२१ अविसुद्धलसेणं. देवे अरहतो ण अरिडनेमिस्स० अवरे गिण्हसु तत्तो १० ९१ * असमोहएणदेवं० अट्ठ सया वादीणं १० ६५१ अवरेण पुबिन सरंति एगेट ११* जाणति १२ २५३ अरहंतसिद्धपवयण १३ ४ * अवसेसा सुवनकुमाराई० | अवि सूइयं वा सुक्कं वा ८ १०७ * ४ अरहताणं महापउमे जहेब नायकुमारा १२ अवि से हासमासज्ज ८ | अट्ठ रायाणो मुंडा १० अवि झाइ से महावीरे ८ | अवि हत्थपायछेदाए ९ | अरिहतो णं अरिडनेमिस्स अवि धूयराहि सुण्हाहि ९ २५९ * अवि हम्ममाणे फलगावतही९ ४१०* | चचारि सया चोइसपु०१० | अवि य हणे अणाइय०८ १.३ * अवतरूवं पुरिसं महंत ९ ७१५ अरिहंत चकबड्डी ९ १४९नि. अविय हुभारियकम्मा ९ १६०नि. अब्बोगदो उ भणिओ ८ २९२नि. अरुणप्पम चंदप्पम ११ ९० अवियाई मे गोयमा मुट्ठि असमणुवस्स विमुक्खो ८ २५२नि. अरुणे अरुणाभे खलु १४ ६* वारण केसग्मे वीइत्था १२ १४५ | असंखेज्जेस गं०पुढविक्काइयाण अलंबुसा मितकेसी १० १०४ | अवि साहिए दुवे मासे ८ १०० केवतिया ठिविठाणा १२ ४९ २६७* देखीए ३८१ A5 * 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि AES ॥१०॥ -22 Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ अकार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि- अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) ८आ. ९सू. १० स्था. ६१ स. १२ भ. १३ ज्ञा. ४ सूत्राद्यादि. असंजलं जिणवसई असंबुडा अणादीयं असंबुडे णं भंते! अणगारे किं० सिज्झह १ सूत्रे. ११ ९ १२ ॥ ११ ॥ ५ असंबुडे णं भंते! अणगारे ० ९ ११ पभू एगवनं ४ विउ० १२ असिपत्ते धणुकुंभे असिपत्ते धणुकुंभे असिपत्ते धणुकुंभे असियस्यं किरियाणं असियसिरया सुनयणा १३ असिसत्तिकोंततोमर० ९ असुरक्कुमाराणं ० लेसातो १० १२ ९ सूत्रायङ्कः सूत्राद्यादि. सूत्रे. १४३ * असुरिंदवज्जियाणं १० ७५ * असेसं अक्खयं वावि ९ असोओ किन्नराणं च १० असग ११ १९ २९८ असि च लोए अदुवा ९ अस्स सुट्टिच्चातिविण ९ ६७. अह कुसुमसंभवे काले १० १२ * अह णं ते! सालीणं० २८ केव० जोणी ११९ नि. अह णं वयमाव ८ * अह णं से होइ उबलो ९ ७२ नि. अह तत्थ कंीच भुंजमाणं ८ | अह तत्थ पुणो णमयंती ९ १२ ९ ३१९ ~23~ सूत्राद्यङ्कः सूत्राद्यादि. ११३ अह तं तु भेदभाव ६६५ * अह तं पवेज्ज बज्यं १०८ * अह तेण मूडेण अमुंडस९ १३६ * अह ते परिभासेज्जा ३८४ * अह दव्यसम्म इच्छा लोभियं८ ५९५ * अह दुच्चरलाढमचारी ८ ४९ * ९ सूत्रे. ९ ९ २४५ ५३३ # २८१ * २५६ २५५* अह पास विवेगमुट्टिए ९ अह पुण एवं जाणिज्जा ८ अह पुणेवं जाणिज्जा ८ अह पुरिसे पुरित्थिमाओ९ अह भंते! असंजयभवियदव्वदेवाणं १४ कस्स कहि उववाए १२ सूत्रायङ्कः २७९ * ३५ * ५९० २१४ २१७नि. ८२ # ९६ २०९ ३३६ ३ २६ १४ उपा. १५ अंतअनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ११ ॥ Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९स १.स्था. - - मा१४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. V१७विपा. दीप क्रमांक के लिए सूत्राद्यादि. सूत्रे, सूत्रायः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राचः। सूत्राद्यादि सूत्रे. सूत्राद्यक अह भैते आलुए मूलए०सम्वे | अह मते ! कुम्मे कुम्मावलिया. | अह मंते! सईगालस्स३ वा ते अणंतजीवा० १२ २७६ | तेहि जीवपएसेहिं फुडा१२ ३२४ - पाणभोयणस्स के अद्वे१२ २६७ अह भंते आसइस्सामो० अह मंते ! कोट्टपुडाण वा० अह भते! सत्थातीयस्स पण्णवणी णं एसा न एसा किं कोटे वाति १२ ५८२ पाणभोयणस्स के० १२ २६९ भासा मोसा? १२ ४०२ अह भते! खेत्तातिक्कंतस्स४ अह भैते! संवेगे० एए ण भते! ४ अह मते ओदणे कुम्मासे पाणभोयणस्स के अढे? १२ २६८ पया किंपज्जवसाणफला१२ सुरा एएणं किंसरीराति १२ १८० अह भंते! गोलंगूलवसभ० अह भंते! सालीण वाहीणं १० १४५ अह भंते! कलमसूरतिल. नेरइयत्ताए उव० १२ ४५९ अह भंते! साली वीही०एए| केवतितं कालं जोणी १० ४५९ | अह भंते! पाणाइवा० सब्वे सिणं जे जीवा कंदचाए | अह भंते! कलायमसूरतिल. ते णण्णत्व आयाए बक्क० ते ण कओहिंएएसिणं जे जीवा मूलत्तापरिणमंति १२ तो उव० १२६९० | ए वक्कते.कओहिं अह भंते! पाणइवायवेरमणे अह मिम्बू जाणिज्जा तो०व०१ १२ ६९१ । कतिवः४१२५४९ । सत्त पिंडेसणाओ ८ २८५ देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -24 Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए 5 ८आ.स. १० स्था११ स. १२ म. १३ ज्ञा. ॥१३॥ ६३ %-5 दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्राद्यादि सूत्रे. सूत्रायः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. म अह भिक्ख लूहे तीरडी९७ अहावरं पुरणाणा जल्ल०९ /अहम्मट्ठी तुमंसि नाम ८ १८९ | अहावरं पुर०णाणा जोणिया९ अहवावि नाणदंसण ९ १५६ नि. अहावरं पुरष्णाणान्तस.. | अहवावि विभ्रूण मिलक्खु अगणिकायत्ताए ९ मूले ६९५ - अहावरं पुर०णाणा०तसतं अह सेऽणुतप्पई पच्छा ९ २५६ । सरीरगं ९ अहाकडं न से सेवे ५९. अहावरं पुर०णाणा०तस० है अहाकम्माणि भुजंति ९ ६४३ पुढवित्ताए ९ अहा बुइयाई सुसिक्ख०९ ६०४* अहावरं पुर०णाणा०मणु०९ ४ अहावरं पुर०अज्झारोहजो९ अहावरं पूर० पुढवी० ९ हैं अहावरं पुर अमारोहजो९ अहावर पुर० पुढवी० ९ अहावरं पुर अज्झारोहजो९ अहावरं पुर० पुढवी० ९ ला अहावरं पुरक्खायं ९ ५१ । अहावरं पुर०पुढवी० ९ सूत्रायङ्कः। सत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायः१४ उपा. ५८ | अहाबरं पुर०रुक्खजोणिएसुरु ४६ १५ अंत५९ | अहावरं पुर० रुक्खजोणिरहिं ९ ४८ १६ प्रश्न. ४१७ विपा. | अहावरं पुर०रुक्ख०रुक्खेसु ९ अहावरं पुर०सब्वे पाणा ९ अहावरं सासयदुक्खधम्म९ ३२७ * अहावरा चउत्था पडिमा८. ३२५ अहावरा तसा पाणा ९ ५०४ अहावरा दुच्चा पडिमा ८ ३२४ बहावरे अट्ठमे किरियट्ठाणे ९ २५ अहावरे एक्कारसमे किरि०९. २८ अहावरे चउत्थे दंडसमा०९ २१ ५५ । अहावरे चउत्थे पु०उत्तराओ९६ 'सवृत्तिक आगम सुल्ताणि -25 Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ॐॐॐ ॐ9- १४ उपा. |१५ अंत अनु. * १६ प्रश्न. १७विपा. * * दीप क्रमांक के लिए ८आ. ९म. सूत्राधादि. सूत्रे, अहावरे चउत्थे पु०णियति०९ अहावरे छडे किरियट्ठाणे ९ अहावरे णवमे किरियट्ठाणे ९ | अहावरे तच्चस्स ठाणस्स ९ | अहावरे तच्चस्स ठाणस्स ९ | अहावरे तच्चे दंडसमादाणे९ | अहावरे तच्चे पु०ईसरका. P रणिए ९ अहावरे तच्चे पू०पच्चथिमाओ ९ अहावर तेरसमे किरियट्ठाणे९ [४ अहावरे दसमे किरियट्ठाणे ९ *अहावरे दोच्चस्स ठाणस्स९ सूत्राद्यतः। सूत्राद्यादि. सूत्रे, सूत्राधङ्कः। सूत्राद्यादि सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः १३ । अहावरे दोच्चे दंडसमादा. अहिगरणकडस्स भिक्षणो९ १२९ * २३ | अणडादंडवत्तिएराति ९ | अहिगरणिजराकम्मे १२७६ * २६ । | अहावरे दोच्चे पु०दक्षिणाओ९४ अहिमे संति आवद्या ९ १९५ अहावरे दोच्चे पु० पंचम अहिमे सुहुमा संगा ९ | हन्भूतिएत्ति ९ ११ | अहियासए सयासमिए८ २० | अहावरे पढमस्स ठाणस्स९. ३६ अहियासित्तुवसग्गे ८ | अहावरे पंचमे दंड० दिद्विवि अहिंसयं सव्वपयाणुकंपी९ परियासियादंडे . ९ २२ अडेगे धम्ममायाय ८ अहावरे वारसमे किरिय०९ २९ अहे णं से उसु अप्पणो से पु० ५ अहावरे सचमे किरियट्ठाणे ९ २४ । कतिकिरिए १२ २०६ ३० अहासुयं वइस्सामि ८ ४२* अहेलोए णं धम्मत्थिकायस्स २७ । अहाह भगवं एवं से दंते ६ १ । केवइय फुसति १२ १२३ ३४-३९/ अहिअप्पाऽहियपण्णाणे ९ ३६* अहेलोगे थे पंच बायरा १० * देखीए 54 'सवृत्तिक 1-5- 1ASIS आगम -564 | ॥१४॥ सुल्ताणि ~26 Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ-कार + आ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्राद्य ८आ. एस. १० स्था. ११ स. ६०८ * १४ उपा. |१५ अंत अनु. १६ प्रश्न. 3१७ विपा. १२ म. १३ज्ञा. दीप क्रमांक के लिए १५॥ CE%AC-K-Cles सूत्राद्यादि सूत्रे. सूत्रायः। सूत्राद्यादि सूत्रे. सूत्रायः। सूत्राद्यावि. सूत्रे, अहेलोगे णं सत्त पुढवीओ१० ५४६ अंतो साईआओ८ ४५ नि आउक्काइए णं भैते! सोहम्मे अहो अराओ य जयमाणो ८ १३० अंधो अधं पहं णितो ९ ४६ * कप्पे समोह० १२ अहो य राओ अ ममु०९ ५५८ * | अंबट्ठा य कलंदा य १० ४० * आउक्काइया ण भैते! कओअहो विसत्ताण विउद्दणं च९ ५५५ * अंबठुग्गनिसीया य ८ २२ नि. हिंतो उवव० १२ अंगाणं किं सारो ८ १६ नि. अंबडदारुमडे य ११ १५५ * | आउक्खयं चेव अबुज्झ०९ अंतए वितिगिच्छाए ९ ६०८* | अंबे अंबरिसी चेव ९ ६६ नि. आउज्ज कट्ठकम्मे ८ ४ अंतगडदसाणं अंगस्स १५ २७ अंबे अंबरिसी चेव ११ ११ * आउरं लोगमायाए ८ । अंतगयफिप्फिसाणि य ९ ७१ नि. अंबे अंबरिसी चव १२ २७* आउसो! गोयमा अस्थि अंतं करति दुक्खाण ५ ६२३ * आइक्खिउं विभइउं ८ २९५ नि कुमारपुत्तिया ९ अंताणि धीरा सेवति ९ ६२१ * आइमिउ आरभंता १० ६५ * आउस्सवि दाराई ८ अंतो ण मणुस्सखेत्तस्स आउक्काइए ण भंते! इमीसे०१२ ६७३ आकंपदत्ता अणुमाणइत्ता १० दो समुद्दा १० १११ आउक्काइए णं भंते! इमीसे आकंपइत्ता अणुमाणइत्ता १२ ट्रा अंतोमुत्तमद्धं ९ १७६ नि. रय०पु० समोहए १२ ६०७ | आगमओ पुण आदी ९ ACEASCA-%BC * 7 देखीए *2 'सवृत्तिक आगम १४७ १०५ १३६ नि. ॥१५॥ सुत्ताणि -27 Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [आ - कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां आ. ९सू4/ १.स्था. देखीए ११२ दीप क्रमांक के लिए सूत्राद्यावि. सूत्रे. आगमणोआगमओ ९ आगयपनाणाण ८ आगतगारे आरामगारे ९ आगंतगारे आरामागारे ८ आगासा चेव नोआगासा १० आघं मईम मणुवीय धम्म ९ आधाइ नाणी इह माणवाणं आघाय किच्चमाहेउं ९ आघायं पुण एगेसि ९ आजीवियसमयस्स णे १२ आजीवियाण चउन्विहे १० आणतपाणतआरणच्चु०१० सूत्रायः। सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्राद्य सूत्राद्यादि. सूत्रे.. सूत्रायङ्क: D१४ उपा १३५ नि आणयपाणयआरणविमाणा आमिणिबोहियणाणस्स ण १५ अंत१८३ - नव २ जोय. उई ११ छबिहे अत्थोग्गहे १० ५२५ ६८३ * आणयपाणयकप्पे ११ १६ प्रश्न. ७१ * आभिणियोहियनाणस्स० १७विपा. ६७* | आणयपाणयकप्पे १२ केवतिए विसए १२ ३२१ आणंदे कामदेवे अ १० १६१ * आमंतिय उस्सविया ९ २५२ * ४७३ * आणंदे कामदेवे य १४ १* आयगुत्ते सया दंते ९ ५२.* आतंके उवसग्गे १० ४२* आयदंडसमायारे ९. १७८ * १३२ - आदाणिय संकलि ९ २८ नि.आययचक्खू लोगविपस्सी ८ ९४ ४४० आदाणे गहणंमि य ९ १३२ नि. आयरिओऽविय दुविहो ९ २८. आदाय बंभचेरं च ९ ६३६ - आयरियउबज्झाए ण. आदिच्चतेयतविता १० कतिहिं भवग्ग. ३०९ आदिदुयतिभागूणा १२ ३२ । सिजाति १२ २१० ६९५ | आदीणवित्तीवि करेति पा९ ४७८ * आयरियउवझाएदि ११ ४४* ॥१६॥ CALCAREER देखीए १३० नि. 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि न -28 Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [आ - कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा. ८आ. ९स. १.स्था. ११ स. १२ म. १३ ज्ञा. दीप क्रमांक के लिए सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायक. सूत्राद्यादि सूत्रे. | आयरियउवज्झायस्स० | आयाण भो सुस्सूस ८ पंच बुग्गट्ठाणा १० ३९९ आयाण-भि० गाहा० । आयरियउवज्झायस्सणं. अगणिकायं ८ | पंच अतिसेसा १०४३८ आयाण भि० गाहा. आयरियउवज्झायाणं ११४५* कुंडले वा ८ | आयस्विउव० सत्त० अइ आयाणमि० गाहा .५७० । तासिं० एवं वुत्तपुब्बं ८ आयरियउव०सच संग.१० ५४४ आयाण भि० गाहा. आयरियपरंपरएण ९ १२५ नि. विरूव० दारुयाई ८ आयंकदंसी आहियंति ८ ५७ आयाण भि० गाहा. | आय ण कुज्जा इह जीवि.९ ४८२. निरू. भोयणजाए ८ आयाणपएणावंति ८ २३८ नि. आयाण भि० सागारिए. आयाणपदेणाघ १ १०३ नि. अन्नमन अकासंति ८ सूत्रायद सूत्रवादि. सूत्रे, सूत्रायक १७६ आया भंते! काये अपने काये१२ ४९४ 18|१५ अंत आया मते! नाणे अमाणे? १२ ४६७ । २९२ आया भते! मणे. अनेमणे १२ ४९३ । १६ प्रश्न आया भंते! रयणप्पमापु०१२ ४६८ 3१७विपा. २९३ आयार अंग सुयखंध ८ २ नि. आयारग्गाणत्यो ८ १२ नि. २९४ आयारपकप्पो पुण आयारम्मि अहीए २९७ आयारसुयं भाणयं ९ १८२ नि. आयारस्स णं भगवओ० २९६ पंचासीइ उद्देसणकाला११। आयारस्स भगवओ८ ३४७निका २९१ । आयारे अंगमिय८ ५ मि. IX देखीए 'सवृत्तिक आगम KARE सुत्ताणि -29 Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [आ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ) SASARA १५ अंत १३ ज्ञा दीप क्रमांक * ८आ. ९स का सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यक सूत्राद्यादि. सूत्रे. १.स्था.लाआयारो अंगाणं ८ ९नि. आवरणे कवयादी ९ ११ स. आयारो आचालो ८ ७नि. | आवलियाणं भंते ! किं १२ म. आयावइय गिम्हाणं ८ ९८* संखेज्जा समया! १२ आरभडा संमद्दा १०४३ आवंती केयावती ॥१८॥ आरंभग चेव परिग्गरं च ९ ६९१. अणारंभजीविणो ८ आरंभिया पंच किरिताओ१० ४१९ आवंती० अपरिग्गहावंती ८ आरोग्गदीहमाउं १० १४९* आवंती० परिग्गहावती ८ आलइयमालमउडो ८ १२०* आवंती विष्परामसति ८ आलंबणे य काले ८ ३११ नि. आवंती० समणय माहणा य८ आलुय लोही अवया १२ ८९* आवीलए पवीलए ८ आलेवण पहरण भूसणे ८ ९३ नि. आवेसण मापवासु ८ आलोयण निरवलावे ११ ५५* आसत्थ सचिवने १. | आबदं तु पेहाए इत्थ ८ १७० | आसस्स ण भते! धावमाणस्स के लिए देखीए * सूत्राद्यक. सूत्रागादि सूत्रे. सूत्राद्यक १४ उपा. ९३ नि. किं खुखुत्ति करेति ? १२ ४०१ आसं च छन्दं च विगिंच ८ ८५ ९४८ | आसदियं च नवसुत्नं १ २९२६ १६ प्रश्न. आसंदी पलियंके य ९ ४५७. P१७विपा. १४७ आसिले देविले चेव ९ २२७* १५२ आसी णेऽणेलिस मरणं ८ आसीय बत्तीस ११ १४२ | आसूणिमक्खिरागं च १ १३४ । आमरियं नाम महाभिता९ ३१०* १३८ । आसेवणा य दुविहा ९ १२९नि६६७ आसेवित्ता एतं (4) ८ ११५ १४८ * आहत्तहीयं तु पवेयइस्सं ९ ५५७ * । आहत्तहीयं समुवेहमाणे ९ ५७९ * CRECRC GRECAPEOPLE * 'सवृत्तिक आगम IGARA सुत्ताणि -30 Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [आ-कार + इ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रायड सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९ १.स्था. १४ उपा. ४ १५ अंत ११ स. १२ म. १३ ज्ञा. १६ प्रश्न. १७ विपा. दीप क्रमांक RESI सूत्राद्यादि सूत्रे. सूत्राद्यङ्क. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यक. सूत्राद्यादि सूत्रे. आहेसु महापुरिसा ९ २२५ * आहिण्णाणपिसाए १४ ४सं. इच्चेयासि सत्तण्डं पिंडेस०८ २८६ आहाकडं चेव निकाममीणे ९ ४८० * इओ विद्धसमाणस्स ९ ६२४ * इच्चेयाहि म दिडीहिं ९ ५७ * आहाकडं वाण णिकामएज्जा ९ ४८३ - इक्कस्स दुण्ह तिण्ह व ८ ८२ नि. इच्चेव णं सुसेहति ९ १९०* आहाकम्मण्ण भुजमाणे १२ २९७ इक्कस्स दुण्ह तिण्ह व ८ १४३ नि | इच्चेव पडिलेहति ९ २०८ * आहाकम्म अणवज्जोत १२ २०९ इक्कारस ति ति दो दो ८ ३४९ नि. इच्चेवमाहु से वीरे ९ आहाकम्म भुजमाणे १२ ९ इक्कारस पडिमाओ १४ १३ * इच्चेवं समुट्ठिए८ आहारउवहिपूआइडीसु ८ २२४ नि. इच्चेइयं दुगालसंग ११ १४८ इच्छा मिच्छा तहक्कारो १२ १०६ * आहारभयपरिग्गह ८ ३९नि. इच्चेइयाई आयतणाई ८ ३६९ | इच्छा मिच्छा तहक्कारो १० आहारविरतिथावर १२ ५३ * इच्चेएहिं ठाणेहिं ९ ६६८ * | इड्डिरससायगुरुया ९ ११३ आहारे उवगरणे ८ १४६ नि इच्चेतेहिं बारसहि ९ ४३ इड्डी जुई जसो वण्णो ११ ५३ * है आहारण विरहिओ८ २७४ नि. इच्चेय एवमाहिति ११ १६० | इणमनं तु अन्नाणं ९ ६४ * का आहारोवचया देहा ८ २०५ | इच्चेयाई आयतणाई ८ ३२३ । इणमेव खणं वियाणिया ९ १६१. | आहावरं पुर० अगणि. ९ ६१ । इच्चेयाणं चउण्ई पडिमाणं ८ ३२६ । इणमेव नावकखंति ८ के लिए %E%ESCRecies%ESSISEX देखीए 'सवृत्तिक आगम ॥१९॥ सुल्ताणि -5 ~31 Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [इ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए WWW. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ.९स. सूत्राचादि. सूत्रे. लाइणमो अव्हयसंवर० १७ | इत्तो आढचे जधा सम०१० इत्थ य सहसम्मइअनि ८ इथिओ जे ण सेवंति ९ इत्थी असी पडागा १२ | इत्थी वा पु० सुविणते एग महं हयपंतिं वा १२ | इत्थी सक्कारपरीसहो य ८ इत्थीम या आरयमेहुणाओ९ इमस्स चेव जीवियस्स ८ इमस्स उ अणेगझसमगर१३ इमं च अलियपिसुणफ०१७ इमं च धम्ममादाय ९ सूत्राद्यका सूत्राद्यादि. . सूत्रे. सूत्राद्यत। सूत्राद्यादि, सूत्रे. सूत्रायङ्कामा १४ उपा १ ० इमं च धम्ममादाय ९ २४५ इमीसे णं भेते रय नेरइयाणं । १५ अंत६७२ | इमं च धम्ममादाय १ ५२८ * | केवइया ओग्गहणाठाणा १२ ४६ अनु. ६५नि- इमं निरुद्धाउयं संपेहाए ८ १३७ | इमीसे गं भंते! रय० नेरइयाणं १६ प्रश्न ६१५ | इममि लोए परए य दोसुवि८ १४७०/ केवइया ठितिठाणा १२ ४५ १७विपा. २६० इमं वयं तु तुम पाउकुवं ९ ६७९ | इमीसे करय पु०केवतिया | इमाण भंते! रयणप्पमा पु०१२ ४७६ | निरयावाससयसहस्सा १२ ७३२ ५८१ इमाणरयणप्पभा०धम्मत्थि. | इमीसे णं वहरकंडस्स उव२०२ नि. कि संखेज्जइभाग १२ १२४ | रिज्जाओ ४८५ * | इमीस अट्ठ जोयणसते उड | इमीसे नरएसु किं सम्मदिडी१२४७० ११ । सूरविमाणे १० ६५५ इमीसेणं भते! रयणप्पभाए१२ ४७७ २७ * | इमीसे० णव जोअणसताई इसीसे करयणपभाए सक्कर २५ । उद्धं० तारारूवे १० ६७०* केवतिय अबाहाए अंतरे१२ ५२६ २२३ । इमीसे ण जाय किं सम्म०१२ ४७ | इमीसरयणस्स कंडस्स११ १२० P ॥२०॥ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -32 Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ इ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ८. ९. १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. ॥ २१ ॥ सूत्राचादि सूत्रे. इमीसे० रयणे कंडे दसजोअण० बाहल्लेणं १० ७७८ १० १०२ इलादेवी सुरादेवी इह आणाकंखी पंडिए ८ १३६ ३०४ इह खलु० अणमिक्ता करियाट इह खलु० अप्पसावज्जफिरि०८ ३०९ इह खलु०अभिक्कंत किरिया ८ ३०३ इह खलु आणंदाइ समणे ३१४ इह खलु गारत्था सारंभा ९ इह खलु पाई वा ९ इह खलु भिक्खु गाहाबड़हिं वा ८ इह खलु० महाधज्जीकी रया ८ सूत्रायक ७ १५ १० २३८ २०६ सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायक. इह खलु० महासावज्जकिरिया८ ३०८ इह खलुब्वज्जकिरिया ८ ३०५ इह खलु० सावज्जकिरिया ८ ३०७ इह जीवियमेव पासा ९ १५० * इहभविए मंते! जाणे ३११२ १८ इहमेगे उ वासंति ९ २३० * इहमेगेर्सि आयारगोयरे ८ १९६ इहमेगेसिं तत्थ तत्थ संथवो८ इहलोइयाई परलोइयाई १३३ ८ ७३ १२० * ९ इह संतिगया दुविया ጸ इह संबुडे मुणी जाए इहं च खलु भो ! अणगाराणंट 33 ५८ -७१ * २५ सूत्राद्यादि. सूत्रे. इहेगस्ढा पवयंन्ति मोक्खं ९ इहेब जैबु ० भारहे ० दारियताए पच्चायाहिति १२ इंगालअगणि अच्ची इंगाल कारियाए णं मंत अगणिकाए केवतियं कालं १२ इंगालरासिं जलियं सजोति ९ ईदग्गेई जम्मा य ८ ८ १० इंदा अग्गीई जमा इंदाणं मंते । दिसा किमादिया ७१ इंदिएहिं गिठाग्रंतो | इंदे कुंभेय सुभे १२ ८ ११ सूत्रायक. ३९२ ५६१ ११८ नि ५६.३ ३०६ ४३. नि. १४५ ४९७ ३० ११६ १४ उपा. १५ अंतअनु. १६ प्रश्न. ११७ विपा. 1132.11 Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ई-कार + उ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा सूत्राद्यक. २६ नि. २५ * ३२४ नि. अनु. १६ प्रश्न १२ म. दीप १७ विपा. ४५५ . ९२ * क्रमांक * के लिए ८आ. ९सू ___सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यक. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यक. सूत्राद्यादि. सूत्रे. १० स्था. ईसरेण अदुवा गामेण ११ ३६ *उउभयमाणसुहेहि य १३ ४१* उग्गेणं खत्ताए सोबागो ८ ११ स. ईसरेण कडे लोए ९ उक्कलकलिंगगोअम ८ ३०३ नि. उच्चत्त विमाणाणं १२ ईसाणस्स० अभितरपरि० उक्कलिया मंडलिया ८ १६६ नि उच्चवइ सरीराओ८ १३ शा. सत्तपलि. ठिती १० ५७५ | उकामुहमेहमुह १० ५३० | उच्चारं पासवर्ण ॥२२॥ ईसाणस्स० णव अग्ग | उकोसिया अपंचममुहुत्ता उच्चालइयनिहाणेसु ८ महीसीओ १० ५८२ दिवसस्स वा राओ वा पोरिसी१२ ४२४ । उच्चावयाणि गच्छन्ता ९ INI ईसाणस्सःणव पलिओव०१० ५८३ उक्खिचणाए संघाडे ११ १७* | उच्छाहपालणाए ८ ईसाणस्स f० मज्झिम उक्खित्तणाए संघाडे १३१* उज्जमधितिधीरत्तं परि० छपलिओ० ठिती१० ५०६ ।। उक्खेवओ चउत्थस्स०१४ ३० उज्जालओ पाणवात. ९ | ईसादोसेण आविढे ११३७ * | उक्खेवओ तइयवग्गस्स १३ १५७ उज्झियएणं भते! दारए०१८ | ईसिदासे य धण्णे त १० १६३ * उक्खेवो तइयस्स चुलणी०१४ २७ उद्वियमणगारमेसणं ९ उकार उग्गमदोसा पढमिल्लु०८ ३०६ नि. उदुमहे तिरिय वा | उउभयमाणमुहेसु य १३ ४७ * | उग्गाणं भोगाणं ११ ९९* उडलोमेणं चत्वारि बिस०१० ३४४ नि. 5555-6 देखीए * 'सवृत्तिक आगम ३८६ १३ १०४ * २४४ * ३२९ सुल्ताणि -34 Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [उ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ४१नि१६प्रश्न. दीप क्रमांक के लिए ८आ. ९स. सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायक. सूत्राद्यादि, सूत्रे. सूत्राद्यक. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राचक १४ उपा. १० स्था. 8| उड़ अहयं तिरिय दिसामु९ ३५५ * उदए पेढालपुत्ते य ११ १४८* | उद्देसंमि चउत्थे समास १५ अंतउर्छ अहं तिरिय पाईण ८ ४२ उदगगब्भे गं. उदग. वयणेण नियमणं ८ २१५ नि. अनु. उड्डे अहं तिरिय दिसासु८ १९८ | ति कालओ केवच्चिरं १२ १०० उद्देसंमि य तइए 13१७विपा. उर्दू अहे य तिरिय ९ ५०७* उदगई सारई ९ १८५ नि. उद्देसियं कीयगडं ९ ९ ॥२३॥ ३१.* ९ ६२ | उदगस्स पभावेणं उद्देसो पासगस्स नस्थि ८ ८२ Pउर्छ अहेयं तिरियं दिसासु, ४७४ * | उदगेण जे सिद्धिमदाहरतिर ३९४ उद्दसो पासगस्स नस्थि ८ १०५ ५९३* ६९९ उदयं जइ कम्ममलं हरेज्जा९ ३९६ * उप्पलसालुपलासे १२ ६६ 81 उड्डे सोया अहे सोया | उदरिं च पास मूर्य च ८ ८ उप्पाते निमिते मंते १० १५ * उप्पायपुब्बमग्गेणियं ११ उडे सोहम्मपुर १४ ११* उदितोदियकुलवंसा ११ ८२ * | उप्पायपुवस्स पं चत्तारि उत्तरमणुयाण आहिया ९ १३५ * उद्देसंमि चउत्थे वमणं ८ १९८ नि. - मूलवत्थू उत्तरमंदा रयणी १. ६.* उद्देसंमि चउत्थे वेहाणस | उप्पायपुवस्सणं दस वत्थू १० ७३२ उत्तरा महुरुल्लावा ९ १८६ */ गिद्धपिट्ठमरणं ८ २५४ नि. उपि सणकुमारमाहिंदाणं१० ६२३ BHAIRAT देखीए CRAAo १० ३७८ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -35 Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [उ-कार + ऊ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक S यहां देखीए E IC१६ प्रश्न दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९सजा सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्र यङ्क. सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राद्यक. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राय १४ उपा. १० स्था. उम्मच पास इह मच्चिएहिं ८ ५* उववाओ परिमाणं १२ । ६७ | उवेहिणं बहिया य लोग८ १३५ | १५ अंत११ स. उरकंठसिरपसत्थं १० ६९ * | उबवाय परीमाणं १२ ९०* उसमसिरिस्स भगवओ ११ १३५ अनु. १२ भ. उरालं जगतो जोग ९ ८४ * १३ ज्ञा. उक्साग गम्भहरणं १. १६७ * उसभस्स पढमभिक्खा ११ १०६ *8 उल्लणदंतवणफले १४ ९* १७विपा. | उबसग्गभीरुणो श्रीवसस्स ९ २५ नि. उसमे गं अरहा कोसलिचे १० ६९७ ॥२४॥ उल्लो सुक्को य दो छुढा ८ २३२ नि | उवसम्गमि य छक्कं ९ ४५ नि. उसमे पं अरहा कोसलिए | उवओग जोग महसुय ८ ८४ मि| उवसग्गा सम्माणय ८ २५० नि तेसढि ११ ६३ | उवओगजोग बीमुच ८ १५७ नि. उवसंकमंतमपडिनं ८ ८९ उसमेणं अरहा कोसलिए१९८९ उवक्कमिओ संयमविग्ध ९ ४.नि. उवसंते खीणमिव १२ १०२* उसमेणं० पंचधणुसताइंउई१० ४३५ उवगसंतंपि संपित्ता ११ २१ | उवसंपया य काले १२ १०६॥ | उसमे सुमिचे विजए ११ १२० | उवद्वियं पडिविरयं ११४१* उवहीसुअ भत्तपाणे ११५ * | उसमो अविणीयाए ११ ९९ | उवणीयतरस्स ताइणो ९ १२७ * उवाईय सेसणवा ८ ९८ । उसिणोदग तच भोइणो ९ १२८ उवमा य पुंडरीए ९ १५८नि उवासगदसाणं सत्तमस्स १४ ५९ उस्सिचणगालणधोवणे ८ ११३निए ।२४ उवयारेण उ पगयं ८ २८६ नि. उवेहमाणे कुसलहिंसंवसे ८ १३९ - ऊसास खंदएविय १२ १९. A4%AE%E0% A5 CRECECRECRUGRAI. 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -36 Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ए-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९सू RECASSROO १२ म. दीप क्रमांक के लिए AKA सूत्रायादि. सूत्रे, एकार: एआओ सीआओ ११ पए खलु पडिसत्तू एए खनु पडिसन् | एए खलु पडिसत्तू ११ एए गये विउकम्म १ एए मतेनव पया किं एगट्ठा० एए ते नव निहओ १० | एए देवनिकाया एए धम्मायरिया ११ | एए पंच महन्भूया १ एए विसुद्धलेसा ११ सूत्र या सूत्राचादि सूत्रे, सूत्रायः सूत्राथादि. सूत्रे... सुत्रायः * १४ उपा. एए बुत्ता उब्बीस ११ १५१ एएसि भैते! परमाणु १५ अंत९२ * एए बुत्ता चउब्बीसं ११ १६८ * भवतीतिमक्खाया ! ११ ४४५ ११० * एएसि ण भंते ! ओरालिय- | एएसु गं भते! पंचसु महा. १६ प्रश्न. ८१७विपा. १३७ * पोग्गलपरियट्टाणं आणा० अरिहंता भ. पंचमहत्वयं १६१ 2 कयरे २१ १२ ४४७ सपडि०धम्म पनवयंति १२ ६७७ ६ * एएसिणं भंते! चउवीसाए एएसिणं भंते पुढविकाइ०१२ ६५२ तित्थगराणं कति जिणंतरा? १२-६७८ | एएसिणं भंते! पोग्गलाणं पयोग | एएसि णं भंते! जीवाणं इत्थिवे- परिणयाणं ३ कवरे २१२ ३१४ १२४ * दगाणं ४ कयरे २ अप्पा१२ २३७ एएसिणं भंते! भाषदेवाणं १२ ४६५ ११७ * एएसि णं भंते नेरतिया एएसिणं मैते सध्वजीवाण १३३ * पंचगतिसमासेणं० १२ ७३४ | ओसलिम कपरे २ १२ ३५१ ८ * एएसिणं भंते! परमाणुपोग्मलाण. एएसि पाणं . ६. १०४ * विससाहियचा १२ ७४२ एएसि पल्ला १२ ५०* देखीए 'सवृत्तिक 43 आगम % सुत्ताणि -37 Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताण ८. ९ [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) १० स्था. ११ स १२ म. १३ ज्ञा. ॥ २६ ॥ জ৮ল सूत्रायादि. सूत्रे. एएहिं कारणेहिं० आउकाइए ८ एएहिं कारणेहिं० तेउका० ८ एएहिं कारण हि० पुढविकाइए ८ एएहि कारणेहिं०वणस्सई ८ एएहिं दोहिं ठाणेहिं ४ एएहिं दोहिं ठाणेहिं एएए दोहिं ठाणेहिं एएहिं दोहिं ठाणेहिं एएहि दोहिं ठाणेहिं एएहि पंचहि असंवरेहिं १७ | एहिं गुणी सयणेहिं ८ एएहिं सरीरेहिं एएहिं सरीरेहिं पच्चक्ख ८ ९ ९ ८ ७ ९ ११ ११ ११ सूत्रायड : सूत्रायादि. सूत्रे ११२ नि एएहिं सायं गवेसमाणा ८ १२२ नि. एकाणउर्ड परवेयावच्च९४ नि. कम्मपडिमाओ १४८ नि. एकतीसं सिद्धाइगुणा ११ ६३८ * एक्कविहवतब्वयं ६४० * एक्कव्वीसं सबला ९४२ * एक्कं च दो व समए केवलि०९ ६४४ * एक्कं च दो व समए तिमि व९ ६४६ * एक्का मणुस्सजाई ४ * एक्कारस उवासगपडिमाओ ११ ६८ * एक्कारसुतरं हेडिमेसु ११ ८३ नि. एक्कारसुतरं हेडिमेसु १२ १३५ नि. एक्केक्को य चउविहो ९ ८ 38~ ९१ ३१ सूत्रायक : सूत्राद्यादि. १४८ नि. एक्को भगवं वीरो | एक्को य सत्तमीए एगजीवस्स एगभवग्गहणणं केवइया जीवा पुतताए १२ ६२ * एगजीवणं० जोगिए० २१ * केवतियाणं पुत्तताए १२ १७५ नि. एगत्तमेयं अभिपत्थरज्जा ९ १७४ नि. एगदुक्खे जीवाणं १९ नि. एगपदेसोगाढा पोग्गला १० ११ एगभविए य बढाउए ७२ * एगभविय बद्धाउए १४ * एगमेगस्स णं चंदिमसू० ११ ४८ नि. अड्डासीइ२ महग्गहा १० ९ सूत्रे. ११ ११ सूत्राधड़ ९८* १३८ * १९४ १०३ ४८४४ ३८ ५६ १४६ नि० १८६ नि० *e Se 9156 १४ उपा १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ २६ ॥ Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ए-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्राद्यः ८आ. स. १०स्था- १४ उपा. १५ अंत एगमेगस्स णं रनो० अड्डः १६ प्रश्न १७ विपा. दीप १३वा. ६३३ क्रमांक ॥२७॥ के लिए सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायङ्कः सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. एगमेगस्स ण मते! मुहुत्तस्स | एगमेगे णं महानिही अट्ठ एगा अहम्मपडिमा केवतिया ऊसासद्धा! १२ २४६ चकवालपतिहाणे १० ६०२ | एगा आगती १० एगमेगे ण मंडले मूरिए ११ ६. | एगा उप्पा सोचन्निते १० एगचिहो सो संजमुत्ति ८ २९३नि० एगा ओसप्पिणी एगमेगस्स णं रखो चाउ० एगस्स उजं गहणं ८ १३७नि० एगा किरिया अडयालीस पट्टणसहस्सा ११ ४८० एगस्स दुण्ड तिण्ह व ८ १४२नि० एगा गती एगमेगस्सणं रनो चाउ० एगं च सयसहस्सं १२ ६१ * एगा छेयणा सत्त एगिदियरतणा १० ५५८ | एगंतकूडेण उ से पलेइ ९ ५६५ एगा जीवाणं अपरिआइएगमेगस्स णं रनो चाउ एगंतपंडिएणं मंते! मणुस्से . चा विगुवणा छण्णउइ २ गामकोडीओ११ ९६ । किं नेर० पकरेइ? १२ ६५ एगा तक्का | एगमेगा णं पुढवी तिहिं वलएहिं१० २२४ | एगंतमेवं अदुवावि हाडं ९ ६७१ *एगा धम्मपडिमा एगमेगे ण महाणिधी णं | एगंतरिए इणमो. ८ २३नि० एगा निज्जरा णवरजोयणाई विक्वं०१० ६७३ एग विगिचमाणे पुढो ८ १२५ । एगा नेइयाणं वग्गणा १० देखीए SHARAॐॐॐनल - 'सवृत्तिक आगम ॥२७ - सुत्ताणि -39 Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ए-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्रायका१४ उपा. १५.अंत द.१६ प्रश्न. १७विपा. दीप २८॥ क्रमांक के लिए ८आ. ९सू. सूत्राद्यादि. सूत्रे. १० स्था. एगा भेयणा ११ स. एगा मन्त्रा |एगा वई ४ एगा विन्नू एगा वियच्चा १० एगा वियती एगा चेयणा एगा बेयणा एगा सम्मा जाएगा सिद्धी, एने सिद्धे १० &ाएगा हिरनकोडी ८ एगिदियदेवाणं ९ RECAPACERESEARCH सूत्रायः सूत्राणादि सूत्रे. एगिदियाणं जीवा. पंचविधे असंजमे १० एगिदिया णं भंते सव्वे समाहारा०११२ २४ एगूणतीसइबिहे पाच सुपपसंगे एगूणवीसं णायज्ञयणा ११ एगे अधम्मे एगे अलोए | एगे आया ४६ एमे आसबे ११३७ एगे उहापाकम्मबल. १७३नि० एगे उववाए १० सूत्रायका सूत्राचादि सूत्रे । एगे कायवायामे २० ४२९ एगे चयणे एगे परे ठाणमासणे ९ एगे जंबूद्दीवेरसव्वदीव०१० एगे जीवे पाडिकएणं १० एगेणवि से पुने १२ एगे दंडे १० एगे धम्मे एगे नाणे एगे दंसणे १० | एगे पएसे एगे परमाणू १० | एगे पाणाइवायवेरमणे | एगे पाणातिवाएं २८ । एगे पावे देखीए 'सवृत्तिक आगम CSC- ॥२८॥ सुल्ताणि ~40 Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ए-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ.९सू १०स्था. ११ स. १२ म. १३ शा. ३६ १४ उपा. १५ अंत अनु. | १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥२९॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राधादि. सूत्रे. एगे पुण्णे एगे मणे देवासुर० १० एगे १० एगे मरणे एगे भवं दुवे मब ६१ १२ ६४८ एगे मोक्खे १० एगे भंते! जीवत्थिकायपदेसे एगे लोए केवतिएहिं धम्म पुढे ११२ ४८२ एगे सद्दे एगे रूवे *एगे भंते!दब्वे किं पयोग०१२ ३१२ एगे समए | एगे भंते! धम्मत्थिकायपदेसे एगे समणे भगवं महा०१० धम्मस्थिकाएत्ति वत्तव्वं १२ ११८ एगे संवरे १० एगे भंते! धम्मत्थिकाय० पदेसे एगे संसुद्धे अहाभूए १० | केवतिएहिं धम्म पुढे? १२ ४८१ पताणि सोचा गरगाणि ९ लाएगे भंते! पोग्गलत्थिकाय एताणुवीति मेधावी ९ पएसे किं दव्वं ८११२ ३५५ एते उ तउ आयाणा ९ एगे मणे १० १९ । एते ओघ तरिसंति ९ सूत्राय: सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राधः ४१ एते चेव य दोसा ९ ६१नि. एते जिया भो न सरणं ९ ७६* एते पुण्वं महापुरिसा ९ २२८. एते भो कसिणा फासा ९ १८१. एते सद्दे अचार्यता ९ १७१ * एते संगा मणूसाणं ९ १९५ एतेसि णं अदृण्डं कण्हराईणं अहसु ओवा० अट्ठ लोगंतिय१२ २४२ एतेसि णं सत्तसराण १० ५२ * ३५० * एतेसि हत्थीणं १० १७* ७२ * एतेसु बाले य पकुब्वमाणे९ ४७७* ५४ * | एतेहिं छहि काएहि ९ ४४५ * २४२ * एतेहिं तिहिं ठाणेहिं ९ ८७* CCCCIECCAAKA 'सवृत्तिक आगम सुल्ताणि -01 Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य) ८आ. ९सू १० स्था. ११ स. सूत्राद्यादि. एतो संवरदारा सूत्रे. १७ एत्थ णं से खंदए कच्चा ०१२ १२ म. १२ ज्ञा. एत्थवि तेर्सि नो निकारणाए८ ॥ ३० ॥ एत्थ सत्थं० अगणिसत्यं ८ एत्थ सत्यं० उदयसत्यं ८ एत्थ सत्थं तसकाय सत्थं ८ एत्थ सत्थं० पुढविसत्थं ८ एत्थ सत्यं० वणस्सइसत्यं ८ एत्थंपि जाणे उचादीयमाणा८ एत्थं पुण अहिगारो एयम सपेद्दाए एयस्स उ पडिसेहो ९ ९ ९ ३० ९१ सूत्रायङ्कः सूत्रायादि. सूत्रे. ९ * एयस्स णं मंते! दण्डाणाउयस ४ कयरे २१ १२ एयरसणं अंत ! नेरइयपवेसण गस्स तिरि०मणु०देव० १२ एयस्स णं भंते पुढविकाइयस्स १२६५३ एवं खुणाणिणो सारं ९ ५०६ एवं खु नाणिणो सारं ९ ३७५ ८५ ८ १८२ ८ १५४ ८६ २९७ १०४ नि. एरिसा जावई ऐसा ३९ ३१ ५५ १८ ४८ एयं खु मुणि आयाणं एवं नियाय मुणिणा १५७ नि. एवं पस्स मुणि 1 महम्भर्यट ६१ ४४२ * एयं भयं ण सेवाय १८३ नि. एवं विषाणिऊणं ~42~ ९ 6 सूत्रायडे: २१७ सूत्राचादि. सूत्रे. एवं सम्मबीरियं ९ एयंसि णं ते! धम्मयि चकिया केई आसहसा वा ४१ १२ एयाई कायाई पवेदिताई ९ एयाई नामाई ११ एवाई फासाई फुर्सति बाल ९ एयाई मयाई बिगिंच धीरा९ एयाई संति पडिलेहे एयाणि तिमि परिसेवें ८ श्यावंति सव्वावति ८ एवासि चेव अहमंदरा ८ एरंडमवारे १० ९ ८ सूत्राय है: ४१९ # ४४४ ३८२ १३० * ३४८ # ५७२ # ५४ # ९९ ७-१२ ५३ निं. २२-२४ २१८ * १४ उपा १५ अंतअनु. १६ प्रश्न, १७ विपा. ॥ ३० ॥ Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ८आ. ९. १० स्था. ६१ स. १२ भ. १२ ज्ञा. ॥ ३१ ॥ सूत्रे. सूत्राद्यादि. एलिक्खए जणा भुओ एव पञ्चकखंताणं एवममाणिया नाणं० एवमादाय मेहावी एवमेमे उ पासस्था एवमेगे उ पासस्था एवमेगे उ पासस्था एवमेगे णिवायडी एव मेगेति बप्पंति एवमेगे वियकार्दि एवमेयाणि जपता एवमेव समशुगम्ममाणा ९ एवं उदगु निग्गंथे ९ ९ ८ ९ ९ ९ ९ ९ सूत्रायङ्कः सूत्र.यादि. सूत्रे. ८५ * एवं एएणं कमेणं जच्चेव ७४ धिसए १२ ४३ * एवं एएणं कमेणं जदेव ४३३* ३२ सिए १२ एवं कण्हपक्खिएडिवि १२ २३३ * एवं कण्हावि नवरं महालयं १५ २३७* एवं कामेसणं विऊ ९ ४७ * एवं खलु जंबू० आलभिया १४ एवं खलु जंबू वाणियगामे १४ ३१ * एवं खलु जंबू समणेणं १३ एवं खलु जंबू समणेणं अड्डमस्स अंगस्स १५ १० ४८ ** ४१ ४६० * 43 1 सूत्रयङ्कः ८२९ ८२२ ८४१ २० ९४८ ३२ ३ १६५ ० सूत्राचादि सूत्रे एवं खलु देवाप्पियानं अंते • गोसाले० कहिं गए ११२ एवं खु तासु विषप् ९ एवं चेव तिविहा इत्थओ १० एवं जह सूरिया १२ एवं ठिई आहारो य ૨ एवं ण मिति ण संसरंती एवं ण से होइ समाहिपते९ एवं तकार साहिती एवं तणजोगिएसु ९ एवं तिरिक्खमयासुरे ९ एवं तुम्भे सरागत्था एवं तु समणा ऐगे सूत्रायक: ५५९ २९६ १३० ६५ १६ ७९६ ५७० ४९ * ५४ ३५९ २१३ ३७ * १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ३१ ॥ Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ए-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ११ स. १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न १७विपा. दीप क्रमांक के लिए ८आ. ९स. मा सूत्राधादि... सूत्रे. सूत्राद्यक सूत्राद्यादि. सूत्रे. १.स्था. एवं तु समणा एगे ५९ * एवं पुढविजोणिएसु ९ एवं तु समणा एगे ६३ * एवं बहुहिं कयपुर्व ९ १२ भ. १३ ज्ञा एवं तु समणा एगे २०६ * एवं मए पुढे महाणुभावे ९ एवं तु समणा एगे ५२४* एवं मत्ता महंतरं ९ एवं तु समणा एगे ५२७ * एवं महाकण्हावि नवरं १५ ८ २८४नि. एवं महाकालीवि नवरं १५ एवं ते सिस्सा दिया य ८ १८५ एवं महासेणकण्हावि १५ Pएवं तु सेहपि अपुढधर्म ९ ५८२ * एवं रामकण्हावि नवरं १५ एवं तु सेहेवि अपुट्ठधम्मे ९ ५०२* एवं लग्गति दुम्मेहा ८ है एवं तु निमंतणं लड़े २०३ * एवं लोगमि ताइणा ९ एवं पकप्पिाणं ८ ५५नि एवं विप्पडिवगे ९ एवंपि तत्थ विहरंता ८ ८६ * एवं वीरकण्हावि नवरं १५ |एवं पितुसेणकण्हावि नवरं१५ २५ । एवं सर्णकुमारेवि १२ सूत्राद्यक सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायः ५३ एवं सप्पणयसरउ १३ २९५० एवं समुहिए भिक्खू ९ ३०१ * | एवं सम्मदिट्ठीहिवि लेस्सा१४२* ___संजुत्तेहिं चत्तारि १२ ८३९ २२ एवं सुकण्हावि णवरं १५ २१ १९ एवं से उदाह अणुत्तरनाणी९ १६४ * २६ २४ एवं सेहेवि अप्पुढे ९ १६७ २२३. एवामेव समणाउसो! जाब निग्गं थो वा १३ ६६ १३४ * ए वामेव समणाउसो। १३ ९२ २५ एसणं अजओ! कण्हे वासु०१० ६९२ १३२ एसणं अओ! सेणिए १० ६९३ SA-NERECENEPALE-%ECA-% देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -44 Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ए-कार + ओ-कार + क-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८वा. ९२ १४ उपा. |१५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विषा. * दीप क्रमांक * के लिए देखीए सूत्राय दि. सूत्रे. सूत्राद्यः सूत्राद्यावि. सूत्रे. एतेमणस जीवे तीतमणतं! पस समिया परियाए ८ समयं दुक्खी०११२ ५१० एसा सा भगवती अहिंसा १७ एसणं भैते! पोग्गले तीत० १२ ४२ एसेव य उवएसो ८ एसणं ते! पोग्गले तीतमयंत. . एहि ताय! घरं जामो ९ समयं लुक्खी ११२ ५०९ . ओकार: एसणं भंते ! सालरुक्खे उण्हाभिहए. आएसयाण रजेज्जा ९ कहिं गच्छिहिति? १२ ५२७ ओए दयं दयइ ८ एस मरणा पमुच्चद ओदइए उपसमिए ९ एस लोए वियाहिए ओदइयं उवदिवा ८ ६४* ओधूणण धुणण८ एस विहि अणुक्कतोर ८०* ओबुज्झमाणे इह माणवेसु८ ९४ ओमोयरियं चाएइ ८ ८ १११ * ओयाहारा जीवा ९ ॐe%- 47-%-भट सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः १४८ ओवासवायषणउदहि १२ १७. २२ ओसहितणसेवाले ८ ८१ नि. २१३ ओसाणमिच्छे मणुए समाहि९ ५८३ १८७ * ओसियावि इस्थि पोसेसु ९ २६६ * | ओहयहये य तहियं ९ २७८ * | ओहिण्णाणपिसाए १४ २०६ | ओहे सीलं विरती ९ १५५नि. ककार: १८३ नि. कइ णं भंते ! कम्मपयडीओ१२ ३४२ २८३ नि. कइणं भंते ! कम्मभूमीओ१२ ६७६ १७३ करणं भंते ! पुढवीओ०१२ २४८ ९५ * कह ण भंते ! महाजुम्मा पं०१२ ८५६ १०२ नि. कइणं भेत! रासीजुम्मा पं०१२ ८६७ v SAMACHCAREE 'सवृत्तिक आगम ॥३३॥ सुत्ताणि -45 Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ क-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ८आ. ९सू. १० स्था. ११ स. १२. भ. १२ ज्ञा. ॥ ३४ ॥ JA % ন- ৮6 सूत्राचादि. १२ कइ णं भंते! लेस्साओ कइ णं भंते! समोसरणा १२ कइणं भंते! सरीरगा प० १२ कह पयडी कह बंधई १२ कइविहाणं भंते ! अनंतरोबबनगा एादिया प. १२ ८५३ कइविहा णं भंते! अणंतरोवबनगा एगिंदिया १ १२ कइविहाणं भेते! आया १२ कइविहा णं भंते! एगिंदिया १२ कइविहाणं भंते! कण्हलेस्सा १२ कबिहा णं ते कण्हलेस्सा एगिंदिया ? १२ सूत्रे. सूत्रायहः २३ ८२५ ५६६ ८ * ८४६ ४६६ ८५१ ८४९ ८५५ सूत्रायादि. सूत्रे, कइविहाणं मंत! चारणा १२ कइविहा णं भंते! जोणी सूत्राद्यङ्क: ६८४ १२ ३९६ १२ ४६० ४७२ कइविहाणं भंते! देवा कविहा णं भंते! देवा० १२ कइविहाणं भंते! पडि सेवणा१२ ८०० कबिहा णं भंते! परंपरोवबनगा एगिंदिया १२ कइविहाणं भंते! रुक्खा १२ कइविहाणं भंते! लद्वीप. १२ कहविहा णं भंते! वेदणा पं. १२ कविद्दा णं भंते! आऊण बंधे १२ कइविहे णं भंते! आगासे १२ कइविहे णं भंते! इंदियउवचए१२ 46 1 ८५४ ३२३ ३१९ ६५७ १५४ ६६४ ६६८ सूत्रायादि. सूत्रे. कइविहे णं भंते! ओही ११ कर विहे णं भंते! करणे पं. १२ कवि णं भंते! गप्पवाए ११ कवि णं भंते! गणिपिडए१२ कवि णं भंते! तुल्लए पं. १२ कवि णं भंते! परमाणु ० १२ कइविहे णं भंते परिणामे १२ कवि णं भंते! पवेसणए १२ कहविहे णं ते! बंधे० इरियाबंधे २ कविदे णं मंते! बंधे पओगबंधे ० कहविहे णं मंते बंधे पं० १२ १२ १२ सूत्रायङ्कः १५३ ६६१ ३३७ ७३३ ५२२ ६७१ ५१३ ३७२ ३४० ३४४ ६७५ १४ उपा १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ३४ ॥ Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ क-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) ८आ. ९. १० स्था. ११ स. १२ म. १२ ज्ञा. ॥ ३५ ॥ 1942-52 सूत्रे. सूत्राद्यादि. कइविहे णं भंते! ववहारे १२ कइविहे णं मंत! वेए पं. कवि णं ते! संघयणे ११ ११ कओ कयाइ मेधावी कडचिया उवचिया १२ कडजुम्म २ असनिपचि० कओ उबव०! कडजुम्म २ एगिंदियाणं कओ उबव० ! १२ ८५७ कडजुम्म० तेइंदियाणं० १२ ८६४ १२ ८६२ कओ उबव० कडजुम्म• बेइंदियाणं० कओ० उपव० ९ सूत्रायहः ३३९ १५६ १५५ ६२६ * * * १२ ८६१ सूत्राद्यादि. | कडजुम्म० सन्निपंचिदि० कओ उबव० १ कडं च कमाणं च कडेसु घासमेसेजा कणते कंचणे पउमे सूत्रे. १२ ९ ९ 47~ १० कण्णो गुणासकरचरण० कण्हलेस्सकडजुम्मनेरइया १२ कण्हलेस्सकडजुम्म० सनि१२ कण्डले स्कड जुम्मे २ एगिं० कओ उवव कण्ड लेस्सखुड्डागकूड जुम्म नेरइया ० कओ उबव ०११२ कण्डलेस्सभवसिद्धिय० सूत्राधारि सूत्रे सूत्राच कण्ड्स्स णं अड्डु अग्गमहि१० ६२३ कण्डा व कण्डराती १३ ५७ कति णं मंते! अस्थिकाया१२ ११७ ९८ कति णं ते! इंदिया पं० १२ कति णं भंते! कण्हराइओ १२ ३४५ कति णं मंते कम्मप्पगडीओ १२३९ कति णं भंते! कम्मप्पगडीओ १२२३५ ८६६ कति णं भंते! कम्मपगडीओ १२ ३५७ कति णं मंत! कम्मपगडीओ १२ ४९६ कति णं भंते! कसाया पं. १२ ६२५ कति णं मंते! छाउमत्थियसमुग्धाया कति णं भंते! जुम्मा पं. १२ ८४४ १२ सूत्रार्थङ्कः ८६५ ४३१ ७९ ९९ * ७७ नि. १२ ८६० ८३१ १२ ८३५ ४९८ ७३५ १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ३५ ॥ Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ क-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ८आ. ९. १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. ॥ ३६ ॥ छछन सूत्राद्यादि. सूत्रे. कति णं भंते! धम्मत्थिकायस्स मज्झपएसा ? कति णं भंते! पुढवीओ कति णं मंत! पुढवीओ १२ कति णं भंते! पुढवीओ कति णं भंते! पुढवीओ १२ ३२५ कति णं भंते! पुढवीओ० अड्ड. १२ कति णं भंते! पुढवी ओ० सच १२ ४४ कति णं भेते! लेस्साओ १२ ६५० कति णं मंत! सभाओ १२ २९५ ९६ १२ | कति णं मंत! समुग्धाया कति णं भंते! सरीरा पं. कति णं मंत! सरीरा पं. ११ १५२ १२ ३९४ १२ १२ १२ सूत्रायङ्कः ७४६ ४७४ २४३ ४५७ ९७ सूत्राद्यादि. सूत्रे. कति णं भंते! सरीरा पं. १२ १२ सूत्राधङ्क: ५९३ कति णं भंते! सरीरगा पं. ७३९ १२ ७८७ कति णं भंते! संजया पं. कति णं भंते! संठाणा १२ ७२६ कति णं भंते! संठाणा पं. १२ ७२५ कतिणं भंते! सेढीओ पं. १२ ७३१ कतिविद्दा णं भंते! आराहणा १३३५३ कतिविहाणं मंत आस विसा१२ ३१५ कतिविहाणं ते एगिंदिया १२ ८४५ कतिविहा णं ते! चलणा १२ ६०० कतिविहाणं ते! जीवनिवती १२ ३६० कतिविहाणं मंत! जोणी १२ ३९६ ~ 48 सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः कतिविद्दा णं भंते! णिओदा १२ ७५० कतिविहाणं मंत! दच्या १२ ७२१ कतिविहाणं मंत! देवार्कव्विसिया པུཏྟ སོ༐ པུཀྨ ས ཤུ ན༐ ཤ ནོ ༥ཚུ ३३० २२६ ११४ १२ ३८८ कतिविहाणं भंते! देवलोगा १२ कतिविहाणं भंते! देवलोगा १२ कतिविहा णं भंते! देवा १२ कतिविहा णं भंते! पज्जवा १२ कतिविहा णं भंते! परंपरोव १२ ८४७ कतिविहाणं भंते! वेयणा १२ ३९७ कतिविहाणं ते! संसारसमा ७४७ बलगा जीवा १ १२ ७१८ कतिविदे णं ते! असभि १२ २७ १४ उपा १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ।। ३६ ।। Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ क-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १३त्रा. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. एस. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राधङ्कः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्य १४ उपा. १० स्था- कतिविहे ण मैती आउयधए१२ २४९ | कतिविहे णं भंते! भावे प०१२ ५९४ | कप्पेंति करकएहि ९८१ नि.४/१५ अंत | कतिविहे गं भंते ! आगासे १२ १२० | कतिविहे भंते! मरणे प०१२ ४५ | कमला कमलप्पमा चेव १३ ५३०&ा अनु. १२ म. कतिविहे ण भंते ! उम्मादे११२ ५०२ । कतिविहेणं भंते! सुविणदं०१२ ५७८ | कम्मओण भंते! जीवे नो १२ ४५१ १६ प्रश्न. कतिविहे ण भंते ! उवओगे१२ ५८३ | कतिताणक्खचे छतारे १० ५३९ । कम्ममुलं प छणं ८ १११ ४१७ विपा. ॥३७॥ कतिविहे भंते ! उवही प.१२ ६३४ कत्तिय रोहिणि मगसिर १० १० कम्ममेगे पवेदेति ९ ४१२* कतिविहे भंते ! ओही प.१२ ५८९ कत्तियाणक्खते सब्बबाहिरा१२ ७८० कम्मयदव्वेहि समं ८ २६०नि कतिविहे ण भंते ! करणे १२ २२९ कानिए ण भंते! एगपत्तए किं१२ ४१४ कम्मं च छंदं च विगिंच धीरे ९ ५४७* कतिविहे गं भंते ! जोए १२ ७२० कप्पइ णिग्गंथाण पंच वत्थाई१०४४६ । कम्मं परिनाय दगंसि धीरे ९ ४०२१ कतिविहे णं भंते! णामे प०१२ ७५१ कप्पदणे कप्पदणे पाउं ८ २८ कम्मासरीरप्पयोगबंधे पं० १२ ३४९ कतिविहे गं भंते ! नाणे १२ ३१७ | कप्पणि कहाणि असियग० ८ १४९नि कम्हाणं भंते ! सके० चमरे० कतिविहे गं भंते! पच्चक्खाणे१२ २७१ । | कप्पति णिग्गंथाण वा १० १७० । कूणियस्स साहिज्जंदलइत्था'१२ ३०१ 18| कतिविहे णं भंते! पोग्गलपरि०१२३५४ कप्पंति कागिणीमंसगाणि ९ ७५नि. कयरे ते जे ते सोयरिया १७ ४ ॥३७ । कतिविहे गं भंते! बंधे पण्णचे १२ ६२१ । कप्पति णिग्गंधीणं चत्तारि सं० १०२४६ । कयरे धम्मे अक्खाए ९ ४३७* 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -49 Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ क-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १.स्था. १२ भ. १३ जा दीप ॥३८॥ क्रमांक -GRESCORCE के लिए सूत्राचादि सूत्रे. सूत्राद्य सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राद्या सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायः ॥१४ उपा. कयरे मग्गे अक्खाए ९४९७* कहिं पं० लोए बहुसमे १२ ४८५ | कहिनं ! बलिस्स बइरोयर्णिदस्स० १५ अंतकरणं च कारओ य ४नि कहिणं लोगस्स आयामम०१२ ४७८० सभा सुहम्मा १२.५८८ १६ प्रश्न. | कलरिमियमहुरतंती १३-३३७४३७।१४१ कहिण सक्कस्स. जमस्स कंदसु पक्खिप्प पर्यति पाले ९ ३३२ ७बिपा. कलंबो अपिसायाण १. १०७* वरसिडे० महाविमाणे १२ १६५ कंसाणं दूसाणं ९१५१नि. कल्लाणे पावए बावि ९ ६६४* कहिं ० सक्कस्स ममा १२ ४०६ कसे संखे जीवे १० १३८* कसाए पयणू किच्चा ८ १९* का अरई के आणंदे ८ ११८ कहण्णं जीवा अप्पाउयत्ताए १२ २०३ कहिं णं सक्कस्स० वरुणस्स काउलेस्ससुहाग० कओ• १२ ८३३ महा मयंजले० महाविमाणे १२ १६६/ कह नाम सो तबोकम्मपंडिओ८ २७४नि. काउलेस्सा भवसिद्धिया चउकहने जीवा गरुयत्त १२ ७१ कहिणं सक्कस्स० वेसममण .. सुवि जुम्मेसु १२ ८३७ | कहं च गाणं कह दंसणं से ९३५३४ महा० वग्गू० महाविमाणे १२ १६७, काऊ य दोसु तइयाए १२ १६* कहिं पं० ईसाणस्स० सभा १२ ६०४ कहिलं उत्तरिल्लाणं कामदेवाइ समणेरु कामदेवं १४ २५ कहिण चमरस्स० सभा १२ ११५ | एगोरुयमणुस्साणं एगो०१२ ४०७ | कामं तु सासयमिण ९ ३९नि. Gl॥३८॥ कहिण दीवसमुदा! १२ ६५८ | काहिसं चमरस्स०चमरचंचा नाम१२ ४८९ काम दुवालसंग ९१८८नि kex देखीए 'सवृत्तिक आगम -OCHEMESO सुल्ताणि -50 Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ क-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९ १० स्था. स. १२ म. दीप १३ शा. क्रमांक ॥३९॥ के लिए सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यका सूत्राचादि सूत्र, सूत्रायः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यः | १४ उपा. कामा दुरतिक्कमा ८ ९३ किअकम्मस्स य करणे ११६ ८१२४नि०१५ अंतकामेहि ण संथवेहि गिद्धा ९ ९४* किइकम्म भावकम्म ८ १९३नि. ८१५०नि अनु. कायभवत्थेणं कायत्ति किंची सकायसत्थं किट्टिए नाए समणाउसो ९ ८ ८ ९६नि १६ प्रश्न. कालओ केवच्चिरं १२ १०१ किणं. जीवा आण. १२ ८५ | ।८११४नि०१७विपा. | कायस्स वियाघाए ८ १९३ किमणेण भो ! जणण ८ १९० किंथ तयं पम्हुढं १३ ९* A काली सुकाली महाकाली १५ १०* किमयं भंते! तमुक्काएति १२ २४० | किंनर किंपुरिसे खलु १२ ३०* | काले कालण्णाणं १० ११७* | किमिदं भंते समयखेतत्तिबु १२ ११६ किं पत्तिएणं असुरकुमा- १२ १४८ ६ कालेण पुच्छे समियं पयासु ९ ५९४७ किमियं भंते! लोएत्ति पवुचइ१२ ४८० | रा० उहं उप्पयंति ! काले य महाकाले १२ २९४ किमियं रायगिदंतिय १२ ३६* किं पुण अवसेसेहि ८२७८नि. | कालो जो जावइओ ९ १०नि. किरियाओ भणियाओ ९ १६५नि. किंमहालए णं भंते ! लोए १२ ५८४ कालोते णं समुद्दे अट्ठजो किरियाकिरियं वेणइयाणुवायं ९ ३७८७ किं सक्का कत्तुं जे १७७* यणसय० चक्कवाल० १० ६३१ किरियावादीर्ण मंते नेरहया१२ ८२६ | सिठिए णं भंते! लोए० १२ ॥३१॥ ट्रा कालोदस्स णं० इया दोगाउ.१० ९३ किह मे हविज्जवंझो ८ ३४३नि. किंसंठिए णं भंते! लोए १२ ४८६ देखीए ASI-ARSEX 'सवृत्तिक आगम MESSOCIEOSBE सुत्ताणि 51 Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ क-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए P१४ उपा - दीप क्रमांक के लिए देखीए - ८आ.९सू सूत्राद्यादि, सूत्रे. सूत्राघका सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्य सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः १० स्था. कीलेहिं विझंति असाहुकम्मा९ ३०८* कुंथुस्स पं० सत्ततीसं गणा ११ ३७ केवतिया मतालोयागास०१२ ३५६ १५ अंत११ स. | कुजए अपराजिए जहा ९ १३३* कृभिए ण भंते जीवे एगपचए०१२ ४११ केवलिस्स णं दस अणुत्तरा १० ७६३ १२ भ. १६ प्रश्न कुटुं तगरं च अगरं ९२८५* कुंभीसु य पयणेसु य ९ ७८नि. केवलीण भंते! अस्सि सम०१२ १९८ १३ ज्ञा. १७ विपा. कुणमाणोऽवि निवित्ति८ २२०नि. के अयं लोगे?, जीवच्चेव १० १०३ केपली ण भते! अंतकरं वा १२ १९१ ॥४०॥ कुणमाणोऽवि य किरियं ८ २१९नि. केई निमिचा तहिया भवंति ९ ५४४५ | केवली गं भते! आयाणेहिं १२ १९७ | कुम्मसुसंठियचलणा १२ १११७ | केई वहति अट्ठा ८ १६२नि. केवलीण भंते ! आयाणहि १२ २५८ | कुलाई जे धावइ साउगाई ९४०४७ कई सयं वहती ८ १०१नि. केवली णं भंते चरिमकम्म १२ १९३ कुव्वं च कारयं चैव ९ १३० केरिसविउव्वणा चमर १२ २३७ केवली ण भंते ! छउमत्थं १२ ५३८ कुव्यंति पावगं कम्मं . ९ २७४* केवइकालस्स णं असुरकुमारा | फेवली णं भंते! पणीय मणं वा१२ १९४ कुवंति संथवं ताहिं ९२६२७ उड्डे उप्पयंति! १२ १४२ केसि च धित्तु गल सिलाओ९ ३०९ जर वसहे सीहे १० १३९५ केवइया णं भंते असुरकुमारावा.११ १५० केसिचि तक्काइ अबुझमावं ९ ५७६*। कुंजर संजय सेलसि १२ ७७* केवतिया ण भंते असुरकुमारभ- | केसिंचि नाणसण्णा ८ ६३नि.3 1| कुंडकोलियाइ समणेरु कुंड०१४ ३७ । वणावाससयसहस्सा १२ ६५९ केसी गातति मधुरं १० ७३ test icle%20% - - 'सवृत्तिक आगम ACC ॥४० सुत्ताणि -52 Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ क-कार + ख-कार + ग कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य) मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकि ८आ. ९. १० स्था. ११ स. १२ म. १३ ज्ञा. ॥ ४१ ॥ सूत्राद्यादि. को जाणइ विऊवातं कोघे माणे माया सूत्रे को वेएर्ड अक कोहं च माणं च तद्देव मायं कोहाइमाणं हणिया य बीरे ९ १० ९ ९ ८ खकार: खणं जाणाहि पंडिए खबर य खीणमोहे खतस्स दंतस्स जिईदियस्स ८ खंधेसु दुप्पएस दिएस खितं त जमि खित्ते खीणमोहस्स णं ततो कम्मंसा १० खडगपायसमासं ८ ८ ८ ८ ९ सूत्रायङ्कः सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायङ्कः २०७* खुट्टागकडजुंमनेरइयाणं ० १५१* तर कहिं गच्छंत ११२ ८४३ ९ ३४नि खेतं बहुओघपर्यं ३७७७ खेतंमि जंमि खेते ८* खेते।गाहणदव्वे खयन्मए से कुसलासुपने गकारः १२ सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः गयवसहसीहअभिसेय गहणुग्गहम्मि अपरिग्गहस्स ८ ४६ गंगासिंधुर तारत्तवति १० ९ १०९नि. गंडी अहवा कोढी ८ ३५० गंता च तस्था अदुवा अगंता ९ ३५४* गंता य अगंता य ८* १८८० गंतु ताय! पुणो गच्छे ९ गंधे परिण्णाय इहज्ज ! धीरे ८ $# ५८० ९ ८ २७ ९ १२७नि. ९ ४४९# १० ५४# 53 १२ ९ ७१ २२३ नि. गढिए मिहुकहासु २३१नि. गणणाए रज्जू खलु ८नि. गणियस्स व बीयाणं २४६ नि. गणियं निमित्तजुत्ती २२६ गन्माइ मिज्जति बुयावुयाणा९ २२७नि गयउसमसीह० १३ ८ ९ १० ८ ५१० १५४ नि. गंथं विहाय इह सि० ११२० गंथेहिं विवितेहि ३३६ नि. गंथो पुदिट्ठो ३९०० गंधमल्लसिणाणं च ३* | गंधारे गीतजुत्तिष्णा ७०* ३२२ नि. ६२९ १४* ६८६ १४ उपा. १५ अंतअनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ४१॥ Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ग-कार + घ-कार + च-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा |१५ अंत अनु. १६ प्रश्न १७ विपा. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९स. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः १० स्था. गंधेसु य भयपावएसु १३ ५०* | गिहे दीवमपासता ९ ४७०७ घकार: ११ सागार्म पविसे नगरं वा ८१०३७ गुणमाहप्प इसिनाम०८ ३३७नि. घडिगं च सर्डिडिमयं च ९ २९१* १२ म.॥ 18|गामाणुगाम दुइज्जमाणस्स ८ १५७ गतागती िमलाई १३ ज्ञा. पनि पणदंतलट्ठदंतगूढदंत. १० ६९८ गामे वसंतपुरए ९ १९१नि. गुत्तो बईए य समाहिपचो ९४८७* पाणिदियदुईतत्तणस्स १३ ३८ ॥४२॥ | गामे वा अदुवा रणे ८ २३ चकार: गुरुं पडुच्च ततो पडिणीता १० २०८ गारापन आवस नरे३ १५५७ चइऊणं संकपर्य ८ २४२निगावी जुवे० ११ १३५* गुढसिरागं पतं ८ १४०नि. चउकारणपरिसुदं ८ ३१२नि. | गाहावइस्स णं भंते ! भंडं. गूढायारी निगूहिज्जा ११ २७० चउचलणपतिवाणा १० ५१ RI किंआरंभिया किरिया०११२ २०४ | गेविज्जगविमाणाणं दस १० ७७५ | चउण्हमेगं सरीरं नो सुपस्सं १० ३३५ गाहावई नामेगे सुइसमायारा८ २९५ - जो० सयाई उलं | चउत्थभत्तितस्स f० कप्पति गाहावितो तिविहो ९ १३१नि, गोमेज्जए य रुपए ९ ६३४० तओ पाणगाई १० १८२ गाहीकया व अत्था ९ १३९नि. गोमेज्जए य रुयगे ८ ५नि, चउत्धस्स उक्खेवओ १३ १५८ गिरीवरे वा निसहाऽऽययाण ९ ३६६ | गोयमसमुदसागर १५ १० चउत्थस्स णं चंदसंवच्छरस्स११ AAPॐॐॐॐॐ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -54 Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [च-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्रे.. सूत्राय 2 १० ३७९ 1४१५ अंत१० २६४ अनु. २. १६ प्रश्न. १० २६२ ८१७ विपा. १० २५८ दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ.. ९स.का सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्रायक। सूत्राधादि. सूत्रे.. सूत्राद्या सूत्राद्यादि. १० स्था. ताचउद्दस भूअग्गामा ११ १४ ११ स. चउबिहा कामा प० १० ३५७ चउबिहे कब्जे चउपदेसिया खंघा १० ३८८ चउब्बिहा चउप्पया १० ३५० चउबिहे काले १३ ज्ञा. चउप्पयथलयरपंचिं० १० ७८२ बउबिहा तणवणस्सति० १० २४४ चउबिहे गाते | चउरासीई निरयावाससय०११ ८४ चउम्बिहा देवा १० २५७ चउबिहे दिविवाए ॥४३॥ चउरासीति असीति १० ८३ चउबिहा देवाण ठिती प.१० २४८ चउविहे पमाणे चउरिदिएहिवि एवं चेव १२ ८६३ | चउब्बिहा पन्चज्जा १० ३५५ | चउन्विहे पायच्छित्ते चउरिदियाण जीवा.. चउन्विहा बुद्धी १० ३६४ | चउबिहे पोग्गल अढविधे संजमे १० ५१४ | चउबिहा लोगद्विती प० १० २८६ चउन्विहे बंधे चरिंदियाणं जाइकुल० १० ७०१ चउबिहा संसारसमावनगा १० ३६५ | चउबिहे वज्जे प्रचउरिदियाण भतेकओहितो१२ ७११ चउबिहे अबद्धंसे पण्णत्ते १० ३५४ चउबिहे वाही चउम्बिधा गरहा पण्णचा १० २८८ चउबिहे अंतरे १० २७० चउविहे सच्चे चउन्विहा उवसग्गा १० ३६१ चउबिहे आहारे १० २९५ | | चउबिहे संखाणे चउविदा ओगाहणा १० २७६ । चउबिहे कम्मे १० ३६२ . चउब्बिहे संघे १० २६३ KOSI CRESCEREXESGEGER क १० ३७४ १० ३४३ । १० २५४-३०८४ ACADA 'सवृत्तिक आगम ॥४३ सुल्ताणि १० ३६३ -55 Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [च-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए 4 ८आ. ९स १० स्था. १२ भ. १३ ज्ञा दीप क्रमांक के लिए देखीए %956056E सूत्राचादि सूत्रे. सूत्राधकः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायशः सूत्राचादि. सूत्रे. - सूत्राधक मा१४ उपा. चिउबिहे संजमे १० ३१० चउहिं ठाणेहिं लोगंधगारे १० ३२४ | चत्तारि उदगा १० ३५८ १५ अंतचउम्बिहे संवासे चउहि ठाणेहिं संते गुणे १० ३७० चसारि उसमा १० २८१ अनु. | चउबिहे संसारेणरतिय०१० २९४ चउहिं ठाणेहिं हासुप्पत्ती १० २६९ चत्वारि एक्का १० २९७८१६ प्रश्न. | चउबिहे संसारे० दव्य० १० २६१ १७विपा. चक्कट्ठपइट्ठाणा १० १२१७ चचारि कती चउच्चीस देवाहिदेवा ११ २४ चक्कागं भज्जमाणस्स ८ १३९नि. चत्वारि करंडगा १. ३४८ चउसट्ठीए ०असुरकु०ठिइ०१२ ४८ | चक्खिदियदुईतत्तणस्स १३ ३६०/ चत्वारि कसाया ११-४११०-२४९ | चउसट्ठी असुराण ११-६८५१२ १०* | चत्तारि अगणीओ समार० ९ ३१२४ | चत्तारि कुंभा १० ३६० | चउहि अस्थिकाहिं १०३३३ चत्तारि अस्थिकाया अजीव०१० २५२ | चत्तारि कूडागारा १० २७५ | चहि ठाणेहिं आहुणोवनो १०-२४५/३२३ चत्तारि अवायणिज्जा १० ३२६ । चत्वारि केतणा १० २९३ | चउहि ठाणेहिं जीवा य १० ३३७ | चचारि अंतकिरियातो १० २३५ | चत्तारि कोरबा २४२ चउहि ठाणेहिं णिग्गंथे णिग्गं०१० २९. चत्तारि आवत्ता पण्णत्ता १. ३८५ | चत्वारि गोरसविगतीओ १० २७४ चउहि ठाणेहिं रतियत्ता १० ३७३ | चत्तारि इंदियत्था पुड्डा वेदेति१० ३३६ । चत्तारि घुणा चउहि ठाणेहिं निग्गंधाण वा१० २८४ । चचारि उदकगम्भा १० ३७६ । चचारि जाणा' ३२० १० 'सवृत्तिक आगम ॥४४॥ सुल्ताणि -56 Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ च-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) ८आ. ९. १० स्था. ६१ स. १२ भ. १३ ज्ञा. 1184 11 লভল सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः सूत्रायङ्कः | सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः | चत्तारि जातिओसीविसा १० ३४२ चचारि पडिमाओ पं० १० २५१ चत्तारि पुरिस मित्ते नाममेगे १० ३६६ चत्तारि जुम्मा १० ३१६ चत्तारि पडिलीणा पं० १० २७८ चत्तारि पुरिस० सच्चे १० २४१ चचारि झाणा १० २४७ चत्तारि पत्तीओ १० २७७ चत्तारि पुरिस० संपाग० १०-२७२/२९२ चत्तारि तरगा १० ३५९ चत्तारि पुरिस० हिरिसते १० ३३० ११७ विपा. चत्तारि तिगिच्छगा १० ३४४ चित्तारि दिसाकुमारिमहत्त. १० २५९ अनु. १६ प्रश्न. KILOT चत्तारि पप्पा पण्णत्ता १० ३४० चत्तारि पुरिस० अज्जे ना० १० २८० चत्तारि पुरिस० अप्पणो १० २८९ चत्तारि दुग्गतीतो प० १० २६७ चत्तारि पुरिस० आतंभरे १० ३२७ चचारि दुवाल अड्ड ११ ६५* चत्तारि पुरिस० आवात० १० २५५ चत्तारि दुइसेज्जाओ १० ३२५ चत्तारि पुरिस० उच्चे णाममेगे १० ३१८ चचारि फला १० २५३ चत्तारि भयगा १० २७१ चत्तारि भासाजाता १० २३८ चत्तारि माणुस्सीगन्भा १० ३७७ चत्तारि मेद्दा० गज्जिचा १० ३४६ चत्तारि मेहा• पुक्खलसंवत १ चचारि रातीओ पण्णत्ता १० ३११ चत्तारि रुक्खा उन्नए० ० ३४७ चचारि धम्मदारा १० ३७२ चचारि पुरिस० उदितोदिते १० ३१५ चचारि पएसम्गेणं तुला १० ३३४ चचारि पुरिस० णिक्कट्टे १० ३५२ पक्खी० णिवतित्ता १० ३५१ चत्तारि पुरिस तहे नाममेगे १० २८७ चत्तारि १० २३६ चत्तारि पक्खी० रुपसंपन्ने १० ३१२ | चचारि पुरिस० दीणे १० २०९ | चत्तारि रुक्खा पत्तोवए० १० ३१३ ~57~ १४ उपा. १५ अंत ॥ ४५ ॥ Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [च-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ११ स. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९स. सूत्राद्यादि, सूत्रे. सूत्राद्यः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायक मा१४ उपा. १० स्था.लि चत्तारि रुक्खा० सालेना०१० ३४९ चत्तारि साहिए मासे ८ ४४* चमरस्स पंच संगामिता १. ४०४ १५ अंत चत्वारि लोगे समा प० १० ३२८ चत्तारि सिज्जपडिमाओ १० ३३१ चमरस्स० ततो परिसातो १० १५४ १२म. चचारि वत्था प०१० २३९ चत्तारि सुता १० २४० चमरस्स तिगिच्छिकूडे १० ७२८ १६ प्रश्न. १७विपा. चचारि वातिसमोसरणा १० ३४५ चत्तारि सूरा चमरस्स० सत्त अणिता १० ५८२ ॥४६॥ चत्तारि विकहातो पं० १० २८२ | चमरचंचाए राय पंच सभा०१० ४७२ चमरस्स० सत्त कच्छाओ १० ५८३ चचारि विचिचाई ८ २७०नि. चमरचंचा पं० उक्कोसेणं चमरस्स० सोमस्स. चचारि हीचचारि विमाणेहिं १२ ३१* छम्मासा १० ५३५ अग्गमहिसीओ १० २७३ |चत्तारि सन्नाओ पं० १० ३५६ चमरस्स ३ सोमस्स महा० चमरे गं०सा दिव्या देविड्डी१२ १४३ । ४ चत्तारि समणोवासगा १० ३२१ । कति अग्गमहिसीओ १२ ४०५ | चरउम्मादसरीरे १२ ७५६ | चत्वारि समुद्दा पत्तेयरमा १० ३८४ चमरस्स० कति आयरक्खदेव- चरणदिसावज्जाणं ८ इनि. | चत्वारि समोसरणाणिमाणि ९ ५३५२ साहस्सीओ १२ १६३ चरणमि होइ छक्कं ८ २९नि. चत्वारि सरीरगा जीवफुडा १० ३३२ चमरस्स० चचारि लोग० १० २५६ | चरियासणाई सिज्जाओ ८ ६५ ४६॥ है चत्वारि सव्वा पण्णत्ता १. २९९ । चमरस्स पंच अग्गमहि० १०४०३ । चरिया१ सिज्जा य परीसहा८ २७९नि. 6455081955 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -58 Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [च-कार + छ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां |१४ उपा. १५ अंत देखीए ११ स. अनु. १ ६ प्रश्न. १७ विपा दीप क्रमांक के लिए सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यक ८आ. ९सू, सूत्राचादि. सूत्रायः सूत्रे. १.स्था. | चलचवलकुंडलधरा ११-९४४।१३-१४ चंदाणणं सुचंदं ११ १४१७ | चिरं दइज्जमाणस ९ २००७ चलबहलविसमचम्मो १० १५ चंदालगं च करगं च ९ २९०* चुलसीय सयसहस्सा १२ १०९* चकमणे यहाणे ८ ९२नि. चंपय बउले य तहा ११ ११०* चोइया भिक्खचरियाए ९ २०१ १३ ज्ञा. चंडाला मुडिया सेया १० ५८% चंपरवि अनिल गठिय १२ ३४* चोत्तीसं बुद्धाइसेसा ११ ३४ ॥४७॥ लचंदजसा चंदकांता १०-७९४११-७८५ | चंपा महुरा वाणारसी जसाचदकाता १० १४४* | चोयालीसं इसि० भासिया ११ ४४ चंदणगेरुयहंसगम्भ ९ ६३५७ चाउद्दसिरत्तीए १३नि. चंदप्पमे दस पुग्वसतस०१० ७३५ चारो चरिया चरणं ८ २४५नि. छकार: चंदप्पमे पं० दिवढे धणु० ११ १०१ चाली सद्धि असीई १४७ छ इंदियत्था पण्णत्ता १०४८६ चंदप्पह बेरुलिए ८ ७६नि. चिच्चा वित्तं च पुत्ते य ९ ४४३* | छ उद् पण्णत्ता १० ५२३ ट्राचंदप्पहस्सण तेणउई गणा११ ९३ | चिच्चा सव्वं विसुत्तियं ८ १८१ | छउमत्थवीयरागे पं० सत्त चंदस्स ण कति अग्गमहि०१२ ४५५ चित्तमंतमचित्तं वा ९ २४ कम्मप० वेयेति Bाचंदस्स पं० छ णक्खत्ता १० ५१७ | चियधणमणाभिधारण ८ १६९नि छउमत्थे . मगुस्से चंदस्सण संवच्छरस्स० ११ ५९ । चिया महंतीउ समाराभिचा ९ ३३८* | आउडिज्जमाणाई सहाई सुणेइ१२ १८५ GESIGGIES देखीए RECRUCIRCTERE 'सवृत्तिक आगम ॥४७॥ सुत्ताणि -59 Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [छ-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९८. १० स्था. ११ स. १२ भ. दीप क्रमांक के लिए ॥४८॥ AC% CECAUSESEGARDSRECORG सूत्राद्यादि सूत्र, सूत्राद्या सूत्राद्यादि सूत्रे, सूत्राद्यकः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः ४ १४ उपा छउमत्थे . मणूसे तीय छट्टट्ठममासो अद्धमासो १२ २४० छदोसे अट्टगुणे १०६६८१५ अंतसिझिसु १२ ४३ छट्ठस्स उक्खेवओ० कंपिल्ल०१४ ३५ छन्नं च पसंस को करे ९१३९ 1.... १६ प्रश्न छउमत्थे पं०मणूसे जे भविए. छट्ठमि उ एगत्तं ८ २५५नि. छप्पिय जीवनिकाए८ २२६नि । से खीणभोगी! १२ २९० छट्ठाणा अणत्तवओ अहिता०१० ४९६ | छलओ अवयक्खंतो १३ ३०* | | छउमत्थे णमणसे तीयमणत१२ २०० | छट्ठाणाई छउमत्थेण जाण०१० ४७८ |छ लेसाओ पण्णत्ता १०-५०४।११-६|| छउमत्थे गं० मणूसे तीयमणंत १२ २९२ | छट्ठाणाई सव्वजीवाणं णो १० ४८५ छविधा कुलारिता मणुस्सा१० ४९७ छउमत्थे जहसेज्ज वार ११२ १८५ | छद्रेण उ भत्तेणं ८ १२१७ | छबिधा गोयरचरिता पं०१० ५१४ छ ओमरचा पण्णचा १० ५२४ | छटेण एगया मुंजे | छविधा पमायपडिलेहणा १० ५०३ छ कप्पस्स पत्थारा पण्णचा१० ५२८ | छट्ठोवि वग्गो पंचमवग्गसरिसो१३ १६० | छब्बिधा लोगडिती पं० १० ४९८ छ कप्पस्स पलिमंधु १० ५२९ | छ तारग्गहा पण्णचा १० ४८१ | छविधे आउयबंधे पं० १० ५३६ छक्कं पर इक्किक्कं ८ ३२८नि. छत्तीसं उत्तरज्झयणा ११ ३६ । छबिधे भावे पण्णचे १० ५३७ छज्जीवणिया पढमे ८ १५नि. छ दिसिकुमारिमहत्तरि० १० ५०७ | छबिहा आइआरिया मणुस्सा१० ४०* छज्जीवनिकाया पण्णता १० ४८० | छद्दिसाओ पण्णता १० ४९९ । छबिहा इडीमंता मणुस्सा १० ४९१ RECECRECRACARAL देखीए 'सवृत्तिक आगम ॥४८॥ सुत्ताणि -60 Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ छ कार + ज कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि- अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) ८आ. ९. १० स्था. ११ स. १२ म. १३ ज्ञा. ।। ४९ ।। * ४ सूत्राद्यङ्कः सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः छबिहे पायच्छिते पं० १० ४८९ छबिहे बाहिरते तो पण्णत्ते १० ५११ ५३३ छब्बिहे मोयणपरिणामे छबिहे विवादे पण्णत्ते ५१२ १० १० छवि संघ पण्णत्ते १० ४९४ छबि संठाणे पण १० ४९५ छवि संवरे पण्णचे १० ४८७ छब्बिसाते पण्णत्ते १. ४८८ छवीसं दसकप्पववहाराणं ११ २६ छहिं ठाणेहिं आया उम्मायं १० छहिं ठाणेहिं निग्गंथा साह०१० छहिं ठाणेहिं निगांचे निर्थि१० छहिं ठाणेहिं समणे० आहा० १० ५०१ ४७७ सूत्रे. सूत्रायादि. छन्हिा उग्गहमती १० छव्विहा ओसप्पिणी पण्णत्ता १० छव्विहा कप्पठिती पण्णत्ता १० १० १० १० छब्बिहा खुड्डा पाणा छन्विहा जाइआरिया० छब्बिहा तणवणस्सति ० छवि मस्सगा पं० छव्विा सब्जीवा १० छव्विहा संसारसमावभगा १० छबि ओहिणाणे पं० छबिहे पट्टे पण्णत्ते १० ४९० ४८३ ४८२ १० ५२६ १० ५३४ छबिहे पडिकमणे पं० छबिहे पमाते पण्णत्ते ५१० ४९२ ५३० ५१३ ४९७ ४८४ १० ५३८ १० ५०२ 61~ ४७६ ५०० सूत्राद्यादि. सूत्रे. छहिं ठाणेहिं सव्वजीवाणं १० छहिं ठाणेहि संपने अण० १० अदिति गणं छंदा दोसा परिजुना छंदण प्रले इमा प्रचा सूत्रापहः ४७९ ४७५ १० १४३० ९ १३२ छाचार बिज्जुकुमासस०११ ७६ जिंदंति बालक्स सुरेश नक्कं ९ ३२१० छेक्षण उपरियागं १२ ९९ जकार: जर कालुगियाणि कासिया ९ १०५* जर केसिआणं मए भिक्खु ९ २८०० ज० अमस्स उ० सोरिय० १८ जणं खेो णवमस्त्र- रोहि०१८ २८ २९ १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. 1180 11 Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ज-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १५ अंत दीप क्रमांक ८आ. ९सू. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायका सूत्राद्यादि. सूत्रे, सूत्रायका सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायः १४ उपा दाजहण भंते ! अद्वमस्स १३ ८५ | जाणं मते! समणेणं० सत्त- जइविय णिगणे किसे चरे ९ ९७|| ११ स. जइणं भंते ! चउत्थस्स १८ २० । मस्स अंगस्स १४ १८ | जइयो केह पुच्छिज्जा ९ ५००* १२ म. १६ प्रश्न १३ ज्ञा. जहणं मंते! छहस्स० तेणं जह णो केइ पुच्छिज्जा ९४९९७ जा समिपंचिंदियति. P१७विपा. ४] महुरानाम १८ २५ | जइ ताच निज्जरमओ ९ ४४नि उववज्जति किं संखे- १२ ६९५ ॥५०॥ | जहण भैते! पंचमस्स० कोस- जइ ते सुता लोहितपूअयाई ९ ३२३ जओ वज्ज समुप्पज्जे ८ १० १५०* बीनाम १८ जइ ते सुया वेयरणीमिदुग्गा९ ३०७० जणवय सम्मय ठवणा २३ जइ बेईदिएहितो उव० किं | जइ णं मते ! सक्के० पभू | जति उक्खेओ अट्ठमस्स १५ ६ पज्जत्तवे १२ ७०३ जति० उक्खेबो सत्तमस्स विउवित्तए १२ १२९ | जइ मणुस्सेहिंतो उव० किं पाडलसंडे १८ २७ | जइण भैते ! समणेणं० २ दस सन्त्रिमणु० १ २ ६९७ | जति छगुस्स उक्खेवओ० १५ १२ मस्स अंगस्स १८ २ जइ मणुस्सेहिंतो उव०कि | जति णं मते! अड्डमस्स वग्गस्स१५ १७ जइण भते! समणेणं दुह- सन्नीमणु० १ २ ७०४ | जतिणं भते! अट्ठारसमस्स १३ १४७ विवागाणं १८ ७ जइविय कामेहि लाविया ९ १०९४ | जति ण भैते! अणुत्तरो० पढ०१६ २ के लिए REC%ARAECAUGARCAESARGA 4545555 देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ) -62 Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ज-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न १७ विपा. १२म-४ दीप क्रमांक के लिए ८आ. ९स. सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायका सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राधकः | १०स्थाजति णं भंते ईसाणे देविंदे १२ १३१ जतिणं भते. णायाण एगूण जति णं भंते पनरसमस १३ ११२ ११ स. जति मैत! उक्खेवओ १६६ बीसा अज्झयणा १३ ६ | जति ण मते पंचमस्स १३ ६८ १३झा. कागंदीए जति णं भंते तच्चस्स नाय०१३ ५७ | जति णं भंते. बारसमस्स १३ १०० जति णं भत० एकारसमस्स १३ ९८ जति णं भंते तच्चस्स जति णं भंत सत्चमस्स नाय०१३ ७० ॥५१॥ | जति णं मते चउत्थस्स नाय०१३ ५८ बग्गस्स १५८ जतिण मंते ! सत्तम १५ १६ जति णं भंते० चउत्थस्स जति ण मंते तेरसमस्स १३ १०२ जति ण मते ! सत्तरसमस्स १३ १४२ जति णं भंते ! दसमस्स १३ ९७ जति णं भैते. सोलसमस्स १३ १३८ वग्गस्स जति ण भंते ! दसमस्स उ० वद्ध- जति तच्चस्स उक्खेवतो १५ जतिणं मते! चमरे० पभू १२ १२६ माणपुरे १८ ३० जति दोच्चस्स वग्गस्स १५ | विकृवित्तए जति ण भंते दोच्चस्स नाय०१३ ५० | जतुकुमे जोइउवगूढे ९ २७३७ जति ण भैते ! चोइसमस्स १३ १११ जतिण भंते! दोच्चस्स नग्ग०११६ जत्थपत्थमिए अणाउले ९ १२४४ 18 जति णं मते छगुस्स नाय०१३ ६९ १३ १५६ जत्थ णं भंते एगे पुढविकाइजति भंते णवमस्स १३ ९६ । जतिणं भंते! पढमस्स बग्ग०१३ ३७४१५५/ एओगाढे तत्व णं केवतिया१२ ४८३ देखीए ALSAESSAGE BREAKERATUREGACK 'सवृत्तिक आगम ॥ ५ ॥ सुल्ताणि -63 Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ज-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा. |१५ अत ११ स. १६ प्रश्न दीप १७विपा. क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९स. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्या सूत्रायादि. सूत्रे, सूत्राद्या सूत्रागादि. सूत्रे. सूत्राय १० स्था. ॥ जत्थ य जं जाणिज्जा ८ नि. जययं विहराहि जोगवं ९ ९९ / जस्स णं भंते ! नाणावराणि |जत्थ य जो पण्णवओ ८ ५१नि. जया णं० दाहिणड्डे चासायं १२ १७७ - जं तस्स दरिसणा० १२. ३५८ १२ भ. १३ ज्ञा | जदत्थि णं लोगे तं सव्वं १० ५७ जया ण. जंबुद्दीवे२ | जस्स णं मि० अहं च खलु | जमतीतं पडुपनं ९६०७* दाहिणड्डे दिवसे भवति १२ १७६ । असि ८ २२२ ॥५२॥ जमाली ण मते देवे० कहि०१२ ३८९ जया णं सरिए सब्बाभितर०११ ४७ | जस्सणं मि०अहं च खलु पडि०८ २१४ जमाहु ओह सलिलं अपारग ९ ५४८० | जया हेमंतमासमि ९ १६८० | जस्सण भि० एगे अहमसि ८ २१६ ट्रजमाहु ओहं सलिल उपारयं ९ १४५७ | जलमालकद्दमालं ९ १६१नि. जस्सण मि०पुट्ठो खलु अइससि८ २१२ | जमिणं विरूवरूवेहि जलयरथळयरखयरा ९ १४८नि. जस्सण मि०से गिलामि८-२१८। २२३ जमिणं जगती पुढोजगा ९ ९२७ जविणो मिगा जहा संता १ ३३% जस्स नस्थि इमा जाई ८. १२९ जमिदं ओरालमाहारं९ ६४५० | जस किनि सलोयं च ९४५८७ जस्स नरिथ पुरा पच्छा ८ १४० | जमेयं भगवया पवेइयं ८ १११ | जस्स जओ आइच्चो ८ ४७नि जस्सिकले समुपचे १ ४ जम्मामिसेयनिक्षमण ८ ३३४नि जस्स पं० ओरालियस | जस्सेते लोगसि कम्मसमारंभा८ १३ | जयमाणस्स परोजं ८ ३२९नि. रीरस्स सव्वबंधे से थे वेउ०१२ ३५० | जह खलु इसिरं कहूं ८२३४नि-1 RAS5E SA-CARE AAAERes 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -64 Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ज-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सो. सूत्राघव ८आ. ९सू. १.स्था. 4. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. ८ ११९नि. दीप क्रमांक के लिए देखीए ॥५३॥ सूत्रागादि सूत्रे. सूत्राद्यकः। सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राचादि. सूत्रे. १४.उपा. |जह खलु महल वत्थं ह २८२नि जह हस्थिस्स सरीरं ८ ११०नि. जहा पं० वयं एयमई जाणामो |१५ अंतजह णाम गोयमा चंडीदेवगा ९ ९०नि. जहा अस्साविणि णावं ९ ५८ तहाण अणु देवा एय०जा०१२ ५२१ जह णाम मंडलग्गेण ९ ५१नि. जहा आसाविणिं नावं ९ ५२६ जहा ते भंते ! एत्थ गमणिज्ज१२ ३४ जह देवस्स सरीरं ८ १६७नि जहा कण्हलेस्सेहिं भणियं जहा दियापोतमपत्तजातं ९ ५८१८१७ विपा. जह देहप्परिणामो १२ ८५० जहा नई वेयरणी ९ तहा नीलले. २४० जह नाम सिरिघराओ ९ ५३नि... जह वक्कं तह भासा ८ ३१६नि. जहा कुम्मे सअंगाई ९४२६३ जहा भवसिद्धिएहि चत्तारि०१२ ८३८ जहा मंधादए नाम जह वा तिलसक्कुलिया जहा य पुढवीथूमे जह वा विसगंड्स ९ ५२नि. जहा ढंका य कंका य ९ ५२३७ जहा रुक्खं वणे जायं ९ १९१- 5 जह सगळसरिसवाणं ८ १३१नि- जहा णं जंबु० देवाणु० तहाण. जहा विहंगमा पिंगा ९ २३६४ जह सव्वपायवाणं ८ १८६नि. आगमेस्साणं चरिमतित्थग- जहा सयंभू उदहीण सेढे ९ ३७१० जह सुत्तमत्तमुच्छिय ८ २१२नि रस्स केव०कालं तित्थे १२ ६८१ जहा संगामकालंमि.. ९ २०४७ जह सुत्र तह अत्थो ९ १२४नि जहा णं जंबू धण्णेणं १३ ४९ । जहा हि अंधे सह जोतिणावि ९ ५४२* ९ २३५ BCCESeCHES AAAA 'सवृत्तिक आगम सुल्ताणि -65 Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ज-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९८ सूत्राथापि. सूत्रे, सूत्रायः सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्राद्यः सूत्रागादि, सूत्रे. सूत्रायः॥ १४ उपा. १० स्था. जहा हि बद्धं इह माणवेहिं ८ १४६* | जंबु० देवाणु० केवतिय कालं जंबुद्दीवेणं पणसढि सूर०११ ६५ १५ अंत अनु. १२ म. | जहा हि विच पसवो य सर्व ९ ४९१७ तित्थे अणुसज्जिस्सति ? १२ ६८० जंबुद्दीवे f० भरहस्स० केरि १६ प्रश्न किंचि अणगं तात! ९ १८९५ जंबु० देवाणु केवतिय कालं सए आगारभाव. १२ २८६ १७ विपा. 8| जंकिंचि उ पूइकडं ९ ९०* पुव्वगए अणु०. १२ ६७९ | जंबुद्दीवेणं सूरिया उग्गमणमु० किंचुवक्कम जाणे जंबुद्दीवस्स f० बेहआ ८-२२२९-४२५० १० ९१ दूरे य मूले यदीसति ३११२ ३४३ जंबुद्दीवस्सन्दारा अट्ठ जो०१० ६५७ जंबुद्दीवे णं भारहे. बारस | जं जाणिज्जा उच्चालइयं ८ ११९ जंबुद्दीवे० छ अकम्मभूमिओ१० ५२२ । चकवद्विपियरो ११ १५८ जंजारिसं पुब्वमकासि कम्मं ९ ३४९* कम्म ९ ३४९ जंबुद्दीवे छ अवकंतमहानि०१० ५१५ । जंबुद्दीवे २ उत्तरे०पंच वक्खार १० ४३४ जंजोयणाविच्छिी १०४चहीवेजोस २१२ ६०*जंबुद्दीवेतओ तित्था १० १४२ जं दिवसं च णं मेहे कुमारे मुंडे१३ ३१ | बुद्दीवेणव बलदेववासु जंबुद्दीवे २ ततो कम्मभूमीओ१० १८३ जं दुखं पवेइयं ८ १०२ । देवपियरो १० ६७२ जंबुद्दीवे २ दस खेचा १० ७२३ | जनिस्सिए उन्बहइ ११ ३५७ | जंबुद्दीवेण छप्पन नक्खचा११ ५६ जंबुद्दीवे० दस रायहाणीओ १० ७१८ लाज पढमस्संतिमए ९ १३३नि जंबुद्दीवेणं.दीवे ११७६७ बुद्दीवे० दस वक्खारपव्वता१० ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ 'सवृत्तिक आगम CARRESS सुत्ताणि -66 Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) ८आ. ९. ११ स. १० सूत्रायादि. सूत्रे. १० स्था. १ जंबुद्दीवे २ दाहिणेणं गंगा०१० जंबुद्दीवे० दो चंदा जंबुद्दीवे वासीयं मंडलसयं ११ जंबुद्दीवे० भरहे० तिनि साग० १० जंबुद्दीवे० भरहे० दो सागरो०१० जंबुद्दीवे० भरहेरवरसु जंबुद्दीवे० भारहे वासे जंबुद्दीवे० भारहे सत्त कुल० १० जंबुद्दीवे० मणुया छच्च धणुसहस्साई उड्ड जंबुद्दीवे० मंदररस्स० ततो अम्मभूमिओ १० १० १२ म. १३ ज्ञा. ॥ ५५ ॥ सूत्राद्यङ्कः ९० १० सूत्राद्यादि. सूत्रे. ४७० जंबुद्दीवे० मंदरस्स० बहुमज्झ० णमडुपतेसिते जंबुद्दीवे० मंदरे० दस जोयणसयाई उब्वेद्देणं धरणितले १० जंबुदीवे० सतवासा १० जंबू अपरिग्गहसंबुडे जंबू अवंभं च चउत्थं १७ १७ जंबू इतो परिग्गदो पंचमो १७ १७ ८२ १४३ ८९ १० ३०१ १० ७७ ५५६ ४९३ १९७ जंबू एतो व बंभचरं १७ जंबू एतो संवरदाराई जंबू णं सुदंसणा अट्ठ जो० १० जंबू तइयं च अदत्तादाणं १७ जंबू दत्तमणुष्णायसंवरो १७ ~67~ सूत्रायङ्कः । ७२० ७१९ ५५५ २८ १३ १७ २७ सूत्रायङ्कः सूत्राद्यादि. सूत्रे. जंबूदीवस्स णं दीवस्स पुरच्छिमिल्लाओ ११ १३० जंबूदीवे० णवजोयणिआ मच्छा जंबूदीवे णं दीवे एगं जोयण १० ६७१ ११ १२४ ७६७ ६४३ सयसहस् जंबूदीवे० दस कुलगरा हुत्या १० जंबूदीचे० महाहिम० अट्ठ १० | जंबूदीवे० मंदरे० अट्ट दिसाहत्यिकूडा २१ १० ६४२ १० ५९० ६३५ जंबूदीवे० सोमण से ० ९ सत्त कूडा १० २६ जंबूदीवग आवस्सगं तु ६९* १४ उपा. १५ अंतअनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ।। ५५ ।। Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ८आ. ९, १० स्था. ११ स. १२ म. १३ ज्ञा. ॥ ५६ ॥ सूत्राचडः | ३०३ ३०५ * सूत्राद्यादि. सूत्रे. जंबूद्दीवस्स णं चत्तारि दारा १० 4 जंबूदीवस्स गं० बाहिरिल्लाओ बेतितंताओ १० जंबूदीवे० इमीस ओस० भरहस्स० केरिसए आगा० १२ २४७ जंबूद्दीवे० एखए० चउब्बीसं वित्थयरा ११ १५९ जंबूद्दीवेणं० भारहे० कइ कु. १२ २०२ जंबूदीवे० दाहिणं १० ३०४ चतारि अंतरदीवा जंबूदीवे० देवकुरुउत्तरकुरुबजाओ जंबूद्दीवे० मंदरस्स० दोवासा १० ८६ १० ३०२ सूत्रायादि. सूत्रे. जंबू! वितियं च अलियवयणं १७ जंबू! वितियं च सच्चवयणं १७ जंबू मंदर • उत्तर०दो महदहा १० जंबूमंदरदाहिणेर्ण भरहे दीहवेत नव कूडा १० जंबूमंदरदाहिणणं गंगासिंधु. १० जंबूमंदरपुर० सीता ० अड्ड अरहंता १० १० जंबूमंदरपुर० सीता० अड्डदीहा जंबूमंदरस्स ० दो वासहर प० १० जंबूमंदरस्स• सीतावे० अड्ड वक्खारपव्वया 68~ सूत्राद्यादि. २४ सूत्राद्यङ्कः जं मयं सव्वसाहूणं ५३०* जं सिप्पेगे पवेयंति ८ ७७# ८८ जंसी गुहाए जलणेऽतिउट्टे ९ ३११* जंसीलसमाचारो १० १४०* ११० २७ ११० २८ १५२ * ३८३० २९३# सूत्राद्यङ्क: ५ ५८९ ७१७ ५६७ ६३९ ८७ १० ५३७ सूत्रे. जं हिययं कलुसमयं जाई खेचाई खल ९ जाई च बुद्धि च इहज्ज पासे८ जाईप अणुविट्टमाणे जाए फले समुप्पने जाए सदाए मिक्तो जाणइ सयं मईए जाणमाणो परिसओ ९ ९ ८ २० ८ ६४ ११ २९ ४ १४ उपा. १५ अतअनु. १६ प्रश्न. * १७ विपा. | ॥ ५६ ॥ Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ज-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए ८आ.९. । सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यकः १४ उपा. अस्थाः जाणं कारणऽणाउट्टी ९ १२* जावं च णं आणंदे धेरे गो- जीवदब्बाणं भंते अजीवदव्वा]. १५ अंत १२ ७२२ | जाणितु दुक्खं पत्तेयं सायं ८ ६९ | यमाईणं० एयमद्रं परिकहेइ१२ ५५० परिभोगचाए हव्यमागच्छति अनु. १२ भ. जातिं च बुद्धि च विणासयंते ९ ३८९* जावं च ण समणे. भगवओ | जीवपदे जीवपदे १२ ९२ १ ६ प्रश्न, | जायतेयं समारम्भ ११ २४* गोयमस्स एयमट्ठ परि०१२ ५७६ जीवस्स अचजणिएहिं ८ २६१नि.४१७ विपा. ॥५७॥ जारिसओ जनामा १७ ३७ | जावोग्गहपडिमाओ८ २९७नि. सजीवस्स ण कइबिहे०संसारसं०१२ २४ । जीवा छबिह पुढवी १२ ५५* जालि मयालि उवयालि १५ ४ जाहे णं भंते ! ईसाणे तमु जीवाणमट्ठ कम्मपगडीतो चि०१० ५९६ जावइयाओ य णं भंते! कार्य काउकामे भवइ से १२ ५०४ जीवाण सुहं दुक्खं १२ ५२* 31 उवासंतराओ उदयंते १२ ५१ | जाहे णं भंते ! सके० दिवाई जीवाणं अट्ठठाणणिब्वत्ति०१० ६६० जावज्जीवं परीसहो८ ३८* भोग अजिउंकामे० से १२ ११९ । ११जीवाणं. कंखा० कम्मं ते १२ २९ जावतिया ण भते! वरा अंधग- जिअसंजमो अलोगो ८ ३३नि- जीवाण० कंखा बंधदि १२ ३५ | बहिणो जीवा ताव०परा०१२ ६२५ जिभिदियदुईतत्तणस्स १३ ४०* | जीवाणं कखामोहणिजे कडे१२ २८ जावसोयपरिणाणा८ ७२ । जियरागमग्गिसेणं १२ १४५२ | जीवाणं. कंखा. वेदेति १२ ३० देखीए 'सवृत्तिक आगम ॥५७॥ सुल्ताणि -69 Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ज-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १२ भ. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९स. सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राय: ॥१४ उपा. १०स्था. जीवाणं कि अत्तकडे दुक्खे३११२ ५०३ | जीवाणं चउठाणनिव्यतिते १० ३८७ |जीवाण पावे कम्मे जे य कडे३ |१५ अतका २१२ ६२२ ११ स. | जीवाणं किं आभोगणिव्वत्तिजीवाणं चउहि ठा०अट्ट कम्म०१० २५० अस्थिया इ तस्स केइ णाणते "" अनु. all आउया अणाभोग० १२ २८३ जीवाणं छट्ठाणनिव्वचिते १० ५४० १३ ज्ञा. १६ प्रश्न जीवाणं सत्तट्ठाणनिव्वचिते १० ५९२ | 31 | जीवाणं किं आयारंभा १२ १७ जीवाणं णवट्ठाणनिवचिते १० ७०२ | जीवाणुभागं सुविचिंतयंता ९ ७०३* ॥५८॥ जीवाणं किं चेयकडा कम्मा१२ ५७० जीवाणं तिढाणनिव्वत्तिते १० २३३ जीवा भवद्वितीए ९ १५३नि. है जीवाणं किं पञ्चक्खाणी ३? १२ २३१ जीवाणं दसठाणणिव्वत्तिता १० ७८३ हुँजीवाणं किं महावेयणा जीवाणं दुट्ठाणणिव्वत्तिए १० ११७ जीवा य लेस्स पक्खिय १२ १०८ PI महानिजरा ४१ १२ २३० ८ जीविए इह जे पमचा ६७ | जीवाणं णिवत्ति १२ ८२% जीवाणं किं मूलगुणप० १२ २७२ | जीवाणं पंचट्ठाणणिब्वचिते १० ४७४ जीवितं पिट्ठओ किच्चा ९ ६१६* | जीवाणं किं सीरिया अ०११२ ७२ | जीवाणं पावं कम्मं कहिं जीवियं नाभिकंखिजा ८ २०* जीवाणं किं सासया० १२ २७३ । सम्मअिणिसु३१ १२ ८२० | जीवेण अस्संजए देवे सिया? १२ २० जीवाणं कि सेया णिरेया १२ ७४० जीवाण. पावं कम्मं किं जीवे ण अंतकिीरयं करेज्जा १२ २५ ॥५८॥ जीवाणं किं सोवकमाउया नि०१२ ६८६ । समायं पडर्विसु ३१ १२ ८२३ । जीवे ण आउर्य कम्मं किंबंधी? १२ ८१५ A-CASIA 'सवृत्तिक आगम k सुल्ताणि ~70 Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि- अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) ८आ. ९. सूत्रे. सूत्रायादि. १० स्था. ४ जीवे णं० ओरालियस राओ सूत्रायादि. सूत्रे. जीवे गं० किं विग्गहगतिसभाव भए अवि० १ १२ ११ स. १२ ३३५ १२ म. * १३ ज्ञा. ४ कतिकिरिए जीवे गं० कति कम्मपगडी बं० १२ २५१ जीवे गं० गन्मगए समाणे नेरइएस उबवज्जेज्जा ! १२ जीवे णं० गर्भ वकममाणे किं सईदिए व० १२ जीवे गं० गन्भं वकममाणे नीचे णं० कालवनपज्जवेहिं ॥ ५९ ॥ ४ किं कडजुम्मे जीवे गं० कालासेणं किं सपदेसे अपदेसे ? जीवे गं० किं अधिकरणी अधिकरण ? जीवे णं किं कडजुम्मपएसो गाढे सूत्राद्यङ्कः १२ ७३८ १२ २३८ १२ ५६४ १२ ७३७ जीवे णं ० किं पोग्गली पोग्गले ११२ ३५९ सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायङ्कः जीवे गं० जे भविए नेर० उव० से गं० किले से उबवज्जति। १२१५८ जीवे णं जे भविए नेर० उब० सेणं० किं साउए संकमइ ? १२ १८३ जीवेदव्ययाए कि कड०१२ ७३६ ६२ जीवे णं० नाणा० कम्मं किं बंधी १३ १२ ८१४ जीवे गं० पात्र कम्मं किं करिंतु २१२ ८१९ | जीवे गं० मारणंतिय० समो० १२ १४४ ६६७ जीवे णं० मोहणिज्जेणं • उदिभेणं उबट्टाएज्जा १२ जीवे णं० सउडाणे आयभावेणं जीवभावं उवदंसेइ १२ ११९ ~71~ सूत्रायङ्कः ६० 똥쌌 ६३ कतिवनं ४ परिणामं १२ ४५० जीवे णं० गर्भ वकममाणे कतिवनं ४ परिणाम १२ | जीवे णं०जाई दब्वाई ओरालिय० गण्डति० ताई किं १२ जीवे गं० जीवे २ जीवे ९ १२ ७२४ २५५ ४० १४ उपा. १५ अंतअनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ५९ ॥ Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ज-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९सू. १०स्था . ११ स. १२. १३वा. दीप क्रमांक ॥६॥ के लिए देखीए KACHEMERCRACTECSC सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यकः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राधङ्क सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः १४ उपा. जीवे ण सया समियं एयति७ जे इमे० असनिणो पाणा जे केइ बाला इह जीवियट्ठी ९ ३०२* | १५ अंततं तं भावं परिणमति ? १२ १५२ । एए अंधा० अकामनिक जे केइमे अगारत्था ८ ४८* जीवो छक्कायपरूवणा ८ ३५नि. रणं वेदणं वेदंतीति ? १२ २९१ जे केइ लोगमि उ अकिरिय ९४८८ ४१६प्रश्न जुद्धारिहं खलु दुल्लहं ८ १५५ जे इह आरंभनिस्सिया ९१५१७ जे कोहणे होइ जगट्ठभासी ९ ५६१* १७ विपा. जुवती समणं बूया ९ २७१ | जे इह सायाणुगा नरा ९ १४६७ | जे कोहदंसी से माणदंसी ८ १२६ जे अ आहम्मिए जोए ११ ५१% जे उ संगामकालंमि ९२०९४ जे खलु भो! वीरा ते समिया८ १४१ । जे अ माणुस्सए भोए ११ ५२ | जे एगं जाणइ से सव्वं ८ १२३ जे गरहियं ठाणमिहावसंति ९ ७१९१ जे आयओ परओ वावि णचा ९ ५५३७ | जे एय उंछं अणुगिद्धा ९ २५८ जे गुणे से आबट्टे ८ ४१ जे आया से विन्नाया ८ १६६ जे एय चरंति आहिये ९१३६५ जे गुणे से मूलट्ठाणे ८ ६३ जे आवि अप्पं बसुमंति मत्ता ९ ५६४४ जे एयं नाभिजाणंति ९ ४०* जे छेए से सागारियं न सेवइ ८ १४५ जे आसवा ते परिस्सवा ८ १३१ जे कहाहिगरणाई ११ ५०* जे जिणबरा से अईया ८ २२५नि. जे इमे०अज्जत्ताए समणा० | जे केइ खुद्दगा पाणा ९ ६४१५ जे ठाणओ य सयणासणे य . कस्स तेयलेस्स वीतीवयंति:१२ ५३७ जे केइ तसा पाणा ९ ८३ जे णं० परं अलिएणं० । ९ ५८४ 5555 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -72 Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) ८आ. ९स. १० स्था. ११ स. १२ म. १३ शा. ॥ ६१ ॥ सूत्रायादि. सूत्रे. अग्भक्खाति तस्स णं कहप्पगारा कम्मा० १ जे गेहं णिव्वए भिक्खु जे तिब्वप्परिणामा जे ते उ वाइणो एवं जे दीहलोगसत्थस्स जे देवा उड्डोवनलगा जे धम्मलद्धं विनिहाय जे धम्मं सुद्ध मक्खति १२ ९ ८ ९ ८ १० भुंजे ९ ९ जे नायगं च रस्स जे पमचे गुणट्ठीए जे पुण्बुट्टाइ नो पच्छानिवाई ८ ८ जे वायरपज्जत्ता पयरस्स ८ ११ सूत्राद्यङ्कः | सूत्राद्यादि. सूत्रे. जे वायरपअत्ता पयरस्स २११ ४५९० ३३ २०३ नि जे बायरपअत्ता पलिअस्स १४* जे बायरे विहाणा पत्ता ८ जे भासवं भिक्खु सुसाहुबादी ९ जे भिक्खु अचेले परिवुसिए ८ जे भिक्ख एगेण वत्थेण ६२५० जे भिक्खु तीहि बत्थेहिं ३९* जे भिक्खू तीहिं बत्थेहिं ७७ ४०१* ८ ३५ जे ममाइयमई जहाइ जे मंदरस्स पुव्वेण जे मायरं च पियरं च १५३ ८६ 73 ८ ८ ८ ८ सूत्रायङ्कः, सूत्राद्यादि. सूत्रे. १६८नि. जे मायरं च पियरं च हिजा ९ १०९ नि. जे मायरं वा पियरं च हिजा ९ १४५ नि. जे माहणो खत्तिय जायए वा९ १२० नि. जे य दाणं पसंसंति ७९नि. जे य बुद्धा अतिकंता ५६९# २२० २१५ २०८ २१३ ८ ८ ८ ३८५४ ५६६७ ६५१६० ५३२० ९ ४३३० ४३२ ९ जे य बुद्धा महाभागा जे या बुद्धा महाभागा ९ ११३* जे यावि अ णायगे सिया ६ ११ जे यावि पुट्टा पलिउंचयंति ९ जे यावि तसे पाणे २१ ५६०* ९९ ९ ९५ जे यावि बहुस्सुए सिया ४९ नि. जे यावि बीओदगभोति भिक्खु९ ८ ६७८* ९ २४७* जे यावि मुंजंति तहप्पगारं ९ ७०७ सूत्रायहः ४०३० १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विषा. ॥ ६१ ॥ Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ज-कार + झ-कार + ठ-कार + ड-कार + ण-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९स ११ स. %- १२ भ. दीप १३ ज्ञा ॥६ ॥ क्रमांक CACCOECREGLECRECORG सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायका सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायकः मा१४ उपा. दाजे रक्खसा वा जमलोइया वा९ ५४७* | जो जे पाविहिति पुणो १२८००/ ठकार: १५ अतजे विग्गहीए अनायभासी ९ ५६२* जो जीवो भविओ खलु ९१४५नि. ठाणी विविहठाणाणि ९४२२४ अनु. १६ प्रश्न Bाजे विनवणाहिजोसिया ९ १४४* | जो जेण पत्तपुब्बो १२ ७९७ | ठिइअणुभावे बंधण. ९ V१७विपा. जेसिं तं उवकप्पंति ९ ५१५* | जोणिभूए चीए ८ १३८नि. ठिई उस्सासाऽहारे १२ जेहिं काले परिकंत ९ २३९४ | जोणीसंगहलेसा १२ ५६* | ठिईण सेट्ठा लवसत्तमा वा ९ ३७५ जेहिं नारीण संजोगा ९ २४१* | जो तुमे णियमो चिण्णो ९ १९९४ हकार: जेहिं वा सद्धिं संवसति ८ ६५ | जोधाण य उप्पची १० ११९ | उज्झइ तिब्बकसाओ ८ २०८नि. जोइसिया ण भंते! कओहितो१२ ७१५ जो परिभवइ परं जणं ९ ११२७ / डहरा पुडा य पासह जोएण कम्मएणं ९ १७७नि. जो पुढवि समारंभइ ८ १०२नि. डहरेण बुड़ेणऽणुसासिए उ ९ ५८६५ | जोगुवोगकसाए १२ ९६* | जो सो वरवीरवयणविरति०१७ २९ डहरे य पाणे चुढे य पाणे ९ ५५२* जोगुवओगे बन्न १२ ६८* जोहेसु णाए जह बीससेणे ९ ३७३* | णकार: जो चेव होइ मुक्खो ८ ३४६* झकार ण करेति दुक्खमोक्खं ९ १२६नि. जो जइया तित्थयरो ८ २७५नि. झाणजोग समाइड ९ ४३६७ किचि रूवेणऽभिधारयामो ९ ६८१४ RESOHGResi के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम C सुत्ताणि ccc -74 Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ण-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए %A4% दीप % क्रमांक सूत्राचादि सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायका ८आ. ९सू. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राय १४ उपा. १०स्था. राण कुब्बती महावीरे ९ ६२९४ | नस्थि पेज्जे व दोसे वा ९ ६५७७ | णमो बंभीए लिबीए १२ २ ४|१५ अंत११ स. लणग्गोहसचिवण्णे ११ १०८* पत्थि बंधे व मोक्खे वा ९ ६५००ण य संखयमाहु जीवितं ९ १५२२ अनु. १२ भ. भणच्चा णं से महावीरे ८ १०२४ णत्थि माया व लोभे वा ९ ६५६*ण य संखयमाहु जीवियं ९ १३१ |१६ प्रश्न १३ ज्ञा.xण तेसु कुज्झे ण य पम्बहे आ ९ ५८८* | णस्थि लोए अलोए वा ९ ६४७ | णव गेवेज्जविमाणपत्थडा १० ६८५ द१७ विपा. | पत्थि आसवे संवरे वा ९ ६५२७ | गस्थि वेयणा निज्जरा वा ९ ६५३७ | णव णक्खत्ता चंदस्स पच्छभा०१०६९४ पत्थि कल्लाण पावे वा ९ ६६३* | णस्थि साहू असाहू वा ९ ६६२* णवणवमिताणं भिक्खुप० १० ६८८ णस्थि किरिया अकिरिया वा ९ ६५४ णत्थि सिद्धी असिद्धी वा ९ ६६०४ | णवपएसिता खंधा अ० १० ७०३ पत्थि कोहे व माणे वा ९ ६५५७ | णत्थि सिद्धी नियंठाणं ९ ६३१७ | णव पावस्सायतणा प० १० ६७७ णस्थि चाउरते संसारे ९ ६५८*ण दुक्कर वा नरपासमायणं ९ २००नि. णव चंभचेरगुत्तीतो १० ६६३ णस्थि जीवा अजीवा वा ९ ६४८* | णमिज्जई महावीरे ९ ६१४* | णवयंभचेरमइओ ८ ११नि त्थि देवो व देवी वा ९ ६५९* | णमि मातंगे सोमिले १० १६२ णव बंभचेरा पण्णत्ता १० ६६२ Bणस्थि धम्मे भधम्मे वा ९ ६४९* | णमो अरहताणं १२ १ णवमस्स उक्खेवओ १३ १६३ दाणस्थि पुण्णे व पावे वा ९ ६५१% णमो गोयमाईणं गणहराणं १२ ८६९ । णव विगतीतो पण्णताओ १० ६७४ के लिए % CSCRACCA देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि %25 -75 Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ण-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां १.स्था. देखीए मा अनु. १२ दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९सू -सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यक सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यः। सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्राद्यः लणवविधे दरसणावरणिज्जे १० ६६८ अंदीसरवरस्स पं० चत्तारि णाम ठवणा०एसो उ विभचीए.९ ६४निल १५ अंत| णवविधे पुढे पण्णचे १० ६७६ | अंजणगपञ्चता १. ३०७ णामंठवणा०एसो खलु अज्झ.९ १४३नि णवविडा संसारसमावनगा १० ६६६ णदुचरा य गंदा १० ९८ | णामंठवणाकर्म १३ ज्ञा. ८ १६ प्रश्न १९२नि. णवसोतपरिस्सवाबोंदीप०१० ६७५ गंदे य दिमित्ते १३ १५० १७ विपा. णामंठवणा गणणसंठाणे ९ १४४नि. ॥६ ॥ णवहिं ठाणेहि रोगुप्पत्ती १० ६६७ णाइच्चो उएइ ण अस्थमेति ९ ५४१४ णामंठवणा गाहा ९ १३७नि|ण विणा आगासेणं ९ नि. णाणामणिकणगरयण १३ २४* ८ १८४नि | णविता अहमेव लुप्पए ९ १०१७ णाणावरणिज्जे कम्मे १० १०५ णामंठवणा दविए मामा पाप र 1८ १९०नि-6 |Vण हि गुण पुरा अणुस्सुतं १४१* | णाणीणं णाणीति कालओ १२ ३२२ । णामठवणादवए एसो ४ाणह अफलथोवऽणिच्छित. ९ ३५नि, णाभी य जियसत्तु य ११ ७९ उसमाहिए ९ णह जुज्जसि एकियं १३ २६७ | णामयलं ठवणअलं ९ २०१नि- णामठवणादविए० एसो गंदणे मंदरे चेव १० १३०७ | णामतहं ठवणतह ९ १२२निः खलु मग्गस्स ९ १०७नि. दिस्सर अंतो सत्तदीवा०१० ५८० | णामंठवणपरिना ९ १७८नि. णामंठवणादविए० एसो पाणंदी त खुदिमा पूरिमा १० ६१४ णाम ठवणा०अइच्छपडिसेहर९ १७९नि. खलु महतमि 4%ARCACAGARAARA 5-55ASHREE 'सवृत्तिक आगम ॥६४॥ सुत्ताणि ~76 Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ण-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि- अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) ८आ. ९. १० स्था. ११ स. १२ म. १३ ज्ञा. ॥ ६५ ॥ सूत्रायादि. सूत्रे. णामंठवणादविए०पुरिस० ९ णामंठवणाधम्मो ९ णामंठवणाऽऽयारे ९ |णामं० रसभावकसाए णामादी ठवणादी णायमेयं महासिलाकंटए णं० संगामे वट्टमाणे के ज०१२ णायमेयं ० रहमुसले णं० संगामे माणे के जत्था ? १२ णासाए पंचमं बूया १० णिकिंचणे भिक्खु सुलूहजीवी ९ णिक्खम्म दीने परभोयणंमि ९ मिडियट्टा व देवा वा ९ ९ ९ सूत्रायङ्कः | सूत्राचादि, सूत्रे. ५५नि. णिद्दपि नो पगामाए १०० नि. णिरए छकं दव्वं १८१नि णीवारमवबुज्झेज्जा १९० नि. णीवारे व ण लीएज्जा १३४नि गंतणचंति वच्चदए सो २९९ नेता जहा अंधकारंसि राओ णेरड्या णं उक्कोसेर्ण तिसम०१० रइयाणं चउहिं० सरीरुप्प० १० ३०० णेरइयाणं दो सरीरगा प० १० ४७* णेरइयाणं सरीरगा पंचवना १० ५६८# पेरतिताणं चउव्विद्दे आहारे १० ४०५ रविवाणं चत्तारि समु० ६२२० सप्पंमि निवेसा १० ~77 ~ ८ ९ ९ ९ १० सूत्रायशः | सूत्राद्यादि. ६९७ सप्पे पंडुयए सूत्रे. १० ६२नि णो अभिकखेज्ज जीवियं ९ २७७* णो णट्ठे समट्ठे इह खलु बहवे ६१८* पाणा ६९२* णो कप्पइ० पढमपाउसंसि १० ५९१* णो कामकिच्चा ण य वाल२२५ किच्चा ३७१ ९ णो काहिए होज्ज संजए ९ णो चेमिमेण वत्थेण ८ णो छायए णोऽविय लूसएजा ९ णो पीछे ण यावपंगुणे ९ ८ ७५ ३९५ ३३१ ३८० णो सुकरमेयमेगेर्सि ११२* णो सेवइ य परवत्थं सूत्रायङ्कः १११० ४ १२६* ६६ ४१३ ६८५४ १३८ ४३* ५९८* १२३* ४९ ९० १४ उपा १५ अंत. अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ६५ ॥ Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ण-कार + त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा. ल|१५ अत १६ प्रश्न. १७विपा. दीप क्रमांक ॥६६॥ के लिए देखीए सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राद्या सूत्राधादि. सूत्र. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्र. सूत्रायः हाणे पिअणे तह घोअणे ८ १११नि. वएणं अहं गोयमा! गोसा तएणं तस्स गोसाव्हमे छदिसा १२ ५४६ इति णकारः। लेण० जेणेव कुंडग्गामे १२ ५४३ चरा अंतियं पाउन्भवित्था तए णं आजीविया० गोसालं | तए णं तस्स गोसा० सच| तइए आहाकर्म ९ ३२नि कालगयं० १ २ ५५६ | रसि० अयमेयारूवे. तइए एसो अपरिग्गहो य ८ २३६नि. तए णं कल्लं जाव जलते १४ ४१ णो खलु अहं जिणे. १२ ५५५ तइए जयंत छलणा८ ३०७नि. तए ण चमरे० सक्कणं. तू तइयमि अदायणया ८३१५नि. अवमाणिए तएणं तस्स चुलणीपियस्स १४ २८ १२ | तइयंमि अंगचिट्ठा ८ २५३नि. तए णं चंपानयरीए परिसा १३ तए ण तस्स चुल्लसयगस्स १४ ३३ तएणं अहं गोयमा गोसातए णं तस्स अभीयिस्स १२ ४९१ तएणं तस्स जमालियस्स लेणं कुम्मगामाओ सिद्ध- तए णं तस्स आणंदस्स० ख० पिया १२ ३८४ स्थगाम १२ ५४४ | उच्चावएहिं सीलव्वय १४ १२ | तए णं तस्स घण्णस्स अण० १९ ५ तए णं अहं गोयमा० पढम तए णं तस्स कामदेवस्स १९ १९ | तए णं तस्स महासयगस्स १४ ५० सरदकालसमयंसि गोसा०१२ ५४२ । तएणं तस्स कुंडकोलियस्स १४ ३८ ।तएणं तस्स सकस्स इमे०१२ १४४ 1%ECRECOGEOGRCOACEece 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~78 Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा. |१५ अंत अनु. १७ विपा. १६ प्रश्न १३वा. दीप क्रमांक के लिए Pा सूत्राद्यादि. ८आ. ९स. सूत्रे. सूत्रायक। सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राय | १.स्था. दातएणं तस्स सद्दालपुत्तस्स० तए णं ते थेरा० खंदयं० | तए ण समणे कालोदाइ अ.१२ ३०५ ११ स. बहहिं सील अण कालगय १२ ९५ तए णं समणे०३ गोसालं. तएण सिवस्स रायरिसिस्स | तए णं ते थेरा० समणे तेणए सिया १२ ५५१ छटुंछट्ठणं १४४१७ १२ चाउज्जामं तएणं समणे० रायगिहाओ० ॥६७॥ तए णं तस्स सुरादेवस्स १४ ३१ । तए णं ते मागंदियदारया । तुंगिया नगरी १२ १०६ तए णं तं महब्बलं कुमार धम्म परि०१३ तए णं समणे रायगिहाओ १२ ४९० का अम्मापियरो १२ ४२९ तए णं भगवं गो० छउमत्थेणं तए णं समणे रायगिहाओ | मणुस्से परमाणुपोग्गलं १२ ६४२ ४ तए णं तीसे रेवइए गाहा०१४ | उल्लुयतीरे १२ ४८ तए ण रायगिहे. अमाघाए१४ ४९ | तए णं समणे सावत्वीओ० है तए णं तुमे सुदंसणा १२ ४३१ | तए णं समणे ३ आणंदस्स १४ ४ मेढिलगामे० रेवतीगाहा०१२ ५५७ तए णं तुंगियाए नगरीए १२ १०८ तएणं समणे० आलभियाओ१२ ४३५ | तएणं सा जयंती० कहिलं तए णं ते ईसाणकप्पवासी १२ १३६ तए णं समणे उसमदत्तस्स०१२ ३८१ | जीवा गरुय हव्वमा० १२ ४४२ &ातए णं तेतलिपुरे नगरे १३ ११० । तए णं समणे कयंगलाओ १२ ९२ । तए णं सा० तसि दोहलंसि १३ १३ ABBCCESSECREC5% ५७२ देखीए 'सवृत्तिक आगम ॥६७॥ सुत्ताणि ERS -79 Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए | १४ उपा १५ अंत ११ स. १२भ. अनु. १६ प्रश्न १७ विपा. ॥६८॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९सू. सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राय सूत्राद्यादि. सूत्रे, सूत्राघङ्कमा १.स्था. होतएणं सा देवाणदामाहणी १२ ३८० तए ण से आणंदे तप्पढ तए णं से गोसाले एगाए तए णं सादोवईरायवरकबा १३ १२५ मयाए १४५ सणहाए कुम्मासपिडियाए १२ ५४५ तएणं सा धारिणी देवी १३ ९-१६ तए णं से आणंदे० धम्म १४५ | तए णं से गोसाले आसुरुचे तए ण सा मल्ली विदेहवरराय१३ ७३ | तए णं से आणंदे०पंचाणु०१४ समण उच्चा आउस्सति१२ ५५२ | तएणं सारेवई गाहा मत्ता१३ ५२ | तए णं से चुलणीपिया १४ २९ तए णं से आणंद २ वहूहिं | तएण सावत्थीए गोसा०जि०१२ ५४० तएणं सा सिवानंदा मारिया१४ सीलब्बएहिं ९ तए णं से जमाली खंचिय०१२ ३८३ १४ १७ तएणं जमाली अणजेणेव०१२ ३८५ तएणं से आणंदे २ इमेण तए ण से आणंदे० गोयमस्स तए णं से जमाली० ताओ तवोकम्मेणं १४ १४ तिक्खुचो १४ १६ रोगायंकाओ १२ ३८६ | तए णं से आणंदे उवातए णं से कामदेवे० पढमं तए णं सेणिए राया पच्चूस०१३ १२ सगपडिमाओ १४ १३ | उवासगपडिय १४ २६ | तए णं से तच्चे मोयमे जेणेव०१२ १२८ तए णं से आणंदे०सम० जाए | तए णं से कुंडकोलिए समणो०१४ ३६ तए ण से तामली मोरियपुत्ते१२ १३४ | अभिगयजीवाजीव १४ ११ । तएणं से खदए अणगारे १२ ९४ | तएण से दुवए राया कोईचि १३ १२४ ACEAECRECReCRECERT 'सवृत्तिक आगम ॐEARS ६८॥ सुल्ताणि ~80 Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९स. १० स्था. १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. दि.१७विपा १३ ज्ञा. ॥६९॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए CREASCALARAK सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायका सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्रायादि. सूत्रे. तए णं से देवे पिसाय० कामतए णं से महासयए पढमं एणं से सद्दालपुत्ते वाया&ा देवं भो कामदेवा १४ २० उवासगपडियं १ ४ ५१ हयं कोलालभंड १४ एण से देवे पिसाय०काम- तए णं से महासयए वीस तए णं से संखे०कोहवसट्टेणं । देवं जाहे नो संचाएइ १४ २१ । वासाई समणोवासय० १४ सोवासय १४ ५४ ५४ जीवे किं बंधए ४ १२ ४३९ |तए णं से देवे सप्परूवे १४ २३ तएणं से मागंदियपुत्ते अण. तए णं से संखे समणोवासए१२ ४३७ तओ आयरक्खा तएणं से देवे हत्थिरूवे १४ २२ | १० १ २ ६२० १७२ जेणेव समणे० तओ इंदा पण्णचा तए णं से बले राया कोडंचिय१४ ४२८ १० ११९ | तए णं से सद्दालपुत्ते जेणेव तओ ठाणा णिस्सीलस्स १० | तए णं से भगवं गोयमे । असोगवणिया १४ ४० | तओ णियंठा णोसण्णोव० १० १५८ जायस १२ ८ तए णं से सद्दालपुत्ते जाए। तो तित्थयरा चक्कवट्टी १० २३१ |तए णं से भगवं गोयमे ज- | अभिगयजीवाजीवे १४ ४९ तओ दंडा पं० ११ ३ मालि० कालगयं जा | तए ण से सद्दालपुत्ते. सम- तओ पन्नत्तीओ कालेण १० १५२ जेणेव समणे १२ ३८७ । जस्स ३ अंतिए धम्म १४ ४३ । तओ लोगे णिस्सीला णिच्ब०१० AAAAAAAA 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -81 Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ.९सू. १० स्था. ११ स. | १४ उपा १५ अंत अनु. १६ प्रश्न १७ विपा. १२ म. १३ ज्ञा. ॥७ ॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए 4%ARECENERGA सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः। सूत्राधादि, सूत्र. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायङ्कः | तओ समुदा पगईए उदगरसे०१० १४९ तते णं तस्स कंडरीयस्स अण०१३ १४९ | ततेणं तुम मेहा! आणुपुव्वर्ण१३ ३३ तओ से एगया रोगसमु० ८ ८३ | तते णं तस्स कंडरीयस्स रण्णो१३ १५१ | तते ण ते जेणेव से मालुया०१३ ५४ तओ सेहभूमीओ १० १५९ तते ण तस्स तेयलिपुत्तस्स १३ १०९ तते ण ते णगरगुत्तिया सुतच्चस्स उ०एवं खलु पुरि०१८ १४ तते ण तस्स नंदस्स मणि०१३ १०१ भदं सत्थवाह १८ १२ तज्जातदोसे मतिमंगदोसे १० १५३* तते ण तस्स मेहकुमारस्स १३ २३ तडतडतडस्स भज्जति ९ ७९नि. तते णं तस्स मेहस्स अम्मापि०१३ २९ तते णं तेणं दारएणं जाय०१८ १० तणफासे सीयफासे य ८ ८१ॐ तते णं तस्स सुभद्दसत्थवा०१८ तते णं ते नगरगुत्तिया १३ ४५ २१ तणुओ तणुतग्गीवो १. १६७ | तते णं तस्स सेलगस्स रा०१३ ९३ | तते णं ते पंच पंडवा जेणेब ततविततं घणं झुसिरं ८ १२८* तते ण तं दोवई रायबरकनं१३ १२६ हत्थिणाउरे १३ १३३ ततिता करणमि कया १० ९० तते णं तं मेहं अम्मापियरो १३ १८ | तते ण ते पंच पंडवा दोवतीए१३ १२८ | तते णं जिणपालिए चंप १३ ९४ तते गं तीसे धारिणीए १३ १३ ततणं ते मागदिय० तस्स | तते ण जे से सागरदत्तपुत्ते १३ ५५ तते णं से पोहिलाए १३ १०६ । पलाइयस्स तते णं तस्स कच्छुडणारय०१३ १२९ । तते गं तीसे भदाए भारियाए१३ ४१ । तते ण ते मागंदियदारगा १३ ८० RECENCERROREtc 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -82 Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ८आ. ९सू १० स्था. ११ स. १२ म. १२ ज्ञा. ॥ ७१ ॥ सूत्राद्यादि. सूत्रे. तते णं ते सत्थवाहदारगा पुव्वावरण्ह० तते णं तेसि जियसुतपामो०१३ तते णं तेसिं पंथयवज्जाणं १३ तते णं तेसिं मार्गदियदार० १३ तते णं तेसिं सत्थवाहदार०१३ तते णं ते सेलयपामोक्खा १३ | तते गं घेरा पंडुमडुरातो १३ | तते णं थेरा० पुंडरीगिणीए १३ तते णं पुंडरीए सयमेव पंचमु०१३ तते णं० मेहाति समणे ३ मेहं१३ तते णं सागरदारए स्मालि०१३ तते णं सा० तंसि अकालदोह०१३ १३ सूत्रायङ्कः सूत्राद्यादि. सूत्रे. तवे णं सा०दोवई० आवष्ण०१३ | तते णं सा दोवती अञ्ज १३ तते णं सा०दोवती सीयातो ० १३ तते णं सा धारणी देवी तंसि दोहलसि तते णं सा धारणीदेवी सेणि०१३ तवे णं सा० नवण्डं मासाणं १३ तते णं सा० पंथयस्स दास०१३ तते णं सा० पोट्टिला ततेणं सा भद्दा कलं० ५३ ८१ ६४ ८६ ५१ ६७ १३६ १४८ १५० ३२ ११७ १६ तते णं सा भद्दा सत्थवाही तते णं सा रयण० जेणेव जिणपालिए ~83~ १३ १३ १३ १३७ सूत्राद्यादि. सूत्रे. तते णं सा रयणदीवदेवया १३ तते णं सा रयणदीवदेवया १३ १३५ तते णं सा विजय मित्तस्स० १८ सुभद्दा० भारिया १३ १९ ११ २० १३ सूत्रायङ्कः | १३४ ४७ १०४ ११९ ४२ सूत्राद्यङ्कः ८८ ४ ९१ ११ १२१ तते णं सा० सूमालिया अ०१३ तते णं सूमालिया दारिया १३ तते णं से अभए कुमारे जे०१३ ११८ १८ तते णं से अभग्गसेणे कुमारे १८ १८ तते णं से अभयकुमारे सकारि०३ १६ तते णं से अरहनए निरुवस०१३ ७६ १०७ १०३ १३२ तणं से कणगरहे राया अ०१३ तते णं से कणगरहे राया रजे १३ ९३ तते णं से कण्छे वासुदेवे १३ त १४ उपा १५ अंत. अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ७१ ॥ Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा.. १५ अत अनु. |१६ प्रश्न १७विपा. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९.मा सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायकः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायक १.स्था. ट्रितते ण से कलायरिए १३ २१ । तते ण से पंथए दासचेडए १३ ४३ | तते णं से मेहे कंचुइज्जपु०१३ २५ वतेणं से चिलाए चोरसे० ३ १४४ । तते णं से पंथए दासचेडे १३ ४४ । तते णं से मेहे कुमारे १३ २२ १२ भ. १३बा तते ण से चिलाए दासचेडे १३ १४३ | तते णं से पंथए सेलयस्स १३ ६५ | तते णं से मेहे समणस्स. १३ २६ तते णं से जिणदत्तपुत्ते १३ ५६ तते णं से पोट्टिले देवे १३ १०८ | तते णं से मेहे सयमेव पंच०१३ ३० ॥७२॥ तते णं से जितसत्तू राया १३ ९९ तते णं से पोंडरीए अणगारे १३ १५२ | तते णं से विजए चोर० १८ १५ ४ातते णं से जुहडिल्ल राया १३ १३० तते णं से भगवतो गोयमस्स१८ ९ | तते णं से सुए अन्नया तते णं सेणिए राया धारि०१३ १० तते णं से भगवं गोयमे तं०१८ १६ ततो अच्छेज्जा तते णं सेणिए राया पच्चूप०१३ १२ तते णं से महब्बले राया १८ १९ ततो अवायणिज्जा १० १०३ तते णं से दुवए राया दुयं १३ १२३ तते णं से महेसरदत्ते पुरोहिए१८ २४ | ततो गारखा दूतते णं से देवे अंतलिक्ख०१३ १७ तते णं से मेहे अणगारे० इ- | ततो गुचीतो |तते णं से धणे सत्यवाहे १३ ४६ | च्छामि मासिय भिक्खु०१३ ३४ | ततो गविज्जविमाणपत्थडा १० तते णं से धणे सत्थवाहे १३ १४५ तते ण से मेहे अणगारे तेणं ततो जामा तते णं से पंडराया १३ १८७ | उरालेणं १३ ३५ ततो जिणा RSSRARESCRECEsck SHESISUCCECEREGAROCESCORG 'सवृत्तिक आगम ॥७२॥ सुत्ताणि -84 Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत % a सूत्रांक यहां देखीए ८ . ९स. १० स्था. 4 १२म. १३ झा. ॥७३॥ % दीप क्रमांक के लिए सूत्राचादि सूत्रे, सूत्राद्यः सूत्राद्यादि सूत्र, सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः१५ उपा. ततो ठाणा अवसितस्स १० २२३ तत्वो हवइ सयाली ११ १५४* तत्थ णं अत्थेगतियाण १३ ७१ |४|१५ अंत| ततो ठाणाई देवे पीहेज्जा १० १७८ | तत्थ अकारि करिस्संति ८ ६७नि. तत्थ णं चंपाए. देवदत्ता १३ ५२ ८ ततो णो कप्पंति पवावेत्तए१० २०२ तत्थ आरेण जे तसा पाणा ९ ८१ तत्थ ण चंपाए. जिणदत्ते । १६ प्रश्न. ततो पितियंगा तत्थ उ० कंदलसिलिंघदंतो १३ १६नाम सत्थवाहे १३ ११६ १७ विपा. ततो पुरिसजाया १० १६९ | तत्थ उ सण सत्तवण्ण १३ १८७ | तत्थ णं चंपाए ललिया नाम१३ १२० ततो पुरिसजाया पं० १० १६० तत्थ उ० सहकारचारुहारो १३ २०* तत्य णं चंपाएकोणिको १३ सतो महतिमहलया १९ २०५ तत्थ खलु भगवता परिण्णा ८ १० तत्थ णं नालंदाए बाहिरि०९ ७० ततो मंडलिया पव्वता १० २०४ तस्थ खलु भगवता छज्जी तत्थ मियग्गामे गयरे १८ ३ ततो रुक्खा पण्णचा १० १२४ । बनिकायहेऊ तत्थ णं रायगिहे. धणे १२ ३८ ततो लेसाओ दुन्भिगंधा०१० २२१ | तत्थ खलु भगवया परिण्णा ८ १६ तत्थ णं वाणियगामे विजयमि०१८ ८ ततो लोगे समा सपक्खि १० १४८ तत्य खलु भगवया दुवे दिढुं०९ ६७ | तत्थ णं विजए नामं तकरे १३४० तत् जीवाजीवा ८ ३३८नि- तत्थ चोयए पनवगं ९ ६५ | तत्थ तत्थ पुढो पास ८ ५२ तत्चेण ऽणुसिहा ते ९ २१७७ | तत्थ णं अत्यंगतिया आसा१३ १४० । तत्थ दंडेण संवीते ९ १८०* SAEGACACANCIA* देखीए A% 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि A5A5% -85 Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत L- सूत्रांक यहां ८आ.९मू १.स्था. देखीए 42-% ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. EL ॥७४॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्राद्यादि, सूत्रे. सूत्राधकः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यः १४ उपा. | तत्थ पढम अहिंसा १७ ११० तमेव सच्चं नीसंकं ८ १५३ तस्स गं धण्णस्स० पंथए०१३ ३९ १५ अंततत्थ पढमा विभनी १० ८९७ तम्हा उ बज्जए इत्थी ९ २५७० | तस्स णं बारवइए० थावचा १३ ५९ अनु. ट्रा१६ प्रश्न तत्थ मंदा विसीअंति ९ २२९७ तम्हा कम्माणीयं ८ २२१नि. तस्स ण भंते ! छटुंछद्रुण १७ विपा. तत्थ य पाडलसिरीसस० १३ २१* तम्हा ण उ वीसंभो ९ ५८नि., अनिक्खित्तेण १२ ३६५ तत्थ य सियकुंदधवलजो० १३ १९* तम्हातिविज्जो परमंति णच्चा८ | तस्स णं माहणकुंडग्गामस्स १२ ३८२ तथिमा तइया भासा ९ ४६२७ तम्हा दविइक्खपडिए ९ १०९७ | तस्स णं लेवस्स गाहावइस्स ९ ७१ तदाणतरं अभए कुमारे १३ १५ तयसं व जहाइ से रयं ९ १११७ | तस्स ण सुयक्खंधस्स १३ १५३ तप्पभिई च ण से गंगेये १२ ३३८ तवनियमविणयवेलो १२ ११०* | तस्स णं सेणियस्स धारिणी १३ ८ तमुकाए कप्पपणए १२ ५१० तबसंजमणाणेसुवि ९ ४३नि तस्स णं सेणियस्स पुत्ते नंदाए१३७ तमकायस्सणं चचारि नाम०१० २९१ तवसंजमप्पहाणा ९ ११४नि. तस्स य अलियस्स फल०१७ ८ तमेगे परिभासंति ९ २११* तसकाए दाराई ताई ८ १५२नि. तस्स य णामाणिक अभ११. १४ | तमेव अविजाणता ९ ५२१* तसाचि बुच्चंति तसा ९ ७७ | तस्स य णामाणि०अलिये११७६ ॥७४॥ तमेव अवियाणता ९ ६१७ | तस्स इमा पंच भावणातो १७ २३ | तस्स य णामाणि चोरिकं १७ १० SARA--ॐ5 SA%A9-. 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि % 786 Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक ८आ. ९स. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यक सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्या सूत्रायावि. सूत्रे. सूत्राय १४ आ. १०स्था. तस्स य नामाणि०परिग्गहो११७ १८ तहिं तहिं सुयक्खायं ९ ६०९४ तं च भिक्खू परिबाय ९ ७७* | १५ अंत११ स. तस्सि च णं गिहपदेसंमि ९ १२ भ. ७२ तहेव केइ परस्स दबं गवेस०१७ १२ । तं च भिक्खू परिबाय ९ १९४* | तस्सेगट्ठपवत्तण ८ ६नि. तहेव चत्तारि पुरिसजाया १० २८३ | तंजहा पुरस्थिमाओ ८ २ १६ प्रश्न ॥ तहप्पगारेहि जणेहि हीलिए ८ १३८७ | तहेवाणतणाणीण ४१७ विपा. ११ ४२७ तंजहा सोयपरिणाणहि ८ ६४ ॥ ७५॥ तहविय कोई अत्यो ९ १८९नि. ते आइत्तु न निद्दे न निक्खिवेद १२८ तं णो करिस्सामि समुट्ठाए ८ ४०नि. तहागय भिक्खुमणंतसंजयं ८ १३७* | तं गच्छ णं तुम आणदा! गो- तंतिसमं तालसमं १० ७५* तहा गिरं समारम्भ ९ ५१३१ यमाईणं एयमट्ठ परि० १२ ५४९ तं धिरत्थु ण अज्जो णाग०१३ ११४ तहारूबं० समण वार तं च पुण करेंति केई पावा १७ तं नेइ पिता तीसे किंफला पन्जुवासणा १२ १०१ तं च पुण निसेवंति सुरगणा १७ १५ तं पभू णं० गोसाले० |तहारूवं भंते ! समणं वा० तं च पुण परिग्गहं ममायंति | तते णं०एगाहच्च भासरासिं१२ ५४८ किंफला पज्जुवासणता १. १९० । कोभघत्था १७ १९ | तं परिक्कमंतं परिदेवमा० ८ १७७ ॥8॥ तहा विमुक्कस्स परित्रचारिणो८ १५३* | तं च पुण बदंति केइ अलिय १. ७ तं परिणाय मेहावी द तहिं च ते लोलणसंपगाढे ९ ३१६७ तं च भिक्खू परिण्णाय ९ २४३* तं परिणाय मेहावी ८ ७७ के लिए देखीए CIRCRACKAGECRECCES BAHRADCASTACT 'सवृत्तिक आगम 18॥७५॥ सुत्ताणि -877 Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ.९५ ११ स. १२ भ. दीप क्रमांक ॥७६ ॥ PEACOCA-E- के लिए सूत्राद्यादि. सूत्रे, सूत्राद्यङ्कः। सूत्राद्यावि. सूत्रे. सूत्रायका सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायकः। १४ उपा. तं पुण करेंति चोरियं १७ ११ तिण्हं गणिपिडगाणं सत्ता तिपतेसिता खंधा अणंता १० २३४ १५अत HI अनु. तं भिक्खू सीयफास ८ २०७ | वनं अज्झयणा ११ ५७ | तिमिसगुहाणमट्ठ जोयणाई १० ६३६ तं भुजमाणा पिसितं पभूतं ९ ७०६* तिण्हं दुप्पडियारं १० १३५ तिरिक्खजोणियपवेसणएणं. १६ प्रश्न. १७विपा. तं मग्गं गुत्तरं सुद्धं ९ ४४८* | तिचकडुयं कसायं १३ ३९ | कतिविहे ? १२ ३७३ तसि भगवं अपडिमे ८ ९ | तितकडुयं कसायंच १३ ४६* | तिरिया मणुया य दिवगा ९ १२५* तं सुणेह जहा तहा संति० ८ १७४४ | तित्थकरेहि सुदेसियमगं १७ १३ | तिलए य लोहजंघे ११ १६० लात से अहिआए ८ १७ तित्थगराण भगवओ८ ३३३नि. तिबिट्ठ जाव कण्हे ११ १२८ | तालेगट्ठियबहुबीयगा १२ ८८* तित्थयरे य जिणवरे ९ नि तिविधा अणुना १० १७५ तिउट्टई उ मेधावी ९ ६१२ | तित्थयरे चउनाणी ८ २७७नि. तिविधा कप्पठिती | तिक्खाहिं मूलाहि निवाय०९ ३३६० तित्थं भंते ! तित्थं तित्थगरे१२ ६८२ विविधा देवकिबिसिया १० १९९ | तिगिच्छिकेसरिदहाणं २१ ११७* | तिनि सहस्सा सत्तय १२ ४८ | विविधा नेरइया १० तिण्णेवय कोडिसया १३ १०* | तिव उत्तराई ११ ६* तिविधा बोधी १० तिण्णेव गाउआई ११ ११२७ 'तिमेव य कोडिसया , ८ ११४० तिविधा लोगठिती १० % A4% A देखीए 'सवृत्तिक आगम सुल्ताणि ऊया % ~88 Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए । १९२ १४ उपा. १५ अंत १६ प्रश्न. १७ विपा. दीप क्रमांक सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायका ८आ. ९स. सूत्राचादि सूत्रे. सूत्रायकः। सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्राद्यक १० स्था. तिविधा बावची १० २१८ |तिविहाजोणी १० १४० तिविहे काले ११ स. तिविधा संसारसमावनगा १० १६२ | तिविहा तणवणस्सइकाइया १० १४१ तिविहे चक्खू १२ म. |तिविधे अभिसमागमे १० २१३ |तिविहा तसा १० १६४ |तिविहे जोगे १३ बा.५ तिविधे अंते तिविहा तिरिक्खओणिया १० १३१ । तिविहेण जावि से तत्थ ८ तिविधे करणे १० २१६ तिविहा तिविहा जोणी ८ १५५नि. तिविहेणवि पाणमाहणे ९१६३५ ७७॥ तिविधे पायच्छिचे १० १२१ तिविहे दसणे १० १८४ तिविधे पोग्गलपडिधाते १० २११ |तिविहा पन्नवणा १० १९४ | तिविहे धम्मे तिविधे मिच्छत्ते १८७ |तिविहा परियारणा |तिविहे पणिहाणे तिविहं तु भावसम्म ८ २१८नि तिविहा पन्वज्जा १. १५७ तिविहे पायच्छित्ते तिविहा आराहणा |तिविहा पोग्गला १० १८६ तिविहे पोग्गलपढिघाते १० तिविहा ओसप्पिणी १० १३७ |तिविहा मच्छा १० १२९ तिविहे भगवता धम्मे |तिविहा कहा १० १८९ विविहा य दवसिज्जा ८ ३०२नि-तिविहे मरणे तिविहा गरहा १. १२७ | तिविहा विउव्वणी १० १२० । तिविहे मेहुणे AE%A FACAREQUCARECACAC १०१ के लिए देखीए १२२ A २१७ 'सवृत्तिक आगम १० २२२ १२३ ॥७७॥ % सुत्ताणि -15 5% 789 Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए | १४ उपा. |१५ अंत १६ प्रश्न १७विपा. दीप क्रमांक ८आ.९सू सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायकः सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्राद्यः। सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रयङ्काः ०१स्था. Fतिविहे लोगे १. १५३ | तिहिं ठाणेहिं मायी मार्य कटु १० १६८ | तुज्झ य विगयघणविमल. १३ २८० ११ स. | तिविहे वयणे १. १७५-१९३ तिहिं ठाणेहिं लोगंधयारे १० १३४ | तुम्भे भुंजह पाएसु १२ भ. ९ २१५* |तिविहे बबसाए १० १८५ तिहिं ठाणेहिं वत्थं धरिज्जा१० १७१ तुमंसिणं जाया! अम्हं एगे पुत्ते१३ २७ १३ ज्ञा. तिब्बं तसे पाणिणो थावरे य९ ३०३* तिहिं ठाणेहि समणे०महानि०१० २१० तुमंसि नाम सच्चेवजं ८ १६५ ।। ७८॥ तिसंठिया विमाणा १० १८० | तिहिं ठाणेहिं साहम्मिय १० १७३ ते अन्नमन्नस्स उ गरहमाणा ९ ६८०* तिहिं ठाणेहिं अच्छिन्ने १० १३८ | तिहिं ठाणेहिं संपण्णे १० १३६ तेइंदियाणमट्ठ जातीकुल० १० ६५९ तिहिं ठाणेहि अप्पयुट्ठीकाते१० १७६ तिदुगपाडलजंबू ११ १०९४७ तेइंदियाण भंते! कओहिंतो०१२ ७१० तिहिं ठाणेहिं अहुणोववन्ने १० १७७ तीसं मोहणीयठाणा ११ ३० तेउकाइयाण भते कओ० १२ ७०६ |तिहिं ठाणेहिं जीवा अप्पा० १० १२५ | तीसा य पण्णवीसा ११ ६७७ | तेउस्सवि दाराई ८ ११६नि. कम्मं पगरिति तीसाय पनवीसा १२ ९ ते एवमक्खंति अबुझमाणा ९ ५४० तिहि ठाणेहि तारारूवे चलिआ१० १३३ | तीसे ण चपाए. पुण्णभद्दे १३ २ ते एवमक्खंति समिच्च लोग ९ ५४५७ | तिहि ठाणेहि देवे चतिस्सा०१० १७९ | तीसे ण समाए भारहे० मणु- ते चक्खु लोगसिह णायगा३९ ५४६ | तिहिं ठाणेहिं देसे पुढवीए १० १९८ । याण केरिसए आगार० १२ २८७ । तेणं अज्जमुहम्मे समोसरि१४ के लिए RECAR KORORSCOPIECCA-%9A-. देखीए 'सवृत्तिक आगम P ॥७८॥ सुल्ताणि -90 Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत A सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९स १०स्था- ११ स. १२ म. १३ ज्ञा. ॥७९॥ अनु. दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्राद्यादि. सूत्रे, सूत्राचा सूत्राचावि. सूत्रे. सूत्राय: सूत्राचादि सूत्रे. सूत्राचा उपा. तेणे अधिक मते अधिकए हब्वमागच्छति? १२ ६२४ | तेणे० किमिदं भंते ! नगरं ४१५ अंतरणमि वाउयाए वक्कमति:१२ ५६२ | तेणे. अहं गोयमा ! तीस रायगिहीत पवुच्चद १२ २२२ तेणे अस्थि ण ते! चमरस्स. वासाई आगारवासमझे १२ ५४१ तेणं कुणाला नाम जणवए १३ ७७ का१६ प्रश्न. तायत्तीसा देवा १२ ४०३ तेणं. अहोलोगवत्थब्बाओ १३ ७२ तेणं कुरुजणवए होत्था १३ १७विपा. ७९ तेणं० अस्थि ण भंते जीवा तेणं. अंगानाम जणवए १३ ७५ तेणं० केमहालएणं भंते लोए१२ ४५६ णं पाणाइवाएणं किरिया १२ ६०२ तेणं ईसाणे कप्पे अणिदे १२ १३५ तेणं० कोसला नाम जणवए१३ ७४ तेणं उप्पले णं भैते! एगपत्तए तेणे कोसंबी उदायणे नामं १२ ४४० तेणं० अन्नउस्थिया० भयवं । किं एगजीवे अणेग० १२ ४०८ तेणं०चमरस्सण कति अग्ग०१२४०४ | गोयमं० तुज्झेण अज्जो! तेणं. उल्लुयतीरे सक्को तेण चंपा० अज्जसुहम्मे तिविहंति. अस्संजया १२ ६४१ देवेण० पभूआगमित्तए १२ ५७४ | जेद्वे अंत जंबुद्दीवेणं १५ १ तेणं० अम्मडस्स परिवा०१२ ५२८ | तेणं. कप्पस्स समोसरणं ११ १५७ | तेणं. चंपा० कोणिए राया १५ १८ १ तेणं०अह भते! पाणाइवाए. तेण कहिं णं भंते जंबुद्दीवे १२ ३६० तेणं०चंपानामं नयरी १२ २२७ ॥७९ ॥ | जीवाणं० परिभोगत्ता | तेणे० कासी नाम जणवए १३ ७८ । तेणं० चंपा नामं नयरी १३ १ SAR CA-4-C CCORCA-नर 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि A -91 Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ar- E १४ उपा. १५ अंत १६ प्रश्न १७विपा. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९सा सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राय सूत्राचादि सूत्रे. सूत्रायः १० स्था. | तेण० चेपा नाम नयरी १४ १ ११ स. | तेणं. देवेणं० अर्णतरं चयं | तेणे० पासावच्चिज्जे का. | तेण० चंपा०समणस्स अंत.. १२ म. चइत्ता विसरीरेसु नागेसु० १२ ४५८ | लासवेसियपुत्चे १२ ७७ १३ ज्ञा | अज्जसुहम्मे १८ १ | तेण० धम्मघोसा नाम थेरा १३ ११३ | तेण पुरिसे ण भते पुरिसंह- . | तेण चंपा० सूरिया उदीणं १२ १७५ णमाणे किं पुरिसं हणइ १२ ॥८॥ | तेण० जाव अंतेवासी | तेण० धम्मघोसा नाम थेरा १३ ४८ १२ १४९ | तेण धम्म सोच्चा पब्ब०१३ ९५ तेणं. पोलासपुरे नगरे १५ तेण जीवेण० पावकम्म १५ तेणं. बहवे संखपामोक्खा १२ ४३६ किं बंधीइ? । तेण धायतिसंडे० भरहे चंपा०१३ १३१ १२ ८११ तेण बारवई रेवतए उज्जाणे१५ १० तेण जीवेणं भते कसमयमणा०१२ २५९ | तेणे. पंचालेसु० कपिल्लपुरे १३ १२२ | तेणं. बारवतीए नयरीए १५ ५ तेणंजीवेण भैते जीवभावेणं तेणं० पंचाले जणवए १३ ८० | तेण बारवती० रेवतते नंद०१५ ११ किंपढमे०१ १२ ६१७ | तेण० पासावच्चिजा थेरा १२ १०७ | तेण भगवं गोयमे०किमिदं | तेणे परगा अंतो बट्टा ९ ३७ | तेण० पासाबच्चिज्जा० से मैत! सरिए १२ ५३६ तेणं० देवलोग सणं० देवाणं नूर्ण० असंखेज्जे लोए.. तेणं० महामुक्काओ०दोदे- । केवतियं कालं ठिती १२ ४३२ । उप्पग्जिसुवा , १२ २२५ । वा०समणस्स ३ अतिय०१२ १८८ MAAVALA 'सवृत्तिक आगम ADA-AA. सुत्ताणि -92 Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९८. १०स्था. ११ स. १२ म. |१८ उपा. १५ अंत अनु. |१६ प्रश्न १७विपा. १३ज्ञा. दीप ॥८॥ क्रमांक के लिए Satt%AUSAHARGESCALEGESCHECEM सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायका सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रया | तेण० माहणकुंडग्गामे उस | तेण राय सोहम्मे स०१८ ३१ भदचे माहणे १२ तेणराय० गुणसिलए०११६ . ४ ३७९ | तेणं. लोगतिया देवा १३ ८३ तेण मोया नाम नगरी १२ १२५ | तेण राय चेल्लणा देवी १५ १३ | तेणवाणियमि गामे०सोमितेणराय० अजसुहम्मस्स तेणराय चमरे १२ १४१ लेनाम माहणे १२ ६७ समोसरणं तेणं० राय जेढे अंते. तेणंरायः ईसाणे १२ १३३ तेणे. विमलस्स पोप्पए तेण राय कतिण भते ले०१२ ७१७ इच्छामि पं० छद्रुक्खमण. धम्मघोस० अण. १२ ४३० | तेणराय कासवे णाम गा०१५ १४ भिक्खा अडित्तए १२ ११० तेण विसाहा नाम नगरी | तेणंराय. खंदयस्स० अ०१२ तेणराय नालंदा नाम बा०९ ५९ सक्के १२ ६१८ तेणसण जेद्वे. बेईदिया. तेणं० राय० मड्डए नाम तेण० सक्कस्सासणं चलति १३ ८२ आणमंति वा० १२ समणोवासए - १२ ६३५ तेणं० सके० वज्जपाणी | तेणराय० गुणसिलए-.. | तेणं राय मंडियपुत्ते कतिणं | केवलकप्पं जंबुद्दीव पासति १२ ५६८ १२ ३०४ किरियाओं ११ १४० बहवे अबउत्थिया | तेण समणस्स अंते अइमुत्ते१२ १८७ 1१२ ३३६ । तेणराय० सेणिए राया १२ ४ | तेणं समणस्म अंते अअसु०१३४ देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -93 Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ.९सू. मा १०स्था . १४ उपा. १५ अंत ११ स. १२भ. १३ज्ञा १६ प्रश्न १७विपा. दीप क्रमांक के लिए RECERecity सूत्राचादि सूत्रे. सूत्रायका सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यः सूत्राद्यादि. सूत्र.. तेण समणस्स अंते आणंदे | तेणं० समणे० कयंगला० तेण संतरं भैते ! नेरइया उवनाम थेरे १ २ ५४७ समोसरणं १२ ९० बज्जति निरं०१२ ३७० तेण समणस्स अंते नारय०१२ २२० | तेणं० समणे० गुणसिलए १३ १४६ | तेणं० सामी समोसढे १२ ४४१ तेण० समणस्स० अते. पा- तेण समणे जाव समोसड्डे१२ ४३३ | तेणं० सामी समोसढे १४ ४७ | ईणजाणवए सब्वाणुभू०१२ ५५२ | तेण समणे तएणं से काम०१४ २४ तेण सुदंसणे० कइ० काले १२ ४२३ तेणे. समणस्स. अंते. तेण० समनाए नायपुत्चे ८ ४०२ | तेणं० सुष्वयाओ नाम अ०१३ १०५ |मागंदियपुत्ते०१२ तेण० सेलगपुरे नाम नग०१३ ६१ | तेण० समणे. पंचहत्धुतरे ८ ३९८ | तेण समणस्स० अंते० रोहे १२ ५४ | तेण हस्थिणाउरे सिवे ना० १२ ४१६ | तेणं० समणे० पुरिमुत्तमे १२ ५ तेणं हालाहाला नाम कुंभ| तण समणस्स. जेढे अंते. | तेणं समणे० पुब्बाणुपुब्बि १३ २४ कारी सावत्थी १२ ५३९ इंदभृति | तेणं० समणे० समोसरणं १४ ५३ तेणावि नते ओहंतरा ९ २०* | तेण० समणस्स० जेट्टे अंत तेण० समणे समोसरिए १४ १५ | तेणवि न ते गम्भस्स पार०९ २२* इंदभूति १८ ४ वेणं. सम्वदेवाणं आसणा०१३ ८४ । तेणावि न ते जम्मस्स पारगा ९ २३ ACTEACOCA- देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि A. -94 Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ त कार + थ कार + द कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) आगाशीतिमुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकतिः ८आ. ९. १० स्था. ११ स. १२ म. १३ ज्ञा. ॥ ८३ ॥ सूत्रायादि. सूत्रे. तेणाविन्न ते दुक्खस्स परगा ९ तेणावि० न ते मारस्स पारगा ९ तेणाविन्न ते संसारपारगा ९ तेणेव कुब्वंतिण कारवंति ९ ते तिप्पमाणा तलसंपुढंव ९ तेतिंदियाणं जीवाणं० छब्बिहे १० ते तीयउप्पन्नमणागयाई ९ ११ ९ तेत्तीस आसायणाओ ते य बीओदगं चैव तेयाली कम्मविवागज्झ० ११ ४३ तेयासरीरप्पयोगबंधे णं कति०१२ ३४८ तेरस किरियाठाणा तेरसपएसियं खलु ११ ८ सूत्रायङ्कः सूत्राचादि. २४० तेच्छिया मणुस्सा २५* तेवीसं सुयगडज्झयणा २१* ते सव्वे पावाउया ५५१* ३२२ ५२१ १३ ४१नि सूत्रे तेसि मताणुमणं ५५०३ तेसि च रक्खणड्डा तेसि तवो ण सुद्धो २२* ते हम्ममाणा णरगे पडंति ३३ थकारः ९ ते संजुत्ता णावावाणियचा १३ ते संपगादंसि पवज्जमाणा ९ ९ ८ ९ ११ 95 ९ ९ सूत्रायङ्कः सूत्राचा दि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः १४७ नि. धणियं व सहाण अणुत्तरे उ९ ३७०० ६० | थावच्चापुते विणिग्गए १३ थुइणिक्खेवो चउहा धूलं उरब्भं इह मारियाणं धेरे णं अग्गिभूई गणहरे २३ ४२ १३९ ३३२ १२० नि. घेरेहिऽणुग्गहट्टा २९६नि. ४३४* दक्खिणाए पडिलंभो ३१९* दच्चाय अदच्चाय दकारः दर्द्ध संबुद्धो रक्खिओ ३४* दप्पपमायणाभोगे ९ ११ ८ २८७नि. ९ १० ८४ नि. ९ ७०५७ ७४ ६६७* १०* १९४नि. थणजहणवयणकरचरण १३ थणजहणवयण करचरण० १३ ४४* दप्पप्पमादष्णाभोगे थति लुष्पंति तसंति कम्मा ९ ४००# दया वरं धम्म दुर्गुछमाणा ९ ७१३० १० १४६* १२ १०४० 996 १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ८३ ॥ Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए RRORK दीप क्रमांक ॥८४॥ के लिए ८आ. ९सू सूत्रायावि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायकः सूत्रायादि सूत्रे. सूत्राधा ४ उपा. ०१स्था. १५ अंतFादव इरियाओ तिविदा ८ ३०९नि दवं संठाणाई ८ ३२७नि दमे०पंचविहो संसारो ८ १९१नि. ११ स. दब्बगुणो दव्वं चिय ८ १७९नि. दग्वाभिलावचिंधे ९ ५४नि. दण्वे सच्चिचाई ८ ३८नि१२भ. 18 दबविमुक्खो नियलाइएसु ८२५८नि. दबिए पंधणुम्मुक्के १६ प्रश्न ९ ४२०० दव्वे सच्चित्तादी ९ १७०नि. १७ विपा. . दव्वं गंधंगतिलाइएसु ८ ३३० दबुग्गहो उ तिविहो ८ ३२०नि. दब्वे सीयलदव्वं ८ २००नि. |PIदवं च परमादी ९ ३७नि दबुवहाणं सपणे ८ २८१नि. दरोगाहण आएस ८ २८५नि. | दवं जाणण पच्चक्खाणे ८ ३७नि. दये किर एजणया ९ १६६नि. दस अच्छेरगा पण्णचा १० ७७७ दव्वं तु पौडयादी ३नि दब्वे खित्ते काले ८ १७८नि.१९१नि दस इंदियत्थातीता पण्णचा१० ७०६ दव्वं निद्दावेज्जो ९ ४२नि. दवे खित्ते काले सिज्जा ८ ३०१नि. दस कप्पा इंदाहिडिया १० ७६६ दव्वं पओगवीसस ५नि. दग्ये खित्ते काले० उग्गहो ८ ३१९नि. दसचोइसअट्ठारसेव ११ ६३० दवं सत्थग्गिविसमेहं. ८ ३६नि. द खित्ते काले १२ ८४७ दस ठाणाई छउमत्थेण १० ७५४ दव्वं सरीरभविओ ८ २८नि. दवे खेत्ते काले ८ ३५१नि दस ठाणाई छउमत्थे सब| दव्वं सरीरभविओ ८ ७०नि. दब्बे खेत्ते काले भावपरि०८ ३५३नि. भावण न जाणइ २१ १२ ३१६ ॥८ ॥ | दवं संठाणाई ८ ३२६नि. दबे खेते काले भावमि ८ ३५२नि. दस णक्सत्ता णाणस्स वि०१० ७८१ देखीए %E-CRORSC-CA 'सवृत्तिक आगम सुल्ताणि -96 Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ७०९ १२म. दीप क्रमांक ८आ. ९स. सूत्राद्यादि. सूबे, सूत्राद्यक: सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राधा सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राधा १४ उपा. १०स्था. दसहवि पणरसमे संव० १४ ५७ | दसविधा समाधी पण्णचा १० ७११ | दसविधे संजमे प... ४१५ अंत११ स. दस थेरा पण्णचा १० ७६१ । दसविधा ससारसमा० १० ७.१ | दसविधे सुद्धवाताणुओगे १० ७४४ अनु. दसदसमिताणं भिक्खुपडि०१० ७७० दसविधे अंतलिक्खिए० १० ७१४ | दसविधे सोक्खे पत्ते १० ७३७ १६ प्रश्न. दसदसमियाण भिक्खुपीड०११ १०० दसविधे उवधाते १० ७३८ दसविदा पडिसेवणा १० ७३३ १७विपा. ८५॥ दस दसाओ पण्णताओ १० ७५५ | दसविधे जीवपरिणामे १० ७१३ दसविहा भवणासी १० ७३६ दस पुत्ता पण्णत्ता १० ७६२ दसविध धम्मे ७६० दसबिहा सामायारी प०१० ७४९ दसमस्स उक्खेबो० सावत्थी१४ ५६ दसविधे पच्चक्खा० ७४८ दस विहा सामायारी १२ दसमस्स उक्खेबओ १३ १६४ दसविधे बले ७४० दसविहे अणते पण्णचे १० दस मुंडा पनचा १० ७४६ दसविधे मिच्छत्ते १० ७३४ दसविहे आससप्पओगे १० ७५९ दसविधा तणवणस्सतिका०१० ७७३ दसविधे सत्थे १० ७४३ दसविहे पायच्छिते ८०२ दसविधा नेरइया पण्णता १० ७५७ | दसविधे सरागसम्म० १० ७५१ दसबिहे दरियाणुओगे १० ७२७ दसविधा पव्वज्जा पण्णत्ता १० ७१२ दसविधे संकिलेसे पण्णत्ते १० ७३९ । दसविहे दाणे पं० ७४५ द दसविधा लोगडिती १० ७०४ । दसविधे संखाणे प० १० ७४७ । दसविहे सच्चे पं० १० ७४१ CRE के लिए देखीए ७३१ -% AAAA-% 'सवृत्तिक आगम -* सुत्ताणि - * -97 Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९सू. १.स्था. अनु. १२ भ. १३ ज्ञा दीप क्रमांक के लिए सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि, सूत्रे. सूत्राद्या सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रधार | दसविहे सदे पं० १. ७०५ | दसहि ठाणेहिं सह तेतसा- दाहिणभरहस्सण जीवा ११ १२२ १५ अंतदसबिहे समणधम्मे ११ १० भास कुज्जा १. ७७६ | दाहिणडमाणुस्सखेत्ताणं दि.१६ प्रश्न. दस सण्णाओ पं० १० ७५२ दहणे पयावण पगासणे ८ १२१नि छावढि चंदा ११ ६६ २७विपा. दस सागरोवमकोडाको० १० ७५६ दंडदारू तहा पाणं १२ ७०* | दाहिणपासंमि उ ८ ५२नि. दस सुहुमा पण्णचा १० ७१६ दसणनाणचरित्तेतरिया प.८ १५६नि. दाहिणपासमि य दाहिणा ८ ४८नि दसहिं ठाणेहि अच्छिन्ने पोग्ग- दसणनाणचरित्ते तववेरग्गे ८ ३३२नि. दिहिवायस्स ण छायालीसं ११ ४६ ले चलिज्जा १. ७०७ दसणवयसामाइय १४ १२* | माउयापया दसहि ठाणेहिं अहमंतीति १. ७१० दसणविणए आवस्सए य १३ ५ दिडिवायस्स णं दस नाम.१० ७४२ | भिज्जा दाणट्ठया यजे पाणा ९ ५१४७ | दिवा दंसण णाणा १२ | दसहि ठाणेहि ओगाढं दु०१० ७६५ दाणाण सेट्ठ अभयप्पयाणं ९ ३७४ | दिग्णे य वराहे पुण दसहि ठाणेहिं कोधुप्पत्ती १० ७०८ दारूणि सागपागाए ९ २८२७ | दिब्बो मणुस्सघोसो ८ १२९012 दसहि ठाणेहिं जीवा आगमेदाबद्दवे उदगणाए ११ १८० दिसिसंवुडअणगारे १२ ६२ सिमदचाए कम १० ७५८ दावदवे उदगणाए १३ २७ 'दिसोदिसंऽणवजिणेण ताइणा८ १४१* देखीए ॐॐॐॐॐ 'सवृत्तिक आगम CA-RA. सुत्ताणि -987 Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ८आ. ९सू. १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. ॥ ८७ ॥ %%%% सुत्रायादि. सूत्रे. दीवकुमारा णं भंते! सब्बे समाहारा ? दीवदिसाउदीर्ण दीवदिसाउदहीणं दीवदिसाउदी दीसंति समियायारा दुओणयं जहाजाये दुक्खाउए उदिने दुक्खी मंते! दुक्खेण फुडे० दुक्खी मोहे पुणो पुणो दुग्गइफलवादीणं सूत्राचङ्कः १२ १२ ९ सूत्राद्यादि. सूत्रे. दुबालसंगे गणिपिडगे दुबिट्टू य तिविडू क १२ ५९० ११ ११ १२ ११ ९ ६६६* दुविहं समिच्च मेहावी ७* दुविहा आराहणा पत्रत्ता *६* दुविधा उ आउजीवा २६५ दूविहा उ वाउजीवा १५४* दुविहा खलु तसजीवा ९ १११नि दुबिहा गरिहा पत्ता ४४नि, दुबिहा नेरइया पद्मत्ता ६१* दुविह वणस्सजीवा ६९* दुविपि वित्तार्ण ११* विमिवि तिगमेदो सूत्राचादि. दुविधा बायर पुढवी १५९* दुविहा बोधी पक्षता १२७नि दुविहा मुच्छा पद्मत्ता १८* | दुविहाय तेजीवा ८ ९ ११० नि. दुविधा य पुढविजीवा ८ 99~ ११ ११ ८ १० ८ ८ ८ १० दुपएसाई दुरुत्तर ८ १० दुपए सिता खंधा अनंता १० ११८ दुविहा पुढविकाइया पं० १० सूत्रायहः । ६३६ सूत्रे. ५७० दुविधा य भावसिज्जा दुविहा सहा पत्ता १०७ १०७नि दुविधा संसारसमावनगा दुविहे अद्धोमिए पद्मते दुविहे आयारे पत्ते दुविहे उम्माए पनचे दुविद्दे काले पण्णत्ते दुविहे कोडे पत्र १६५ नि. १५३ नि. ६१ ७९ ७३ ८ १० १० सूत्राचकः ७२नि. १०४ १०६ ११७नि. ८ ७१नि. ८ ३०४नि. १० ८३ १० १०१ १० ९९ १० ८४ १० ६८ १० ७४ १० १०० १४ उपा. १५ अंतअनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ८७ ॥ Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ११ स. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९२ सूत्राद्यादि. सूत्रे, सूत्रायः। सूत्राधावि. सूत्र. सूत्रायकः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रामा १४ उपा. ०१स्था. लहान ॥ दुविहे तवे पन्नते १२ ८०३ दुहओ ण विणस्संति ९ १६७ | देवे णे० पभू लवणसमुई १५ अंत| दुविहे दंसणे पन्नत्ते १० १२ भ. ७० दुहओवि तेण भासंति ९ ५१७* अनु. अणुपरि० हब्बमाग०१ १२ ६३८ । दुविहे धम्मे पनचे १३चा.IN ७२ १६ प्रश्न दुइओवि धम्ममि समुट्ठि० ९ ७१४* देवेण० पुवामेव रूबी भवित्ता १७विपा. | दुविहे नाणे पन्नत्ते दुहावेयं सुयक्खायं ९ ४११* | पभू अरूविं विउम्बित्ताणं ॥८८॥ | दुविहे पच्चक्खाणे ५० दूर अणुपस्सिया मुणी ९ ११५* १२ ५९८ | दुविहे बंधे पनत्ते देवकुरुउत्तरकुरुयाओ गं ११ ५३ । | दुविहे सद्दे पाते । देवेणं भंते! महाकाए अण१० ८१ देवकुरु सुसमसुसमा ८ १८१नि. दुविहो अ होइ मोहो ८ १८८नि. देवनरिंदनमंसिय पूर्व १७ १४७ | | गारस्स मोवाइवएजा'१२ ५०५ दुविहो भावविमुक्खो ८ २५९नि. देवपवेसणएणं मते! कतिविहे १२ ३७५ | देवे णं मंते! महिड्डिए. १२ ६१ | दुबै रासी पन्नचा ११ १४९ देवागंधब्बरक्खसा ९ ९३* दवे ण. मोहाड्डए० पभू | दुव्वसु मुणी अणाणाए ८ १०१ देवाणं भंते! कयराए भासाए१२ १९० । तिरियपब्बयं वा० उल्लं०१२ ५१६ दुहओ छेत्ता नियाइ ८ ९० देवीण मणुईण ८३५६नि. देवे ण भंते! महिड्डिए० पभू दुहओ जीवियस्स परिवंदण०८ १२० । देवेण पभू एगवन विउ०१२ २५२ । भासासहस्सं भासित्तए । १२ ५३५ ACEAE 4% AAAAAA 'सवृत्तिक आगम % सुत्ताणि % - 100 Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ८आ. ९. १० स्था. ११ स. १२ म. १२ ज्ञा. ॥ ८९ ॥ सूत्रयङ्का !! सूत्राद्यादि. सूत्रे. देवेणं० रूपसहस्सं विउब्वित्ता पभू अम० संगामं संगा०१२ ६३६ देवे गं० लोगंत ठिच्चा पभू अलोगंसि हत्थे वा० आउं०१२ दो असुरकुमारिंदा पं० १० दो किरियाओ पन्नत्ताओ १० दो चक्कबट्टी अपरिचत० १० ९ दो चैव सुधा दोच्चारणं सक्करप्पभाए १० दो ठाणाई अपरियाणित्ता १० १० दो ठाणाई परियादित्ता दोण्डे उबवाए पं० दोपि रतसुक्काणं १० १० ५८७ ९४० ६० ११२ २२नि १४६ ६४ ६५ ८५ ३१ सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः दो तिगरा नप्पलसमा १० १०८ दो दंडा पा १० ६९ दो दंडा पचता ११ २ दो दिमाओ अभिगिज्झ १० दो भंते! असुरकुमारा एगंसि१२ दो भंते! असुरकुमारा एगंसि १२ दो अंते! दव्वा किं पयोगपरि०१२ ३१३ ६३० दो भंते! नेरतिया एगंसि ने२०१२ ६२८ दो भंते! नेरतिया पढमसमयो दो भंते! पुरिसा सरिसवया० एगे पु० पराइणइ० से क० १२ ~ ७६ ६२७ 101 ~ सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायहः दो भंते! पुरिसा सरिसया एगे पु० अगणिकार्य उ०१२ ३०६ १०२ दो मरणारं समणेणं दोसकलिया सललियं दो समाओ पद्मत्ताओ दोसु कप्पे कप्पत्थियाओ १० दोसु कप्पेसु देवा का दोहिं ठाणेहिं आता केव० १० लगा किं समजोगी ०११२ ७१९ दोहिं ठाणेहिं आता सरीरं १० १० १३ १० ६७ ११४ ११६ ११५ ६३ ९८ ९७ १० दोसु कप्पेसु देवा तेउलेस्सा १० दोहिं ठाणे अग १० २३# दोहिं ठाणेहिं आया अधो० १० ७१ दोहिं ठाणेहिं आया केवाले १० ८० ६६ १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ।। ८९ ।। Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [द-कार + ध-कार + न-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९स ०१स्था. १४ उपा. १५ अंत le% १६ प्रश्न. १७ विपा. % ९०॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए AC-% सूत्राद्यादि सूत्रे. सूत्रायका सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्राद्या सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राचा दोहि ठाणेहि पोग्गला १. ८२ | धम्ममि जो पमायइ ८ २०४नि. धायइसंडे दीवे पुरथिमद्धे धकार। धम्मातो णं अरहाओ संती १० २२८ । णं धायतिरुक्खे १० ६४१ धण्णे य सुणक्खने १६ १७ धम्मो पुबुद्दिडो ९ ९९नि धायतिसंडगा णं मंदरा दस धम्मस्थिकारण. केमहा०१२ १२२ धम्मो समाहिमग्गो ९ २७नि- जोयणधरणितले १९ ७२१ | धम्मस्थिकायस्स णं भैते! धरणस्स० छ अग्गमदि० १० ५०८ घिई मई य संवेमे ११ । केवइया अभिवयणा! १२ ६६५ | धरणस्स० छस्सामाणिय० १० ५०९ | धुणिया कुलियं च लेववं ९ १०२७ धम्मपण्णवणा जा सा९ ३८७ धरणितले मदरस्सणं ११ ११८ | धुवं चयं जाणिज्जा ८ १९ धम्मपण्णवणा जा सा ९ २१५७ धंसेइ जो अभूएणं ११ २८७ | धोयण रयणं चेव ९४४८० धम्ममायाणह पवेइयं ८ २०३ घाति य हाडेंति य ९ ६.नि. धम्मस्स य पारए मुणी ९ ११९० धायइसंडे ण अडसढि चकव०११ ५८ | न कम्मुणा कम्म खवेंति वा०९ ५४९७। धम्म कहतस्स उणत्थि दोसो ९ ६७२७ | धायइखंडे पं०चत्तारि० ११ १२७ | नट्टविही नाडगविही १० १२० । धर्म चरमाणस्स पंच णिस्सा०१० ४४७ धायइसंडे० चचारि जोय०१० ३०६ न तस्स जाई व कुलं व वाणं ९ ५६७० धम्ममि जा दढा मई .९ ६०नि. धायइसंडे पुरथिन्दो वासा१. ९२ न तं सयंकडं दुक्खं १ २९० 55-ॐॐॐA-%-1 नकार 'सवृत्तिक आगम C9% ॥९० सुत्ताणि ~102 Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम लागि [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ न-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी - साहित्य) ८आ. ९सू. १० स्था. ११ स. १२ म. १३ ज्ञा. ॥ ९१ ॥ *% सूत्रे. सूत्राद्यादि. नत्थि कालस्तष्णागमो नत्थि पुण्णे व पावे वा नत्थि य सि अंगुवंगा नत्थ अंतराएवं सूत्राधङ्कः सूत्राद्यादि. सूत्रे सूत्रायङ्कः ८ ८१ नव उणिता वत्थू १० ६७९ १२* नवहं बंभचेराणं एकाव उद्देसणकाला ९ ८ ९८नि ११ ४६५* नव देवनिकाया पण्णत्ता १० ५७८* नवनवमियाणं भिक्खुपडिमा ११ १८८ ११ ९ न पूयणं चैव सिलोयकामी ९ नममाणा वेगे जीवियं ८ नमिस्स णं अरदओ एगूणचतालीसं आहोहियसया ११ नमिस्स णं अरहओ एकचत्तालीसं अज्जिया० १० १५ ११ नवमस्स उ उक्खेवओ नवमस्स उक्खेवो० सावत्थी १४ नवमो य महापउमो ११ नमो सुवस्स नवविधे नोकसायवेयणिज्जे १० नलिणे णं । एगपत्तए किं नवविधे पावसुयपसंगे १० एगजी अणेग० १२ ४१५ नवविद्दे आउपरिणामे पं०१० १२ ३९ नव वंभरगुतीओ नव वंभरगुतीओ ४९ ३ P 103 ५१ ६८४ ८१ ९ ६६३ ७ सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राधड़ नव सम्भावपयत्था १० ६६५ नवहिं ठाणेहिं संभोतितं १० ६६१ नवं न कुज्जा विहुणे पुराणं ९ न सक्का गंधमाघाउं ६८८* ८ १३३* न सक्का न सोउ सद्दा ८ न सक्का फासमवेएर्ड ८ न सफा रसमस्साउं ९ ८ १३१* १३५० १३४४ | १३२* ९८ नसक्का रूपम नंदणवणस्स णं० उबरिल्लाओ११ १२३० नंदा तह नंदमती ५५ ७०० ६७८ १५ ८* नंदीचुगाई पाहराहि ९ २८६* नंदे व नंदमित्ते ६८६ नाइविगिहो उ तवो ११ १५८० ८ २७१नि. १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ९१ ॥ Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [न-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९स. SECRUSSC १०स्था. ११ स. अनु. १२ म. दीप १३ ज्ञा क्रमांक ९२॥ के लिए ॐॐॐ सूत्राधादि, सूत्रे. सूत्राधः। सूत्राद्यादि, सूत्रे. सूत्रायका सूत्राचावि. सूत्रे. सूत्रायः मा१४ उपा.. ४ नाईयमटुं न य आगमिस्सं ८ १२नामंठवणादविए (समय) ९ २९नि- निक्खेवो गाहाए ९ २नि |१५ अंत| नागकुमाराण भते सम्वे समा०१२ ६१२ नामंठवणादविए. आहारे ९ १६९नि. निग्गंथधम्ममि इमं समाहि ९ ७१० १६ प्रश्न. नागो संगामासे वा ८ ८८* नामंठवणापुढवी ८ ६९नि. निग्गं च णं गाहा केह १७विपा. | नाणं विसई एव० ८ ३४० नामठवणासम्म ८ २१६नि. दोहिं पिंडेहि उवनिमंतेज्जा १२ ३३२ नाणावरणिज्जण० कम्मं किं ८ १९९नि. | निग्गषेण य गाहा०अकिच्च०१२ ३३३ | इत्थी बंधइ १२ २३६ नामंठवणुबहाणं ८ २८०नि. | नाणाविहसंठाणा ८ १३३नि. नारई सहई वीरे निझाइत्ता पडिलेहिता ८ ५१ नाणाविहाई दुक्खाई ९ २६* नालंदाए समीवे ९ २०४नि नित्तेहिं पलिच्छिन्नेहिं ८ | नामंठवणविक्खो ८ २५७नि. नालिए ण मते एगपत्तए निदेसं नाइववेज्जा ८ १६९ | नामंठवणाअई ९ १८४नि. कि एगजीवे अणेग? १२ ४१२ | निइसे पढमा होती १० नामठवणा इरिया ८ ३०८नि. निउणो उ होइ कालो ८ ८९नि. निहोस सावंतं च १० | नामंठवणा० खेतेऽद्धा ९ १६७नि निक्खमपवेसकालो ८ १५६नि. निफाइया य सीसा ८ नामंठवणादविए ८ ४०नि. निक्खम गेहाउ निरावकंखी ९ ४९६२ | नियमाणा वेगे २७ AREASEAAE-%Aवव देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~ 104 Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [न-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए अनु. १२भ R१७विपा. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९सू. सूत्राचावि. सूत्रे. सूत्राधा सूत्राचादि सूत्रे. सूत्रायः सूत्राथापि. सूत्रे. सूत्राय १४ उपा. १०स्था| रयगइयानिण मैते. जीवा कि | नीललेस्समवसिद्धिया चउ | नेरहए कि देसणं देसे ४१५ अंत११ स. 6 नाणी अनाणी? १२ ३१८ | सुवि जुम्मेसु १२ ८३६ | आहारह १२ ५९ र निरयगई ण केवतिय कालं १३ ज्ञा. १६ प्रश्न | नीहारि पिडिमे लुक्खे १० १४२ नेहए कि देणं देस १२ ५८ | विरहिया उववाएणं १२ ८३ नेयास्स मग्गस्स ११ ॥९३॥ ४३० | नेरहए ण नेरतिएमु उपच०१२ १७३ INIनियाणसुह सायं ८ २०७नि. नेयाउयं सयक्खाय ९४२१७ | नेहएण० पावं कम्मं किंबंधी३ १२ ८११४ | निव्वाणं परमं बुद्धा ९ ५१८ | निसग्गुवतेसई १० १५९४ | नेरइएण० आउयं कम्मं किं नेरइयतिरियमणुया ८१५४नि. |निसम्म से भिक्ख समीहियई ९ ५९६* बंधीह? १२ ८१५ नेरइया . अणंतराहारा १२ ४७३ | निसहनीलतियाओ११ ९४ नेरइए ण. अगणिकायस्स | नेरहयाण० काविहा पोग्गला१२ १३ |निस्संगया य छ। ८ ३४नि मझ० वीइवएज्जा १२ ५१४ नेरइयाण कहं सीहा गती १२ ५०० | निहाय दंडं पाणेहिं ८ ८ नेरइए ण अणंतरं उब्याट्टि नेरयाण. कंखामोहणिज०१२ ३७ नीललेस्सखड्डागकडजुम्म जे भविए० सेणे करं नेरड्या पं० किं अणंतरो०१२ ५०१ ॥ १३॥ | नेरइया णे कओ उव० १२ ८३२ | आउयं पढिसंवेदेति १२ ६२९ । नेरइयाणं किं अत्ता पोग्ग०१२ ५३४ ECIALOKSACARKAE%ABAR ROMANACESS 'सवृत्तिक आगम सुल्ताणि ~105 Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ न-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि- अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) ८आ. ९. १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा 1198 11 सूत्रत्यङ्कः! सूत्राद्यादि. सूत्रे. नेरsario कि आओक्क ६८७ मेणं उपवज्जति परोव० ११२ नेरइया गं० किं एगतं पभू विउब्वित्तए १ १२ २०८ नेरइया पं० किं कतिसंचि० १२ ६८८ नेरइया णं० किं वीयीदब्वाई आहारेति अवी० १ १२ ५१८ नेरइया गं० किं सचिताहारा १२ ४८७ नेरइया पं० किं सारंभा२१ १२ २१८ नेरइया ० किं सासया असा० १२ नेरइयाणं० केवइकालं ठिई १२ नेरइयाणं० केवइयं कालं ठिई ११ नेरइयाणं० केवश्यं कालं ठिई १२ २७९ १० १५१ ४२६ सूत्रः द्यादि. सूत्रे. नेरइयाणं० जीवाओ किचलिंग कम्मं बंधीत २ १२ नेरइया गं० जे पोग्गले अच० आहारेति ते किं आयसरीरखतोगाढे १ सूत्राचड: १५ कम्मत्ताए १२ नेरइयाणं तओ लेसाओ १० नेरइयाणं ततो सरीरगा प० १० नेरइया णं दसविध वेयणं १० 106 नेरइया गं०जे पोग्गले आहारचाए गेहंति तेसि णं० कति भाग आहारेति २ १ १२ ६२३ नेरतिता दुगतिता नेरहया णं० जे पोग्गले तेया १२ २५७ नेरइयाणं० पुव्वाहारिया पोग्गला चिया नेरइयाणं० सच्चे समाहारा १२ १० सूत्राचादि. सूत्रे. नेरइया पं० पावे कम्मे जे यकडेरे सब्बे से दुक्खे० १२ २९४ नेरइयाणं० पुव्वाहारिया पोग्गला परिणया १ १४ १३२ २०७ ७५३ सूत्रायड़ा १२ ११ १२ १२ २२ ७८ नेरतिया दस ठाणाई पञ्चणु० १२५१५ नो कप्पइ निग्गंथाण० उद्दि • डाओ० पंच महण्णवातो० १० ४१२ नो कप्पड़ निग्गंथाण० अबतणाई वदितते १० ५२७ 15194PSC নতলত १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ९४ ॥ Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ न-कार + प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक सत्राप यहां देखीए ८आ.९सू १०स्था . ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. 81१६ प्रश्न. दीप ॥९५॥ क्रमांक सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायक सूत्रायावि. सूत्रे, सूत्रायका सूत्राधादिः सूत्रे. * १४ उपा. नो कप्पइ निग्गंथाण वा० पउमं उनषेत्तुं ९ १६२नि- पज्जत्तसंखेज्जवासाउय. ४.१५ अंत| पढमपाउसंसि गामा० १. ४१३ पउमावती य गोरी १५ ५ जे भविए सक्कर से ण के०१२ ६९८ अनु. | नो कप्पति निग्गंथाण वा० पउमुत्तर नीलवंते १. ९४० पज्जत्तसंखेज्जवासाउय. चउहिं महापडिवएहिं० १० २८५ १७ विपा. | पउमुत्तरे महाहरी ११ १२१३ जे भविए सक्क०से ण केवइ| नो चेव ते तत्थ मसीभवति ९ ३१५* पउमेणं० एगपत्तए किं एग कालहितीएसु उव० १२ ६९६ | नो तासु चक्खु संवेज्जा ९ २५११ जीचे अणेग० १ २ ४१३ । | पज्जत्तीभाव खलु ९ २०३नि. पउमे य महापउमे | पडिचोइओ य कुविओ | पईवस्स णं. झियायमाणस्स ११ १५७* ८ २६८नि.8 पडिमागतस्समीवे ९ १९७निकिं पदी झियाति ५१ १२ ३३४ पओगपरिणयाण-पोग्गला १२ ३०९ पउमप्पभस्स चित्ता १० ३२७/ पक्खिप्प तासु पययति बालं ९ ३२४० कप्पति तओ उवस्सया १० १९१ |पउमप्पभे गं० अड्डाइज्जाई पगईचउकगाणंतरे ८ २१नि. पडिमापडिवचस्स णमण. BI धणुसयाई उन ११ १०३ | पच्चखाण जाणइ. १२ ४२७ कप्पति चत्तारि भासातो १० २३७ | पउमपहे णमरहा पंचचित्ते१० ४११ । पच्चखाणे विउस्सग्गे ॥९५॥ ११ ५८७ पडिलोमे सुदाई 'पाडळाम मुद्दाई ८ २४नि. कककक के लिए पकार: Se%AE-%AAAE देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~107 Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए | अनु. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ.९सू. सूत्राचादि, सूत्रे, सूत्रधक्काः सूत्राचादि सूत्रे. सूत्राचक सूत्राधावि, सूत्रे. सूत्रायका १४ उपा. १.स्था. |पडिबज्जित्तु चरितं ८ १३०७ पढम होह अहिंसा १. १०७ पढमे संथव संलव ९ ५६नि- ११ स. १५ यत१२ भाद्र पडिसेवण दोसाऽऽलोयणा य१२ १०३७ पढमा होइ सुभदा ११ १२४७ | पढमे संबोहो अनिच्चया १ ४-नि |१६ प्रश्न १३ ज्ञा. पडिसेहणगारस्सा ९ २०३नि. पढमित्थ विमलवाहण १० ७८७ | पढमे सुत्ता अस्संजयाति ८ १९७नि १७विपा. पढमजुगलमि सत्त उ १२ ४५७ | पढमे उवागमण निग्गमो ८ ३१४नि. पणतीसं सच्चवयणाइसेसा ११ ३५ ॥९६॥ पढमदोच्चपचमासु० अट्ठा पढमे गहणं बीए ८ ३१८नि पणया वीरा महावीहि ८ २१ वन निरयावास० ११ ५८ | पढमेत्थ उसमसेणे ११ ११४ पण्णरससु अजायणेसु ६ १४.नि. पढमसमयकडजुम्म २ एगि० पढमेत्थ बहरणाभे ११ ८५७ पण्णवगदिसट्टारस कओ उवव० १ २ ८५८ | पढमेत्थ विमलवाहण ११ ७७ पण्णवगदिसाए पुण। ६२नि. | पढमसमयजिणस्स णं चचारि | पढमे दंडसमादाणे अट्ठा पण्णसमते सया जए कम्मंसा १० २६८ | दंडवचिएति ९ १८ | पाहावागरणे ण एगो सुय०१७ | पढमसिवा सुयी तह ११ १९८७ | पढमे नियगविहुणणा ८ २४९नि. पत्ते कसिणे आया पदमंमि य पडिलोमा ९ ४९नि. पढमे विसाह मायदिए य १२ ७८० | पत्तेया पज्जचा सेदए ८ १३४नि.४ पढममि सव्वकामं १५ ११ पढमे सम्मावाओ ८ २१४नि. पत्तेया साहारण - १२८नि GEEKSIECESSARAUSTRESS नाAAAAAA 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~ 108 Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक *% यहां सूत्रामा १४ उपा. ८आ. ९सू १०स्था. ११स. % देखीए १२भ. १५ अंत| अनु. १६ प्रश्न. ४१७ विपा. %E ९७॥ दीप क्रमांक के लिए O सूत्रायादि सूत्रे. सूत्रगा। सूत्राचादि सूत्रे. सूत्राचा सूत्राधादि सूत्रे. हा पत्थेण च कुडवेण व ८ ८७नि. पभू ण वाउकाए इत्थिरूवं परकिरियं अज्झत्थियं ८ ३९५ | पत्थेण व कुडवेण व ८ १४४नि वा० विउवित्तए १२ १५६ | परमचे अन्नपाण पारस परमाहम्मिआ ११ १५ पभूर्ण. सक्के० ईसाणस्स० | परमाणुपो• असिधारं वा पत्रवण वेद रागे १२ ९५ अंतिय पाउन्मवित्तए १२ १३८ | खुर० ओगाहेज्जा' १२ २१३ पत्रं जहा वणिए उदयट्ठी ९ ६८७५ | | पभूण०सक्के पुरिसस्स सीसं० | परमाणुपो०एयतितं तं भावं१२ २१२ कमंडलुमि निक्खिवित्तए १२ ५३१ । परमाणुपो. कतिवमे ११ ६३२ | पनामयं चेव तवोमयं च ९ ५७१* पभू दोसे निराकिच्चा ९ ५०८* | परमाणुपो० कतिववे४१ १२ ६६९ पभूण अणुत्तरोववाइया केव- पमत्तसंजयस्स णं कालओ १२ १५३ । परमाणुपो. कालतो केव०१२ २१६ लिणा सद्धिं आलावं वारकरे०१२ १९५ ८ ४५ परमाणुपो० किं सअड्डे |पभूणं० चोद्दसपुव्वी घडाओ पमायं कम्ममाईसु ९ ४१३* समझे सपएसे १२ २१४ | घडसहस्स०अभिवि उवदं०१२ १९९ पयाता सूरा रणसीसे ९ १६६७ | परमाणुपोकिं चरमे अच०१२ ५१२ | पभूण बलाहगे. इस्थिरूवं पयावई य बंभो ११ १२५* परमाणुपो कि सड्ढे अणड्डे १२ ७४४ । वा० परिणामेत्तए १२ १५७ । पयावती त बंभे य १० १०९० / परमाणुपो० किं संखेज्जा १२ ७४१ देखीए 'सवृत्तिक आगम ARK सुल्ताणि ~109 Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९स १० स्था. 69-- १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न १७विपा. दीप १२ भ. १३ ज्ञा क्रमांक ॥९॥ के लिए देखीए CRACKERAL सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यः सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रापा सूत्राद्यादि सूत्र, परमाणुपोकिं सासए अ० १२ ५११ परंपरोववमएण० नेरइए पार्व परियाणिआणि संकता. ९ परमाणुपो०कि सेए निरेए १२ ७४५ । कम्मं किं बंधी३१ १२ ८१७ | परिसा निग्गया १२ परमाणुपो० दब्बड्याए कि परंपरोववनगाण नेरइया कि परिहरइ जो विसुद्ध १२ १००* कडजुम्मे ! १२ ७४३ किरियावादी १२ ८२८ । पलासे f० एगपत्तए किं० परमाणुरो परमाणुपोग्गलं परिकम्मं बवहारो १० १५६४ एगजीवे अणेग.१ १२ ४१० फुसमाणे किं देसेण देसं०१२ २१५ परिक्कमे परिकिलंते ८ ३२* पलिउंचणं च भयणं च ९४४७* | परमाणुपो लोगस्स पुरच्छि- | परिग्गहनिविट्ठाणं ९४३९० पलिओवमद्वितीया १० १२३* मिल्लाओ चरि०पच्छिमिल्लं च० परिचत्तनिसीलकुसील० ९ २६नि पक्यण मंते! पवयण पाक्य०१२ ६८३ एगसमएणं गच्छति? १२ ५८५ परिणय चिया य उवचिय १२ ३७ एवयंति य अणगारा ८ ९९नि परमाणुपो० वाउयाएणं परिणाम वण्ण रस गंध १२ ३३७ पहू एजस्स दुगुंछणाए ८ ५६ फुडे बाउ०१ १२ ६४५ परिभासिया कुसीला ९ ८८नि. पंच अणुग्धातिता पण्णचा १० ४१४ | परलोगम्मि य नट्ठा १७ २०० परिमंडलेणं. संठाणे दबढ़- पंच अधिकाया पण्णता १. ४४१ | परवइ वागरणं पुण ८ ६६नि. याए कि कङजुम्मे १२ ७२८ । पंच आसवदारा पण्णत्ता १० ४१८ RECERECORCE-CAR-0a 'सवृत्तिक आगम सुल्ताणि ~110 Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए Re% दीप क्रमांक के लिए सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राचादि सूत्रायक सूत्रे, सूत्राय सवाद्यादि. ८आ. ९सू. सूत्रे. सूत्रायक १४ उपा. १० स्था. | पंच इंदियत्था पण्णचा १० ४४३ | पंच पडिमातो पण्णचा १० ३९२ | पंच य महन्बयाई ८ २९४निद्रा ११ स. पंच उक्कला पत्ता १० ४५६ | पंच पडिसंलीणा पण्णता १० ४२७ पंच रातककुडा पण्याचा १० ४०८ १२ म. |पंच किरिया पं० त० ११ ५ | पंच पुरिसजाता०हिरिसचे १० ४५२ | पंच वणीमगा पण्णत्ता १० ४५४ १६ प्रश्न १३ ज्ञा. ज्ञा. पंच खंधे वयंतेगे ९ १७* पंचमगस्स चउत्थे ८ २८९नि| पंच वना पण्याचा १० ३९० G१७विपा. ॥१९॥ पंच गतीतो पण्णचा १० ४४२ | पंच मच्छा पण्णचा १. ४५३ पंचविधा तणवणस्सतिका०१० ४३१ |पंच ठाणाई छउमस्थे १० ४५० | पंचमवग्गस्स उक्खेवओ १३ १५९ | पंचविधा संसारसमावन०१० ४५८ पंच णक्खचा पंचतारा १० ४७३ पंचमसरसंपमा | पंचविध आजीविते १०४०७ पंच णिही पण्णता १० ४४८ पंचमहव्वयसुब्बयमूलं १७ १२% पंचविधे आयारपकप्पे १० ४३३ पंचण्डं संजोए ९ ३३नि- पंच महव्यया पण्णत्ता १० ३८९ | पंचविधे आयारे पण्णचे १० ४३२ ट्रपंच तित्थगरा कुमारवा०१० ४७१ | पंचमाए णं धूमप्पभाए १० १४७ पंचविधे उवघाते पं० १. ४२५ |पंच थावरकाया पण्णचा १० ३९३ | पंचमासियं णं भिक्खुप० १० ४२४ | पंचविधे जीवस्स णिज्जा०१० ४६१ पंच निग्गंथा पण्णत्ता १० ४४५ | पंचमी त अवाताणे १० ८८% | पंचविधे संजमे १० ४२८ पंच निसिज्जाओ पं० १० ४०० पंच य महन्वयाई ८ १४नि. पंचविहा इड्डीमंता मणुस्सा १० ४४० देखीए A-% 'सवृत्तिक आगम ॥ ९९ सुत्ताणि ~111 Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए EORE १४ उपा. |१५ अंत अनु. १६ प्रश्न १७ विपा. दीप १२ भ. १३ ज्ञा. ॥१०॥ CRACK Loca क्रमांक -% के लिए सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्राधकः सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राधावि. सूत्रे. सूत्राय पंचविहा जोइसिया १०४०१ पंच संवच्छरा पण्णत्ता १० ४६० पंचहि ठाणेहिं छउमत्थेणं १० ४०९ पंचविहा पडिहा पण्णता १० ४०६ | पंचसंवच्छरिए णं जुगे बावढि पंचहि ठाणेहि जीवा दुबमपंचाबहा परितारणा १० ४०२ । पुचिमाओ ११ ६२ । बोधियत्ताए १० ४२६ | पंचविहा परिबा पं० तं० १० ४२० | पंचसंवच्छरियस्स णं जुग० ११ ६. पंचहि ठाणेहिं जीवा दोग्ग०१० ३६१ | पंचविहे छेयणे पं० १० ४६२ |पंचसंवच्छारयस्स रिउमा०११ ६१ पंचहि ठाणेहिं जीवारत आ०१० ४२३ पंचविहे णाणावरणिज्जे क०१० ४६४ | पंचसु कामगुणेसु य ८१८५नि.. |पंचविहे गाणे पण्णते १० ४६३ | पंचसु विसएसु सुभेसु ९ १०५नि. पंचहिं ठाणेहिं पुरिमप० पंचविहे पच्चक्खाणे पं० १० ४६६ पंचहिं ठाणेहिमित्थी पुरि० १० ४१६ जिणाणं दुग्गर्म १० ३९६ |पंचविहे पडिक्कमणे पण्णचे१० ४६७ | पंचहिं ठाणेहिं अचेलए प०१० ४४५ पंचहि ठाणेहिं० रायंतेउर०१० ४१५ |पंचविहे ववहारे पं०१० ४२१ | पंचहिं ठाणेहिं आयरियउव० | पंचहि ठाणेहिं समणे नि०१० ३९७ | पंचविहे सझाए पण्णचे १० ४६५ | गणावकमणे १० ४५९ पंचहिं ठाणेहि साहम्मि.१० ३९८ | पंचविहो पण्णत्तो १७ २ | पंचहि ठाणेहिं०एगतओ ठा०१० ४१७ पंचहि ठाणेहिं सुत्तं बाएज्जा१०.४६८ | पंच समितीतो पण्णत्ताओ १० ४५७ । पंचहि ठाणेहिं ओहिदसणे १० ३९४ । पंचहि ठाणेहिं सुते विबुजो०१० ४३६ देखीए C A 'सवृत्तिक आगम E0% -CCESS ॥१०॥ सुत्ताणि २-% ~ 112 Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप ॥१०॥ क्रमांक सूत्राद्यादि. ८आ. ९सू सूत्रे, सूत्राद्यका सूत्राधादि. सूत्रे, सूत्राद्यकः सूत्रायादि. सूत्रे, सूत्रायः१५ उपा. | पंचहि समणे णिग्गीथ गिह- पंथो मग्गो माओ ९ ११५नि. पावोवरए अपरिग्गहे ८ २४८नि-४॥ |१५ अंत माणे० णातिकमति १० ४३७ | पाओ सिणाणादिसु णस्थि०९ ३९३७ पासत्थोसण्णकुसील ९ १०२नि. | पंच हेऊ पण्णत्ता १० ४१० पागब्भि पाणे बहुणं तिवा०९ ३०४ पासस्स णं अरहोल्छ सता |१६ प्रश्न. १३ ज्ञा.ट्रपंच हेऊ पण्णता पाणवहो नाम एस निच्चं १७ १ वाटी ५२० १७ विषा. | पंचिंदियतिरिक्खजोणि पाणहाओ य छत्तं च ९ ४५४* पासस्सणं अरहओ०अडग०१० ६१७ या चउगईया १० ३६७ पाणाइवाते वट्टता ९ २३२* पासस्सणं अरहओ०अडतीस पंचिंदियतिरिक्ख० कओ०१२ ७१२ पाणा देहं विहिंसंति ८ २६* अज्जियासाहस्सीओ ११ ३८ |पंचिंदिया ण जीवा०पंचवि०१० ४३० | पाणिणा संपिहिताणं ११ २३७ पासस्स णं अरहओ अद्भुट्ठ पंचिंदियाणं जीवाणं दस०१० ७१५ | | पाणिवह मुसावाए ८ ३३१नि. सयाई चोइसपु०संपया ११ १०५ पंचव अणुपुव्वी १२ ५८ पाणे य नाइवाएज्जा ९ ४२९ | पासस्स गं अरहओ तिनि सय पंचेव य उज्झित्ता १७८ पाणेहि णं पाव विओजयति ९ ३१८ | साविया संपया ११ १२६ पंडिए वीरियं लर्बु ९ ६२८७ पायच्छेयण भेयण ८ ९७ पासह एगे रूवेसु गिद्धे ८ १४६ 13 ॥१०॥ पंतं लूह सेवति ८ १०० । पावाई कम्माई पकुव्वतेहिं ९ ३९७० पासावच्चिज्जो पुच्छियाइओ९ २०५नि के लिए ASSIS PROCIRCLOSECOREGARCA5%% देखीए 'सवृत्तिक आगम सुल्ताणि ~ 113 Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १०स्था . अंत १२ ६७२ दीप क्रमांक ८आ. ९सू- सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्या सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्या १४ उमा. | पासिय आउरपाणे ८ ११० पुच्छिस्सु णं समणा माह. ९ ३५२ पुढविक्काइए ण इमीसे रय ११ स. १२ भ. है पासे णं अरहा पुरिसादाणिए१० ६९० पच्छिम जंबुणामो ९ ८५नि पु० समो० पासे भिसं णिसीयंति १३ ज्ञा. १६ प्रश्न पुढे गिम्हाहितावेणं ९ १६९४ पुढविट्ठिति ओगाहण १२ पाहण्णेण उ पययं पुढविदगाणं तु रस १७ विपा. न पुट्ठण मे चिट्ठइ भूमिवहिए ९ ३६२५ ॥१०२॥ पाहणे महसदो ८ ३५०नि. पुट्ठो य दसमसएहिं ९ १७६७ पुढविं ओगाहित्ता पाहने महसद्दो १२ ९ ८३नि. 38 पुढवि च आउकायं च ८ | पिउसेणकण्हा नवमी १५ १०॥ पुढविकाइए ण इमीसे रख०१२ ६०५ पुढवि समारभंता ८ १०३नि | पिनागपिंडीमवि विद्धसले ९ ६९४४ पुढविकाइए णं सोहम्मे कप्पे पुढवी आउक्काए ८ १२३नि. | पिया ते थेरओ तात! ९ १८४४ समोहए १२ ६.६ पुढवी आउ तेऊ य ९ १८ | दा पिंडेसणसिज्जिरिआ ११ २०* | पुढविकाइयस्स पं०केमहा०,१२ ६५४ | पुढवी उ अगणी वाऊ ९४४४। पिंडेसणाए जा णिज्जुत्ती ८ २९८नि. पुढविकाइया णं०कओहिंतो०१२ ७०२ पुढवीए जे दारा वणसइकाए८ १२६नि. पीती य दोण्ह दूओ९ १९३नि. पुढविकाइया में पुढविकायं पुढबीए निक्खेचो ८ ६८नि.४ पुच्छिस्सऽहं केवलियं ९ ३००० व आणमंति वा४ १२.३९१ । पुढवी जीवा पुढो सत्ता ९ ५०३७ RECAAAAAAE के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ॥१०२॥ - 114 Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत A सूत्रांक यहां देखीए ११ स. १४ उपा. १५ अंता अनुका१६ प्रश्न. ४१७ विपा. १२ भ. दीप क्रमांक के लिए ८आ. स. सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायकः। सूत्राधादि, सूत्रे. सूत्राय १०स्था. पुढवी देवमणंतर १२ ७३% पुर्व रवं च अलंकियं १० ६८० पुरिसेणं कच्छंसिवा १२ अग | पुढवीफार्स अण्णाणुवक्कम ९ ६५नि. पुरओ बहंति देवा ११ ९५० णिकायं नि०से पु०कति०१२ ६७ १३ ज्ञा. | पुढवी य आऊ अगणी य ९ ३८१* पुरओ सुरा वहंती ८ १२४* | पुरिसे कच्छंसि वा उसु नि. पुढवी य सक्करा वालुगा ८ ७३नि पुराकडं अद्द! इमं सुणेह ९ ६६९७ से पु० कतिकिरिए १२ ६८ ॥१.३॥ | पुढवी य सक्करा वालुया ९ ५३२* पुरिमपच्छिमगाणं पणवीस | पुरिसे गं०कच्छंसि वा कूड पढवीवि जीवा आऊवि जीवार ३८७* भावणाओ ११ २५ | पास उद्दाइ०से पु० कति०१२ ६६ | पुढो य छंदा इह माणवा उ ९ ४८९२ | पुरिसबेयणिज्जस्सणं जह पुरिसे णं कच्छंसि वान्तं विMIपुढोवमे धुणइ विगयगेही १ ३७६७/ अट्ठ संवच्छराई बंधठिती १० ६५८ | बेज्जा सेणं०पुरुकिमिय०१२ ६९ | पुढो सत्थेहिं विउद्दन्ति ८ २९ पुरिससीहे गं वासुदेवे दस पुरिसेणं पुरिसं सत्तीए०से पु० पुणो पुणो गुणासाए ८ ४४ । वासस० सम्वाउंयं ११ १३३ | कतिकिरिए १२ ७० पुणो पुणो पणिधिए ११ २६ पुरिसं च विद्रूण कुमारग वा ९ ६९६ | पूरिसे गंवासं वासति नोवा॥5पुण्णा बहुपुत्तिया चेव १३ ५४७ पुरिसे णं अयं अयकोहसि | सतीति हत्थे वा आवडावेमद पुत्रं पिया समारम्भ ५ ५५७। उबिहमाणे वा २ कति०१२ ५६४ । माणे वा०कतिकिरिए १२:५८६ SHARADASTICORIGOLD देखीए AAAEETECCLAS 'सवृत्तिक आगम ॥१०॥ सुल्ताणि ~115 Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९. १० स्था. १२ म. १३ त्रा ॥१०४॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए CRECEPECIECPECRECTROLOR सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्रयङ्काः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राधा सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राचा १४ उपा. ट्रा पुरिसेत्ति विनत्ति न एव० ९ ७००* | पुलाएणं किं कम्मभूमीए०१२ ७६२ | पुलाएणपुलागतं जहमाणे१२ ७७५ १५ अंतपुरिसोरम पावकम्मुणा ९ ९८* | पुलाए प०किं ठियकप्पे होज्जा१२ ७५४ । पुलाए णब्लोगस्स किं संखेज्ज०१२ ७८४ अनु. १६ प्रश्न पुलाएणं० कइसु सरीरेसु०१२ ७६१ | पुलाएक०किं तित्थे होज्जा१२ ७५९ | पुलाए ण. लोगस्स संखेज्जइ.१२ ७८३ | १७बिपा. पुलाए णं कतरंमि भावे हो०१२ ७८५ पुलाए णकि पडिसेवए होज्जा१२७५६ पुलाए ण सकसायी होज्जा १२ ७६९ पुलाए णकति कम्मप्पगडी०१२ ७७४ धुलाए f०किं वड्डमाणपरि०१२ ७७१ | पुलागस्स ०एगभवग्गहणीया पलाए णं कति कम्मपगडी १२७७२/७७३ पुलाए णं किं समोवउत्ते होज्जा१२७७६ | केवतिया आगरिसा १२ ७७९ | पुलाएकति भवग्गहणाई१२ ४७८ पुलाए ण०किं सयोगी होज्जा१२ ७६७ | पुलागस्स f० कति समुग्धा०१२ ७८२ पुलाए णं०कतिसु नाणेसु० १२ ७५७ पुलाए ण०कि सरागे होज्जा१२ ७५२ पुलागस्स केवतिय कालं१२ ७८१ पुलाए ण कालओ केवचिरं०१२ ७८० पुलाए ण किंसलिंगे होज्जा१२ ७६० । पुलागस्स ण केवतिया चरि०१२ ७६६ पुलाएण. कालगए समाणे पुलाए णं किं सलेस्से होज्जा१२ ७७० | | पुलागस्स णं केवतिया संज०१२ ७६५ किं गतिं गच्छति १२ ७६४ पुलाए थे०किं सागारोबउ०१२ ७६८ | पुलाया ण एगसमएणं केव०१२ ७६८ पुलाए णं किं आहारए हो०१२ ७७७ पुलाएण०कि सामाइयसं०१२ ७५५ | पुब्वभद्दवयाणक्खत्ते दुता०१० ११० ४ ॥१०४॥ पुलाए ण किं ओसप्पिणि०१२ ७६३ । पुलाए णं केवतियं सुयं अहि०१२ ७५८' | पुन्या य पुब्बदक्षिण ८ ५६नि. ॐa. NACEAECA-KARO 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~ 116 Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [प-कार + फ़-कार + ब-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९स. १०स्था११ स. १२ भ. १३ज्ञा. ॥१०॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्रागादि. सूत्रे. सूत्राद्यकः सूत्राचादि. सूत्रे, सूत्राद्यः। सूत्राद्यावि. सूत्रे. सूत्रायक १४ उपा. 8 पुवावरा छलंसा १२ ४३* पोलासं रायगि १४ ३ | बवं च चालवं चेव ९ ११नि. १५ अंतपुचि उक्खित्ता माणुसेहिं ८ १२३ फकार: | बहवे गिहाई अवहटु ९ २६३७ ४ पुचि उक्खित्ता माणुसेहिं १३ १३४ | फरुसाई दुचितिक्खाई ८ ५०० | बहवे पाणा पुढोसिया ९ १९८० १६ प्रश्न. पुचि ओक्खित्ता माणुसेहिं११ ९३* | फलगलयं दोलणविच० ९ १०८नि. बहुकम्मवत्थपोग्गल० १२ ३९* &१७विपा. पुब्बि च इण्डिं च अणाग० ९ ६७१७ | फलोदएणं मि गिहं पविट्ठो ८ २२९नि. बहुगुणप्पगप्पाई ९ २२२* पुचि भंत किरिया पच्छा १२ १५० | फाणियगुले णं भंते! कतिव०१२ ६३१ बहुजणणमणमि संवुडो ९ १९७० | पुव्वेण असोगवणं . २०| फासिंदियदुइंतचणस्स १३ ४२० | बहुजणस्स यारं ११ ४०* पुस्से पुणव्वसू पुण्णणंद ११ १०२* | फासेसु य भयपावएसु १३ ५२* बहुजणेण०एवं खलु अम्मडे १२ ५२९ पूईकम्मं न सेविज्जा ९ ५११४ बकार: | बहुजणे णसंगामेसु अभिमुहा० पूयफलं तंबोलयं ९ २८९* बचीसट्ठावीसा ११ ७०।१२ १२* देवताए उववत्तारो० १२ ३०२ पूयरुहिरकेसट्टि ९ ८०नि. बचीस जोगसंगहा ११ ३२ | बहुदुक्खा हु जन्तवो ८ १७५ || पेढालपुत्ते अणगारे १६ २७ | बचीसं धणुयाई ११ १११७ | बंधे चेव मोक्खे चेव १० ५९ | पोग्गल आसीविस १२ ५६* 1 बद्धो य बंधहेऊ ८ ३३९नि. बंधोदयवेदोयसंकमे . १२ ५* 4555AAAAA 'सवृत्तिक आगम -SCREEG ॥१०॥ सुत्ताणि ~117 Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ब-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा. १५ अंत १२ म. १६ प्रश्न १७विपा. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९सून सूत्राद्यादि. सूत्र. सूत्रद्यकाः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्रायकः १० स्था. भदत्ते णं राया चाउ सत्त०१० ५६३ | बायरआउकाइयाणं उक्को बाला किड्डा य मंदाय १० १६६% ११ स. | बंभम्मी य चउक्कं ८ १८नि. सत्तवासस०ठिती १० ५७३ बाला बला भूमिमणुकमंता९-३४२१३३१० १३ ज्ञाभलतएसु विमाणासत्त २ चायरतेउकाइयाणं तिन्नि बावरि सुवनकुमारावासजोयणसयाई उड्डे ११ ११० राई ठिती १० १४४ सयसहस्सा ११ ७२ ॥१०६॥ |बंभलोगलंतएम०विमाणा१० १५१ वायरपरिणए ण०अणंतपए बाबीस परीसहा ११ २२ बंभलोगे णं कप्पे छ विमाण सिए खंधे कतिवने १२ ६७० | बाहू पकतंति य मूलतो से ९ ३२९* बायरपुढविक्काइयपज्जत्तो ८ ९१नि. बिइअस्स य पंचमए पत्थडा १० ५१६ ८ २८८निबायरवणस्सतिकातिताणं | विइउद्देसे अदढो ८ १९६नि| बंभलोयलंततेसु० विमाणा उक्को० दसजी० सरीरो०१० ७२९ वितियस्स० तेणं. उसमपुरे१८ ३२ | PI सत्तजोयणसताई उड्डे १० ५७८ बारस अट्ठारस चउवीस १४८* वितियंतरे नियमा ८ २५निभमि य कप्पमी ८ ११६* बारसएक्कारसमे: ११ ६४७ बितिदियाणं सत्त जातीकुल०१० ५९१ । बंभी य फग्गु सामा ११ ११७७ | चारस भिक्खुपडिमाओ ११.१२ बीए नियइवाओ ९ ३१नि, | चाणउई पडिमाओ ११ ९२ । बालस्स मंदयं बीयं ९ २७५ बुज्झिज्जाति तिउद्विज्जा ९ १० SAHARSHI-HEIRAHA 69-0-GRECORRECTEG- जिताण बिहउदतन 'सवृत्तिक आगम N900 सुत्ताणि ~118 Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ब-कार + भ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा. : ॥१०७॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः। सूत्राद्यादि सूत्रे. सूत्रायङ्कः। सूत्रायादि ८आ. ९स. सूत्रे. सूत्रायक बुद्धस्स आणाए इमं समाहिं ९ ७२३ | भगवं च णं उदाहु नियंठा ९ ७९ भरहे णं राया चाउ० छ पुग्व० |१५ अंतबेइंदिय तेईदिय चउरिदि. १२ ५० | भगवं च णं उदाहु संतेगइया९ ८. रायमजो ११ बेइंदियमागासे १२ ८६* | भगवं दोच्चे जेणेव तच्चे १२ १२७ भरहे य दीदते ११ १५६ १६ प्रश्न. १३ ज्ञा. इंदिया णं जीवा असमारंभ भत्तपच्चक्खायए भंते! अण. भरहेरवएमु णंबावीसं अर०१० २६६ द१७विपा. KI माणस्स चउबिहे संजमे०१० ३६८ मुच्छिए. तओ पच्छा अमु०१२ ५२३ भरहेरवरसुणं वासेसु० चउ| दिया णं कओहितो उव०१२ ७०९ | भत्तपरिचा इंगिाणि ८ २९२नि. वर्ष २ उत्तमपुरिसा उप्प०११ ५४ बोद्धव्वा देवई य ११ १५३* | भद्दा तह सुभद्दा य ११ १२७* भरहे राया चाउरंत ११ ७७ अथ भकार भद्दा य सुभद्दा य १५९ भरहो सगरो मघवं ११ १२२# भक्खोयण सूयघए १४ १० भद्दे सुभद्दे सुजाते १. १२७ भव आगरिसे कालं १२ ९७* ट्र भगवं गो० समण एवमेयं । १. १८% भवणवह वाणमंतर० ९ १५०नि । भैते. सच्चे णं एयमढे १२ ८६८ | भरहस्सणं०चाउ अट्ठ पुरिस- भवणवासीणं भवधार सरीभगवं च एवमन्बेसि८ ५६* सजुगाई १० ६१६ रगा उ० सत्त रयणीओ०१० ५७९ ॥१०७॥ भगवं च णं उदाहु आउसंतो९ ८२ । भरहे ण राया महाराया १० ५१९ । भवसिद्धियनेरइया कह०१२ ८०७ 5151-52%ERRORIES AGRAACARA 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~ 119 Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [भ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९सू. ११ स-1 १२ म. १३ज्ञा. दीप RS ॥१०८॥ क्रमांक के लिए देखीए RECRACHA सूत्राद्यादि सूत्रे. सूत्राधङ्कः सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राद्या सूत्राद्यावि. सूत्रे. सूत्रायका १४ उपा. भवसिद्धीयखुड्डाग० कओ०१२ ८३४ । देवाणु० वंदति किण्हं० भंतेत्तिजीवाणं भते! किंबई०१२ २२१ १५ अंशभविए दंसणपज्जचे १२ ४०* अज्ज सक्के० पुच्छइ १२ ५७५ भंतेत्ति जीवाणं सिझमाणा १६ प्रश्न. भवियदव्वदेवाणं अणंतरं उब्ब- भंतेचि० एवं०खलु देवाणु कयरंमि संघयणे सिझति१२ ४१८ १७ विपा. द्वित्ता कहिं गच्छंति १२ ४६४ सव्वाणु० कहिं गए० १२ ५५८ | भंतेति तच्चे गोयमे वाउभू०१२ १३० भवियदव्वदेवाणं० कओहिंभंतेचि एवं खलु देवाणु भंतत्ति देवाणं भते! संजयातो उववज्जति १२ ४६१ मेहे • कहिं गए १३ ३६ । | भवियदब्बदेवाणं किं एग भंतत्ति कइविहाणं भंते जाग०१२ ४३८ | | ति वत्तव्वं सिया १२ १८९ भंतत्ति देवेणं मैत! महिड्डीए. पभू विउवित्तए २ १२ ४६३ भंतेत्ति कतिविहाणं भंते! लोय०१२ ५५ | | भवियदब्बदेवा ण केवतियं०१२ ४६२ भंतेत्ति कम्हाणं भंते! लवण पुब्बामेव पोग्गलं १२ १४६ | भंजीत अंगमंगाणि ९ ७३नि. समुद्दे वङ्कति वार १२ १५४ मतेत्ति०पभूण भते! इसिभद्दभंजंति ण पुवमरी सरोसं ९ ३४५* भंतत्ति गंगदत्तस्स णं भंते! पुत्ते मुंडे भविता० १२ ४३४ | भंजंति बालस्स बहेण पुट्ठी ९ ३४० देवस्स सा दिग्बा देवड्डी० | भंतत्ति पहू ण भते! आणंदे० भंतेत्ति अन्नदाणं सक्के अणुप्पविट्ठा १२ ५७७ | जाव पवइत्तए १४ १० 5555555ABADE 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि - 120 Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [भ-कार + म-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए ८आ. एस. सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यः सूत्राचावि. सूत्रे , सूत्राधड १४ उपा. १०स्थानमंतेति से नणं सेट्टियस्स४ भावे पओगवीस०९ १४नि भीतं दुतं रहस्स .१० ६७४१५ अंत११ स. समं चेव अपच्चखाणकि०१२ ७८ | भावे फलसाहणया८ २४०नि. सुयगा भुयगवती चेव १३ ५६४ अनु. १२ म. | मारण्णं वहमाणस्स चचारि भावे जीवस्स सीरियस्स ९ ९४नि. भूएहि न विरुज्झेज्जा ९६१०० १६ प्रश्न. १३वा.* आसासा १० ३१४ | भासमाणो न भासेज्जा ९ ४६१ भूताभिसकाइ दुगुंछमाणे ९ ५९९* &१७ विपा. ॥१०॥ | भारस्स जाता मुणि मुंजएज्जा९ ४०९० | भिक्खं पविद्वेण मएउज्ज दि8८ २२८नि- भूयाई च समारंभ ९ ५१०* | भावइरिया उ दुविहा ८ ३१०नि- भिक्खागा नामेगे एवमाहंसु ८ २४७ भूयाभिसंकाए दुर्गुळमा० ९ | मावणाजोगसुद्धप्पा ९ ६११० मिक्खागा नामेगे एव०समाणे०८ २८३ मेइयचियाउबचिया १२ भावतह पुण नियमा ९ १२३नि. भिक्खागा नामेगे एव०समाणे २८ २८४ | | भेउरेसु न रज्जिज्जा ८ भावपरिण्णा दुविहा ८ ३५४नि. भिक्खु च खलु पुडा वा ८ २०१ | भोगकरा भोगवती १० १ भावसमाहि चउन्विह ९ १०६नि. भिक्ख मुयच्च तह दिट्ठधम्मे९ ५७३* भोगे अवयक्खंता १३ ३० भावसमोसरणं पुण ९ ११७नि. भिक्खू य अन्नयरं अकिच्च अथ मकार | भावे उ णिरयजीवा ९ ६३नि. ह्याणं पडिसेवित्ता १२ ३९९ मइउग्गहो य गहणुग्गहो य ८ ३२१नि. ॥१०९॥ |मावे गहमाहारो ८ ३०नि. भीए य पलायंते ९८२नि. मच्छा य कुम्मा य सिरीसि०९ ३९५ देखीए . 'सवृत्तिक आगम सुल्ताणि ~121 Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ म-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए अनु ८आ. ९स १.स्था. ११ स. १२ म. १३ ज्ञा ॥११॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए BRUAERALE सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्राद्य सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राचादि सूत्रे. सूत्रायका १४ उपा. मात्थो निज्जरापेही ८ २१७ | मणुस्सपंचेंदिय बीएणं जो- महोदणे य वत्थे १२ | १५ अंतमज्झिमसरसंपन्ना १० ५५ | णियन्भूए केव०कालं संचि०१२ १०२ | महब्बए पंच अणुव्वए य ९ ६७४ | मज्झिमेणं वयसावि८ २०४ | मणुस्सा ण भंते! कओहितो १२ ७१३ | महाणक्खत्ते सत्ततारे १६ प्रश्न. १०५ १७विपा. | मडाई• नियट्ठ नो निरुद्ध मत्तंगता य भिंगा १० ८१* महापउम महापुंडरीय द० ११ १ | भवे पुणरवि इत्यत्तं हब्ब०१२ ८७ मत्तंगता य भिंगा १० १६४४ महापउमे सूरदवे ११ १४ मडाई• निरुद्धभवे० णो पुण- मत्तंगया य भिंगा ११४ | महासुक्कसहस्सारेसु णं. | रवि इत्थत्ते हब्वमा० १२ ८९ मधुगुलियपिंगलक्खो १४ १४७ विमाणा अढ जोयण १० ६५० ।। मणबंधणेहिं णेगेहि ९ २५३० मरुदेवी विजया सेणा ११ ८३० महासुक्कसहस्सारेसु दोसु मणबइ काया आणापाणू ९ ९५नि मल्लिस्स णं अरहओ पणप. विमाणा अट्ट जोय० उ०११ १११ मणसा जे पउस्संति ५६ | न्नं वाससह परमाउं ११ ५५ | महीइ मज्झमि ठिते णगिंदे ९ ३६४५ मणसा वयसा चेव ९ ४१६७ | मल्ली णं अरहा अप्पसत्तमे मुं०१० ५६४ | महुराय. १३४ मणुया तिरिया काया८ ६०नि. महपंचभूयए कप्पए य ९ ३०नि. मंकाती किंकमे चेव १५ मणुस्सपवेसणए णं भंते! कति०१२ ३७४ । महयं पलिगोव जाणिया ९ १२१% मंगी कोरव्वीया ५९ 'सवृत्तिक आगम ॥११॥ सुल्ताणि ~ 122 Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ म-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १३ वा. . दीप क्रमांक के लिए ८आ. ९स. सूत्राचादि, सूत्रे. सूत्रयः । सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राय सूत्राधादि. सूत्रे. * १४ उपा. १० स्था. मंदरचूलिया णं बहुमा० १० ६४० मागधस्स गं जोयणस्स १० ६३४ | पडिवनस्स अण. निच्चं ४|१५ अंत११ स. मंदर मेरु मणोरम ११ १४* माणुसुत्तरेण पब्बते मूले १० ७२४ । बोसहकाये २ १२ अनु. १२ म. | मंदरस्स णं पब्वयस्स पुर०११ ८७ माणुसुत्तरस्स प० चत्वा०१० ३०० माहणा खत्तिया वेस्सा ९ ४३८०१६ प्रश्न. मंदरस्स णं पव्वयस्स प० ११ ९७ ९ ४११७ विपा. मा पच्छ असाधुता भवे माहणा समणा एगे ९ १४६* ॥११॥ | मंदरेण पव्वए णवणउइजो ९ ११३७० माहणा समणा एगे ६७४ | यणसहस्साई उड्डे ११ मा पेह पुरा पणामए ९९ मायण्णे असणपाणस्स ८ ६१* माहिंदेणं कप्पे अट्ठ विमाणा०११ १३१ | मंदरे णं पच्चए धरणितले ११ १२३ माहे उ हेमगा गब्मा १० | मंदस्सावियाणओ मायर पियरं पोस मिगसिर अद्दा पुस्सो ११ मंसस्स केइ अट्ठा ६. माया पिया पहुसा भाया ९ ४४१* मिगसिर अद्दा पुस्सो ११ ३४ ट्रमसाईपरिभोगो माया मेत्ति पिया मे ८ १९५नि. मिगसिरमहा पुस्सो १० १६९ | मंसाणि छिन्नपव्वाणि ८ ९ मायाहि पियाहि लुप्पहर १५० मिच्छदिदिनरहयाण कहिं०१२ ८१० |माइणो कट्टुमायाय ९४१५० | मालाविहारंमि मएज्ज दिट्ठाः २३०नि मिच्छादिट्ठीहिवि चचारि १२ ८४० ॥११॥ |मा एयं अवमन्नता ९ २३१ मासियष्णं भंते ! भिक्खुपडिमं मित्तदामे सुदामे य ११ ७५* देखीए 'सवृत्तिक आगम HERE सुत्ताणि ~ 123 Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [म-कार + र-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए आ. ९ १.स्था. ११ स. १२ भ. ॥११॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए ACCARECENT सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्र. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे, सूत्रायक मा १४ उपा. मिचदामे सुदामे य १ ___७७* मुसं न बूया मुणि अत्तगामी ९ ४९४० मोहणिज्जस्स णं. &|१५ अंत| मितवाहण सुभोमे य १० ८०* मसावायं बहिद च ९४४६७ बावनं नामधेज्जा अनु. ११ ५२ मियवाहणे सुभूमे य ११ १४६* | १६ प्रश्न P१७विपा. | मियापुत्ते ण कहिं गमहिति१८ | महुवाणं मुहुचस्स ६ . रकारः मियापुत्ते त गोतासे १० १६०४ | मूलकरणं पुण सुते ९ १६नि.. रयणप्पभानेर० केरिसयं पुढविमियापुचे य उज्झियते १८ मू लकरणं सरोगणि फास पच्चणु०१२ ४७५ मियावई उमा चेव ११ १२६* मूलगुणेसु य पगयं ९ १८०नि... रयणप्पभापुढविनेर केरिसयं । ८ १८२नि. मिलक्खू अमिलक्खुस्स ९४२मूल छक दब्वे | पोग्गलपरिणाम पच्चणु०१२ ५०८ | मीरासु सुंठएमु य ९ ७४नि. मेघकरा मेघवती १. १०६* रयणाई सम्वरयणे १० ११५* मीसापरिणयाणं भंते. पोग्ग०१२ १६० | मेहाविणो सिक्खिय बुद्धि०९ ६८४ | रयणे रयणुच्चते ता. १. १०३१ | मुणिणा छक्कायदयावरेण ८ ३२५नि. मेहुणसमासंपगिद्धा सत्थे. १७ १६ | रसेसु य महयपावएसु १३ ५०* माणसुब्धयस्स णं पंचासं अ०११ ५० मेहुणे ण सेवमाणस्स केरिसए राओवि उठ्ठिया संता ९ २९४* १२॥ | मुणिमुब्वयस्स सवणो १० ३४* असंजमे १२ १०५ । रागदोसाभिभूयप्पा ९ २२१७ ॐॐॐॐ5-20k 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि - 124 Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [र-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९स. सूत्राचादि सूत्र, सूत्रायः सूत्राचादि सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राचा १४ उपा. १०स्था. राय अणगारस्सण पुरओ जक्खाएसेणं आतिद्वे आहच्च राय अह भंते! पाणाइवाय. १५ अंत११ स. दुहओ जुग पहाए रिवं रीय१२ म. दो भासाओ भासति १२ ६३३ । ५ एसणं कतिपत्रो १२ ४४८ HP माणस्स किं ईरियावहिया १२ ६४० राय असुरकुमाराणं भंते ! १३ ज्ञा. 21१६ प्रश्न. राय० अणगारे णं असिधार | राय० अह मते! साली द१७ विपा. कओ० १ २६ ९९ ॥११३॥ वा खुर० ओगाहेज्जा १२ ६४४ एएसिण जीवा मूलचा राय. असोच्चाणं | राय०अणगारे f०चरम देवा बक्कमति ते ण जीवा क०१२ ६८९ केबलिस्स वा केवलिप० वासं०कहिं गती १२ ४९९ राय आइडीण भते! देवे० | राय अस्थि णं भवियदबनेर०२ ६४३ | धर्म लभेज्जा सवणयाए१२ ३६४ | तेण परंपरिड्डीए १२ ४०० राय० अस्थिपं० ईसिं पुरे०१२ १७९ राय० अह भंते! आलुय०एएसिणं राय आया मते भासा० १२ ४९२ | राय अनउत्थिया एवं ख०१२ ३५२ जे जीवमूलचाए वक्क० १२ ६९३ राय० ईसाणस्स०कति लो०१२ १७१ राय० असुरकुमाराणं कति देवा राय० अह भंते तालतमाल राय ईसिंपुरवाता १२ १७१ आहेबच्चं १२ १६८ एएसिणं जे जीवा मूलत्ता- राय. उदायी णं मत हत्थि ॥११३॥ राय अन्नउत्थिया०एवं केवली ए अवक्कं ते णं कओहिं०१२ ६९२ | राया कओहिंतो उववन्नो १२ ५९१ ॐॐॐx ACCRECROCHECCA 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~125 Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [र-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत A सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९ दीप १७ विपा. % क्रमांक E% के लिए देखीए सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायका सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायका सूत्रायादि. सूत्रे, सूत्रायः । १४ उपा. हराय०एगंतवाले पं०मणूसे किं | राय कतिविहे णं इंदियवि० १२ १६९ रायगुरूण मते! पडुच्च कति ल १५ अंत| नेरइयाउयं पकरेइ १२ ६४ राय कतिविहे ण लोए १२ ४१९ पडिणीया १२ ३३८ । का अनु. राय कइ णं भंते! पुढवीओ१२ ४४३ १६ प्रश्न.. | रायगोयमादी चिरसंसिराय कहिण०दाहिणिल्लाण राय९कइविहाणं भंते! पोग्ग०१२ ३०८ एगोरुयदीवे १२ ३६३ १२ ५२० राय कति णं भते! कम्मपय०१२ ५७१ राय चमरस्सणं कति परि०१२ १७० राब कति णं भैते! किरियाओ१२ ३२६ राय०किमिय पाईणत्ति पवु०१२ ३९३ राय जद्दीवेणं केवइया राय कतिण भंते खुड्डा जु०१२ ८३० राय केइ पुरिसे केयाघडिय १२ ३६१ | चंदा पभासिसु वा राय कति णं भंते! णियंठा १२ ७५२ गहाय गच्छेज्जा १२ ४९७ राय जावतिय भते! अन्नइराय कति णं भते. पुढवीओ ११ ४६९ राय खहयर जोणियाण कति लायए समणे कम्म नि०१२ ५७३ दराय कतिणं भते! लेस्सा०१२ ६५९-६५० विहे णं जोणीसंगहे १२ २८१ राय जीवाणं किं जरा० १२ ५६७ रायः कतिण भते! ले० १२ ७१७ | राय०गिहचलणदुक्खे १२ १# राय जीवेणजे भविए से णं राय कतिविहाणं भंते! संसार- | रायगि आहारुहेसो १२ २३१ - किं इहगए नेरइयाउयं० १२ २८२ |॥११४॥ समावन्नगा जीवा १२ २८० | रायगिहागमचोरा ९ १९८नि. राय जीवेणं सर्यकर्ड दु०१२ २१ 'सवृत्तिक आगम % सुत्ताणि %) - 126 Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [र-कार + ल-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा. KI अनु. दीप क्रमांक के लिए ८आ. एस. सूत्राथादि. सूत्रे. सूत्राधः सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्राद्या सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायकः १०स्था. धारायणेरइयाणं भवेकओहितो१२ ६९४ राय संवुडस्स भते! रुक्खेसु णाते जह सामली वा ९ ३६९. १५ अंत११ स. राय०दो भैते! परमाणुपोग्गला अणगारस्स० किं इरिया०१२ ३९५ । रुयगवरेणं पव्वते दसजो०१० ७२६ १२ म. एगयओ साहबति किं भ०१२ ४४४ राय सिय भंते ! जाव च१३वा. रुहिरे पुणो वच्चसमुस्सिअंगे ९ ३१४५ द्र राय० नागकुमाराणं भंते! तारि पंच पुढविकाइया० रूवी मते! कामा अरूवी० १२ २८९ &१७ विपा. ॥११॥ कओड़ितो उव०१२ ७०० | आहारेति वा० १२ ६५१ रूवेसु य भद्दगपावएसु १३ ४९४ | राय नेरइया ण मंत! कई राय सिय भंते! जाव चत्तारि रेवतसरसंपन्ना १० ५७% | उववज्जंति १२ ८०६ | पंच बेंदिया १२ ६६३ रेवतिता अर्णतजिणो १० राय नेरइया णं भते किमा०१२ ५१७ रायहाणिसुवि चत्वारि उद्देसा१२ १७२ लकारः | राय बहुजणेणं० राहू चंदं १२ ४५२ रायाणो रायमच्चाय ९ १९६२ | लक्खणमेव चेव उ ८ १५८नि. | राय सक्कस्स णं कति लो०१२ १६४ रिटे तवणिज्जकंचण १० ९७* | लज्ज. अगणिकम्मसमा० ८ ३७ राय० समणोवासगस्स० रिसभेण उ एसज्ज १० ५३* | लज्ज. उदयसत्यसमा० ८ २४ | सयं मंडे अणुगविसइ०१ १२ ३२७ रुक्खा गुच्छा गुम्मा ८ १२९नि- लज्ज तसकायसमारं० ८ ५३ ॥११५॥ | राय. संतरं भंते ! नेर० १२ ४८८ । रुक्खाणं गुच्छाणं ८८०नि लज्जावणस्सइकम्मसमा० ८ ४६ PHO%MORKSAA-%ERSEECTGC देखीए CACAA-% 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~ 127 Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ल-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) ८आ. एस. १० स्था. ११ स. १२ म. १३ ज्ञा ॥ ११६ ॥ सुत्रायादि. लज्ज० वाउकम्मसमा० लद्वे अड्डे अहो एव तुम्मे लद्धे आहारे अणगारो लद्धे कामे ण परथेज्जा सूत्रे. लदणस्स णं समुदस्स पुर० लवणे गं० किं उस्सि० | लाढेहिं तस्सुवसग्गा लिचा तिब्बाभितावेणं सूत्राचड: सूत्राचादि. ५९* लेसा व दच्व संठाण ८ ९ ७०२* लेस्सा य गम्भपुढवी ९१ लोइयलोउचरिओ ४६८# लोए णं० केमहालए ५०१ १२८ लोगवा खिसामिज्जा लोगस्स उ को सारो ? लोगस्स पं० एगंमि आगासपए० कयरे० २ लोगस्स णं एगंमि आगासप० जे एगिं० अ० आबाई बा० १ . ९ ११ १२ लवणे णं० केवतियं चक्कवा ०१२ लवणे णं केवतिया चंदा० लवणे णं समुद्दे दो जो० लवणे णं० सूरिया उदी० लाघवियं आगममाणे २५० १८१ ३६२ १२५ १७८ २१० ८ ८३* लोगस्स व निक्खेवो ९ २१६* लोगस्सय विजयस्स य १२ ११ १२ ८ ~ सूत्रे. 128 १२ १२ ९ १२ ९ ८ १२ ४२२ लोभाणु वेययतो १२ ८ सूत्राचकः । सूत्राद्यादि. ९३* लोगस्स सार धम्मो ८१* लोग च आणाए अभिस० १०१ नि. लोगंमि कुसमएस य ४२० लोगागासपएसे ८०* लोगे चउब्विहंमी २४३नि. लोगोति य विजअत्ति य लोगो मणिओ दव्वं ८ सूत्रे. ८ ८ ८ ८ ८ ४२१ १७५नि लोयं विजानंतिह केवलेणं १७३नि., लोयंसि जाण अहियाय ८ ८ १२ ९ कोयं अयाणित्ति केवलेणं ९ लोयं च खलु मए अप्पाह लोयंते भंते! अलोयंत फुस०१२ सूत्रापङ्कः १४ उपा २४४नि. ३१५ अंत २२ २४१ नि. ८८नि. २४७नि. १७४ नि १७६नि. १०१* ७१७# ९ ५२ ९ ७१८# ८ १०७ अनु. १६ प्रश्न १७ विपा. ॥ ११६ ॥ Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ल-कार + व-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९सू. १०स्था. ११ स. १२ भ. १३वा. दीप ॥११७॥ क्रमांक CCTec G सूत्राद्यादि, सूत्रे. सूत्राधः। सूत्राद्यावि. सूत्रे. सूत्रायकः। सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्राय: १४ उपा. लोहस्स य उप्पत्ती १० ११८७ | वष्णादिया य वण्णा. ९ १५नि | वरपडहमेरिझलरि |१५ अंतवकारः वत्थगंधमलंकारं ९ १९८* वरवरिया घोसिज्जति १३ अनु-- वहजोगेण पभासिय ९ १९नि. वत्थस्स ण भैते! पोग्गलोवचए वरुणे पं नागनत्तुए काल १६ प्रश्न बढेणं मते संठाणे कतिपदे०१२ ७२७ । किं सादीए सपज्जवसिए १२ २३४ मासे कहिं गए १२ ३०३ दि१७ वि. | वडेंसा केउमती चेव १३ ५५* बत्थस्स णं भंते! पोग्गलोवचए । | वणसंडं व कुसुमिय८ ७९ १२५ किं पयोगसा वीससा बलयामुहस्स ण पायालस्स ११ १२ २३३ वणस्सइ०कओहिंतो उव. १२ ७०८ । वत्थं पडिग्गह कंबलं ८ १७९ वंदामि जुत्तिसेण ११ वणस्सइकाइयाणं किंकालं वस्थाण य उप्पची १० ११६. बंदित्तु सव्वसिद्धे सब्बप्पा. १२ २७४ वत्थाणि य मे पडिलेहे ९२८३* वाउक्काइएणहमीसे रय०० | वणसि मूढस्स जहा अमूढा ९ ५८९ वत्थु तज्जातदोस त १० १५४* सक्करपु०अंतरा समो०१२ ६७४ वणे मूढे जहा जंतू ९ ४५* | वन्ने गंधे रसे फासे १२ ८३७ वाउक्काइएणं इमीसेरय० १२ ६०९ वण्णरसगंधफासे ८ ७७नि. वयछक्क कायछक्कं ११ १६* वाउक्काइए पं० रुक्खस्स मूलं |वणमि य इविक्के ॥११७॥ ८ ७८नि. वयसावि एगे बुइया १५८ | पचालेमाणे कतिकिरिए १२ ३९२ के लिए देखीए १नि 'सवृत्तिक आगम %e0 सुत्ताणि * ~129 Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [व-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत A % सूत्रांक यहां देखीए ११ दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९सू सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राद्या सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यक सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राय १४ उपा। १.स्था. दबाउक्काइए णं. सोहम्मे बाससए वाससए ५* | विचं पसवोय नाइओ९ १५८* १५ अंत। कप्प समोहए १२ ६१० | वाससताउस्स ण परिन्दस०१० ७७२ | वित्तं सोयरिया चेव अनु. १२ म. है बाउक्काइयाणकओहितो उ०१२ ७०७ वास कोडीसहिय १६प्रश्न ८२७२नि. वित्तिच्छेयं वजंतो ८१.६० १३ ज्ञा. १७विपा. वाउयाए णवाउयाए०भुज्जो२१२ ८६ । वाहेण जहा व विच्छए ९ १४७७ विचेसिणो मेहुण संपगाढा ९ ६९०* ॥११॥ Vबाउस्सबि दाराई ८ १६४नि विअणे अ तालवंटे ८ १७०नि विबद्धो नातिसंगेहिं ९ १९२५ 8. वाघाइयमाएसो८ २६६ नि. निउद्वितेणं ममयाणुसिढे ९ ५८७* विमलवाहणे ण कुलकरे णव०१० ६९६ |वाणमंतराण कओहिंतो उव०१२ ७१४ विऊ नए धम्मपयं अणुत्तर ८ १४० | विमलवाहणे पं० राया कहि Vवाणमंतराण सम्वे समाहारा१२ ६६२ | विजओ कसायलोगो ८ १७७नि. गच्छिहिति? वाणियगामे चंपा १४ २५८ विज्जा अणुप्पवाय ११ १० विमले उत्तरे अरहा ११ १६७० वादे पराइइत्ता ९ १९९नि विज्जा व देवकम्मं ९ १६३नि विमुत्ता हु ते जणा८ ७५ वायाभियोगण जमावहेज्जा ९ ७०१७ विज्जुकुमाराणसव्वे समा०१२ ६१४ | वियणधमणाभिधारण ८ १६९नि.2 वायुकुमाराणं सब्वे समाहारा१२ ६१५ | विणावि लोभ निक्खम्म ८ ७६ | वियसियअरविंदकरा १२ ११२* ॥११॥ | वारत्त सुदंसण पुनभद्द १५७* वितिगिच्छसमावणं ८ १६२ । विरए गामधम्मेहिं ८-९७०१९-५२९* - e CCRECACA-CIPAM R 'सवृत्तिक आगम %- - सुत्ताणि 4 ~130 Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [व-कार + स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९२. सूत्राद्यावि. सूत्रे, वाचा सूत्राचादि सूत्रे. सूत्रायकः। सूत्राचावि. सूत्रे. सूत्राय१४ उपा१०स्था. [विरयं भिक्खु रीयंत८ १८४ | बुज्झमाणाण पाणाणं ९ ५१९७ | वेरुलियमणिकवाडा १० १२२७४१५ अंत, ११ स. विरया वीरा समडिया १२ म. ९ १०० वुसिए य विगयगेही ९ ८६७ वेसमणकुंडधारी विरिए छक्क दन्वे ९ ९१नि. बेउब्वियसरीरप्पयोगबंधे थे. सकारः |१६ प्रश्न | विसनंदी य सुबंधू ११ १३१७ । कतिबिहे १२ ३४७ सउणि चउप्पयं नाग ९ १२नि. १७ विपा. ॥११९॥ विसम पवालिणो परिण०१० ३७* | बेतालिए नाम महाभितावे ९ ३४३* सउणी जह पंसुगुंडिया ९ १०३ विसोहियं ते अणुकाहयते ९ ५५९* वेयण आहार महस्सवे १२ ३७* |सए सए उवट्ठोण | विस्स पम्पयए ११ १२९४ | वेयणवेयावच्चे १० ४१% सरहिं परियारहि ९ १८० | विस्सरं पुण पिंगला १० ७५७ | वेयालियमग्गमागओ ९ ११० सक्कता पागता चेव १० वीरितपुरवस्स णं अट्ठ बत्थू १० ६२७ | वेयालिय इह देसियंति ९ ३८नि सक्कस्सणं. अड अग्ग० १० ६१३ | वीरेहिं एवं अभिभूय दिट्ठ ८ ३४ | वेयालियमि वेयालगो ९ ३६नि. सक्कस्सण अभंतरपरि० वीससापरिणया णपोग्ग०१२ ३११ | वेरग्गमप्पमाओ ८ ३४५नि देवाणं पंच पलि ठिती १० ४.५ ४वीससाबंधे णकतिविहे १२ ३४५ वेराई कुबई वेरी ९ ४१७० | सक्कस्स गं. बाहिरपरि० ॥११९॥ दवीस असमाहिठाणा ११ २० वेराणुगिद्धे णिचर्य करेति ९ ४८१२ तिमि पलि० ठिती १० २०० -MARCRACACOEACEAEX 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~131 Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९८. ११ स. १२ भ. |१४ उपा. १५ अंश अनु १६ प्रश्न १७विपा. ॥१२०॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राधः। सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राधकः सूत्राद्यावि. सूत्रे, सूत्राद्यः | सक्कस्स गं मज्झिमपरि० सच्च असच्च इति चिंत० ९ ५३७७ | सणं विमाणा छजोयणसयाई।१० ५३२ चत्तारि पलि ठिती० १० २६० | सच्चमि घिई कुब्बहा८ ११३ - उड्डे ११ १०९ सक्कस्स गन्वेसमणे महा० ११ ७८ | सच्छत्ता सपडागा ११ ११३७ | सर्णकुमार कप्पे उक्को. सक्कस्त विमाणेहिंतो १२ १३७ | सजणणि तत्थ पुञ्छिसु ८ ७५* देवाणं सत्त सागरो०ठिती १०५७७ | सक्कस्स ग वरुणस्स०सत्त। सज्ज तु अग्गजिब्भाए १८ ४६* | सणंकुमारे णं भंते! देविंदे० | अग्गमहिसीता १० ५७४ सज्ज खति मयूरो १० ४८० किं भवसिद्धिए! १२ १४० | सक्कस्स गं० सोमस्स छ सज्ज खति मुईगो सण्णा लेस्सा दिट्ठी १२ ८५ अग्गमहिसीतो १० ५०५ सज्जेण लभति विति १० ५२७ | सतभिसयभरणिअदा ११ १३७ | सक्के किं सम्मावादी १२ ५६९ सज्जे रिसमे गंधारे १० ४५० | सत्त ठाणाई छउमत्थे न जाणा०१० ५६७॥ | सगडद्धीसंठिाओ ८ ४६नि सड्विस्सण समणुनस्स ८१६४ | सत्तपतेसिता खंधा १० ५९३ | सगडे गंदारए कालगए०१८ २२ सढे नियडीपण्णाणे ११ ४९० सत्त पाणूणि से थोवे १२ ४७* सच्चप्पवायपुब्बस्स ण दुवे १. १०९ सर्णकुमारमादेिसु णं वि- सत्त पिंडेसणाओ १० ५४५ सच्चप्पवायपुर्व ११ ९७] माणा चउवण्णा १० २७५ | सच भयहाणा १०-५४९११-७ ५०%2 EA-CHAA-% CCA--- 'सवृत्तिक आगम ॥१२०॥ सुत्ताणि ~132 Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए CRIL १४ उपा. १५ अंत दीप १६ प्रश्न १७ विपा. क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९ सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्रामावि. सूत्रे. सूहाथ १० स्था.| हासत्तमस्स उ०पोलासपुरे १४ ३९ | सत्चबिहा वायरवाउकाइया १० ५४७ | सत्त सरा पण्णता १० ५५३ ११ स. सत्तमस्स वग्गस्स उक्खेव०१३ १६१ । सत्तविहा संसारसमावनगा । सच सरा य ततो गामा १० ७६* १२ भ. | सत्त मूलगोचा पण्णत्ता १० ५५१ | जीवा १० ५६० | सत्त संठाणा पण्णत्ता १० ५४८ | सत्त मूलनया पण्णत्ता १० ५५२ सत्तविहे गणयकमणे | सत्त सेढीओ पण्णत्ता १० ५८१ ॥१२॥ सत्तमे ण०ओवासंतरे किं गुरु१२ ७४ | | सत्चविहे दसणे | सत्तहिं छहिं चउचउहि ८ ३४८ सत्तरसविहे असंजमे ११ १७ सत्तविहे वयणविकप्पे १० ५८४ सहि ठाणेहिं ओगाट १० ५५९' सत्त विकहाओ पण्णताओ १० ५६९ | सत्तविहे विणए पण्णचे १० ५८५ सहि ठाणेहिं छउमत्थं १० ५५० सत्तविधा दंडनीती ५५७ | सत्तविहे विभंगण्णाणे १० ५४२ सत्तावीसं अणगारगुणा ११ २७ सचविधा सव्वजीवा १. ५६२ | सत्तसत्तीमयाए णं भिक्खु०११ ४९ सत्तिकगाणि इकस्सरगाणि ८ ३२३नि. | सत्तविधे आउभेदे १० ५६१ सत्त समुग्धाता पण्णत्ता १० ५८६ | सत्तिकगाणि सत्तवि८ २९०नि. सत्तविधे कायकिलेसे | सत्त सरा उ कओ १० ६३ | सत्थपरिणा अत्थो ८ १३नि. सत्तविधे जोणिसंघ ५४३ | सत्त सरा जीवनिस्सिता १० ४८ । सत्थपरिण्णा लोगविजओ]८ ३१नि सत्तविधे संजमे १० ५७१ | सत्त सराणाभीतो १० ६४५ । J११ २०१९ B0-%Etak % 'सवृत्तिक आगम ॥१२॥ C-%A4 सुल्ताणि ~133 Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा. १५ अंत १६ प्रश्न १७ विपा. दीप CSS3-ॐ क्रमांक ८आ. ९८ सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्र. सूत्राद्य सूत्रायादि, सूत्र. सूत्राधः १०स्था. | सत्यग्गीविसं लोणं १० १५२ सन्ना कसाय इंदिय १२ ९१० | समणस्स गं३ चत्वारि सया ११ स. सत्यमेगे तु सिक्खंता ९ ४१४ सबिंदिय अणुबंधे १२ ६९ १२ म. । वादीण १० ३८२४ सत्थं असिमादीयं ९ ९८ सपदेसा आहारग०१२ ४१ समणस्सणं ३ णव गणा १० ६८० सत्यं चेत्थं अणुवीइ पासा ८ २६ सपरकममाएसो८ २६४नि समणस्स थे ३ तच्चाओ ॥१२२॥ | सत्येण सुतिक्खेणवि १ २ ४९० सपरिकमे य अपरिकमए ८ २६३नि. पुरिसजुगाओ १० २२९ | सदा कसिणं पुण धम्मठाण ९ ३३९० सपरिग्गहा य सारंमा ९ ७८* | समणस्स णं ३ तित्थंसि । | सदा दचेसणा दुक्खा ९ १७०७ सप्पी जहा अंडउद ११ ३८७ | णवहिं जीवेहि तित्थगर| सहाणि सोच्चा अदु भेरवाणि ९ ५८५ समअन्नय म्मि संजमे १ ११४७ नामगांचे णिव्वतिते १० ६९१ | सद्दा रूवा गंधा१ . १समगं नक्खत्तजोग १० ३५७ | समणस्सण ३ तिमिसया | सद्दालपुत्ते महासयए १४ (१॥ समज्जिणित्ता कलुसं अणज्जा९ ३२६७ उद्दसपुवीण १० २३० | सद्दे फासे अहियासमाणे ८ ३| समणस्स ३ अट्ठ सया समणस्स णं ३ सच पवतण। सद्देसु य भइयपावएसु १३ ४८ | अणुत्तरोववातियाणं १० ६५३ | णिहगा १० ५८७ तसद्देसु रूवेसु असज्जमाणो ९ ५५६७ | समणस्स ३ अम्मापियरो ८४०१ । समणस्स पं३समणोवासगाण१० ३२२ के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि --- - 134 Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा१५ अंत. अनु. |१६ प्रश्न १७ विपा. १३ज्ञा. दीप क्रमांक ८आ. ९८.DI सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्राद्यः) सूत्राद्यादि. सूत्रे सूत्राद्या सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राध १०स्था. समणपि दडदासीणं ९ २६१७ | समणे ३ वायालीस वासाई समणोवासगस्स गं.पुण्यामेव ६१स समणे०३ इमाए ओसप्पिणीए८ ३९९ । साहियाई सामण्णपरियागं११ ४२ तसपाणसमारंभे १२ म. १२ २६२ | समणे०३ कासवगुत्ते ८ ४०० | समणे ३ वासीहराईदि समणो० पुवामेव धूलए. समणे ३ छउमस्थकालताते १० ७५० | एहिं गम्भाओ गम्भ ११ ८५ पच्छा पच्चाइक्खमाणे किं ॥१२३॥ समणे ३ छउमत्थ० दस महा- | समणे भविस्सामि अणगारे ८ ३७८ करेति १२ ३२८ सुविणे पासिचाणं पडिबुद्धे१२ ५८० | समणे ३ वयरोसमनारायसं१० ५६८ समणो० सामाइयकसमणे ३ छठेणं भत्तेणं समणे ३ वासाणं सवीसइराए. उस्स किं इरियाबहिया? १२ २६१ अपाणएणं मुंडे १० ५३१ वासावासं पज्जोसवइ ११ ७० समतखेते णं दस करातो १० ७६४ समणेणं ३ अडरायाणो मुंडे१० ६२१ समणोवासए ण तहारूबं० सममद्धसमं चेव १० ७१० समणेणं ३ समणाणं णि. २ पडिलामेमाणे किं समयखित्ते णं मंदरवज्जा णवकोडिपरिसुद्धे भिक्खे १० ६८१ लन्भइ १२ २६३ | एगूणसाचारि बासा ११ ६९ |समणे ३ तिस्थगरभवग्ग| समणोवासगस्स f० तहा. समयखेत्ते ण पणयालीसं ११ ४५ हणाओ ११ १३४ । पडिलामेमाणस्स किं क०१३ ३३१ समयं तत्थुवेहाए . ८ ११७ %a4 के लिए देखीए 'सवृत्तिक | ॥१३॥ आगम सुत्ताणि ~135 Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९सू. १० स्था. ११ स. १२ भ. C१६ प्रश्न दीप क्रमांक के लिए ॥१२४॥ -%3-727%EA%A सूत्राधावि. सूत्रे. सूत्रायका सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायका सूत्रायादि. सूत्रे, सूत्राधङ्क: ४१४ उपा. समयाति वा आवलियाति वा१० ९५ समूसिया तत्थ विमाणियंगा ९ ३३५० | सपणे वितिमिस्सेहिं ८ १५ अंतसमवसरणेवि छकं ९ ११६नि. सम्मत्तुप्पत्ती सावए य ८ २२२नि सयमेव अभिसमागम्म ८ ११०७ समारभते पणिया भूयगाम ९ ६८९ सम्मदिद्विता णं नेर०चत्तारि१. ३६९ | सयं कडं न अण्णेहि ९ ३०* १७विपा. | समालवेज्जा पडिपुग्नभासी ९ ६०* सम्मदिडिनेरइया ण भंते ! सयंजले सयाऊ य ११ ७६* | समाहारा सुप्पतिण्णा १० १८०० कहिं उव० १२ ८०९ | सर्य तिवायए पाणे १ ३ समिए उ सया साहू ९ ८८७ | सम्मदिडी किरियावादी ९ १२१नि सयं दुक्कडं च न बदति ९ २६५ | समिए एयाणुपस्सी ८ ७९ सम्मदिट्ठीणं चचारि भंगा १२ ८१२ | सयंभुणा कडे लोए । ६६ समिच्च लोग तसथावराणं ९ ६७२७ सम्मपणिओ मग्गो ९ ११२नि | सर्य समेच्चा अदुवावि सो०९ ५७५० समुच्छिहिंति सत्थारो ९ ६३९ | सम्मिस्समावं च गिरागहीए९ ५३९० | सर्य सयं पसंसंता | समुट्ठिए अणगारे आरिए ८ ८८ सयज्जले सयाऊ य १० १६५७ सयं सहस्साण उ जोयणाणं ९ ३६११ | समुदाणियाणिह तओ ९ १६८नि सयणासणेहिं जोगेहि ९ २५०* | सया कसिणं पुण धम्मठाण ९ ३००* | समुप्पेहमाणस्स इक्काययण.८ १४९ सयणे य अदढ ८ १७२७ सयाजलं नाम नि महतं ३३७* Gl॥१२४॥ | समूसिय नाम विधूमठाण ९ ३३४ सयणेहिं तत्धुवसग्गा , ८ ७१ सयाजला नाम नदीभिदुग्गा ९ ३४७* देखीए 'सवृत्तिक आगम 5 सुत्ताणि % ~136 Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा१५ अंत. |१६ प्रश्न १७ विपा. दीप क्रमांक के लिए ८आ. ९सू सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राचा सूत्राधादि. सूत्रे, सूत्रायः सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राद्यकः १०स्था सरीरेणोयाहारो ९ १७१नि. सव्वा आमरणविही १० ११४४ सम्धेऽवि वट्टवेयद्धपचता१० ७२२ ११ स. |सवणे णाणे य विण्णाणे१२-२१४११०-१३ सवाई संगाई अइच्च धीरे ९ ४०८ सव्वेऽविय वयणविसोहिका०८ ३१७नि. १२ भ. १३ ज्ञा. | सवार्य उदए पेढालपुत्ते ९-७६।९-७८ सव्वा वयणविसोही ८ २९९नि सबेऽविय सिज्जविसोहि ८३०५नि. | सवायं भगवं गोयमे ९ ७५ सव्वाहिं अणुजुत्तीहिं ९-५०५४४२२०* सव्वे सबकम्मकप्पिया ९१६० ॥१२५॥ सबओ पमत्तस्स भयं ८ १२४ । सबिदियाभिनिव्वुडे पयातु ९ ४७६* सब्वेसि जीवाण दयद्याए ९ ७०८ सव्वगई पक्वंदे १७ ५ सब्वेवि इरियविसोहि ८ ३१३नि सम्वेसि आयारो ८ ८नि. सबढेहिं अमुच्छिए ८ ४१७ सम्बेऽवि एगसेण ११ ९७७ | सम्वेसिं उत्तरेणं सव्वतोविण विज्जाहरसे०१० ७७४ सव्वेऽवि णमंजणगपव्यता १० ७२५ सम्बेसि तबोकम्म ८ २७६नि. सव्वप्पगं विउक्कस्सं ९ ३९४ | सब्वेविणं गेवेज्जविमाणे सम्वेसिपि जिणाणं ११ १०७* सव्वस्स थूलगुरुए ८ २३९नि. दस २ जोयण उड्डे ११ ११३ | ससमयपरसमयपरूवणा ९० २४नि. | सव्यं जग तू समयाणुपेही ९ ४७९७ | सब्वेविण दीवसमुदा दसजो० ससिसगलपुण्णमासी १० ३६* 8 सव्वं नच्चा अहिए ९ १५७* | उन्मेहेण १० ७७९ | सहसंमइए णच्चा . ९ ४२४* दसबंपिय तं तिविहं ९ ९७नि. सम्वेऽविणं वक्खारपब्वया ११ १०८ सहस्सारणं कप्पे छ विमाणा०११११९ ८ ५.नि. देखीए GEKASSES-SER-ESAR 'सवृत्तिक आगम | ॥१२॥ सुल्ताणि ~137 Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि- अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) ८आ. ९.४ १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा ॥ १२६ ॥ सूत्राद्यङ्कः १२१ १८० नि. ६०१# संबुज्झह किं न बुज्झद ८ ७० ९ ८९ नि. ९ ३९१० संबुज्झदा जंतवो माणुसचं संभवाओ णमरहातो अभि०१० ७३० सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राचड: संतत्ता केसलोएग ९ १७७० संबुज्झमाणो उ णरे मतीमं ९ ४९३* संतरं भंते! नेरइया उबवज्ज०१२ ३७७ संबुज्झमाणे पुणरवि संतरं मंत! नेरइया उपबति १२ ३७१ ५९७ संति पंच महम्भूया ९-७९-१* ९-२२४* २४६* संति पाणा पुढो सिया १५ ७१* संतिमे तउ आयाणा ५३* संभवे पं० चचारि घणुसया० ११ ५९० संघ साहुधम्मं च ९ ५३१* संभूय सुभदसुदंसणे ७८* संवि लोयस्स जाणित्ता ८ ११६ संलोकणिज्जमणगारं ७. संपराइयं० कम्मं किं नेरइयो १२ ३४१ संवच्छरं साहियं संपरायं नियच्छीत ९ ४१८ ४५२* ९ १०६ १२ ११ ११ १३२* ९ २७६* ८ ४५* ४२२ २०नि संपसारी कयकिरिए संवच्छरं सुविणं लक्खणं च ९ ५४३० संवछरेण भिक्खा ९ १०५* ११ ८ ९ २८८* संबद्ध समकप्पा उ ९ २१२० संवच्छरण होहिह ११२* ९ ३१३* संवाहिया दुक्कडिणो थति ९ ३४४० संवच्छरेणावि० पाण० अणि०९ ७२१* सूत्रे. ८ सूत्राद्यादि. सहिओ दुक्खमत्ताए संकुचियवियसियचं ८ संकेज्जयाऽसंकितभाव भिक्ख९ संखाइ धम्मं च वियागरंति ९ संखाय पेसलं धम्मं ८ संखे जयंति पुढवि० संगाणं च परिण्णाभा संघाडीओ पवेसिस्सामो संघायणे य परिसाडणा य ९ संजयमणुस्साणं सुचाणं संजोगे सोलसगं १० ረ संडासंग च फणिह संतच्छणं नाम महाहितावं 138~ ८ १४ उपा. १५ अंत अनु १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ १२६ ॥ Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए Re% ८आ. ९सू. सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायः। सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राया सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायक १४ उपा. १० स्था. संवच्छरेणावि०पाणं०समणव्य०९ ७२२७ | सागारोबउत्ताण भंते! जीवा सामाइय०किं पुलाए होज्जा१२ ७८९ ४|१५ अंत११ स. संबच्छरेणाविय एगमेग ९ ७२० किं नाणी? १२ ३२० । सामाइय०किं बड्डमाणपरि०१२ ७९४ अनु. १२ म. संघरे अणियट्टी य ११ १५०० साऽऽजीविया पढविता थि० ९ ६७०* सामाइय०किं सनोवउत्ते १२ ७९७ १३ ज्ञा. १६ प्रश्न. संधुडकम्मस्स भिक्खुणो ९ १४३९ साडणपाडणतोडण. ९ ७.नि. द१७ विपा. सामाइय०किं सवेदए होज्जा१२ ४८८ ॥१२७॥ संवुडस्सण अण० किं इरिया०१२ २८८ | साणं तओऽणंतरं उबाट्टि०१३ ११५ |संखुढे सुविण पासइ १२ ५७९ | सातावेयणिज्जस्स०सत्तविधे१० ५८८ सामाइयस्स णं केवइया चरि०१२ ७९३ संबुडे से महापने ९ ५०९०५३४० सा पवररयणदीवस्स १३ २२० सामाइयस्स ण केवइया सं०१२ ७९२ | संवेगसमावनो ९ १९२नि. सामाइयसंजयस्स पी एगभ सामाइय सामाइयसंजय संसप्पगा य जे पाणा ८ २५० वग्गहणिया केवतिया आग०१२ ७१८ - जहमाणे किं जहति १२ ७९६ | संसयं परिआणओ ८१४४ | सामाइयसंजए ण कइ कम्मप्प०१२ ७९५/ सामाइयमि उ कए १२ संसारस्स उ मूलं ८ १८९नि सामाइयकालओ केवच्चिरं१२ ७९९ | सामा गायइ मधुरं संसारं छेत्तुमणो ८ १९४नि. सामाइय कालगए०किं गति१२ ७९१ | सामुत्थाणी कविला लसंसोहणं च वमणं ८ ९६* | सामाइय०किं ओसप्पिणी०१२ ७९० । सारस्सतमाइच्चा ARCRACa+Testra देखीए 84-70%A5 'सवृत्तिक आगम १२७॥ १० सुल्ताणि ~139 Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्रे, सूत्राध: १० १३४ १४ उय. १५ अंतअनु. ८आ.९सू. १.स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. ॥१२॥ १३५%2 ८६* ला१६ प्रश्न. १७ विपा. दीप क्रमांक के लिए देखीए SAAE%ACACANCERCECT सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्रायका सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सारस्सयमाइच्चा] १०-१२६७।१३-२२० साहारणड्डा जे केइ ११ ४८० | सिद्धे अ विज्जुणामे J १२ ४४% साहारणमाहारो ८ १३६नि. सिद्धे कच्छे खंडग सारस्सयमाइच्चाणं सत्त देवा१० ५७६ साहमाहिंसाधम्मो ८ ३४१नि सिद्धे गांधिल खंडग सारो परूवणाए ८ १७नि. सिएहिं भिक्ख असिए परिव्बए८ १४२० सिद्धे त गंधमातण सालदुममज्झयारे १०-२१।१०-२३० सिज्जस बभदचे ११ १०१७ | सिद्धे निलवंत विदेह. सालिकलअयसिबसे १२ ८७* ९ ६९७* | सिद्धे निसहे हरिवास सालुए णं भंते! एगपत्तए कि सिणायगाणं तु दुवे सहस्से) ९ ७०४७ | सिद्धे भरहे खंडग एगजीचे अणेग १२ ४० ९ ७११* | सिद्धे महहिमवते सावत्थी उसमपुरं १० ८४* J९ ७१२७ सिद्धेय मालबते सा बद्धती भगवती १३ ७ | सिद्धत्थवणं व जहा ८ १२६७ | सिद्धे य रुप्पी रम्मग सासएहिं निमंतिज्जा ८ ४० | सिद्धत्थे पुण्णाघोसे य ११ १६४७ सिद्धे रपणे खंडग सासे कासे जरे दाहे १३-३२७११८-२० सिद्धसइंदियकाए १०७ | सिद्धे सुकच्छे खंडग साहरे हत्थपाए य ९ ४२७* | सिद्धा य ते अरोगा य ९ ७४* सिद्धे सोमणसे तह १० १२९. १. १२८% १० ९५* ९६* १३७ 'सवृत्तिक आगम ॐऊन ॥१२८॥ ८५ सुत्ताणि ~140 Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९ १० स्था. ११ स. १२ म. १३ ज्ञा. दीप क्रमांक के लिए ॥१२९॥ सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्राद्या सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायकः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राधम सिबियाइ मज्झयारे ८ ११९ सीओदगपडिदुगुंछिणो ९ १३० सीहं जहा खुइ मिगा चरंता ९ ४९२७ सिय भंते! कण्हलेसे नेरइए अप्प- सीतोदगं वा तह बीयकायं ९ ६७६* सीहं जहा व कुणिमेणं ९ २५४ | कम्मतर नील०महा० १२ २७७ | सीओदगं सेघउ बीयकायं ९ ६७५ | सीहासणे निविडो १२२० | सिय भैते! नरइया महासवा१२ ६५५ सीयले णं अरहानउई धणूई०११ ९० सुक्कपक्खिएहिं एवं चेव च०१२ ८४२ सिया तत्थ एगयर ८ ९८ | सीय परीसहपमायुक्सम ८ २०१नि. सुक्कस्सणं महागहस्स णव०१० |सिया य बीओदगइत्थियाओ९ ६७७७ | सीया उवणीया जिणवरस्स ८ ११८० | सुग्गीवे दढरहे विण्ह ११ | सिरिचंदे पुष्फकेऊ ११ १६३७ | सीयाणि य उपहाणि य ८ २१०नि. सुजसा सुव्वय भइरा ११ सिव नंद भद सामा १४४ सीया य दम्ब सारीर ११ ७३७ | सुदुतरमायामा | सिसिरंसि अद्धपडिवो ८ ६३७ सीया सुदंसणा सुप्पभा ११ ८५७ | सुतमेतमेचमेगेसिं ९ २६९ सिस्सम्मि जे पहणइ ११ २५% | सीलमंता उपसंता ८ १८९ | सुतित्ता असुतिचा सीईभूओ परिनिव्वुओ य ८ २०५नि. सीले चउक्क दवे ९ ८६नि | सुत्तत्यो खलु पढमो १२ ९४२ सीउण्डफाससुहृदुह ८ ०९नि. सीसावेढेण जे केइ ११ २२० सुत्ता अमुणिओ सया ८.२११नि. | सीउसिणच्चाई से निग्गथे ८ १०९ । सीहरहे मेहरहे ११ ८७ | सुत्ता अमुणी सया मुणिणो ८ १०६ F%EOCEROSA देखीए 'सवृत्तिक आगम ॥१२९॥ सुत्ताणि -141 Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९सू १.स्था. OURISAE% १५ प्रश्न. १३ ज्ञा. RECESAR ॥१३०॥ २७३ दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राधः। सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राद्यका सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायः१४ उपा. | सुत्तेण सुचिया चिय ९ २१नि. सुभे य सुभघोसे य ११ १० सुर्य मेह०पच्चक्खाणकि०९ ६४ | सुदसणस्सेव जसोगिरिस्स ९ ३६५. सुमइत्थ णिच्चमण ११ १००० | सुर्य मे०१० पोंडरीए १ सुद्धप्पओगविज्जा ९ १६४नि. सुमई ण तिणि घणुसया० ११ १०४ | सुर्य मे० इहमेगसि ८ १७विपा. सुद्धमग्गं विराहित्ता ९ ५२५* | सुमंगले असिद्धत्थे ११ १६२* | सुर्य मे एगे आया ११ सुद्धं खति परिसाए ९ २६४० | सुमिणसणकहणा १५ २* | सुरगोवमणिविचिचो १३ 8सुद्धे अपाबए आया ९ ७०* | सुयक्खायधम्मे वितिगि० ९ ४७५* सुरमणुयतिरियनिरओ० ९ १५९नि-5 सुद्धे सिया जाए न दूसएज्जा९ ४९५* | सुयदेवयाए पणमिमो १२ ११३७ सुवनकुमारा णं भंते ! सन्चे सुद्धोदए य उस्सा८ १०८नि. सुयदेवया य जक्खो १२ ११४७ समाहारा० १ २ ६१३ सुपासस्स f०पंचाणउइ गणा११ ९५ १२ ८६९नि सुविसुद्धलेसे मेहावी ९ २९ सुपासस्सणं दो घणुसया उई११ १०२ सुयं मे आउसं तेणं १०१ | सुबिहिस्स ण पुष्फदंतस्स०११ ७५ सुपासे सुब्बए अरहा ११ १६६७ | सुर्य मे० इह० आहारप० ९ ४४ सुवि० पु.छलसीइ ११ ८६ | सुफणिं च सागपागाए ९ २८७७ | सुर्य मे इह किरियाठाणे ९ १७ सुसमत्था वऽसमत्था ९ ५९नि. ॥१३०॥ सुबाहू महनंदी य १८३७ | सुर्य मे० इह थेरेहि०पंच०८ ३८५ । मुसमसुसमाए ०दसवि०१० ७६६ । REGCHECUREKHA 'सवृत्तिक आगम A5%87-%) सुत्ताणि ~142 Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ११ स. % १२ म. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९सू. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यका सूत्रायादि. सूत्रे. सूत्रायङ्कः। सत्राधादि. सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रे. सूत्रायः१० उपा१०स्था. | सुस्यसमाणो उवासेज्जा ९ ४६९* | से आगंतारेसु वा० ८ ३०० से एगइओ साहारणं वा ८ २७९ ४१५ अंत. सुहुमेण तं परिक्कम्म ९ २४८* से आगंतारेसु वा ४ अणु० ८ ३८२ से किं कुवं किं कारवं ९ ६८ सुंदर बाहु तह दीहबाहु ११ ८६* | से आगंतारेसु वा ४ अणु० ८ ३१२ से किंतं अणुचरोववाइयद०११ १४४ | १६ प्रश्न. १३ ज्ञा. १७ विपा. सूएण निसाईए ८ २७नि. से आगतारसु वा ४ जे० ८ ३०२ |से किं तं अहाउनिम्यत्तिकाले १२ ४२५ । ॥१३॥ | सूयगडं अंगाणं ९ २नि. स आगंतारेसु वा ४जे गयं०८ ३०१ से किंतं अंतगडदसाओ ११ १४३ सूरसेणे य अरहा ११ १६५* से आगंतारेसु वा ४ से किं पुण८ ३८० से किंतं उवासगदसाओ०११ १४२ दिसूरं मण्णइ अप्पाणं ९ १६५* से आयवं नाणवं वेयवं ८ १०८ से किं तं झाणे १२ ८०४ | सूरा मो मन्नता ५७नि. से आयावादी से किं तं ठाणे सूरे सुदंसणे कुंभे ११ ८१* से एगइओ अन्नयरं ८ २३७ से किंतं णायाधम्मकहाआ ११ १४१ दिसूरो संगामसीसे का ८ ५३* | से एगइओ आयहेडं वा ९ ३२ से किं तं दिद्विवाए ११ १४७ से अबुसमाणे हओवहए ८ ८० | से एगइओ परिसामझाओ ९ ३३ से किं तं पण्हावागरणाणि ११ १४५ से अभिक्कममाणे ८ १५९ से एगइओ मणुनं भोयण ८ २८० से किं तं पमाणे १२ १९२ ॥१३॥ CIसे असई उच्चागोए ८ ७८ । से एमइओ महत्वगं वा ८ ३७३ से किं तं पयोगबंधे A १३८ A - 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि वट ~143 Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए AR ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा ॥१३॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए AAAAAERAGAR सूत्राचादि सूत्रे, सूत्रायकः। सूत्राद्यादि. सूत्रे, सूत्राद्यः सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्राधा १४ उपा. लू से किं तं विउसग्गे १२ ८०५ से जं पुण जाणेज्जा ८ ४ सेणं केवलिपबत्तं धम्म १५ अंतसे किं तं वियाहे | सेजसणं अरहा असीई धणू११ ८० | आघवेज्ज बाई १२ ३६७ |१६ प्रश्न से किं तं विवागसुर्य ११ १४६ | सेज्जायरिया तह ८ ३००नि. से पं० पुरिसे पुष्वभवे के०१८ ५ RGANI से किंतं समवाए ११ १३९ | सेढीओ कि साइयाओ १२ ७३० सेणिय सुपास उदए ११ १५२२ से किं तं सूअगडे | सेढीओ पन्दबढगाए किं १२ ७२९ से पूर्ण अप्पणा चेव उदी०१२ ३६ सेकेणद्वेणं० ओरालियपो० १२ ४४६ से पूर्ण मण्णामीति ओहासेकेणद्वेणं चंदे ससी १२ ४५३ बीए चोरपल्लीए १८ १७ रिणीभासा १२ ११३ से केणद्वेणं जंघाचारणे १२ ६८५ से णं ततो अणंतरं उब्वट्टित्ता१८ ६ से णूण हस्थिस्स य कुंथुस्स०१२ २९३ से केणद्वेण सूरे आइच्चे १२ ४५४ से णं परो णावा. आउसंतो०८ ३४३ | सेतं जाणह जमई ८ ९६ से गिहेसु वा गिहतरेसु वा ८ १९१ सेणं परो नावा आउसंतो०८ ३४४ में तं संबुझमाणे से जहाणामए रुक्खे ९ ३८ से पं० कतिलस्सासु होज्जा१२ ३६६ से न सद्दे न रूवे न गंधे ८ १७२ से जहेयं भगवया८ १९७ | सेणं किं उड्डे होज्जा १२ ३६८ से नूर्ण कण्हलेस्सा नीलसे जंच आरंमे जं च नारमे ८ १०४ । सेणं किं वत्तव्वं सिया १२ ८८ | लेस पप्प तारुवत्ताए० १२ १७४ 'सवृत्तिक ॥१३॥ आगम सुत्ताणि ~144 Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ८आ. ९. १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. ॥१३३॥ सूत्रायादि. सूत्रे. से नूणं० अस्थितं अत्थिते ० १२ से नूणं० अथिरे पलोडइ १२ से नृणं असंखज्जे लोए अणंताई दब्बाई आगासे भइ०१२ ७२३ से नूणं एवं मणं धारेमाण आणाए आराहए से नृणं० कण्हलेस्से ०भविता नील० नेर० उप० १२ सूत्रायङ्कः ३३ ८० ३२ १२ ४७१ से नूणं० तमेव सच्चं १२ ३१ से नूणं० दिया उज्जोए राति०१२ २२३ से नूणं० नेरइयस्स वा जे कडे पावे० नत्थि० अ० मोक्खो १२ ४१ से नृणं जा वेदना सा नि०१२ २७८ सूत्रायङ्कः | १२ २३२ सूयादि. सूत्रे. सुत्राद्यादि. से नूणं जे महावेयणे से महा० १२ २२८ से पभूयदंसी पभूयपरिमाणे ८ से नूणं० महाकम्मस्स सम्ब से पब्वए सहमहप्यगासे ओ पोग्गला बज्यंति से पास फुसियमिव से नूणं० मूला मूलजीवफुडा १२ २७५ समणस्स णं३ चचारि सया से नूनं० लाघवियं समणाणं वादीण पसत्थं से नृणं० सव्वपाणेहिं० सुपच्चक्वायं भवति दुप० १२ २७० से नूणं० संयतविरतपडिय धम्मे ठिए० १२ ७५ से नूणं० हरिथस्स य कुंथुस्स य समा चेत्र अपच्चक्खाण० १२ से पन्नया अनखयसागरे वा ९ 145 १२ ५९५ २९६ ३५९४ सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः १६० ९ ३६३० ૐ १४३ १० ३८२० ६८० समणस्स णं ३ णव गणा | समणस्स णं ३ तच्चाओ पुरिसजुगाओ समणस्स ण ३ वित्थंसि वहिं जीवेहिं तित्थगरनामगोते णिव्यतिते १० ६९१ समणस्स णं ३ तिनि सया चउदसपुवीणं १० २३० १० १० २२९ १४ उपा. १५ अंतअनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥१३३॥ Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) ८आ. ९सू १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. ॥१३४॥ सूत्राद्यादि. सूत्रे. समणस्स णं ३ सत्त परतण णिण्हगा १० समणस्स णं ३ समणोवासगाणं १० सना कसाय इंदिय ८ सबिंदिय अणुबंधे सपदेसा आहारग सपरकममाएसो सपरिकमे य अपरिकमए ८ सपरिग्गहा य सारंभा ९ सप्पी जहा अंडउड ११ समअनयम्मि संजमे समगं नक्खत्तजोगं समज्जिणित्ता कलु अणज्जा ९ १ १० ३५* ३२६ सूत्राद्यादि. सयणेहिं वितिमिस्सेहिं सयमेव अभिसमागम्म सयं कडं न अण्णेहिं सर्वजले सयाऊ य सयं तिवाय पाण सयं दुक्कडं च न वदति २६४नि सयंभुणा कडे लोए २६३नि सूत्रायङ्कः | ५८७ ३२२ १२ ९१० १२ ६९# ४१* १२ ७८* ३८० ११४* सूत्रे. ८ ८ ९ ११ ९ ९ ९ सयं समेच्चा अदुवावि सो०९ सयं सयं पसंसंता ९ सयं सहस्साण उ जोयणाणं ९ सया कसिणं पुण धम्मठाणं ९ सयाजलं नाम निहं महंत ६ | सयाजला नाम नदीऽभिदुग्गा ९ ~ 146 सूत्राचड: सूत्रायादि. सूत्रे. ४७# समृसिया तत्थ विसूणियंगा ९ ११० सम्मत्तप्पत्ती सावए य ३०* सम्मदिट्ठिता णं नेर० चचारि १० ७६# सम्मदिइनेरइया णं भंते ! ८ ३ कहिं उब० १२ ८०९ २६५% से पेसले सुडुमे पुरिसजाए ९ ५६३# ६६* से बेमि अप्पेगे अच्चाए ८ ५४ ५७५# से बेमि अंडया पोयमा ८ ४९ से बेमि इमपि जाइघम्मयं ८ ४७ से बेमि जे अईया ૮ १२७ से बेमि जे लोयं अम्माइक्ख६८ ३२ से बेमि णेव सयं लोग से बेमि तंजहा अवि हरए ८ ५०* ३६१# सूत्राचकः ३३५# २२२नि ३६९ ३००० ३३७७ ३४७# ८ २३ १६१ १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ।।१३४. Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत ॐ सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए ८आ. ९सू. सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राधादि, सूत्रे, सूत्राद्यः । सूत्राधादि. सूत्रे. सूजापहना१४ उपा१०स्था-4 से पेमि पाईणं वा ६ संतेगसे मि० अभि० अप्पंड० ८ ३२८ से भि०अभि० सिज्जासंथार १५ अंत. यिया मणुस्स ९१४ से मि० अभि० अंबवणं ८ ३८३ । गभूमि से बेमि समणुनस्स वा ८ १९४ से भि० अभि• उवस्सयं ए से मि०असणं वा. अगणि १६ प्रश्न से पेमि सीत पाणा ८ ३८ - सित्तए १७विपा. निक्खित्८ २५९ ॥१३५॥ | से बेमि संति संपाइमा पाणा८ ६० से भि० अभि० ठाणं ठाइत्तए८ ३८६ से मि०असणं वा ४ अच्चुसिणं८ २६२ से पेमि से जहावि ८ १९ । से भि० अभि. निसीहिय० । से मि० असणं वा ४ अडमिपोस०८ २३३ से मि०अक्खाइयठाणाणि वा८ ३९३ फासुर्य मे भि०अग्गपिंडं उक्खिप्प०८ २४८ से मि० अभिव्वत्थं एसिचए८ ३६४ से भि असणं वा४ आहारे ८ २१७ से भि० अग्गबीयाणि वा ८ २७१ से भि०अभि० पायं एसित्तए८ ३७५ से मि० असणं वा४ उवक्ख| से मि० अनमचकिरियं ८ ३९७ से मि० अभि० वत्थं आयाषिः ७१ | डियं ८ ३६० से मि०अनयरं पाणगजाय ८ २७६ से भि०अभि०संथारगं एसि०८ ३२२ |से मि०असणं वा ४ से भि०अन्नयरं भोयणजायं ८ २७५ से मि०अभि. संथारगं पच्च । एसणिज्जे सिया८ २४१ ॥१३५॥ से मि०अन्नयर संखडिं सुच्चा८ २३९ । प्पिणिचए ८ ३२७ से मि० असणं वा४ खंधसि वा८ २६० देखीए %%ACAAAAACHCCCC UCACAar 'सवृत्तिक आगम सुल्ताणि ~147 Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि [भाग 3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ८आ. ९. १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. ॥१३६॥ सूत्राद्यादि. से मि० असणं वा ४ पाणेहिं वा ४ संस . २२४ से भि० असणं वा परं समुद्दिस्स८ २७८ से भि० असणं ना४बहवे समण८ २३० से भि० असणं वावहवे समण८ से मि० असणं वा ४ मट्टियाउलित्त २३१ सूत्रे. ८ से भि० असणं वा४ वणस्सइ०८ से भि० असणं वा समदासु बाट से भि० असंज ८ | सेमि० अस्सिपडिया } ८ से भि० अहावेगइयाई रुवाई ८ सूत्राचकुः २६१ २६३ २३५ ३६७ २२९ ३६६ ३९४ सूत्राद्यादि. सूत्रे. से भि० अहावेग० सं० बप्पाणि वा ८ ३९२ से मि०आहेस णिज्जाई वत्था इं८ ३७२ से भि० अंतरा से अरायाणिवाट ३३९ से मि०अंतरा से आमोसमा ८ ३५४ से भि० अंतरा से गोणं वियालेट | से भि० अंतरा से जंधा संतारिमे८ से भि० अंतरा से नावासंतारिमेट ३४१ ३५३ ३४७ से भि० अंतरा से परिवहिया ८ ३४९ ८ ३५२ से मि० अंतरा से बप्पाणि वाट से भि० आगं ०४ जावोग् गहियंमि८ सूत्राचकुः 148 २४९ ३८४ सूत्रायादि. सूत्रे. से मि० आमडागं वा ८ से भि०आयरि० नो आयरि हत्थे वा हत्थे ८ से मि० इमाई बयायाराई ८ सूत्रायड़ २६९ ३५१ ३५५ से मि०इमेसु खलु कुलेसु ८ २३२ से भि०० अकोति वा ८ ३१६ से भिव्ह गायं तिल्लेण वा ८ ३१७ से भि०० गायंसि व्हाणेण वाट ३१६ से मि०इह० गायं सीओदग८ ३१९ | से मि०इह० गाहावई वा ८ ३८९ से भि०इह निगिणा ठियाट ३२० | से भि० उग्गहं जाणिज्जा ८ ३८१ १४ उपा. १५ अंत अनु. तू १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥१३६॥ Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ICCE%AC १४ उपा. |१५ अंत अनु. १६ प्रश्न दीप १७ विपा. क्रमांक % के लिए ८आ. ९२ सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः। सूत्राद्यावि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्राधा १० स्था. इसे मि उच्चारपासवण से मि. गाम वा जाव राय०८ २४० से भिजाई. उग्गकुलाणि ४ २३४ ११ स. &ा किरियाए ८ ३८८ से मि०गामा अतरा से से भिजाई पुणवत्थाई ८ ३६८ १२ म. से मि० उच्चारपासवणेण ८ २९८ नावासंतारिमै से मिजाव समाणे सिया ८ ४७० ४ से भि० उच्छुमेरग वा ८२७० से भिगामा० पुरओ ८३३७ से मितणपुंजेसु वा ८ २९९ ॥१३॥ |से भि० उदगंसि पवमाणे ८ ३४५ से भिगाहापुन्यामेव पेहाए८ ३७६ से भिन्तहप्पगाराई सद्दाई ८ ३६२ से मि०उवस्सयं जा अस्संजए८ २८८ से भिगाहावइकुलस्स से मि०तिव्वदेसियं वासं ८ २४३ |से मिउवस्सयं जा खुडियाओ८ ३११ दुवारवाई से भि नावं दुरूहमाणे ८ ३४२ से मि० कसिणाओ७ २२५ से भिन्गाहावइकुलस्स मझ०८ ३१५ से भिन्नो अनउत्थिएण वा८ २२७ से भिक्खू परिक्कमिज्ज वा ८ २०० से मि गाहावइकुलं पविसिउ०८ २४२ से मिन्नो अनउत्थियस्स बा८ २२८ से भिक्खू परिकमिज वा ८ १९९ से मिगोणं वियालं ८ २५० से मिनो एवं वइज्आ नभो देसे भि० खतियाण बा ८२४४ से भि० जस्सुवस्सए ८३१३ वित्ति वा ८ ३५८ से भि० खधंसि वा ८ २८९ से भि अहा वेगइयाई रूवाई८ ३५९ से मिथ्नो गाहावइदुवारसाहं८ २५५ से भिखीरिणियाओ ८ २४६ । से मिजंघासतारिमे ८३४७ से भिन्नो पहिं सद्धि ८३४६ -% देखीए % 'सवृत्तिक आगम ॥१३७॥ -NCRO %esce% सुल्ताणि ~149 Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४ उपा. ल १५ अंत war १६ प्रश्न १७ विपा. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९सू सूत्राचादि. सूत्र. सूत्राद्या सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायड से भिन्नो मट्टियागएहिं ३४८ से भिः पुमं आमतेमाणे ८ ३५७ | से भिसअंड० वत्थं ८ ३७० से भिन्नो वण्णमंताई वत्थाई८ ३७४ | से भि.पुचि भासा ८ ३५६ से भिसइत्थियं सखुई ८ २९० १३ ज्ञा. से भि०परं अद्धजोयणमे से भि बहुपरियावन भोयण८ २७७ से भि०समर्णवा नो ते उवाइ०८ २५३ राए संखडिं नच्चा ८ २३६ से भि बहुसमागे ८ ३३२ से भिसमणं वा ॥१३८॥ Pसे मि०परं अद्धजोयणमेराए | से भि०बहु० संथरिचा ८ ३३१ | नो तेसिं संलोए ८ २५२ वत्थपडिया० . ८ ३६५ से भि०विलं वा लोणं ८ २५८ से भि०समाणे वा वसमाणे वा८ ३२९ | से भि०पाणगजायं अंबपा०८ २९६ से भिष्मणुस्सं बा गोणं वा ८ ३६१ से भिसमा वेगया ८ ३३३ से मि०पाणगजायं० | से मि०मंस वा मच्छ वा ८ २७४ से भि सयपाययं वा ८ ३९० | उस्सेइमं वा ३ ८ २६४ | से भिमसाइयं वा ८ २४५ से भि०ससागारियं ८ ३१४ दिसे भि०पाणगं० अणं से मि मुइंगसहाणि वा. ८ ३९१ से मि सालुयं वा ८२६८ तरहियाए ८ २६५ | से भिरसेसिणो बहवे पाणा८ २५४ से भि०सिया से परो अभिहदु८ २८२ से मिलपिहुयं वा. असंजए८ २५७ से भिवसमाणे वा ८ २७३ से भिसेज्जं गाम वा ८३३५ |से मि०पिहुयं पा सई ८ २२६ से भिवंता कोइंच ८ ३६३ से भूपण्णे अनिएयचारी ९ ३५७० CARCIब ...GOSSI-Sectioववछ 'सवृत्तिक आगम ॥१३८॥ सुत्ताणि %4. - - 150 Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत P सूत्रांक यहां देखीए 0 - % १३झा. --- दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९८. सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्या सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायका सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः १४ उपा१०स्था- से मइमं परित्राय ८ ९५ । से सब्बदंसी अभिभूयनाणी ९ ३५६७ से हु परिबासमय म बट्टई ८१४४४ ४१५ अंत. ११ स. | से य नो सुलभे फासुए उंछे ८ ३१० | सेसं जहा चुलणीपियस्स १४ ३४ सोइदियदुदतत्तणस्स १३ ३४* | अनु. १२ म. सेला सलिला य समुद्दा ११ ६२४ | से साई दागई०एवं आउद्दसे ८ ११५नि. सोऊण जिणवरमतं ९१८ नि. १६ प्रश्न. सेलेसि पडिवनए ण. सेसाई दाराई एवं तेउसे ८ १२५नि. सोए पंचविहे पण्णत्ते १० ४४९ १७ विपा. ॥१३९॥ अणगारे सया समियं | सेसाई दाराई एवं तसकार्यमी८ १६३ नि. सोच्चाणं भंते ! केवलिस्स 5 एयति० १ २ ५९९ | सेसाई दागई एवं वण्णस्सईए८ १५१ नि. वा. केवलिपन्नत्ते धर्म से वसुमं सबसमण्णागय० 1८ ६२ सेसाई दाराई एवं बाउद्देसे ८ १७१ नि. लभेज्जा सवणयाए? १२ ३६९ J८ १५६ से सिया परो सुद्धेणं ८ ३९६ सोच्चा भगवाणुसासणं ९ १५६* से वंता कोहं च माणं च ८ १२२ से सुच्चई नगरवहे व सद्दे ९ ३१७* सोच्चा य धम्म अरहंतभासियं९ ३८* |से बारिया इत्थी सराइभत्तं ९ ३७९७ से सुद्धसुत्ते उवहाणवं च ९ ६०६७ सोस्थिते त अमोहे य १० १०१७ + सेवालकस्थभाणि य अबए ८ १४१ नि. से सुपडिबद्धं सूवणीयंति ८ १५१ सोलस एए रोगा८ १६* ॥॥ से वीरिएणं पडिपुग्नवीरिए ९ ३६०७ | सेहति यणं ममाइणो ९ १०७ | सोलस तिरियदिसाओ.८ ५९ नि. ॥१३९॥ से समणुने असमणुनस्स ८ २०२ से हु चक्खू मणुस्ताणं ९ ६२०० । सोलसमे अजायणे . ९ १४१ नि. -%E - 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -CE ~151 Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [स-कार + ह-कार ] ॐ प्रत सूत्रांक यहां देखीए १२ म. ८.१६ प्रश्न ८आ. ९सा सूत्राचादि सूत्रे. सूत्रायः। सूत्राचावि. सूत्रे. सूत्राय: सूत्राथापि. सूत्रे. या १४ उपा. १० स्था. सोलस य गाहासोलसमा ११ १६ हत्यहि पाएहि यबंधिऊणं ९ ३२८० | हरीणं भते! हरिणेग० किं ११ स. | १५ अंत| सो सिक्खगो य दुविहो ९ १२८ नि. इत्थो चित्ता साई १० २ गम्माओ गम साहरी१२ १८६ । १३ शासोहम्मदेवाणं भंते! कओ हम्ममाणो ण कुप्पेज्ज ९ ४६७* हलकलियविसकद्दाला ८ ९५ नि.81 MI हितो उबब! १२ 10१७व १६ हवा पुण सत्चमी हयपुब्बो तत्थ दंडेण ॥१४॥ १० ९२७ Tal ८ ९०* सोहम्मीसाणेसुणं विमाणा। हंता य अहंता य १० ९* पंचवण्णा १० ४६९ हरओवमो य तवसंयम० ८ २३७नि हासपि णो संघति पावधम्मो९ ६००* ॥हकारः॥ हरिएसु न निवज्जिज्जा ८ २९५ १२ ४६*। हट्ठस्स अगवगल्लस्त हरियाणि भूताणि विलंबगाणि९ ३८८० | हासं वम पावमकलुसं १ इण छिंदह भिंदहणं दहेति ९ ३०५* हासगविसयारंभग ८ २३५ नि. हणते णाणुजाणेज्जा ९ ५१२७ ९ ६३३७ हासेण जे सिद्धिमुदाहरंति ९ ३९८७ इत्थऽस्सरहजाणेहिं ९ १९७७ | हरिवंसकुलुप्पची १० १६८ | हेउसरिसे आहेउएहि १५.नि. हत्थीसु एरावणमाहुणाए ९ ३७२ | हरिवासरम्मयवासयाओ ११ ७३ । हेहा नेरइयाण ८ ५८ नि. हत्थे पाए ऊरू ९ ७६ नि. हरिवास म्मयाणं वासा ११ १२१ हा पायतलाणं ८ ५४ नि. a- दीप क्रमांक के लिए देखीए हरियाले हिंगुलए ८ ७४ ब- ब्व त्र 'सवृत्तिक आगम देविका पचाला सुत्ताणि १० ३८३ होल वसुल गोल णाह १३ २५० ॥ इति अकरना प्राधाचनकमः समास ९ १३८ नि. होलावार्य सहीवार्य ९ ४६३५ इति अंग सूत्र-गाथा अकारादिः । मुनिश्री दीपरत्नसागरेण पुन: संपादित: “[भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि” परिसमाप्ता: ~152 Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नम: भाग-3 पूज्य आगमोध्धारक आचार्य श्री सागरानंदसूरीश्वरेण संशोधित: संपादितश्च अंगसूत्राद्यकारादिः (किंचित वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: "अंग-सूत्रादि-अकारादिः” नाम्ना परिसमाप्त: आगम-संबंधी-साहित्य'-श्रेणि, भाग-३ ~ 153 Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री उपांगप्रकीर्णकसूत्राद्यकारादिः नमो नमो निम्मलदसणम् आनंद-क्षमा ललित-सुशील-सुधर्मसागर [भाग-3] उपांग-प्रकीर्णक सूत्रादि अकारादिः आदय सपादक ज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) कलनकतो (M.Cor 28/07/2017, शुक्रवार, २० latne ty's Net Publ पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग-प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) - 154 Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) श्रीआगमोद्धारसंग्रहे भागः२ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स उपांग-प्रकीर्णक सूत्रायकारादि क्रम: श्रीऔपपातिक-जमनीय-जीवाजीवाभिगम-प्रज्ञापना-चंद्रसूर्यप्रज्ञप्तियुग्म-जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति-उपांगपंचकमयनिरयावलिका-चतुःशरणादिप्रकीर्णकदशकानां सूत्रसूत्रगाथानामकारादिक्रमः लघुर्वहंश्च विषयानुक्रमः 5000 प्रकाशका-सूर्यपुरीया श्रीजैनपुस्तकप्रचारकसंस्था इदं पुस्तक सूर्यपुरे श्रीजैनविजयानन्दमुद्रणालये फकीरचन्द मगनलाल बदामीद्वारा मुद्रयित्वा प्रकाशितम् प्रतयः २५०१ विक्रमसंवत् २००५, वीरसंवत् २४७५, ०स० १९४८ [वेतनम् रु. ४-८-० PIPRASARASRYAVARIORIGITTARVASHIKARARIES दामीद्वारा मुद्रयित्वा प्रकाशित ~155 Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए प्रस्तावः श्रीऔपपातिकादीनां द्वादशानामुपांगानां चतुःशरणादिकानां दशानां प्रकीर्णकानां च गाथायनुक्रमः भो। परमपुरुषपरमेश्वरप्रणीताब्यावाधाविरुजहितोपदेशमात्रप्रवचनप्रवणागमामृतपानपुष्टान्तःकरणाः कृतिनः! सफलधन्येतस्य शास्त्रस्य साचरणश्रद्धानवृद्धिक्रियाद्वारा ग्रहणेन मे परिश्रमलेश, प्राक्तावत् १ नन्दी २ अनुयोगद्वार ३ आवश्यक४ ओधनियुक्ति ५ दशवकालिक ६ पिण्डनियुक्ति ७ उत्तराध्ययनसूत्राणां गाथाकारादिक्रमविषयानुक्रमयुगलान्युन्मुद्राप्य निर्णयसागरमुद्रणालये श्रीमत्याऽऽगमोदयसमित्या प्रतीनां सार्धद्वादशशती प्रचारिता, पण्यं च रूप्यकद्वयं स्थापितं पश्चात्तु श्रीमालवदेशान्तर्गतश्रीऋषभदेवजीकेशरीमलेत्यभिधया श्वेतांबरसंस्थया ८ आचारांग ९ सूत्रकृतांग १० स्थानांग ११ समवायांग १२ श्रीभगवत्यपराभिधव्याख्याप्रज्ञप्ति १३ शातधर्मकथा १४ उपासक १५ अन्तकृद्दशा १६ अनुत्तरौपपातिकदशा १७ विपाकश्रुत १८ प्रश्नव्याकरणांगसूत्राणां गाथाकारादिविषयानुक्रमयुगलानि श्रीइंद्रपुरीयश्रीजैनबंधुमुद्रणालयश्रीभावनगरीयमहोदयमुद्रणालयद्वारा मुद्रापयित्वा पंचशती पुस्तकानां प्रचारिता, पण्यं च चतुष्टयं रुप्यकाणां धृतं, ततः शेषाणां गाथाकारादिविषयानुक्रमयुगलानामुन्मुद्रणायायमुपक्रमः श्रीसुरत,गीयंजनपुस्तकप्रचाराण्यसंस्थया क्रियते । प्रत्यश्चात्र सार्धद्विशतीमात्राः पण्यं च साध रुप्यकचतुष्टर प्रियते । एतच्च वर्तमानयुगस्थितिक्षिणां सुशानामवभासिष्यतेऽल्पतममेव । अत्र च १९ श्रीओपपातिक२० श्रीराजप्रश्नीय २१ जीवाजीवाभिगम २२ प्रशापना २३-२४ सूर्यचंद्रप्राप्तियुग्म २५ जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति २६ उपांगपंचकमयनिरयापलिका २७ चतुणादिप्रकीर्णकदशकानां गाथाकारानुक्रमो लघुर्वहन विषयानुक्रमश्च समुन्मुद्रिताः, तत एतत्प्रयोग यथार्ह कृत्वा सफलयन्तु सजना मे ज्ञानाभ्याससहायमनोरथमित्याशासे। २००५ कार्तिकशुक्ला पूर्णिमा, सुरत. श्रीश्रमणसंघसेवक आनन्दसागरः 'सवृत्तिक आगम सुल्ताणि मूल संपादकेन दत्त उपांग-आगम-क्रमांक-संकेत १९.औपपातिक, २०.राजप्रश्नीय, २१.जीवाजीवाभिगम, २२.प्रज्ञापना, २३-२४.सूर्यप्रज्ञप्ति-चन्द्रप्रज्ञप्तियुग्म, २५.जंबूदद्वीप-प्रज्ञप्ति २६,निरयावलिका-उपांगपंचक, २७.चतुःशरणादि-प्रकीर्णकदशक, - 156 Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वर्ण: पृष्ठांक: ०१ | २०२ उपांग+प्रकीर्णक अकारादि-वर्णानुक्रम पृष्ठांक: | क्रमांक: १५९ । १५ । १७४ १६ १८० १८१ १८२ । १९ । २० १८४ २१ | १८५ | २२ । १९२ २३ । २४ । २५ १९२ २६ २०२ २०४ २०५ २०८ २१३ क्रमाक: वर्ण: .१ अ-कार ०२ क-कार ख-कार ग-कार ०५ माघ-कार च-कार छ-कार ज-कार झ-कार श हट-कार ठ-कार ड-कार ण-कार त-कार १८२ थ-कार द-कार ध-कार न-कार प-कार फ़-कार ब-कारवार भ-कार म-कार र-कार H ल-कार व-कार स-कार ह-कार २१३ २१४ ૨૩ र ०/ २१५ d ० २१७ २१८ १९२ १३ २७ |TOS १९२ १९२ २१९ २२१ २३० ~157 Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री उपांग-प्रकीर्णक सत्रादयकारादिः] इस प्रकाशन की विकास-गाथा * यह प्रत "श्री उपांगप्रकीर्णकसूत्राद्यकारादि" के नामसे सन १९ ४८ (विक्रम संवत २००५) में 'श्री ऋषभदेव केशरिमल श्वेताम्बर संस्था' द्वारा प्रकाशित हुई, इस के संपादक-महोदय थे पूज्यपाद आगमोद्धारक आचार्यश्री आनंदसागरसूरीश्वरजी (सागरानंदसूरिजी) महाराज साहेब | * पूज्यपाद् आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागरसूरीश्वरजी महाराजसाहेबने 'औपपातिक' आदि १२ उपांगसूत्रो तथा 'चतुःशरण' आदि १० प्रकीर्णकसूत्रो के मूलसूत्र एवं उस पर पूर्वाचार्य रचित वृत्ति आदि का संपादन किया था | उन प्रतोमे जो मूलसूत्र, गाथा आदि थे उन सभी सूत्रआदि के 'अकारादि' क्रमांकन किये थे | वे 'उपांगसूत्र तथा प्रकीर्णकसूत्र के अकारादि' को इस प्रतमे प्रकाशित करवाया है । अर्थात् १२ उपांगसूत्रो एवं १० प्रकीर्णकसूत्रो के सूत्रादि-अकारादि के रचयिता, संपादक और प्रकाशक श्री आगमोद्धारक आनन्दसागरसूरीश्वरजी महाराजसाहेब ही है । * पूज्यपाद आगमोद्धारक आचार्यदेवश्रीने इसी तरह अंगसूत्रो और नन्दी आदि अन्य आगमसूत्रो के सूत्रादि-अकारादि की भी रचना, संपादन और प्रकाशन किया है। * हमारा ये प्रयास क्यों?* आगम की सेवा करने के हमें तो बहोत अवसर मिले, अब तक मेरे प्रकाशित किये हुए पुस्तको के १,००,००० से ज्यादा पृष्ठ हो चुके है, किन्तु लोगो की पूज्यश्री सागरानंदसूरीश्वरजी के प्रति श्रद्धा तथा प्रत स्वरुप प्राचीन प्रथा का आदर देखकर हमने इसी प्रत को स्केन करवाई, उसके बाद एक स्पेशियल फोरमेट बनवाया, जिस के बीचमे पूज्यश्री संपादित प्रत ज्यों की त्यों रख दी, ऊपर शीर्षस्थानमे प्रत संबंधी उपयोगी माहिती लिख दी है, ताकि पढ़नेवाले को प्रत्येक पेज पर कौनसे वर्ण का क्रम चल रहा है उसका सरलतासे ज्ञान हो शके | * पूज्यपाद आगमोद्धारकश्री ने आगम संबंधी ५२ विषयो को वर्गीकृत किया था, आज भी उनमे से ऐसी कई प्रते मिलती है, जिसमे ये विभाजन-क्रमांक देखने को मिलते है, उनमे से थोडे विषयो का काम हुआ भी है, जो मुद्रित स्थितिमे भी प्राप्त है। * शासनप्रभावक पूज्य आचार्यश्री हर्षसागरसूरिजी म.सा. की प्रेरणा से और श्री परम आनंद श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ, पालडी, अमदावाद की संपूर्ण द्रव्य सहाय से ये 'आगम-संबंधी-साहित्य' भाग-3 का मुद्रण हुआ है, हम उनके प्रति हमारा आभार व्यक्त करते है। ..... मुनि दीपरत्नसागर. ~ 158 Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्राक औ० १९ यहां णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स श्रीआगमोद्धारसंग्रहे भागः २ देखीए प्रज्ञा०२२ प्रकी०२७ औपपातिकाद्युपांगानां चतुःशरणादिप्रकीर्णकदशकस्य च सूत्रगाथा कारादिः दीप 3.VAXYX AXTAR सूत्राद्यादि क्रमांक के लिए देखीए आगमांकः सूत्राधा | अगंतूणं समुग्धातं अगीअत्थस्स बयणेणं अग्गिम्मिय उदयम्मियः २७-८०१ | अग्गिस्स दाहिणे पाले २७-११३४ | अश्वम्भुयगुणवंते अपिछनिमीलियमेत्तं २१-९३ | अछि पब्बं बलिमोडओ २७-११६ | अच्छिमलो कन्नमलो १९-८ अच्छे अ सूरियावत्ते २९-४१३ | अच्छेरयं च लोए २२-२३० | अजयणाए पकुब्बति २७-८२९ २७-७५५ अजीवपरिणामे ० कतिविधे २२-१८४सू० २७-१५२१ | अजीवपज्जवाणं भंते !काविहा २२-११८सू० २६-२ अजोरुह वोडाणे २२-४१ २७-२१ | अज्झयणमिणं चित्तं २२-५ २१-२१ | अम्झबसाणविसुद्धी २७-२४२१ २२-९३ | अदुहट्टियचित्ता १९-५ । २७-५६८ | अट्ठमयठाणजड्ढो २७-६२८ २५-६७ | अट्टविहकम्ममूल. २७-७०२ २७-१५८२ अट्ट सप आसीए २७-२०१२ HANNAKWANINI अदुल्लहमेसजं अउणाण उइ सहस्सा अउणासीइ सहस्सा अकसाइणो सम्वत्थोवा अकंडेऽचिरभाविध अकित्ताणं समुग्घायं अगणिअ जो मुक्खसुहं 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ... जहा १९ लिखा है वहा 'औपपातिक' आगम समझना, इसी तरह जहा २६ लिखा है वहा 'निरयावलिका-पञ्चक' आगम समझना. ... अ-कारादि अनुक्रममे जो सूत्राद्यक दिये है वे सब सूत्र या गाथा इत्यादि को आगमोद्धारश्री संपादित प्रतमे दिये गये क्रमांक अनुसार समझना ~159 Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत २७-१५१७ सूत्रांक यहां देखीए औ०१९/ रा०२० जी०२१ प्रज्ञा०२२ ॥२॥ सूर्य०२३ ज०२५ नि०२० भीमकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए RANEXTEREORIALAXMIRMIREOS अट्ठ सय उगुणवीसा अट्टसहस्सा तिम्नि उ | अट्टाबीसं कालोदाहिम्मि अट्ठावीसं कालोदहिम्मि अट्ठावीसं कालोदाहमि अट्ठासीइ चत्ताई अट्ठासीइ चत्ताई अट्ठासीई च गहा अट्ठासीतिं च गहा अट्ठासीति च गहा अट्ठासीयं च गहा अट्टिय कढिणे सिरण्हारु । अट्टत्तरं च तीसं अव जोयणाई अट्ठव सतसहस्सा अट्ठव सतसहस्सा अट्टेव सतसहस्सा २४-१०० | अट्ठव सयसहस्सा २१-३५ अणसणपाउवगमण २७-४५३ | अटुंब सयसहस्सा २७-१०९९ / अणसणपाओवगमं २७-२२५ २१-३९ | अटुंब सयसहस्सा २७-२०४२ | अणसणमूणोयरिया २७-१३६२ २७-१०४५ अडयाल सयसहस्सा २१-४१ | अणंतरगयाहारे २२-२२४ २४-४३ | अडयाल सयसहस्सा २१-४८ | अणंतरागया नेर० अंत० २२-२५८सू० अडयाल सयसहस्सा अणिआहिवाण पञ्चस्थि० २५-४८ २७-१०५४ | अडयालीसं भाए २७-२५६ | अडयालीसं भागा २७-१०१५ | अणुबद्धरोसबुग्गह २१-८४ अडयालीसं लक्खा २७-२०५१ अणुराहा रेवई चेव २७-८७६ २४-८६ | अडसीइ सयसहस्सा अणुलोमपूअणाए २७-१०८५ | अणगार० भावि० मारण०२२-१९६सू० अणुसुयह सुयंतीए २७-५५८ | अणगार लोग० फुसित्ता २२-३४७सू० अणुसोभह अपणजणं २२-१३५ | अणगारे० भावि अप्पा १९-४२सू० अण्णउत्थिया० दो किरि० २१-१०५सू० २७-९६५ / अणभिगहियकुन्ट्रिी २२-१३० अतिसीतं अतिउण्हं २१-२३ २४-३६ अणमिग्गहिया भासा अतुलसुहसागरगया १९-३० २४-४८ अणवट्ठतिगं पारतिगं २७-२३२४ अस्थमणे संझागय २४-३९ | अणबग्निय पणवन्निय २२-१५२ | अस्थिणं० देवाणं सुक्कपोग्गला २२-३२७सू० ANSAX 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~160 Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप ल क्रमांक के लिए देखीए औ०१९ अस्थि पं. चंदिम० हिट्टिपि अद्दा अस्लेस जिट्टा २७-८७८ | अप्पविहिणा (उ) जाहे २७-१३१५ लसूर्य०२३ रा० २० तारा० २१-१९४सू० | अद्दाय असी य मणी २२-२०३ अप्पसत्येसु लग्गेसु २७-२१४० २५ जी०२१ अस्थि ० चंदिम हिद्दिपि अहाय पेहमाणे० पेहति ३? २२-१९७सू० २७-२७४४ नि०२६ प्रज्ञा०२२ तारा० २ ५-१६४सू० अद्धविट्ठगसंठाण २७-२०१० अप्पाबहुयं सम्वत्थोबा २१-२३० प्रकी०२७ ॥३॥ अस्थि णं०-तीसे स० भरहे। अद्धजोमणिया उगाहा २७-२०१७ अप्पाबटुयाणि जहेबित्थीणं २१-५७ गेहाइ वा २? २५-२५सू० अट्टमेहिं राइंदिपार्ह अप्पा० सय वायरतस० २१-२३८ अस्थि ० पाणातिवायवेरमणे अद्धतिवन्नसहस्सा अप्पिहढियाओ तारा २७-२०२४ | कजति? २२-२८६सू० अनियाणोदारमणो २७-३०५ अप्पंपि भावसहं २७-१५९ अस्थि पं० विमाणाईलोत्यीयाणि २७-३५६ २७-१५६१ ET वा २१-१००सू० अन्नेसु अ जीवेमुं २७-५३ | अप्पं सुकं बहु अउयं २७-४६९ अस्थि पं० रयण अहे घणोदधीति | अन्नं रयंति अन्नं रमंति अप्फेया अदमुत्तग २२-३२ KI वा ४ २१-७२सू० अन्नं इमं सरीरं २७-१६०३ अभितरवाहिरए २७-४०६ का अस्थि णं लवण वेलंधरा ति०२१-१६९सू. अन्न इमं सरीरं अभिंतरवाहिरयं २७-१३९४ अस्थिय तेंदृकविढे २२-१८ अन्नं इमं सरीरं २७-१८२५ आभतरं च तह २७-२४४७ "अस्थेगे गोयमा ! पाणी २७-७११ | अन्नं इमं सरीरं २७-१६३७ अभंतरंसि कुणिम २७-५३० अत्थं धम्म काम २७-१८३८ अपरकम्मरस काले २७-२८६ अंग्भुज्जयं बिहारं २७-१५४२ अत्थं धम्म काम २७-१८५२ / अप्परिस्सावी सम्म २७-७३१ | अध्भुजयं बिहार २७-१२४३ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~161 Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक औ०१९ . यहां देखीए रा०२० जी०२१ प्रज्ञा०२२ ॥ ४॥ २७-४३८ निक म दीप क्रमांक AV VAVAWWA के लिए देखीए अन्भुजुयं विहारं अभिहस्स चंदजोगो अभिहस्स नव मुहुत्ता अभिई छच्च मुहुत्ते अभिई छञ्च मुहुत्ते अमिई सवणो धणिट्ठा . अभिजाइसत्तबिक्कम अभिणं दिए पहले अ अभिनंदद मे हिअयं अभिणंदे सुपइट्ठिय अमरनरवदिए अमरवरेसु अणोवम० अमरिंदनारदमुणिद० अमियगइस्सवि विसओ अमुगंमि इउ काले अमुणिमणपरिकम्मो अम्मापियरो भाया २७-२५६ | अयलग्गाम कुटुंचिय २७-१६८४ | अलोगे पडिहया सिया २५-२११ | अरईय जाइसूकरो २७-१७२५ | अवए पणए सेवाले २२-४७ २४-७ | अरहंतसिद्धचेश्य | अवलंबिऊण सत्तं २५-११५ | अरहंता मंगलं मज्झ २७-२४८ | अवसेसा अणगारा २७-१७०६ २७-१०३३ | अरिहंतनमुक्कारो २७-३५२ अवसेसा णक्खत्ता २५-११४ २५-९० | अरिहंतसरणमलसुद्धि २७-२३ | अवसेसा णक्खत्ता २५-११८ २७-१२३८ | अरिहंतसिद्धकेवलि २७-४३४ | अबसेसा नक्खत्ता २७-२०३२ २५-२१ | अरिहंतसिद्धचेदय २७-३४५ | अवसेसा वारस चेव - २७-२०३६ २७-६१२ | अरिहंतसिद्धसाहु २७-११ । अविउत्तमल्लदामा २७-१९७५ २४-२३ |अरिहत्तं अरिहंतेमु अविकलसीलायारा २७-१२७६ २७-५२९ | अरुणसिहं दट्टणं २७-२७४३ अवियद्धोऽयं जीयो २ ७ १९२ २७-५८२ | अलंबुसा मिस्सकेसी २५-३५ अविरहिया जस्स मई २७ १३८६ २७-९ | अलिअं सइंपि भणि २७-३७६ अविसुद्धलेस्से भंते! २११०४० २७-९८६ | अलोए पडिहया सिद्धा०२७-१२०९ असणी खलु पढमं २१८ २७-१३३० | अलोए पडिहया सिद्धा २२-१६० | असद्दहवेयणाए २७ १५६६ २७-३९९ | अलोगस्स० अचरमस्सा० कयरे० असमत्तसुओवि मुणी २७१४०४ २७-१८८० २२-१५६सू० | असरीरा जीवघणा उ XANAA NAANDA 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~162 Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ अकार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ ५ ॥ असरीरा जीवघणा १९-१९ असुराणं नागाणं २२- १६९ असुरा नागसुवण्णा असुर सरीरं रोगा असुरेस हुति रत्ता २७-५६९ असोयवरपायपुढवि २७-१८८३ अस्सन्नी खलु पढमं असुई अमिश पुन्नं २७ ५४२ अस्साओ उबवण्णो असुभा बिउब्वणा खलु २१-१७ अस्संजमत्तोगसणं असुरकुमाराणं० अनंतरं २२- १३९० आहा० २२- ३०५सू० असुरकुमाराणं० कतो हिंतो २२-१३०सू० असुरकुमाराणं० केवइया ओरालिय सरीरा २२- १७९० असुरकुमाराणं केवइया पजवा २२- १०५० 39 39 असिमसिसारिणं असुरकुमाराणं० सत्रे समाहारा २२- २०९० असुरकुमारे ० असुर० २२-२६०सू० अस्संजममण्णाणं अस्संजममण्णाणं अस्संजममन्नाणं अस्संजमवोसिरणं अह णं पसवणकालसम० अह तस्स महवय० अह भंते! असंजय० अह भंते! गाओ मिया० अह भंते! मणुस्से महिसे० २२-१६४स्० अह भंते! मंदकुमारए वा २२-१६३० २२-२६६सू० २२-१६२ ~ २७-९७६ २२-१३८ २२-१४८ २०-३० २२- १८३ २१-१८ २७-२४४ २७-१४५५ २७-९३ २७-१५१ २७-१५३४ २७-१२सू० २७-३२६ 163 अह भंते! सव्यजीवप्यवहुं अह मणिमंदिर सुंदर अह महुरं फुडवियर्ड अह मिच्छत्तससला अहमंसि पढमराया अहयं बहुगुणदाणं २२-९३ सूर्य०२३ २७-४४३ २७-१५९० २७-१५९५ २५-२६ २५-१९० २७-४११ २१-२६९० २७-५९१ अहवा चविवहा इस्थि० २१ २५९० अहवा उ पुच्छयाला अहवा चडव्विहा० चक्खुणी अह रागदो गम्भ अहवा अट्ठविहा रइया २१-२६०सू० अहवा चडविहा०संजया० २१-२६१० अहवा चिलाइ तो २७-३६३ अहवा छव्विहा० ओरालि० २१-२६५० | अहवा णव विधा० पढमस० २१-२७१० अहवा तिविहा० तसाइ २१-२५७० जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥५॥ Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [अ-कार + आ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ऑ०१९ रा०२० ०२६ TRAX 1०२० जी०२१ प्रज्ञा०२२ नि० २३ प्रकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए XXIXARXEOX YAXS अहवा तिबिहा०पज्जत्तगा०२१-२५३सू० अहवा सब्बं चित्र २७-५८ अंतो मणुस्सवेत्ते २७-१०७५ अहवा तिथिहा परित्ता० २१-२५२सू० | अहवा सुवण्णमासा २७-५१२ अंतोमुत्तकाठगे २१-९१ अहवा तिविहा भवसिद्धिया अह सो आलोअणदोसजिनं २७-२९७ अंधियपत्तियमच्छिय २२-१११ २१-२५६० अह सो जिणभत्तिा | अंबट्ठा य कार्लंदा य २२-११९ अहवा तिविहा० सपणी० २१-२५५० अह सो दुबडगरिहा | आइयतेअतविआ अहवा तिविहा० सुहुमा २१-२५४सू० अह सो निराणुकंपो २७-६७० २४-२९ अहवा दसविधा०पढमसम २१-२७३सू० अह सोधि चत्तदेहो २७-६५८ | आइच्चतेयतविया २७-८६३ अहवा दुविहा० चरिमा चेव २१-२५०सू० अह सो सामाइअधरो २७-३०९ | आउनेयसमत्ती २७-१२४८ अहवा दुविहा०सभासगा य२१-२४२० हज देसविरओ। आउसो! एवं जायस्स २७-१३सू० अहवा दुविहा सव्वजीवा०२१-२४८० अंजणगुणसुविसुद्ध आउसो! जंपिइमं सरीरं २७-१६सू०(ब) अहवा दृविहा सबजीवा २२-२४६स० अंतरं बायरस्सा आउसो! तओ नवमे मासे २७-११सू० अहवा पंचविहा० रइया०२१-२६३सू० अत्तं(न्तं)परजोगेहि य २७-२३४१ आउसो! से जहानामए २७-२७सू० अहवा सत्तविहा० कण्हलेस्सा अंतो चउरंसा खलु २७-२६१ आकंपणं अणुमाणर्ण २७-१३५८ २१-२६७सू० अंतो णं भंते! मणुस्स०, २१-१८०० आगममयप्पभाविय २७-१४०३ अहवा समाहिहेडं २७-६७६ | अंतो पं० माणुसुत्तरस्स० २५-२५१सू० | आगरसमुट्ठिय तह २७-१५८१ २७-१५८७ | अंतो मणुस्सखेत्ते २१-७२ | आणयपाणयकप्पे अहवा समाहिहेउं सागारं २७-३२१ । २२-१५६ SSCRIXXXREAL 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~164 Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ आ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) औ० १९ २० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ || 6 || आणयपाणयकये " " 27 आतपतिट्ठियखेतं आभरणवत्थगंधे 31 11 33 " आमंतणि आणमणि आयरिअ उवज्झाए 33 33 33 आयरिया मंगलं मज्झ आया पचक्खाणे आया मे जं नाणे आयारखं च उवधारवं आयास कलेसाणं आया हु महं नाणे आर्यके उवसग्गे २७-११०१ आरंभेसु पसत्ता २७-११३० आराहओ तहवि सो आराहणपचरअं आराहणलाभाओ आराहणार खेमं आराहणापडागागहणे २७-११६३ २२-२०१ २१-३३ २२- २०५ २२-१९६ आराहणापुरस्स २७-३२३ आराहणोवउत्तो २७-६१० २७-१५७० २७-२५० २७-१४५१ २७-१४४ २७-१३२१ २७-१८३९ 25 33 आराहेऊण उक्कोसेण य आराहेऊण विऊ 33 33 आराहेऊण बिऊ जहन्न आराहेऊण० सत्तट्ठ भव० आरुग्गमविग्धं खेमियं २७-८७ 33 29 २७- १२७४ | आरुहिअमहं सुपुरिस ! ~ 165 21 २७-८१३ आरुहियच्चरितभरो २७-१३५७ आलोइयनिस्सल्लो २७-३१९ आलोयणाइदोसे २७-३२७ २७-३११ आलोयणार संलेहणार २७-३५५ आवलिआइ बिमाणाण २७-३५१ आवलियमुडुत्तग्गे २७-१२४ २७-२६४ आवलियाइ विमाणा २७-१५५४ आसपुरा सीहपुरा २७-२७१ आसरिया य मणोहर० २७-१५५३ आसवदारेहिं सया संवरनिजर 21 " २७-२७२ २७-१५५५ आसीअ पोक्षणपुरे २७-८५२ आसी कुलाणनयरे २७-५९२ आसी गयसुकुमालो २७-२९३ | आसी चिलाइपुत्तो 31 13 २७-१५८५ ی २७-१३५४ २७-१३५९ २७-१३१६ २७-११३६ २४-७ २४-१२ २७-११३७ २५-१२ २७-१६८९ २७-१८५४ २७-६०९ २७-६४२ २७-६६७ २७-६७३ २७-६७२ सूर्य०२३ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ || 9 || Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ आ-कार + इ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत आसीतं बत्तीस सूत्रांक यहां देखीए औ०१९ रा० २० जी०२१ Bara ०० प्रज्ञा०२२ २७-४२९ । " ॥ ८ ॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए २१-६ आहारो ऊसासो २७-११६०, इक्कं पंडियभरणं आसी य खलु आउसो! -१५० आहारो परिणामो २७-(४६७)प्र० आसी य समणाउसो! २७-२६सू० | आर्हिडिऊण बसुहं २७-६६३ | इकमिवि जमि पर आसीयं बत्तीसं २२-१३४ इन उवएसामय आसी सुकोसलरिसी- २७-६४९ इअ कलिऊण सहरिसं आसुक्कारे मरणे २७-६९ इअ खामिआइआरो २७-६९३ , वि० ते तस्स आसेहि य हत्यीहि य २७-१८१४ इअ जीवपमायमहारिक २७-६३ ,, सो तेण० आहारए णं० पुच्छा २२-२४६सू० इअ जोइसरजिणवीर २७-४४६ | इकाइ अग्गिजालाइ आहारगसरीरेणं० कतिविधे २२-२७४सू० इस तस्स बहुगुणदे २५-१६ | इकाइ जलुम्मीप आहारनिमित्तणं अहयं २२-१८६ इअ तह विहारिणो २७-६९५ | इकाइ वायुगुंजा० " " मच्छा० २७-११४ इअ वंदणखामणगरिहणाहि २७-३२५ | इक्काइ विज्जुयाए " " २७-१४८३ इअ सिद्धाणं सुक्वं २७-१२२५ | इकारस य सहस्सा २७-२८७ इक्कस्स उजं गहणं २३-२०० इशिकम्मि य जुयले आहारभवियसण्णी २२-२२० इक अपाणं जाणिऊण २७-१२६३ आहारसमसरीरा २२--२०९ | इकं० खिप्पं सो मरणार्ण २७-१५१५ | इक्को उप्पजए जीवो आहारे उवओगे २२-९ | इमं च सयसहस्सं २७-१०३८ | इको करे कम्म | आहारो उस्सासो २२-५८४ | इक्कं पंडियमरणं २७-२२३ । " २७-२३८ २७-१५३० २७-१५२९ २७-२३७ २७-२३६ २७-९९० २७-९८५ २७-२८७ २७-२८२ २७-२०५३ २७-२००२ २७-२५५ २७-१४७ NANNANNIANE 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि २७-१८२० - 166 Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [इ-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक सूर्य०/२३ यहां ऑ०१२ रा०२० जी० २१ प्रज्ञा०२२ चं०/२४ जं० २५ देखीए ॥९ लाप्रकी०२७ ॥ दीप क्रमांक ANNA NUOUX के लिए देखीए इक्को जायइ मरद इको मे सासओ अप्पा |इका यहोइ रयणी | इको है नस्थि मे कोई इक्खू य इक्बुवाडी इच्छामि० उत्तमढे पनि इच्छामि भंते! उत्तमट्ठ इच्छामुत्ति भणित्ता इच्छामो अणुसहि इच्छिजइ जत्थ सया इट्ठजणविष्पओगो इवाणि?सु सया इणमो सुगइगइपहो इम्हि व मुहुत्तेणं इहि सयं विसिस्स उ इति एस पाहुडत्था इति एस पाहुडत्था २७-१४७८ | इत्थ किर विमाणाणं २७-१०९ | इमा णं भंते ! रयण कतिविधा | इत्थ० चत्तारि महासुक्के २७-११०० २१-७०० २७-१२१४ | इत्थ पुण भावणाओ२७-१२९४ | इमाण भंते! रयणप्पभा० केवतियं इत्थि विसेसो भण्णइ २७-१३१४ | वाहल्लेण० २१-६९सू० २२-३५ | इस्थिवेदस्स गं भंते! कम्म० २१-५२सू० | इमी० रयण नेरया २१-८४सू० इत्यीए णाभिहिट्ठा २७-४५६ | इमीसे पं० णरगा किंमया २१-८६० २७-रसू० इत्थी णं भंते ! इस्थिति का०२१-४९सू० इमीसे ण णेरइयाणं किं संघयणी? | इत्थी गं भंते ! ठिती० २१-६४सू० २१-८८सू० २७-४३० २१-४७सू० इमीसे गं० रतिया० कहिं गच्छति ? इत्थी णं भंते ! अंतरं० २१-५०सू० २१-९२सू० २७-१८४४ | इमाओ अट्ठ सुयाओ २७-१८९८ | इमीसे पं० रतियाणं केरिसया २७-१४९९ | इमा णंभंते !रयण० किं सासया पोग्गला २१-८९सू० २७-१८६४ . २१-७९सू० | इमीसे पं० रतियाणं केवतियं | इमाणं भंते !रयण किंसंठिता! | कालं ठिती २१-९१सू० २७-१६१० २१-७५सू० | इमीसे गं० तीसाए नरया० २४-९८ इमाणं भंते ! रयण दोच्चं पुढवि० २१-१४सू० २४-२०७० । . २९-८१सू० । , नेरइया कतो० २१-८९सू० 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~167 Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [इ-कार + ई-कार + उ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत चियालए सूत्रांक यहां देखीए औ०१९ रा० २० जी०२१ प्रज्ञा०२२ ॥१०॥ मकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए इमीसे रतिया केरिसय २१-२०१० | इय अवि मोहपउत्ता २७-१३१३ | इंगालए वियालए २४-८८वस्य २१-९३सू० , बालपंडियं होइ २७-७३ | इंदग्गी धूमकेतू २१-९६सू० , सव्वकालतित्ता इंद मुजाभिसित्ते य , भंते ! रयण असी २१-७४सू० २२-१७७ २५-९४ नि० २६ " , रयण उवरि०२१-८०सू० २७-१२२७ | इंदविलयाहि तिलयरयणंकिए २७-९३२ केव० २१-७२सू० , सिद्धाणं सोक्वं | इंदिअविसयपसत्ता , घणोदधि २२-१७५ | इंदियउवचयणिव्वत्तणा २२-२०७ २१-७७सू० इलादेवी मुरादेवी | इंदियसुहसाउलओ २७-१४०१ णरका इसिवालियस्स भई २७-१२३३ २७-२२६ २१-८३सू० | इह इत्तो चउरंगे २७-१८०५ २७-१५१८ "नरका केमहा० इह खलु जिणमय जिणाणुमयं २१-१सू० | ईसाणकप्पवइणो २१-८५सू० इहभविअमनमविअं २७-५० ईसाविसायमयकोह २७-१८४५ , , रयण खरकंडे २१-७३सू० इहलोह अवायं दसेर २७-१५९१ | ईसीप-भाराए सीआए, २७-१२०७ , रयण पुष्अचरम०२२-२५६० , आयासं २७-१४३५ | उअरमलसोहणट्ठा २७-३१५ " , सव्वजीवा २१-७८सू० , परलोए २७-१५७६ | उक्किन्नंतरफलिहा इमे णामा अणुगंतब्वा २१-१६७० , , २७-१५८९ | उक्कोसकालट्ठितिय पं० २२-२९९सू० इमो खलु जीवो २७-२सू० | दंगालए विआलए २५-१२८ | उक्कोसचरित्तोऽषिय २७-१३८७ IVANVIVENVVU 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि जीवो ~168 Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ उ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥११॥ उकोसेण गिहस्थो उगुण पोटुवया उग्गम० मियविरस ” उप्पायणएसणा उच्चारे पासवगे खेले उच्छूढसरीरघरा उज्जमं सव्वथामेसु उज्जुअमालोइत्ता | उज्जेणि हत्थिमित्तो उजेगीनयरीए उज्झ सुनिआणस उज्झाया मंगलं मज्झ उज्झिअजरमरणाणं उज्झआिण सलो उज्यवर विरोहो उहमहे तिरियम्मि 99 33 २७-४४५ उट्टमहे तिरियम्मि २४ - (२२२टी०) २७-१४१२ २७-१३९६ २७-४६७ २७-६९९ वि 33 उमि सिलावट्टे २७- २२ २७-४१५ २७-३५ २७-१४७५ २७-१७४ उत्तत्तकणगवन्ना उत्तमकुलसंपा उत्तमा य सुणक्खता 35 33 उद्गस्स नालिआएं उदगं खलु नायव्यं २७-७१८ २७-१३५२ २७-१७२० २७-६५१ उदयम्मि अड्ड भणिया २७-३३१ उद्धियनयणं खगमुह० २७ २५१ उप्पन्नभत्तपाणो उप्पन्नाणुप्पन्ना " उप्पन्ना उप्पन्ने उवसग्गे उम्मग्गठिए सम्मग्ग० ठिओ इकोऽवि 33 ~ 169 35 २७-१००१ उम्मग्गदेसणा नाण० २७-१०९ मग्गसंप० २७-१७१३ संपयार्य उहीणोलीनेहिय उपसहेडकारण कुस २२- १४७ २७-३५० २४-२१ 33 २५-९५ उवकरणभंडमाईणं २७-५१३ उवलद्धपरमवंभा २७-५१४ उपलद्धो सिद्धि पहो - २४-११ उवलंबयरज्जूओ उचवारण व सायं २७-५६० 31 २७-८६० उबचाओ पुरिसार्ण २७-१५४ संकष्पो २७-१४५८ उपधायपरीमाणं २७-१७६५ उवसग्गे तिबिहेवि २७-७३८ उबसमइ किण्हसप्पो २७-७३९ | उबहीनियडिपट्टो 25 २७-१३०० २७७४० २७-१७३९ २७-१४१३ २७-१५६२ २७-१२४२ २७-८८३ २७-२९ २७-१६०६ २७-११४१ २१-१९ २१-१३ २५-४२ २१-११ २७-१७७२ २७-३५८ २७-१३५३ सूर्य० | २३ चं० / २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥११॥ Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम लागि [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ उ-कार + ए कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) पूर्ण आणणारा शापितः मुक्ति दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग+ औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ १२ ॥ NAVATIKALA उवही व नियडीद उवही सरीरगं चैव 35 15 उदागच्छित्ता तते गं उच्चतण परिवत्तण उब्वेयणयं जम्मण० २७-१७८ २७-१८१ २७-१७९ २७-१८० २७-११० उब्बेवणयं २७-१४७९ उसमे णं अरहा कोसलिए २५-३२० पंचउत्तरा० २५-३४० २५ ३३० २७-१७२४ २१-९० २७-४५५ " " 39 31 " 11 37 19 जाइ २७-१३५० एअस्स पभावेर्ण २७- २४२ एआई सोहइत्ता २७-१४२ एरिसे शरीरे २५-४९ मू० एए उ अहासूरा २७-१५६५ एए " अहोरता एए " समासेणं एए चेव उ भावे 53 उसिने तगर रह उस्सप्पिणिर अड्डाइ० उसासा निस्सासा २७--४४१ २४ - ( २२२टी०) २७-४७७ २७-१७४० २७-४५२ २७- ९९६ २२-१२३ २७-१५६८ २५-४१ एए वारस इंदा २७-१०९४ एए विकसियनयणे २७-९४८ एएसि णं० कण्हलेसाणं २२-२२१० एए ते निज्जयया एए गव णिहिरयणा 55 33 33 31 33 जी० आउयस्स २२ ९०सू० आहारगाणं २२-७२० 19 चरिमाणं २२ ८०स्० २२-७५सू परित्ताणं २२-७४० पत्ताणं ~ 33 31 11 170 एएसि० जी० पोग्गलाणं २२-८१० भवसिद्धि० २२-७८० भासगाणं २२-७३० २२-६८० , चक्खुदंसणी - २२-६९० 11 सम्पदिडीणं २२-६७० 21 सयोगीणं २२-६३० सलेसाणं २२-६६५० सवेयगाणं २२-६४सू० सन्नीर्ण २२- ७७० सागारोवउत्तार्ण 53 " " " 35 33 33 11 33 33 33 35 53 " "" 17 जीवाणं आभि० 35 33 "1 33 31 सुहुमाणं संयताणं "1 "1 देवार्ण कण्ह धम्मथिकाय नेरइयाणं २२-७१ सू० २२ ७६० २२ - ७०सू० २२-२२०सू० २२ ७९० २२-२१७० सूर्य० | २३ चं०:४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥ १२ ॥ Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥१३॥ SANTUIT एस० परमाणुपोग्गलाणं " यादराणं० कयरे२ एएसि णं भंते! पार्गेदि० चंदिम० मेरइयाणं " 32 एति णं० सदियाणं 39 " 22 33 35 35 25 " सकसाईणं सकाइयाणं "" एासे तु दुहाणं देवाण सुमाणं ० बायराणं० ओहि 55 पहाणं 35 एएस चेव ठाणेसु भत्तिजुत्ता "" मुडुतजोसु २२-२२० २२-६१ सू० २१-२२६० २१-२०१० २२-५७० २२-५८० एक्का य होइ रयणी पक्कारस य सहस्सा 11 33 २२-६५० २२-५९सू० २२-६०सू० एक्कारसुत्तरं हेडिमेसु २२-६२सू० हेट्ठिमए २७-१८८८ एक्को करेइ कम् एगअहोरतेण वि 93 २७-९७९ २७-११६१ २५-८ एगट्टिभाय काऊण एगदुगतिगचडपण एग० नेरइयस्स नेर० एगमेगस्स णं० चंदिस्स चंदिम० एएसु य अद्धाणं पत्थाणं विमा २७-१५८६ २७-१२५५ २७-९०० 19 विहिविहण्णू "" एपहिं सरीरेहिं एक्काणउई सतराई 33 171 ~ २७-८५९ एगमेगस्स गं० नेर०वेद० २२-३३४० मेर०रयते २२- ३३६सू० संघच्छरस्स २५-१५३० २७-१११४ २७-१३२७ २२ - ( १०७) प्र० २४-४० १९- १५ २१-५० २४-५४ २२-१५८ २७-१११० २७-१४८ २७-१८७२ २७- २०१३ 35 33 33 15 एगपयेऽणेगा एगवीस जोयणसयाई एगस्स दोण्ह तिन्ह व ए च सतसहस्सं सय सहसं 35 33 " 33 एगंतगुणे रहिया एतमणावाए एवं पंडियमरणं २७-१२७० 33 २२- ३३७० एमिवि जम्मि पर २५ १६५० पगाइ गिराऽनेगे २१ - १९५० |एगा जोयणकोडी २२-१२६ २७-११९७ २२-१०३ २१-२९ २५-८३ २४-३२ २७-५१६ २७-१५६३ २७-६५५ २७-१२५७ २७-१२५९ २७-१२२ २७-१९ २१-४० सूर्य० | २३ चं० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥१३॥ Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ए-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत औ०१९ सूत्रांक यहां देखीए रा०२० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥१४॥ ___ जीवाणं दीप क्रमांक के लिए ZEEMAREKKUMAR एगा जोयणकोडी २७-१२०४ | एतेसि ६० अभिई २५-१६०सू० एतेसिक देवाणं कायपरि० २२-३२९सू० एगा य होइ रयणी २५-१५८सू० ,, नेर वेदणा० २२ ३४१सू० पगावि सा समत्था २७-३४६ ." कयरे २५-१५७सू० ,, पं० सं० पढम २४-६८सू० पगाहेण तवस्सी २७-१३६८ ओरालिया २२-२७९सू० , भंते! इत्थीण २१-६३सू० एगिदियसरीरादी २२-२१९ २२-२७८सू० २१-१८सू० पादियाण जीवा णाणी २२-२९६सू० चंदिम० २५-१७०सू० " "जरइय० २१-६१सू० पगूरुयपरिक्खेवो २१-२५ २५-२६९सू० २१-२२४० पगे जंबुद्दीवे २७-१०७८ २१-२०७० ,, तिरिक्ख०२१-५१सू० एगो एगिथिए २७-८०२ २१-२००म० एत्थ किर अतिवयंती २१-१४ एगो मे सासओ अप्पा २७-८९ २५-१७५सू० एत्थ पं० पच्छाणुताबिए २०-७६सू० पगोरुयदीवस्स णं २१-११२सू० २४-९५सू० एत्थ य भिन्नमुहुत्तो २१-२४ एगो वश्चइ जीवो २७-८८ " छप्पण्णाए २४-६२सू० एयमवहाररासि २५-५०७टी) एगो बिमाणवासी २७-१७५७ , जी० कोहसमु. २५-३४३सू० एयस्स बंदजोगो २७-२०२९ एगो सयंकडाई २७-१४५३ " " वेदणा० २२-३४०सू० एवं खु जरामरणं २७-५२९ एतासि णं भंते! तिरि०२१-५१सू० , , सच्चभासगा०२२-१७५सू० , पञ्चक्लार्ण २७-१३२ पतेसि ० अट्ठावीसाए २५-१५९सू० , , सलेस्साणं २२-२१६सू० २७-२४५ ,, अभिई० २५-१६२२० । तिरिक्खजोणियाणं २२-२१८सू० । २७-२७५ देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -"॥१४॥ - 172 Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) औ० १९ २० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ।। १५ ।। एयं पचखाणं 22 35 19 35 35 31 33 11 31 11 पंडियमरणं पाओगमं 33 पुणव्वसुस्स य मरणविभति सगड सरीरं सयं कयं मे सरागसंलेहण० वसं सोउं सरीरस्स 37 एयंसि निमित्तंमी या विमाणाई एयाड पंच बजिय या भाषणाए एयाय अण्णाणि य एरंडे कुरुर्विदे एरिसगुणजुत्ताणं एरिसयदोस पुणे २७-१७७२ एरिसयाण सगासे २७-१७८० एलतयनागकेसर २७-१५३५ २७- १५५७ २७-१२५९ एवइयं तारगं २५ (५००टी०) २७-१८९६ २७-५८६ एवतियं,, २७-१५४० एव परज्झा असई २७-१४२२ एवम चिंतयंता २७-१२० चितयतो २७-५८५ एवमणुद्धियदोसो 15 २७-२४६ २७-११०२ २७-१३०१ २७-१३०२ २७-१८८४ " 17 २७-१२८५ एवं अपागं सव्वत्थोवा २१-२३४० उचट्ठियसवि कयसंलेहं २७-१३५६ २७-१४४२ करंतु सोहिं २७-१३९७ कहिय समाही २७-१४४३ " 21 २७-५७४ २२- ३८ एवं च गओ पक्खो जंबुद्दीवे तिदंडविरओ २७-१८४६ २७-१५६९ २७-३१६ २१-५३ २७-१०५६ २४-५७ २७-१५८० पत्रयणसुयसार० २७-१८०३ पंचासीई नट्ठा २७-१६१४ बहुप्पयारं बुंदमइगओ भावियचित्तो 21 म अभिथुआ मस्साणवि मरिऊण धीरा " बहु चंदी 22 173 33 33 33 21 " तु कसायग्गिं 15 22 " 33 53 11 23 33 22 निस्सारे माणुसन्त पम्हे विजय अस्स० परिहायमाणे २७-१६५६ २४--७८ २७-२०९ २७-१५०० २७-१४२६ २७-५२६ २५-१०३० २७-५०१ २७-१२४९ २७-५२५ २७-१५९८ २७-४६८ २७-१८०४ २७-७०९ २२-२१९० २७-७०३ २१-७१ सूर्य० | २३ खं० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥ १५ ॥ Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ए-कार + ओ-कार + क-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए जी० प्रज्ञा०२२ एवं वहइ चंदो , बहुति ,, " समणे० अंबसाल. ,, सरीरसंलेहणाविहि एस करेमि पणाम ॥१६॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए , किराराहणया , समासो भणिओ एसा कप्पवईणं , गहितावि संती , णं गंधविही " भवणवईणं , वंतरियाणं एसो बलाबलविही २७-२०७४/ एसो तारापिंडो २७-१०५५ | का पं० चंदमंडला २५-१४३सू०पासूप २४-७५ वि टिइविसेसो २७-९५९ | " छाउमस्थियसमु० २२-३४८सू० २०-७० |, सबियारको २७-१५५८ m, णक्खत्तमंडला २५-१५०सू० २७-१४२० | ओगाहणसंठाणा २२-८ ,,, भंते!अणुवेलंधर०२१-१६१सू० २७-७४ | ओगाहणा अवाए २२-२०८ , गंधा २१-९९सू० २७-१३४ | ओगाहणाइ सिद्धा २२-२६६ , पुढवीओ २१-८२सू० २७-१२१५ "" " माउभंगा २७-सू० २७-५८८ | ओगाहणाएँ सिद्धा "" , समाओ २२-१४७सू० २७-१७२९ ओ(उ)बगाहा केवइयं २५-सू० , संठाणा २२-१५९सू० २७-११०७ | ओमजायणमंडब्बा लेसाओ २२-२१४सू० २४-९९ | ओरालियसरीरस्स० कतिदि०२२-२७७० " " २२-२२५सू० २७-१९३२ । __ , केमहा०२२-२७०सू० ", लेस्सायो २२-२३१सू० २७-९९४ | ओरालियसरीरे० किंसं० २२-२६९सू० |" , दुम्भि० २२-२२८सू० | ओसन्नोचि बिहारे २७-७४३ २७-७४३ | ", सूरमंडला २५-१२८सू० २७-९२८ | ओसप्पिणीइमीसे |, मंडलाइ बच्चा २४-१ २१-५२ | ओसरणमवसरिता २७-१८] " " " २४-३सू० २४-५६ | ओहिन्नाणे विसओ २७-११६८ | कइया णु तं सुमरणं २७-१८३ ॥१६॥ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि " तारापिंडो ~ 174 Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ क-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ॥१७॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए कइया णु तं सुमरणं २७-१४८१ | कण्हलेसे पं० जीवे कइसु २२-२२४सू० कति गं० कुला २५-१६२सू०सूय०१२३ काविहा णं ओही २२-३१८सू० | नेरइए०२२-२२३सू० ", णक्खत्ता २५-१५६सू च ०/२४ जोणी २२-२५३सू० | कण्हे अकरकंडे य ", भंते! पुढवीओ २२-१५४सू० ज० २५ " जोणी २२-१५२सू० | कण्हे कंदे बजे २२-५३ " भासजाया २२-१६७०नि० २६ भंते ! पजवा २२-२०३सू० | कति ० इंदिया २२-२९१सू० २२-१७४सू०प्रकी०२७ देदणा २२-३३०सू० | करणा २५-१५४सू० , वेलंधरा २१-१६०सू० कइबिहे णंआउयबंबे २२-१४पसू० , कम्पपगडीओ २२-३०१सू० ,, समुद्दा २१-१८९सू० - उबओगे २२-३१३सू० २२-३०२सू० सरीरा २२-१७६० ", गइप्पवाए २२-२०५० २२-३०३सू० लेखा २२-२३२सू० काभरि पिप्पलिया २२-२२ २२-२८९सू० समुग्धाया २२-३३३स० कणगत्तयरत्तामा २२-२९४सू० "" सरीरया २२-२६८सू० कणगमगिरवणभूमि २२-३००सू० , संवच्छरा २५-१५२१० कणर्गकरययफालिय० २१-३१ कसायसमुग्धाया २२-३४२सू० कति पगडी कह बंधति २२-२१७ कणगावलिमुत्तावलि कसाया २२-१८६सू०] कतिपतिटिप ० कोहे २२-१८७सू० कण्ह लेस्सा पं० कतिविहं २२-२२९० किरियाओ २२-२८०सू० कतिविधाणं भंते ! पुढवी २१-१०२सू० , ,, केरिसिया २२-२२७सू० २२-२८५सू० कतिविघेणं इंदियअवाए २२..२००सू० *,, , वनणं२२-२२६० ,, किरियाओ २२-२८४१० । , कोधे २२१८८० १७॥ DDRESS 'सवृत्तिक आगम " " सुत्ताणि ~ 175 Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ क-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत X सूत्रांक यहां देखीए औ०१९ रा० २० जी०२१ च०/२४ नि० प्रज्ञा०२२ ॥१८॥ प्रकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए XXXXXXUINANT कतिविधे णं कोधे २२--१८१२० । कतिसमतिए णं केवलि० २२-३५०० | कयपायोऽपि मणुस्सो २७-१६३ | , परिणामे २२-२८१सू० कत्थइ अइदुप्पिक्खो २७-१७९५ कयपावोऽवि मणसो तिविहाईदिया० २२-२०१सू० , दुविहिपाह २७-१३३७ , जोणी० २२--१४९सू० |, सुहं सुरसम २७-१८७५ २२-१५१सू० कत्थ य मुद्धमिगत्ते | कयरे ते बत्तीसं देविंदा २७२२७९४ २७-९३६ करकरिए रायग्गल , परियारणा०२२-३२५सू० कप्पतरुसंभवेसु २७-१४८६ , पासणया २२-३१४सू० कलहं अभक्खाणं २७-२०२ , णिोया २१-२३९सू० २७-१४९४ कप्पम्ति सहस्सारे २७-११०५ संसारसमा० २१-१०१सू० कप्पाओ कप्पम्मि उ कल्लं कल्लंपि वरं २७-२३६७ २७-११२५ , वेदणा० २२-३३१० कप्पाकप्पविहिन्नू २७-३४३ | कल्लाणपरंपरयं २७-१५६७ २२-३३२सू० कप्पे सर्णकुमारे कल्लाणफल बिवागा २७-१९७७ . २७-११२० कतिविहे ० असपिण. २२-२६७सू० कमलामेलाहरणे २७-५९४ २७-१६६८ | कल्लाणं अब्भुदओ , २४-४ कहं चंदमसो वुड्डी इंदियउव० २२-१९९सू० कम्मटुक्खयसिद्धा . २७-२४ पओगे २२-२०२० कहं जीवे अट्ट कम्म० २२-२९०सू० कम्मरस आसवं २२-१८०८ , .,, भंते ! इंदिय २१-१९२सू० कहि पं० अणबनियाणं २२-४९सू० | कम्मासवदाराई २७-१८५४ , २२-५३सू० , ययगे २२-१७३सू० | कम्हा f० केवली समु० २२-३४८सू० ,, ईसाणाणं हा कतिसमतिए पं० २२-३४९० भंते ! लवण २१-१५७सू० | |,, उत्तरकुराए " " २५-८९सू० 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ॥१८॥ ~176 Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ क-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ १९ ॥ कहि ० उत्तरकुराए जंबूपेटे २५-९१० कहि गं० जं० सुकच्छे २५ ९६० कहि णं भंते ! उत्तरकुराए २१-१५०सू० पील० २५-९०० सोमणसे २५-९८५० उतरलाणं 22 31 21 33 11 11 33 51 33 २१-१२०सू० कालोयगाणं २१-१६६सू० जंबु० उत्तरभरहे २५-१७० 25 महाहिमवंते २५-८०सू० २५-११२० २५-८० हेमवर २५-७७सू० हरिवासेव्यासे २५-८३० 11 31 31 " 11 33 11 37 39 "1 23 35 " 33 39 33 11 " 33 " " " " " " 33 " " 11 " "1 71 35 37 11 39 25 33 31 " 37 11 39 उत्तरहु चुल्लहिम० सिहे णीलवंते० दीवे दाहिण भर हे० " 11 "1 39 २५-१२सू० २५-१३५० भारहे० वेअद्ध महा० कच्छे० २५-९४० चित्तकूडे, २५-९५० मंदरे० २५-१०४स्० बिज्जु० २५-१०२० महाविदेहे २५-८६० महा० सीआए २५–९७० " २५- १६सू० २५- ७३० 55 २५-८४सू० २५-१११० २५-११मू० २५- १०० 11 33 15 " " 39 11 15 11 31 "" " 33 ॐ 31 35 99 33 " 35 27 99 " " 15 33 27 33 11 15 33 रम्पए० विजय णामं 21 जोइ सियाणं २२-५०सू० देवकुराए चित्त० २५-९९० देव० कूड सामलि० २५-१०१० देव० सिद्द हे० २५-१००सू० पिसायाणं० २२-४८० भंते! अभिंतर लावणगाणं २१-१६४० ," असुरकुमारा० २१-११८सू० ११ उत्तरकुराण २१-१४९० २१-१५२० 35 35 177 ! " " 31 33 33 31 11 11 31 11 31 19 11 15 37 33 " " 33 " 37 35 35 " 17 35 95 15 35 33 37 35 55 31 11 37 33 35 31 33 77 31 जंबुद्दीव० जंबुद्दीवे जंबु० बिजये २१- १६३० २५-३० २१-१३०सू० जंबु० बेज० २१-१४५सू० जोइसि० २१-१२३० दाहि पिलाणं २१-११०सू० दीवसमुदा दाहि० हयक० २१-११३० २१-१२४० देवदीवगाणं २१-१६८२० धायतिसंडदी० २१-१६५० नागकुमाराणं २१-१२१सू० नेरयाणं पञ्च० २२-४२० पंचिदिय० २२-४४० बादरपुढवी० २२- ३९सू० सूर्य०) २३ चं० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥ १९ ॥ Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ क-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए रा० २० सूर्य/२३ चं०/२४ काजं० २२ जी०२१ प्रज्ञा०२२ प्रकी०२७ ॥२०॥ दीप نام بنایا क्रमांक के लिए देखीए कहि णं भंते ! बादरवाउ० २२-४०० | कहि णं देअडे पण्णते २५-१४सू० | कंदा य कंदमूला य २२-१०८ ,,,बेइंदियाणं २२-४१सू० ,, सूरियामे णामं० २०-२७सू० | कंबलसाडे f० आवेढिय० २२-१९८सू० ,, भवणवासि० २९-११७सू० ,, हेमवए २५-७८सू० | कंबूयं कन्नुण्ड ,, रयण मेह० २२-४३सू० , भवणवासीणं २२-४६० काइयवाइयमाणसिय २७-१३२९ ., वाण देवाणं २२-४७सू० ., वेमाणियाणं २२-५१सू० काइंदीनयरीए २७-६६२ , वाणमंतराणं २१-१२२सू० , सोहम्मगदेवाणं २२-५२सू० काऊण तिहिं पिउणं । २७-८८९ ,, विजयस्स २१-१३६सू० कहि पडिहया लेसा २४-२ | काऊण नमुक्कार ,,वेमाणियाणं २१-२०८सू० , सिद्धा कागसुणगाण भक्खे २७-५४१ ,, सिद्धाणं ठाणा २२-५४सू० । . २२-१५९ | का देवदुगई २७-१०१ , सुट्टियस्स २१-१६२सू० २७-१२०८ कामभुअंगेण दट्ठा २७-३८५ "मणुस्साणं पजत्ता० २२-४५सू० | कंगू या कंडुइया २२-३१ कामविडंबणचुक्का ,, महाविदेहे० २५-८७सू० | कंचणपुरम्मि सिट्ठी २७-१६५८ कामासत्तो न मुणइ २७-३८८ " , उत्तर०, २५-८८सू० | कंतारे दुभिक्खे २७-१६८ | कारणमकारणेणं २७-८०८ , मालवंते हरिस्सह २५-९३सू० २७-१४७० का रंति व का लेणा २४-९३८ ,,, मंदरए पव्वए सो०२५-१०६सू० | कंदप्प कोळुयाइय २७-१२९६ | कारनामयनीसंद. "मंदरपञ्चए पं० २५-१०७० .. देवकिचिस २७-१०२ | कालत्तएचिन मयं २७-४५ ..., मंदरे पव्वए पं० २५-१०५सू० | , २७-१२९५ | काला असुरकुमारा २२-१४६ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि PA॥२०॥ ~ 178 Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुनि [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ क-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ २१ ॥ का अप 31 कालपणार्ण ० केरिसपि 33 काले णं भंते! कुमारे जय महाकाले " 23 19 23 सुरुवपुण् कालो परमनिरुद्धो कालोयं णं समुद्र किच्छाहिं पावियम्मिवि किच्छाहिं पाविडं जे कि राहु विमा " " * 11 किण्हा नीला काऊ 13 33 11 39 33 31 २७-३३३ २५-३४ किण्हा नीला लोहिय कित्तिअमित्तं वण्णे कित्तिया य बिसाहा य कितिया बिसाहाहिं कित्तीगुणगन्भहरं २७-८७१ २६-९सू० २६-१९० २२- १५० २७-९९७ किन्नरकिंपुरिसे खलु २७-१२३९ २२-१५१ । २७-९९८ " 23 33 २७-१००५ २७-५०४ किमाइआ गं० संवच्छरा २५-१५५सू० २१- १७७० किमिकुलसयसंकिण्णे २७-१३०६ किमिरासिभद्दमुच्छा २७-१८३९ किसिपारासरढंढो २१-६८ फिर ताव घरकुडीरी २४-७२ किं इतो लडुयरं २७-१०७१ किं च तं नोवभुतं २७-२०४ चित्तं जइ नाणी जायं जह मरणं २७-१११९ २७-१४९५ तं पंडियमरणं 35 39 15 २७-११७९ २७-५३७ २७-८८२ 179 किं तं पंडियमरणं 25 13 " पुण 23 तु महिलाण तासि 23 पुण अणगार० पुण २७-१५०७ पुण अणगारसहायगेहिं २७-६९८ 33 पुण तरुणो अबस्सुओ २७ ७७४ २७-४९३ २७-५७८ २७-७९५ २७-३२८ २७-६७१ २२-२२६ २७-७३३ २७-१७२६ २७-६५७ २७-१७३ " 33 पुण सपच्चवार २७-५३८ " पुतेहि पियाहि प कीरह बीअपपर्ण कुग्गहपरूढमूलं २२-५२ २७- १७३२ २७-५३५ कुरुदत्तोति कुमारो २७-१३७९ कुरु मंदर आवासा २७-३१४ कुलगामनगररजं २७-१७४१ कुलश्रम्प्रि य दत्तो २७-१७८८ कुल्लउरेमि पुरवरे २७-२२४ | कुंभारकडे नगरे २७-१५१६ २७-३९५ २७-१७८६ २७-२१५ सूर्य० | २३ चं० / २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥ २१ ॥ Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ क-कार + ख-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां सूर्य०१२३ ०२४ देखीए २५ हप्रकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए ऑ०१९कणदिकोणलग्गेसु २७-९११ | कोई पुण पावकारी रा० २० केइत्थ सिय विमाणा २७-११७१ को केण समं जाया जी० २१ केइ य हरियषिमाणा २७-११७२ | कोडी वाणउती खलु प्रज्ञा०२२ केणं वहद चंदो? २७-२०७० " यातालीसा "वडति चंदो २१-६७ " यायालीसा २४-७१ | को दुक्खं पाविज्जा केवदयार्ण० ओरालिय० २२-१७७सू० | कोरिटधाउवषिणत्थ भंते ! जंबू० २१-१८७ को सडणपडणवि किरिण केवइया व विमाणा २७-९३७ कोसंबीनयरीए ाि केवतियाण कण्ह. २२-३०सू० |कोसायारं जोणी भंते ! दीव० २१-१९०सू० | कोहमयमाय केबलणाणुबउत्ता १९-२० | कोहस्स व माणस्स व , नाणुवउत्ता -२२-१७० | कोहं खमाइ माणं | कोहं माणं माय केवलिणो परमोही " " | केवली पं० इमं रयण २२-३१५सू० | कोहाइकसाया खलु कोई पढभपाउसंमि २७-९३० | कोहाईण विवागं ZPRESISEXERCRANECREE २७-४७१ कोहेण नंदमाई २७-१८२२ | कोहे माणे माया - २२-१९५ २४-४४ | खइएण व पीएण व २७ १९४ | खगतुंडभिन्नदेहो २७ १७४४ खजूरिपत्तमुंजेण २७-१४३२ खमगत्तणनिम्मसो २२-१७५१ २७-१९७४ खरफरुसककसाए २७-७६३ खरघोडाइट्ठाणे २७-६६५ खलिअस्स य सेसि खंडसिलोगेहि जवो २७-३६२ २७-४९८ | खंडा जोश्रण वासा २७-१४२५ खंडिअसिणेहदामा २७-१४२४ खते दंते गुत्ते मुत्ते २७-७६२ २७-२०१ खामेमि सव्वजीवे २७-१४० | खामेमि सव्वसंधं २७-६७७ २७-१६०८ | खित्तद्धयविच्छिन्ना २७-१२०५ २७-४२६ | खित्ताणु० सव्य० तसकाइ० २२-८९सू० २५-८१ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ॥२२ ~180 Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ ख-कार + ग कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) शापः गुप्त दापरत्नसागरेण पुनः संकलित उपांग औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ २३ ॥ खिचाणु सन्य० पुगला २२-२१५० | गइविव्भमा ह पुढविका० २२-८८० पबिंदिया २२-८७० २७-१९६ गच्छर सविलासगई गच्छायारं सुनिताणं गच्छो महाणुभावो " 25 खीरदरसे सुं खीरासवमहुआसव० खीरोदय समुद्द खीलगदामणि एगा खुजा चिलाश्वामणि० खुट्टो बुढो तहा सेहो सेत्ताणुवारण सम्ब० खेत्ता सच्च० विइंदिया खेता० सव्व एर्गिदिया > 31 नेरइया भवणवासी 23 खेमा खेमपुरा मे खेलपडिअमष्यार्ण खोदोदण्णं समुद्द २७-३४ गणसंगहणं कुजा २१-१८३० २५-११० २५-९ २७-८१५ २२-८२० २२-८६० २२-८५सू० गणि गोअम जा उचियं. गतिठि भवेय भासा गतिपरिणामेनं० कति० गम्भघरयम्मि जीवो २२-८३० गयपुर कुरुदत्तसुओ २२-८४० गयगवय खग्गगंडय० २५-५६ गयबसहसीहअभिसेय २७-७७८ गयसुकुमाल महेसी २१-१८५० गरहिता अप्पाणं " 22 25 33 गणिअस्स य उप्पत्ती ~ 181 २७-८३० २७-८२३ २७८४६ २७७६० २७-८७३ गरुलोऽचि वेणुदेवो गहदिणा उ मुडुत्ता बालुयाए गंधव अग्निवेसे 39 15 गिरिजापडिएण व गीयत्थस्स उ चयणेणं २७-८८६ २७-९२२ २५-३० गीयत्थे जे सुसंविगे गुट्ठयपाओवगओ २७-८२१ २२-१९९ २२-१८३० २७-४७४ २७- १७२७ २७- १७९२ गुट्टे पाओगओ गुणधारणरुवेणं गुत्तीओ समिईओ गुत्तीसमिइउदेओ गुप्ती समिइगुणडो २७-८ गुब्बरपा ओवगओ २७-१६६६ गुरुगुणगुरुणो गुरुणो २७-१५७२ | गुरुणा कजमकजे २७-९८२ २७-९२६ २७-५७२ २४-१८ २५-९९ २७-१३४९ २७-७५३ २७-७५० २७-६६१ २७-४३७ २७-७ २७-२०८ २७-६१५ २७७०४ २७-१७१३ २७-३१० २७-७६५ सूर्य० | २३ चं० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥ २३ ॥ Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम लागि [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ ग-कार + घ-कार + च कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) यतः मुक्ति दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग+प्रकीर्णक सूब औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ।। २४ ।। गुरुणो छंदणुवित्ती गुरुसुकसोमदिवसे गूढसिरागं पतं विजाssवलिसरिसा गेविजेसु य देवा रयणीओ गेहेसु गिहत्थाणं गोमेजर य रुपए गोयमाई समणे भगवं गोवहायण गच्छ० गोसीसागुरुकेयर गोसीसावलिकाहार घणउदहिपरडाणा घणगजियहयकुहि घणमालाओ व दूरुन० धितॄण समणदिक्खं घोरम्मि गन्भवासे घोरामिगहधारी २७-७६१ घोसोवि जंबुदीव २७-८९२ २२-८५ चरऊण कसाए चडतीसा चडयाला चडतीसा चोयाला २७-१११६ २७-११२४ चडत्थी उ बलानाम २७-८२४ चउदसदसनवपुथ्वी २२- १२ चउदसव्वधराणं २०-४८० चडरंगो जिणधम्मो २५-१०७ | चउरासीइ असीई २७-११३१चउरासीद असीई २५-१०८ च विहकसाय महणो २७-१११७ चवीस जोयण साई ससिरविणो २७-८०४ २७-४०० २७-१६७१ 59 २७-१६२० चउसर्द्वि असुराणं २७-१६९६ | खडसट्ठी 11 35 35 ~ 22 182 २७-१८८ चउसट्टी सट्टी खलु २७-१२८२ २२--१४१ २७-९६९ २७-४८२ २७-३३ २७-१३८१ २७-६२ चक्का २५-७६ २२- १५७ २७-६२५ २७-११८७ २१-३४ २४-३८ २७-१०४१ २२-१३९ २७-९५३ 25 " " चउसरणगमणदुक्कड० चउसरणगमणसंचिअ० कटुपरडाणा 11 चकागं भजमराणस्स 29 " चक्खुणी गं०पुच्छा चत्तारि कसाए तिथि " " " " 35 """" 39 53 वेव चंदा: 23 " य कोडीओ " पंतीभो कोडिसया २२-१४३ २७-९७२ २५-७९ २७-१० ی २५-३८ २२-२५० २२-८४ २२-२४३० २७-१५४९. २७-२६७ २४-३४ २७-१०३९ २७-५१८ २७-५१९ २७-५०२ २७-५८ सूर्य० २३ चं०/-४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥ २४ ॥ Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [च-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत औ०१९ सूत्रांक यहां देखीए मज्ञा०२२ " " " दीप २४-८३ सूर्य०/२३ २७-२००९ चं०/२४ २७-६१४ ०२५ २६-२ नि० २६ २७-१०२२ Dमकी०२७ २२-२८ २७-२७३५ २७-८५३ २७-२ २७-२३० २७-४४२ क्रमांक चत्तारि य पंतीओ २४-६२ | चरिथाए मरणम्मि उ २७-१७३८ | चंदातो सूरस्स य २०७-१०६१ चंदगविज्झं लद्धं २७-७०८ | चंदा सूरा तारागणा , रयणीओ १९-१५ चंदण गेरुय हंसगम्भ २२-१३ | चंदुव्ब पिच्छ णिज्जो २२-१६४ चंदणपयट्टिएहि य २७-९६४ | चंदे सूरे सुक्के २७-१२१३ | चंदमंडलस्स पं० केव० २५-१५५सू० | चंदेहि उ सिग्घयरा , सहस्साई २१-४३ चंदमंडले ० केवयं० २५-१४६सू० | चंपगजीइ णीइया २४-४६ चंद विमाणे णं० कति देव०२५-१६८सू० चंपासु णंदगं चिय २५-१२७ देवाणं० २५-१७३सू० चाउद्दसि पन्नरसिं चत्तारि च सहस्सा २७-२०४७ भंते! २१-१९९सू० चारित्तस्स थिसोही चमरवारोअणाणं किं० २१-१९८सू० चिरउसियबंभयारी चमरस्स f० कति परि० २१-११९ देवा० २१-२०६सु० चितामणी अउव्यो चमरस्स सागरोवम० २७-९५६ चंदस्स f० कइ अग्ग० २५-१७२सू० चितेइ य खरकर० चमरे धरणे तह वेणुदेव० २७-९६७ , कति, २१-२०३सू० , वेणुदेवे० २२-१४४ चंदहोराविलग्गेसु २७-९१० चुलसीई किर लोए चयणोववायउच्चते २४- ५चंदाउनी जुण्हा २७-२३८० चरणाईयाराणं २७-६ चंदाओ सूरस्स य २७-१०८२ चोत्तालं चंदसतं चरिमे णं पुच्छा २२-२४५सू० | चंदातो , २१-७८ | चोयालं चंदसयं के लिए देखीए २५-७६सू० । २७-१४७४ 'सवृत्तिक आगम HAMARIES JAVNEWS " " २४-४५ सुत्ताणि PA॥२५॥ ~ 183 Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [च-कार + छ-कार ]| पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां रा०२० २१-८२ लसूय०१२३ २१-८५० /३४ जं० २५ देखीए नि० २६ प्रकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए आ०१९चोयालं चंदसर्य | चोरिक्कनिवित्तीए जी०२१| चोरो परलोगंमिऽवि प्रज्ञा०२२ चोरो रक्खसपहओ | छक्काया पडिविरओ छन्वेव य आइरत्ता छरुबेव य ारभडा छज्जीवनिकाए रक्ति टुमदसमदुवाल छट्टि च इथियाओ , हिट्टिममझिम छट्ठी उ हायणी नामक छट्ठी हेटुिममज्झिम छपणउद सयसहस्सा छपणउति छत्तीसगुणसम० RANASANEELA २७-१०४६ | छत्तीसमट्टियाहि य २७-१५४४ | ठावट्ठिसहस्साई २७-३८१ । | छत्तीसाहाणेसु य २७-१३१९ २७-३८० | छन्नउह अंगुलाई (एसा (५) दिवस०) २७-१३०८ २७-८९८ २७-६२७ छन्नउद सयसहस्सा २७-२०४८ काट्रिं छावदि २४-३० छनउई पुच्छयाला २७-५१० छावद्दिपि० णक्खत्ताणं २७-८९५ छप्पपर्ण खलु भाए २५-१२३ छावट्टि पिडगाई २७-१२६९ " " भागा २७-२०१५ , पि० महागहाणं २७-२३६६ छप्पन्न पंतीओ २१-५९ , पिडयाई २७-१४१८ २४-६३ | " २२-१८४ , पंतीणं २७-२०६२ | छावट्ठी नक्खत्ताणं २७-१९६४ | छप्पंच य सत्तेव य २४-५सू० २७-४८४ २४-८ , पिडगाई २१-८८ | छम्मासिया जहन्ना " महगहाणं २१-४४ | छलिआ अवयक्वंता २७-४२३ | , य मुहुत्ता २४-४७ | छव्वीस जोयणसयाई २७-१९८१ | छावत्तरं गहाणं २७-७२१ । उसु ठाणेसु इमेसु य २७-१२७२ | " " २७-२०८६ २७ २०७२ २४-६० २४-५९ २५-६१ २७-२०५९ २७-१०५८ २१-५६ २७-२०६० २१-५५ २१-५७ २५-(५०७टी०) २१-६० 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि - 184 Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [छ-कार + ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए जी० प्रज्ञा०२२ २६-२१सू० २६-२३००/२४ २७-४५० २७-११४३ २७-११५० ५. प्रकी०२७ २७-८१९ २७-२८३३ २७-८०६ ॥२७॥ दीप क्रमांक २७-६९६ | जति पं० समणेणं २७-१५०५ २७-२१३ | जत्तियमित्ते दिवसे २७-२१४ जत्तो बट्टविमाणं २७-१५०६ | जत्थ अणुत्तरगंधा २७-१७८५ " जयारमयारं २७-१८८१ , पियपुत्तगस्सवि २७-७४२ " मुणीण कसाए २७-४०३ " य अज्जाकप्पं २७-३०० २७-७७५ अजाहिं समं २७-११५९ उवस्सयाओ २७-३०७ ,, एगा खुड्डी २७-६८९ ,, एगा समणी २७-५७७ ,,, एगो सिद्धो छावत्तरं गहाणं २७-२०६३ जइ ताव ते मुणिवरा जह इच्छसि नित्थरि २७-२६९ ,,, सुपुरिसा जइ इच्छसि नीसरि २७-१५५१ " " " " " उप्पज्जा दुक्खं २७-२२१ " कहवि असुहकम्मो २७-४३१ ". सावयाकुल , खलु तस्सेव आदिचस्स २४-१२सू० , पं० उक्खेवओ जइया सयणिजगओ २६-३०सू० जइवि न सकं काउं |, परिचत्तसंग्गो २६-२७सू० | स खंडिअचंडो २६-२८सू० |, सयं थिरचित्तो पुष्फियाणं २६-२४सू०जद सागरोचमाई र्ण भंते ! उक्सेवओ २६-२६०, सोषि सम्बविरइ० लवण २१-१७८सू० जगआहारो संघो , , समणेणं २६-५सू० | | जडाणं वुहाणं निवि० , समणेणं० २६-२२सू० जणवयसंमतठवणा ,, , निरया २६-२०सू० | जण्णामया य कूडा के लिए देखीए دگاگا-یاية २७-८०० " " , २७-७५ २७-८१७ २७-८१६ २७-८५८ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि २२-१६७ २७-१२१६ ~185 Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत A सूत्रांक यहां देखीए २७-१८८९ २२-६२ ऑ०१९ रा०२० जी० प्रज्ञा०२२ ॥२८॥ २२-७२ दीप २२-७२ २२-६३ २२-६३ २२-७३ २२-६४ .व्हीरो क्रमांक के लिए देखीए BEERERN ENTRIEDRDERMERE जत्थ य गच्छ गोअम! ,,,,गिहत्थभासाइ ..., गोयम ! पंचहरू ....., जिट्टकणिटो ,, थेरी तरुणी ,,,, बाहिरपाणिस्स ,, मुणिणो कय० .., वारडिआणं ,, सन्निहिउक्खड ,, समणीणामसंख० " , मूल बिस्दा ., समुद्देसकाले , हिरण्णवण्णं , हिरण्णसुबगे जत्थित्यीकरफरिसं जस्थित्वी तं निच्छय० जत्थुत्तरपडिउत्तर २७-८३९ | जम्मजरामरणजलो २७--४३९ जस्स न छुहा न तण्हा २७-८२० | जम्मजरामरणभए' २७-१८१३ । " पत्तस्स भग्गस्स २७-८१0 जया णं एकमेके २५-११३सू० ...हीरो २७-७६९ ,, चंदे सब्ब० २५-१४९सू० पवालस्स भ० २७-८३२ |" , सूरिण - २५-१३५सू० पवालस्स.. २७-७८६ ", सूरिए. किंसंठिया २५-१३६सू० पुष्करस भग्गस्स २७-८१२ , केमहालए २५-१३५सू० २७-७०८ जलमज्झे ओगाढा २७-६६६ , फलस्स भग्गस्स २७-७८२ जल्लमलपंकधारी २७-६५३ २७-८२६ जस्स कंदस्स कटाओ २२-७७ , वीयस्स भग्गस्स २७-७८८ १२२-८५ बीयस्स हीरो २७-८०५ " " भग्गस्स २२-६७ " मूलस्स कट्ठाओ २७-६९९ २२-५७ ., मूलस्स" २७-७९७ खंधस्स कट्ठाओ २२-७८ भग्गस्स २७-७९२ २७-८२ २७-७९४ | जस्स खंधस्स भग्गस्स २७-८३८ | जस्स खंधस्स २२-५८ ., सालस्स भग्गस्स २२-६५ २९-३५ २२-७६ २२-८० 'सवृत्तिक आगम २२-६६ सुत्ताणि , य जो बिक्खी २२--६० ~1860 Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ज-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत औ०१९ सय ९२ सूत्रांक यहां देखीए २२-१७४ | जहन्नो बेइंदियाणं २७-१६७४ , मणुस्साणं २७-१६५९ | जह पच्छिमंमि काले चं०३४ जी०२१ प्रज्ञा०२२ जस्स सालस्स भग्गस्स जस्साउपण तुल्लार्ति जह अग्गिमि व पवले ,, अयगोलो धंतो , कागणीद हेड ,, कंटएण बिद्धो खंदगसीसेहि खुहियचकवाले २२-१२४सू० २२-११६सू० २७-२६० २७-१५४३ २७-१२७७ नि०२९ प्रकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए २२-७०जह णाम कोइ भिच्छो २२-२२९ | तेण तत्थ मुधिणा २७-१५२७ |, ,, वितथमुपिणा २२-१०२ |, ,, सो हुयासो २७-१३०७ |, ते न पिनं दुक्खं २७-१२८४ " ,समंसचम्मे २७-१६७८ , दमदंतमहेसी २७-२१२ " नाम असी कोसा २७-१५०३ |", कोई मिच्छो २७-२८७१ " नाम पट्टणगओ २७-१८६६ ,, यच्चकूवो २७-१८९५ J, निंबहुमुप्पन्नो -१९-४ जहन्नपएसिया णं भंते! -२७-२३३ | जहन्नोगाहगाणं २७-१५२६ जहन्नोगाहणगाणं १९- जहन्नो० पचिंदिय० १५-२४ | , पुढविकाइया० २७-३६५ " पुबुद्धअगमणो २७-१६८३ " बालो जंपतो २७-१६७७ २७-१७६६ २४-१२२४ २७-१८७७ ,बीहंति अजीवा २७-५५९ ,, मकडओ खणमवि २७-२८९० , य अणुद्धयसल्लो २२-१२१० , वा तिलपप्पडिया २२-२१२सू० जहा वा तिलसकुलिया २२-२११सू० | वेयणावसट्टा २२-११५सू० |, सगलसरिसवाणं २२-११३सू० | जह दढप्पदण्णो जह दोसोवरमो जिणवयणामय ,, जीवा वसंति , डहर बाउसहिओ ,, वायसहिओ " णरगा गम्मंति णाम कोइ मिच्छो २७-१५५ २७-१३३६ २७-२४५९ २७-१७९० २७-३५९ २७-१५९३ २२-४६ २१-४ २७-१५९६ २१-३ २२-४५ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~187 Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम लागि [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ ३० ॥ ANNAAAAAN जह संव्वकामगुणियं 35 31 39 33 31 39. 39 39 39 सोऽवि सप्पएसी " जहिं देवा जोइसिया "1 भवणवई बंतरिया " सव्यकालतिसा सा बत्तीसघडा सायरसे गिद्धा सिद्धिमग्गदुग्गर सुकुसलोबि बिजो === 4. 59 33 " 55 जं अइतिक्खं दुक्खं अज सुहं भविणो अनाणी कम्म " 95 जं अन्नाणी कम्में १९-२६ २२-१७६ असियं बीभच्छं २७-१२२६ किंचिवि दुधरियं २७-१२२७ २७-१७१५ 35 39 २७-१५९४ किंचि सुहमुआरं " कुणइ भावस २७-१५९७ २७-१३३९. २७७२२ २७- १७१४ २७-२०१४ २७-९६६ २७- २००४ २७- ४२७ २७-२७९ " नामए समुदे २७-२३४ निजरे कम्मं २७-७०१ पुवं तं पुढ 23 11 37 " 15 " 39 " 21 35 39 55 35 39 जंघडियासु ऊरु जं च दिसावेरमणं जंतेण करकरण व 39 जं देवाणं सोक्खं " न लहर सम्मतं ~ 188 २७-१३७० २७- १६२२ २७-८१ २७- १३६ २७-१४४६ २७-३७० २७-१६१ जं पेम्मरागरसो जं बद्धमसंखिजाहिं जंबुद्दीवसमा खलु जंबुद्दीवस गं० कति दारा जंबु० दीवस्स दारस्स य जंबुद्दीवरस ० 99 21 दीव० २७-६७ २७-१७१६ १९-२२ २७-१४३९ २७-९७५ २७-१२८९ २७-१३४० २७-१३४६ 11 २७-१४६३ 22 " २७--५५६ जंबुद्दीचं काऊण लवणे 33 35 "" 11 जंबुदोषे० अट्ठावीसाए गं० कर चंदा कति चंदा " "" 23 "" 33 11 35 " परसा पदेसा किं पुढवि० किं सासर केवइअं २७-५५१ २७-६९४ २७-१००३ २१-१२९० २५ – ९० २१--१४६० २५–७० २१-१४७० २५- १२५सू० २७-९९३ २१-१५५ २५- १६७० २५- १२७० २१- १५४० २५-१७९.सू० २५ १७८० २५ १७७० सूर्य० | २३ चं० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥ ३० ॥ Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां औ०१९/ रा० २० जी०२१ प्रज्ञा०२२ देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए NUNATAF |जंबुद्दीवे० ० जहण्णपए २५-१७६० जंबूदीवे णं भंते! कयरे० २१-१९७सू० | जा काइ पत्थणाओ २७-१९८ सूर्य ताराए अबाहाए २५-१७१सू० , ,भते! मंदर० २१-१९६० " " " २७-२४९०1० /-४ तारारुवस्स २१-२०२सू० मणवयकाएहिं २७-५४ , तस्स खमा तइया २७-१६६९/ जं० २५ भरहे वासे० सु०२५-२०स०, रागदोसमा , पुष्वभाथिया किर २७-२५०७ नि० २६ , भरहप्पमाण. २५-१२६९० जंबित्थीओ पभासंति २७-९१७ | जामद्धं जाम दिण पक्व० २७-७१२ प्रकी०२७ .. भारहेछ काले २५-१८सू० जं सग्गहम्मि कीरह २७-८६५ जायमाणस्स जं दुक्ख २७-४७२ ,मंदरस्स पव्वय०२५-१३२९० |., संठाणं तु इहं जायमित्तस्स जंतुस्स २७-४७९ , सूरिआ उदीण०२५-१५२० २२-२६२ जावइआई दुक्खाई , उग्गमण २५-१३७सू० २७-१२१० जावइआ किर दोसा २७-३८३ , २५-१३८सू० , सासयसुहसाहण २७-२८१ जावइयं किंचि दुहं २७-१६३८ .. सरियाण० कि०२५-१३७सू० सीसपूरउत्तिभ | जावइयंमि पमाणमि २५-४३ ., सूरिआ खत्तं २५-१४०सू० ,, सुचिरेणवि होहिद | जावजीवं तिविह २७-३१८ मंदरस्स० चंद०२५--१४७सू० जाई मोग्गर तह जूहिया २२-२७ | जाव य खेमसुमिक्वं २७-१३९० २२-२०४ जाउलगमीलपरिली २२-२५ जंबुद्दीवो जा पस सत्तमी सा उ २७-८५१ ,, सुई न नासह २७-१३८९ , सव्व० सूरमंडले २५-१३३० | जाओ परब्बसेणं २७-१६०९ | जावंति केइ ठाणा २७-१४२७ जंबूर णं सुदंसणाए २१-१५३सू० । जाओवि अ इमाओ २७-२०सू० ], , दुक्खा २७-६८७ लवणे 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि Sslil ३१ HEA ~189 Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) औ० १९ २० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ ३२ ॥ ZXJAN ANXXX जाहे य पावियध्वं होइ पमतो " " " जिलो बंधुण जिडो चउदस जिण प्रभाविअ चित्तो 21 जिणवण अणुगया जिजवय अणुरता जिणवयण निच्छि जिणवयण मणुगम "1 59 जिणवयण मणुगुर्जितो जिणवयणमथुस्सा जिणवयणमध्यमेय 33 35 जीव गइदियकाए २७-१८६५ जीवपरिणामे णं २७-२३१ जीववहो अप्यवहो २७- १५२४ २७-३१ २७-१६९४ २७-१८९४ जीवा ० कतिहि ठाणेहिं २२-१९०सू० जीवस्स णं भंते! गन्भगयस्स जीवस्स गं० मारणं० जीवाणं० कतिविधे २२- २०३० किं भासगा २२- १६६० २७-२३० २७-१०६ २७-६४८ २७-२३२ "1 15 35 २७-१५२५ २७-१५२३ २७-१७५२ जीवे २७-१७५६ २७-१५०८ २७-२१६ २२-२११ 21 21 39 31 35 31 11 22 35 २२- ३१६० सच्च मणप्प०२२-२०४० सण्णी सम्मदिडी संजया अंतकिरिय २२ - २५५० २२- ३१७० किं आहारण 39 " गम्भगए समागे जाई० ताई 23 35 13 " 33 33 35 ~ 33 २२-१८२० जीवे गं० जातिं दग्वाति २२ - १६८० जीवेति कालओ २२-२३३० णाणा० कम्० २२ - २९१ सू० २२- २९२मू० २२-२८३० णाणावरजं णाणातिवापणं २२-२८२० भंते !० उत्ताणए वा २७-१०० 23 गतिचरमे सकिरिया २२-२८२० 11 २७-३१८ २७-४० २२-२७६ 190 २२-२५६सू० २२- ३१०सू० २७-६८०. २२- १७२० २२-१६९सू० 33 53 11 " " " " " 35 23 35 " " " " 23 21 " 15 15 " " " " गभगए देवलो 27 " नरपसु उडियसमु० वेदणासमु० " " 35 23 जीसे तयाए भग्गाए जीसे जीसे सालार कट्ठाओ " ०तणु० २२ - १६००० २७-५० २७-९८० २७-८० २२- ३४६० २२- ३४५० २२-५९ २२-६९ २२-७९ २२-८३ सूर्य० / २३ ६० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ।। ३२ ।। Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ज-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत औ० सूर्य०२३ सूत्रांक यहां देखीए रा० जी०२१ प्रज्ञा०२२ ॥३३॥ जं० २६ नि० २६ प्रकी०२७ दीप जीहाए विलिहतो जुअलसिलासंथारे जुत्तस्स उत्तम? जुत्तस्स० सुक्ख संथा. जुत्ते पमाणरइओ जे अगहिअपरमत्था जे अन अकित्तिजणए ,, उत्तरेण इंदा , कडुयदुमुप्पन्ना ,, कुम्मसंखताडण , केइ नालियाबद्धा जेण विरागो जायद बि रागो, क्रमांक SCENEXTENDENTRENVEEVMANS २७-७२६ जे पयणुभत्तपाणा २७-१६८० ., पुण अट्ठमईया २७-६३० | गुरुपडिणीया |, तिगारवजढा २७--१५८४ ,, बट्टविमाणा २७-७५२ ,, सुयसंपन्ना '२७-७६४ ,, पोग्गला अणिट्ठा ,, मे जाणंति जिणा २७-१८९१ " २२-८७ | जोअणमद्धं तत्तो २७-२३९ | जोषणसहस्समेग | जो अस्थिकायधम्म २७-१७१८ जो अविमाणुस्सेहो २७-५७६ | जो आरंभे वट्टर २७-२०९६ जोइसस्स य दाराई २७-९५७ | जोइसियाणं० देवाणं " के लिए देखीए " " २७-२३६५ | जोइसियाणं पुच्छा देवाणं २२-२०१० २४-९९ | जो उ प्पमायदोसेणं २७-७४८ २७-१०५ | जोपसु किलामंति २७-२२७३ २७-१२८७ जो कुंबगावराहे २७-२६६१ २७-११४४ जोगा देवय तारग्ग २५--१०० | जो गारमेण मत्तो २१-१६ | जोगो देवय तारग्ग २५-१२० २७-१५३ | जोग्गं पायच्छित्त २७-१३६१ २७-१३५५ | जो जत्तो वा जाओ २७-१४५७ | जो जस्सा बिकखभो २७-२०१९ २७-२०१८ जो जि.ण है? भावे २२-१२२ २५-९६० - जो जोगओ अपरिणा २७-१३४३ २२-१३६ | जोणिसयसहरुलेसु। २७-११२६ जोणीमुहनिग्गच्छतेण २७-१३२६ | जोणीमुहनिष्फिडिओ २७.५३३ २४-१५ | जोतिसियाणं देवाणं २२-१३६सू० | जो तिहिं पएहि धर्म २७-१६६२. " " " 'सवृत्तिक आगम | जेणंतरेण निमिति | जे दसणवावन्ना जे दाहिणाण इंदा सुत्ताणि ~191 Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ज-कार + झ-कार + ठ-कार + ड-कार + ण-कार + त-कार 1 पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत औ० सूत्रांक यहां देखीए जी०२१ दीप क्रमांक के लिए देखीए INIजो निभाएण गिण्हा रा०२० जो पुण अत्थं अवहरह दसणमइओ प्रज्ञा०२२ ,, सणसुद्धो ॥ ३४॥ "... पत्तभूओ जो भत्तपरिन्नाए जोयणसहस्स गाउय ग्गाउ० जो रागदोसरहिओ जो वाससयं जीवह ,, सम्मं भूयाई ., साइआरचरणो ,, सुत्तमहिजंतो , संखिजभवट्टिई जोहाण य उष्णत्ती जो हेउमयाणतो .... झाणाण परमसुकं २७-१९७५ | उबिए पायच्छिते २७-२१८ |णाणावर गिजस्म २२-२५५९० लाखपा १२ २७-३७८ 1 ठिती सब्वेसि भाणियचा २१-२२२०णाणावरणि जस्स थे २२-२९३० * ०/४ २७--६२१ डझंतेणवि गिम्हे २७-७०६ २७-६२२ णक्वत्ततारगाणं २४-६६ णाणाविहसंटाणा नि० २६ २७--६२० णक्खत्तसहस्सं णाणी चेव अण्णाणी० २१-२४७सू० प्रकी०१७ २७-७१ णक्वत्ताण सहस्सं , जहा सम्महिट्ठी २२-३१२सू० जग्गोह गंदिरुक्खे २२-१९ णं णाणित्ति २२-२४२सू० २२-२५५ णट्टविही णाडगबिही २५-३७ णाभिस्स णं कुल २५-३१सू० २७-६२३ णपुंसकवेदस्स णं भंते ! २१-६२सू० णिच्छिण्णसचदुक्खा २७-४९२ २१-६०स० णिद्धस्स णिदण दुयाहिक २२-२०० २७-१८५९ रगं तिरिक्वजोग १९-३ णिवंबर्जबकोसंब० २७-३०२ | णवमे वसंतमासे णेरइयाणं० सब्बे सम० २२-२५८स० २२-१२५ णवि अस्थि माणुसाणं १९-२१ , समा० २२-२०६० २७-६३३ | णवि से खुहा ण विलि २५-२० सप्पमि णिवेसा २५-३६ मंदिस्सरवरपणं दीवं २१-१८५० | तइया कीस न हायर २७-१८०० । २२-१२४ | गंदीसरोदं समुदं २२-११ १-१८६सू० | तईयाए मंदया नाम २७-४८१ २४-५९६ | पंदुत्तरा य गंदा २५-७२ | तए पं० अकालपरिहीणा २०-१४सू० 'सवृत्तिक SAXXSEXX आगम सुत्ताणि ~ 192 Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत औ०१९ सूत्रांक यहां देखीए प्रज्ञा०२२ ॥३५॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए XAV NXJXUVENIL तए पं० अत्ताणं संपलद्धं २०-८९सू० | तए पं० केसालंकारेण २०-४३सू० तए णं ताओ सुभद्दा० १९-३७० सूय०।२३ , अयभारगं वा २०-६९सू० । ,, केसीकुमारसमणे २०-५९सू० १९-३३० मा , आमिओगिए देवे २०-२५० ,, चडाह ठाणेहि चि०२०-६९सू० , पं० तुज्झे नाणे वा २०-६४सू० ० २५ आहोहिया २०-६३सू० चत्तारि अग्गमहिसी२०-४५० ,, तुम्भं इय छेयाणं २०-७२सू०नि० २६ इमेयारूचे २०-८०सू० चत्वारि य सामा० २०-४०० , णं ते धामिओगीया २०-८सूमकी०२७ इयडेयाण दवा २०-७२सू० चंपाए सिंघाड० १९-२७० ते आवाडचिलाया २५-५८सू० इह उबबिसामि २०-६५सू० चित्ते सारही २०-६०१० ,,,यह वेमाणिया २०-१३सू० उत्तरपुरस्थिमं० २०-०सू. जिणिदाभिगमण २०-१६० ,, ते मणुआ भरहं २५-४०सू० उम्मुकवालभावे २०-८४सूर णञ्चासपणे २०-१९सू० .. गंतेसि सामाणिय०२०-४२सू० , उबट्ठाणसालाए २०-६७० णो आढाति २०-२३मू० दढपतिपणे २०-८३स० , एगं भागं बलवाह०२०-७९सू. णं तस्स भ० अण्णया २५-६८सू० पं० दिव्वं देवहि २०-२५० , एसा पपणा उवमा २०-६६सू० " " भरहस्स २५-४४० ,, परिसाए जाव २०-२०सू० , कर आयरिया पं०२०-७७सू० " " " " २५-६१स० , पंचागीयपरि० २०-२७सू० ,, कलं पाउप्पभायाए २०-६२सू० "" , विजयस्स २१-१४४सू० , पायत्ताणिया० २०-१२सू० गणं कृणिअअस्सा बहवे १९-३२० "" "सूरियाभस्स २०-६सू० , वहवे देवकुमारा २०-२४म० कृणिए सुअक्खाए १९-३६सू० , गं. तहत्ति आणाए, २०-१२सू०. ,, भवसिद्धिए अभ० २०-२१सू० ., पं० केड पुरिसे तरणे २०-६८सू० तं दिव्यं . २०-२५सू० ,, मम अजगस्स २०-७५सू० ॥ ३५ ॥ RAAZALENDAR 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~193 Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत .. . सूत्रांक यहां देखीए औ रा०२० जी० "." . प्रज्ञा०२२ E24 XNXYXY. UN 5 प्रकी०२७ दीप क्रमांक के लिए तए णं मम णगरगुत्तिया २०-७०सू० तए णं से जियसत्तू राया २०-५६० तप णं से भरहे.. चउ०२५-७०० ,, णं समणे कलं पाउ०१९-१३० ..दिने चकरयणे २५-६२सू० ,, चाउग्घंटं २५-४६सू० "" कृणिअस्स १९-३४० २५-६५मू० ., छत्तरयणं २५-६०५० .., मिहिलाए २५-१८१सू० २५-५१० तं दिव्वं २५-४७० सव्वं जाणह २०-२२० " णं सामहतिमहालिया १९-३५सू० २५-५०० .. , तुरए २५-६३सू० ,,, सावत्थीए नयरीए २०-५४सू० पवित्तिवाउए १९-२८० ,,., मणिरयण २५-५४० .. पं० सूरियकंतप्पमु० २०-७८सू० १९-११० नए पं० सेयथिया नगरी २०-५८० गणं से अच्चुईदे २५-१२३सू० पालयदेवे २५-११७सू० से विजए महया २१-१४३१० "", अच्चुए देवे० २५-१२२सू० बलबाउए १९-३०सू० ,सक जाब २५-११८सू० ,, अच्चुए देविंदे २५-१२१सू० ,, भगवं जंबू० २६-४सू० "", पंच० २५-१२४सू० से० अंतियाओ २०-५७सू० भरहे राया २५-६७० "", सेणाबलस्स २५-५७सू० से आसमदोणमुह० २५-४८सू० .. अण्णया २५-७२सू० हस्थिस्स कुंथुस्स २०-७८सू० ,, कृणिए जेणेव १९-३१सू० "" , २५-५३सू० तट्टे अ भाविअप्पा २५-२८ " " बलवाउ० १९-२९सू० ... उणि २५-५९सू० . य भावियप्पा , , वामं० १९-१२स० ,,,, कयमाल० २५-५२सू० तणकट्टेण व भरगी ,चित्ते सारही २०-५५मू० ,, ,गंगाए २५-६६० | " " " X3AKARTAXANEXPERSARE देखीए 'सवृत्तिक U V W आगम सुत्ताणि ॥ ६ ॥ - 194 Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत औ०१९ सूर्य/२३ सूत्रांक यहां देखीए | चं०/२४ रा० २० जी०२१ प्रज्ञा०२२ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ दीप क्रमांक JALA93ERNA के लिए देखीए SARKEXPERTREATREEKLY तणकटेण व अग्गी २७-१९० | तत्तो भवचरिमं सो २७-३१२ तत्थ जे० सत्तविहा २ १-२४१सू० २७-१४८४ | , य जोगसंगह। २७-२७०९ ,, णं अयं जंबुद्दीवे २१-१२५सू० तणकट्टेहि , २७-११३ | तत्थ खलु इमाओ २४-७६सू० ,, ,, चंपाए णयरीए १९-६सू० | तणमूल कंदमूले २२-५४ २४-६३सू० ,, , सेणियस्स २६-१७सू० ताणसंथारनिसन्नो २७-६३४ २४-८०सू० ,, f० छब्बिहा संसार० २१-२२७सू० तते णे तस्स कृषियस्स २६-१४सू० |, इमे अट्ठासीती २४-१०६९० ., णं जे एव० दुबिहा० २१-९सू० "" दारगस्स २६-१३सू० " " ,छउडू २४-७५१० जे णवबिहा २१-२४३सू० ,,, तीसे कालीए देवीए २६-७सू० ,,,, दसविधे२४-७८सू० जे ते फासपरियार०२२-३२८सू० "," चेलणाए २६-११सू० | तत्था छश्चसप. उदिवज्ञा २७-१९८२ ,,, जे० दसबिधा २१-२४४० २६-२०० , जे० अट्टविहा० २१-२६८सू० , गं० णवविधा० एगि०२१-२७०सू० ., सा चिल्लुणा०२६-१२सू० | , संसार० २१-२४२सू० ,,, तिविहा सव्वजीवा २१-२५१सू० .. से काले कुमारे २६-६सू० ,,, चउबिहा० मण० २१-२५८सू० ", दसविधा०पुढवि०२१-२७२सू० ", कूणिए २६-१६सू० ,,, छविहा० २१-२६४सू० ,, पंचविहा संसार०२१-२२५सू० ..२६-१८सू० ., जे ते एव० चउब्विहा २१-६६सू० णं विणीआए राय० २५-४३सू० " , कृणिए राया० २६-१५०सू । ,,, तिविधा २१-४५सू० .., सुमई० एतेसिं पंच०२५-३०सू० तत्तो अणुपुयेणाहारं २७-१४१४ ., जे० पंचविधा कोह०२१-२६२सू० , य मुणियरबसहो २ ७-६६८ ॥ तस्स महब्बय० २७-३०३ । सत्तविधा २१-२६६सू०। , वणयरसुरवर २७-२७५३ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ॥३७॥ ~1950 Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां तत्थ य सो उबलतले , दिमाणा बहुविहा देखीए औ० १९ रा० २० जी०११ प्रज्ञा०२२ ॥३८॥ प्रकी०२७ दीप क्रमांक तत्थासणा के लिए देखीए २७-१७०४ | तम्हा निउणं निहालेड २७ ७१६ | तस्स .. कोणिक धारिणी १९-सू० २७-२२७० | " स उट्ठिउमणो २०-३६० , पुरिसे १९-८सू० " सम्मं निहाले तिनिछिद्दहस्स:२५-८५सू० सरीरमाई देवसयणिजस्स २०-३८सू० , सरीरमाई पउम० २५-उपसू० २७-१९९८ .. सुक्खमहातरु० बहुसम० एगा २१-१३९सू० २७-११९२ " सुत्तरमूलं २७-१३३५ २५-७४सू० २७-११९५ सुयम्मि जोगो —૨૮૪ माणयगस्स २०-३७सू० २४-१९८० तयछल्लिपवालेसु मूलपासायबरें० २०-३६मू० २७-११९० तवअग्गिनियमसूरा २७-६०२ २७-१२०० | तवपरसुणा य रित्तूण २७-१२६७ " वण० असोग० १९-४० २७-२७२२ तबपोरं गुणभरियं २७-१५०४ , ,, अंतो० २५-६० २७-६३५ | तवपोयं , २७-२१२ ,,, वणसंडस्स। २१-१२८२० २७-२६५० , सोसियंगमंगो , सिद्धाययणस्स २१-१४१सू० २७-११७ | तसपाणबीयरहिए .२७-१७६३ सिद्धायतणस्स २०-४०० २७-२३८८ | तस्स० जेट्टे भाउयवयंसए २०-५१सू० थुर्णतस्स जिणं २७-९३६ २४-१०१ | तस्स णं असोग पुढवि० १९-५सू० | , पएसिस्स जेट्टे २०-५०० UVUVVVVVVVVU " .. 'सवृत्तिक आगम सत्थेव य धणमित्तो तप्पु (नियपु०)रिसनाइयंमि तम्मि य महिहरसिहरे तम्हा चंदगविज्झं , बत्तह दोसु ., धितिउट्ठाणु सुत्ताणि ~196 Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ ३९ ॥ तस्स० परसिस्स० रण्णो २०-४९० तं च किर रुपयंत पासायवार्डसए चंचलायमाणं २०-३५० २७-१६४ चैव समइरेगं य पायच्छितं " " जइ इच्छसि तुं " 35 " २७-१४६६ २७-१७०६ ताब न मुच्चइ २७-४५७ तारिसगं रयणं २७-६६९ तिस्थं तुमि ल २७-१६४६ दार्णि सोयकरणं २७-१६५७ नाऊण कसाए २७-१७३१ नाणदंसणार्ण २७-१६७९ तंपि न रूवरसत्थं २७-१८९२ तं फालेहि चरितं २७-१३२२ तंमि सिलायलपुहवी २७-१२७८ तं मुयह रागदोसे २७-२८४ | तंमू (तम्मू)लं संसारे जणेइ २७-१३४४ सीह सेणगयवर २७-१२९३ | ता अस्थि णं चंदिम० 31 31 33 33 11 35 35 हिट्ठा चूस तस्सासी अ गणहरो 33 35 तह उत्तमकाले 39 33 झाणनाणवु (जु) सं धन्नसालिभद्दा 23 " परतित्थियकीडा अवयव " 31 33 23 सरीरपूर्व 39 31 उत्तरेण पक्खं सुकरणो महेसी अन्भुज अमरणं उज्जुभावपरिणड० एवं जाणंतो " 35 23 39 39 ~ 197 ता एएसि णं चंदिम० पंच० २७-५६५ २५-१५ २७-९८१ २७-१४३७ २७-१८०२ 23 19 33 २७-१७७९ एगमेगे णं अहोο २७-६०८ एगमे० णं चंदस्स २७-४७६ " एताए० अद्धाए २७-१२६८ २७-२८२ 33 35 " २७–७६७ एपि सिलोगं २७-१४०८ २७-१६९१ २७-१४३४ २७- ८४२ २७-१७४६ २४ - ९०सू० 35 11 35 35 33 35 33 23 " 39 33 33 21 29 23 एयं कायव्यं नाऊणं एवं तुमि ल 35 ताओ चइऊण इहं 25 59 २४-९१ सू० २४-१०सू० २४-३४० एतेसि णं अट्ठावीसाए पंच० सं० २४-६६सू० २७-१२३ २७-६१ ता कता णं एते आदिश्च ते दोसिणा २४-९९० २४-६५० "" पं० सं० पंच सं० २४-६७० २४-८६० २४-६४सू० २४-१७० २७-१३९३ २७-६०४ २७-१६९२ २४-७४० २४-८२सू० सूर्य० २३ चं० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥ ३९ ॥ Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ ४० ॥ ता कतिक ते सूरिय 19 33 33 39 33 39 "" 33 37 33 39 55 35 २४-३०० ता कहं ते चंदमसो हो० २४-७९० चंदे ससी २४-३१० 17 39 11 35 कतिणं चंदिमसूरिया २४-१००० २४-१०४० २४-५२८० " चारा जोगस्स आदी २४-३६० २४-२५४० २४-५२० २४-४५० २४-१०२० अद्धमंडलसंठिती २४-१२० २४-८९० २४- १३० " 55 33 35 " कति ते चंदमंडला कहं ते अणुभवि 35 22 "1 "" 37 35 35 23 भंते! संव० संवच्छरा " " 35 "1 21 35 21 39 " कुला गोत्ता 35 35 उच्च उत्तरा अद्ध० उदयसंठिती एवंभागा ओयसंठिती 23 चयणोववाता चंदमग्गा २४-२९० २४-३५० २४-२९० २४-३७० २४- ५०० २४-८८० २४-४४स्० 35 35 25 35 39 33 35 35 37 33 " 33 37 15 27 17 33 19 "" "1 39 35 33 "3 33 " "" " 35 21 " "" 11 " 23 39 31 39 39 39 31 11 35 22 33 31 जोतिसस्स दारा २४५९.० णक्खत्तविजये २४-६०सू० नेता २४-४३० २४-४२० तारगे तिही २४-४९ सू० २४-४८० दिवसा देवताणं २४-४६० दोसिणाल० २४-८७० नफ्खत्तसं० २४-४१० पुष्णिमासिणी २४-३८० भोयणा मंडलसंठिती २४-५१० २४-१९० मंडलाओ मंडलं २४-२२० P 198 ता कहं ते मासा 35 35 39 23 17 " 33 23. 11 " "" " " " " " 21 " " " 77 23 "1 39 " " 22 21 53 " 35 " " 11 कंस्सि णं सूरियस्स २४- २६० के ते चिनं पडिचरंति २४-२४० २४-२८८० सूरियं वरंति " केrयं एए दुबे सूरिया २४-१५० केवतियं खेत्तं चंदिम० २४- २४० ते एगमेगेणं २४-१८० मुद्दत्ताणं 95 मुडुत्ता य राहुकम्मे तेरच्छगती वदोबद्धी २४-५३० २४-४७० २४-३३० २४ - १०३० २४-२१स्० २४-८० संबच्छराणादी २४-७९० सण्णिवाते २४ -४०सू० सिग्धगती वत्थू २४-८३सू० सीमाविक्खमे २४-६१ सू० सेआते संठिया २४-२५० सूर्य० | २३ पं० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥ ४० ॥ Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत ऑ०१९ सूत्रांक यहां देखीए मज्ञा०२२ २५- ६ ० /२४ २५-११३० २५-१९७नि० २७-११०८ प्रकी०२७ २१-३० २७-५१७ दीप क्रमांक के लिए देखीए NUEVLXXXVAXV. ता केवतियं ते खेतं २४-२३सू० ता तं निजिणिऊणं २७-१८०१ | तिषिण सया तेत्तीसा " नोजुगे २४-७३सू० , धीर! धीव लेणं २७-४२५ ,सहस्सा सत्त य " दीवं स० २४-१६सू० | , पमाणसंवच्छरे २४-५७सू० तिण्णेव उत्तरा' , चंदविमाणेणं २४-२४सू० पुक्खरवरं णं दीवं २४-२०१सू० चंदस्स णं जोति० २४-१०५० "मंदरस्स णं पब २५-१२सू० तिषणेव य गेविजा | तार(य)ग्गं च नेता य २४-१२ , सतसहस्सा चंदेणं अद्धमासेणं २४-८१सू० तारुण य तारूवं २ ७-९१८ | तित्तीस सयसहस्सा , जया णं इमे चंदे २४-७०सू० , लक्खणसंवच्छरे २४-५८सू० |तित्थयरसमो सूरी "" "चंद गति २४-८४सू० | ताल तमाले तक्कलि २२-३९ तिन्नि रयणीइ खइओ , , , सूरीए २४-१सू० ताब खमं काउंजे २७-१३९१ , सया छत्तीसा जंयु० तारारुवस्सय २४-९६स० | ता सब्वावि णं मंडलवया २४-२०सू० " सट्टा , जंबु० दीवे कतरे २४-९३सू० ता साबिट्रिपणं पुषिणमा० २४-३९सू० , सयाणि सट्ठाणि , जुगसंवच्छरे २४-५६सू० |ता सो अइसुकुमालो २७-१७०५ , सया तित्तीसा ,जेणं अजणक्व० २४-६९सू० ताहिं दुक्ख विवागाहिं २७-२५८ , सहस्सा सत्त य जोगेति वत्थुस्स २४-३२सू० तिगतिगपंचगसयदुग २५-१०२ - , सहस्से सगले , णक्वत्तसंबच्छरेणं २४-५५सू० तिषिण सता छत्तीसा २४-५१ | तिनेव उत्तराई . णक्खत्तेणं मासेणं २५-८५सू० , सया , २७-१०५० " " २७-६५२ २१-४७ २७-१२१२ २७-८८१ २२-२६३ २७-५०७ २७-५२२ २७-१०३१ २७-१०३५ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि SI||४१ ।। ~199 Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूर्य०/२३ चं०/२४ जं. २५ नि० २६ मिकी०२७ दीप औ० १९ तिन्नेव कंसणामा य कोडीओ जी०२१ IS तियलोयमत्थयत्था प्रज्ञा०२२ तिरिअगई अणुपत्तो ॥४२॥ तिरिएसु व भेरवसद्द तिरिओवबाइयाणं तिरिक्खजोणित्थियाओ तिरिक्खजोणिन्थीणं तिरियं तु असंखिज्जा तिरियं वाहरंतेसु अद्धा तिलए लउए छत्तोह तिल्लविहणो दीवो तिविहं तिकरणसुद्ध तिविहंपि भावसलं तिविहं भणंति मरणं तिविहाहि पसणाहि तिविहेण य सुहमउलं २७-१५७८ | तीसेणं जगतीए उपि २७-२४८९ "" , वाहि २१-५ ,,, तिमिसगुहाए २७-१६५१ दोहि सागरो० २ ५-२७ "" भरहस्स० २७-८७२ , णं स० इक्वधीसाए २७-६२४ २७-६११ " समाए एकाए २७-२२३६ २७-७४६ क्रमांक २४-९१ | तिविहेणवि सहमाणो २७-४५४ |तिविहेणवि सुहमउलं २७-२५ तिविहेसु होइ मेयो २७-६८२ | तिविहोवसग्ग सहिउं २७-१६३१ | तिसु तणुअंतिसु तंबं २७-११४६ | तिहिं उत्तराहिं रोहिणीहि २१-६५सू० , गारयेहिं रहिओ २१-४८सू० | तिहुअणरजसमाहिं २९-२९१ | तिहुयणसरीरवंदं २७-९०४ | तीआणागयकाले २२-२० | तीसा चत्तालीसा २७-१६०२ २७-१२४० |, य पण्णवीसा २७-१३३४ " , पन्नवीसा तीसे णं आमलकप्पाए २७-१४१५ चंपाएक पुण्णभद्दे २७-१९७ । ,,, जगईए उम्पि २१-१२६० २१-१२७सू० २५-५५सू० २५-३५० २५-४२० २५-३८सू० २५-३७स० २५-३६सू० २५-२७सू० २५-२८सू० २५-२९सू० के लिए देखीए "" चाहिं , तिहिं "", पच्छिमेक "" " भरहे "", मरहे २७-२७० 'सवृत्तिक आगम २५-२१सू० २५-२६सू० २७-२८ तास आम و ادارات ..., समाए भारहे २०-२सू० तु(घु)झुम्मि सयं मोहे १९-२स० तुभित्थ सामि सुश्र० २५-५० | तुम्हारिसावि मुणिवर सुत्ताणि २७-१२४४ २७-७२८ ॥४२॥ ~ 2000 Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूर्य २३ रुपयर सूत्रांक यहां देखीए ऑ०११ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ १९-१७०० /२४ जं० २५ |नि० २६ प्रकी०२७ ॥४३॥ दीप तुलसे कण्ह उराले तुंगं न मंदराओ तेउरुस संखराई तेऊ पम्हं सुकं तेऊ पम्हा सुका लेसा ते कण्हमरणदृसह तेण उ इहलोगसुहं , परमसंखिज्जा ,परं उबरिमया ,,जे सेसा क्रमांक के लिए '२२-४३ | तेणं० आमलकप्पा नाम २७-३६६ ,ईसाणे देविंदे . , उत्तरहभरहे ,, उद्धलोगवथवा २७२०५ ,, कालेणं० रायगिहे २७-१६९३ " कुणाला नाम २७-१८८६ ,,केसी नाम कुमार० २७-१९६६ ,, कोणिकए राया २७-१११८ ,, चमरे असुरिंदे २१-७३ चंपा रिस्थिमिय २४-७७ , पुक्खलसंवट्टए २७-१०७६ " पुरस्थिमरुअगव० २७-२०१५ मणुया तपाहार० २७-१६४९ .. मिथिला नाम नयरी ., मिहिला णामं णयरी १९-३९सू० ., विजए देवे० २०-४१सू० ।, सक्के णाम २०-१० | तेणं समणस्स० अज्जमुहम्मे २६-२सू० २५-११९सू० अंते० २५-५६सू० १९-१६सू० २५-११४सू० १९-१५मू० २६-१सू० १९-१४सू० २०-५२सू० १९-३८सू २०-५३सू० २४-२सू० १९-९सू० २५-२सू० २५--१२०० १९-२५० १९-१सू० १९-२१सू० २५--३९सू० " "" असुर० १९-२२सू० " "" असुरिद १९-२३सू० २५-२४सू० " "" वाण०१९-२४स० २४-१सू० , ,, बेमाणिया०१६-२६सू० २५-२सू० ,समणे० आइगरे १९-१०सू० २१-१४२सू० , सूरियामे देवे सोहम्मे २०-५० २५-११६० ते तं तवोकिलंतं २७-१६८५ " " , जोद बहवे 433ENTREER देखीए VVUVUNIV 'सवृत्तिक आगम ", देवगणा य निधिएणं तेणं अजसुहम्पस्स , अम्नस्स परि० ., अहुणोचवण्ण मित्तय सुत्ताणि ~ 2017 Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [त-कार + थ-कार + द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत १९ सूत्रांक यहां देखीए रा० जी प्रज्ञा०२२ दीप क्रमांक के लिए तेतीसाए सुंदरि! .. २७-११५३ | तेसि णं भंते ! जीवाणं २१-१३० | तो उद्धरंति गारव० २७–१६२हास्य०१३ ते मेरु पस्यिडंता- २१-६१ ,, f० मणुाणं २५-२३सू०, उद्धरंति गारवरहिया . २७-१३४७ ,,, माणुसुत्तर २७-२०६४ ,, सोलस जाल. २०-२९सू० , , २७-१४६४ श, मेरुमणुचरंता २४-६५ | तेसि आराहणनायगाण २७-३४८ , जीवदयापरमं ।। २७-३७९ तेयगसरीरे पं० कति २२-२७५सू० - कलंबुयापुष्फ० २ १-६६ ,ते कयसोहीया २७-२३९८ तेयाकम्मसरीरा २१-२२ " कलंबुयापुष्फसंठिया २७-१०६९ । ..तेऽवि पुब्बचरणा २७-२४०६ तेलुक्कस्स पहुत्तं २७-३४४ , कलंबुयापुप्फ० २४-७० , पढमे मासे करिसूर्ण २७-३सू तेल्ले कोटुसमुग्गे , णं वणसंडाणं २०-३१सू० परियागं च बलं २७-१३६० श्रोते बिहरिऊण बिहिणा २७-१६९५ , पविसंताणं २१-६५ , सीलगुणसमग्गो २७-२५७३ तेवीसं च विमाणा २७-११३३ २४-६९ , सोनमंतसिरसं० २ ७-३२२ हा, जोयणसयाई २७-११९१ | २७-१०६८ | थावरस्स गं भंते ! केवति० २१-४४सू० | तेसि गं खुड्डाखुड़ियाओ २०-३२सू० | महालयाए २१-१० थिरजायंपि हु रक्खा -, M० दव्याणं कतिविहे २२-१७०सू० , मेरुमहोयहि० २७-१३२८ | थिररासिबिलग्गेसु २७-९०८ दाराण० चंदण. २०-२८सू० । (इसिवा०) तेसि सुरासुरगुरू २७-१२३४ | थुश्वंदणमरिहंता ,, देवाणं २५-१४मा २५-१४२सू० तेसुचि अलपसरा २७-१३०९ थेरस्स तवस्सियस्स २७-७७३ ,,, पासायषडेंसगा २०-३३सू० | तो(दो)अणगारा धिजा. २७-१७२८ | थोवा बिमाणवासी २७-२१४७ ,, भग अम्भितर० १९-१८सू० | तो दियपरिकम्म २७-१३९९ | दक्खिणपुरथिमे २५-४७ ॥४४॥ देखीए SEERIALXXXSAREENAX 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~ 2020 Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ ४५ ॥ दगपिप्पली य दब्बी दवि अप्प दढचारितं मोत दढमूलमहाणमिवि दप्पणभहासण० दब्याण सव्वभावा जेहिं पजवेहि य दसगस्स उबवो दसदोस विष्पमुकुं दसवाससहस्साई दंति विस्सुअजसो दंडोव य अणगारो : दंतमलकण्णगृह० दंतमुसलेसु गहणं दंतावि अकचकरा २२-४२ दंसणनाणचरितं २७-१८७६ | दंसणनाणचरिते २७-८०३ २७-१३८३ २५-८० दंसणभट्टो० दंसणभट्ठस्स २२-१२८ भट्टो नहु २७-१४४१ दंसणयारं कुणई २७-४८९ दंसणयारविसोही २७-१६५ दाडिमपुप्फागारा २७- १४६७ दादिद्ददुक्ख वेयण० २७-२००७ २७-११५५ २७-६४७ २७- १७०० दिवसतिही नक्खत्ता २७-५३९ दिवसाओ तिहिबलिओ २७-५५२ दिवसा राइ बुत्ता य २७-५५४ | दिव्यमाणुसतेरच्छे दारुण दुहजलयर० दाहिण कुच्छी पुरिसस्स दिवखं मइलेमाणा ~ 203 २७-२७० दिसाणुवारणं सव्वत्थोवा २२- १२९ दिसाणुवारणं सव्व० २७-१२८३ दिसिगइइंदियकाए २७-१५५२ दिति यसि उबपसं २७-३४१ दीवदिसाअग्गीणं उदहीणं २७-३४० २२-५५० २२-५६० २२-१८० जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ २७-१५९९ २७-९९७ २७-९५४ २७-८४१ २२-१४० 33 "" २७-३ दीवसमुद्दा णं भंते! किं २१-१९१सू० २७-५०९ दीवसिहासरिसवण्णित्थ० २७-११७३ २७-१८८७ २७- २९९ २७-१६७६. २७-१७८४ २७-४६३ २७-१२११ २७-१३१२ १९--१२ २७- ८४८ २७-९२५ २२-१६१ २७-१२४१ २४-१४ २७-४१४ दुक्खक्खयकम्मक्खय २७-८७९ दुग्गो भवकंतारे २७-१८६७ 35 दीवाभिग्गहधारी दीवोदहिरण्णेसु य दीहं वा हस्सं वा 35 33 23 31 सूर्य०) २३ चं० २४ 33 37 33 39 दुओणयं अहाजायं ॥ ४५ ॥ Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ द-कार + ध-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) पूर्ण आणणारा पितः मुक्ति दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग+ धर्की औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ।। ४६ ।। दुहं आयरियाणं दुहपि रत्तसुकाण दुपपसिए णं भंते! दुष्पणिहिए य पिहिऊण दुमखंधे बाहरंतेसु दुविहम्मि अहखाए दूरत्थंपि विणासं दुरुज्झित्ताइसु देवते मणुअत्त देवते माणुस्से देवाइ० पोराणमेयं देवा णं० किं सदेवीया केवइयं० ठिई देवानंदा गिरई निरती -29 देवावि देवलोए देविंदचकवट्टित्तणाएं २७- १५६४ | देविंदचकवट्टित्तणाई २७-४७० 32 २२- १५८० २७-१२६६ देवे णं भंते ! महिहीए देवो नेहेण गए 21 २७-९०५ दे खितं तु जाणित्ता २७-१२५८ देसिकदेसविरओ २७-१६०४ देहो पिपीलिया हिबि २७-७६६ दो अच्छिअट्टियाई २७-६८२ उद हिकुमारिदा कोसे अ गहाणं २०-९० चंदा इह दीवे २२-- ३२४सू० २२- ९५सू २५-९६॥ २४-२२॥ २७-१६१७ 15 15 35 31 35 22 35 33 13 दो सूरा 11 "" 11 33 २७-६१३ चेय जंबुद्दीवे २७-१९५ चैव नय य सया "1 99 ~ 204 २७-५८३ - २७-१४८७ २१ - १९३० २७ १७७१ २७ ७२३ २७-६४ २७- १६६४ २७-५५७ दो वेव सतसहस्सा दोहं च पंच चत्तारि दो दो जंबुद्दीवे नालिया मुहतो दोषि अहोरत० 35 सर छाडे दो मासे संपुण्गे "1 २७-९४५ चाउकुमारिंदा बिज्जुकुमारिंदा २५- १२५ दोससयगागरीणं २१-७४ दो सागरोवमाई २४-७९ दोसुत्थ अप्पमाणे २७-१०७७ दो सुयणु ! सुवणिदा २४-३१ २७-१०३७ २७ ९७४ २७-१०४० 21 55 11 हत्या दो पाया 23 धणिट्ठा सय भिसा साई धण्णा कल सनिय लेहिं 39 २४-३५ २६-१ २१-७५ २७-५०८ २७-४५१ २७ २०२८ २७-१६९८ २७--९४६ २७-९४७ २७-५७० २७-११०३ २७-१५८३ २७-९४४ २७-९५१ २७-५६४ २७-८८४ २७-१८६१ सूर्य० / २३ चं० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ।। ४६ ।। Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम लागि [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ ध-कार + न कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) पूज्य आणणारा अशाषतः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग+की औ० १९ रा० २० जी० २१. प्रज्ञा०२२ ॥ ४७ ॥ धण्णा ( उ ) करंति त धण्णा सतहियाई धनोऽहं जेण मए धम्मत्थिकारणं पुच्छा धम्मं जिणपन्नसं धम्मंतराय भीए धम्मगसुसीलजुयलं धम्माणं च अहिंसा धमाधम्मागासं धम्मेण विणा जिण० धम्मो ताणं धम्मो सरणं न कओ साहू धरणियलाउ समाओ धरणोवि नागराया धातसंडप मितिसु 'धातरसंडपरिरओ 11 " 17 २७-४४० 15 २१-७६ धीरेणवि मरियच्वं २७-१०७९ विश्वलचिअलाण० २७-२८७ धीरो चिलाइ तो २२-२५३० घिडो अहो अकर्ज २७-१४३६ जरमरणविऊ २७-२३९ धिधी (घी घी) मोहो जेणिह २७-१८४८ धी संसारो जहियं २७-८०७ धीधणिअवद्धकच्छा २७-१७८३ धुर मुहे बियडे २७-६९७ धइति कंठिभाओ नवेगसमं चचलं २७-२६६ नउई नमह सरीरं नखचतारगाणं २७-६५० २७-१८६२ धायइड भिई २७-१८६० २७-१७११ " २७-५९३ धीधणिअबद्धकच्छो २७-१२५३ धीर! पडागाहरणं २७-१८३६ २७-५८० धीरपुरिसपण्णत्तं २७-१३१० २७-१०११ २७-९८२ धीरपुरिसपण्णत्ते २४-८० धीरपुरिसपनतं २४-३७ धीरपुरिसेहिं कहियं धायरसंड णं दीवं कालोवे २१-२७६० धीरेण वि मरियवं " ~ " " 205 २७-१५४८ २७-२१७ २७-६७९ २७-१५०९ २७-१७८१ २७-२६५ २७-१५४७ २७-१२७ 33 • सारयाणं नक्खत्त मिगसहस्सं न चयंति किंचि काउं नस्थि किर सो परसो 29 99 13 35 भयं मरणसमं 33 53 37 37 २७-२७४ २७-१५५६ २७-१६६५ २७-१३३ २७-१८३४ २४-९३ २७-८३३ २७-५२८ २७-४९१ २१-६२ २७-१०६५ २७-१०४४ २७-१४०५ २७-१७२ २७-१४७३ २७-६८५ २७-१६३६ सूर्य० (२३ चं० २४ जं० २५ नि० २६ | प्रकी०२७ ॥ ४७ ॥ Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [न-कार 1 पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक सूर्य०२३ यहां PANI ०४ देखीए आ° रा०२० जी०२१ प्रज्ञा०२२ ॥४८॥ जं० २५ नि. २६ प्रकी०२७ दीप २७-४९४ क्रमांक के लिए देखीए VIVW.VEZNXAXXX न थि य ते.संघयणं ... २७-१६०७ नवबंभचेरगुत्तो २७-६२९ | न हु तेसुं वयणं खलु २७-१६०० रहं संसारे नवमी मुम्मुही नाम २७-४८७ , मरणमि उबग्गे न निमित्ता विवजंति २७-२१५ नवमे बसंतमासे २४-२४ २७-१५२८ | नपुंसएसु सउणेसु २७-९०३ | नवमो अ आणइंदो ,,, सका नासेडं २७-१३७६ | नपुंसकनिमित्तेसु २७-९१९ नवि अस्थि माणुसाणं २२-१२२२ " सा पुणरुत्तविही २७-१४४४ नमिऊण महाइसयं २७-२७६ २२-२७१ 3 , सिज्झई ससल्लो , महावीरं २७-७१० नवि कारणं तणमओ २७-२२९ नंदमाणो चरे धम्म | नमुत्थु धुयपावाणं २७-६३९ | नंदा भद्दा विजया २७-८५५ नयणोदपि तासि २७-१६३५ २७-१५२२ । | नंदे जए य पुन २७-८५६ न य मणसा चितिजा २७-१५५० |, जाई कुलं बाबि २७-४९५ । नाउमिह अमावासं २५ (पृ०५०७टी०) नरपसु अणुत्तरेसु अ २७-१५३९ ,,तं करेइ अग्गी नागकुमारिंदाणं २७-९५० सा, बेयणाओ ", कुणइ अमित्तो नाणमयवायसहिओ ,,, विसं च सत्थं . २७-१४६२ नाणसहियं चरितं २७-१३७३ नरगतिरिक्खगईसु ,, सत्थं च विसं २७-१६० नाणस्स केवलीणं २७-१२९७ नरयगइगमणरोह २७-४७ "" " " " २७-२३४५ .. दसणस्स य नरविबुहेसरसुक्खं २७-२८० ,माया नवि य पिया ७-१८८१ नाणमिदंसग्नि अ २७-७२९ | न लहह जहा लिहतो २७-४१७ नहु तम्मि देसकाले २७--१२१ । य 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ॥४८॥ ~ 206 Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [न-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक औ०१९ यहां देखीए रा० २०॥ जी०२१ प्रज्ञा०२२ नि० प्रकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए नामि देसणंमि य नाणं सुसिक्खियब्वं नाणाईआ उ गुणा नाणाविधसंठाणा नाणाबिहदुक्षेहि य नाणे असगडताओ • आउत्साणं नामेण य झागेण य ..' बजणिज्ज .., विणा करणं सयभावा नामेण चंडवेगो नारयतिरियगईए निभदव्यमपुवाजोगिंद निक्कसायरस दंतस्स निक्सममाणे सिग्धगइ निसिला फासेयचा २७-१२२० | निगोदा गं भंते ! दबट्टयाए २१-२४०० | निमित्तेसु पसत्थेसु २७-२३७४ | निग्गहियकसाएहि २७-१८५६ | निमित्तेसु० सव्वकजाणि २७-९२३ | निचलनिप्पडिकम्मो २७-१७६१ / निम्ममनिरहंकारा २७-६४६ २१-२ | निच्चं तिदंडविरया २७-१२६१ | निम्ममनिरहंकारो २७-१५७७ २७-२५४१ निच्चपि तस्स भाबुजुअस्स २७-६६० २७-१७११ २७-२७३७ निच्छिअमरणावत्थो । २७-२८९ | निम्मलदगरयवण्णा २७-१२०२ २७-१३७१ निच्छिषणसम्बदुक्खा २२-२३१ निरयगईण केवइयं कालं २२-१२२सू० २७-२८५६ निच्छिन्नसव्वदुक्खा | निरयावलिया सुयखंधो २६-३१सू० २७-१३७२ २७-१२२९ | निव्वाणसुहावाप २७-३३२ २७-१३८२ | निजरियजरामरणं २७-४४८ निसग्गुवएसराई २२-२२० २७-१३७५ निविभ अट्टमयठाणे २७-७५१ निसडे मानिवहबहे २६-५॥ २७-६६४ | निदलिअकलुसकम्मो २७-४४ | निसरित्ता अप्पाणं २७-६८० निद्धन्नयं च खलयं. निस्सल्लस्सेह महब्बयाई २७-३०६-निद्धमहुर पल्हा २७-४३२ निस्तंकिय निकंखिय २२-१३३ २७-१३१ निष्काडयाम निष्फेडियाणि दृष्णिये २७-१६६० निस्संधिणातणमिव २७-१५८२ निभत्थणावमाणण २७-१८२८ निहण हण गिण्ह दह २७-१४२३ | निमित्ते कित्तिमे नस्थि २७-९२० | निंदामि निंदणिजं २७-२४ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ॥४९॥ ~ 207 Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ न कार + प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ ५० ॥ निंदामि निंदणिजं २७-१४१ नीअंगमाहिं सुपओहराहिं २७-३९१ नीलवंतदहस्स णं पुरस्त्थि० २१-१५१० २२-१४९ नीला रागवसणा नेरइए पं० जाईο 33 37 नेरइयअंतकिरिया २२-२१३ २२-२२१ नेरइयतिरियमणुया नेरइयदेवतित्थंकरा. २७-११६७ नेरहया णं० अनंतरं उच्च० २२-१३८० अनंतराहारा २२-३२२० २२-३२३० २२-१२८स्० २२-१२७० 15 नेरहया गं० आहारे किं 99 एग० के " एगसमरणं ओहिस्स किं 11 39 नेरइपसु नेर हितो 35 35 २२-१७१स्० २२-२२२० २२-२५९० 15 २२- ३२१० ओही किंसंठिए २२- ३२०० नेरइया गं० कर इंदिया २२-१९३० " कर लेसाओ २२ - २१५० कति भागाव० २२-१४४० कतो उ० २२- १२९० किं अनंतरा० २२ - २५७० 31 29 "1 "" "" "1 31 39 31 39 95 " 31 35 11 29 39 13 " " " " 93 " " 15 "" संतरं उब० २१-२२६सू० संतरं २२- १२५० " 55 केवइयं खेत्तं सिता जोणी २२-१५०सू० २२- ३१९० केवइया पजवा २२-१०४० केवतिकालस्स २२-१४६० केवतिया २२-१७८० के० वेदणासमु०२२-२३५० 15 21 " 32 23 ~ " " " आहारस० २२ २४८० एर्गिदियस ०२२-३०८० ओयाहारा २२- ३०९० सचित्ता० २२- ३०४स्० 33 208 नेरइया गं० नेरइयत्ते के० २२-३३९० " 13 णं भंते! केवइयं० २२ ९४० केवतियं २१-२२३० ० सत्रे समकम्मा २२-२०७० नेरइयाणुप्पाओ २१-२० २२- १२९० २५-२८ २७-१५७९ नेर० कतोहिंतो उब० नेसप्पे पंडुअ नेहखेवे दीवो पडमलया णागलया पडमा पउमप्पभा चेध २२- २९ पडमुत्तरे णीलवंते पडमुप्पलनलिणाणं पडमुप्पल संघाडे पउमुप्पलिणीकंदे पक्कमंतेसु सउणेसु पश्चखाइ य ताहे पच्चक्खाविंति तो तं 31 २५--४९ २५--६५ २२९० २२१०९ २२-८८ २७-९०७ २७-१५७५ २७-३२० सूर्य०) २३ चं० / २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥ ५० ॥ Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ।। ५१ ।। पच्छायायपरडो पच्छावि ते पयाया पजलंति जत्थ धगधग० पजत्तर णं पुच्छा पञ्जलि हुयवह पडणीयया केसि पनि साहुसरो पडपिलिअ कामकलिं २७ ४९ " २७-३८९ पडणीया २७-२७ पडि (जिय) मायगओ अ मुणो २७- १७०२ पडिमा सहनिकीलियासु २७-१२७५ पडिवसीओ उद २४-१ २४-६० 33 13 २७- २९० मम्मि य संघयणे २७-६३८ पढमं अट्ठारसगं २७-७५९ अणिश्चभावं २२-२४९ सू० विमाणं २७-७५८ पढमाणं भंते! पुढवी किंनामा २७-१७१७ किंगोत्ता २१- ६८० पढमित्थ नीलवंतो २५-४६ पढमिल्लुगंमि दिवसे पढमीपंचमि दसमी पढमो तइओ नवमो पढमो तहओ सत्तमो २७-६३२ २७-८५४ पडुष्पद्मवि० केवति० मिहेवा परंतु साहुको ए पढमणरीसर ईसर २१-१०३० २७-८४५ २५-२३ 53 - सोहम्मवई पणपण्णा य परेण पणयालीस आयामवि० पणवीसारसवारसेव पुण्णरस इभागेण य पण्णरस सतसहस्सा ~ 209 २७-१७६८ पण्णावीसं जोअणसयाई २७-१३२३ पण्णासंगुलदीहो २७-१८०७ २७-११३९ २२- १८६ २२- १८७ २७-१०९१ पत्तउरसी य उरप पत्तं विचित्तविरसं • पत्ता उत्तमपुरिसा पत्ताणि दुहसयाई पत्तेण अपत्तेण य पत्तेय विमाणाणं पत्तेयं पत्तेयं नियगं पत्तेया पजता पत्तेसुबि एपसुं पनरसहभागेण २७- ४६० २७- १२०३ २५-५१ पद्मवणा ठाणाई पचासयस्स चक् २४-७४ पप्फोगडियकलिकलुसा २४-३३ | पभू अनयरो इंदो 19 २७-१९८४ २५-१८ २२-२३ २७-१७९९ २७-६०५ २७-१४५४ २७-४३ २७-११४८ २७-१८२१ २२-१०६ २७-१८६९ २७-१०७३ २१-७० २२--६ २७-४९० २७-११५१ २७-९९२ सूर्य० / २३ चं० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥ ५१ ॥ Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक औ०१९/ यहां रा० २०श देखीए जी०२१ प्रज्ञा०२२ जं० २५ दीप क्रमांक के लिए देखीए GENERALEENRELATES पभू णं चंदवडिसए भोग० २१-२०४० | परिणामजोगसुद्धा पम्हे सुपम्हे महापम्हे २५-६१ पयइकुडिलम्मि कत्थर २७-१७९७ परिणामवन्नरसगंध पयखीरुच्छरसेसु २७-२४८८ परिणामविसुद्धीए सोहम्मे परमट्ठो परम उलं २७-६०३ परित्तए णं पुच्छा परमणगयं मुणंता परिमंडलो मुटुत्तो परमत्थो न तं अमयं २७-७५६ परिवडिओवहाणो... परमस्थओ विसं णोतं २७-७५४ | परिहर असच्चवथणं परमस्थम्मि सुदिटे २७-२३८५ , छज्जीववह परमत्थसंथबो चा २२-१३२ | परिहरसु तओ तासि परम(पसम)सुहसप्पिवासो २७-२८८ | पलंडुल्हसुणकंदे य परमाणुपोग्गलाणं० पजया २२-१२० | पलिओवमट्टिया परमाणुपोग्गले णं किं चरिमे ९२-१५७लू | पलिओचमट्ठभागो परमाणुम्मि तइयो २२-१८५ पलिओवर्म गहाणं परिगर गिरिश्रमशो २२-१४ | पवरसुकपहिं पत्तं परिजाणई तिगुत्तो २७-६७५ | पव्वज्जाई सव्वं परिजाणे मिच्छत्तं २७-१४५६ । पबजाए अग्भुजो २७-१३९५ | पसत्थेसु० अपसत्यनिमित्तेसु २७-९२४ २७-१२६४ | पसमिभकामपमोहं २२-२१० | पहुणो सुकयाणांत २७-३०१ २७-४४० |पंचग्गम हिसीओ २७-९७३ २२-२४८० | पंच० नयरंमि कुंभकारे २७-६४४ २७-८९६ पंचमए पुण बंभो २७-१०९२ २७-१४१९ | पंचम भत्तपरिणा . २७-१८९७ २७-३७२ | पंचमहब्वयकलिओ .. २७-६२६ २७-३६४ पंच महब्वयसुत्थिय २२-१२६२ २७-४०१ पंचमी उ दस पत्तो २७-४८३ २२--८९ | पंच य अणुव्वयाई २५-४० |पंच य महव्ययाई २७-२०० २७-२०८९ २७-१४९२ २७-१०४८ | पंचविहं जे सुद्धि २७-१३०३ २७-४२ | पंचविह० पत्ता निखिलेण २७-१३०४ २७-१२४७ पंचसमिए तिगुत्ते २७-१५६० २७-२८३ | पंच सया एगूणा २७-६४५ " " " 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ॥५२॥ ~210 Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए SAR ०२४ जी०२१ प्रज्ञा०२२ ॥५३॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए पंच सयापरिवुडया २७-१७०३ पाडलिपुत्तमि पुरे २७-६५६ | पासित्तु ताई कोई। २७-३१३वार |पंचेव इगुणपनं २५ (पृ० ५०८टी०) पाडलिपुत्तमि० विस्सु० २७-६५९ | पिउभगअजमसविश्रा २२-२३१ पंचेव धणुसयाई २-१०२७ | पाडिवए पडिवत्ती २७-८५० पिच्छसि बाहिरमटुं २७-५४४ पंचेवणुत्तराई २७-११४९ पाढामियवालंकि २२-५० | पिच्छसि मुहं सतिलयं २७-५४३ पादियतिरिक्ख० अणंतरं २२-२४१सू० पाणातिपातविरए पं० कम्मप० बं पित्तस्स य सिंभस्सय २७-४७५ कओहिंतो उब० २२-१३३सू० २२-२८७सू० पिसाय भूआ जस्खा य २७-९९५ जोणि केवळ ठिई २२-१८स० पाणातिवायबिरयस्स ०जी० पिंडं उवहिं च सिजं.-२७-७३० " , पंचिः किं आरंभिया किरिया कजति पीईकरो वण्णकरो २७-५८१ - उच्चमेर० उव०२२ २६३सू० २२-२८८० | पीयं थणअच्छीरं २७-१६३४ पंचिदियतिरिक्व० पजवा २२--१०८सू० | पाणिवहमुसावाए पंचिंदियसंवरणं | पाणोऽपि पाडिहरे २७-३७२ २७-१४७२ | पारिवायगभत्तो | पुक्खरवरणं दीवं पु० बढे २१-१८१सू० पंडक० अभिसेमसिलाओ २५-१०८सू० | पालय पुष्के य. सोमजसे | पुट्ठाई० सहाई सुणति २२-१९४सू० पाओवगमं भणियं २७-१७६३ २७-३३७ पुट्ठोगाढअणंतरं २२-१९८ पागडियपासुलीयं २७-५६२ | पावार्ण कम्माणं २७-१५१४ पुढविकाइए णं भंते ! पुढ०२१-२२९सू० पागारपरिक्खित्ता २७-११४२ | पावाणं पाषाणं , २७-२२२ पुढधिकाइयस्स भंते! केवतियं पाडलचंपयमल्लिय २७-५६६ | पावियपरमाणंदा २७-२८ । काल टिती 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~211 Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक औ० १९ सूर्य०/२३ यहां रा० २० देखीए जी०२१ प्रज्ञा०२२/ जं. २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥ ५४॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए पुढविकाइया आहारकम्म०२२-२१०सू० | पुण्णेहिं हायमाणेहि २७-४९६ | पुब्बमकारियजोगा २७-१४०० पुढ विकाइयाणं० अणंतर० २२-१४०० पुण्णोवि जंबुद्दीवं २७-९८४ | पुवमकारियजोगो २७-२१९ - आहारट्ठी २२-३०६सू० | पुत्तं जीवय ऽरिडे' २२-१६ २७-१५११ केवइया २२-२८०सू०पुत्ता चयंति मित्ता २७--६२९२ केवड्या २२-१०६०, मित्ता य पिया २७-१८१७ | पुबंबिराहियवंतर० २७-१६९७ केवइयं २२-९६सू० पुनामधिजसउणेसु २७-९०२ | पुबंगे सिद्धमणोरमे पुढविदगभगणिमारभ०२७-७८४ पुष्फा जलया थलया .२५-९३ २७-१७६९ | पुष्काणं बीआर्ण तय०६७-७१० पुवाघरदाहिण २७-१७६७ पुढविदगाणं च रसं २४-२८ | पुरओ वहति सीहा २७-१०२१ | पुब्बि० अनियाणो ईहिऊण २७-२२१ ' २५-८८ | पुर(कुरु) मंदरमावासा ' २१-३३॥ | पुरिच कयपरिकम्मो पुढी भोगाहिता २१-९ पुरिसवरपुंडरीओ २७-५९० |, कारियज्ञोगो २१-९५सू० पुरिसवेदस्स णं भंते ! क० २७-२२० पुढबीकाइए णं भंते २२-२६१सू० केवतियं बंध० २ १-५८सू० कारिय० ताहे मलि० २७-१५१३ पुढवी य सकरा बाल्या २२-१० | पुरिसस्सगंभंते०का अंत०२१-५६सू० | पत्रण हो बिजय २७-२११३ पुणवस्सूणा पुस्सेण २७-८७० | पुरिसस्स गंभंते ! कालं ठिती २१-५४० | पुस्सऽस्सिणिमिगसिररेषई २७-८५७ पुण्णाई खलु आउसो २७-१७ | पुरिसे भंते ! पुरिसेत्ति २१-५५सू० | पुस्साबणे अ अस्सायणे २५-१०५ पुण्णा य इकवीसा २७-११०६ पुब्बभवियवेरेणं २७-१७६४ | पुस्सो हत्थो अमिई २७-८७४ PRACTICAREERNALPUR 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ॥२४॥ ~212 Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [प-कार + फ़-कार + ब-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए औ०१९/ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२/ ॥ ५५॥ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ दीप पुस्सो हत्थो अभिई य पूश्यकाए य इहं पूइयानवकरजे पूइयसीसकवालं पूश्यसुबिहियदेहो पूसफलं कालिग | पूसफली कालिंगी पोराणग च कम्म पोराणयं, पोराणिअपच्दुष्पनिआ० कासिदिपण दुट्ठो फासेहिति चरितं । फुसइ अगंते सिद्धे क्रमांक के लिए देखीए २७-८६७ बत्तीसठ्ठावीसा २७-५५३ बत्तीसमंडिआहिं २२-१७ बत्तीसं चंदसतं २७-५४५ , चंदसयं २७-१७०८ २२-२४ , देविदत्ति , देविंदा जस्स २७-२६३ | बम्हा विण्ड अ वसू २७-२५४६ २७-७०० | बवं बालवं च तह २७-४२१ बबे उबट्ठावणं कुजा २७-१२८० बबे य बालबे येव २७-१२१८ बलवीरियरूवजोवण २२-२६८ | बलि भूयाणंदे वेणुदालि वहिता तु माणुसनगस्स २७-८२ | बहिया उ २२-१५५ । बहियाओ , २५-७७ बहुजणे पं भंते ! अण्ण० १९-४०सू० २७-२६१ | बहुदुक्खपीलिआणं २७-१८४१ २४-५३ | बहुपलियसागराई २७-२६४४ २७-२०५२ | बहुसो अणुभूयाई २७-१८३५ २१-४९ | बहुभयकरदोसाणं २७-१४३८ २७-९३५ | बहुसो उच्छोलिती २७-८३१ २७-९३४ | बहुसोवि मए रुपणं २७-१७१ २५-१३० बंधणपरिणामेणं० कतिबिघे २२-१८५सू० २५-२७४ | बंधपओसं हरिसं २७-१४४८ | बंधं मुक्खं गइरागयं २७-२३७७ २७-८९१ | | बंमे लंतयकप्पे २७-११२९ २७-८९० मे बलए बाउम्मि २७-१८१२ बातालीसं चंदा २४-४१ वायरस्स ० कालं ठिती २१-२३५सू० २४-८२ | | बायालीसं चंदा २७-१०४३ २७-२०८१ २१-३७ २१-८३ | बायरे णं भंते ! बायरेत्ति २१-२३६सू० | قائے م ثابة 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि बझं अधिभतरं पचीसअट्ठबीसा ॥५५॥ ~2137 Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ब-कार + भ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक औ०१९ मा चारवई सोरट्ठा रा० २०॥ बाय०२३ यहां लि चं०/२४ देखीए जी०२१ प्रज्ञा०२२ ॥२६॥ जं. २२ नि० २६ प्रकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए २२-११५ | बावत्तरि च चंदा २७-२०४९ | बीअवएणं सारुवि० २७-७८९ बारस चउवीसाई २२-१८२ | बावीसमाणुपुबि ___२७-१७५९ | बीए जोणिम्भूए . २२-२७ बारस चेव मुहुत्ता २७-४५९ | बाबीसं च मुहुत्ता २५ (पृ० ५०७टी०) | बीपण विणा सस्सं २७-३४९ बारस मासा संवच्छरो २७-५१५ | बाबीसं जोयणसयाई २७-११९४ बीयाए किया नामं . २७-४८० बारसवि भावणाओ २७-१८७३ | बावीस संयसहस्सा २१-३६ | बेइंदिए गं० उब्ब० नेर० उव०? वारसविहम्मिवि तवे २७-२३६४ | बाहंति इंदियाई २७-१४०२ २२-२६२२० बालमरणाणि बहुसो २७-१०७ | बाहिरजोगविरहिओ २७-११८ | बेइंदिया f० आहारट्ठी? २२-३०७मू० बालमरणे अवार्य २७-१५९२ बाहिरभंतर उवहिं २७-१३७ , केवइयं ठिइ २२-९७सू० बालाए वुहाए नत्तुय २७-७९३ | बाहिति इंदियाई २७-२१८ , , जीवा णाणा० बंधति ? बाला किडा मंदा २७-४७८ | बाहेद इंदियाई २७-१५१० २२-६९७सू० बालाणं जो उ सीसाणं २७-७२५ विचउत्था एते वज्जिय भंगा २२-१९० इंदिया णं पुच्छा २२-१०७सू० बावहिँ वावा? २१-६९ बिचकत्थपंचमुटुं बीसेक्कवीस २२-१८८ | , इंदिया चउ० जहा०२२-१३२मू० २४-७३ | विचउत्थ० बाबासामविहणा २२-२८९ | बे उदधिसहस्सा खलु २१-९० बावत्तरं सय २५-(पृ० ५०८टी०) | निसरीरविलम्गेसु २७-९०९ | भगवंपि वारसामी २७-१७०८ चावत्तरिकलापंडिया उ २७-११७६ | बिलमूले वाहरंतेसु भट्ठायारो सूरी २७-७३७ बावत्तार च चंदा २४-५० बिटसमं सकडाहं २२-१५ | भणइ यतिविहा भणिया २७-१२५० २१-४६ | बिट बाहिरपत्ता य २२-९१ | भण केरिसस्स भणिो २७-६१७ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि S ~214 Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [भ-कार + म-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत १२३ सूत्रांक यहां देखीए रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ दीप २७-१६१८ २५-५० २७-१६२७ २७-२७४७ २७-५८९ २७-७४५ २२-१२१ २२-२२३ क्रमांक के लिए देखीए भत्तपरिनामरणं दुविहं .२७-२८५ | भवसिद्धिए ण पुच्छा २२-२५२सू० | भिन्नमुहुत्तो नरएसु. | भत्तिं च कुणसु तिव्वं २७-३२९ भंजिय परीसहचमू २ ७-६१० मिनिंदियपंचिंदिय भई सुबहुसुयाणं २७-२३७८ भत्तेत्ति० काले णं भंते कुमारे २६-८सू० भिंगा भिंग्गप्पभा चेव भयवे केहिं लिंगेहिं २७-७१८ , दिव्या देविड्डी० कहिं० २०-२६सू० | भुत्तूणवि भोगसुहं भरहस्स चत्तारि एगिदि० २५-६९सू० भालुकीए करणं २७-४३५ | भुयगपुरोहियडको भरहे अ इत्थ देबे महिडीए २५-७२सू० भावनमुक्कारविवज्जिआई २७-३५४ भूईगहणं जह नकयाण भवगहणभमणरीणा २७-२७७ भावाणुरायपेमाणुरायः २७-३३९ भूए अत्थि भविस्संति भवण इसिवालिया २७-१२३२ भाविज भावणाओ २७-१८७४ भूयत्येणाहिगया भवण० कप्पबईणवि २७-११२७ भासपणे पुच्छा २२-२४७सू० भेदबिसय संठाणे भवणबई दो इंदा २७-२४३ भासगपरित्तपज्जत्त | भोगकरा भोगवई भवणवइबिमाणवईणं २७-९७१ २२-२१२ भोगाणं परिसंखा भवणवइवाणमंतर २७-१०९० भासाकओ य पभवति २२-१९२ भोमेजवणयराणं भासा णं भंते किमादीआ४२२-२६५सू० मउए निहुअसहावे भवण सब्विड्डी परिय० २७-१२३१ । भासासरीरपरिणाम मए कयं इमं कम्म भवणेहिं व वणेहि य २७-१८११ भासुरसुवन्नसुंदर मगतिहिआहि तो भवसयसहस्सदुलहे. २७-१४४० | मिक्खाचरणत्ताणं . २७-८७७ मज्ज़मि बंधवाणं भवसंसारे सब्वे. २७-२८४ | भणिमणिभणंतसई २७-५६१ | मज्झे वेअहस्स उ २५-७० SEXUAELETERTREEN 'सवृत्तिक आगम २७-६८ २७-१२३५ २७-७८२ २७-२५७ २७-३३५ २७-१८१९ २५-२ सुत्ताणि Kा ॥ ७ ॥ ~215 Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [म-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां सूर्य०/२६ 23 देखीए चं०/२४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥५८॥ दीप क्रमांक के लिए मणवयणकायजोगा २७-१८५८ मम मंगलमरिहंता । महुरा जियरुत्तुसुओ रा० २० | मणसा अचिंतणिज्ज २७-२४३ | मरणम्मि जस्स मुकं २७-१६७३ | महुरा य सूरसेणा । Pil मणसा मणसबविऊ मरण समाहीकुसले मंखलिणावि व अरहो २७-६७४ प्रज्ञा०२२ २७-१४९९ मरणे विराहिए २७-१०० मंताभिओगं कोउग २७-१२९८ | मणसावि अचिंतणिज्ज २७-२५३३ | मसपाहि मच्छियाहि य २७-१६५३ मंदणुभावा वद्धा २७-६० मणिकणगरयणधूमि २७-१००६ महया भडचडगरपह०२७-१८१५ मंदरमेरुमणोरम मणुअत्तं जिणवयणं २७-२७८ | महानिसीहकप्पाओ २७-८४४ मंदरस्स ०प० का कंडा २५-१०९सू० मणुयत्त वि यहुविह०२७-१६३२ | महा भरणिपुश्वाणि २७-८८० | " , कति णाम०२५-११०सू० | मणुस्साणं० अणंतरं २२-१४२० महाहिमवंतस्स णं बहु भाए० ,,,केव जोइसं २५-१६६सू० कओहितो उप०२२-१३४सू० महापउमदहे. २५-८१सू० मंसट्टियसंघाए २७-१८४३ केवइयं० ठिई २२-९९सू० | महाहिमवंते गं वास कर०२५-८२सू० माऊए दुहेआप सुण्हाण २७-८४० केवड्या पज्जया २२-१०९सू० | महिला कुलं सुवंसं पियं २७-३९० मा कासि तं पमायं २७-३३८ सब्वे समाहारा०२२-२११सू० | महिलापसंगसेयी न लहर २७४१८ मा कुणसु धीर! बुद्धि २७-३७७ मत्तगईदनिवाडिय २७-१७९३ | महिलासंसग्गीए २७-५०२ माणुसुत्तरे पश्यते केवडहूं ? २१-१७९सू० ममत्तं परिजाणामि २७-१४३ | महुरबिरेअणमेसो २७-३१७ | माणुस्सदेसकुलकाल०२७-१८६८ , परिवजामि २७-८६ | महुराइ महुरखमओ २७-२७२९ | माणुस्सयं सरीरं २७-५३१ मम मंगलमरिहता २७-१५३६ । महुराइददत्तो २७-१७३६ | माणुस्सं च अणिच्चं देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~216 Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ म कार + र कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) मूल्य आगणना करतायतः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग+ औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ ५९ ॥ 31 मायापि बंधूहिं माया पहिं सहवहिप हिं माया मिति पिया मे माया fafe पिया मे माया हु व चिंतिजा मारणंतिय समुग्धातो सट्टा मापणसुगपण्णी मासाणं परिणामा मासे ना उ जा अज माहिंदे साहियाई सत्त दस मा हु य सरीरसंता० मा. होइ वासगणया मिगसिर भद्दा पुरसो मिसिरमहा य मूलो मिगसीसावलिरुरिविंदु मिच्छत्ततमंघेणं + २२-३३८० २५-५१ २७-१७६ मिच्छतं परिजानामि २७-१४७७ मिच्छादंसणरत्ता २७-१८१० मिच्छादंसणस २७- १४७६ मित्तसुयबंधवासु २७-१७५ मित्ते नंदे तह सुट्टिए २७-२६८ मिल्लियविसयकसाया मिठो किलिकम्मो मोग्गलायण संखायणे २५-११९ मुग्गिहगिरिंमि २७- ८४३ मुनिसंदेण विदिष्णस्स २७-११०४ मुणिणं नाणाभिग्गह २७- १६४१ मुहिय अंबावली २७-६३७ मुयरुच्ख हिंगुरुकखे २७-८६९ मुहबास सुरहिगंध २७-८५८ मूलगुण उत्तरगुणा २५- १०९ मूलगुणे उत्तरगुणे २७-५१ O ~ 25 217 २७- १५२ मूलगुणेहि विमुकं २७-१०३ मूलं तह संजमो वा २७-१३३१ मूलंमि जोअणसयं २७-१६४२ तिष्णि सोले २७-८९९ मूलुक्खयपडियक्खा २७-३७ मूलुत्तरगुणभठ्ठे २७-३५३ मेढी आलंबणं खंभ २५-१०४ मेदो वसा य रसिया २७-४३६ मेरुव्य पव्वयाणं २७-१७२३ मेरुस्स मज्झयारे २७-७८३ मेहंकरा मेहवई २२- ३३ |रअरइतरलजीहाजुरण २२-४० रक्खाहि वंभर २७-५६७ रतिं च पय विहसिय २७-१४५२ रतुकडा य इत्थी २७- १४५ रमणिजहरयतरुबर २७-९१ | रमणीअसणाओ " २७७९६ २७-५९८ २५-४४ २५-४५ २७-२६ २७-७२० २७-७१७ २७-५४९ २७--६१६ २५-८४ २५-७१ २७-३८४ २७-३८२ २७-१६५४ २७-४६२ २७-१६९० २७-३९४ सूर्य० | २३ चं० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥ ५९ ॥ Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [र-कार + ल-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक सूर्य०/२३ यहां रा० २० चं०/२४ देखीए प्रज्ञा०२२ ॥६ ॥ नि० २६ प्रकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए AAMSRMIRACLEAR TAXY रमणीण दसणं चेष २७-३९६ | राईदिएण तीसं तु रयण के० विरहिया उबट्ट०२२-१२४सू० | रागहोसनियत्तो रयण नेर० के० उब्वाएणं २२-१२३सू० रागहोसपमत्तो रयणप्पभाइकुडनि० २७-९४२ | रागहोसामिहया रयण पु० नेर० ० चक्क २२-२६५सू० | रागहोसारीणं हंता __nam", रयण०२२-२६४सू० | रागबंधं पओसं रयणाई सबरयणे २५-३२ | रागस्स य दोसस्स य रयणिकर णक्खत्ताणं २४-६८ रागं बंधं पोसं रयणिकरदिणकराणं २४-६७ | रागेण गंगदत्तो रयणियर० चारबिसेसेण २७-२०६७ , न जाणंति य रयणियरदिणयराणं २१-६४ ., व दोसेण व २७-२०६६ २१-६३ (र)विभोमकोण (ड)दिवसे २७-८९३ रबिससिगहणक्वत्ता २४-५८ रविससिगहनक्खत्ता २१-५४ रायगिह मगह चंपा २७-१०५६ | रायगिहनिग्गया खलु २७-५२१ | रायसिरिमुवकसित्ता २७-१४ २७-३७४२ राहु केउविलग्गेसु २७-९१३ २७-१८४७ | रिक्खग्गहतारग्गा २७-१०८० २७-१२८६ २१-७७ २४-८१ | रुक्खा गुच्छा गुम्मा २२-१४ २७-८५ | रुद्दे सेए मित्त " २७-४१२ रुहो उ मुहुत्ताणं २७-५३६ | रुरु कुंडरिया जीरु २७-२४७१ | रूवि० जाव पजबा कइ०२२-११९सू० २७-१७ | रोगायंकेमु पुणो २७-१४४९ रोहे सेते मित्ते २७-१६९ रोसेणं पडिनिबसेणं २७-२३४८ रोहीडगंमि नयरे २७-६५४ २२-११३ | लज्जाइ गारवेण २७-१५१९ २७-२७२३ । लजाइ गारवेण य २७-१३३८ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ॥ ६०|| ~218 Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ल-कार + व-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक औ०१९ रा० २० सूये०२३ यहां देखीए जी०२१ प्रज्ञा०२२ २८ जं. नि० २६ लपकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए लजाइ गारवेण य २७-२२७ लासिअलउसिभदमिली २५-१० | बड्डोवड्डी मुहुत्ताण लद्धं अलद्धपुवं २७-१२६ | लीलाअलसमाणस्स २७-७१३ २४-४सू० " तु तए एवं २७--५९५ लेसाण सुक्कलेसा २७-५९९ | वण्णेहि य गंधेहि व २७-१३४२ लण व माणुस्सं २७-१८८५ | लेसा दिट्ठी नाणे २१-१२ | बत्तुलसरिसवरूवा २७-१९७८ लल्लक्कनिरयविश्रणाओ लोगविजयं करितेण २७-७८७ वत्थाण य उप्पत्ती २५-३३ लवणयमुहसामाणो २७-१४८५ |लोगसहायो धीधी २७-१८३२ | वप्पे सुबप्पे महावये २५-६३ लवणसमुदं धायद संडे० २१-२७५० | लोगागासपएसे निगोयजीवं २२-१०४ | वम्महसरसयविद्धो २७-३८७ लवण सिहा पं० केवतियं चक्क लोगागास परित्तजीवं वयछक्क कायछक २५-१३२० केव० अइ० वहुति वा २१-१५९सू० लोमेण अहव धत्थो २७-१८५० वयणामएण भुवणं २७-२० लवणस्स f० के महालए २१-१७२सू० लोहस्स य उप्पत्ती २५-३५ | वयं पुणसूरिए सब्वम्भंतरं २४-१७सू० लवणस्स केरिसए अस्साए २१-१८८० | लोहियहालिद्दा पुण २७-१९८६ वरपउमकण्णियामंडियाहिं २७-९६३ लवणे.कतिखुत्तो० बहुति वा २१-१५८सू बइराड वच्छ वरणा बरपउमगभगोरा २७-११५२ लवणे f० कति चंदा २१-१५६सू० बच्चाओ असुइतरे २७-५६३ |वरुणोदस्स गं० जहानामए २१-१८८सू० लवणे पं० किं उसितोदगे २१-१७०सू० वच्छे सुवच्छे महावच्छे २५-५७ | वलयामुहसामाणो २७-१९१ लवणे ,, ,, संठिते. २२-१७३सू० बजेह अप्पमत्ता २७-७७२ | वषगयजरमरणभये . २२-१ लवणे ,, केवतियं उबेहपरि०२२-१७९० व खु बलयगंपिव २७-११३८ | बवहारगणियदिटुं .२७-५०३ लहिऊणं संसारे २७-१३०५ | बंटुं वहस्सुवरि । २७-११४० । बसिऊण देवलोए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ॥ ६१ ~ 219 Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [व-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक सूर्य०/२३ यहां देखीए जी०२१ प्रज्ञा०२२ ॥३२॥ प्रकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए वसिऊण व सुहिमझे २७-१६१२ वाणम० जहा असुरकुमाराणं २२-२१२सू० | विजयस्स ० उभो दो दो २१-१३२ २७-१७८९ वि जणमझे " , f० केवइयं० ठिई २२-१००सू , उपरिपागारा २१-१३४सू० विमाणेस य २७-१६२३ | वायगबरसाओ २२-३ | विजयं च वेजयंत २७-२११२ " विचित्तेसु अ २७-१६२६ | वायामिणवि जस्थ २७-७८० | विजया राय बत्ता २१-१३७सू० सुरनरीसर २७-११२५ | वारुणवरणं समुदं खीर० २१-१८२० | बिजया बेजयंति २५-९६ वसियं दरीसु वसियं २७-१६३३ | वाससयं परमाउं २७-५२३ | , वेजयंती २५-६४ वसुहर गुणहर जयहर २५-२१ | वाससयाउयमेयं २७-४६१ | विजया य विजयंता - २४-२ वंसाणं जिणवंसो. २७-५९२ | वाससयाउस्सेए २७-५२० विजयेणं अट्टसतचकद्धयाणे २१-१३३सू० बंसे वेच्छू कणए २२-३६ | वाससहस्सं पलि ओवमं २७-२०८७ | विजा जहा पिसाय वाइंगणि सल्लाथुडई २२-२१ | वाससहस्सा संखा | बिजाणं धारण कुजा २७-८७५ बाउकुमारिंदाणं | वासाणं० मासं कति णक्वत्ता बिजावि भत्तिमम्तस्स २७-३४७ पाउसुवर्षिणदाणं २७-९७८ २५-२६३सू० | विणओवयार माणस्स २७-१३१८ वाण सोहम्मीसाणा य जहा असर० |वासारतमि तवो २४-२४१ | विणए बेयावञ्च २७-१३६३ २२-१४३० वाहिजरमरणमयरो २७-२९१ | विणओवयार ओवहम्मियाइ २७-९३९ वाणमंतर कमोहितो उप०२२-१३५० विग्गहगए य सिद्धे २७-१८७८ | विणयपणएहि सिदिल २७-९३३ वाणमंतरा ओगाहणट्टयाए २२-११०सू० | विजउ पंचंगुलिओ २७-८९७ विमले वितत विवत्थे २४-१५ वाणमंतरा जहा असुरकु०२२-२१७२० । विजयस्स० उभो दो दो २१-१३१० | बिरसं आरसमाणो 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~220 Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [व-कार + स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए औ०१९ रा० २० जी०२२ प्रज्ञा०२२ ॥६३॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए विलम्गामो निमित्ताओ विविहं तु भावसल्लं विविहाहि व पडिमाहिय विलए अवियकवंता विसमं पवालिणोपरि . विसमै पवालिणोपरि० . विसमा अज्जतुलाओ विसमेसु य बालेसु विसयजलं मोहकलं विसयाविक्खो निवडा विस्सरसरं रसंतो विस्ससणिजो माया विहिणा जो उ चोएइ विहिसंटाणपमाणे विंटलिआणि पउंजंति वीरवरस्त भगवतो वीरिएणं तु जीवस्स २७-९२७ | वीसंभानिमापि हु। २७-३९३ | बेरुलियमणिकवाडा २७-१३३२ | बुच्छे बलाबलविहिं २७-८४७ | बेरुलिउब्व मणी २७-१५१६ बुच्छ बलावल हिं २७-५८७ | बोसटुनिसटुंगो २७-२६७२ २७-४२४ | वुहाणं तरुणाणं रतिं २७-८२५ सइंदिए पं० सइदिपत्ति २२-२३४सू० २५-८७ | विविहेहि मंगडेहि य २७-१८१६ | सउणि चउप्पय नार्ग २७-८८८ बेडम्चिय केमा सरिरोगा०२२-२७३सू० स एव भव्वसत्तार्ण २७-७३५ २७-४९९ | देउम्बियसरीरे f० कतिविधे २२-२७१०सकथं वक्कलं ठाणं २६-३॥ २७-५०० बेबियसरीरे,किं संठिते? २२-२७२सू० | सकसाई पं० सकसायित्ति २२-२३९सू० • २७-४०५ वेणुजलाववादिय २ २-१२ | सकाइए पं० सकाइएति २२-२३५सू० २७-४२२ | बेमाणिएसुकप्पो० २७-७२ | सकस्स० कति परिसाओ २१-२०९सू० वेमाणिया पं० कमोहिंतो २२-१३७सू० सकीसाणा पढमं २१-८६ २७-३७४ | बेमाणिक देवाणं केवळ ठिई २२-२०२सू०सग्गेमु य नरगेसु य २७-१८२७ २७-७३४ बेयणकसायमरणे २२-२२८ सच्चित्ताहारट्ठी २२-२१८ २२-२१४ | बेयण वेयावच्चे २७-७६८ सच्छंदयारिं दुस्सीलं २ ७-७१९ २७-८२८ २७-१२७१ सजोगी पं० सजोगित्ति . २२-२३७ २४-२०२ | वेयणासु उइनासु २७-२५५ | सज्झायकरणं कुज्जा २७-८८५ २७-७१५ | बेयरपि,खारकलिमल .. २७-१६३० । सज्झाय (टकाय)मुकजोगा २७-८३५/ ثاقبة 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ६३॥ ~221 Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए रा०२० जी०२१ प्रज्ञा०२२ ।। ६४ ॥ सणपाणकासमुद्दग० सण्णी पं० पुच्छा सत्तगदुगदुगपंचग सस? जाइकुलकोडि सत्तण्डं थोवाणं सत्तपाणूई से थोचे सत्त पाणणि से थोवे सत्त भए अट्ठ मंए . ससभयविप्पमुक्को '२१-१७८सू.10 सूर्य०२३ २५-८५1 जं० २५ २२-२६९० २७-८३६ प्रकी०२७ २५-७३ २७-१४३० २७-१५३८ २७-२५४ २७--१७१९ दीप क्रमांक के लिए देखीए २२-२४ सस्थग्गहणं विसभकखणं २७-१०८ समयखेत्ते णं भंते! २२-२५१सू० | सस्थेण सुतिक्खेणवि २५-७ | समय नक्षत्ता जोगं २५-१०३ | सहहगा पत्तियगा २७-१२५१ समयं वकंताणं. २२-११२ | सई रुवे गंधे रसे २७-१२८२ २७-११५८ , ... 'सब्बेसु कसापसु २७-१४०९ समासीस परिच्छिणं २५-५ सद्धाधितिउट्ठाणुच्छाह ' २४-९९ समाहारा सुप्पाण्णा २७-५०६ | सासु आसबेसु अ २७-१४३१ समिईसु पंचसमिभो २७-१२ | सन्निहिए सामाणे २७-९९९ समुइण्णवेयणो पुण २७-१४९८ | सफाए सज्झाए २२-१६ २०-२०७ | सभाए र्ण सुधम्माए । २१-१४०सू० | समुदणेसु य सुविहिय २७-४८५ | सभाए ण सुहम्पाए २०-३९सू० २७-४४७ समगं णक्खत्ता जोयं २ ४-२५ सम्मग्गमग्गसंपट्टियाणं २७--११६९ | समणिद्धयाए. बंधो २२-१९२. सम्मत्तनाणदंसणवर २७-४६४ | समणेण सावरण य २७-१८०६ सम्मत्तस्साहिगमे २५-८२ | समणोत्ति अहं पढौ २७--१२५ सम्मत्तं समिओ २७-११४५ | समणोमित्ति य, सम्मइसणचत्तं २७-११३५ । समणोऽहं ति य, २७-२५३२ । सम्महंसणरत्ता ! کار و یا ARMANAERZERE सत्तमी य पवंचा उ सत्तरिसयं जिणाण व सत्तावीसं जोयणसयाई सत्ताहं कललं होइ सत्तेव य कोडिसया ,, कोडीमो सत्तेव सहस्साई TAXIKINANANA 'सवृत्तिक आगम २७-७४४ २७-६०६ २२-२२५ २७-१५०१ २७-१३२५ २७-१०४ सुत्ताणि ॥ ४ ॥ ~222 Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए रा०२० जी० २१ प्रज्ञा०२२ दीप क्रमांक के लिए देखीए ARE AURREZIRECTORY सम्महिही पं० सम्म २२-२४१सू० सवेदए णं० सवेदएत्ति २२-२३८सू० सव्वस्स समणसंघस्स सम्मं मे सव्वभूए २७-२७३ | सब्बग्गंथविमुक्को सञ्चं च असणपाणं २७-७६ सम्बआिण महिसं . २७-१७ | सव्वं पाणारंभ २७-८४ | सबट्टविमाणस्स उ. २७-१२०१ , सहिऊण तो सचट्ठाणाई असासयाई सवणस्स य मज्झगओ सब्बत्थ इस्विवमि २७-७७६ सय मिसया भरणीभो २७-२०३० सवत्थेसु बिमुत्तो सब्बंपि असणपाणं सव्वदुक्खप्पहीणार्ण २७-७९ | सब्वं चाहारविहिं २५--११२ सब्बा आभरणविही सयभिसया० बच्चंति २७-१०३४ सबऽप्पगई चंदा २७-१०२३ सब्याणि सव्वलोए. सयरी भवंति अणधि०२७-७४७ सबभंतराओ ण चंद० २५-१४४सू० सब्यापि अ अज्जाओ सरीरप्पभवा भासा २२-१९३ सब्वम्भंतराओ सूर० २५-१२९सू० सबाहिवि लद्धीहिं सलेसा पं० मेरइया सब्जे २२-२१३सू० सबम्भंतरेण चंदमंडले २५-१४८सू० सव्वुत्तमतित्थाणं सलेसेणं जीवे किं आहा० २२--३११सू० सबम्भिंतरऽभीई मूलो २७-२०२५ सधुत्तमलाभाणं - सलेसेतिं २२--२४०सू० | सव्वसुहप्पभयाभो २७-१७७७ | सब्ने अवराहपए सलं उदरिअ(उ)मणो २७-२९६ | सबस्स जीवरासिस्स २७-६९२ सवणेण धणिट्ठाई २७--८६८ | समणसंघस्स २७-६९१ । सब्ने उवसग्गपरीसहे य २७-१५७१सूय०१२३ २७-१४६९/ ०/२४ २७-७५1० २५ २७-८३/ नि० २६ २७-१६६प्रकी०२७ २७-१४६८ २७-१६७ २७-७७ २५-३१ २७-२८३० २७-२७७६ २७-२७७४ २७-६०० २७-५९७ २७-३२४ २७-६७८ २७-१६४०1 ॥ ५ ॥ THREETC 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~223 Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक २२-२०२/ सूर्य०/२३ यहां ०/२४ २९ देखीए मकी०२७ दीप क्रमांक के लिए 10 सब्वे रसे पीए सब्वेवि य संबंधा सब्बे सब्बहाए प्रज्ञा०२२ | सब्बेसु य दब्बेसु य ॥६६॥ सब्बोवि किसलओ खलु ससिसमगपुण्णमासि. ससिसमगपुन्निमासि ससिवी दुगोत्तफुसिया सहसक्कारमणाभोगओ संकुइअवलीचम्मो संखंक० अज्जुणसुवष्णय संखंकसनिकासा KAREERINEETASEASESEXESXEEN २७-१४१० | संगहो(हु)वग्गह विहिणा २७-३६७ | संगं परिजाणामि २७-२७७३ २७-२४५० संगो महाभयं जं २२-२८ संघयणधिईजुत्तो २५-८६ | संघयणं संठाणं २४-२६ संघो सईदयाणं २२-३४ | संजपणं० संजतेति २७-२३५१ संजयश्रसंजयमीसगा २७-४८६ | संजोगमूला जीवेणं २७-१२०६ २७-११९६ |संज्झागयंमि कलहो २७-१९९३ संज्झागयं रविगयं २७-११९९ | राडगयं २७-११६५ | संडिय मंतिय होत्तिय २७-७४९ संठाणं अद्द पुस्लो २७-४०७ । संठाणं च पमाणं २७-७२५ संठाणं याहल्लं २७-१५०२ | संतोवसंतधिमं २७-२१० संथारयपव्यजं पव्वजद २७-४०८ संनिहिया सामाणा २७-१७६० संपत्ते बलयिरिए २७-४२७ |संबंधिवंधवत्ते २७-७०५ | , बंधबेसु २२-२४०० | संभरसु सुअण! जंतं २२-२२२ | संलेहणा य दुविहा २७-१५० | संवच्छरस्स सुंदरि ! २७-९० | संविग्गा भीयपरिसा य २७-८६४ | संसारचकवालंमि २७-८६९ |संसारचकवाले २७-८६६ २२-३७ | संसारबंधणाणि य २५-१०१ | संसारमूलवीयं २५-१२२ । संसाररंगमझे २७-२४२८1 २७-३०८ २२-२५३| २७-२८७८ २७-१८३१ २७-१६११ २७-४३३ २७-१४११ २७-११५६ २७-८३७ २७-१२२ २७-१४८२ २७-१८५ २७-१२६५ २७-३३४ २७-२६२ देखीए 'सवृत्तिक आगम संखिजजोयणा खलु संखेषेण मए सोम्मा संगनिमित्तं मारह सुत्ताणि ६६॥ ~224 Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक सूर्य०१२३ यहां HO/AN देखीए रा०२० जी० २१ प्रज्ञा०२२ जं. २५ नि० २६ मकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए RRIGHTENTIANITASACREAD संसाररंगमज्झे २७-३५४५ | साहुत्तमुट्ठिया जं संसारसमावणे य २७-१२५२ साहुस्स नस्थि लोए सापय कोसला गयपुरं २२-११४ साह कयसलेहो सा किर दुष्पडिपूरा साहूण साहुचरिअं साकेअपुगहिवर २७-३९७ साहणं नोवकयं सागरगिरिमेराग २५-२४ साह य मंगलं मझ सागरतरं णस्थि मई २७-१६०२ | सिअकमलकलस० सागारोवओगुवउत्तेणं० पु०२२-२४५सू० | सिद्धत्ति य बुद्धत्तिय सा णं पउमवरवेतिया २१-१.११सू० सा य पगलंतलोहिय सायमसायं सब्जे ..२२-२२७ सिद्धसरणेण नव० सायसलिलुल्ललोहिय० २७-१६४८ | सिद्धस्स सुहो रासी सावजजोगविरई सावत्यी जियसत्तू २७-१७३५ । सावयभयाभिभूओ २७-१७९२ | सिद्धा य मंगलं मझ साहा गहनक्खत्ता २७-१०२६ लिद्धे अ विज्जुणामे साहारणमाहारो २२-१०१ ।, उपसंपपणो २७-४० सिद्ध उपसंपन्नो २७-७७९ , कच्छे खंडग० २७-१५५९ ,, णीले पुश्चविदेहे , य मालवंते २७-२३११ , रुप्पी रम्मग २७-२५२ , सोमणसे विध २७-६०५ | सिरिहिरिधितिकित्तीओ २७-१२२८ । सिंगारतरंगाए सिंघाडगस्स गुच्छो २२-२७८ |सिंमे पित्ते मुत्ते २७-३० सीआवेद विहारं . १९-२३ सीउण्हपंथगमणे २२-१७३ सीता य दब्यसरीर २७-१२२३ सीयायषज्झडियंगा २७-२४२ |सीलई ससिहारे य २५-६० |सीलतवदाणभावण २७-२५३ | सीलेणवि मरियश्वं २७-१५२७ २५-५५ २५-६८ २५-५४ २५-६९ २५-५९ २६-४॥ २७-४०४ २२-५५ २७-५५५ २७-७३२ २७-५२४ २२-२२६ २७-१६८१ १९-७ २७-८०९ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~225 Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए रा० २० जी० प्रज्ञा०२२ ॥ ६८॥ सीवणं तुन्नणं भरणं सीसघडीनिग्गालं सीसोऽपि वेरिओ सीहे कुटुंबयारस्स सुअधम्मसंघसाहु सुअणाणसागराओ सुक्कम्मि सोणियम्मिय 3ERESTORE सूर्य०२३ ०/२४ जं. २५ नि० २६ प्रकी०२७ २७-५२ दीप क्रमांक के लिए देखीए ALEXSXSXXEXTREMERGENEY सुगहियसावगधम्मा मुगिहियजिणवयणामय सुचिरमवि संकिलिट्ट सुज्झइ दुक्करकारी २७-८२२ सुणह गणिए दस दस २७-४४९ सुयसागरा विणेऊण २७-५४५ | सुणह जह जिणबयणा० २७-१८९५ | सुरगणाहिसमग्गा २७-२२३० २७-७२७ |, सुयसारनिहस २७-१२३७ सुरगणसुहं समत्तं. २२-१७२ २७-५७३ सुदंसणा अमोहा य २२-५२ २७-२२२१ २१-२७ सुविहिअगुणवित्थारं २७-६०७ २७-२४० २७-१२०९ | सुविहिअनिझाए २७-३३० २७-१९सू० | सुदिट्टेण निमित्तेणं सुबिहिय ! अईयकाले २७-५३२ | सुद्धं मि अ सोहणगे २५-(५०९टी०) २७-१६८६ | सुद्ध सुसाहुमग्गं २७-७४१ | सुविहिय! इमं पइण्णं ९७-१२५६ २७-१६८७ | सुद्धे सम्मत्ते अबिरओऽवि २७-३४२ | सुब्वति य अणगारा २७-१७८२ २७-१२८८ सुबहुस्सुयावि संता २७-१२९० सुसीमा कुंडला चेव २७-२२८ सुबहुंपि भावसलं सुहपरिणामो निच्च २७-५२ २७-२५२० सुहुमस्स र्ण मते अंतरं २१-२३३सू० २७-३९२ | सुभद्दा य बिसाला य २१-२८ ठिती० २१-२३१सू० २५-५३ | सुहुमंपि भावसल्लं २ ७-२३३३ २७-१२४६ | सुयदिट्टिबायकहियं . २७-१७५५ | सुहुमे णं भंते ! सुद्धमेत्ति २१-२३२मू० २७-९४१ / सुयरयणनिहाणं २२-२ | सुहुमित्ति पुढविकालो२२-२५०सू० 'सवृत्तिक आगम सुटुबि जिआसु सुट्ठवि मग्गिजंतो' सुण जह पच्छिमकाले सुण वागरणावलिभं सुत्ताणि ~226 Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए रा० २० चं०/२४ जी०२१ प्रज्ञा०२२ दीप से कि तं ओराला तसा पाणा २१-२८सून सूर्य०१२३ खरवायरपुढवि० २२-१५सू० खहयरपं० ति० २२-३६सू० जयरा २१-४१सू० गम्भवत्तिय २१-३८सू० २१-१०८सू० चडरिंदियसंसार० २२-२९सू० चउरिदिया अंधिया२१-३१सू० जलयरपंचिंदिय० २२-३३सू० जलयरा २१-३६सू० क्रमांक सुहमे० सुर्मेत्ति कालतो २२-२३६सू० से इमे गामागर जाव० १९.४१सू० सू जहा समुत्ता २७-३६१ सेओ राया धारिणी देवी २०-४० सूणा भपवसं २७-८११ |से कितं अकम्मभूमग० २१-११४सू० सूरमंडलस्स पं० सूर० २५-१३०स० ,, , अजीवपन्नवणा २२-२सू० सूरमंडले ० केवइयं २५-१३१सू० , अजीवाभिगमे २१-३सू० सूरस्स पं० कइ अग्ग२१-२०५सू० अणंतरसिद्ध०२२-७सू० सूरस्स य सूरस्स य २७-२०८३ ,,, अमिंतरए तवे १९-२०सू० २१-७२ " , अरूविधजीव०२२-३सू० "" धम्मस्थि० २१-४सू० सूरतरिया चंदा " " असंसारसमा०२२-६सू० " ., असंसारसमावणं०२६-७सू० , अंतरदीवगा २१-१०९सू० सूरिया केवइयं कालं ठिती २०-४६सू० m, आउकाश्या । २१-१६सू० सरियाभस्स० २ ०-८२१० ... दुबिहा० पं० २२-१६सू० सूरियाभाति! समणे २०-१८सू० . .. इत्यीओ २१-४६सू० सूरियामे० अट्ठसयं चक० २०-३०० , उबमिए २५-१९सू० सूरियामे० देवेणं सा दिवा २०-४७सू० । , एगेंदियसंसार २२-१०सू । के लिए देखीए GUNI SYUVVVI 'सवृत्तिक आगम जीवपन्नवणा जीवाभिगमे जीवाजीचाभिगमे णपुंसका " ससा , तिरिक्ख० २२-५सू० २१-६सू० २१-२सू० २१-५२सू० २१-२३सू० सुत्ताणि २१-१७० ~227 Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए औ०१९ रा०२० जी० २१|| प्रज्ञा०२२ ॥७०॥ जं० २५ नि: २६ प्रकी०२७ दीप क्रमांक के लिए तं तेइंदियसंसार०२२-२८सू० | से कि तं परंपरसिशसंसा० २२-८० से किं तं घेई पुलाकिमिया २२-२७सू० तेइंदिया ओवश्या २१-३०सू० परिसप्पथल०२२-३५सू० ., भवणवासी २१-११६सू० तेऊझाइया २१-२४सू० पंचेंदियतिरिक्ख०२१-३४० ., मणुस्सा २२-३७सू० २२-१७सू० पंचिंदियजलयर०२२-३२सू० __... समुच्छिम० २१-४२सू० थलयरपंचिं० २२-३४सू० पंचेंदियसंसार २२-३०सू० __ २१-१०६सू० थलयरसमु० २१-३७० पंचेंदिया २१-३२सू० रुक्खा २२-२३सू० थलयरा २१-४०सू० पुढविकाइया २१-११सू० रुविभजीव० २२-४सू० थावरा २१-१०सू० ... सुहुम० २२-१२सू० रूविअजीवा० खंघा २१-५सू० देवा २२-३८सू० पुरिसा २१-५३सू० " वणस्सइकाइया २२-१९सू० २१-४३सू० वादरपुढवि० २२-१३सू० २१-१८सू० २१-११५सू० वादरतेउकाइया २१-२६सू० वाउकाइया २२-१८सू० 77, नेरइया २१-३३सू० बादरवणस्सति २२-२१सू० वाउ० सुहुम० २१-२७सू० २२-६७० वायरआउकाइया २१-१७सू० सण्हवायर० २२-१४सू० २२-३१० वायरपुढवि० २१-१४सू० सहबासत्तविहा २१-१५सू० पत्तेयसरीर० २२-२२सू० वायरयणस्सइ० २१-२०१० सव्वजीवामिगमे २१-२५५सू० २१-२१सू० ,, बाहिरण १९-१९सू० संमुच्छिम० ति० २१-३५सू० पन्नवणा २२-१सू० । , बेइंदिया , संमुच्छिममणुस्सा २१-१०७सू० देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~228 Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ॥ १॥ दीप क्रमांक NEXTNAZARCRAFTERERNAL २७-४२० २७-१६६३ २७-१८८३ २७-६४३ २२-१९५सू० २४-९३ २५-१७ २७-१८२९ २७-१३६९ २४-१०० २७-१२४५ तं संसारसणवणग०२१-८० से णं एगाए पउमवरवेश्या २०-३४सू० | सोपण पबसिपिा संसारसमावण्ण. २२-१सू० , बहरामईए २५-४० सोएहि अगयाओ साहारणसरीर० २१-२२० । |, णं० तहासजोगी सि० २२-३५२सू० सोगजरामरणाई साहारण वाथ्व०२२-२४सू० ":, तहा समुग्धातगते २२-३५१सू० सो गंगमुत्तरंतो सुहुमतेउक्काइया २१-२५सू० ,,, पुण्ण वणसंडे णं १९-३सू० | सोतिंदियस्सणं सुहुमपुढविकाइया२१-१२सू० ,, णं भंते ! तहासजोगी १९-४३मू० सोत्थि य सोविस्थि य __ " २२-१२९० से पूर्ण भंते ! मण्णामीति २२-१६१सू० सो देवकम्मविहिणा सुहुमवणस्सइका०२२-२०सू० सेयपियावि य णयरी २२-११८ सो नत्थि इहोगासे सो नाम अणसणतबो से केणटेणं० उत्तरकुरार | सेयंकर खेमंकर २५-१२सू० जंबुद्दीवर सेलम्मि चित्तकूडे सो पवयणकुलगण २१-१४८सू० २७-१७०१ सेवं भंते णमोसुयदेवयाए, २०-८५सू० सो भरियमहुरजलहर " " " .. २५-१८०१० सोमग्गहविलग्गेम ,,, भारहे वासे २५-४२० सेसावि पंडुपुत्ता , बिजए ण सो अन्नया णिदाहो सोमे सहिए आसणे व २१-१३५सू० २७-१७५१ ,,, वेअड्डे पव्यए सोअसरी दुरिअदरी २५-१५१० सोमे सहिते अस्सामणे . २७-३९८ सो य पहो उबलद्धो ,,, हेमवए वासे | सोइंदिप २५-३९स. ० कतिपदेसो०२२-१९२सू० सोलस वेव सहस्सा से जहाणामए सिया २२-३२६से सोऊण निसासमए २७-१६७० से णयए, णोमालिय २२-२६ । " मुहयणरया २७-१६२८ | गायंका के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम २५-१२९ २४-१० २७-१८७० २७-२०२० २५-१२६ सुत्ताणि S७१ ॥ ~229 Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [स-कार + ह-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां ०/२४ जी० २१ देखीए दीप क्रमांक के लिए VISसोलसहि सहस्सेहि २७-११५४ सोहम्मीसाणेसु देवा रा० २० | सो वानरजूहबई २७-१७४५ सोही उज्जुयभूयस्स सो सीहवंदमुणियर २७-१७४८ | सो होइ अभिगमरूई प्रज्ञा०२२ सोहम्मी० कायपवियारा २७-११२८ | हट्टस्स अणवगल्लस्स ।। ७२॥ देवा केरिसया २१-२१६स. देवा णं सरीरगा २१-२१५सू० हयगम्भवासजम्मण . विमाणपुढवी २१-२१०सू० हयवद गयवद णरबह हरियाले हिंगुलए बिमाणा किंसं० २१-२१३सू० | हंतूण मोहजालं केवइ० उ०२१-२१२सू० , केबति० २१-२१४सू० , रागदोषं , सब्बपाणा २१-२२२सू० | हंदि अणिचा सद्दा सोहम्मीसाणदेवा ओहिणा २१-२१७सू० | हंदि सु० अम्भिंतर | सोहम्मीसाण पढमें २७-१९६२ |, सुर्णतु भवंतो सुरा हा! असुइसमुप्पन्ना सोहम्मीसाणा देवा २१-२१९सू० हा जइ मोहियमाणा सोहम्मीसाणेसु णं २१-२१८सू० | हायति जस्स जोगा. २१-२२०० | हालिहमेययण्णा २७-१९८९ वसूय०१२ २७-१५६ | हासं खेड्डा कंदप्पं २७-७२१ २२-१२७ | हासेण व कोहेण व २७-३७३ ०२५ २७-५०५ | हासे हासरईथिय २७-१०००नि० २६ २५-४ | हिडिल्ला उधरिल्ला २७-१११५ प्रकी.२७ २७-१८४२ | हिडिं ससिपरिवारो २५-१२१ २५-२२ | हिमचुलसुरुप्पत्ती २७-१७५८ २२-१९ हिंसाइदोससुना २७-३८ २७-१९९ हीण भिन्नसरो दीणो २७-४८८ २७-१४९१ । हुजा मंमि समए २७-७८ हुति अजुत्तस्स विणास २८-१८५२ २७-१३९२ .५ गुणकारगाइ २७-१८५७ | हेटिमगेबिजाणं. २७-११११ होउ व जडी सिहंडी २७-३७५ २५-१२ होरा बलिया दिवसा २७-८४९ उपांगप्रकीर्णकानां सूत्रगाथाऽका२७-६१८ । रादिक्रमः ला॥७२॥ देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि मुनिश्री दीपरत्नसागरेण पुन: संपादित: "भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि” परिसमाप्ता: ~230 Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नम: भाग-3 पूज्य आगमोध्धारक आचार्य श्री सागरानंदसूरीश्वरेण संशोधित: संपादितश्च उपांगप्रकीर्णकसूत्राद्यकारादिः (किंचित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: "[भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः" नाम्ना आगम-संबंधी-साहित्य-श्रेणि, भाग-३ 0 ~231 Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नन्यादिगाथाद्यकारादि नमान नमो नमो निम्मलदसणम् आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरु नन्दी-आदि गाथादि-अकारादि: [आगम-संबंधी-साहित्य] आदय सपादक ज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) सकलनकतो नकर्तामा पन (M.Cor H01/02/2017, बुधवार, २०७३ महा शुक्ला आगम-संबंधी-साहित्य श्रेणि भांग-३ पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) IMMATALAnitamin i innnnnnbo..... ............... AAAAAAminoran ~232 Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए MANANAANAANANJARNARNAANANARTARWARIAAWAANANANAS श्री-आगमोदयसमिति अन्थोद्धारे प्रन्थाकः ५५. श्रीनन्दी-अनुयोगद्वार-आवश्यक-ओपनियुक्ति-दशवकालिक-पिण्डनियुक्ति-उत्तराध्ययनानां सूत्रमत्रगाथानियुक्तिमूलभाष्यभाष्याणामकारादिक्रमः अंकशुद्धिः लघुर्वहंश्च विषयानुक्रमः । दीप क्रमांक के लिए देखीए POSMANAND नन्दद्यादिगाथाद्यकारादि NAANAANNAIARNARNIANS 'सवृत्तिक आगम प्रकाशक:-श्री आगमोदयसमितेः कार्यवाहका जीवनचन्द्र साकरचन्द्र झवेरी इदं पुस्तकं मुम्बय्या निर्णयसागरमुद्रणालये कोलभाटवीथ्या २६-२८ तमे गृहे रामचंद्र येसु शेडगेद्वारा मुद्रयित्वा प्रकाशितम् । प्रतयः १२५०] वीरसंवत् १४५४, विक्रमसंवत् १९८४, सन १९२८. [वेतनं २० २-०-.. NMMMNUNUNUNULINAMUMUNUNUNUAR वीरसंवत सुल्ताणि ~233 Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ म क्रमाक: ०१ १५ ०२ ०३ । । | ०५ नन्दी-आदि गाथादि-अकारादि-वर्णानुक्रम वर्ण: पृष्ठांक: क्रमांक: वर्ण: अ-कार २३७ । १५ । थ-कार क-कार २८५ | १६ | द-कार ख-कार २९४ १७ । ध-कार ग-कार २९६ । १८ । न-कार माघ-कार ३०० । १९ । प-कार च-कार ३०० २० फ़-कार छ-कार ३०५ । २१ ब-कारबाट ज-कार 30६ | २२ । भ-कार झ-कार ३२२ ( ૨૩ २३ म-कार हट-कार ...- । २४ र-कार श ठ-कार ३२२ २५ ल-कार ड-कार ३२२ २६ व-कार ण-कार ३२३ २७ TOS स-कार त-कार ३२२ ह-कार पृष्ठांक: ३३८ ३३९ ३४७ ३४८ ३५७ ३७२ ३७३ ३७५ ३७९ ३८६ ३८८ ०/ श E ० १२ ३९० १३ ३९७ ४२४ ~234 Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नन्दी-आदि गाथादि-अकारादि] इस प्रकाशन की विकास-गाथा * यह प्रत "श्री नन्दद्यादिगाथाद्यकारादि के नामसे सन १९२८ (विक्रम संवत १९८४) में 'श्री आगमोदय समिति' द्वारा प्रकाशित हुई, - इस के संपादक-महोदय थे पूज्यपाद आगमोद्धारक आचार्यश्री आनंदसागरसूरीश्वरजी (सागरानंदसूरिजी) महाराज साहेब | * पूज्यपाद् आगमोद्धारक आचार्यदेवश्री आनंदसागरसूरीश्वरजी महाराजसाहेबने 'नन्दी, अनुयोगद्वार, पिंदनियुक्ति, ओघनियुक्ति, आवश्यक, दशवैकालिक, उत्तराध्ययन ये सात आगमसूत्रो के मूलसूत्र एवं उस पे पूर्वाचार्य रचित वृत्ति आदि का संपादन किया था | उन प्रतोमे जो मूलसूत्र, गाथा आदि थे उन सभी के 'अकारादि' क्रमांकन किये थे | वे 'नन्दी आदि सात सूत्रो के अकारादि' को इस प्रतमे प्रकाशित करवाया है | अर्थात् नन्दिसूत्र आदि सप्त सूत्रो के गाथादि-अकारादि के रचयिता, संपादक और प्रकाशक श्री आगमोद्धारक आनन्दसागरसूरीश्वरजी महाराजसाहेब ही है | * पूज्यपाद आगमोद्धारक आचार्यदेवश्रीने इसी तरह अंगसूत्रो और उपांग तथा प्रकीर्णक आदि अन्य आगमसूत्रो के सूत्रादि-अकारादि की भी रचना, संपादन और प्रकाशन किया है। * हमारा ये प्रयास क्यों? - आगम की सेवा करने के हमें तो बहोत अवसर मिले, अब तक मेरे प्रकाशित किये हुए पुस्तको के १,००,००० से ज्यादा पृष्ठ हो चुके है, किन्तु लोगो की पूज्यश्री सागरानंदसूरीश्वरजी के प्रति श्रद्धा तथा प्रत स्वरुप प्राचीन प्रथा का आदर देखकर हमने इसी प्रत को स्केन करवाई, उसके बाद एक स्पेशियल फोरमेट बनवाया, जिसके बीचमे पूज्यश्री संपादित प्रत ज्यों की त्यों रख दी, ऊपर शीर्षस्थानमे प्रत संबंधी उपयोगी माहिती लिख दी है, ताकि पढ़नेवाले को प्रत्येक पेज पर कौन से वर्ण का क्रम चल रहा है उसका सरलता से ज्ञान हो शके | • पूज्यपाद आगमोद्धारकरी ने आगम संबंधी ५२ विषयो को वर्गीकृत किया था, आज भी उनमे से ऐसी कई प्रते मिलती है, जिसमे ये विभाजन-क्रमांक देखने को मिलते है, उनमे से थोडे विषयो का काम हुआ भी है, जो मुद्रित स्थितिमे भी प्राप्त है | 4. शासनप्रभावक पूज्य आचार्यश्री हर्षसागरसूरिजी म.सा. की प्रेरणासे और श्री परम आनंद श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ, पालडी, अमदावाद की संपूर्ण द्रव्य सहाय से ये 'आगम-संबंधी-साहित्य' भाग-३ का मुद्रण हुआ है, हम उन के प्रति हमारा आभार व्यक्त करते है। .... मुनि दीपरत्नसागर. ~235 Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्रादीनां चिहावली. १५२ । भागद्वाराणि ६३. नन्यादिसप्तसूच्या अकारादिक्रमः लघ्वी बृहती च अङ्कसूचा लघुवृहद्विषयानुक्रमौ च, तत्र सूत्रादीनां चिढावली ॥ सूत्रम् १ ११ । पश्चिद्वैः सूत्रादीनि शास्त्रक्रमश्च २ अनुयोगद्वाराणि १४२.५ वशवकालिकसू. ५१५ सूत्रमाथा * यः, यथाऽकारादिक्रमे 'आमि १३७३ णियोहियणाण' ३-१ एवमस्ति, निर्युतिः१. तथा च तृतीयशास्त्रस्य श्रीमद्रावमूलभाष्यं १४ २१* ६ पिण्डनियुक्तिः । ६९७१ श्यकस्य नियुक्तेरियं प्रथमा गाथेति, भाष्यं + एवं तत्तत्सूत्रभाष्यादिषु सेयं । य २५७+x ध्यानशतकम् । १ काराकारणकारनकारसंयोगपरक इस्वदीचर्यादेशकाविलुप्साळुप्ततादिन समहणिः +१ +७१ भेदभागत्र । दीप क्रमांक के लिए देखीए (५४ २७+ आवश्यकसुत्रम १७१९ । SUGUGUS CASAS १०५ 'सवृत्तिक आगम १ नन्दीसूत्रम् ६५९ ८८ ओपनियुक्तिः। २८१२७ उत्तराध्ययनानि। १६४०%2 १३२२+ ५६२ ४५+1 सुल्ताणि ... जहा १ लिखा है वहा 'नंदीसूत्र' आगम समझना, इसी तरह जहा • लिखा है वहा 'उत्तराध्ययन' आगम समझना. ... अ-कारादि अनुक्रममे जो सूत्रांक दिये है वे सब सूत्र या गाथा इत्यादि को आगमोद्धारकरी संपादित प्रतमे दिये गये क्रमांक अनुसार समझना ... जहा '* ऐसी निशानी है वहा 'सूत्र-गाथा' समझना, जहा निशानी है वहा मूलभाष्य समझना इस तरह उपर दिये हुए सब संकेत-चिनो को स्वयम् समझ लेना चाहिए | ~2367 Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा-अकारादि [ अकार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) नन्द्यादि-आगम-सप्तकस्य सूत्रादीनामकाराद्यनुक्रमणिका नन्द्याद्यागमसप्तकस्य सूत्रादीनामकाराद्यनुक्रमणिका । सूत्राचादि ६५२* अइरेगगणउग्गाहिएण २१८+ अइरेगोव हिपडिलेहणा ३३७ अइसेसइडियायरिय • ६४६ अइसेस देवया वा ३५० अइसेसिओ व सेहं उप्पण्णे सूत्राचादि अतिक्त्रकंटयाइण्णे ७ अइदूरगमणफिडिओ ४ ६ ૬ ४ ૬ ४ ५ ६ ५ अइबहु अइबहुसो अइभार चुडणपणए अइभारचुडणपणए अइमारेण उ इरि अइभूमि न गच्छेजा अरं फलाइपिहितं अत्ति अहिगमासा अइरुग्गयए व सूरिए आगमाङ्गः सूत्राच ७ १८८ अईअंमि अ कालंमि० ८३* अईअमि० जत्थ संका ५६१ अईअंमि० निस्संकियं ३६३ अउणापणं जुअले १३४ अकरंडुगम्मि भाणे ~237~ आगमाङ्कः सूत्राच ४ ५ ५ सूत्राचादि ३११ अकलेवरसेणिमूसिया १३२ अकसाय अहवायं १८५ अकसि गपवत्तगाणं १६+ अकाले चरसी भिक्खू ३० + अकंवर्धतघाणे ३ ४ २५९ अक्कोसवहं विदित्तु धीरे २८५* अकोसेज परो भिक्खु २८६* अक्खर सण्णी सम्म २८७* अंक्खर सन्नी सम्मं अक्सर सभी सम्म १९७ ६९१ अक्खरसमं पदसमं आगमाङ्गः सूत्राचङ्कः ७ ३२४* ७ १०९३* ३ १९६+ ५ १६४* ३ ३ १ २ ४० ४९६* ७२ १९ ८६२ ८६ * ५०* Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए मन सूत्रायः सत्राबनुक्रमः 12 १३७०%2 ७ ११५६५ दीप क्रमांक ४ ३ १२८० के लिए देखीए का सूत्राद्यादि ... आगमाङ्कः सूत्रायकः। सूत्राचादि भागमाङ्गः सूत्रायः। सूत्राचाहि अक्खलिअसंहिआई ३ १०२७ अम्गलं फलिहं दारं ५ १६८० अषणं रयणं चेव अक्खाणेयाणि पर ५ १८+ अग्गिपयावइसोमे । २ ८९ अचंतकालस्स समूल० अक्खेवणीअक्खित्ता ५ २०७ अग्गिम्मि हवी यह ५ १०१ अञ्चंतनियाणखमा अक्खे वराडए वा ३ १५२९ अग्गियए पव्वयए ३ १३८९ अञ्चासन्ननिरोहे दुक्खं अक्खे बराडए वा ४ ३३५ अग्गिहुत्तमुहा वेया ७ ९६३* अच्चाहारो न सहे | अक्खे बराडए वा ६ ७ अग्गी अ इइ के बुत्ते ७ ८८३ अश्चित्तमक्खियमि अगणिणिव्वावणे चेव ४५६ अग्गेणीअंमि य जरा. ३ १०३४ अओइ कालो तूरंति अगणिस्स य उट्ठाणं १०x अघणघणचारिगगणे ६ १७५ अधेमु ते महाभाग! अगणीओ छिंदिन व ३ १६१३ अचियत्तमंतरावं ६ ३७३ अच्छिजंपि य तिविहं अगणीण व तेणेहि व ४ ४३९ अचिरोववनगाणं ३ १५७९ अच्छिमुह मजमाणो | अगविट्ठस्स उ गहणं ७८ अचेलओ अ जो धम्मो . ८६०५ अच्छिरे माहले अच्छि० अगारिसामाइयंगाई ७ १५०० अचेलगस्स लहस्स . ८२ अच्छेरगमन्भुवए अगुत्ती बंभचेरस्स ५ २६७* अचेलगो अ जो धम्मो ७ ८४४* अच्छोडपिट्टणासु - 20 ६ ३९२014 ३६६ 'सवृत्तिक आगम +९८-1 ७ १५२१ || . २७८० ४ ३५८ सुत्ताणि ~238 Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ- कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत आगमाझा सूत्राप्रक सूत्रांक यहां देखीए ५ १२५ (५०+ दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्राद्यादि आगमात्रः सूत्राधः। सूत्राचादि । आगमाङ्कः सूत्राचकः | सूत्रायादि । अच्छोडपिट्टणासु ३४ अजीवकम्मनोदव्वलेसा . ५४० अज्झप्पस्साणयण अजयं आसमाणो य ३४* अजीवं परिणयं नचा ५ १३६* अज्झप्पस्साणवणं अजयं चरमाणो अ-(उ) ५ ३२* अजुगलिआ अतुरंता ४ ३१३ अज्झप्पस्साणवणं अजयं चिठ्ठमाणो अ ३३* अज्ज आहं गणी हुतो . ५ ४९०* अज्झयणगुणी भिक्खू | अजयं भासमाणो अ ३७* अज्जए पजए वावि ५ २९५* अज्झयणपि य तिविहं अजय मुंजमाणो अ ५ ३६० अजवयाए णं भंते! ७ .६२ अज्झयणे निक्लेवो अजयं सयमाणो अ ३५* अजिए पज्जिए वावि ५ २९२७ अन्झवसाणनिमित्ते अजराउ तिन्नि पोरिसि ३ २२४+ अजिअलाभे गिद्धा ३ ११९४ अज्झावयाण पडिकू० अजहन्नमणुकोसं ७ १६१६० अजुणसुवन्नगमई। १४३३* अज्झावयाणं वयणं अजाणगा जन्नवाई ७ ९६५* अजेव धम्म पडिवज०७ ४६८* अज्झाविओमि एएहिं अजिअस्स कुमारत्तं ३ २७८ अजेवाहं ण लब्भामि . ७९० अज्झोयरओ तिविहो अजिइंदिय सोपहिया १४५ अज्झत्थविसोहीए ४ ७४६ अट्ट० पसंतचित्ते० अजियप्पओगकरणं ७ १९५ अज्झप्पविसोहीप ४ ७४८ अरुहाणि वज्जित्ता ३७४ ३७७* 'सवृत्तिक आगम ७ ७ ३८८ १३२२% ११३२%* सुत्ताणि ~239 Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा-अकारादि [ अकार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ २ ॥ सूत्राचादि अहं रुदं च० जो ठिजो अहं रुदं च० जो निवन्नो अहं रुदं च० जो निसन्नो आगमाङ्गः सूचाङ्गः सूत्राचादि अहं रुदं धम्मं सुकं अट्ठ कम्माई बुच्छामि अट्ठगहेडं लेवाहियं अजोयणमाहा अट्ठण्हं पवडीर्ण अट्ठत्तरिं च वासा अट्ट निमित्तंगाई अट्टपव्वा असंपत्ती अटुप्पवयणमायाओ अट्टमभतंतंमी ३ १५८६ अट्ठविहकम्ममहण ० १५९२ अट्ठविहकम्मरोगा ३ ३ १५८९ अद्वविद्द्गोयरगं तु ३ ७ ४ ७ ३ R ४ ७ 14 अट्ठविहं कम्मचयं १२६७* अट्ठ विहं कम्मरयं ३९८ अट्ठविहं कम्मरयं १४३२* अट्ठविहं कम्मरयं १०५ अट्ठविहं कम्मरयं ६५६ अट्ठविपिय कम्मं +४९ अट्ठविपिय कम्मं ७३५ असुवि समिईसु ९२१* अट्ठ सुडुमाइ पेहाए २५५ अतगडा रामा ~ 240 आगमाङ्गः सूत्राचः सूत्राचादि २८७ अट्ठाए अणद्वार ३६७ अट्ठाणट्ठाहिंसा कन्हा . ५ 19 ११२२* अट्ठारस उ सहस्सा ५ ३१९ अट्ठारस ठाणाई ३ १०७९ अट्ठारस पुरिसेसुं ५ ३३ अट्ठारस सागराई ५ ३०६ अट्ठावए य नाहीए ७ ३ ३ ७ 4 ३ ११ अट्ठावयचंपुर्जित ९२० अट्ठावयंमि सेले १५५३ अट्ठावीसा दोवास ४६२ अहेब गया मोक्खं २४७* अडविं सपचवायं ४१४ अडवी देसिअतं आगमः सूचाङ्कः सूत्राधनु क्रमः 履 १०३ ३ + ५ १७८ 餐 २६९ ४ ४४४ १६०१* २०* ७ ५ ३ ३ ३०७ ४३४ ३ ३ ३ 라 ४०१ ९०५ ९०४ १३३+ ॥२॥ Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए * * दीप क्रमांक के लिए देखीए * सूत्राचादि भागमाङ्गः सूत्रायः सूत्राचादि भागमा। सूत्राचक। सूत्राचादि. .भागमाहः सूत्राचा अड्डमरप्पहाणे ३ ३८ अणदंसनपुंसित्थी ३ ११६ अणंत०जलयराणं ५ १५५०% अड्डाइजा[अबुट्ठा उ] लक्खा ३ २८४ अणभिग्गहिआ भासा ५ २७९ अर्णत० तेइंदियदीवाणं १५१६* अड्डाइजा हत्था दीहा ४ ७०२ अणभिग्गहिए वावा. ४ १४१ अणंत० तेउजीवाण अंतरं . १४८८* अड्डाइजेसु दीवसमु० ३. २५ अणभिग्गहियकुदिट्ठी ५ १०८६७ अर्णत०देवाणं हुज अंतरं ५ अड्डाइजेहिं राइविएहिं ३ ८७५ अणभोगकारण व ३ १२९६ अणंत०नेइयाणं तु . १५४१%2 अड्डोरुगो उ ते दोवि ४ ३१५+ अणभोगेण भएण य ४.४८२ अर्णत. पणगजीवाण अणगारगुणेहिं च ७ ११५२* अणमिच्छमीससम्म ३ १२१ अणंत बेइंदियजीवाणं . अणगारे निक्खेवो ७ ५४९ अणसणमूणोअरिमा ५ ४७ अणंत० वाउजीवाण अं० अणचाविअं अवलि ४ २६६ अणसणमूणोअरिआ ७ ११०५२ अणंत विजदंमि० काए १५२६ अणचावियं अवलियं ७ १०१६* अणसायणा य भत्ती ५ ३२८ अणंत विजडंमि सए . अणणुपुवीए ऊ ७ +३६ अर्णतकालमुक्कोसं ७ १३८७%* अणाइकालप्पभवस्स अणत्थदंडे चउब्विहे ३ ४५ अणंतकालमुक्कोसं ७ १४५५* अणागयमइतिं १६६० अणयोवं वणयो३ १२० अणत०कायठिई पणग. . १४७६* अणाढियं च यद्धं च * * * १४६३० 'सवृत्तिक आगम १२६६० सुत्ताणि ~241 Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए नं.अ.आ. सूत्राद्यनु द.पि. उ. ॐॐॐॐॐ ८७* दीप क्रमांक के लिए SSSSSSS सूत्राधादि आगमाङ्कः सूत्राचः | सूत्राचादि आगमाङ्कः सूत्राचार | सूत्राचादि । आगमाङ्ग: अणायणे चरंतस्स ५ ६९% अणिमूहियबलविरिओ५ १८९ अणुकंपावेयड्ढे मणि०३ अणायारं परकम्म ५ ३६६७ अणिमिसिणो सब्बसुरा ३ १८७+ अणुकसाई अप्पिच्छे .. अणावाय०परस्सऽणुव० ५ ९३७* अणिलस्स समारंभ ५ २४५* अणुगामिओ उ ओही है अणावायमर्सलोए २९७ अणिसिट्ठमणुनाय ३८६ अणुचियदेसं दवं २०४ अणावायमसंलोए ३१४ अणिसिटुं पडिकुटुं ६ ३१७ अणुजाणह संधारं ४ २०६ अणावायमसंलोए ९३६* अणिस्सिओ इहं लोए ७ ६९२* अणुणाइरित्तपडिलेहा १०१९ अणावायमसंलोग ६२० आणिदियगुणं जीवं ५. ३४+ अणुभए नावणए । अणावायमसंलोयं ३०८+ अणुओगो य नियोगो ३ १३१ अणुनए नावणए ७ ७७८* अणसवा थूलवया १३* अणुकंपऽकामणिज्जर अणुन्नवित्तु मेहावी अणाहो मि महारावं ७०७* अणुकंपभगिणिगेहे ३२५ अणुप्पेहा एणं भंते ! अणिआणकडा रामा ४१५ अणुकंपापडिणीयट्ठया ४ ५९६ अणुबद्धरोसपसरो अणिएवं पईरिकं ५ ३७१ अणुकंपापडिसेहो ४ ४१६ अणुभासह गुरुवयणं ३ २५३+ अणिगृहंतो विरियं १९८१ अणुकंपायरियाई दोसा ४ ३५१ अणुमाणहेउदिलुत्त० देखीए artmur १४२ १६३८ 'सवृत्तिक आगम ॥३॥ ७१ सुल्ताणि ~242 Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ- कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूचाचा सूत्रांक यहां देखीए ४०+ १९१% ५०७ अत्तहा रंधते 66 com दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्राचादि.. आगमाका सूत्रायकः । सूत्राचादि आगमाया सूत्रायः सूत्राचादि भागमाः अणुमाणहेउदिटुंत० . ३ ९४८ अण्णत्तममुत्तत्तं ३६+ अत्तअणंतरपारंपरे य . अणुमित्तोऽवि न कस्सई ४ ५८. अण्णवंसि महोहंसि ७ १२८* अत्तउवन्नासंमि अ ५ अणुवकयपराणुग्गह०३ ।४९ अण्णं गामं च वए ४ २४४ अत्ता गुरुओ लुद्धो अणुवटुंते तहविहु ४०२ अण्णं च वए गाम अणुसमयनिरंतर अण्णाणमारुएरिय० अत्तट्ठिय आयाणे अणुसासणमोवार्य २८* अण्णायया अलोहे य अत्तवयणं तु सत्थं अण्णेण विसेसेणं ७ ११२०* अणुसासिओन कुपिज्जा ७ ९.*अतरंतबालबुडा अत्ताहिट्ठियजोगी ४ ५५४ अणुसोअपट्टिअबहु० ५०१७ अतरंतबालवद्रा सेहा० । अतीकरेइ कम्म अणुसोअसुहो लोओ ५०२% अतरंतस्स उ पासा अत्थकरो अहियकरो अण्णाइरित्तपडिलेहा २६९ अतरंतो उ निसन्नो १५९३ अत्थकहा कामकहा अणेगर्छदामिह माणवेहिं ७ ७७४* अतरंतोव निवजे । ४ २१० अत्थबहुलं महत्थं अणेगवासा नउवा १९०* अतिहिसंविभागो नाम ३ ४९ अत्यमहत्यक्खाणि अणेगाण सहस्साणं ७ ८६६* अतिंतिणे०अप्पभासी ५ ३६३* अत्थमहंतीवि कहा ५ 6.m. CCCCC 33 'सवृत्तिक आगम २१६ सुत्ताणि ~243 Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां सूत्राधनु देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए ने. अ.आ.RI आगमाः सूत्राः | सूत्राचादि आगमाङ्क: सूत्राशकः | सूत्राचादि भागमा सूत्राधा ओ. अत्थस्स उह बुद्धी५ २०+ अवित्तिदारमहुणा ५ २+ अड्डुमा सहस्सा २९६ द.पि.उ. अत्यहिगारो इत्यं . ४२+ अथिति निविगप्पो ५ २६+ अद्धचेरसकोडी अत्थंगयंमि आइथे ॥४॥ ५ ३६२७ अस्थि बहुगामनगरा ५ ११४ अद्वत्तेरसलक्खा ३२८० अत्थं च धम्मं च विया० ७ ३९१% अत्यि बहूवणसंडा ५ १०७ अद्धद्धं अहिवइणो ५८७ अत्थंडिलसंकमणे ४ १४ अत्वि सरीरविहाया ५ ३२+ अद्धभरहमझिल्लु ति० ३ अत्यंतमि य सूरंमि . ५४२ अधिरस्स पुव्वगहियस्स ३ ७०१ अद्धमसगस्स सव्वं०६ अत्यं भासइ अरहा ३ १२ अधिरासणे कुकुइए . ५३९ अद्धाइ अवट्ठाणं ३. अस्थाणं उग्गहणम्मि १ ७६ * अंदसणं चेव अपत्थर्ण च ७ ११७०* अद्धाणपरिस्संतो भत्थाणं ओगहणमि ३३ अदीणो वित्तिमेसिज्जा ५ १८५७ अद्धाणं जो महंत तु . अत्याहगाइपंका मगरो ६ ३३२ अहागमंगलं वा ४ २१५+ अडाणं सपाहेजो ७. ६२०* अस्थि एग घुवं ठाणं ७ ९१२* अघिहे किं वेला तेसि ४ ६०+ अद्धाणमि पवेसिचा +६१ अस्थि एगो महादीवो ७८९७* अहमलक्खाई ३ १९. अद्भाणे पलिमंथो १३०९ अस्थिति जा वियका ५ ७७ अङ्कमा सहस्सा ३ २७६ अदाणे पासाए CSCRCTCT4UCACADE+ ६१८ 'सवृत्तिक आगम ॥४ ॥ सुत्ताणि ~244 Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ- कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ७ ४ १०५ ४४ ५९. ३२९ दीप क्रमांक के लिए देखीए SUCAUSERSECURIUSLSASS सूत्राचादि अज्ञापचक्खाणं अदिइ विडिपण्हव अधिई पुच्छा आसन्न अधुर्व जीवि नया अधुंवे असासयमि अनिअयवासं सिद्धत्थ अनिएअनासो समु० अनिलेण नवीएन अन्नहउहिया वा अनी पगडं व्यणं अन्नतिदारमहुणा अन्नत्य निवजिए अनयरपमायजुर्य आगमाः सूत्रायः। सूत्राचादि भागमाः सूनायकः । सूत्राचावि ३ १६७५ अन्नमंसि महोइंसि . ९०१* अन्नोऽविय अणगारो ६ ४८७ अन्नं इमं सरीरं ३ . १६४९ अपडिबद्धयाए णं भंते! ६ ५०६ अन्नं पाणं च पहाणं च ७ ७२७* अपडिहणतो आगंतु ३६८* अन्नंपिय से नामं५ १६७ अपराजिअविस्ससेणे ७ २०८* अन्नायउंछं चद ५ ४४२* अपरिणयपि य दुविहं ३ ४९२ अन्नावएसओ नाहियवाई ५ ० अपरिमियनेहवुड्डी ५०४७ अन्नाविट्ठसरीरे पंता ३ १३२६ अपरिमियपरिग्गहं ४६३% अन्निभो रायसहस्सेहिं५ ५80* अपसत्यो य असंजम ३६+ अन्नियपुत्तायरिओ ११९५ अपस्समाणो पस्सामि ३८६* अन्नेणाहाकर्म ११४ अपहुप्पंते काले ३७+ अन्ने भणति वससुवि६ ५९२ अपुच्छिओ न भासिज्जा ३ १९८८ अन्नेसि विजमाणे ४३ अपहृत्पुहचाई ३ १४३८ अन्नोऽ अंकमि उ ४ २९२ अपहुचे अणुओगो ३१८ ४१ . ३ +६५ ६४+ ३८१* 'सवृत्तिक आगम ७७३ सुत्ताणि ~245 Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा-अकारादि [ अकार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥५॥ सूत्राचादि अप्पक्खरमसंदिद्धं अप्पक्खरं महत्वं अप्पांथमहत्यं बत्तीसा अप्पग्धे वा महग्घे वा अप्पडिलेहिअकंटा अप्पविलेहिअदोसा अप्पणट्ठा परट्ठा वा अप्पणट्टा० सिप्पाणि उ अप्पणावि अणाहोऽसि अप्पत्तंमि य ठबियं अप्पत्ता उचउत्थे अप्पत्तिअं जेण सिआ अप्पत्ते चिय वासे . आगमाइ: सूत्रांच ३ ८८६ ४ ११+ ८८० अप्पभुभयगाईया ३२३ + अप्पसत्येहिं दारेहिं १९६ अप्पहुसंविडे वा १३० अप्पं च अहिक्खिवति २२० अपि सुयमहीयं ३ सूत्राचादि अप्पत्तेचिय वासे अप्पपाणे ऽप्पवीए वा ३ ४ ४ ५ ५ ७ ६ ६ ५ ४ ४२८ ७१० २८९ ५५१ अप्पा नई वेयरणी ३८२* अप्पा मूलगुणेसुं विरा० ३५१ अप्पामेव दमेयब्वो ~ 246 आगमाः सूत्राच ६ २६ ७ ४ ७ ४ अप्पा कत्ता विकत्ता य अप्पा खलु सययं रक्खिअब्बो ५ अप्पाणमेव जुज्झाहि ७ ७ ३ सूत्राचादि अप्पा हि अणुनाओ ३५* अप्पिया देवकामाणं २४२+ अप्पूब्वं ० ६९३* अप्पुव्वनाणगहणे ४७१ अप्पुल्वं दडूर्ण अभुट्ठाणं ३३७* अप्पे सिंआ भोअणजाए .९९ अप्पोदगा य मग्गा ७३५* अप्पो मिड पन्हं च ५१५* अप्फोवमंडवंमी ७ ४ २६२* अफासुयकयकारिय० ७३४* अबले जह भारवाहए २१४ अवंभचरिअं घोरं १५* अन्त्यणाए मरुओ आगमाङः सूत्राचङ्कः ४ ११ ७ १०९ ३ ४५३ ३ १८१ ४ ११३७ ५ १३३* ४ ४ 19 ५ १७२ ३२२+ ५५२ ㄨˊ ३२२# २२४* ६८० सूत्राधनु क्रमः ॥ ५ ॥ Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा-अकारादि [ अकार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) सूत्राचादि अभयं सव्वओ सम्बं अम्भस्स निम्मलत्तं अब्भंगियसंवाहिय अभंतरमज्झहिं अब्भासवित्ति छंदा० अच्मादयंमि लोगंमि अभितरपरिभोगं अभितरपरिभोगं अभितरबाहिरगं अम्मिंतरमललित्तोवि अभितरयाखुभिया अभितरलद्धीए अम्मुअतरमिह तो आगमाङ्गः ७ २ ६ ३ ५ ७ ४ ६ ४ ३ یا ३ २ सूत्राचकुः सूत्राद्यादि १६६* अब्भुद्वाणं अंजलि ० ११७* अभुद्वाणं अंजलि ० अभि० ५ ५. ४२३ अम्भुट्ठाणं अंज (गंज) लिकरणं ७ ५४९ अन्भुद्वाणं गुरुपूया ७ ३१४ अशुद्वाणं नवमा ४६१* अब्भुट्ठाणे विणए ३५४ अच्भुट्ठियं रायरिसिं ३० अब्भुवगमंमि नजइ १६८ + अम्भोले गमणाइ य १५०७ अभए सिद्धिकुमारे १३२ ६३ अभओ पत्थिवा! तुझं ६९* अभणतस्स उ तस्सेव ~ आगमाडः सूत्राच 247 ७ ७ ३ ६ १ ३ सूत्राचादि ३१३ अभणियपुव्वनिउत्तं ३२३ अभत्तट्ठियाण दाई ११२९* अभयं तुझ नरवई ! ९९८* अभिईसवणधणिट्ठा ९९५* अभिकखतेहि सुमा० ८४८ अभिक्खणं कोहीभवइ २३३* अभिक्खमकुमारेहिं ६६९ १९० 19 ४ _आगमाङः सूत्राच अभिगम चउरो समाहिओ अभिनंदणात सुमती अभिपेयमणभिपेओ ७२ ९४९ अभिभूम कारण परी० ५५८* अभिलावे संजोगो ५९१ अभिवादन अच्भुद्वाणं ४ ४ 19 २ ३ ७ ३ ५ ३ ७ २४२ ३९३ ४०१ ८८* ७०८ ३३३७ +६२ ४५९ ५ (प्र.) ४३ ४७४* ४५ ८६* Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ- कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए न.अ. आ. सूत्राद्यनुक्रमः ब *SASS ॥६ दीप क्रमांक १५७* सूत्राचादि मागमाङ्गः सूत्रायः । सूवाचादि. . आगमाः सूत्राचकः । सूवाचादि भागमा अभिवाहारो कालिअ० ३ १८२+ अमोहं क्यणं कुजा ५ ३६७ अरई पिडओ किच्चा अभिसंभूआ सा सत्ति ३ १०९२ अयककरभोई य . १८४* अरई अचेल इत्थी ॥ दिअभू जिणा अस्थि जिणा ७ ९३* अयगारकूरपरसू ५ १३+ अरईइ दुगुंछाए अमओ य होइ जीवो५ ५४+ अयणाईयदिणगणे ४ . २८३ अरईगंडं विसूईया अमज्जमंसासि अम० ५ ५०६* अयमवरो उ विकप्पो ६ ४१५ अरमल्लिअंतरे दुण्णि अमणुण्णाणं सदाइ . ३ ।६ अयलपुरा णिक्खंते १ ३२* अरसं विरसं वावि ५ अमणुनअन्नसंजो० ४ ४२१ अयलपुरे जुवराया ७ ९८ अरहंत चकवट्टी अमरनररायमहिओ ५४. अयले विजए भद्दे ५ ४१+ अरहंतनमुकारो एवं अमरोवमं जाणि ५ ४९२० अयसिवर्णव कुसुमिङ ३. १०३+ मरहंतनमुक्कारो जीवं अम्मताय! मए भोगा ७ ६११० अयसिहरिमन्थतिउ० ५ २५५ अरहंताई निअमा ३ अमुगंति पुणो रद्धं ६ २४१ अयसीपुष्फसंकासा . १२९४० अरहताणं आसायणादि ३ अमुगं दिजउ मज्झं ३ २४४+ अयं साहस्सिओ भीमो . . ८८६० अरहंतुवएसेणं सिद्धा ३ | अKगाणंति वदिन ६ २३५ अरइरइसहे पहीणसंथवे . ७७९० अरहते वंदित्वा चउदस० ४ के लिए देखीए ५९+ १९ 'सवृत्तिक आगम १०२१ १ सुत्ताणि ~248 Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्रापर्क: ४६८ ४९२ २४४+ ५ ४४८ अवरजुवस्स तत्तो १३४८ ३४२ दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्राचावि भागमा सूनाचा । सूत्राचावि आगमाई सूत्रायः । सूत्राचादि . भागमा अरिहत० धन्नाणं भवक्खयं ३ ९२४ अलियमुवघायजणये ८८१ अवत्तमपाहू थेरे पंडे अरिहंतमग्गगामी ५ १४७ अलोए पडिहया सिद्धा३ ९५९ अवदाली उत्तसओ अरिहंत० सव्वपावप्पणासणो ३ ९२६ अलोए पडिहया सिद्धा३ १४२९० अवयास अवयास भाणभेदो अवयासभाण (घाय) ६ ३ १७९ अलोलुए अकुहए अरिहंतसिद्धपवयण ३ ४५१ अलोलुयं मुहाजीवि ७ ९७५* अवरद्धिग विसबंधे अरिहंताणं आसायणाए ३ १९ अलोले भिक्खू न रसेसु ५ ४७७* अवरदिगविसबंधे अरिहंति वंदणनमंसणाई ३ ९२१ अलोलो न रसे गिद्धो ६९ अवरविदेहे गामस्स ३ अरिहो उ नमुकारस्स ३ ९०८ अवउझिऊण माहणरूवं ७ २८२७ अवरविदेहे दो वणिया है अरूविणो जीवघणा ७ १४३९ अवउझिय मित्तबंधवं ७ ३१९ अवरेण भवणवासी अलसं घसिरं सुविरं ४ १३३+ अवणय गिणह य एत्तो २ ६१* अवरोप्परसझिलगा अलसो चिरं न हिंडइ । ४ २२५+ अवणामा दुन्नऽहाजायं ३ १२१५ अवसेस भंडगं गिज्झा अलं पासायखंभाणं ५ ३०४० अवणेइ तवेण तमं ५ ३२० अवसो लोहरहे जुचे लाभरोगतणफासा ३ +३५ अवण्णवायं च परम्मुहस्स ५ ४४७७ अवसोहिय कंटगापहं . ACANCIEWASANASAN १५३ ११८+ ३२४ १०२६* 'सवृत्तिक आगम नंगा ३२१ सुत्ताणि ~249 Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा-अकारादि [ अकार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ ७ ॥ सूत्राचादि आगमाः सूत्राचडः सूत्राचादि अवहाऽसंमोहविवेग० अवहेडियपिट्टिसउत्तमंगे अवि अ जणो मरणभया अविणासी खलु जीवो अवि नाम होज सुलभो ६ अवि पावपरिक्खेवी ५ ७ अवि भमरमहुयरिगणा अविय हु बत्तीसाए अवियारमत्यवंजण ० अविरयमरणं बालं अविलाकरहीखीरं अविसिमिवि जोगंमि अविसुद्धो परिणामो ३ ७ ४ ५ ६ ३ ७. ६ ४ ६ । ९० अविसुद्धभावलेसा ३८७७ अविसेसिआ मई मइनाणं अविहरिअमसंदिट्ठो ४७+ अविहरिअविहरिओ ४५१ अविहीपुच्छा अत्थित्य ५१ ३३४* अविहीपुच्छा उग्गाहि० १२५ अव्यकालिअलेवं ३७९ अम्वक्खिताउत्तं । ८० अब्बावाहं दुविहं दब्बे २२२ अब्बोच्छिना तसा पाणा १९४ असइ अपात्ते वा असइ गिहि नालियाए असइ बसहीऍ वीसुं ५२ ५३० ~ आगमाः सूत्राचङ्कः 250 ५ सूत्राचाहि ५४४ असइ वोसद्वचत्तदे २५ असई तु मणुस्सेहिं १०१ + असई मज्झिमथेरो ७ ४ ९५ + असई य चिलिमिलीए ४ ६५ असई य नियत्तेसुं ४ १६८ ४ ३७३ असचमोस सयं च ५ ५१६ असज्झाइयनिज्बुत्ती ३ १२३५ असायनिजुत्ती कहि० ३ ३२३ असणं० तं च संघट्टिमा दए ५ ५५+ अस०चि जुजंता चरण० ३ ३७ असल्झायं तु दुबिहं ३ ९८+ असणं० उद्गंमि हुब ५ ७ १ ४ ४ ४ ४ ४ ४ ३. ४ ४ ४ ४ असई लाभे पुण मत्तए आगमाङ्गः सूत्राच HT २५७ २१ २३५ ५५६ ७१९ २८०* १४१८ १५१३ १२० १५१४ १४१९ ११८ सूत्राधनु क्रमः ॥७॥ Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा-अकारादि [ अकार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) सूत्राचादि असणं पाणगं चैव असणं पाणगं चैव असणं पाणगं वावि असणं पाणगं वावि असणं० पुप्फेसु हुन असर्ण ० वणिमट्ठा असणं० समणड्डा पगडं असणाईण चढवि असमाणो परे भिक्खू असरीरा जीवपणा असदाइ सहायत असंख० कायठिई आऊणं असंख० कायठिई तेऊणं आगमाङ्गः सूत्रा ३ ३ ५ ५ ५ ५ ५ ६ ७ ३ ३ ७ ७ सूत्राचादि आगमाडा सूत्राच १६८३ असंख० कायठिई पुढवीणं ७ १६८७ असंखकामुकोसं ७ १०६* असंख० कार्य तु अमुंचओ ७ १०८* असंखभागो पलियस्स ७ ११६* असंखयं जीविय मा ११०* असंजयं न बंदिजा ११२# असंथडा इमे अंबा १७० असंसद्वेण हत्येण ६७४ असंसतं पलोइना ९७७ असासए सरीरंमि १०१३ असासयं दद्रु इमं बिहार १४६२# असिअसिरओ सुनयणो १४८७* असिअसिरओ सुनयणो ~ 251 सूत्राचादि १४५४* असिपत्ते धणु कुंभे १३८६७ असिप्पजीवो अगिहे अमित्ते ७ १४९६* असिवाईकारणिआ ४ ३ १५६४* असिवाइकारणेहिं असिवे ओमोयरिए 9 ११५* ३ असिवे ओमोयरिए ४ ३ १११७ ४ ५ ४ ५ ३ ५ 19 ७ ~ ७ ३ ३ असिवे ओमोयरिए असिवे सदसं वत्थं असिवोमाघयणेसुं ३१०* ९४* ८२* असीहिं अयसिवण्णेहिं ६१३* असुइकुणिमदुदंसण ० - ४४७* असुइट्टाणे पडिया ७०+ असुइमलभरिय ० १९२ असुरसुरं अचवचवं आगमाडा सूत्राच २ ३ २ ४ +११ ५०९७ ७ १३४३ १२९७ ८ ११२ १८+ १४५६ ६५५* ७४ * ११२३ ७५* २८९+ Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां नं.अ.आ. सूचाचा सूत्राचनु देखीए ओ. ५ कमा द.पि. उ. ५ ११३ दीप ७ ५५१% क्रमांक २९ STEPSC0040SAMAC सूत्राचादि भागमा सूलाचा सूत्राचादि । आगमाः सूत्राचः। सूत्राचादि असुरा नागसुषण्णा ७. १५७८* अह अण्णया कयाई ३ ३५० अह ओषयारिओ पुण अस्सकन्नी य बोद्धव्वा . १४७२* अह अनया कयाई ४१२ वह कालम्मि संपत्ते अस्संखिजाणोसप्पिणीण. . १३२४७ अह अहन्नया कयाई ४३२ अह कीस पुण गिहत्या अस्संजएहिं भमरेहि ५ १२६ अह अन्नया कयाई ४३९ अह केसरमि उज्जाणे अस्संजमजोगाणं ६ ४६० अह अन्नया कयाई ४६८ अह केसरंमि उजाणे अस्संजमो य एको ३ ७४० अह अन्नया कयाई ७६६* अह कुसुमसंभवे काले अस्संजयमणुएहिं जा ३ १३५३ अह आगओ तुरंतो ३ ५०१ अह कोई न इच्छिन्ना अस्सायमाझ्याओ जावि .३ ५७३ अह आगओ सपरिसो . २९२ अह को पुणाइ नियमो अस्सावगपडिसेहो ३६५ अह आसगओ राया। ५५३* अह खंतिमहक्जव०३ अस्सा हत्थी मणुस्सा मे ७१२* अह आसगओ राया तं ३९७ अह चित्तसुद्धपक्खस्स अस्सिणिकित्तिय मियसिर १३३० अह ऊणअट्ठवासस्स ३ ७२+ अह चोरसहिं ठाणेहिं अस्से अ इइ के कुत्ते ८८८ अह असिएण छत्तेण . ७९३ अह जग्गइ गेल अह अट्टहिं ठाणेहिं ३३०* अह एगराइआए . ४७४ अह जे संबुडे मिक्स के लिए देखीए SAMASCARRIAGE १५५% ५ ४ ६१+ ३३२० 'सवृत्तिक आगम . . . १५२१ सुत्ताणि ~252 Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ- कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्राचादि भागमाः अह तत्व अइच्छंतं अह तस्स पिा पत्ति अह अम्मापिअरो अह तं पागडरूवं अह तायो तत्थ मुणीण अह तेणेव कालेणं अह तेणेव कालेणं अह ते तत्थ सीसाणं अह दिवसे बासीई अह देहइ रायसुओ अह पच्छा उइजति ७ अह पन्नरसहि ठाणेहिं ७ अह पंचहिं ठाणेहिं ७ सूनाचकः । सूत्राचाविभागमाः सूत्राया। सूत्राचादि आगमाङ्गः सूचाचा ६०५* अह पालियस्स घरणी . ७६२* अह भणई जयघोस ४७६ ४३७ मह पिच्छद रायपहे . ४१३ अह भवे पइन्ना उ ८६४% ७६+ अह पुण जुण्णा थेरा ४ २९५ अह मंसंमि पहीणे ३५० अह पुण निव्वाधाओ ३ १४६२ अह मंसंमि पहीणे ४४८* अह पुंडरीअन्नायं २९३ अहमवि मे खामेमी ८३६* अह भगवं भूवमहणो ३ ४३३ अहमासी महापाणे . ५७५* ९५१* अह भणइ जिणवरिंदो ३ ३६९ अह मीसओ य पिंडो ८४५* अह भणइ जिणवरिंदो .. .. ३७२ मह मोणमस्सिओ सो ४८ अह भणइ णेगमेसि ३ ५१+ अह मोणेण सो भगवं ४१४ अह भण्इ नरवरिंदो ४४x अहयं च दसाराणं ३ ४३२ ८९ अह भणइ नरवरिन्दो ३ ३७२ अहयं तुभं एवं ३३६ मह भणइ सन्निनाणी . ४४० महराया तत्व संभंतो . ५५४* ३२९७ अह भर्ण अणगारो ४७८ अह रूविणीइ सहिओ . ४३८ 6606 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~253 Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए नं.अ.आ. सूत्राधनु कम: ॥९॥ ७७ दीप ६ ६६५ १२ ७९९* क्रमांक के लिए देखीए सूत्राथादिमागमाः सूत्रायः सूत्राचादि आगमाः सूत्रायः । सूत्राचादि बागमाकः सूत्राचा अह लोउत्तरिय अहवा गुणपडिवन्नस्स १९ अह सत्तमंमि मासे ३ ५९+ अह वड्डइ सो भयवं ३ ६९+ अहवा चउण्ह नियमा ६ ५८ अह सब्ववपरिणाम १ ५९* अह बहुइ सो भयवं १९१ अहवा जाणयसरीर० २ ५० अह सव्वव्वपरिणाम० ३ अहव ण कुज्जाहारं अहवा णाणाईणं ३ ६७६ अह सा भमरसंनिभे ७ अहव ण दोसीणं चित्र अहवा तइयपोरिसीए ७ १११८७ अह सारही तओ भणइ . अहब ण सचित्तमीसो ६ अहवा न कुज्ज आहारं ४ ५८२ अह सारही विचिंतेइ अहवऽणुपुव्वीणाम अहवावि अकरणाए ४ ३००+ अह सा रायवरकन्ना अहव निमित्ताईणं अहवावि इमो हेऊ ५ ८७ अह सा रायवरकन्ना ७८९* अहवावि विणासेंतं अह वयपरियारहिं ३ ६७२ अह सा सत्याहसुआ ३ अहवावि विभूसाए ४ २०२+ अह से तत्व अणगारे ९५२* अहवा उबकमे छब्बिहे २ ७० हवा सपरिकम्मा १११० अह सो तत्थ निजतो ७९६* अहवा अवणिहिआ दव्वा० २ ९८ अहवा सयं करें ३ ६७४ अह सोऽवि रायपुत्तो ८१८* अहवा कम्मेण व +६७ अहबा संघाओ साडणं च ३ १७४+ अह सो सुगंधगंधिए ८०६% २९+ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~254 Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ- कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए सूबाचादि आगमाङ्गः सूत्रायः | सूत्राचादि आगमायः सूत्राथकः । सूत्राचादि भागमाः सूत्रायः अहस्स सच्चे अणुवीइ० ३ +३९ अहाह जणओ तीसे ७९०* अहुणा गुणित्तिदारं .५ अह होह भावपासेसणा४ ५४५ अहिगम्मति व अत्था५ ३० अणुद्वियं व अणवि०६ ४१७ अह होइ लेवपिंडो अहुणुव्वासिअसकवाड ४ १०७ अह होज निद्धमहुराणि २८५+ अहिगरण भदपंता६ ४१४ हेक्यइ कोहेणं २८१%2 ४ अहं च भोगरायस्स ५ १३ अहिगारो पुवुत्तो५ ६३+ अहो जिणेहिं असावजा ५ १५१ अहं च भोगरायस्स ७ ८२५० अहिज वेए परिविस्स विप्पे ७ ४४९४ अहो ते अज्जवं साहू २८४ अहंपि जाणामि जहेह. . ४३२७ अहिमरअणिरिसण. ४ २५+ अहो ते णिजिओ कोहो . अहाउयं पालयित्ता ७ ८६ अहियासियाइं अंतो ३ १४६० अहो निश्चं तवोकर्म ५ | अहावरे चउत्थे भंते। अहियासिया उ अंतो४ ६३४ अहो वन्नो अहो रूवं अहावरे छठे भंते! अहिसरिया पाएहिं ३ ८७३ अंकारतं धन्नं २३% अहावरे तच्चे भंते! अहिंस सर्वच ७७०* अंगदसभागभेए अहावरे दुच्चे भंते! अहीणपंचिंदियत्तंपि से ७ ३०७० अंगपचंगसंठाणं ५१३ अहावरे पंचमे भंते ! अहीवेगंतविहीए ७ ६३८% अंगपञ्चंगसंठाणं ३९२* 6555575485%25415 25*6*5*5*6*** २८३ 'सवृत्तिक आगम ***** सुत्ताणि ~255 Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ - कार + आ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए अ.आ. सूत्राधादि सूत्रावनुक्रमः द.पि.उ. दीप क्रमांक के लिए देखीए SANSASSASSAURASI 5 आगमाः सूत्राद्यः । सूखाचादि भागमाः सूत्रायः सूत्राधादि आगमाः सूबायक अंगप्पभवा जिणभासि० . ४ अंतरमेगं समयं ३ १६६+ अंतोहिअयं संभूया अंगारतमपत्तं जलमाणं ६५६ अंतमुहुत्तमि गए - १३५१७ अंधयारे तमोघोरे । ९०६ अंगारधूवियाई ६ ५६० अंतलिक्खत्ति णं बूआ ५ ३३०* अंधिया पुत्तिया चेव . १५१९* अंगुठ्ठपएसिणिमझि० ४ ३९१ अंततं भोक्खामित्ति ४ ५७२ अंबरलोहमहीणं कमसो ३ ।९७ अंगुट्टमुढिगंठी ३ १६७४ अंतिम इंतिम उंतिम २ २० अंबस्स य निवस्सय ३ -११२८ अंगुलमावलियाणं ३ ३२ अंतेउरप्पवेसो वायनिमि० ४ २६+ अंबस्स य निंबस्स य ७७१ अंगुलमावलिआणं १ ५०% अंतो नियंसणी पुण४ ३१६+ अंबे अंबरिसी चेव +१० अंगुलविहत्थिरयणी २ ९५७ अंतो बहिं च घोकं . १४४९ आकार: भंगुलं सत्तरत्तेणं ४ २८५ अंतो बहि च भिन्नं ३ १४५१ आइगरू दसाराणं अंगुलं सत्तरत्तेणं . १००५* अंतोमुत्तकालं . ३ १५६० माइगरू. | अंगुलियाए चेप्पड़ ६ २८७ अंवोमुत्तमद्धं . १३३६० आइदुवे पढिसेहो अंडगमुझिंयकप्पे ३ २२३+ अंतोमुहुचपरओ ३ ।४ आइन्नओमाणविवजणा. ५ अंतरपल्लीगहि ४ २५४ अंतोमुहुत्तमत्तं ३ ।३ आइन्नपिसियमहिया १४९६ (४२ ४८७ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~256 Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ आ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए comm दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्राचादि आइममणानं आइ मउआरभंता आइमकाउस्सग्गे आइल्लाणं तिण्हं आईमज्झवसाणे आउकार्य न हिंसंति आउकार्य विहिंसंतो आउकाओ तिविहो आंउकायमइगओ आउज्जनदृकुसळावि आउज्जोवणवणिए आउट्टिमउकिन्न आउट्टिमूलकंदे पुप्फे आगमाः सूत्राचा सूत्राधादि भागमा सूत्राम। सूत्राचादि बागमाहः सूचाच ६ ३२९ आउट्टियाऽवराई ३ १५०८ आगमणदायगस्स ४ ४७८ ४५* आउत्तया जस्स य ७३८* आगमतो उवउत्तो १५९९ माउत्तपुथ्वभणिए ४ ६४९ आगमसत्वग्गणं १ ८४ ३ १६२+ आउत्तपुव्वभणिय १४७४ आगमसत्थग्गहणं ५ २ आउरचिन्नाई एयाई २४९ आगमसिद्धो सव्वंगपारओ ५ २३८* आएसतिगं-बुब्बुअ० ३४६ आगम्म पडिकतो ४ ५ २३९* आएसो पुण दुविहो ७ ४९ आगाढजोगवाही ४ ६ १६ आओवमाइ परदुक्खम० ३ १०४४ आगारंता माला २ ७ २९५७ आभोसे संगारो ४ ९१+ आगारंतो राया ईगारंतो २ आफैपिया निमित्तेणं ६ ४३६ आगारेऊण परं ४ ९०+ आगए कायवुस्सग्गे .१०३७%* आगासस्स पएसा १९९+ ५ १६९ आगम इरियावहिया ६५५ आगासे गंगसोउव्व ३ । 'आयासे तस्स देसे य . १३७९ २०९ ५४९ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~257 Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा-अकारादि [ आकार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द. पि. उ. ॥ ११ ॥ सूत्राचादि आघोसिए बहूहिं आघोसिए बहूहिं आणयपाणयकप्पे सूत्राचादि आगमाङ्कः सूत्राचकः ६४६ आपुच्छण किइकम्मं १४७१ आपुच्छति पढमा आणंतर्भुजगा कम्मुणा आणंदर्भसुपायं कासी • 8 ३ ३ ६ ५ ६ ६ आणं सव्वजिणाणं आणाइणो व दोसा आणागिन्झो अत्थो ३ आणाऽनिदेसकरे ० पडिणीए०७ आणानिद्देसयरे गुरुण ० 99 आणाबलाभिओगो आपुच्छण किइकम्मं ३ ४९ १२३ ३७३ १८४ १८३ १७१५ ३* आपुच्छणा उ क आपुच्छि उग्गहिम आभट्ठो य० गोत्तेण य ४ ३ ४ ३ आभट्ठो य० जाइजरामरण० ३ आभट्ठो य० जाइजरा० आभट्ठो य० जिणेणं ३ ३ ३ ३ आभट्ठो य० णामेण य | आभट्ठो य० नामेण य आभट्ठो य० नामेण य गोत्तेण ३ ६७७ आभट्ठो य० नामेण य गोतेण ३ १४६८ आभट्ठो य० नामेण व गोतेण य ३ R# ~ आगमाइः सूत्रायहः ४ 258 सूत्राचादि ६४२ आभट्ठो य० सव्वष्णू सम्वद० ३ २२८+ आभट्ठो य० सव्वदरिसीणं ३ ६९७ आभरणच्छायणावंसगाण १४६+ आभरणरयणवासं ६३५ आभरणवत्थगंधे आभिणिबोहियनाणं आभिणिवोहियना ६०३ ६२३ ५९९ आभोइत्ताण णीसेसं आभोएडं सको . ६०७ आभोगमग्गणगवेसणा ६११ आभोगमणाभोगं आभोगे जाणतो करेति ६२७ ६३१ आमंतणि आणवणी ६३९ आमोसहि विप्पोसहि आगमाडः सूत्राचः ६१५ ६१९ ७ ५४१ ३ ६२+ २ १३* ३ ३ Delete ५ १४८७ ३ १९९ ४ ७ ७ १०+ ५ २७८ ૩ ६९ ********** সঅ सूत्राधनुः क्रमः ॥ ११ ॥ Page #259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा-अकारादि [ आकार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) सूत्राचादि आमोसे लोमहारे य आयकियं पुण दुविहं आगमात्रः सूत्राच सूत्राचादि २५५* आयरिए आराहेइ ३०७ आयरिए नाराहेइ २०१ आयरिए य गिलाणे २४३ + आयरिए व गिलाणे ५८५ आयरिए य गिठाणे १६ आयरिए य गिलाणे ७८३ आयरिएहिं वाहिंतो २०३ आयरिओ तारिसओ ७ ६ आयपरसरीरगया ५ आयपरोभयदोसा ४. आयपरोभयदोसा ६ आयप्पवायपुव्वा ५ ४ ६ आययपि य दुविहं आयरऽणायरभावे आयरिअ० गच्छाणुकंपयाए ४ आयरिअपाया पुण अप्प० आयरिअवयणदोसा आयरिअं अग्गिमिवाहि ० ५ ४ ५ आयरिए आपुच्छा ४ १२७+ आयरिभवहि ४०८* आयरिअणुट्ठाणे १८९ आयरियअभावि यपाण ० ४३९* आयरियडवज्झाए २४१ आयरियउवज्झाए P 259 आगमाङ्कः सूत्राच ५ ५ ३ ४ ४ ४ ७ ७ ४ ४. सूत्राचादि २०४* आयरियडवज्झाएहिं १९९* आयरियउवज्झायाणं १३६२ आयरियगिलाणट्ठा ४२७ आयरियगिलाणाण य ६०८ आयरियगिलाणाणं ४ ६ ३ आगमाङ्गः सूत्राचड ४७५ आयरियसीसपुत्तो १२०७ आयरियं कुवियं नचा ७ ५३०* ७ ५३१* ४ ६ ४ ३ ७१७ आयरियणमोकारो एवं २०* आवरियणमोकारो जीवं० ५८ आयरियणमोकारो धन्नाण० ३ ३ ८९+ आयरियणमोकारो सव्व ० ३ ११२ + आयरियपरिचाई ७ ६५७ | आयरियमाइयंमि ७ ७ ७ ५०२ २७ ३५२ ९९८ ९९६ ९९७ ९९९ ५४३* ११३०* ५७ ४१ * Page #260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [आ - कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्राधनु २३२+ दीप क्रमांक SSSSSSSSSSSSS सूत्राचादि भागमाः सूत्राचा | सूत्राचादि आगमा: सूत्रायः । सूत्राधादि भागमाकः आयरियाईणट्ठा ४१५+ आया चेव अहिंसा ४ ७५५ आयारो नाणाई तस्साय.. आयवयं च परवयं ६ ४८६ आयाणपएणेयं . ७ ५०६ आयारे बवहारे पन्नत्ती ५ आयवस्स निवारणं ७ ८३* आयाणं नरयं दिस्स १६७ आयावणऽहमेणं आयसमुत्थमसज्झाइयं १५८० आयाणे निक्खेवे ठाण०४ ७११ आयावयाहि चय सोग० ५ आयंके उवसग्गे ४ २९२+ आयाणे परिभोगे २२५ आयावयंति गिम्हेसु आर्यके उवसग्गे ७ १०२५* आयापवयणसंजम० १७८+ आयाहिण पुब्धमुहो३ आर्यके० पाणिदयातवहेउ ६ ६६६ आयापवयणसंजम० ४ १९२+ आया हु कारओ मे सामा०३ आयंको जरमाई ६ ६६७ आयापवयसंजम २४०+ धारभडा सम्मा आर्यको जरमाई राया २९३+ आयामगं चेव जवोदणं ५०६* आरभडा सम्मा आयंबिलपारणए आयारपन्नत्तिधरं ३८४* आरंभाओ अक्रिओ आयंबिलमणायंवि० ३ १७०६ आयारप्पणिहिं लर्बु ३३५* आरंभे रसगिरी आयंसघरपवेसो ३ ४३६ आयारमट्ठा विणयं पउंजे ५ ४४०* आराहणाइ जुत्तो आया खलु सामइयं ३ ७९० आयारे निक्खेवो ४८७ आराहणी उ दवे ५५६ के लिए देखीए १०१७ १३१५० 'सवृत्तिक आगम ૨૪૮ , ८०९ २७४ सुत्ताणि ~2600 Page #261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ आ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १५१५ ७९१ ३ दीप क्रमांक के लिए देखीए १३७१ ७९२ १२५७ आरुग्ग बोहिलाभ ३ ११०५ आलंबणहीणो पुण. आरेण भहपंता ४ २१४+ आलंबणा वायण आरोढुं मुणिवणिया ३ ।६०. आलंबणाण लोगो आरोवणा य भयणा ३ ९०२ आलंबणेण केणइ आलइअमालमउडो ९५+ आलएणं न सको आलंबणेणं कालेणं ३ ११६१ आलएणं विहारेणं ३ ११६० आलुकइ अ पलुका आलओ थीजणाइनो ५२०* आलोअचलं चक्खू आलमिआएं वासं कुंडागे ३ ४८८ आलोअणमालोवो आलमियाए हरिविज्जू ३ '५१५ आलोअणा य विणए आलवंते लवंते वा ७ २१% आलोअणारिहाईयं । आलवंते लवंते वा०५ ४३५७ आलोअं घिग्गलं दारं आलस्स मोहऽवण्णा ... ८४१ आलोमि चिलमिणी आलस्स मोहऽवन्ना भा . १६० बालोइए विणीअस्स 5555555 ३ ११८५/आलोइत्ता सव्वं ३ ।४२ आलोयणपडिकमणे३ ३ १२८० आलोयणाए णं भंते ! ३ ११८३ आलोयणा उ दुविहा ७ ९२४* आलोयणा निरवलावे ६१६ आलोयणा वियडणा ३ १०६९ आलोवणमालुंचन० ३ १६११ आवजई एवमणेगरूवे ४ ५६+ आवण्णा दीहमदाणं ३ १७८+ आवत्ताइसु जुगवं ७ ११२८* आवरणिजाण दुण्डंपि ५ ७४* आवस्सएमु जह जह ३ १४९८ आवस्सग कयनियमा १८०+ आवस्सग सोहे। ॐॐSMSSES १२५८+ १७२* १२३८ १२८६ 'सवृत्तिक १२२६ आगम नया १७४ २१७+ ३ सुत्ताणि ~261 Page #262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा-अकारादि [ आकार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ १३ ॥ आवस्सगस्स णं इमे अत्या० २ 10. आवस्सगस्स इसकालि० आवस्सयस्स एसो आवस्सयं अवस्सं ३ २ २ ३. आवस्सयंमि जुत्तो आवरिस मास आवस्सियं च णितो आवस्सियं० वंजणमेयं आवस्सियं० सेज्जा णिसी ० ३ आवस्सिया उ आबस्सएहिं ३ आवाय चिलिमिणीए ३ ४ आवायदोस तइए ४. आवासग अहिकरणे ४ आवासगं तु कार्ड ४ ३ ४ ५८ ८४ ७ आवासियं च वूढं सेसे आवीचि ओहि अंतिय १२२+ आसणगओ ण पुच्छिना २३१ आसग्गीवे तारय ६९१ ६९२ आसणं सयणं जाणं १२० + आसणे उवचिट्ठिया ६९४ आसन्नाड नियते २०० आसमपए विहारे ३०९ आसमपमि पासो २ . आवासगं तु कार्ड आवासयं करिते पवंच आसणं सवणं जाणं २२० आसवदारावाए तह ६३९ आसवदारा संसारयवो ~ 262 ३ ४ ३ ७ ७ ३ ५ ७ ७ ४ 99 ३ ३ ३ . १४६५ आसंदिपीडमंचक ० २२१ आसंदीपलिअंकेसु १४५५ आसं विसजइचाणं २१२ आसाढबहुलपक्खे २२ आसाढबहुपक्खे ४२+ आसाठी इंदमहो ३०६* आसाढे मासे दुपया १८५* आसाढे मासे दो पया ३०* आसायणावि णेवं ४१७ आसा हत्यी गावो १११४* आसिमो भायरा वोऽवि २३१ आसी अ इक्खुभोई आसी अ कंदद्वारा ८८ । ९५ आसी अ पाणिधंसी ३६१ २६२ ६ ५ 19 ५५५* ४. २८६ ७ १००६० T १४३५ ७ १००४* ४ २८४ ३ ७१४ ३ २०१ ७ ४१०* ३ ३ x६ ४५ X सूत्राधनुक्रमः ॥ १३ ॥ Page #263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [आ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत १८१ सूत्रांक यहां देखीए २४८ ३९+ ६८ आसुकारगिलाणे +४१ ४६ दीप क्रमांक के लिए देखीए आसीविसो उग्गतवो महेसी ७ ३८५* आहाकम्मग्गणे आसीविसो वापि पर सुरुढो ५ ४०३* आहाकम्पहार भणिय. . ३ १३१६ आहाकम्मनिमंतण . आसुं खुहं समेई ३. १३८४ आहाकम्मपरिणओ६ आसूयमाइएहिं ६ ४०५ आहाकम्मपरिणओ० सु. आहच चंडालियं कटु ७११७ माहाकम्मतरिया अस०६ आहब सवर्ण लढुं १०३* आहाकम्मं मुंजइन आह जह जीवधाए ३ १६७७ आहाकम्माईणं होइ आहणणाई दिते आहाकम्मियनामा आहरणं तहेसे चउहा ७३ आहाकम्मियभायण आहरंती सिआ तत्थ आहाकम्मुद्देसिय० आहा अहे य कम्मे ९५ आहाकम्मुद्देसिय० आहा अहे य कम्मे आहाकम्मेण अहे करेंति ६ आहाकडभोईहिं १२६ आहाकम्मे य तहा लोह० ३ आहा०वह बाबरा य २१८ आहाय जंतु कीरह १८२ आहारतबहिसेजा। आहारज्वहिसेजा २०७ आहारओ उ जीवो १३४ आहारगुत्ते अविभूसियापा ३ २१७ आहारतेयलंमो आहारपञ्चक्खाणेणं आहारमिच्छे मियमेसनिनं ७ २२३ आहारंति तवस्सी ९२ आहारंमि उ जा सा ३९३ आहारे संघाओ परिसाडो १३६ आहारे सिप्प कम्मे अ १३६० आहारोवहिमाई ६ ९४ १५९ ८७ १३५९ 'सवृत्तिक आगम २०३ ३७२ सुत्ताणि ~263 Page #264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा-अकारादि [ इ कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ १४ ॥ इकारः इअ सव्वकालतित्ता इअ सिद्धाणं सुक्खं इइ एएस जो भिक्खु इइ इत्तरियमि आउ० इइ एस धम्मे अक्खाए इइ चडरिंदिया एए इइ जीवमजीवे य इधिक तिन्नि वारे ९८६ इकेण तोसियतरो ९८४ इको उ असम्भावे ११५५ इकोऽवि नमुकारो २९२* इक्खागकुले जाओ २२७ इक्खागभूमि उज्झा १५२२* इक्खागरायवसहो १६२१* इक्खागवंस भरहो ७ ७ ५७१* इक्खागेसु मरीई ११४९* इथे जीवणिअं १४८३ इथेयमि दुवालसंगे १५४८* इथे थावरा तिविहा ८२ इचेयाई पंच महव्वयाई ३ ७ ७ ७ 19 इइ पाउकरे बुद्धे इक्वीसांए सबलेसुं इकस्स दोन्ह व संकियंमि ३ . इका य पुव्यकोडी इकारसवि गणहरे . इकासीइ बाबत्तरी अ の ७ ३ ३ २६७ | इचैवमाइ सम्बं ~ 264 ३ ३ ६ ३ ३ ३ ७ ६ ५ १ क ५ ३ २२९+ | इथेव संपस्सिम बुद्धिमं १४२६ इषेसिं हं जीव० इच्छाइ साममेसुं 叶 १६* इच्छा पसत्यमपसत्विगा १४९ इच्छामि० अणुजाणह मे ३८२ इच्छामि० इरियावहियाए ५८६* इच्छा मि० उबडिओमि ४७९ इच्छामि० कयाई च ४४० इच्छामि खमा०पियं च ५८ ५९* इच्छामि खमासमणो ! | इच्छा मिच्छा तहकारो १४७९* इच्छा मिच्छा तहकारो इच्छा मिच्छा तहाकारो इच्छामि ० जो मे देवसिओ ९ ३१२ ५ ४९९* ५ २ ७ ५ ३ ३ ३ ३ ३ ३ २ 10 ३ ३ ४८९ १६५ २ ७ ३४ ३५ ३२ ३१ १६ ४८५ ६६६ ६ सूत्राधनु क्रमः ॥ १४ ॥ Page #265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा अकारादि - [ इ कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) इच्छामिठाइ काउस्सगं इच्छामि० पगामसिनाए इच्छामि० पुवि चेइ० इच्छा य अणुनवणा इच्छिल न इच्छिल व इट्टगछणमि परिपिंडियाण इट्टगपागाईणं इट्टगपागाईणं इद्वाणं विसयाईण इडीए निक्खंतो इडीगारविए एगे इडी जुत्ती जसो वनो हड्डी वित्तं च मित्ते य इणमण्णं तु पमाणं ३ ३ ३ ४ ६ ४ ६ ३ ७ ७ ७ ४ २६ ८ इणमेव निर्मायं पाव इति पाठकरे बुद्धे इति बेइंदिया एए ३३ १२३० इतरियमरणकाला य ५२६ इत्तरियंपि न कप्पइ ४६६ इत्तरियाइविभासा ३५९ इतो उत्तरकरणं इत्थ य पभोअणमिणं ३६ । ८ इत्थं पुण अहिगारो ४२१ इत्थं पुण अहिगारो १०५२* इत्थं पुण अहिगारो २०४* इत्यं पुण चडभंगो ६८७* इत्यं पुण समणोवासग० ६८२ इत्थि पुरिसं वावि ~ 265 ३ ७ ७ 69 출 ३ ३ ३ ५ -३ ३ ㄢ २२ इत्यिकह भत्तकहा १६४०* इत्यीगहणे धम्मं १५०३* इत्थीण कहित्य वट्टइ ११० ६* इत्थीपरिग्गदाओ ७२१ इत्थी पुरिससिद्धा य ७१९ इत्थीरयणपुरोहियमित्राण १९३ इत्थी वा पुरिसो वा २०२२ इत्यी विनाऽभिहिया ७९ इत्यीविसयगिद्धे य इमस्स ता नेरइअस्स इमं च एरिसं तं च २३१ २३५ १७१२ ५० इमं च मे अत्थि पभूयमनं १८८७ इमं सरीरं अणिचं इमं च मे अत्थि इमं च मे ५ ४ ७ ५ ७ ७ ७ ७ ५ ७ ७ ७ 10 २०९ ४२२ ३२७ ३४२ १४२२* ३५४ १११९* ९३१ १८३७ ४९६ १२१ ४५५* ३९३* ६१२* Page #266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [इ- कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ४२६* २२१* सूत्रायनुभाम: दीप क्रमांक के लिए देखीए अ.आ.Pइमा हु अनावि अणाया . ७३६* श्य सव्वगुणाधाणं ३ ।१०५ इह जीविए राय ! असास.. इमे य बद्धा फंदति ७ ४८५% इरिअं नऽवि सोहेई ६ ६६४ इह जीवियं अनियमिता |इय अविहीपरिहरणा ४ ५५ इहपरलोयादाणमकम्हारे इय आलोइय पवित्र ४ ५६० इरिएसणभासाए . ३६०० इहभवभिन्नागारो इय करणकारणाणुमइ ३ ।२३ इरियं नवि सोहे। ४. २९१+ इहमेो उ मन्नति इय दुलहलंभ माणुस० . ६२+ इहलोह अत्थकामा इय नाणचरणहीणो ३ २४(प्र०) इरियामासेसणाऽऽदाणे . ९२२० इहलोमा पक्तिी इयरहवि ता न जुज्जा ३ १५५० इरियावहिया हत्यंतरेऽवि ३ १४८० इहलोए फलमेयं इयरेयरसंजोगो १ ३५ इरियासमिई भासेसणा३ १३१२ इहलोगपारत्तिों इयरेसु पोरिसितिगं ४ २९४ इरियासमिए सया जए ३ +३८ इहलोगम्मि तिवंडी इयरोऽवि गुणसमिद्धो ७५८* इस्साअमरिसातवो १३१४० इहलोगम्मि सुभदा इयरोऽवि गुरुसगासं ५२४ इह कामानियट्टस्स २०२० हंसि उत्तमो भंते ! इयरोऽवि य पंतावे ३२६ इह कामानियहस्स . २०३० हेवऽधम्मो अयसो इय लिंगनाणसहिओ ३ ११५७ इह खलु भो । पञ्चहएणं ५ २१ इंगालं अगणि अचिं 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~266 Page #267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [इ-कार + ई-कार + उ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए २५८ ४ दीप क्रमांक के लिए इंगालं छारियं रासिं | इंदगोवसमाईया इंदत्यं जह सदा | इंदपुर इंददत्ते इंदपुरे रुहपुरे इंदियग्गामनिग्गाही इंदियत्थे विवजित्ता इंदियमाउत्ताणं हति | इंविधमाउत्तीर्ण हणति इंदियलद्धीनिव्वत्तणा इंदियविसयकसाए इंदियविसयकसाया इंदियविसयनिरोहो इंदियाणि उ भिक्खुस्स ५ ६६ इंधणमाई मोत्तुं ६ २६७ उच्छिा वेकच्छी ७१५१२% इंधनअगणीअवयव २५९ उक्का विज्जू व बोद्धब्बा . ६ १३५ इंधनधूमे गंधे २५७ उकुहि सीहणायं कळ०३ १३८८ इंधनधूमे गंचे अवय० उकोस तिसामासे उक्कोसव्वखेत्तं च ४ २३७+ ९४९* ईसत्यं धणुवेओ १७+उकोसमज्झिमजहन्नग . ९२८७ ईसरतलवरमाविमाण . ३१५ उकोसयद्वितीए पडि. . . १४८५ ईसीपम्भाराए. जोअणमि ३ ९६५ उक्कोसेण दुवालस १४३९ . ६० ईसीपब्भाराए सीआए उकोसेणं चेयं अद्धा ३ २० प्र० ईहा अपोह वीमंसा ८०* उकोसो अहविहो ३ ९१९ ईहा अग्रोहा वीमंसा उक्कोसो उ नियंठो उक्कोसोगाहणाए उ ४ १६७+ उत्सववधुवण पाउस ४ ३४९ उकोसोंगाहणाए य .१४२३ ७ १३५७० उतबद्धधुवण बाउस ६ २४ उकोसो मणुएK देखीए ६७२ . १४२६२ 'सवृत्तिक आगम . सुत्ताणि ~267 Page #268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ उ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ १६ ॥ उक्खित्तणाए संघाडे उक्त्ति पथवार उक्तं निक्खिप्पर उक्खेवे निक्खेवे उक्खेवे निक्खेवे उग्गओ खीणसंसारो उग्गओ बिमलो भाणू उम्गकुलभोगखत्तिअ० उमाम० अप्पदुट्टो अमुच्छिलो ४ उग्गम० उग्गोवणमग्गणा ३ ६ ३ g ६ ४ ६ ७. ७ ४ उग्गमउप्पायणएसणा ४ उग्गमउप्पायणासुद्धं उग्गम० उबहिं धारए भिक्खू ४ उग्गमएसणकणं ४ + १६ उग्गमकोडी अवयव ० ६ ४७४ उम्मगमकोडीअवयव ६ ३४० उम्गम० जोगाणं साहणद्वया ४ ४८५ उग्गमदोसाइज ४ ५७० उग्गमदोसाईणं ९०९ उग्गमदोसा सोलस ४ ६ उग्गम० सदा अज्झत्वसोहीए ४ उग्गम० साधारणं बियाणंतो ४ उग्गम० साहू कुणइ तेणिअं ४ उग्गम० साहू पावइ निखरं ४ ५ ७ ९३२ १ ७७* ३ ४ ९०७ ५०+ ७४५ ८५ ५०३ उग्गमं से अ पुच्छिना ५६८ उम्गमुप्पायणं पढने ७४३ ५३+ उग्गह इकं समयं उग्गह इकं समयं ~ २४७ उग्गह ईदाऽवाओ ३९४ उग्गह ईहाऽवाओ य 268 ७४४ उमाहाईव २९५ उग्गह गंगपट्टो ९५ उहे इकसमइए ५२२ उ तवं चरिचाणं + ७४७ उम्गाइकुलेसु वि ५६९ उग्गाणं भोगाणं ५७० उग्गा भोगा रायण्ण० ५७१ उग्धायमणुग्धायं आरू० ११५* उच्चचाए दाणं दुखभ० उच्चारं कुब्बंतो छायं उचारं पासवर्ण उच्चारं पासवर्ण ३ ४ R . ४१९ ४६७७ १ 气 ७ ५ ३५ ८३०* ४४१ २२५ २०२ +४८ ६ ३ ३ ३ ६. ३२२ १३६८ ९३५० ३५२* सूत्राधनु क्रमः ॥ १६ ॥ Page #269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [3-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ५ १८८+ ५३+ २६५ १०१५%2 6. दीप क्रमांक के लिए देखीए २७५ उचारे पासवणे खेले ३ -१२६३ उज्जेणि अट्टणे खलु " | उच्चारे पासवणे लाग्य०४ ११६+ उजुप्पन्नो अणुविग्गो उच्चारे पासवणे सिणाण ४ ४६७ उज्जेणि देवलासुय उच्चालियंमि पाए ७४९ उजेणिऽवंतिवद्धण. उच्चावयाहिं सिजाहिं ७ उज्जेणी अंबरिसी उचिणइ व विट्ठाओ ४ २९६+ उज्जेणीए जो जंभगेहि उच्चोअए महुकके य ४१८० उजेणीए धणबसु उनुमखीराईवं विगारि २८० उजेणी कालखमणा उच्छू वोलिंति वई १७१ उज्जेणी धणमित्तो उज्जममाणस्स गुणा ३ ११८० उजेणी हथिमिचो ३ ३४२ उट्ठाणणामगहणे उज्जाणं संपत्तो . ३ १०६+ उट्ठाणाई दोसा उ उज्जाणे संपत्तो ८०५४ उडुबद्धे रयहरणं उजितसेलसिहरे ३ १७* उड्डाह कायपडणं ३ . १३७६/ उगुनिसीयतुवट्टण १४९७ उदुमहे तिरियपि य ३ १४०६ उडमुहो कहरत्तो ३ १३८४ उढुंगइत्ति अहुणा ३ १३९७ उर्दू थिरं अतुरिअं ३ ७६६ उर्दु थिरं अतुरिअं ३ १३७८ उहुं पुष्फफलाई . ११९ लाई विरसम्मी । ९० उदुस्सासो अपरकमो ८९. उष्णिय उट्टियं वावि १३१९ उपहाभितत्तो संपत्तो १३४६ उण्हाहितत्तो मेहावी ४ २७ उत्तरकरणेण कयं ६ ५८३ उत्तरकुरु सोहम्मे 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~269 Page #270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [3-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सुधाधन सूत्रांक यहां देखीए नं.अ.आ. ओ. द.पि.उ. ॥१७॥ ३५+ + ५ दीप १५८ ३४१ ५३९ ६१* ++ ३ क्रमांक + उत्तरकुरुसोहम्मे विदेहि . १७२ । उदहीसरिनामाणं उत्तरायणाणेसो .. २७ उदिा परीसहा सिं उत्तर पुव्वा पुजा . . १८४+ उदिढकयं भुंजइ उत्तरमन्दा रयणी ४०* उद्देस समुद्देसे वायण उत्तरवाचालंतर० . ४६७ उस समुइसे उत्तरवायाला नागसेण. ३ ४६८ उद्देसिों कीअगदं उत्तसई विमोहाई १५३* उद्देसियं कीयगडं उत्ताणउव्व पासिल्लडब्ब ३ ९६७ उहेसियं कीयगडं उत्ति उवओगकरणे ३ १००२ उद्देसियं समुइसियं च उत्ति उवओगकरणे . १००३ उसे निइसे अ उत्थरमाणो सव्वं . १२७४ उसे निदेसे य उदउल्लं अप्पणो कार्य ५ ३४१७ उद्देसो गुरुवयणं उदउल्लं बीअसंसर्स ५ २३३० उद्धरिय० भत्तपरिणाए उदही. वीसई कोडिकोडिओ७ १२८९७ उद्धरियसव्वसतो. के लिए देखीए ७ १२८५* उमंदमाणहिअओ ३ २३५ उप्पजंति वयंति य A ३५९ उप्पानाणरयणे ३ १८३+ उप्पण्णं नाइहीलिज्जा ३ ११३१ उप्पण्णंमि अणते . ११४४ उप्पण्णमि अणते नहुँमि १८* उप्पत्तिआ वेणइया . ७४५७ उप्पत्तिा वेणइया। ६ २२९ उप्पत्ती निक्लेवो पयं २ १३३ जप्पन्नविगयमीसग १४० उप्पन्माणुप्पन्नं कयाकयं ७ ८६ उप्पन्नाणुप्पो ८०८ सप्पलं० अन्न वा ८०७ उप्पलं पउमं वावि ९३८ ३ १७५+ 'सवृत्तिक आगम RESORTSCk ८८८ ४ ४ १७५* १७३* सुत्ताणि ~270 Page #271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [3-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८९४ ४०० ॐॐॐकाही दीप क्रमांक के लिए देखीए उप्पायद्विरभंगारपत्र उप्पावणाएँ दोसे | उप्फालगदुवाई व उन्भट्ठपरिन्नायं उम्भामिगा य महिला उम्भिज पिज्ज कंगू | उडिभन्ने छशाया दाणे उभो नहसंठाणा उभओ निम्मेसु उभओ सीससंघाणं उभयं अणाइनिर्ण उभयाइरित्तमहवा उभयेऽवि य पच्छन्ना | उम्मग्गदेसणाए चरणं ।७७ उम्मायं च लभेजा . १५११/उवभोग पडुचतोमु०३ ६ ५१४ उम्मुकपालभावो ३ ७८+ उवओगलक्षणमणाइ० . १३१७७ उम्मुक्कामणुम्मुके सम्मुंच० ३ ८२९ उवओगं च अभिक्खे ४ ६ २८१ उम्हासेसोवि सिही ३ १५८१ उवभोगंमि य लाभ ५८८ उयहीसरिसनामाणं ७ १२८७७ उवओगा नाभाको ६ ६२४ उरकंठसिरविसुद्धं २ ४९ उवक्खड भोयण माहणाणं ७ ६, ३४८ उरगगिरिजलणसागर० , २ १३१* उवगरणवस्थपाए २९ उरगगिरिजलणसागर० ५ १५९ सवगरणाईयाणं ३८+ उरभाउणामगोयं २४३ उवगरणं अइरेग . ८४१५ उल्लो सुको य दो छूढा ९८८% उवगरणमि उ जा सा १७३+ उवएस अणुवएसा ११९ उवगरणं वामे ऊरुगंमि ४ ६ ४+ उवएस अणुवएसा १२८ उबजीवि अणुवजीवी ६ ४३२ उवओगविठ्ठसारा १ ६९ उवज्झायनमुकारो एवं. ३ ३ ११५४ उबओगविडसारा ९४६ उवज्झायनमुक्कारो धन्नाणं ३ १५८+ १५७+ m.comm १७२. **************** १३६५ ३१८ ५४८ 'सवृत्तिक आगम % ॐ १००५ सुत्ताणि ~271 Page #272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [3-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां आ. ५ ४७६* . ३ ५ सूत्राधनुक्रमः देखीए ७ ११४५७ ॥१८॥ दीप * mms क्रमांक उवण्झायनमुकारो सव्व० ३ १००७/उववज्जिऊण पुत्वं उवझायनमोकारो जीव १००४ उववाओ सबढे उवट्ठिया मे आयरिया . ७२०० उवसमेण हणे कोहं उवणयणं तु कलाणं ३ २३+उबसय बाहिं ठाणं उवणिजई जीवियमप्पमाय०७ ४३१० लवसंपन्नो जं कारणं उवभोगपरिभोगवए ४३ उपसंपया ये काले उवमा खलु एस कया५ १२७ उवसंपया य काळे उवमारूवगदोसा ३ ८८४ उवसंपया य तिविहा उबरिमा उवरिमा चेव ७ १५८७७ उवसंहारविसुद्धी उवरि आयरियाण ३ १३३७/उवसंहारो देवा उवरिं गंतुं छिज्जति कसा. ७ ३०+ उवसंहारो भमरा उवरिं हेहा ये पमजि. ४ २६४+ उबसाम उवणीआ उवलम्भम्मि मिगावइ ५ ७६ उवहयमइविण्णाणो. उवलेवो होइ भोगेसु ७ ९८७० उवहिपचक्खाणेणं भंते! के लिए ४८६ SECSHRESS २८८ उबहिमि अमुच्छिए १८५ उवही उवग्गहे संगहे ३७३० उवासगाणं पडिमासु ४१+ उवेहमाणो उ परिब्वइज्जा ७२० उव्वणिऽसंसत्तेण ६६७ उबट्टिया पओसं सम्वत्तणनिल्लेवण ६९८. उब्वत्तणमप्पत्तं च उसभजिणसमुहाणं उसमपुरं रायगिहं उसभमजिभं च वंदे ११८ उसभस्स उ पारणए उसमस्स कुमारतं १८ सभस्स पुरिमवाले ३ MH देखीए . . 0000000 CASSAX 'सवृत्तिक आगम ३ ॥१८॥ ३ . सुत्ताणि २५४ ~272 Page #273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम लागि [भाग 3] नन्दी-आदि- सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ उ-कार + ऊ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ४ नंद्या० उसभस्स पुब्बलक्सं ‍ उसभस्स पुण्वलक्खं उसभस्स भरहपिउणो ३ उसमे भरहो अजिए उसभं अजियं संभव ० उसमें भरहो अजिए उसमे सुमित विजए उसभो अ विणीआए उसभी बरबसभगई उसभो बरबसभगई उसभो सिद्धत्थवर्णमि उस्ससिभं नीससिअं उसिडस्सिमो तह ४० उसिणपरितावेणं ७ 專 १ ३ ३ ३ ३ ३ ३ १ ३ ७ २७२ उसिणस्स छडणे देतओ ३०० उसिणोद्गमणुव्वचे २८८ उसिणोद्गमणुबत्ते .४१६ उसिणोदुगंपि घेप्पड़ १८* उसुआइएहिं मंडेहि ४१६ उसुआरनामगोए ३९९ उसुआरपुरे नवरे २२९ उसुमारे निक्लेवो २ ( प्र . ) उस्सा विउस्सरण ३१६ उस्सग्गेण वियुज्हाइ २३० उस्सग्गे निक्खेवो ८१* उस्सन्नकयाहारो अहवा १५५६ उत्सारिधणभरो ५६* उस्सासं न निरंभह ~ 273 ६ * ६ ६ ६ ७ 39. ३ उस्सिनिसन्नग ६२८ ३४५ उस्सीस भावणाई १८ उस्सेहो जस्स जो होइ ५५३ ४२४ ऊणगसयभागेणं ऊणगसयभागेणं ३६१ ३६६ ३५९ १५४८ १५२४ ३१ प्र. १२८१ ॥ ७३ ३ ३ ३ ३ ३ १६०७ ऊणहिय दुब्बलं वा उभण ऊसव मंडणवग्गा ऊससिअं नीससिअं ऊकार: ऊससियरोमकूषो ऊसासगणीसासग उहाए पण्णसं } ३१५५८ २३३ ४ ७ १४३७० ३ ११३० ४ ७७५ ३२७ ३ १०९१ २२५ २० ३ G ७५७* ८१४ ३ ३ ७ १+ १४७+ Page #274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ ए-कार 1 पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं.अ. आ. द.पि. उ. ॥ १९ ॥ एकार: एमवा एच दोसं दद्दणं एवं च दोर्स दहूणं एआए णं नेगम० अट्ठ० एआएणं नेगम० भंग० एआए णं संगहस्स भट्ट० एआरसे महादोसे एए उ अणासा एए उन बीसामे एए कयंजलिउडा एए खरपुढवीए एए खलु पडिस एए चउदस सुमिणे ५ ५' ५ २ २ २ ५ ६ ३ ७ ३ एए चैव भावे एए चैव दुवास २८१० २०८७ एए चैव य दोसा २३४* एए चैव विभागा ७५ एए चैव हवेच्या एए चोइस० तिसलया एए चोइस सुमिणे एए चिय पुष्याणं पुव्व० एएणऽत्रेण अद्वेणं های ९२ १२८* २० १०+ एरण भव्झ भावो '३३० एप से जैसिमो रो १४५०* एए से पाचाही चत्तारि ४३+ एए देवनिकाया ४७+ एए देवनिकाया ~ 274 ७ ४ ६ ४ ४ ३. ६ ६ ३ ३ ३ १०७९० एए नरिंदवसभा ६७१ एए नव कव्वरसा ३२० एए परीसहा सन्दे ३०२ एए पंच वयंसा १४२ ए९ पाचक बुद्धे ५७+ ५५+ | ६४ एए समणा बुत्ता एएसामन्नयरे एएसामन्त्रयरे १९३० दश्# ९४# एए व संगा समइकमित्ता ७ ७ ३ ३ ४ २८०+ २९० ४५३ एएसि जाणणा १६५ एएसि णं भंते ! णेगम० १२७६ एएसि पायगाणं ८०+ एएसिमसंखिया ३३५ ९८० ११७३* ३७० १४९९ १५०४ २ ८९ ६ ३ २१५ एएसिं० गंधओ० संठाणा० ७ S ५१ १५५१* सूत्रा धनु क्रमः ॥ १९ ॥ Page #275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत ४१३ सूत्रांक यहां देखीए ७२ प्रसार सबलाह ४ ४ ४ दीप क्रमांक के लिए देखीए एएसिं०गंधभो. . १४९८७ एएसिं विहाणाई सहस्ससो ७ १४८९० एकाणियस्स दोसा एएसिं० चेव विहाणाई . १५६६ एएसि विहाणाई सहस्ससो . १४७८० एकपञ्चं पसंसति एएसिं०व०संठाणा - १५०८० एएसिं०संठाणादेसओ .१४६४* एकवीसाए सबलेहिं एएसिं० तं ववहारिअस २ ११३७ एएसि०संपणा०विहाणाई ७ १५७५७ एकस्स दोण्ह व संकि० एएसिं०तं सुहुमस्स अद्धा० २ ११० एएम पढममिक्खा ३ ३२६ एगि उ पाउने गुरुणो एपर्सि० मुहुमस्स खेत्त० २ ११४ एएहिं अद्धभरह ३ ३६४ मिवि पाणिवई मि एएसिं तु विवज्जासे ११०१* * एएहिं अहं खइओ. . ३ १२७४. एक व दो व तिनि व एएसि पक्षण २१०७-१०८० एएहिं कारणेहि उ केह ४ १११ एकारस र गणहरा एपहिं कारणेहि ३१३ एकारसवि गणहरा सब्वे | एएसिं०मविज दसगुणिया १०९ १६१ |एपसिं०रसफासओ० एक्कासणं० अण्णस्थल एएसिरसफासओ सहस्स०७१५४२* एएहिं छहिं ठाणेहिं २५६+ एकिकोऽवि अतिविहो एएसि वन्नओ चेव ७ १४५६* एएहिं छहिं ठाणेहि ४ ५८३ एककस्स य पासंमि एएसि वन्नओ०संठाणा० ७ १६१९ एएहिं जो खजइ ३ १२७७ एकेक तं दुविहं एएसि०विहाणाई . १५१७* एएहिं विहिवाए ३ ७३० एकेकाऽविय दुनिहा -ॐॐॐॐॐॐ १५२७ एहि कारणेहि ४ १८५ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~275 Page #276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए नं.अ.आ. ६७७७मत्राचन क्रमः 666 दीप क्रमांक mur.0.00१७ के लिए देखीए एकेकीय दिसाए एकेके चउभंगो एकेको य सयविहो एकेण कयमकर्ज एको घरेइ भाणं एको व जहाणं |एको व दो व तिन्निव एग एव चरे लाढे एगो विरई कुज्जा एगओ संवसित्ता णं एगकज्वपवन्नाणं एगकजपवन्नाणं एगखुरा दुखुरा चेव | एगग्गमणसंनिभंते! CACACCCCCCC ५६१ एगग्गस्स पसंतस्स ५६८ एगच्छत्तं पसाहित्ता ७५९ एगट्ठा एयवंजण १८५ एगट्ठियाणि तिण्णि उ १८६ एगत्तं च पुहुत्तं च ४०१ एगत्ते जह मुडिं ४ ६१७ एगत्तेण साइया ७ ६६* एगस्थ होइ भत्तं . ११३६* एगदुगतिगचनका ४६६* एगनिक्समणं चेव ८५५* एगपएसोगाढं . ८६१* एगपणअद्धमासं . १५५३* एगप्पो अजिए सत्तू . ३९ एगबहूसमणुण्णाण ३ ६९३ | एगभूओ अरन्ने वा ५८९० एगमुगुंवा तूरं एग ६ १३० एगया अचेलए होई ३ १२९ एगया खत्तिो होइ १०७३७ एगया देवलोएसु १०४८ एगरस एगवणे ७ १४३८* एगविहमणाणत्ता ४ २५२ एगविहमनाणत्ता ३१६ एगविहं दुविहेणं ३ १२१६ एगविहाइ दसविहो ३ ४४ एगस्स खीरभोअण. ४ १६६ एगस्स माणजुत्तंन । . ८६९* एग किर छम्मासं दो ४ ८१ एग डसइ पुच्छंमि १४५९० . ७ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~276 Page #277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत + 4 सूत्रांक यहां देखीए ++ + C+ + दीप क्रमांक के लिए देखीए + |एगंत० अचित्तं पडिलेहि ५ १४५*। एगंते. आलोए तिणि एगंतपसत्था तिणि ७ २३४ एगतेण निसेहो जोगेम एगंतमणावाए अचित्ते ३ १३६१ एगते व विवित्ते एगतमणावाए ५९६ एग पदुच हिट्ठा तहेव एगंतमणा० दुण्णि ४ ५९७ | एग पायं जिणकप्पियाण एगतमणा० अचित्ते ६०५ एगागि गिलाणमि एगंतमणावाए ७ ११२५७ एगागिसमुसिगा एर्गतमवकमणं ६ २११ पगा जोअणकोडी पगतमवकमित्ता ५ १४०*एगा य होइ रयणी एगतरत्ते रुहरसि ७ ११९४७ एगासणं. . एगंतरत्तो गंधे ७ १२०७२ एगा हिरण्ण. एगंतरत्तो रुइरंसि . ११८१७ एगा हिरण्णकोडी एगतरमायाम . १६२५% एगुणतीस आवस्सग० एगंतसिणिद्धमी पोरिसिमेगं ६ १३+ | एगूणवन्नऽहोरत्ता ३ १३६३ |एगे जिए जिया पंच ५६ एगेण अणेगाई ५४२ एगेण वावि एस ८९९ एगेव मीसएसु ४ ६८० एगेंदियनोएगेंदिया ४ ७३ एगो अ सत्तमाए ४ १०३+ एगो काओ दुहा जाओ ३ ९३२ एगो देवस्स भागो ३ . ९७३ एगो पडइ पासेणं ५३ एगो भगर्व वीरो ८२+ एगो भयवं वीरो ३ २१७ एगो मूलंपि हारिता - २५ एगो व अणेगो वा ७ १५१४* एताइ अकुव्वतो 'ur-MGMMMMMM. + %AAAAAKRICAIGAD + + 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~277 Page #278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां नं.अ.आ. ४ लसूत्राधनु क्रमः देखीए ३ इ.पि.उ. ३ ३७ प्र० ११० २८८ दीप ॥२१॥ क्रमांक के लिए देखीए एते अकारणासंजयस्स एते उ अणाएसा एतेसि निज्जुत्ति | एतेहऽदीसमाणे - एतेहि कारणेहिं लभ्रूण एत्तो किणाइहीणं ६ एत्तो परिठ्ठवणविहिं एत्तो ससुद्धरणे एत्थ उ जिणक्यणाओ एत्व उ तइयचउत्था ६ एत्य पढमो चरिते ३ एम य थलकरणे विमाणिभो ३ भएत्व य भणिज कोई ५ एत्यं०पमाणकालेण ३ १२१ एत्थं पुण संजोगा २७१ एमेए समणा मुत्ता • ८६ एमेव अरजिणिदस्स - २५४+ एमेव अहाच्छंदे ८४२ एमेव उझियमिवि ६४३ एमेव उ ओमम्मि ३०३+ एमेव ओहिमरणं ७९३ एमेव कमो नियमा ७१७ एमेव कसायम्मिवि ३५४ एमेव कागमाई १६२३ एमेव कामविणओ १३५० एमेव गंधमि ९९ एमेव चउविगप्पो ७३३ एमेव दंसमिवि २२ एमेव पूइयंमिवि ३* एमेव वलसमग्गो २९४ एमेव भावकूडे ११ एमेव भावसुद्धी ९६ एमेव मज्झिमाए । ' २३+ एमेव मीसएसुवि २१६ एमेव य उक्कोसे ३३६ एमेव य कम्ममिऽवि १४+ एमेव य कुंथुस्सवि ४५४ एमेच य समिति ३१५ एच व जोगाणं १२१४% एमेव व निदेसे ६१ एमेव य पासवणे बारस १५+ एमेव व पासवणे गाभा 'सवृत्तिक ॐॐॐॐ आगम ५ . १४३ १४६१ ६३६ सुत्ताणि ~278 Page #279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए 5+% २३५ % दीप क्रमांक के लिए देखीए एमेव य भंगतिभ- ४ ६७३ एयम९०णमि रायरिसिं एमेव य समणीणं ३ १५०३ एयमढणमि रावरिसिं एमेव रूबंमि गओ पोसं ७ ११८८० एयमढुं०णमि रायरिसि | एमेव वाइखमए ६. ३१५ एयमझुणमि रायरिसिं एमेव विसकर्यमिवि ४ ६०३ एयमढ णमि रायरिसिं एमेव सर्पमि० ७ १२०१७ एयम९०णमि रायरिसि एमेव सेसएसुवि ६ ७३ एयमई० णमी रायरिसी एमेव सेसयाणवि एमेव सेसियासुऽवि एमेवऽहाछंदकुसीलरूवे ७ ७४८० एवम१०णमी रापरिसी एमेव होइ पुरिसो ४ ४९४ एयमझुणमी राबरिसी एवदोसविमुकं ४ १३४+ एवमढणमी रायरिसी एयरोसविमुकं ४ ५१८ एवमटुं०णमी रायरिसी एयदोसविमुकं घेत्तुं ३८९ एवमटुं०णमी राबरिसी २०० एयमह०णमी गगरिसी २५६० एवमह०णमी रायरिसी २६०० एवम१०णमी राथरिसी ७ २६८४ एवमट्ठ० निसामित्ता . २७४* एवमटुं निसामित्ता २४०७ स्थम8 सपेहाए २४६७ एवं अकाममरणं २५०० एवं किकम्मविहि .२५२० एवं घासेसणविहि २५४७ एवं चलब्विहं राग० . २५८* एवं प पब्विहं रागदोस०३ . २६४ एवं चेव पमाणं ७ २६६% एवं चेव पमाणं % ६ ४२० एयमहँ०णमी रायरिसी % ३०२+ ३४ % 'सवृत्तिक आगम % ६८४ % सुत्ताणि ~279 Page #280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ६४८ LECT ४५८ 4 ५ दीप क्रमांक ४२९ के लिए देखीए नं.अ.आ.18 एवं जहन्नमुकोसयं ३ १६४+ एयाई तीसे वयणाई सुचा ७ ३८२० एयासि लेसाणं दाएवं पहाणं एवं विलेव० ७ १४७ एयाई तु सुहाई जे खलु .. ३७८ परिसयं चिय दुक्खं एयं तवं तु दुविहं ७ ११३४७ एयाई परूवेड ५ ६ परिसे संपयग्गमि ॥२२॥ एयं तु अणाइन्नं ३४३ एयाई पावाई जे खलु ७ ३९० एलग दारगं साणं एवं पञ्चक्खाणं . १६६८ एयाओ अट्ठासमिईओ ९२३* एलावञ्चसगोत्तं एवं पडिलेहणविहिं ३३० एयाओ पंच समिईओ .. ९३९० एवण्हं थोऊणं एवं पंचविहं नाणं ७ १०६५* एयाओ पंच समिईओ ७ ९४६* एवमणुचिंतयंतस्स एवं पुण्णपयं सुच्चा . ५८१* एयाओ मूलपयडीओ ७ १२८२* एवमणुचिंतयंतस्स एवं ससलमरणं २२. एया चेव कहाओ ५ २१० एवमहं आलोइय एवं सामायारि जुजंता ३ ७२३ एया पवयणमाया ७ ९४७ एवमाइ रजा भासा एवं सामायारिं जुजता . एयारिस मम सत्तं ४ ५४४ एवमाणाय मेहावी एवं सिणाणं कुसलेण दिटुं. ४०५७ एयारिसं ममं सत्तं ६ ६३३ एवमावट्टजोणीसु एयाई अट्ठ ठाणाई ७ ९३०* एयारिसीइ इडीए ७ ७९५* एवमिणं उवगरणे एयाई चिय तिन्निवि ६ ६२२ एयारिसे पंचकुसीलसंबुडे ७ ५४६* एवमेआणि जाणिज्जा २८४है 'सवृत्तिक आगम ९९ * सुत्ताणि ३५०% ~280 Page #281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत -१०+ . सूत्रांक यहां देखीए १९६० दीप क्रमांक के लिए देखीए २०० एवमेव वयं मूढा एव य कालगर्यमी एवं अट्ठावीसइविहस्स एवं०अणगारस्स निक्खंतो एवं अदीणवं मिक्खु एवं अमिथुगंतो राय एवं अमिथुखतो. एवं उग्गमदोसा एवं उदउल्ले ससिणिद्धे एवं उस्सकिया एवं एए कहिया एवं एकेकदिणं एवं एगस्स विही एवं ककारलंभो 0200.. . ४८३ एवं करंति संबुद्धा ३ १३१७ एवं करंति संबुद्धा ३६ एवं करिति संबुद्धा ९९०* एवं करेंति संबुद्धा १९९* एवं खलु आययणं २८६* एवं खु अहं सुद्धो ८८+ एवं खु सीलमंतो ४ २५० एवं खु सीलवंतो ९२ एवं गच्छसमुई ५ १२२७ एवं गुणसमाउत्ता । ३ ७८४ एवं गेलमट्ठा वाघाओ ६ ६१७ एवं चक्खिदियनिग्गहेणं ४ ५५३ एवं च चिंतइत्ताणं ३ १०४१ एवं च पुणो ठविए .. १६० एवं चरणमि ठिओ ६९६० एवं चिय वयजोगे। २८९० एवं जाणतेणवि ७ ८३१ एवं जिवं सपेहाए ७८६ एवं तवोगुणरओ ११५ एवं वा कारणिओ ७८ एवं तु अगुणप्पेही ३ ११३२ एवं तु अण्णसंभोइयाण ११८ एवं तु अवयवाणं. . ९८१७ एवं तु इहं आया ४ ८५ एवं तु गविट्ठस्सा ७ ७७ एवं तु पुष्वलित्ते ७ ७३१* एवं तु सगुणप्पेही ४. १३२+ एवं तु संजयस्सावि BECARRARAN 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~281 Page #282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा अकारादि [ ए-कार 1 पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ २३ ॥ एवं तु संसद छिन्ने एवं तु संसए छिमे | एवं ते कमसो बुद्धा एवं ते रामकेसवा एवं धुणिचाण स एवं बेरेहिं इमा अपान० एवं धम्मस्स विणओ एवं धम्मं अकाऊण एवं धम्मं पितषम्य एवं धम्मंपि काऊ एवं नाणे चरणे सामिसे एवं नागेण चरणेण एवं पडिलेहंता एवं पपन्ने पविसभ ७ ७ . ४ ५ W ४ ४ ९१७७ एवं परिणामो साहिब ५ ९८२* एवंपि अपरिचत्ता ४ ४९१ एवंपि भाणभेजो ४ ८०९* एवं पीइविवुड्डी ७५६* एवं बद्धमवर्द्ध १४+ एवं भमराहरणे ४१७* एवं भवसंसारे ६१९* एवं नए अभिथुआ १४२* एवं माणविजएणं भंते ! ६२१# एवं माथुरलगा कामा ५९ एवं मीसजायं चरणं ६९४* एवं रुइए मंडल ० २७९ एवं उमांति दुम्मेहा २६२ + एवं लिङ्गेण भावण P 282 ४ ३ ५. ७ ७ ७ ६ ४ ६ ६६ एवं वग्गणं १४९+ एवं छोए पलिसंमि १९९ + एवं चि निग्गयस्त ११९+ एवं विजाज १०३५ एवं विजयजुस्स ९८ एवंविहा गिरा मे 8 9 ४ ४ ३९६ ६२३* ६१८ ६०४ i ७ ३. १५७४ २३* ३०४७ एवं वुत्तो नरिंशे सी ५* एवं सड जीवस्तवि ८२ एवं सड जीव० परिणा० १८९* एवं सहकुलाई १२५+ २७५ एवं सदेवमणुआसुराऍ ४. ३ १०५+ १५३ एवं समुहिए भिक्खू · ६८२* १८५+ ९८९० एवं सव्वंमिनि बन्निमि ३ १५३ एवं ससिमिद्धाए +२६ ७११* ३५ ६३ सूत्राधनु क्रमः ॥ २३ ॥ Page #283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ ए-कार 1 पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) एवं ससंकप्पविकपणासुं ७ एवं सामावारी कहिया ३ एवं सिक्खासमावनो ७ एवं से उयाहु अणुत्तरनाणी ७ एवं से विजयपोसे ७ एवं सो अम्मापियरं ७ एवं सो रुइअमई ३ ४ एवं होटवषाभो एविदित्वा य मणस्स बुग्गदंतेऽवि महातवो ० एस अग्गी अ वाओ अ एस गमो पंचवि एस परितुस्समगो सणगवेसणामग्गणा ७ ७ ७ ४ ३ ६ १२६२* एसजमजेसणं वा ७१२ एसणमणेसणि १५१* एसणासमिओ ल १७७* एस धम्मे धुवे नियए ९९०* एस पन्नासुद्धी ६८६* एसा अजीवविभत्ती ३५९ एसा अणुमाहत्या २०१+ एसा उ विही सच्चा १२५५# एसा उ हर कंड ७५१* एसा खलु लेसाणं २३९* एसा गवेसणविही ३९ + एसा गहणेसणविही १६२० एसा तिरियनराणं ७३ | एसा रयाणं ~ 283 ४ ७ ७ ७ ५ ४४८ | एसा पढिलेहणविही ८० एसा परिहवणविही ४ ३२९ ४ १७६* एसा सामा० एतो उबहि० ४ ५२६* एसा सामायारी कहिया ४ ७ ५ ६ ३ ४ १+ एसा सामायारी १४२०* एसा विसुद्धी ४ ८१२ एसो आहारविही ३ १३५१ एसो उ असन्झाओ ७ १४९ एसो उ विही भणिओ १३३१* एसो खलु सम्मत्त० ४५८ एसो दिसाविभागो ७ ४ ४ ५३९ एसो दुविहो पणिही ७ १३३८* एसो बाहिरगतको ७ १३३५* एसो भे परिकहिओ ६२३ ५६६ ८१० १०४३* ४+ ६७० १४५८ २५६ ७ ८८ ३ ५ १३५२ ३०४ ११२६* 99 ५ ३२६ Page #284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ ए-कार + ओ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ४२४७ सूत्रायन कम: F.53 दीप 6.mp. क्रमांक के लिए देखीए अ.आ.दि एसोऽवि न दिक्विज ३ १३१३ ओदइ ओवसमिए एसो सो जस्स गुणा ६ ४९१ ओदइए ओवसमिए एसो सोलसभेओ ६ ३९२ भोवइय ओवसमिए ॥२४॥ एसो हु सो उग्गतवो : ३८०%* ओदणवंजणपाणग० एहिअपारत्तगुणा ४ ६३ ओमपाहारता एहि ता भुजिमो भोगे . ८२०* ओमे संगमथेरा है एतं महिड्डियं ५६२ ओमे सीसपवास ओकारः ओमोअरणं पंचहा ओगाहइत्ता चलइत्ता ९०%23 ओयणमंडगसत्तुग० ओगाहणाइ सिद्धा ९७४ ओयणवंजणपाणग० ओगाहिमायणतर० ६४८ ओयणसमिइमसत्तुग. ओच्छाहिओ परेण व ६ ४६५ ओयरति पमाणे ओणमओ पवडेजा ४ २७२+ ओयरतं पर्य द९ ओणयपमजमाणं पहुं ४ २२४ ओयरतं पर्य दई mms. G४८ ओरन्भे अकागिणी ३ २०२+ ओरालविउब्बाहार० ७ ५५ ओरालम्गहणेणं ४ ३६० ओरालसरीरं वा ३ ७ ओसलसरीराणं ६ ४०+ ओराला तसा जे उ. ३ ११९० ओरालिअवेडब्विा० ७ ११११* ओरालियवेदव्विय० ६ ६२३ ओरालियवेउब्विय० आरालियं च दिवं ६ २०२ ओरालियाइआई. ३८+ ओवसमिए य खइए ४६२ ओवायं विसमं खाणु ६ ५१९ ओसप्पिणी इमीसे 'सवृत्तिक आगम 'mmmm ॥२४॥ moc सुल्ताणि ~284 Page #285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ओ-कार + क-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ४ . ३ ३ १४८६ ४ ३१०+ दीप क्रमांक के लिए ६ मोसहमेसयाणि म तिजोसीरहरिवेराणं ओहाषणं परेसि मोहावंता दुविहा ति ओहाविधकामोऽविय ओहासिअधुबलंमो ओहासियपडिसिद्धो ओहिनाणमुए बुद्धे X ओहिं च आइअंतिम ओहीखिचपरिमाणे ओही भवपचाओ ओहे उवग्गईमि य. ओइण उ निजुतिं आहेण विभागण य १५० ओदे पिंड समासे * + कणकुंडगं जहित्ता गं १४६ ओहो जं सामने ५ २७ कणगरययाइयाणं ११९३ ओहोपहोवगहियं ९३३ कणगा हणंति कालं . १२७ ओहो सुओवउत्तो। ६ ५२४ कपगा हर्णति कालं १२२ कइओणयं कइसिरं ३ १९१५ कत्तचि दारमहुणा १६० कइविहाणं भंते! दब्बा पण्णत्ता २ १४१ कत्तरि पओअणावेक्ख० ४२८ कइविहा णं भंते ! सरीरा प०२ १४२ कत्ततीए थूलं विक्खिण. ८३४* कइहि समएहिं ३ १. कत्तिा बहुले पंचमी २२९ ककडिय अंबगा वा १६९ कत्तिा सुद्धे तइया २७ कक्खडखेत्तचुओ वा ४ ९३ कत्ति कडं मे पावं. ५६* कढे पुत्थे चित्ते । ३ १३५ कति कर्ड में पार्व ६६८ कडए ते कुंडले य ते . . १३८ कचो कस्स व दवे २ कडपयरच्छेएणं ४ २८८+ कचो मे वण्णेर्ड २१९ 'कडिपट्टए य लिहली ३ १२९८ 'कचो मे वपणेउं . ६ ४ ३ ३ ३ ४७५ २४२ २४५ देखीए 'सवृत्तिक आगम १ ५ सुल्ताणि ६ ३ ~285 Page #286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [क-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां नं.अ.आ. सूत्राथन ० क्रमः देखीए उ. क दीप क्रमांक के लिए ६९ १०५० कत्थर पंचावयवं ५ ५० कमउत्तरेण पगर्य . कत्थइ पुच्छह सीसो ५ ३८ कममिण्ण वयणभिण्णं कन्नसुक्खेहिं सदेहिं '५ ३६०० कम्मओ णं समणोवा० ३ कप्पगरुवस्स उ ३ १३५४ कम्मगसरीरकरणं कप्पट्टिगअप्पाहण ४ २४१+ कम्मप्पयडीलेसा कप्पस्स य निजत्ति ८५ कम्मप्पवायपुग्ने सत्त. . कप्पं न इच्छिन सहाय० ७ १२५९* कम्ममवजं जं गरिहि. कप्पासिद्धिमिजा य ७ १५११* कम्मरयजलोह विणिग्ग. १ |कप्पा आयपमाणा ४ ७०६ कम्मविवेगो असरीरया | कप्पाइया उ जे देका . १५८४% कम्मसंगेहिं संमूढा कप्पाकप्पे परिणिद्वियस्स ३५८८ कम्म सिप्प सिलोए २ कप्पेऊणं पाए ४ १२ कम्मं किसिवाणिज्जाइ ३ कप्पोवगा बारसहा ७ १५८२* कम्मं जमणायरिओवएस. ३ कम्बढिग अप्पाहण६ ५७९ कम्ममि अ निक्लेवो ३ कम्माण जेण भावण ८८२ कम्माणं तु पहाणाए ४४ कम्मा नियाणप्पगडा २०५ कम्मासंकाएँ पहं मोत्तु कम्मियकद्दममिस्सा कम्मुणा बंभणो होइ ७ ९७९% कम्मुरेसिअचरिमतिग ५ _ * कम्मे सिप्पे अ विजाय ३ ७४७ कम्मोवरि धुक्यर १००० कयउस्सग्गामंतण . ४ १२२+ ९२० कयकितिकम्मो छंदेण १२+ कयपञ्चक्खाणोऽविय ३ १९८१ ९२८ "कयपंचनमुकारो करे ३ १०२६ ५३० कियराइं अट्ठ मुहुमाई ५ ३४८ देखीए ४. 456 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~286 Page #287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ क-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए २२३* ७९८% १०५ ४६९ दीप क्रमांक के लिए देखीए CBSE+ १३७ or ur G Pायरी दिसा पसत्या '४ १४० करपाय भमुहि सीस०४ २६९+कसिणंपि जो इमं लोयं ७ कयरे आगच्छई वित्तरूवे ७ ३६४ करेमि भंते ! सामाइयं ३ १ कस्स (अ)हा इमे पाणा कयरे खलु थेरेहिं ७. ३ कलमोतणो उ पयसा ४ ३०+ कस्सइ बुद्धी एसा कयरे तुम इय अदंसणिजे ७ ३६५ कलहकरो डमरकरो ३ १०८५ कस्स घर पुच्छिऊणं कयलि समागम भोयण ३ ४०२ कलहडमरवजए.. ४८३ कलड्डमरवजए . ३३९% कस्सत्ति पुच्छियमी कयाकयं केण कयं ३ १०३९ कलुसवे असई य ४ ३०८ कस्स न होही वेसो करकंडुकलिंगाणं ५९२* कल सव्विड्डीए ३ ३३५ कहणाइ अवक्खित्ते करकंडु कलिंगेसु ३ २०९+ कविट्ठ माउलिंगं च ५ १८२४ कहणाईवक्खित्ते : करकंडू कलिंगेसु ७ २६४ कविलाउणामगोयं २५२ कह सामाइअलंभो करच्छिन्न असुइंचरणे २४५+ कविलो निश्चियपरिवेसि. ७ २५४ कह चरे मिक्खु ! वयं जयामो? करडुय भत्तमलद्धं ४६४ कसायकुसीलो उवरिं७ २८+ कह चरे कह चिढे करणतिए जोअतिए ५ ३४१ कसायपञ्चक्खाणेणं भंते! ७ ५. कहं धीरे अहेऊहिं . करणसच्चे थे. भंते! ७ ६५ कसाया अग्गिणो बुत्ता ७ ८८४* कहं धीरो अहेऊहिं करणे भए अ अंते ३. १०२८ कसिणं केवलकप्पं ३ १०९० कई नु कुजा सामणं + १०४० ३९८ ३८%* 'सवृत्तिक आगम ५९८* सुत्ताणि ~287 Page #288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ क-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ७ सत्राधनु ६४९* काउन्सम्ग मुक्खपह० १२९* काउस्सग्गे जह सुवियस्स २९८ काउं पडिग्गहं करयलं मि ३९४ कार्ड हिभए दोसे ३ ३ . १९९४ १६४८ २७३+ १९९७ ३६+ ४०४ %AA% दीप ४०. काऊण पगडतं क्रमांक ७ ५ के लिए नं.अ.आ. ५. १९८ कंदतो कंदुकुंभीसु कहिं पडिहया सिद्धा ३ ९५८ कंवं मूलं पलंब वा . १४२८० कंदाई सञ्चित्तो तकंचुयपदज्जुणमि अ हत्थो . ३५८ कंपिल्लपुरवरंमि कंटगतेणा वाला ७४+ कंपिल्लपुराहिवई कंटगथाणुगवालाविलंमि १९७ कंपिल्लम्मि य नयरे कंटगमाई य आहे ४ २५०+ कंपिल्लं गिरितडगं कंडियतिगुणुका - १७१ कंपिल्ले नयरे राया अभत्तच्छंदो ८४ कंपिल्ले मलयवई तामि ताव पेलु ६ ३५+ कंपिले संभूओ कतारे दुभिक्खे ३ २५४+ कंसेसु कंसपाएसु कतारे तुम्भिक्खे ५. ११२ काउसग्गेणं भंते ! कंदप्पकोकुईया ७ १६३५* काउस्सग्गंमि ठिो कंदप्पमामिभोमं ७ १६२८* काउस्सगंमि ठिओपिते RECEMARALA ४४२ १०९+ देखीए ८३९ ४०८० काऊण तवचरणं ३४२ काऊग क्वचरणं बहूणि ५४८० काऊण नमोकार ३४. काऊणमणेगाई जम्म० १०७० काऊण य अभिसेअं २५९० काऊण समणरूवं २६ काऊण य सामनं ३२प्र० काए उस्सगंमि य ५१३ काएऽवि व अज्झप्पं ६६+ ३६७ 'सवृत्तिक ५ ७ ३ ४ ॥२६ आगम २३२+ सुत्ताणि १५६७ % ~288 Page #289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ क-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १४९१ १४८४ ८८३ दीप क्रमांक के लिए देखीए ३१० काए सरीर दे ३ १५४३ काथठिई सहयराण . १५६५* कालचउर्फ नकोसएण . काओ कस्सइ नामं ३ १५२८ कावठिई थलथराणं . १५५९* कालचउके णाणत्तगं कागसियालक्खाइयं ४ ५९३ काथठिई मणुयाणं ७ १५७४* कालचउके नाणत्तयं कामं उभयाभावो ३ ११४६ कायवइमणो तिमिड६. २६+ कालजतिच्छविदोसा कामं चरणं भावो ३ ११५२ कायसमाधारणयाए णं भंते . २ कावपडिलेहणाए णं भंते! . कामं तु देवीहिं विभूसि० . ११७१ कायसा वयसा मत्ते . १३७७ कालपुरिसे व आसज ४ कामं देहावयवा ३ १५०६ कायस्स उ निक्खेवो ३ १५२६ काळमकाले सण्णा . कामं भविय सुासु ३ १५३५ कायस्स फासं गहणं . १२२९० कालमणतं च मुए कामं सर्य न कुव्वर ६ १११ कार्य वायं च मणं च ५ १३६ कालं उंदोवयारं च ५ कामं सुओषमोगो ३ १४३६ कायाण छक्कजोगाण. ३ +४५ कालाएँ सुण्णगारे कामाण उ णिक्खेवो . २०८ कारणअविभागाओ ५ ४५+ कालियसुय अणुओगस्स १ कामाणुगिद्धिप्पभवं खु दुक्खं ७ ११७४* कारणकञ्जविभागो ३ ११६८ कालियसुर्य च इसिभासियाई ३ कामो चउवीसविहो ५ २६१ कारणविभागकारण ५ २२७ कालीपव्वंगसंकासे कायगुत्तवाए ण मंते! ७ ६९ कारणिअहवपेसे -४ ७६ काले चउण्ह वुड्डी १ ४३५१ ४७६ 'सवृत्तिक आगम १२४x ५१* १४ सुत्ताणि ~289 Page #290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [क-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए नं.अ.आ. ओ. द.पि. उ. ॥२७॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए काले चउण्ह वुड्डी कालेण असंखेणवि कालेण को कालो कालेण कालविही रजरिटे कालेण णिक्खमे भिक्खू कालेण निक्खमे मिक्खू काले तिपोरिसिऽह व | काले य पहुप्पंते | काले विणए बहुमाणे कालेऽवि नस्थि करणं कालो अनालिवाइहिं कालो जो जावइओ . | कालोऽवि सोषिय जहिं कालो सब्झा य तहा ३ ३६ कालो संझा य तहा ३ १४७३ किइकम्माइविहिनू३ १७११|शास्त्राधनु३ ५७५ कावालिए सरक्खे ३ १३०२ किगंतो कइओ होइ ७ १३६६% क्रमः ३ ७२९ कावोयनीलकाला ३ ।१४ किण्हचउद्दसिरत्ति ७ २०० ७ ७७२* कावोयनीलकाला ३ ।२५ किण्हाइया उ लेसा ६ ३०+ ७ ३१ कावोया जा इमा वित्ती ७ ६३३० किण्हा नीला य काऊ य . १२९४७ ५ १६३० कासखुअजंभिए मा हु ३ १६०८ किण्हा नीला काऊ७ १३४७७ ३ १४४८ कासवगुत्ता सब्बे ३ .३९४ किण्हा नीला य रहिरा य ७ १४४५* ४ ५१९ काही उ कहेइ कई ४ २२४+ कित्तिअरोहिणिमिगसिर० २ ८६* ५ १८६ काहुउबिहे नेगम० ३१७७+ कित्तिववंदियमहिआ ३६ ३ १०३० किइकम्मस्स विसोही ३ २५२+ कित्तेमि कित्तणिजे ३ १०८८ ५ ६२ किइकम्मं च पसंसा३ १२०४ किमिणो सोमुंगला व १५०१* . १९७ किइकमजे जे विरईठाणा ३ १२०६ किरियं अकिरियं विणयं ७ ५७०* ॥ २७॥ ३ ।३८ किइकम्मपि करितो ३ १२१७ किरियं च रोयए धीरो ७ ५८०* ४ ६४७ किइकम्मंपि०बत्तीसामन० ३ १२२४ किरियासु भूयगामेसु . ११४६* 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~290 Page #291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ क-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए %-565 ४३१* ।६२ ६०४ ६४० ६२४ ६०० दीप क्रमांक के लिए देखीए किलिन्नगाए पंकणं . ८४ कि? जीवो तप्परिणओ ३ ८९२ किं पुण जे सुभग्गाही ५ किवणेसु दुम्मणेसु य ४४९ किं तवं पडिवजामि? ७ १०४१० कि बाहुणा ? सव्वं चिय३ किं० अथित्तिसंसओ तुझं ३ ६२० किं तं आहाकम्मति १ ६ १६० कि मणि अस्थि कर्म ३ किं०अस्थि न अस्थित्ति ३ ६३२ किंतु(ति)ह खद्धा मिक्खा ६५२६ कि मण्णे निव्वाणं ३ किं अद्विइत्ति पुच्छा ६ ५१० किं दुक्खिं जायइ? ५ १०२ किं मन्नसि संति देवा . ३ कि० इहभवंमि सो तारिसो ३ ६१६ किं देमित्तिनरवई ४ ३८६ किं मन्नि अस्थि जीवो ३ [किं कइविहं कस्स कहिं २ १३४* किं न ठविजइ पुत्तो ६ ५०९ किं माहणा! जोइ समारभंता [कि कइविहं कस्स कहिं ३ १४१ किंनामे किंगुत्ते कस्सट्टाए ७ ५६८* कि मे परो पासइ. ५ किं कय किं वा सेसं ४ २६३ किंनु गिही रंधती ५ ११० कि. याणसी तेसिमो अत्यो ३ किं कारणं चमढणा २३८ किं नु भो अज मिहिलाए ७ २३४४ किं लोइअकरणीओ कि कीरउ ? जं जाणसि ४ ३७+ किं १०परलोगो अस्थि ३ ६३६ किं वा कहिज्ज छारा ६ किं च दुमा पुष्फंति १०४ किं०पंच भूया अस्थि६ ६१२ कीयगडंपि य दुविहं किंचिश्च भरहकाले ३०+ किं पिच्छसि साहूर्ण३ १०११ कुइयं रुइगीयं |किंची सकायसत्थं २३३ किं पुण जयणाकरणुज० ४ ४९+ 'कुइयं रुइगीयं ६२८ CRICORMACROS ३१४ 'सवृत्तिक आगम ५१४* ५२१% सुत्ताणि ~291 Page #292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ क-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्राघक्रम ३३४ ४६२ दीप क्रमांक के लिए ७२ SANSAR Pाड-रह-विळपत्ते कुकुडिअंड अहवा है कुकुडिअंडगमित्तं कुकुडे सिंगिरीडीय कुट्टगं नाम उजाणं कुस्स कुणइ छि कुणओ व पसत्थालंब कुप्पक्यणपासंडी कुप्पहा बहवे लोए कुमारए नई मेणे कुरुमंदरआवासा कुलए पउभागस्स कुहागबहुलपायस कुसग्गमिचा इमे कामा ७ ३५७ कुसग्गे जह ओसबिंदुए ७ . २८६+ कुसमुट्ठी एगाए अव्वोच्छि०३ ४ २७९+ कुसं च जूर्व तणकट्ठमगि . . १५२०* कुसीललिंग इह धारहत्ता . ८३९* कुसुमाणि पंचवण्णागि ६ ३०३ कुसुमे सहावफुल्ले ५ ३ । १२ कुहाडपरसुमाईहिं • ८९४* कुंथुपिवीलिउईसा ८९१० कुंथु अरं च महिं ८७ कूडउवमाइ केई १४४ यंते अन्भत्थण ४ ४ कूवतो कोलसुणएहिं . ३ ४७४ के इत्थ खत्ता उवजोइया वा . ७ २०१७ कई एकोकानिर्सि ४ २९१० कई एकेकनिसि संवा० । १३३५ केई तेणेक भवेण । ३९७० केई भणंति पहिए ७४१ केई भणंति पुर्व १००+ केण अब्माहओ लोओ . १२९ केणति नत्थि आया ५ ६६६७ के ते जोई के व ते जोइ० . १५१०* के ते हरए के यते संतितिस्थे । * केरिसो वा इमो १०१ केलासभवणा एए ६ २१+ केवलणाणित्ति अहं ६५४७ केवलणाणेणऽत्ये ३७६७ केवलमाणुवउत्त जाणती ३ ३६५ 'केवलनाणेणध्ये ४०३ *SABASANARACK देखीए ८४२७ ४५२ 'सवृत्तिक आगम ७५० ७८ ९७८ सुत्ताणि ६०%2 ~292 Page #293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [क-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए २५३ १०८ दीप क्रमांक के लिए देखीए केवलिणो तिषण जिणं केवलिपरिसं तत्तो केसाई उवरयणं केसि एवं बुवाणं तु केसिंचि हुंति अमोहा केसी कुमारसमणे केसी कुमारसमणे केसी कुमारसमणे केसी गायइ महुरं केसीगोअमओ निश्चं कोहल आगमर्ण को कारओ करतो कोटग सभा व पुवि कोर्डिपि देमि अजेत्ति 0660666060 ५५९ कोडीकरणं दुविह ३०१ कोडीकरणं दुविई १६१+कोडीवरिसचिलाए ८६२* कोडीसएहिं नवहि र १४३३ कोडीसहियमायाम ८४० कोत्थलगारिअघरगं ८४९ कोहवरालगगामे ८४६* कोलाहलगन्भूतं ५४*कोलइरे वत्थव्यो दत्तो ९१९ कोल्लयरे वत्थव्यो १९० को वा से ओसहं देह १०४६ कोवो वडवागन्भं २०१ कोसंविए सयाणीओ २५७ कोसंवियऽजियसेणे ५ २+ कोसंबीए सिट्ठी आसी ७ ६४०१ कोसंबी-कासवजसा ३ १४०७ कोसंबी चंदसूोयरणं ३ ३ (प्र.) कोसंबीजण्णदत्तो. . ७ १६२७* कोसंबीनाम नयरी ४ २९३ कोहविजएणं भंते! ६ १६२ कोहं च माणं च नहेब मायं ७ १२५ ७ २३२* कोई माणं च मायं च ५। ,६ ४२७ कोहं माणं मायं लोहं च ५ १०६ कोइंमि उ निग्गहिए ३ ७ ६७९* कोही वा जइ वा हासा . ६ ४३+ कोहे माणे माया ५ ३ ५२० कोहे माणे मायालोमे २ ३ १३८३ कोहे माणे य माया व ७ ९२९ 'सवृत्तिक आगम ३ ४ ७ सुत्ताणि ~293 Page #294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ क-कार + ख-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ २९ ॥ उदय कोहो अ माणो अ कोहो पिईं पणासेइ कोहो माणो माया लोभे कोहो व माणो य वहो य जेसिं ७ कोंकपारूवविवण ४ खकारः ५ ५ सइयंमि बट्टमाणस्स खज्जूरमुद्दियरसो खड्डयाहिं चवेाहिं खणमवि न खर्म काउं खणमवि न खमं गंतु खणमाणी आरभए खणमित्तसुक्खा बहुकालदुक्खा ७ स्वर्णपि मे महाराय ! ७ ३ ७ ७ ३ ४ ६ ३७४* खत्तिअकुंडग्गाम ३७२* खत्तियगण उग्गरायपुत्ता २४१ खद्धादाणिअगामे ३७२७ खद्वे निद्धे य सवा २३३+ खमए अमचपुत्ते | खमगाइकालकज्जा ० ७३५ खमगाइ कालकजाइएस खमणे य असज्झाए १३०६* ३८* खमावणयाए णं भंते ! ११३३ खरअयसिकुसुंभसरिसव ० ७६८ खरकम्मिश्रवणियगा ५९० खरक रुसाइचेयण ० ४५३* खरवाय कलंकलिया ७२८ खरिया तिरिक्खजोणी ~ 294 ३ ७ ४ ६ १ ६ ३ ७ ४ ४ ३ ३ ४ ५२+ खलुंका जारिसा जुज्जा ५०२७ खलुंके जो उ जोएइ ८७+ खबगे अमचपुचे १८८ खर्वति अप्पाणममोह ० ७३ खविता पुन्बकम्माई ३७१ खविता पुष्वकम्माई ५२ खवित्ता पुष्वकम्माई १३४७ खंडंमि मग्गिअंमि अ ३१ खंडिय विराहियाणं ४०७ खंती अ महवज्जव २१९ खंती मद्दवऽजय १५४७ खंती ए णं भंते ! ५०४ खंती य मद्दवज्जवमुत्ती ७६७ खंधकरणीय चउत्थ ७ १०५१० ७ १०४६* ३ ९५० २७६* ३१* ९९१ १०९६ ५ ५ ७ ७ ४ ३ ५ ७ ३ ४ ३७४ १६०४ २५० ३५१ ६० +३ ३२०+ सूत्राधनु क्रमः ॥ २९ ॥ Page #295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ ख-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) संधाय खंधदेसा य संचेसु अ दुपएसाइएस खाइता पाणियं पाडं ३ खामेमि सब्वजीवे खिश्वलयदीवसागर० खिति चणय उसभ कुसमां खित्तस्स नत्थि करणं वित्तंमि जंमि खित्ते वित्तं वत्यु हिरणं च खितं वत्युं हिरण्णं च खित्तस्स अवद्वाणं ३ खिचाणि अम्हं विइयाणि लोए ७ खिप्यं न स सफेद विवेगमेडं ७ खीर दहि जा उ कट्टर ६ ७ ७ १३८३* | खीरद हिमाइयाणं १८७ खीरदहिसप्पिमाई ६८१* खीरदहिसूवकट्टरलंभे ८* खीरदहीवियडाणं । ५४ खीर दुमद्देहपंथे १३८१ खीरदुमद्देद्वपंथे ३१०२९ खीरमिव जहा हंसा १०८४ खीराहारो रोबइ १११* खीरे व मञ्जणे मंडणे ६१६* खुडलविगतेणा ५७ खुट्टलियाए असई ३७१* सुरेहिं तिक्खधाराहिं १२४# खुहं पिवासं दुस्सि ६२५ खुद्दापिवासासी उन्हं ७ ७ ७ ३ ३ ३ ~ 295 ४ ७ ६ ३ ४ ६ १ ६ ६ ४ ४ ७ ५ ३ १४५+ | खेत्तदिसाका लगइ ११२३ खेतं कालं पुरिसं ६३७ खेत्तं तिहा करेता १७०४ खेत्तंमि अपुब्वंमी ३४० खेत्तंमि अवक्रमणं १२ ४५* खेत्तं वत्थू धणधन्नसंचओ खेते काले जम्मे ४१२ खेत्ते काले व तहा ४१० खेते समाणदेसी काउंमी २१३ खेमेण आगए चंप २३४ खेमेणं संपत्तो सो ६६२* खेय विणोओ सीसगुण० ३६१* खेडगमगलेच्छा ० +३४ खोडयमाणवेलाढ ५ ४ ४ ५ ७ ३ ७ ६ ७ ७. ३ ६ ४ ८०४ २१७ १४६ १२०+ ५६ २४२ ६४२ ४७ १४० ७६३* ४३५ ५८८ २१० २७० Page #296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ ख-कार + ग-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए अ.आ. सूत्राधनु ५ ४२ क्रमः द ३ ५४+ दीप क्रमांक ३ ४६+ के लिए देखीए खोम कुंडलजुअलं ३ ६७+ गणहर आहार अणुत्तरा ३ ५७० गमणे पमाण उवगरण गकार: गणियाघरम्मि इको ७ १०२ गम्मपसुदेसरजे गइआणुपुब्बी दो १२ गणिसदमाइमहिओ३ १५१० गयउरसिज्जसिक्खु० गइदिए य काए गत्तभूसणमिट्टं च ७ ३१४ ५२२% गय० गइ नेरइयाईया ३ ६८ गभगए जं जणणी ३ १०९४ गय० गइलक्खणो उ धम्मो ७ १०६९७ गभगए०सुधम्मत्ति तेण ३१०९८ गयवसहसीहमिसे. गइ सिद्धा भविआया ३ १९८+ गम्भवतिया जे उ ७ १५६८* गयसीसगणं ओमे गइ सिद्धा भवियाया ६६२ गर्भमि पुब्वकोडी २ ११२* गरविस अडियकंटय गच्छस्स परीमाण १०२+ गमण मणुष्णे इयरे ४ ३०४ गरहावि तहा जाई गच्छंमि एस कप्पो १२३+ गमणं च दायगस्सा ४७६ गरिहणाए णं भंते! गच्छंमि केइ पुरिसा ४ ४४९ गमणागमणविहारे ३ १६३० गलेहिं मगरजालेहिं गच्छेज को णु सव्वे ४ ३२+ गमणागमणुक्खेवे ६ २२७ गवासं मणिकुंडलं गजं पजं गेयं चुणं ५ १७२ गमणागमणे गहणे ४ १९४+ गविसणगहणकुडंग गण काए अनिकाए २ ५* गमणे आवस्सियं कुजा ७ ९९६* गवेसणाए गहणे य 0000 ४४८१ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ९३१* ~296 Page #297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ग-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ५ २६४* ३ १५८० ४ १४३+ ४ १४ ४८६ दीप क्रमांक के लिए देखीए है गहणं वप्पढमवया गणं नईकुडंग द्रगहणे पक्खेवंमिय * गहणेमु न चिट्ठिजा गहियमि अड्डरते गंगाए दोकिरिया गंगाओ दोकिरिया गंडी गली मराली 8 गहुँ दुचकमूलं है गंतुं विजामवण गतूण आवणं सो. गंतूण गुरुसकासं गंतूण गुरुसमीवं गंतूण जोअणं जोअणं ३. ७०२ गधो जे भवे दुम्भी ३४८ गंधमो जे भवे सुम्भी ४ २८७+ गंधो परिणया जे य ५ ३.४५७७ गंधवदिसाविजुक्छगजिए ३ १४९३ गंधवनागदत्तो इच्छह १६६ गंधस्स घाणं गहणं ३. ७८० गंधंगमोसहंग ६४ गंधाइगुणसमिद्धं - ३८५ गंधाणु ६. ४९६ गंधाणुवाए. ६. १९९ गंधारे गीतजुत्तिण्णा ४ ७९८ गधे अतिते ४. १५८ गंधे विरतो. ३ ९६४ गंधेसु जोगेहिं - १४०१० गंभीरविजया एए ७ १४००० गाढालंबणलग्गं १३९०७ गाम० खायंतियरे ३. १४३१ गामदुवारभासे ३. १२०० गामब्भासे पयरी ७ १२०४ गामागविहेलगजक्ख ७ १४४ गामाण दोण्ह धेरै ६. २४४ गामाणुगाम रीयंतं ७. १२०८७ गामायारा विसया ७ १२१३७ गामे गंतुं पुच्छे २. ३४* गामे नगरे तह राय. ७ १२१०० गामे परितलिअगमाइ ७ १२१५७ गामे य कालभाणे - १२०५७ गारवर्पकनिबुडा ६ ६२%23 ३ २३३ २४९ १११३* ४८९ 548-2564GIMG- 2450-* 'सवृत्तिक आगम ACANC-Stes ६ था. २१९ सुत्ताणि 3 ~297 Page #298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ग-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ४९०. १०६६* सूत्राद्यनु'कमः . व.उ. दीप क्रमांक के लिए SANSAMASAN गारविए काहीए गारवेसु कसाएसु गारत्थियभासाओ गावी महिसी उट्ठी गाहासोलसएहिं गिण्हइ णाम एगस्स गिण्डइ य काइएणं गिण्हणकवृणववहार०६ गिण्इंते य अदिण्णं गिद्धाइभक्खणं गिद्धपिट्ठ. | गिद्धोवमे य नचाणं | गिम्हासु तिण्णि पडला गिम्हासु पंच पडला गिम्हासु हुंति चउरो ४ ४१४ गिरि नहेहिं खणह . ३८४* गुणसंथवेण पुचि ६ ६९१७ गिरि रेवययं जंती ७ ८१५* गुणाणं आसवो दव्वं ७ २७०+ गिहवासं परिश्चना १३५४% गुणाहिए वंधणयं ५ २५९ गिहवासे अट्ठारस २८८ गुणिउनुगइत्ते ७ ११४७* गिहिणो जे पव्वइएण ५०३* गुणेहि साहू अगुणेहिऽसाहू ५ ३ १३४४ गिहिणोऽवि सयारंभग० ५ ३३८ गुम्मिा भेसण समणा । ४ ३ ७ गिहिणो वेआवडियं ५ २२ गुरु गुरुणा गुरु लहुणा . ६ ३८१ गिहिणो वेआवडिन ५ ५०८% गुरुग्वेण व पिहिनं ४ ३ +२५ गीयस्थपरिग्गाहिब ४ ३८३ गुरुपचक्खाणगिलाण. ४ ४ १२२ गुरुपचक्खाणिगिलाण०६ ७ ४८७* गीयस्स का हवइ जोणी? २ ४३* गुरुपरिओसगएणं ३ ४ ६९९ गुणनिप्फनं गोणं १+ गुरुमिह सययं पडिभरिब ५ ४ ७०१ गुणभवणगण १ ४० गुरुमूलेवि वसंता अनुकूला ३ ४ ७०० गुणसंथवेण पच्छा ६ ४९२ गुरुसाहम्मियसुस्सूसणयाए ७ २०२ ५६२ २५९+ ३५७ देखीए CCE .३३ ॥३१॥ ७०९ । ४५३* 'सवृत्तिक आगम १८ सुत्ताणि ~298 Page #299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ग-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत ३ सूत्रांक यहां देखीए ७ १४४८% ३ ७४५ ७७* दीप क्रमांक के लिए देखीए गुम्विणि गम्भे संघहणा र ४ २४६+ गोठेंगणस्स मज्झे गुम्विणिगम्भे संघट्टणा६ ५८६ गोविनिउत्तो धम्मी गुत्रिणीए उवण्णत्वं ५ : ९८* गोणाइ कालभूमीइ गूढायारा न करेंति . ६ २०६ गोणादि कालभूमी' गेम्हासु तिन्नि पडला गोणीचंदणकथा गेरुअ-वनिअ-सेटिभ ९३* - गोणीहरण सभूमी गेलनकजतुरिओ . . '४२८ गोणे महिसे आसे गेलग्ननियमगहणं ६१४ गोण्णसमयाइरित्तं गेललाइ अबाहा पुच्छिय गोण्णं समयकयं वा. गोअमकेसीओ अ गोण्णं समयकर्य गोअमो पडिरूवनु ८४६७ गोवासिङ महुगए गोअरग्ग०निसिज्जा जस्स ५ २६५ गोनं नामं तिविहं गोअरग्गपविट्ठो अ ५ ७८ गोभूमिवज्जलाढे गोअरगपविट्ठो अ ५ १६७# गोमहिसियासीर २१२+ गोमहिमुट्टिपसूर्ण ६ २४५ गोमिजए य रुयगे २८५० गोयमनामागोयं. ६४४ गोवममाई सामाइयं १३६ गोयरग्गपविट्ठस्स गोयरमभिग्गहजुयं ४६४ गोयं कर्म दुविहं ४ ३३४ गारा गाय गोरी गायति महुरं गोवपओ अच्छेत्तुं ३ ४४३ गोबनिमित्तं सकस्स ३ १६९९ गोवालए य भयए ३ ४९१ गोवालो भंडवालो वा ६ १३२ गोसमुहणंतगाई . ७ + १२८०* ५५* ३६८ 'सवृत्तिक आगम . ३ ८२७* १५९६ सुत्ताणि ~299 Page #300 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [घ-कार + च-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ने.अ.आ. ओ. सूत्राचनक्रमः द.पि. उ. ५८३ दीप ॥ ३२ ॥ 45 क्रमांक ACCHCCCCCCC 4-9- घकार: |घासेसणा य एसा कहिया ४ ३०१+ चइत्ता० चकवट्टी महिली . ५८५* | घाइतलिअदंडग ४ ९९ पित्तुं च सुहं सुहगुणण. ३ ९१ चइता० चिचा य उत्तमे ७५८८%2 घडगाइपलोट्टणया ४ २७५ चित्तूण पुंडरीअं २९५ चइचा भारई वासं घडपडरहमाईणि उ ३ १००९ चित्तूण० वामगहत्थेण ३ ७४- चइता विपुलं रजं घणउदहिषणवलया ६ १७ चित्तूर्ण संकलं सो ३ ७२ चउकारणपरिसुद्धं पण उदही घणवलया ४ ३४४ घुटुं च अहोदाणं ३ ३२१ चउकोण भाणकणं घगवद्धमाणपव्वा ४ ७३९ घेत्तब्धमलेवकडं ६१३ चउ चरणपइट्टाणा पण मूले धिरं मझे ७०८ घेत्तुं थिरं अतुरि ४ १६०+ चउण्हं खलु भासाणं ५ घयसत्तुयदिढतो घेप्पइ अकुंचियागंमि ६ ३५६ चउत्थीए पोरिसीए घरकोइलसंचारा घोडगलयाइखंभे ३ १६४३ चउदसपुवी जिणकप्पिएसु ३ १६६९ घंसेऊणं तिम्मण घोरासमं चइत्ता णं ७. २६९० चउदस य सहस्साई ३ २५९ घाणस्स गंधं गहर्ण ७ १२०३२ चकार: चउद्दस सागराई ७ १५९९% पाणिदियनिग्गद्देणं भंते! ७ ७८ चइऊण देवलोगा३ १४८ चतपणं पण्णारस पासेसणा उ भावे ६. ६३५ चइऊण देवलोगाओ ७ २२८* चउपण्या अयरामं ३ १२५० के लिए देखीए १०२७* 'सवृत्तिक आगम ॥३२ सुत्ताणि ~300 Page #301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [च-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ___३०प्र० दीप क्रमांक के लिए देखीए MCDSMSRLMDOCTOR चउप्पया य परिसप्पा चउभागऽबसेसाए चउरंग दुलर्भ मच्चा चउरंगिणीप सेणाए चठरंगुलपइहाणा चउरंगुलमप्पत्त्रं जाणु चउरंगुलमुहपत्ती चउरंगुलमुहपत्ती चउरंगुलं विहत्थी चउरासीइ विसत्चरि चउरासीई बावत्तरी चउरासीई वावत्तरी चउरासीई विसत्तरि चाउरिदियकायमगओ . १५५२७ चरि दिया उजे जीवा . १५१८०चउबिहा० आधारसमादी २० ६५ चरिंदियाण मक्खिय० ४ ३६८ चउठिवहा तवसमाही . १९४० चउरिदियाण मच्छियपरिहारो ४९ चउब्धिहा. विणयसयाही . ७९४० चउरुङ्कलोए य दुवे . १४२७७ चवविहा खलु सुअसमाही ५. ७६४ चउरो आइलामबहकमा ६ १७९ चढविहेऽवि हारे ६३०* . २६६+ चउरो य हुँति भंगा १७०८ चउसुवि गईसु ३ १६४२ चउरोऽवि तिविहजोगे ३ ८२० चउसुवि गतीसु णियमा । ११ चउरोऽवि तिविहवेदे ८१८ चउहा खलु आहरण होइ ५ । १ ७१२ चउरो साहस्सीओ ३ ३१५ चउहि समरहिं लोभो ११ ३ ३०३ चवीसइत्थयस्स उ ३ १०६७ चकपुरं रायपुर ३ ३९५ चउवीसत्थएणं भंते! चक्कायरंमि भमाडो ४८३-१०७+ ३ ३०४ चउवीस सागराई १६०७* चकवट्टी महिडीओ ७. ४०९* ३ ४०५ चउवीसंति य संखा ३ १०८९ चकिदुगं हरिपणगं ३ ४२१ . ३०१ चवीसा चवीसा ५ २५३ चके थूमे पडिला 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि - 301 Page #302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ च-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं.अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ ३३ ॥ चक्खुमचक्खू ओहिस्स चक्तुम जसमं च चक्खुसा पडिलेहिचा चक्रस रूवं गहणं चतपुत्त कलत्तरस चत्तारि अट्ठ दस दो ७ ३ ७ चत्तारि गाडयाई चारि दुबाउस अट्ठ चत्तारि दो दुवास चत्तारि पडिकमणे ७ ७ . चत्तारि अ तीसाई चत्तारि अ रयणीओ चत्तारि उ अणुओगा चरणे ४ चत्तारि उपन्नासे 쿠 ५ ३ १ १२७२ १५८ ९३४ चत्तारिय गिहिलिंगे ११७७* चत्तारि लोगुत्तमा २४२ चत्तारि वमे सया कसाए चत्तारि सरणं पवज्जामि चत्ता होति गिलाणा चत्तारि परमंगाणि चत्तारि मंगलं अरिहंता १८* २६१ ९७२ 4+ चम्मति नहरोम ० ८४ ४७ ८४ चरगमरुगाइ आणं चरणकरणालसंमि य चरणपडिवत्तिहे १६२८ चरणविहिं पवक्खामि १२१३ चरणे को दबे ~ 302 19 ३ 19 ५ ४ ६ ५ ४ 19 ७ ९५* चरमे नाणावरणं ३ चरंतं विरयं लूई १४२५* चरिअं च कपिअं वा ४. चरितमायारगुणन्निए ४६६* चरित्तमोहणं कम्मं ५ परित्तसंपन्नयाए णं भंते ! चरिमसरीरो 'साहू चरिमाए संदिट्ठो १२९+ ३६९ ५० चरिमे परिताविय० ३३३ चरियं च कप्पियं वा २९५ ७+ चरिया व विचित् ११३५* चरे पयाई परिसंकमाणो ३८३ चलकुडपडणकंटगविलस्स १२६ ५४* ५ ५३ ७ ७५०* ३ ७ ७ ७ 29 ४ ४ 譬 ४. ७. ७ ४ १२७६* ७५ २९०. ३१+ १४९ ६३० ५४२ २३ १२१* ४६५ सूत्राधनु -क्रमः ॥ ३३ ॥ Page #303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ च-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) चलचवलभूसणधरा चलणाहण आमंडे चलणाहव आमंडे चलनंकम्मगई खलु चलमाणमणकंते सभए चवेडमुट्टिमाईहिं चंदजस चंदकंता चंदजसा रायगिद्दे चंदणगेरुयहंसगम्भ चंदप्पभा य सीआ चंदाइचगहाणं पहा चंदा सूराय नक्खत्ता चंदिमसूरुवरागे चंदेसु निम्मलयरा १ ३ ४ ७ ૨ ३ ३ ७ ३ ९९+ चंद्रोदयं च सूरोदयं ७४* चंपाइ पुण्णभनि ९५१ १२२ पाए कोसियचो चंपाए पालिए नाम ३३ चंपाए मित्तपभे धण० ६६७* चंपाए सत्यवाहो १५९ चंपाऍ सुनंदो नाम १४०० चंपाए सुमणुभद्दो १४४९* चंपा छर्णमि पिच्छामि ९२ + चंपावासावासं जखि १११३ चाउलामो अ जो धम्मो १५८० चाउलामो अ जो घम्मो १४३४ पाउम्मासियबरिसे ७* चाउम्मासियवरिसे ~ 303 ७ ७ ६ ७ ७ ३ २१२ चाउलोदगंपि से देहि २८६ चाउलोयगमाईहिं जल ० १३९० चाणकपुच्छइट्टाल० ६ ३ ७५९* चारणआसीविस० १३९९ चालिन बीमे य ४३१ चिक्खिडवालसावय ११७ चिचाण धणं च भारियं चिथा दुपयं च चउप्पयं च ७ ४८२ चिचा रहं पव्वइभो ५२३ चिण्हट्टा उवगरणं दोसा . ९३ ७ ८४३* चित्तवहुमीए ८५४* चित्तभित्ति न निज्झाए २३६+ चित्तमंतमचित्तं वा २३७+ चित्तमंतमचित्तं वा ३ ३ ४ १६७ १३१७ ४६+ ५ ७ ७० ।९१ ४९ ३१८० ४२९# ५६७* १३४० ३ ३ १८७-३१४ ५ ३८९# २२२ ९७२# Page #304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [च-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए . ४ सूत्राधनु ब ३ दीप क्रमांक चित्तलवत्थासेवी बलामिजोगेण २१+ चिरंपि से मुंडई चित्तस्स सुद्धतइआ २४९ चिंता लोहागरिए चित्तं वेयण सन्ना २२६ चीराजिणं निगिणिणं द्विचित्तं तिकालविसर्य १९+ चीवराणि विसारंती चित्तं बालाईणं ५६२ चुन्ने अंतद्धाणे चाणके । चित्ताभावे विसया । ८६ चुलसीइ पंचनाई चित्ते अ विजुमाळा चुलसीइं च सहस्सा चित्ते बहुलचउत्पी ३ चुलसीईमप्पाढे चित्ते संभूमि अ निक्खयो . चुलग पासग घने चित्तेसंभूआउं वेतो . ३३० चुलत्तिदारमहुणा चित्ते सुद्धिकारसि २४३ चुली अक्चुलो वा चित्तो पुग जाओ ४०७७ चुलक्खलिया ढोए चित्तोऽवि कामेहिं विरत्तकामो. ४४०* चुल्लुक्खा कम्माई चिरसंसह चिरपरिचिों . ३.३ चूलिभं तु पवक्खामि 60600 के लिए ३ ३ ७३९* चेइभवदनिमंतण ११..+13 + चेइदुमपेढछंदय : १४८* चेइयकुलगणसंधे २११२ ८१६* चेइयकुलगणसंधे १९९१ ५०० चेइयपूया कि बयरसामिणा ३ ११९२ चेयणमचेयणस्स व ६६१ २५६ चेयणमचेयर्ण वा ४४८ चोभग इंधणमाईहिं १५९ चोअगमाणुसऽणिवे ३८३ चोअगवयणं आणा चोएइ पुणो लेवं २५० चोएति जइहु.जिट्ठो २५२ चोदनववर्ण गंतूण १९८+IC ५००* चोदगवयणं छट्ठी ४ देखीए ३२८ aname" २००+ १२ 'सवृत्तिक आगम ५ ४ + सुत्ताणि ~304 Page #305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [च-कार + छ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए 200000 दीप क्रमांक के लिए देखीए चोदसपुव्वधरातो . २०+ छतमत्थप्परीयागं ३ ६५३ छहि हि हिममझिम चोइस वासाणि तया३ १२५x छतमत्थप्परिआओ ३ ३३९ छट्टेणं भत्तेणं चोहस सोलस वासा ३ ७८२ छउमत्थमरण केवलि २१३ छण्डमन्नयरे ठाणे चोइसहिं भूयगामेहिं ३ १६ छउमत्थाणुवलंभा ४१+ छत्तीसगुणसमन्नागरण चोदा दो वाससया ३ १२९+ छउमत्थोघुदेसं २२२ छत्तीसा सोळसगं चोयग इंधणमाईहिं ६ २६१ छउमत्वो सुयनाणी ६ ५२३ छहोसे अट्टगुणे चोयगपुच्छा दोसा १८७ छक्कायदयावंतोऽवि ४ ४४२ छप्पुब्वसयसहस्सा चोयगवयणं अप्पाणुकंपिओ ४ १४८+ छक्कायरक्खणट्ठा ४ ६९२ छब्यगवारगमाई चोयगवयणं दीई छक्कायवग्नहत्था ६५७५-५९१ छम्माणि गोव कहसल. चोरा मंडव भोज ४८१ छच्चेव य मासाऊ ७ १५२४४ छम्मासमंतरओ चोलोवणयविवाहे छज्जीवकाए अ समारभंता ७ ३९९७ छम्मासे अणुषद्धं चोल्लग पासग धणे ८३२ छज्जीवकायसंजमु ३ १९५+ छम्मासे छउमत्थो छकार छज्जीवणियाए खलु ५ २१९ छलया व सेसएणं छउमत्थकालमित्तो ३ ३०२ छट्ठाणा तिगठाणा . ४ ७९० छव्वाससयाई नवुत्तराई *SASSASSASASSANASSA M 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि - 305 Page #306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [छ-कार + ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्राबनुन नं.अ.आ. द.पि.उ. ओ. दीप क्रमांक के लिए देखीए छव्वीस सागराई ७ १६०९* छिंदित्तु जालं अबलं व ७ ४७५* जइअब्भासे गमणं. ४.१८२ छब्बीसाए सहस्सेहिं ३ ११५० छिन्नमच्छिन्नं दुविहं ६ . २३१ जइ असणमेव सव्वं ३ १५८६ छहि कारणेहिं साधू ६६१ छिन्नमछिन्नो दुविहो ६ ३८४ जइआ व उ खेत्तं [छदि मासेहि अहिले ५ ३७२ | छिन्नंमि तओ उकडियंमि ६ ३९१ जइ आवस्सगस्स छंदणा दवजाएणं . ९९७० छिन्नं सरं भोमं अंतलिक्खं ७ ५०० जई उकालिअस्स अणुओगो २ छंदणा नाम इच्छाकारो ९९४७ छिन्नाले विंबई सिल्लिं७ १०५० जइ उवसंतकसानो छंदणिरोहेण उवेति मुक्खं . १२२* छिन्नावाएसु पंथेसु ___७ ५३* जइ एगग्गं चित्तं छंदेणऽणुजाणामि ३ १२३६ छिन्नो दिट्टमविट्ठो ६ ३८५ जइ एवं संसर्ट्स छाएक-अणुकमा ४, ३१७+छुन तण्डा य सीटण्हं ७ ६३१ जइणो वीसाऽभिग्गह छायपि विवज्जती १७२ छेलावणमुकिडाइ ३ २८+ जइणो सावगनिण्हव छावहि चउसहि ३ २५८ जकारः . जइ तरुणो निरुवहओ छिण्णमि संसर्यमि ३ ६१७ जइ अणंगपविट्ठस्स . २ ४ जइ तं काहिसि भावं ५ ५ १४ ६०५,६२१,६४१,६२९,६३७,६१३ जइ अस्थि कायभावो. ३ २३४+ जइ तं काहिसि भावं . ६०१,६३३,६०९,६२५, . जइ अम्भत्येज परं. ३ ६१८ जइ ता पासत्थोसपण. ४ ४८+ ४ १५०+ 'सवृत्तिक आगम ॥३५॥ सुत्ताणि - 306 Page #307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) जइ विन्नि सव्वगमणं जइ ते चित्तं शाणं जइ ते लिंग पमाणं जइत्ता विउले जने जइ दोन्ह एग भिक्खा जडू पराई कीस पुणो जई पच्छकम्मदोसा जइ पुण खद्धपणीए जइ पुण गच्छंताणं जइ पुण निव्वाषाए जइ पुण निव्वाषाओ इ पुर्ण पासवर्ण से जइ पुण वर्धताणं जइ पुण विवाह पत्ता ४ ३ ३ ७ ४ ५ ६ ४ ३ ३ ४ ४ ४ ४ १५७ | जइ फुला कणियारया १५८४ जइ फुसइ तर्हि तुंडं १९३५ जइ मन्झ कारणा एए २६५* जइ य पडिकमियध्वं ४२० ज रित्तो तो दवमत्तगंमि १०८ जर लिंगमप्पमाणं ६१४ जइ लुद्धो राइणिओ १५२ ज वासुदेवु पढमो १४६९ जइवियता पत्ता ~ ३ ७ ३ 307 ४ 3 ३ ४ १६१५ जविय पडिमा ६३६ जइवि वयमाइएहिं २६५+ जइवि सुओ मे होही ६ . ६४३ जइ संका दोसकरी ६ १९९ जइसि भोगे चहवं असत्तो ७ ३ ६ १२५५ | जइऽसि रूवेण वेसमणो २२५+ जइ सुद्धा संवासो ८०१* जइ सुयनाणस्स उद्देसो ६८३ जइ से न जोगहाणी २५३ जइ हुन्न तस्स अणलो जडधरपासार्थमि ७ ४ २ ६ ३ ११३६ ७ ५६३ जक्खो तहिं तिंदुरुक्खवासी ७ ४३१ जगनिस्सिएहिं भूपहिं ७ ४६७ जयंजणघाउसमप्पहाण १-१४७ जचिय देहावत्था ७१३ जड्डे महिसे चारी १ ३ ४ ५११ जड्डा जंवा तं वा सुकुमारं ४ • ५२९ जणणी सव्वत्थ विणिच्छएस ३ ४३७७ जणलावो परगामे ४ ८२३ ९८ ३ ६१८ ६७० ३५६ ३६६* २१७ ३१* । ३९ २३९ १३१+ १०९३ १४०+ Page #308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए नं.अ.आ. ६ ७५ ३२४ २१+ सूत्राबनुक्रमः द.पि.उ. ॥३६॥ दीप क्रमांक के लिए जणवयसम्मवठवणा जणसावगाण खिसण जणेण सद्धिं होक्खामि जण्णूसवसमवाए जत्तासाहणहेऊ जत्थ अपुब्बोसरणं जस्थ उ तइओ भंगो जत्थ० उत्तरगुणपडिसेवी जस्थ उ योवे थोवं जत्थ उ सचित्तमीसे |जस्थ पुणा पडिपाहगो जत्थ पुष्फाई वीआई | जत्थऽम्हे वच्चामो जत्थ य एगो सिद्धो ५ २७५ जत्थ यजं जाणेज्जा २ ६ ५०४ जत्थ य नस्थि तणाई ३ . १३४* जत्थ राया सयं चोरो . ३ ३ २०५ जत्य०लिंगवेसपडिच्छन्ना ४ २०५ जत्यो ४ ५७८ जत्थ साहम्मिया बहवे ४ ३५४४-५६८ जत्थ० सीलमंवा बहुस्सुया ४ ६ १५९ जत्थेव पासे कइ. ५ ४ ७८१ जदि पढ़मं न तरेजा ५६९ जमचेयणचि पुरिस० ६४५ जमदग्गिजडा हरेणुभ ७ ६७४ जमहं दिया य राओय ७ 20 जम्मण विणीअ उज्झा ३ ४ ३०५ जम्मणे नामवुड्डी.अ ३ ३ ९७५ जम्मदुक्खं जरादुक्खं . १ * जम्मं एसइ एगो सुयस्स १३३८ जम्मं मयंगतीरे १३३ जम्हा चित्चाईया ७८२ जम्हा दसणनाणा ७८० जम्हा विणयह कर्म ७८४ जयइ जगजीवजोणी ५१३* जयह सुआणं पभवो ६२२ जयघोसा अणगारा २१९+ जयणमजयणं च गिही १४५ जयमाणा विहरंवा. १२६ जयं घरे जयं चिढे. ३९७ जया अ कुकुदुम्बस्स १८६ जया अ थेरओ होइ ६१५* जया अ पूइमो होर .. देखीए 'सवृत्तिक ५ आगम ४८८* ४८७% ४८५* सुत्ताणि ५ ~308 Page #309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम लागि [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ७ नंया जया अ माणिमो होइ जया अ वंदिमो होइ जया ओहाविओ होइ जया कम्मं खविचाणं जया गई बहुविहं जया चयइ संजोगं जया जीवमजीवे अ जया जोगे निरंभित्ता जया ते पेइए रखे जया धुणइ कम्मरयं -जया निब्बिंदर भोगे जया पुण्गं च पावं च जया मिगस्स आयंको जया गुंडे भविचाणं ५ ५ ५ ५ ५ ५ ५ ५ ५ ५ ५ ७ ५ ४८६* जया व चवई धम्मं ४८४* जया व पूइमो दोह ४८३* जया व से सुही होइ ५६* जया रजं च र च ४६* जया छोगमलोगं च ४९* जया सन्वत्तगं नाणं ४५* जया सव्वं परिच ५५* जया सव्वं परिषत्र २७७ जया संवरमुषि अरमरणवेगेणं ५२७ ४८*# जरा जाव न पीडेई ४७* जरामरणकंतारे ६७८* जलभन्ननिस्सिया जीवा ५०* जसभदं तुंगियं ~ 309 ५ ५ • ७ १ ५ D 2 ४८२* | जसभद्दे सिरिकंसा ३ ४८५* जस्स अणुभाए ३ ६८०* जस्स आउयं खलु ३ २७६ जस्स खलु दुप्पमिहिआणि ५ ५४* जस्स जहा पडिलेहा ४ ५३* जस्सऽत्थि मधुणा सक्खं २७८ जस्स पुण पिंडवाडया ५५९* जस्स व इच्छाकारो ५१* जस्स य जोगमकाऊण ८९९* अस्सवि अ दुप्पणिहिआ ३७०* जस्स सामाणिओ अप्पा ६४६* जस्स सामाणिओ अप्पा १३६३* जस्संतीए धम्मपयाई २४ जस्सेरिसा जोग • ७ ६ ३ ४ १३८६ ७६७ १६३ ३०० ६३२ ४६७* श्+ ६९० ४२९ ३०२ १२७* ५ २ ३ ७९७ ५ ५ ४१०* ५१४* ++ Page #310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ज-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ri क्रमा दीप क्रमांक जस्सेवमाया त हविन ५ ४९८७ |जह गहि तह नीयं ४ २९८+ जह तरुणअंबयरसो १३०३७ जह अभंगणलेवा ४ ५४७ जद्द गोमडस्स गंधो.. . १३०७* जह० तह चेव उ साहरणे ६ ५६४ 18|जह अंतरिक्समुदए ४ ४१ जह चिरसंचियमिधणमनलो ३ । १०१ जह तिकडयस्स य रसो ० १३०२% जह इत्थ चेव इरियाइएसु ५ १३१ जह चेव उ निक्खित्ते ६ ५५९ जह तिक्खाईवि नरो ३ २३५० जह एसो सहेसुं ५. २९९ जह चेव पुव्वलित्ते' ६ ३५१ जह तिपएसो खंधो, जह उल्ला साडीआ ३ ९५६ जह चेव य संजोगा६ ६०६ जह तुम्भे तह अम्हेर १२१* जह कबुयतुषयरसो. . १३०१ जह छउमत्थस्स मणो ३ ।८४ जह तुम्भे तह अम्हे जह कम्मं तु अंकप्पं ६ १८९ जह छेयलद्धनिजामओऽवि३ ९५ जह ते दंसणखी जह करगओ निकिता ३ २४१+ जह जश्ववाहलाणं . ६७८ जह दारुकम्मगारो ३३७ जह फरगयस्स फासो ७ १३०९* जह जह पएसिणी ६ ४९८ जह दीवा दीवसर्य जह कायमणनिरोदे ३ १५७२ जह जह सुज्झइ सलिलं ११६७ जह दीवा दीवसर्य '३१ जह कारणमणुवयं ७१ जह जिणसासणनिरया .५ ९४ |जह दीवा दीवस्यं जह कारणं तु तंतू ६. ७० जहणं सुत्तरं खलु . २ जह दुमगणा उ तह १२८ जह किंपागफळाणं . ६१७० जह तमिह सत्यवाई ९०७ जह दूओ रायाणं ३०८ के लिए देखीए १२६ ॥३७॥ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि १२४१ ~3100 Page #311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ७९६ १३०८ ६३९% ३४३* ६४७* ६४८* १०९८* दीप क्रमांक के लिए देखीए जह धाऊ कणगाई . ३४ जह मम न पियं दुक्खं ५ १५६ जह सुकुसलोऽवि विजो ४ जह नरवाणो भाणं. ४. ४५+ जह रण्णो विसएK ४ ८ + जह सुरहिकुसुमगंधो . जह नाणेणं न विणा चरणं ३ ११६५ जह रोगासयसमणं, ३ ।१०० जहा अग्गिसिहा दित्ता ७ जह नाम आउरस्सिह ५ ३६६ जह वऽस्साओ हत्यिं गामा ५ ६४ जहाऽऽइन्नसमारूढे जह नाम कोइ मिच्छो ३ ९८३ जह वंतं तु अभोज ६ १९१ जहा इहं अगणी उण्हो ४ जह नाम महुरसलिलं ३. ११३१ जह वा घणसंघाया खणेण ३ ।१०२ जहा इहं इमं सीयं जह नाम महुरसलिलं ४ ७७७ जह वारिमा डोब्व ३ ८३७ जहा उ पावगं कम्म ७ जहन्नेण चोलपट्टो ४ ४२६ जह वेलंबगलिंग ३ ११४९ जहाऽऽरस समुहिस जह परिणयंवगरसो ७. १३०४*जह समिला पन्भट्ठा ३ ८३४ जहा करेणुपरिकिण्णे जह बालो जंपतो ४. ८०२ जह सव्वकामगुणिनं. ३ ९८५ जहा कागिणीए हेलं जह बूरस्सवि फासो ७. १३१०% जह सब्बसरीरगयं मंतेण ३ ।७१ जहा कुकुडपोअस्स जह भमरोति य एवं ५ ९७ जह सागरंमि मीणा४ ११७ जहा कुसग्गे उदयं जह मझे एअमढ ३०४ जह सावजा किरिया ३ ११४५ जहा खरो चंदणभारवाही |जह मम ण पिलं दुक्खं २. १२९४ जह सा हिरण्णमाईसु. ४ ५.१ जहा खलु से ओरम्भे 534545423435 * 'सवृत्तिक आगम ॐॐॐॐ १८१* सुत्ताणि ~311 Page #312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ ३८ ॥ जहा गेहे पलितंमि जहा बंदं गहाईया जहा जताई कट्ठाई जहा तुच्यए वोळे डं ७ 19 ३ १४०९ जहा य तिण्णि बणिया 19 जहा दवग्गी पढरिंधणे वणे ७ जहा दुक्खं भरे जे ७ जहा दुमस्स पुप्फेसु ५ जहा निसंते तबणचिमाली ५ जहा पोम्मं जले जायें ७ ७ • जहा विरालाचसहस्त्र मूले जहा भुयाहिं तरिडं ६२२* जहा य अंडप्पभवा बलागा ७ ९६४* जहा य किंपागफला ७ जहा महातलागस्स 19 जहा मिए एगअणेगचारी 20 जहा व अग्गी अरणीऽसंतो ७ ७ ६४१* जहा य भोई ! वणुयं भुयंगे ७ ११६६* जहा लाभो वहा ढोभो ६४०# जहा लाहो वहा डोहो 199 २ ७ जहा वयं धम्ममजाणमाणा ४९२* जहा ससी कोमुइजोगमुत्तो ५ ९७४* जहा संखंमि पयं निहियं ११६८० जहां सागडिओ जाणं ७ 19 ७ 。 ६४२* जहां सा दुमाज पवरा ११०२* जहा सा नईण पवरा ६८३* जंहा सुणी पुईकण्णी ४५८* जदा सूई ससुचा ~ ७ 312 ११६१* जहा से उदुवई बे ११७५* जहा से कंबोयाणं १९९* जहा से चाउरते ४७४* जहा से तिक्खदाढे २२४* जहा से विक्खसिंगे २५६ जहा से तिमिरविद्धंसे ४६०* जहा से नगाण पवरे ४९३* जहा से वासुदेवे ३४९* जहा से सर्वभूरमणे १४१* जहा से सहस्त्रे ७ ७ ३५० १७ 10 19 १५३* जहा से सामाइवार्ण ७ ३५४* जहाहि अग्गी जलयं नमसे ५ ४* जहि सम्र्पथ महा० १०९७* हियं तु बासक ३५१० ३४२* ३ ३४८० ३४६* ३४५# ३५५* ३४७# २५६० ३४९ ३५२० ४०९० ७६९* २५० सूत्राधनु क्रमः ॥ ३८ ॥ Page #313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ६८४ ६८५ १.१०%23 २४२ २२८%23 २४७ ३ दीप क्रमांक के लिए देखीए जहेव कुंभाइसु पुज्वलित्ते ६ ३५४ जं च महाकापसुर्य ३ ७७७ जं दुकडतिमिच्छा तं भुगो । जिदेव सीहो प मियं गहाय . ४२७* जं च मे पुच्छसी को . ५७९० जं दु० चेव अकारण णिसमणं ३ ५९५ चेव आउयं १६२ जं ने जया रति . जं किर दवं खुलं ४९३ अं अस्स आउयं १६३ जं पप्प नेगमनओ जं किंचाहारपाणगं विविहं ५०५* जं जहब कयं दाई जंपि वत्वं व पायं वा जं किंचि कयमकर्ज ८०१ जं जं जे जे भावे ७९४ जंपि बत्थं व पायं या जं कुणइ भावसलं ४ ८०५ जंजं निधीवा कीर ३१५७+जं पुण अचित्तव्य जं केसवस्स उबलं ३ ७२ जाणेज चिराधोयं५ १३५७ जं पुण उदिसमाणा जंघद्धा संघट्टो नाभी ३४+ जं जुबइ उबकरणे ७४२ जं पुण गुरुस्स सेसं जंघापरिजिय सही ५०७ जंतु पुरक्खडभावं २३३+ जं पुष्प सपमाणाओ जंघावाह तरी इव जले ३३१ ज तेहिं दायव्यं ३ ११०७ जं पुण मुणिप्पर्कपं जंघाहीणा ओमे ४४+ जं थिरमझवसाणं ३ ।२ जंबुद्दीचे लवणे जं पग्ण एवमादी ४ ७३० जं दव्वं उदगाइसु ढमहे ६ ९८ जंबू अ चास मउरे जं च तचे उजुत्ता ५ १३७ जं दिसि विकड्वियं ३ १३४९ जंबू अ चास मऊरे ४ ५४७ १६३३ ५७५ ७२८ mne 'सवृत्तिक आगम १०८+ ८४+ सुत्ताणि ~313 Page #314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ज-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ने.अ.आ. * S सूत्राघनु दीप क्रमांक के लिए देखीए & भणसि नत्थि भावा ५ न भत्तपाणउवगरण. ५ द.प.उ. जं भवेन मे कप्पइ वारिसं ५ ० भावे परिणमइ ३ जं मिक्खमत्तवित्ती ५ ४भियगामे नाणस्स ३ जभिय बहि उजुवालिय ३ मि निसेविजते ४. जं मे बुद्धाऽणुसासंति ५ जं वकं वयमाणस्स ५ जं वाइद्धं वश्चामेलियं ३ जे विवित्तमणाइन . बेलं कालगओ ३ जं संठाणं तु इहं भवं. ७१ जं संमरामि च ३ + जा असचा अवत्तव्बा ५ १०३० जाइमयं पडियद्धा ७९५ जाइमरणाओ मुच्चइ ५ ३४६ जाइमंता इमे रुक्खा ५ ५२४ जाइ सद्धाइ निक्खंतो ५२६ जाइस्सरो अ भयवं ५७ जाई चत्तारि भुजाई ५ २७ जाई सरितु भयवं ७ २९० जाईइ पगासनिवेयणं २० जाईकुलगणकम्मे ६ ५१०७ जाईकुले विभासा ६ १३२५ जाईजरामभयामिभूया ७ ९१९ जाईजरामरणसोगपणासणस्स २४ जाईपराजिओ खलु, ७ ४०६* २७९० जाईसरो अभयवं ' के ३६३* जाईसरणे समुप्पन्ने ६०८* ४६०७ जा उ अस्साविणी नावा ७. ९०२* ३०८० जाए विसाए र गया २४७ ३९५७ जाए दिसाएँ गामो तत्तो ३ १३३९] १९३ जाएँ दिसाएँ गिलाणो २५५७ जा किण्हाइ ठिई खलु ५ १३४०* २२९* जा चेव उ आउठिई ७१५४०* ३५३ जा चेव उ आउठिई ५ १६१७* ४३७ जा जयमाणस्स भवे . ६७१ ४३८ जा जयमाणस्स भवे४ ७६० ४४४* जा जा वञ्चइ रयणी ५ ४६४* १२७ जा जा वह रयणी० धर्म तु. ४६५* % 'सवृत्तिक ॥३९॥ आगम सुत्ताणि ERS - 314 Page #315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ज-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ४६१ ४८४ ४८८ ॐॐॐ*5* दीप क्रमांक के लिए देखीए ५०८ जा जेण होइ वमेण६ जाण० अझप्पस्साणवणं । ५ जाण. जाण० अढविहकम्ममुको जाण० अंडयबोंडयवालय जाण आचरणे आचरणं जाण कम्मे नोकम्मे या . जाणग० जाणग० गणिपिडगं होइ जाणग० जीवाणमजीवाण: जाणग निहाविकहकसाया . जाणग०परिणामो अ (अ) जीव जाणग०परिणामो जीववस्स जाणगपुच्छ पुच्छह ४१९ जाणगभवियसरीरा . ५४७ जाणग० भावे सम्मट्टिी जाणग० सन्ना कहकरणाई ३ .५०० जाणगसरीर० जाणगसरीर० ५ जाणगसरीरभविए. . ५३१ जाणगसरीरभविए तव्य. . जाणगसरीरभविए ४५९ जाणगसरीरभविए ५५७ जाणगसरीरभविए ५२३ जाणगसरीरभविए . ६५५ जाणग० हुति दुविहा उ ७ ५५३ जाण० तवसंजमेसु . ३०५ जाण० भावविही पुण दुविहा. 9.999., २८१ जाण भावमि असमिइओ ५ ५५० जाण० भावमि दसविहं . १५३+ जाण. भावंमि दसविहाए १ ३९२ जाण. भावंमि नाणदसण . ४४४ जाण० भावमि होइ दुविहो . २५१ जाण. भावे अन्नाणअसंव.. जाण० भावे पंचविहा खलु. जाणभावे पंचविडा खलु जाणयमविय० २४५ जाणय० भवे य भावे य ७ ४९१ जाणयसरीरभविए . ५३८ जाणयसरीरभविए०जो मिंदेह ४६४ जाण०सा पुणो दुविहा५ ५२० जाणं आहम्मिए जोए ४ ४२४ ०६ ४५२ 45 ३७४ 'सवृत्तिक आगम ५३४ + ५७ सुत्ताणि ~315 Page #316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत K सूत्रांक यहां देखीए अ.आ. ५ ३ १०५४ 80 सूत्रायनक्रमः १८० 4% दीप ६ ३ . क्रमांक के लिए देखीए जाणंतठिएँ वाए उ ४ १८१ जायते न इच्छंति जाणंतु अजाणतो ६ ३१+ जायतेएण बहुजणं जाणंतु ता इमे समणा५ १९३* जायरूवं जहा मट्ठ जाणतोऽविय तरि ११५८ जायसु न एरिसोऽहं जाणावरणपहरणे ८४३ जाया य वत्यपाए जाणावरणपहरणे जुबे . १५३ जारिसए चिय लद्धा जाणाहि संभूय ! महाणुभाग - ४१६ जारिसया लोअगुरू जा तेऊद ठिई खलु . १३४५% जारिसा मम सीसा उ जा दव्बकम्मलेसा ५४२ जारिसा माणुसे लोए जा देवसि दुगुणं ३ १६१८ जावइआ तिसमयाहार० जा नीलाई ठिई खलु . १३४१% जावइयं उवउजइ जा पम्हाइ ठिई खलु . १३४६* जावइया किर दुक्खा जामाइपुत्तपइमारणं च ६ ४३४ जावया विसमयाव जायणपरीसह मि . ११४ जाब गुरूण य तुझा ७ RISAKXANHINDI २४१* जावजीवमविस्सामो +५९ जावदवधारणमि ९६८ जाव न एजति आपसो ४७२ जावन बहुप्पसनं ता६ २६ प्र० जाव य कुंडग्गामो ५२८ जाय बुच्छं सुई बुच्छ ३८+ जावंतहा सिद्धं देवं १०५९ जावंत देवदत्ता ६७३ जावंतऽविजापुरिसा ४८ जावंति अज्जवइरा ६०७ जावंतिए विसोही १३५० जावंतियमुरेसं ३० जावंति लोप पाणा १५४ जा ससमएण पुचि ९१+ १३१ २७२ १४२ १६०* ७६३ ३९० ७ १ ४ ३ ३ . 'सवृत्तिक आगम १३० २१८% 218 १०० सुत्ताणि ~3160 Page #317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत २९५ सूत्रांक यहां देखीए २०३ ६१० १४* ९१६ CASSAMS दीप क्रमांक के लिए देखीए १५८+ जा ससमययजा खलु ५ १९९ जिणवयणमि परिणए ५ २६० जीमूतनिद्धसंकाम . जा सा भणसणा मरणे .११०९० जिणवयण सिद्धं चेव ५ ४९ जीवकरणं तु दुविहं ५ जादेय उन्नयाई ४९१ जिणवयणे अणुरचा . १६३२ जीवसंमि अविगए जाहेऽवि व परितंता ११८८ बिणवरमणुण्णवित्ता ३ १०७+ जीवदयासुंदरकंदरक जा होइ पगइमस १ ६* जिणवसहसंभवाओं ३ प्र. जीवलिकाया गावो (जिवामूले आसाठ सावणे . १०७ जिणसामुणकित्तण ३ ।६८ जीवप्पोगकरणं दुविकं ३ (जिवासादेसु मासेस . १२९ जिणाणं णतणाणीणं ३ + ५५ जीवमजीवे अजीवकरणं ३ जिवासुदसण जमालि . १६७ जिणा वारसरुवाई जीवमजीवे पाओगि ३ जिणचकिंदसाराणं ३ ३६८ जिणे पासिक्ति बामेणं ८३२० जीवमजीवे रूवमरूवी जिणदेसियाइ लक्षण ३. ५२ जिम्भाए रसं १२१५७ जीवस्स उ निक्लेको ५ जिणपवयणउप्पपत्ती ३ १२८ जिभिदियनिम्मदेणं भंते। ५.७९ जीवस्स उ परिमाण जिणवयणपदुद्देऽपि ५ १४१ जियकोहमाणमाया . १०८७ जीवस्स एस धम्मो जिणक्यणबाहिरा ११७५ जियसत्तु देवि चित्तसभ ६ ८० जीवा चेव अजीवा य . जिणक्यणरए अतितिणे ५ ४५८* जियसत्तुदेविचिचसभप० ४ ४५१ जीवाजीवविभचि मे . २४+ 'सवृत्तिक आगम १३७४% सुत्ताणि ~317 - Page #318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ ४१ ॥ जीवाजीवाभिगमो जीवाजीवा व बंधो य जीवाजीवाहिगमो जीवाणऽणंतभागो पडि० जीवाणमजीवाण य जीवामु कवि ओमे जीवाहारो भण्णइ जीवियं चैव रूवं च जीवितं तु संपत्ते जीवे कम्मे तजीव भूय जीवो अणाइनिणो जीवो उ पडिकमओ जीवो० खिप्पं सो भाविजइ ३ जीवो गुणपडिवन्नो ३ ५ ७ ५ ३ ७. ५ 19 ७ ॐ 8 २३५ जीवो पमायबहुलो १०७४# जीवोवलंभसुयलंभे २१८ जुगवपि समुत्पन्नं ९०१ जुज्जइ अकालपढिया० ५३९ जुज्जइ गणरस खेत्तं २२० ५+ जुष्णमएहिं विहूणं जुण्णमुरा जुण्णगुलो ५६०* जुत्ती उ पत्थराई ७९७* जुत्तीसुवण्णगं पुण ५९६ जुवं गवित्ति णं बूया ७७६ जुंजणकरणं विविहं १२४४ जे अ चंडे मिए थद्वे ११२७ जे अायणे भणिआ ७९२ जे अने एवमादी ~ 318 ३ ३ ३ ३ 有 ४ २ ४ ५ ५ ३ ५ ५ ४ ८०२. जे अने भगवंते २१० जे अ मग्गेण गच्छति ११६६ जे आययसंठाणे १६३२ जे आयरिअउवज्झायाणं R NP 19 ५ १६३ जे आलंबण तिव्वसङ्काणं ३ १३७ जे आवि चंडे मइइडिगारवे ५ ५ २४* जे आवि नागं उहरंति नचा ४०४ जे आवि मंदित्ति गुरुं विश्ता ५ ३५६ जे इंदियाणं विसया मणुष्णा ७ ३०२* जे किर गुरुपडिणीआ 20 १०३७ जे किर चउदसपुथ्वी ७ ४१८* जे किर भवसिद्धीया (७ ३५७ जे केइ उ पव्वइए 9 ७६९ जे केइ उ पव्वइए नियंठे AD ४.३* ८९२* १४१९* ४२७ १२०२ ४३७* ४०२* ४००* १९७६* ४९६ ३१७ ५६० ५२९# ५२७* सूत्राधनुक्रमः ॥ ४१ ॥ Page #319 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ज-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए ACASSESOLASSACREASE ४ जे केइ पत्थिवा तुम्भ ४ २५९ जेण जीवंति सत्ताणि १३० जे पावकम्मेहि धर्ण मणुस्सा ७ १६६% जे फेड सरीरे सत्ता . १७१ जेण पुणो जहाइ जीवियं ७ ४९९ जे बंभचेरभट्ठा ११२१ जे गिद्धे कामभोगेसु ७ १३२ जेण भिक्खं बलिं देमि १२३ जे भावा अकरणिज्जा . . दूजे चेव अंधयारे २७८+ जेण व घरद भवगो ५ ८+ |जे भावा दसवेभालिअम्मि ५ ३३२ है जे चेव पडिच्छण. ९४ जेण रोहंति बीयाणि १२५ जे माणिया सययं जे जत्तिआ अ हेऊ ५४ जेण व जंव पडुच्चा ५ १३ जे व कंते पिए भोए जे जत्थ जया जइया १२०१ जेणं बंधं वहं घोरं ५ ४२९* जे य वेयविऊ विप्पा जे जत्थ जया भग्गा . ३ ११८६. जेणुद्धरिया विजा३ ७६९ जे यावि दोसं . १२०६० जे जहि दुगुछिया खलु ४ ४४३ जेणुवगहिओ वच्चा जणुषगहिओ वह ३ १५३२ जे यावि दोसं समुवेद जे जंमि उमि य कया ४ १८०+ जेणेविस्सरियं णीए ३ + ६३ जे यावि दोसं समुवेइ ७ जेट्ठा कित्तिय साई ३ ६४६ जे ते देवेहिं कया ३ ५५७ जे यावि होइ निबिजे जेवामूले आसाढ सावणे २८७ जे न वंदे न से कुप्पे ५ १८९४ जे लक्खणं च सुविणं च ७ जेट्ठामूलो आसाढ सावणे . १००७* जे निआर्ग ममायंति५ २५७जे बज एए उ सदा जेट्ठा सुदसण जमालि०३ १२६४ जे पव्वइत्ताण महत्वयाई ७३७* जे विजमतदोसा : ६ ५०१ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~3190 Page #320 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए "ओ. इस्त्रायन कमः ३७७७ ॥४२॥ ७84 दीप क्रमांक के लिए देखीए नं.अ.आ. जेमिम बावनंती . जेविय परिवेसंती द. पि. उ. जे सदरूवरसगंधफासप + जे समत्था एवं मे संसयं ७ जे समस्या समुद्धत्तुं जे समस्या समुदत्तुंगते ७ IV संखया तुच्छपरम्पवादी . लजेसि इमो अणुओगो १ जेसिं तु पमाएणं जेसिं तु विउला सिक्खा . जे सुत्तगुणा बुत्ता जेसिपि अस्थि आया ५ MIजेहिं सक्यिा न दीसह जे हुंति भभवसिडीया ___. ७४ जोअणसहस्स गाउया २ १०१% जोगपाचक्खाणेणं भंते! १२० जोअणस्स उ जो तत्य . १४३६ जोगसचेणं भंते! +४२ जो अस्विकायधम्म ७ १०८७७ जोगं च समणधम्ममि ९.६२% जोइपइवें कुणइव ६ ३०४ जोगमि उ अविदया ४ ९५५ जोइसतणोसहीणं जो गुल्झएहिं बालो ९५९ जोइसियभवणवंतर० ३ ११७+ जोगुवओगकसाए ७ १२७* जो इंदके समलंकियं तु 1 ३ २१४+ जोगे जोगे जिणसासणंमि ४ ३३० २७२ ५२८ जोगो जोगो जिणसासणंमि ४ जोए करणे सन्ना १९८० जो कन्नाइ धणेण य ३ ६ ७६८ | :जोग्गा अजिण्ण मारुय १३०१ जो कोंचगावराहे पाणिया ३ ८६९ जो चिंतेइ सरीरे ७५ जो खलु तीसइवस्सिो ३ २३९+ जो चूअरुक्खं तु मणाभि० ७ ६९८ जो गच्छंतमि विही १४७९ जो चूयरुक्खं तु ५६१ जोगतिर्ग पुन्वभणि ४ १७३+ जो चेव अ सयणविही ५ २७८ २७७ ॥४२॥ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि १६५ ~320 Page #321 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) जो चैव य इरिएसं ४ जो ( तो ) जत्थ समाहाणं ३ जो जस्स उ आहारो ७ जो जह व तह व ल ४ जो जवार्य न कुणइ जो जहियं सो तत्तो जो जाहे आपनो साहू जो जिणदिट्ठे भावे जो जीवेवि न याणेइ जो जीवेऽवि वियाणेइ जो णवि वट्टइ रागे जो तिहि पएहि सम्मं जो तेसु धम्मसो जो देवाणवि देवो ६ ३ ३ ७ ५ ५ ३ ३ ५ ३ २०८ + | जो न सज्जइ आगंतु । ३७ जो निश्चसिद्धजत्तो १११२* जो पव्वयं सिरसा मित्तुमिच्छे ५ ४४७ जो पावगं जलिअमवकमिजा ५ १८६ जो पुण करणे जड़ो १३४५ जो पुण मूले जीवो १२५९ जो पुण बीसामिज १०७८* जो पुण हवेज खमभ ४३* जो पुण हिंसाययणेसु ~ . 321 ३ ५ ६ ४४७ जो पुव्वरत्तावररत्तकाले ५ ८०३ जो पुवि उद्दिट्ठो ५ ८७२ जो पुल्बि उदिट्ठों आयारो ५ ९६ जो भिक्खू गुणरहिओ ५ १५* जो मागहओ पत्थो ४ ४ 8 ९६७* जोयणसहस्स छग्गाउआई ९३६ जो य तबो अणुचिष्णो ४०६* जो य पञोगं जुंजइ ४०४* जो य पमत्तो पुरिसो १३१५ जो लक्खणं सुविण ० ५९ + जो लोए बंभणो बुत्तो २९ जो वचतंमि विही ५६५ जो सन्निवाइओ खलु जो सन्निवाइओ ०पन्नरस० ५९ ५११* जो समो सम्बभूएस २४७ जो समो सम्बभूपसु २९५ जो सव्वसिप्पकुसलो जो ३५८* जो सव्वकम्मकुसलो ७१४ जो सहइ हु गामकंटए . २ ३ ४ ४ ७ ७४३* ७ ९६६* १०२ ५२७ ७५६ ७५३ ४ ७ ६५३ ५१ ७ ५३ २ ३ ३ ५ १२८* ७९८ ९३० ९२९ ४७१* %%%%%%95+% + Page #322 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ ज-कार + झ-कार + ठ-कार + ड-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत B सूत्रांक यहां देखीए ३ ३ ताब क्रमा ४ ४ दीप क्रमांक आ.IXIजो सहस्सं सहस्साणं . ओ. जो सहस्सं सहस्साणं संगी०५ जो संजओ पमतो जो सुत्तमहिनंतो७ साजो सो अरिहनेमी जो सो इत्तरियतवो. . जो सो नमितित्थयरो . जो हुज उ असमत्यो ३ जो हुज उ असमत्यो जो होइ निसिद्धप्पा जो होज उ असमत्थो ४ झकार: झाइजा निरवजं झाणप्पडिवत्तिकमो ३ के लिए देखीए २६७* झाणस्स भावणाणो देसं २६१% झाणोवरमेऽवि मुणी ठकार: १०८१ ठवणकुल संखडीए ४४८ ११०७* ठवणाकम्मं एक २६८ ठवणा मिलक्खु नेई १९१७ ठाणदिसिपगासणया १४६४ ठाणदिसिपगासणा १२१+ ठाणनिसियणतुयट्टणं ६३८ ठाणनिसीयतुयट्टण. ठाणनिसीय तुयट्टण ठाणं पमजिऊणं ।४४ 'ठाणाइ जत्थ चेए ४३२ ।२८ ठाणा बीरासणाईया . ११२४ ।६५ ठाणासइ बिंदूसु ३ १४८९ ठाणासति बिंदूसु ६६२ १३ ठाणे अ इइ के वुत्ते? ९१३* ७२+ ठाणे उवगरणे या ६७ ठाणे निसीयणे चेव ४१ ठाणे य दायए चेव . ४ ५६४ डकार: २५ डको जेण मणूसो १५१+डको जेण मणूसो ३४३ डको०तं सवधिससमुदयं ३ १२७५ ७०४ डहरग गाममए वा न ३ २२७+ १७१+ डहरे मिक्खग्गामे SSSSBHASKASE 六六六六六六玲六*六个六 ४ १२६८ १२७० ॥४३॥ 'सवृत्तिक आगम १ ३ सुत्ताणि ४ - 322 - Page #323 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम लागि [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ ड-कार + ण-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ढकारः ढरसर छुन्नमुहो गइ खेड जणवडल्लुग उईए कोडीहिं उईय सहस्से हिं ण कोवए आयरियं णक्खत्तदेवयकुले गचा उत्पइयं सं णचा णमइ मेहावी ण तेण भिक्खू गच्छिना णत्थि णएहिं विहूणं णत्थि णूणं परे छोए णत्थि य सि कोइ बेसो णकारः ' ३ 19 २ ७ ७ ५ ३ ७ ३ | णत्थि य से कोइ बेसो ४२५ ण पक्खओ ण पुरजो २ ७ ण पडिनविना सवणासणा० ५ ७ १३४+ | ९ (प्र०) णमिपव्वा दुमपत्तयं च णमी णमेइ अप्पार्ण ६ (प्र०) णमुकारेण पारिता ४०* ण मे णीवारणं अस्थि ८५ णयरमहादारा इव णयरं च सिंगवण ८०* ४५* यरं सुदंसणपुरं १२५* ण या उभेजा निउणं ७६१ ण लविज पुट्ठो सावळं ९२* णव धणुसया य ८६८ [णवमो अ महापठमो ~ 323 ७ ५ 1 २ T ३ ' ७ ३ १३०* णवि अत्थि विम होही १८७ ण विणा आगासेणं ५०७४ णवि ताव जणो जाणइ २ 9 १२२ १९६ 후 ३१ x १४ ण संतसे ण वारिया ७ २८८* ण सेणिओ आसि बहुस्सुओ ३ १५२* गहु जिणे अज्ज दीसइ ७ ५०९* णाणावरणे वेए २५७ णाणे जोगुवओगे १५६ णाणे विभासो ३७५ णाणे दंसणचरणे लिंग ५५* णाणस्स सव्वस्त पगासणाए ७ १४३* णाणं पयासगं सोहओ ३ १४१४ णाणादी उपजीवति 9 १३९५ णाणायट्ठा दिखा ३ ७ ३ ३ + ५९ ११७० ३२०* ११५७* १०३ १३+ १३०७ ७३ ८०५ ३१ ६+ Page #324 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ण-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्राधनुक्रमः पि.उ.18 १६२ १७० | ३ + १५१ १४०* १५० दीप क्रमांक के लिए देखीए ने.अ.आ. णागे दंसणचरणे ७ १२+ णामं ठवण सरीरे ५ ओ. णादसणिस्स नाणं ७ १०९०*णाम ठवणा दविए३ Iणापुट्ठो वागरे किंचि ॥४४॥ णामकरो ठवणकरो . ३ १०८१ णाम ठवणा दबिए णामदुमो ठवणदुमो ३४ णाम ठवणा दविए णामपर्य ठवणपर्य ५ १६८ णाम ठवणा दविए माउय०७ णाम० अणुगह भावे १२४८ णामंठवणाधम्मो दाणाम०एसो उ उग्गहस्सा ३ १२३३ णाम ठवणा भिक्खू ५ भणाम०एसो उ वारणाए ३ १२४९ णाम ठवणा सुद्धी प्रणाम०एसो खलु इच्छाए ३ १२३१ णाम०दव्बंमि होइ तिविहा ६ दाणाम०एसो खलु निंदाए ३ १२५१ णाम०दसगस्स उ छविहो ५ |णाम०एसो पडिकमणस्सा ३ १२४६ णाम०पज्जवभावे य ५ 1णाम०एसो पडियरणाए ३ १२४७ णाम०पज्जवभावे य ५ दणामंगं ठवर्णगं . १४३ 'णाम०पजवलोगे अ ३ २३० णाम०पन्नवगपुब्ववस्थू ५ १३२ णामाणि जाणि काणिवि २ ६२९ णामे छब्विहणामे १४१ णायंमि० अएसो सो नओ ५ १४२ णायंमि गिहिअब्बे ३७९ णायंमि गिहियब्वे ३९ णावि अ पारिवज्ज ३३५ णासो परीसहाणं २८५ णिक्खेवो उ विहीए ४०४ णिक्खेबो कारणमी ९ णिग्गंथ सुहुमरागे मुका। ८ णिग्गंथो य सिणातो २२० णियो अणिवियत्ता १०६८ णिचोति दारमहुणा 066 CH64442844 २५+ 'सवृत्तिक आगम ॥४४॥ ४९+ सुत्ताणि ~324 Page #325 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ण-कार + त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ४५६ ०२+ दीप क्रमांक के लिए देखीए णिज्जुचा ते अत्था जं ३ णिहाए भावओऽचिय ३ |णिहाविगहापरि० ३ णिफेडियाणि दोण्णिवि ३ णियमा मणुयगतीए ३ णिब्वियतियं पञ्चक्खाति ३ |णिब्वेढणमुव्बट्टे ३ |णिसंते सिया अमुहरी |णिसायसरमंता उ णीअदुवारं तमसं णीई हकाराई ३ णीयदुवारुवओगे ४ णीसबमाणो जीवो गम०आणुअंतरं कालो २ ८८ णेगम०आणु०कतरमि भावे २ ८८ णोमणुएहिं जा सा १३५६ ८१६ णेगम आणु कालओ० २ ८५ णो य विवक्खापुव्यो .५ ७०७ णेगम०आणु०सेसव्वाणं २ ८७ णो सरसि कहं छेत्ता ३ ८७० णेगमसंगहववहार० ३ ७५४ हाणाईसु विरइयं ७४४ गावि होति दुविहा . ४ १२४ पहायकसायकुसीले ५४ णेगेहिं माणेहिं .२ १३६% तकार: ८०६ णेगेहिं माणेहिं मिणइ तो ३ ७५५ तइअमवचं भज्जा ३ ८ णेरइअदेवमणुआ ३ २०१+ तइए आयारकहा र ५ ३८* णेरइयदेवतित्थंकरा य ३ ६६ तइए निसाइवारं ७९* णेरइया गं भंते! केवइयं २ १३९ तइएवि अविहिगहिअं४ १६+ णोआहारंमि जा सा३ १३६४ तइपाव व जपणार ४ ६२१ २५२+ णोएगिदिएहिं जा सा३ १२९० तइयकसायाणुदए ८२८ णोकम्ममि य तिविहो. . ६७ तइयंमि कर छोई ६ ३९९ ८६. णोतसपाणेहिं जा सा ३१३५८ वहयाए पोरिसीए ७ १०२२ २९९१ - - 'सवृत्तिक आगम - -- सुत्ताणि ~3250 Page #326 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [त-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत मासूत्राघनु सूत्रांक यहां देखीए ओ. द.पि.उ. ॥४५॥ दीप क्रमांक वाया करणमि कया तओ आउपरिक्खीणे. तओ ओरालियं कम्माई तओ कल्ले पभायमि तओ कारणमुप्पण्णे तओ काले अमिप्पेए तओ केसि बुवंतं तु तओ तेणऽजिए दब्बे तओ दंडं समारभति |तो पुट्ठो आयंकेण तो पुट्ठो पिवासाए तो वहूणि वासाणि है तओ स पुढे परिबूढे तो संवच्छरवं तु 555555SANSAR २ ६० तओ सि जायंति पमोअणाई. १२६०* तणूई पन्धमाझेखें ७३८ ७ १८७* तओ से मरणंतम्मि . . १४३* तण्डाकिलंतो धावतो ६५९% . ८७ तओऽह एवमाईसु . ७२९* तण्डाछुहाकिलंतं २३४+ ७२२० मायणाण गण ४ ९१ तहाछुहाकिलंतं १६२० तगराइ अरिहमित्तो . ९२ तण्हाभिभूयस्स ७ ११९८* १५८ तथावाई चंपा दहिवाहण ३ ५२१ तण्हाभिभूयस्स १२११* ७ ८५६* तज्जायजुत्तिलेवो ४ ४०३ तण्हाभिभूयस्स अदत्तहारिणो . ११८५७ ७ ५६३* तज्जायपरिढवणा ३ २०७+ वण्हावोच्छेदेण य ३ १६९१ ७ १३५* तब्बीवतस्सरीरंति ६०८ ततो कम्मगुरू जंतू १८६* १३८* तणकट्ठहारगाणं ४ ४९८ ततो जिए सई होइ . १९५ . ५२* तणगहणानलसेवा ४ ७०७ तचाई तंबलोहाई ६६८** ७ १६२२* वणछेयंगुलिकम्मार ३ ४६५ तत्तो इत्थिनपुंसा तिविहा ४ . १७९* तणरुक्खं न छिंदिज्जा ५ ३४४* तत्तो गुरू परित्रा .. १६२६ तणुओ अतिक्खतुंडो ३ १५१७ तत्तो परित्तधम्मो ॐ51555555 के लिए देखीए ३२२ ॥४५॥ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि - 326 Page #327 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ४२२ 20006 दीप क्रमांक के लिए देखीए तत्तोऽणुप्पेहाओ लेस्सा ३ ।२९ तत्व असंपत्तो अत्यो ५ २६२ सत्य भवे आसंका ५ १४८ तत्तो दुन्नि दुगुंछ ३३३ तत्थ आलंवर्ण नाणं . ९२५* तत्थ मरीई नामा ततो व अप्पमत्तो +९ तत्थ उ भणिज्ज कोई ३ १५६४ तत्थ य तिरयणविणिक तत्तो व अहक्खायं ११५ तत्थ किल सोमिलज्जो ३ ५४१ तत्व व दो आइला । तत्तो य चुआ संता ३६४ तत्थ चत्तारि नाणाई २ . २ तत्थ य मइदोब्बलेणं तत्तो य जंगलाए ४८० तत्थऽज्झयणं पढमं । ७ २८ तत्थवि णाणे तत्तो य पुरिमताले तस्थ ठिचा जहाठाणं ७ ११०० तत्थ विभागुदेसियमेवं ६ ३२+ तत्तो य रायपिंदं कीयं ३ +२२ तत्व णं जा सा स्वणिहिआ २१००-१०५ तत्थवि य कालियसुप, . तत्तो य वग्गवग्गो ७ ११०८* तत्थ णियंठपुलातो . ३+ तत्थवि सो इच्छं से तत्तो य समं वेणं ३ ५५१ तत्व पढमा विभत्ती २ ५९* तस्थ समणा तवस्सी ५ ११६ तत्तोऽवि य उवट्टित्ता . २२२* तत्थ परिचायमि अ. २ ६४* तत्थ समणोवासओ मिच्छ०५ ३६ तत्तोऽवि से चइत्ताणं ५ २०७* तत्व पंचविहं नाणं ७ १०६४% तत्थ सिद्धा महाभागा ७१४३६* तत्तो सुमंगलाए सर्णकु०३ ५२२ तत्थ पुरिसस्स अंता R १९ तत्य से चिट्ठमाणस्स ५ .८६% तत्तो हिमवन्तमहंत०१ ३४तत्थ पुलावो दुविहो ५+ तत्थ से चिट्ठमाणस्स . . CASEASEE 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि -25 ~327 Page #328 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ५ ७ ६ ॥४६॥ दीप ५२८ ५ क्रमांक के लिए देखीए तत्थ से भुंजमाणस्स तत्थ सो पासए साहू तत्थाणता उ चरित्तपज्जवा तत्थावार्य दुविहं तत्थाहरणं दुविहं तत्थिमं पढमं ठाणं तस्थिमं पड़मं ठाणं तत्थेव अंतरा वा तस्येव पडिलेहिज्जा तत्थोववाइयं ठाणं तदविरयदेसविरया तदुभय सुत्तं पडिलेहणा तदिवसभोइआई तदिवस पडिलेहा १४३० वदोसगुम्विणीचालवच्छ० ४ ४६९ तम्हा उ सुरनराण ५ १४९ दासत्राचन७०२* तप्पागारे पल्लग ३ ५५ तम्हा एएसि कम्माण ७.१२९१* क्रमः २८+ तप्पुब्बिया अरया ३ ५६७ तम्हा एवं विआणित्ता २९८ तमइकमित्तु न पविसे १७०७ तम्हा एयासि लेसाणं ५१ तमतिमिरपडल. ११* तम्हा खलुप्पमायं ७ २१७* तमंतमेणेव उ से ७४४* तम्हा खलुकभावं . ४९८ १३१* तम्मूलं संसारो ३ ४३९ तम्हा गच्छामो वक्खामो ५ ११३ सम्मेव य नक्खते ७ १०११ तम्हा जइ एस गुणो ८४* तम्हा असणपाणाई २५८० तम्हा जिणपन्नते ५६२ १४०* तम्हा०आउकायसमारंभ २४० तम्हा ण बन्झकरणं ११५३ ।१८ तम्हा आयारपरकमेणं ५ ५०३ तम्हा०तसकायसमारंभ ५ २५४* १७६ वम्हा आवस्सयं ७ तम्हा०तेउकायसमारंभ ५ २४४% ॥४६॥ १४४३ तम्हा उ अप्पसत्वं ५ ३१० तम्हा तेण न गच्छिज्जा ५ .. २११+ तम्हा उनिम्ममेणं ३ १६५१ तम्हा ते न सिणायंति ५ २७१* ७ ३ ४ ३ 'सवृत्तिक आगम ४ सुत्ताणि ~328 Page #329 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए २९४+ ६६८ २०१* ३९६* ४१ दीप क्रमांक के लिए देखीए +SR-BOXCCCCCCCCXX तम्हा०तेहि होइ सो ५ ३६० तरुणगं वा पवालं | तम्हा दयाइगुणसुहिपहिं ५ १३३ तरुणदिवायरनयणो तम्हा दुचकवणा -४ ३८७ तरुणा वाहिरभावं ४ तम्हा धम्मे रइकारगाणि ५९णिवावा ५ ३६९ तरुणिों वा छिवाडि ५ तम्हा न एस दोसो ६ १७६ तरुणित्थि एकभागे . ४ तम्हा पडिलेहि ४ १११+ तरुणो बलवं तरुणो तम्हा पमाणजुत्ता ४ २२७ तरुणोऽसि अज्जो ! पव्वइओ. तम्हा पुत्वं पंडिलेहिऊण ४ १३१ तवतेणे वयतेणे. ५ तरहा०वणस्सइसमारंभ ५ २५१४ तवनारायजुत्तेण | तम्हा०बाउकायसमारंभ ५ २४८* तवनियमनाणरुक्खं ३ तम्हा विणयमेसिज्जा * तवसंजमगुणधारी ५ तम्हा सया विसुद्ध ४ ६० तवसंजममयलंछण १ तम्हा सुयमहिढेज्जा ७ ३५८* तवसंजमो अणुमओ ३ तरियब्वा य पइण्णिया ३ १२५६ [ववस्सियं किस दंतं] - १७८% तवहेउ चउत्थाई ४ १२६७ तबहेउ चउत्थाई १३६ तवं कुब्वइ मेहावी ५ १७९* तवं चिमं संजमजोगयं च ५ ४९२ तवेणं भंते ! १६३९ तवो अ दुविहो वुत्तो ७०६* तवोगुणपहाणस्स . . ५ २०५ तवो जोई जीवो जोइठाणं ७ २४९ तवोवहाणमायाय ८९ तव्वत्थुयंमि पुरिसो २१२ तब्बयणं सोऊणं ३ ९* तसकायं न हिंसंति ५ ७८९ तस्कार्य विहिंसंतो ५ ९६९ तसपाणेहिं जा सा ३ ५८* ४०२% ९१* ८५ ४३० -२५२% २५३* १३९१ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि 329 Page #330 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [त-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां नं.अ.आ. १ सूत्राधनु ४ देखीए EX दीप क्रमांक तसाणं थावराणं च तसे पाणे न हिंसिज्जा ५ तसे पाणे वियाणित्ता तस्स अणुओगदारा तस्स असंचेअयओ ४ तस्स कडनिट्ठियंमी ६ तस्स कसाया चत्तारि ३ तस्सऽकंदणसोयणपरि० ३ तस्सऽक्खेवपमुक्खं च तस्स णं अयमढे एव० तस्स गं इमे एगडिआ तस्स ण इमे एगद्विआ आव०१ तस्स इमे एगट्ठिया०गणकाएर तस्सणं इमे एगडिआसुअ०२ के लिए देखीए १३६१० तस्स पस्सह कल्लाण ३४६* तस्स पंढियमाणिस्स ९७०* तस्स पाए उ वंदित्ता ३१+ तस्स भज्जा दुवे आसि ७५२ तस्स भजा सिवा नाम १७८ तस्स०भयवं गोयमे नाम १५५४ तस्स मे अप्पडिकंतस्स । १५ तस्स य पावच्छित तस्स य वेसमणस्सा तस्स य सकम्मजणियं ३१ तस्स व संतरणसहं २८ तस्स रूववई भजं तस्स रूवं तु पासित्ता ४३ तस्स लोगपईवस्स 5% २०२० तस्सासइ धूलीए २७+ तस्मुत्तरीकरणेणं ३ ७०५* तस्सेव य सेलेसिगयस्स ३ । ७८४* तस्सेवं वेरग्गुग्गमेण ७८६* तस्सेस मग्गो गुरुविद्धसेवा . ८३७* तह उवद्सनिमंतण ४३४७ तह चेव दीवण चउकरण ४ ८०३ तह जिणवराण आणं २९४ वह तिव्वकोह लोहारालस्स . ।५६ तह तिहुयणतणुविसयं ३ ।५८ तह नाणलद्धनिजामोऽवि३ ७६५ तह वारस वासाई ७०३ तह रेवइत्ति एए पन्नरस ३ ८३५* तहवि य अठायमाणो ३ . . ४ ७ ३ 'सवृत्तिक . . आगम सुत्ताणि ~330 Page #331 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ३१३ ४२६* दीप क्रमांक के लिए देखीए तह विसइंधणहीणो ३ ।७४ तद्देव गंतुमुनाणं ५ तह सूलसीसरोगाइ । तहेव गंतुमुजाणं ५ वह सो ज्झाइ समत्था ३ ।९८ तहेव गाओ दुग्झाओ तह कोलमणुस्सिन्न १८०% वहेब चाउलं पिटुं ५ |तहा नईओ पुण्णाओ ५ ३१५% तहेव डहरं च महल्लग वा ५ इतहा फलाई पकाई ५ ३०९ तहेवदेवजक्खा अ गुज्झगा ५ तहा य पयणुवाई य . १३२१* तहेव फरुसा भासा ५ तहियं गंधोदयपुष्फवासं . ३९४७ तहेव फलमंथूणि तहियाणं तु भावाणं . १०७५# तहेव भत्तपाणेसु तहेव अविणीअप्पा उव० ५ ४२०* तहेव माणुसं पसुं ५ तहेव असणं पाछेदिन ५ ४६९ तहेव मेहं व नई व माणवं ५ तहेव असण०होही अट्ठो ५ ४६८० तहेव०लोगंमि नरनारिओ ५ तहेव काणं काणत्ति ५ २८९ वहेब लोगसि नरनारिओ ५ तद्देव कासिरायावि ७ ५९५४ वहेव विजओ राया ३०३* तहेव सत्तुचुन्नाई। ०७७ तहेव संखडिं नया १ ३०१७ तहेव सावजणुमोअणिगिरा ५ १८१* तहेव सावज जोगं ४५०* तहेव सुविणीअप्पा ४२५* तहेव सुविणी देवा जक्सा अ५ २८८० तदेव हिंसं अलियं १८३ तहेव होले गोलिति .. १३६२* तहेवासंजय धीरो २९१ तहेवुग्गं तवं किचा ३२९४ नहेवुचावयं पाणं ४२२ तहेवुधावया पाणा ४२४* तहेवोसहिओ पकाओ ५९६* तं अन्नमनपार्य * * oco ANAW 44600 * * GMAMAANWAR * 2EEm * * 'सवृत्तिक आगम . ५९५५ सुत्ताणि ~331 Page #332 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए क ७ सूत्रावर कमः दीप ४ क्रमांक के लिए देखीए : AACASSACROSSES तं अप्पणा न गिहंति ५ २२३* तं ठाणं सासयं वासं ७ ९१५* पासिऊण इढेि तं इक्कगं तुच्छसरीरगं से ७ ४३०* तंडुलजलआयाणे ६ ३८९ तं पासिऊण मिजं जं त उक्खिवित्तु न निक्खिवे ५ १४४* तं तह दुल्लहलंभ ८४० तं पासिऊण संविम्गो तं कसिणगुणोवे ३५५ तंतिसमं तालसमं १७५ तं पिय सुफे सुकं | केसु कीरई तत्थ ३ १७६+ तं दद्दूण पवत्तो २२+ तं पुण गुरुस्स सेस। तं च अञ्चविलं पूर्य ५ १३८* तं दाएइ जिणिदो ३ ४२३ तं पुण णाम तिविहं तं च उभिदिआ विजा ५ १०५* तं दिव्व देवघोसं ३ ५९१ तं पुठबनेहेण कथाणुरागं |तं च कह ३ ४५५ तं०दिति पडिआइक्खे ५ १०२४ तं पेहई मियापुत्ते तं च कहं वेइजइ? ३१८३-७४३ तं०दिति पडिभाइक्खे ५ १११* तंवाए नंदिसेणो तं च दुविहं उम्पनइ १ १८ तं दुविहं सुअनोसुअ०३ २४५+ तं वितऽम्मापियरो तं चऽसि वालग्गाही ३ १२७२ तं देहवासं असुई ५ -४८१७ तं वितऽम्मापियरो तं च होज अकामेण ५ १३९ तं धम्मंसदहामि ३ २३ तं वितऽम्मापियरो तं जह उ हत्यकर्म ३ ___ +२१ तं न भवइ जेण दुमा ५ १०६ तं बुद्धिमएण पडेण जहा सामाइ चउवीसत्थओ२ ५९ तं पव्वइयं सोउं ३ ६०२ तं भवे० अकप्पिों m99 ૬૨૪૪ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~332 Page #333 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए AAAAAAA तं भवेदितिभन्न मे०५ तं भवेन मे कप्पइ वारिसं ५ तं भवे भत्तपाणं तु ५ तं भवे भत्तपाणं०संजयाणं ५ ५ तं भवे०संजयाण अकप्पि ५ तं लयं सव्वसो छित्ता ५ तं वयणं सोऊणं ३ तं वयर्ण सोऊणं ३ तं वयणं सोऊग नगराओ ७ तं समासओ०ब्बओ खित्तओ१ तं समासओ०दव्वओ खिचओर समासओ०पञ्चक्षं च १ |तं०संजयाण अकपि ५ १२१००संजयाण न मे कप्पड ५ १७४% ति में अंतरिच्छच . ७१९० ११९* तंसि नाहो अणाहाणं ७५४* तिगदुगमिकग ३ २३९ १००% तं सोऊण कुमारो ७ ३४५ तिणि अ अड्डाइजा २५७ १२३७ तं होइ सइंगालं ६ ६५५ तिण्णि दिणे पाहुन्नं ११७* ताणि ठाणाई गच्छंति ७१५५ तिण्णि य गोयमगोता ३ ६४९ ११३७ तापो सोसो भेओ जोगाणं ९९ तिणि विहत्थी चउरंगुलं ४ ६८१ ८७७ तायंमि पूइए खलु ३ ३४३ तिण्णि सए दिवसाणं ३ ५३५ ७४+ तारिस भत्तपाणं तु ५ १०७* तिणि सल्ला महाराय! ४ ६२४ ४२५ तारेहि जयणकरणे ४१+ तिणि सहस्सा सत्त य १०६* ३६९ तालणा तजणा चेव ६३२७ तिष्णुदही पलिओवम०. ७ १३३३* १६ तालपिसार्य दो कोइला ११३x तिण्णेव उत्तराई पुणव्वसू ३ ३७ तालिअंटेण पत्तेण २४६* तिण्णेव य कोडिसवा ३ ८५* . २ तालिअंटेण पत्तेण ५ ३४३* तिण्णेव य कोडिसया ३ २२० १०९ ताहे य दुरालोइय: २७४+ तिष्णेष य लक्खाई ३ २६० 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~333 Page #334 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ ४९ ॥ तिष्णेव य वाससया विष्णो हुऽसि अण्णवं मई तिण्ड्मन्नयरामस्स 쿠 वित्तीससागराऊ तित्तीससागराऊ तित्तीससागरोवमा तित्थगरवयणकरणे ७ ५ तिन्ह सहसपु तिन्ह सहस्समसंखा तिन्हं अणगाराणं ७ ४ तिन्हं एक्केण समं तिण्हंपि णेगमणओ ७ तित्तगं व कडुअं व कसायं ५ तित्तीस अडवीसा ३ ३ ३ ७ ७ ७ ४ २९८ |तित्यगर सिद्धकुमाण ३२३* तित्थगराणं चोयग ! २६८३ तिस्थपणामं कार्ड ८५७ तित्थयरकेक्लीणं ८५८ तित्थवरगुणा पढिमासु १०१ तित्थयराणं पढमो ९९ + तित्ययरा रायाणो साहू ७० तिरथयरे भगवंते १५६* तित्थव किं कारण २६८ तित्यं गणो गणहरो १५३९# तित्थं चाय्वष्णो १६१५* तित्थाइसेससंजय १२८८* तिन्नि उ पएस समया ४७+ तिन्नि य पागारवरे ~ 334 ५ 單 ३ W ३ ३ ४ ३ ३ ३ ३ ६ ३२७ तिनि सया तित्तीसा ४३ + तिन्निसा तिचीसा ५६६ तिने ताई दविए ३१६ तिने ताई दविए ११४२ तिने अहोरा ३३८ तिन्नेव य पच्छागा २६२ तिन्नेव य पच्छागा ८० तिन्नेव य पच्छागा० एसो ७४२ तिन्नेव सहस्साई २११ तिन्नेव सागराऊ २६५ तिबेला मुद्दा मुको ५५८ तिबलागमुहम्मुको ५५ तिय सीयं समणाणं ५४८ तिरिए अणुब्बट्टे + ३ ५ ५ ७ ४ ४ ४ ७ ७ ४ ६ ६ ३ ९६६ ९७१ १६१ ३४७ १४८६* ६७३ ६७६ ६७० १४९५* १५३४* ५४३ ६३२ ६२० ८२६ सूत्राधनु क्रमः ॥ ४९ ॥ Page #335 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) तिरियं मद्देऽविय तिरियायय उज्जुगरण तिलं तेगिच्छंसुओ विचिदिव तिविहंमि सरीरंगी तिविद्दा उ दुव्वसुद्धी विवि तिविहा बेइंदिया तिविद्देणंति न जुत्तं तिविहो उ दुव्वपिंडो तिथिहो उ होइ उल्हो तिविहो तेडकाओ तिविहो पुढविकाओ तिविहो यदव्य पिंडो ४ ६ ३ ३ ५ ४ ४ ६ ४ ४ २५७+ तिविहो य होइ कालो ३६५ तिविदो य होइ जड़ो १७४ तिविहोवधायमेयं ४०+ तिविहो वणरसई खलु ८ तिविहो व नवविहो वा २८६ तिविहो सरीरजड़ो पंथे १६४६ तिविहो होइ पसत्थो ४३ तिब्बचंडप्पंगाढाओ १०५८ तिब्बो रागो अ दोसो अ ८ तिसमयहीणं खु ३३ + तिसमुद्दखायकित्ति ३५ तिसु तिणि तारगाड तिसु तिन्नि वारगाओ तिहिंकरणंमि पसत्थे २३ ३३६ ~ 335 . ४ ३ ४ ४ ७ ३ ४ ७ ३ ३ १ ४ ૨ ४ ४८४ तिहि नाणेहि समग्गो १३०५ तिहिरिक्खमि पसत्ये ४५० तिहिं नाणेहिं समग्गा ४२ तिहुयणविसयं कमसो १२११# सिंदुयं नाम उज्जाणं १३०८ तीयमणागयभावं ४१० तीसं तु सागराई * ६७२* तीसा बारस दुसगं ३ २०३+ तीसे अ जाई उ पावियाए ७ तीसे सो ववणं सुचा १६५+ ७ २७* तीसे सो वयणं सोचा ५ ३ ३ ३ ३ ७ ३ ७ ३९२+ तुझऽद्वार कयमिणं १४८८ तुझ पिया मह पिउणो ५ ८०+ तुझं सुखद्धं खु मणुस्सजम्मं ७ ६ ५८+ ७९+ ११०+ |७० ८३५# १५३४ १६१३* ६५२ ४२४* ८२८* १५* २०५ ८६ ७५२ Page #336 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८१ ३८३% सूत्राघनुक्रमः नं.अ.आ. ओ. द.पि. उ. ॥५०॥ १०९ दीप 494%A60444 क्रमांक तुहाओ देवीओ. ३ ६३+तुंबवणसंनिवेसाओ ३ ७६४ तेगिच्छे नाभिनंदिज्जा... तुढे य विजयघोसे . ९८३७ तूरंतो अ ण पेहे: ४ ७१+ ते घोररूपा ठिी अंतलिक्खे ७ हो अ सेणिो राया ७ ७५२४ ते अयलभाया आगच्छइ ३ ६३० तेण पर आवायं कुम्भिस्थ भो ! भारहरा निराणे ३७३* तेआकम्माणं पुण ३ १७१+ तेण परं पासत्वाइएमु ४ तुम्भे जइया जन्नाणं. ७ ९८४% तेाभासाव्वाण ३ ३८ तेण परं पुरिसाणं तुभे०तमणुग्गहं . ९८५* तेइंदियकायमइगओ: ७ ३०० तेण पर बुच्छामी । | तुम एव य अम्म ! हे लवे . १३५ तेइंदिया य जे जीवा ७ १५०९४ तेणवि पडिच्छियचं ३ तुमए समग आमंति० ३ १३०४ ते उक्कायमइगओ २९६ लेग समं पव्वइया तुलिआण बालभावं २०७* ते उ पइन्नविभत्ती १३८ तेणाएसगिलाणे तुलिया विसेसमायाय १५७* ते उ पडिसेवणाए ५१४ तेणावि जं कर्य कम्म तुल्लेऽवि अभिप्पाए ६ ६+ तेऊ पम्हा मुक्का ७ १३४८५ तेणा सावय मसगा. ४ तुप्पियाई मेसाई ५ ६६९* तेऊवाउविहूणा ४ ४६ तेणियं पडिणियं चेव तुहं पिया सुरा सीहू ६७०* तेऊ वाऊ य बोद्धब्बा १४८० तेणे जहा संधिमुहं गहीए . तुंगीयसन्निवेसे ३ ६४५ ते कामभोगेसु असूजमाणा ७ ४४६ तेणेहि पहे गहिओ १३४२%23 १२३७ ४८० के लिए देखीए * ** 'सवृत्तिक आगम ५६४* १३३ | १२२१ ११७* ४८५ ॥५०॥ * * सुत्ताणि ~336 Page #337 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [त-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ३३७* १९१ 200mm 60 ५ ४५२%2 ४१० ४४७ तेणेचि मण्णमाणो ४ तेणो व संजयट्ठा ६ ते० तइओ आगच्छई ३ तेत्तीसइमे कम्म |तेत्तीसाए आसायणा० ते पब्वइए०वच्चामिण ते पव्वइएवंदामि वंदित्ता ३ ते पासिया खंडिय कहभूए ७ ते पासे सब्बसो छित्ता ते पुण ससूरिए चिय ३ ते मे तिगिच्छ कुवंति ७ ते०मेयजो आगच्छई ३ ०मोरिओ आगच्छई ३ ते य विसेसेण सुभासवादओ ३ दीप क्रमांक के लिए देखीए २२६ तेयाकम्मसरीरे : ३७४ तेरसमे अनियाणं ६०६ तेल्लदहिसमाओगा २६ तेल्लोकं असमत्थंति १८ ते०वच्चामि ण वंदामी ६३८ ते वंदिऊण सिरसा ६२६ ते वंदित्ता पजुवासामि ३८८ तेऽवि तं गुरुं पूअंति ८७२* तेवीसई सुयगडे १६१४ तेवीससागराई ७२१० तेवीसं च सहस्सा . ६३४ तेवीसाए नाणं ६६२ तेसि पडिलछण पुच्छण ।९४ 'वेसिमेव य णाणी] %454495 ४३ तेसिं अच्छणजीएण २१ तेसिं उत्तरणकरणं ६४९ तेसिं गुरूणमुदएण तेसिं गुरूणं गुणसायराणं तेसिं दुहवि पुत्तो ८३ तेसिं पुत्वा चउरो तेसिं पुत्ते बलसिरी ४३० तेसिं सुच्चा सपुजाणं ५० तेसिं सो निहुमो दंतो १६०६७ तेसुवि य धम्मसहो २७५ ते०सुहुमो आगच्छई २५३ तेहि अ पव्वइअव्वं ३५+ तो उद्धरति गारवरहिता +५६ तो उवगारित्तणओ ५ १५६४ २१२ . ३ ३६८ 'सवृत्तिक आगम 6-05-25%%%%% ४ ३ सुत्ताणि ~337 Page #338 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [त-कार + थ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए नं.अ.आ. ३ . ३ ४४१ ४७२ सूत्राधनुक्रमा पि.उ. ॥५१॥ दीप २ ३ ३ क्रमांक के लिए तो देसकालचेट्ठानियमो तो नाणदंसणसमग्गो तोयमिव नालियाए तो बंदिऊण पाए तो समणो जइ सुमणो &ा तो समणो जइ सुमणो तो समणो जइ सुमणो तोसलिकुसीसरूवं & तोसिआ परिसा सव्वा तो सो पहसिओ रावा तोऽहं नाहो जाओ थकार थक्के थक्कावडिय थणगं पिजेमाणी ।४१ थद्धा निरोवयारा ४ २१०* थयथुइमंगलेणं भंते ! ७ ।७५ थलेसु बीयाई वयंति कासया ७ २८७* थंडिलवाघाएणं अहवावि ३ १३३* थंडिल्ल पुब्वभणियं ८६७ थंडिल्लासइ चीरं . ४ १५८ भा कोहा अणाभोगा ५०९ थंभा व कोहा व ५ ९२०* थावर जंगमं चेव . . ७०८% थिबुयायारजण्णो ३ ७३३* थिरकयजोगाणं पुण थुइ थुणण बंदण १६६ थुइ मंगलमामंतण . ४ १०१ धुल्ली वियडपाओ ६ ११३+ धूणाइ पूसमित्तो २८ थूणाएँ बहिं पूसो ३७०* धूम सयभाउगाणं १३३४ थूलग अदत्तादाणं ६१९ थूलग पाणाइवार्य ६३+ थूलग मुसावायं २५७+ थूहं रयणविचित्रं ३९९७ थेर पहु थरथरते १६५४ थेरी दुल्बलखीरा ५४ धेरै गणहरे गम्गे ३६ थेरो गळंतलालो ११०३ थेरो पहं न याणा १३८ थोवमासायणढ़ाए ४२६ थोपि पमायकयं देखीए . ४१८ १०४४* ७ ५८० . 'सवृत्तिक आगम ॥५१ ६ १ १८ १३७* २०४ %8453 सुल्ताणि ~3380 Page #339 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [थ-कार + द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत * सूत्रांक यहां देखीए ३ ४ ५ ३ दीप क्रमांक के लिए देखीए थोवं मुंजइ बहु थोवावसेसपोरिसि थोवावसेसियाए बोवावसेसियाए संझाए योवाहारो योवभणिो थोवे थोवं छूढं दकार: दइएण बत्यिणा वा दइएण वत्थिणा वा दिक्खत्तणयं पुरिसस्स दक्खिण्णे पत्थंतो ४ दगतीरे ता चिट्टे & वगैबीए संघट्टण दगमहिअ भावाणे ५९+ दगवारेण पिहि १४२३ दई कयं विवाह ६५१ दडे सिणेहकरणं १४७६ दटूण कीरमाणि १२८२ दद्रूण चेडिमरणं ६७१ दद्ण तस्स रूवं दहूण तहिं समणे ३६३ दहण य अणगारं ४२. बहूण रहनेमि १९३ दढभूमीए बहिआ २५५ दचिब्ब दाणमुसभं ३६ दतीहि उ कवलेहि व ६८८ दत्तेण पुच्छिओ जो ८५७ ददर सिलसोवाणे १०४* दमदंते मेवजे कालय २४+ दया य संजमे लज्जा १५४ दरहिंडिए वं भाणं ३४७ दव अप्प कलुस ९५ दवम्गिणा जहा रणे २३८+ दवदवचारऽपमज्जिय ३७१ " दबदबस्स चरई २९३ दवदवस्स न गच्छेना ८२१* दवमाइनिग्गयं वा ४९७ दवि कारणगहिरं २५+ दविए चउरो भंगा १६७२ दवओ खित्तओ घेव ८७१ दबओ खित्तओ चेक ३६४ व्यओ चक्खुसा पेहे सोपी 'सवृत्तिक आगम ३ ३ ३ ६ सुत्ताणि . * ९२७* ~339 Page #340 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां २५४ ६ ३ सूत्रायनुक्रमः देखीए ब RESUCCESCRk दीप क्रमांक आ.द्र दव्वकरणं तु दुविहं दिव्वक्खएण पंतो दव्वगुण खित्तपज्जव ॥५२॥ व्यर्थओ भावथओ दवनिमित्तं दुब्वे बप्पमाणगणणा बमरणं कुसुंभाइएसु दव्वविउस्सग्गे खलु दव्वसुय पोंडयाइ दव्वं च अस्थिकायप्पयार० दव्वं जेण व दवेण दव्वंमि अत्तकम्म दव्बंमि० कुलाल मिच्छंति हैदव्वंमि ठाणफलए १८४ दव्वमि०मिक्खाईणमदाणे ३ १२६+ यमि लडुगाई ६ २०४+ दवं सत्यग्गिविसनेहं बिल० ५ १९४+ दवाइओ विवेगो २४३+ दब्वाईछिन्नपि हु जइ ४ १३६+ दवाओ असंखिजे २०९ दव्याण सव्वभावा ३ १०६२ दवाण सबभावा ३१२ दव्वादिएहिं निचो ४० दब्बाभिलावचिंचे ५ ३२९ दवाया खलु काया ६. १०६ दबावाए दोन्नि उ ५ ३ १०५९ दब्बासण्णं भवणाइयाण ४ ४ १०३ दबीए भायणेण व ३ १०५२ दव्वीछूटेति जं बुत्तं ८६ दबुजोउज्जोओ २३२ दबुझणा उ जं जेण ३९६ दब्वे अञ्चित्तेणं भावंमि २३४ - दव्वे अद्धअहाउस ६४ दव्ये अद्ध अहाउय ३१७ दवे खित्ते काले १०८४* दब्वेण य भावेण य ५९ दबे तणडगलाई ७३६ दवे तं चिय दवं १०४ दव्वेत पुण उत्तरतं तं ५५ दब्वे तिविहा गहणे १८२+ दब्बे दुहा उ कम्मे +३० दब्बे निहाणमाई : PPR के लिए देखीए ८२५ ५ ३६१ 'सवृत्तिक आगम SC-C २९६ सुत्ताणि G0 ~340 Page #341 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए ANDAULOADGADACILPECTEL दवे नेशयाईण भवे ३ दब्वे भावे घासेसणा उ ४ दव्वे भावे य चलं ४ दवे भावे य दुहा सोही ३ दव्वे भावे य दुहा पञ्च० ३ दव्वे भावेऽविभ मंगलाई ५ दव्वे भावे संजोषणा उ ६ | दवे मणवयकाए जोगा ३ दव्वे रसे गुणे वा ३ दव्वे रुद्दाइघरा . ४ दव्वे सचित्ताई ५ दव्वेसणा उ तिविहा दव्वे सरीरभविओ ५ दस अट्ट य ठाणाई ५ १९०+ दसउदहीपलिओवम १३३४* दस वाससहस्साई ७ ५४० दस उद्देसणकाला दसाण ३ +४३ दस वाससहस्साई तेऊइ ७ २०५+ दसकालिअस्स एसो .५ २५ दस ससिहागा सावग ६ १६०६ दसकालियंति नामं ५ ७ दससागरोवमाऊ७ १७१३ दस चेव०वासाणुकोसिया ७ १४७५७ दसमु अ छको दब्वे ४४ दस चेव सागराई १५९८* दसहा उ भवणवासी ६३६ दस चोदसअह[अ] हारसेव १ ८२* दसहि सहस्सेहि उसभो ३ १०५१ दसण्णरजं मुइयं ७ ५९१% दसारसीहस्स य सेणियस्सा ३ १७०० दस दगलेवे कुछ १७०० दस दगलेवे कुवं ३ +२९ दहि घय तर्फ पयमविलं ४ ७६६ दस दो य किर महप्पा ३. ५३२ दंडए लट्ठिया चेव ४ ३६२ दसपुरनगरुन्छुपरे ७ १७५ दंड कवाडे मंयंतरे . ३ २३९ दसपुरनगरुच्छुघरे ३ १४२+ दंडकससत्थरजू ३ ३७० दस य नपुंसए एसुं . . १४२४* दंड धणू जुग नालिआ व २ २१६* दस बाससहस्साई ५ १३३२* दंडसत्थापरिजुन्ना ५ १३३९* १३४४* १४६ १५३६%* ३८० १५७७* ३११ ११७२ १९१+ ७२९ ७२५ 'सवृत्तिक आगम ४२३३ सुत्ताणि - 341 Page #342 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ४ शास्त्रायन ४३६ १२१+ ३५३ १२४ दीप १२८१% २+ क्रमांक HMI दंडाणं गारवाणं पं . ११३८० दसनाणचरित्तेसु . १०८० दाणे अभिगमसड्डे मदतपुरदन्तचके सवदी १३७७ सणनाणप्पभवं चरणं ९१ दाणे अभिगमसड्डे दंतसोहणमाइस्स ७ ६२७* दसणनाणे चरणे ६ १४१ दाणे कयविक्कए का दंते विद्धि विगिचण ३ १४५४ दसणपक्खो साबय ३ १९७७ दाणेति दत्तगिण्हण दंदे अ बहुब्बीही २ ९१% ईसणमोहे सणपरीसहो . .७७ दाणे लाभे य भोगे य दसण०एए उ वंदणिजा. ३ १२०५ सणवयसामाइय ___ +४ दाणन्न पंथ नयणं हैदसणचरणे पढमो ६ १५४ दसणविणए आवस्सए ३ १८० दाणं च माद्दणाणं दसणनाणचरिचाण ६६५ सण. ३ ३ वटा ४५२ दाणं न होइ अफळं दसणनाणचरित्ताणि ५ ३०७ सण समिईसु करणजोए । १३०६ दायव्वमदायव्यं च दसणनाणचरित्ते . ७ १०८५* दसणसंपन्नयाए णं भंते! ७. ७४ दारं जा पडिलेहे दसणनाणचरित्ते ३ १२०३ दसमसगस्समाणा . ४९५ दाराणि य सुया चेव दिसणनाणचरित्ते ५ २८९ दंसिअछंदिअगुरुसेसएमु . १ ३९० दावद्दवे उदगणाए है दसणनाणचरिते ५ ३१६ दाउं सरयत्ताणं ४ २१०+ दासा दसन्नवे आसी दसणनाणचरिते ५ १८३ दाऊण वितियकर्ष ४ ५८७ दाहित्ति तेण भणिए के लिए देखीए 5454544COM ४५५ ६०७ २०८ ५६१* +१७ ४११* ४७० 'सवृत्तिक आगम M ॥५३॥ ६ सुत्ताणि ~342 Page #343 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [द-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ३ . ६ ८७१६ ९७० ४ . दीप क्रमांक के लिए देखीए दाहोवसमं तव्हाइछेअणं दिगिंछापरियाण || विजते पढिसेहो विवाहि भाणपूर ति दिढ असंभमपिंडो विट्ठमदिहं च तहा दिहमदिट्ठा दुविधा | दिलु खीर खीर दिहंतसुद्धि एसा है दिलुतो अरहता विहं मिमं असंदिद्ध दिहा व समोसरणे दिडे सुपाणुभूए दिण्णे गुरूहि तेसिं ३०० १०७७ दित्ताऽदित्ता तिरिमा ५०% दिनाउ ताउ पंचवि ११ दिन्ने कोडिने या ६८५ दियराउऽपञ्चवाएप० ५७+ दिवसस्स चउरो भागे १२२२ दिवसस्स पोरिसीणं ९५ दिव्बमाणुस्सतेरिक •१३१ दिव्वे च जे उबसग्गे ११७ दिवो मणूसथोसो ९१ दिला अवरदक्खिमा ३८३ दिसिदाह छिन्नमूलो ९७ दिसिपवणगामसूरिय ८४४ दिसिवए तिविहे पन्नत्ते ५२५ दिसिन्वयगहियस्स SESUASASAASASARISIENSIS ४ ३०३ दीवे अ इ के कुत्ते ६ २२३ दीसंति बहवे लोए . २९६ दीइकालरयं जंतुकर्म ४ . ७५+ दीहं वा हासं वाजं . १००२* दीहाउया वित्तिमंता . १११७* दुकरं खलु भो ! णिचं. . ९७३* दुकराई करित्ताणं ११३९* दुक्खं हयं जस्स न होइ ३ १०८+ दुगतियचउरो पंच व १३२० दुगमाई सामने १४३२ दुगुणो चउग्गुणो वा ४ ३१७ दुग्गओ वा पओएणं ३ ४२ दुग्गाइतोसियनिवो ४७ हुग्गासे तं समइच्छिउं . ११६३७ ६१२ ४ ४ 'सवृत्तिक आगम ३ ४ ७२२ ४३४* १४२५ ..३३+ ३ सुत्ताणि - 343 Page #344 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ७८२ . ६ ३ सूत्राधक्रमः १२८९ दीप क्रमांक नं.अ.आ.दादुजए कामभोगे य ७ ५२३७ दुमपुष्फिा य आहारएसणा५ ३७ दुविहं सवेऊण य दुपसुसाणसावय० ____७४० दुमपुफियनिजुत्ती १५३ दुविहं च मक्खियं खलु द.पि.उ. दुहं तु मुंजमाणाणं ५ ९६* दुमपुष्फियाइया खलु ५ १९ दुविहं च होइ गहणं दुण्डं दोऽवि तत्थ निमंतए ५ ॥५४॥ ९७* दुमयाउनामगोयं २८२ दुविहं च होइ भावे दुदही विगईओ ५४१* दुमा य पायवा रुक्खा ३५ दुविहं पओगकरणं दुन्नि य रवणी माहिंद०७ १४८ दरहमाणी पवडिजा '५ १२७* दुविहंपि णेगमणओ दुन्नि व तिन्नि व चत्तारि पंच७ . २२७ दुलहे खलु माणुसे भवे .. २९३* दुविहं होइ पमाणं दुन्निवि नमी विदेहा ७ २६७ दुलभदव्वं व सिआ४ ६१५ दुविहा आउजीवा उ दुपयचउप्पयधणधन ३४० दुलभदव्वं व सिया ४ ७२० दुविहा उ भावलेसा दुप्पणिहिजोगी पुण ५ ३०८ दुल्लभदव्वं व सिया , ४ २३०+ दुविहाएँ वेयणाए दुप्परिचया इमे कामा ७ २१३* दुलहा उ मुहादाई ५ . १५९४ दुविहा खलु पडिलेहा दुब्भासिएण इक्केण ३ ४३८ दुविहतवो मग्गगई ५१६ दुविहा जायमजाया दुमपत्तए पंडुयए जहा . २९०० दुविहति विहेण पढमो३ १६५५ दुविहा तेउजीवा उ दुमपत्तेणोवम्म ७ २८३ दुविहविराहण उसिणे ६ ५५६ दुविहा परूवगा छप्पया के लिए देखीए १८८ १४४. २१३+ ४५७* RAKESHAAS ८२४ १३६३ 'सवृत्तिक आगम ७ ३ ८९१ सुत्ताणि - 344 Page #345 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ७ ३ ३ १५३६ १०७४ १०७५ ४६२ ४३१ दीप क्रमांक के लिए देखीए | दुविहा पुढविजीवा दुविहा य चरित्तंमी दुविहा य हुंति जीवा दुविहा य होइ सोही दुविहा य होंति पाया दुविहा वणस्सइजीवा दुविहा वाउजीवा य दुविहावि ते भवे. दुविहो उ भावपिण्डो दुविहो उ संथवो खलु दुविहो उ होइ कालो दुविहो कार्यमि क्णो 18| दुविहो खलु अमिओगो दुविदो खलु पालोको १४४३* दुविहो खलु उज्जोओ ३ ७१८ दुविहो पमाणकालो ५ . ९+ दुबिहो परमाणूणं । ७९४ दुविहो य भावपिंडो ४ ३७८ दुविहो य होइ कालो ७ १४६५७ दुविहो य होइ गयो ७ १४९०* दुविहो य होइ दीवो १५४४* दुविहो य होइ भावो ६ ५९ दुविहो व होइ साहू ६ ४८४ दुविहो लोगुचरिओ ३ १४६६ दुविहोवकर्मकालो ३ १५१६ दुन्विअड्डा जहा-न य ४ ५९८ दुहओ गती बालस्स ४ ६५. दुमोऽणंतरभवियं १०७० दुहओऽणतररहिया ७३० दुह दब भावधम्मो ३६ दुह होइ भावधम्मो ४०१ दूइज्जंतगा पिउणो ६४० इत्वं खु गरहिों २४० दूरहिअ खुङलए २०६ दूरा भोयग एगागि ४९५ दूरुट्टिअ खुडूलए ५२३ दूरुहिम खुडूलए ४३ देवगह आणुपुब्बी ६६५ देवदाणवगंधव्वा ४७० देवदाणवगंधव्या १९४७ देवमणुस्सपरिखुडो १५३७ देवलोगचुओ संतो। ४ ४ ५ ३ 'सवृत्तिक आगम १ २५० ७ ८०४* २ प्र. सुत्ताणि ३ ~345 Page #346 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [द-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए -१५+ सूत्रानु क्रमः नं.अ.आ. ओ. द.पि. उ. ॥ ५५॥ १२१४ .७०५ ३ दीप क्रमांक १५९४* के लिए देखीए देवलोगसमाणो अ ५ देवा काबिहा वुत्ता देवाणं मणुआणं च ५ देवाणुअत्ति भत्ती देवादीय लोयं देवा भविताण पुरे भवमी ७ देवाभिओगेण निओइएणं ७ देवा व देवलोगम्मि ७ देवासुरमणुएK अरिहा देविंदचकवट्टित्तणाइ देविंदवंदिएहिं देवी अ नागदत्ता ७ देवी सुमंगलाए ३ देवे णरए य गओ ww066 ४९१* देवेसु अणुचट्टे दुगं १५७६७ देवेहि संपरिवुडो ३२७* देवो चुओ महिडीओ ५८३ देसियदंसियमग्गो २१७+ देसिय राइय पक्खिय ४४१* देसिय राइय पक्खिय ३७९* देसियं च अईयारं ४१२* देसूणगं च वरिसं ९२२ देहन्नसरीरेण व ।९ देहमइजडसुद्धी ७७४ देहविचित्तं पेच्छह ३३८ देहि इमं मा सेसं ४x.देहिंदियाइरित्तो ३०३* देहिं दियाइरित्तो ३ ८२७ देहो सभोत्तिओ खलु ६५+ दो अज्झयणा चूलिय ५१४ दोओणयं अहाजार्य १५६९ दो घेव मत्तगाई १५९८ दो चेव य छट्ठसए १६२६ दो चेव सागराई ७ १०३०* दो चेव सुवण्णेसुं ३ १८९ दो व नमुक्कारे ४ २५३+ दो छच्च सत्त अट्ठ व ३ १५५९ दोण्णि उ दुद्धरिसतरा ।९२ दोण्णि तिहत्थायामा २३३ दोहं वरमहिलाणं १४+ दोन्नि उ साहु समत्था ३८+ दोन्नि य दिवमुखेत्ते १६९५मा १६९४ ४ 'सवृत्तिक 23-454555 २२०+ ३१९+ ६०+ ५१५ आगम सुत्ताणि ६ -३ - 346 Page #347 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ द-कार + ध-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १५७७ १५९१ ३०९* दीप क्रमांक के लिए देखीए X दोवि अ जमला भाउअ . Mदोसग्गीवि जलतो ६ दोसाणं परिहारो दोसेण जस्स अयसो दोसेण जेण दुई दो सोला बत्तीसा धकारः धणदेवे वसुमिचे धणधन्नपेसवरगेसु . घणसत्ववाह पोसण० .३ धणं पभूर्य सह इत्थियाहिं . धणुजुयकायभराणं ६ परकम किच्चा ७ धणेण किं धम्मधुराहिगारे ७ ४३७ धन्नाई चउब्वीसं ६५८ धन्नाणि रयण थावर १९५+ धम्मकह वाय खमणं ४४५ धम्मकहाअक्खित्ते ६०६ धम्मकहाअक्खित्ते ७३ धम्मकहाए णं भंते ! धम्मकहा बोद्धव्वा ३३९ धम्मजिणाओ संती ६२९* धम्मज्जियं च ववहार १७१ धम्मत्थिकाए तसे ४५६* धम्मत्थिकाय धम्मो ९६ धम्मनियत्तमईया २४८* धम्मरुइ अजवयरे . ४५७* धम्मलद्धं मियं काले +5-4545453 २५४ धम्मसद्धाए णं भंते! ५ २५२ धम्मस्स कुमार ३१२ धम्म फलं मोक्खो ३६१ धम्म०नवि झायह ६ ३१३ धम्मनवि य अट्टरुदाई ७ ३७ धम्मपिहु सदहंतया ५ १९५ धम्म सुकं च दुवे शायइ ३ ३ १४ प्र. धम्म सुकं च दुवे झायइ ३ ४२ धम्मं सुकं०जो निक्लो ३ ७ १३७८* धम्म सुकं०नचि झायह ५ ४१ धम्माइपएसाणं पंचण्ड ७ ३ ११६९ धम्माउ भट्ठ सिरिओ अवेयं ५ ४५७ धम्माधम्मागासा- ७ ७ ५१७ धम्माधम्मागासा एवं ७ १५८७ १९८८ ४२ 'सवृत्तिक आगम ४ ४९३४ १३८१* १८६ सुत्ताणि ~347 Page #348 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ध-कार + न-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए नं.अ.आ. ओ. द. पि. उ. ६ ५ ६ सूत्रायनक्रमः दीप ॥५६॥ १५१ ACOCACACACACAR क्रमांक धम्माधम्मे य दोऽवेए , ७ १३८०* धाई दूई निमित्ते । धम्माराम चरे भिक्खू ७ ५२४* धारेइ तं तु दव्यं धम्मे हरए बंभे संतितित्थे ७ ४०४* धारेद धीयए वा धम्मो अत्थो कामो उप० ५ २०८ घिई मई य संवेगो धम्मो अत्यो कामो मिन्ने० ५ २६५ धिरथु तेऽजसोकामी धम्मो अधम्मो आगासं ७ १०६७* धिरत्थु तेऽजसोकामी ! धम्मो०इकिकमाहियं ७ १०६८* धीरस्स पस्स धीरत्तं धम्मो एसुवइहो ५ २५१ धीरो चिलायपुत्तो धम्मो गुणा अहिंसाइया ९. धुणणा तिण्ह परेणं धम्मोदएण रूवं ५७४ धुवणेति वमणे य धम्मो बावीसविहो २४८ धुवं च पडिले हिज्जा धम्मो मंगलमुकिट्ठ ५ १ धूमायंति दिसाओ धम्मो मंगलमुकिद्रुति १३९ धूयदुए संदेसो धम्मोवाओ पबयण ३ २७० धूलीपिवीलिआओ के लिए ४०८ धोयपि निरावयवं. ६ २६४ ११८ धोयंमि निप्पगले ३ १५०१॥ ४११ धोवत्वं तिन्नि दिणे .६ ११+ नकारः १२ नइकण्हपिन् दीवे ६ ५०३ ८२४* नइखेडजणवउल्लुग २०६* न इम सब्वेसु भिक्खूसुं ८७४ न उ इंदियाई उबलद्धिमंति ५ १६५+ नई असीड सत्तरि ३ ३७९ २५० न कर्ज मज्न मिक्खेणं ७ ९८६* ३५१% न कसायसमुत्थेहि य ३ । १०३ ११८% न कामभोगा समयं उविति ७ १२५६* ४७६ न किलम्मइ जो तवसा ३ ९५२ ५०२ न कुणइ निमेसजुत्तं ३ १६१२ ७ ३ देखीए ५ 'सवृत्तिक आगम २ ६ ३ ॥५६ सुत्ताणि - 3480 Page #349 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [न-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ५९२ LA- ५ दीप क्रमांक के लिए देखीए नक्खत्तं सुमिणं जोग - ५ २८५४ न तुम जाणसिऽ(णे अ)नाहस्स७ ७१४४ नमी नमेइ अप्पाणं नगिणस्स बाबि मुंडस्स ५ २७३७ नत्थि उ पमाणजुत्ता ४ २३२ नमुकार चउवीसग न घरेज वासे वासंते ६७* नत्थि चरित्तं संमत्त०७ १०८९* नमुक्कार पोरिसीए न चरेज वेससामंते '६८* नत्यि छुहाए सरिसया वैयणा ४ २९०+ न मे चिरं दुक्खमिणं न चित्ता वायए भासा ७ १७०* नत्थि छुहाए सरिसा ६ ६६३ नमो चउवीसाए न जाइमत्ते न य रूवमत्ते ५ ४७९* नत्यि य सि कोई वेसो ५ १५७ न य उग्गमाइसुद्धं नहूँ वलं चलं भास ४ ५१७ नन्नत्य एरिसं वुत्तं ५ २१४* न य कत्थइ निम्माओ नहेहि गीएहि य वाइएहिं ७ ४१९० न पक्खओ न पुरओ - ५ ३८०* न य तस्स तन्निमित्तो नणु सुहूमपूइयस्सा ६ २६० न परं वइजासि अयं ४७८* न य पावपरिक्खेवी नऽण्णटुं पाणहेउं वा ९५७ न बाहिरं परिभवे. ५ ३६४* न य भोअणमि मिद्धो. न तरेजा जइ तिन्नि ३९४ नमिआउनामगोयं . २२२ नयरी य चंपनामा न तस्स दुक्खं विभयंति नायओ७ ४२८* नमिणो कुमारवासो ३ २९७ नवरी य पंडुमहुरा न तं अरी कंठ छित्ता ७ ७४६* नमिविनमीणं जायण ३ ३१७ न य चुग्गहिरं कह SIन तुज्य भोगे चईऊण बुद्धी ७ ४३८* नमी नमेइ अप्पाणं . . १०* न य हिंसामित्वेणं ACANC+CAR ७५. ३३८* 'सवृत्तिक आगम ३ १४१६८ १३९८ ४७०* ७५९ ५ सुत्ताणि ४ ~349 Page #350 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [न-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां नं.अ.आ. २१५७ सूत्राधनुक्रमः देखीए ओ. द.पि. उ. . ४ . ७ २ ॥५७॥ दीप ४७६ ६०३* -४१२ १०२५ ८५+ क्रमांक के लिए देखीए SNESSAGॐॐॐ नरिंदजाई अहमा नराणं . ४२३ नव वाससए वासाहिए . ४५० न हु पाणवह अणुजाणे न रूवलावण्णविलासहासं . ११६९% न वा लमिजा निउणं सहायं ७ ११६०* नहु सुज्झाई ससल्लो न वओ एत्य पमाणं ३ ७१५ नवि अत्थि नवि अ होहि ७ ३०९ नहे व कुंचा समइकमंता. नवकम्माणायाणं ३ ।।३३ नवि अस्थि माणसाणं .३ ९८० नंदणे सो उ पासाए नव काल वेल सेसे २२८+ नवि ऊणा नवि रित्ता ४ १६६+ नंदी अ खुडिआ पूरिमा नव किर चाउम्मासे ३ ५२८. नवि जाणसि वेयमुहं. .. ९५८० नंदिअणुओगदार नवकोडिपरिसुद्ध ५ १५० नवि तं सत्यं व विसं ४ ८०४ नंदी तूर पुण्णस्स नवगनिवेसे दूराउ ४ २९२ नवि पुरओ नवि मग्गओ ४ ३९ नंदी तूर पुण्णस्स नव चेव अट्ठारसगं ४०२ नवि मुंडिएण समणो ७ ९७७% नाइउचे नाइनीए नव चेवट्ठारसगा २४५ नवि संखेवो व वित्थारू ३ १०१८ नाइदूरे अणासण्णे नव चेव तहा चउरो ७ . ४० न सम्ममालोइअहुजा ५ १५०* नाम नियट्टणकालं नवणीओगाहिमए ३ १६९८ न सयं गिहाई कुविजा ७ १३६०* नाऊण निष्ठियमई नवणीय मंधु तकं व ६ २८२ न सा मर्म वियाणाइ . १०५५* नाऊण व सम्भावं नवमास कुच्छीइ चालिया . १३६ न सो परिग्गहो वुत्तो ५ २२९७ नाऊण वेअणिज १०९+ ७ ४१७ 'सवृत्तिक आगम ॥५७॥ सुत्ताणि ~350 Page #351 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [न-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए नाऊण वेयणिनं ४ २६० नाण० एके सम्वेसुवि४ ५३० नाणावरण पंचविहं . १२७० मागुब्व बंधणं छित्ता ७ ४८८ नाणं एवं जीवस्स लक्षण ७ १०७१* नाणावरणिज्जस्सय ३ ८९३ कानागो जह पंकजलावसणो ७ ४३५* नाणं० एवं मम्गमणुप्पत्ता ७ १०६३७ नाणाविहोवगरण । नाणचरित्ता एवं १४८ नाणं च ईसणं चेव . १०६२% नाणी कम्मस्स खयमुडिओ४ ७५१ नाणदसणविभंगे २८ नाणं दसण तव संजमो ६ ६१ नाणेण जाणई भावे १०९५* नाणदसणसंपन्न ५ २१०* नाणं पंचविहं पण्यातं १ १ नाणेणं दसणेण य नाणदसणसंपन्न ६ ३२६* नाणं पंचविहं पण्ण २ १ नाणेणं दसणेणं च ७८०८ नाणमेगग्गचित्तों ५ ५ ५५६० नाणं भावुजोओ ३ १०७१ नानिम्विट्ठ लम्भई' नाणवररवणविष्पंत १७* नाणमि दसर्णमि अ २९* नामी जिअसत्तू आ नाणसंपनया एणं भंते! ७ ३ नाणमि वंसर्णमि अ इत्तों. ३ ९७९ नाभी विणीअभूमी ३ १७० नाणस केवलीणं . १६३७* नाणं सविसयनियवं १९५५ नामकर्म च गोयं च .. १२६९० नाणस्स जइवि हेऊ ३ २२७० नाणं सिक्खइ नाणं ३१८ नामकम्मं दुविहं . १२७९* नाणम्स दसणस्सऽवि.५ २ नाणादुमलयाइन्नं . ७०१७ नामढवणाओ , २ नाणसावरणिजं . १२६८ नाणा रुई च छंदच . ५७७* नामढवणाणं को पइपिसेसो१३ । 'सवृत्तिक आगम ४५ सुत्ताणि ~351 Page #352 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [न-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्रायनु क्रमः द.पि. उ. ॥५८॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए ABARSASSSSSS नामठवणाओ गयाओ २ नामण धावण वासण.' ५ नामधिजेण णं बूया इत्यी ५ नामधिज्जेण० पुरिस० ५ नाम०एएसि महंवाणं .. नाम० एकेकंपि अ इत्तो ३ नाम०एसो छ अणुण्णाए ३ नाम०एसो छ छक्कगस्सा ५ नाम०एसो खलु करणस्सा ३ नाम०एसो खलु कामाणं .५ नाम०एसो खलु गरिहाए३ नाम०एसो खलु पिंडस्स ४ नाम०एसो खलु सुद्धीए ३ नाम०एसो य नियत्तीए ३ ७२ नाम०एसो सत्थोवकमो ७ ३२+ नाम ठवणा०तहेव भावे अ३ १४५ १८२ नामओह भवग्गणमि ५ २२४ नाम ठवणा दविए ३ २९ २९४* नाम०गइरागइ ३ ७५१ नाम ठवणा दविए खित्तद्धा ७ २९७* नाम०चउवीसइस्स १९२+ नाम ठवणा दविए०पच०३ २४२+ १८० नाम०चउम्विहो आयरिओ ३ ९९३ नाम ठवणा दविए०समास ३ १४३ १०७६ नाम०चउब्विहो उवज्झामो ३ १००० नाम ठवणा दविए १२३२ नाम ठवण गयाओ ५ ६+ नाम ठवणा दविए २२१ नाम ठवणज्झयणे ५ नाम ठवणा दविए १५२+ नाम ठवण पमाओ ७ १७९ नाम ठवणा दविए १६४ नाम ठवण सयारो ३३० नाम ठवणा दविए ४२२ १२५२ नाम ठवण सरीरे १५२७ नाम ठवणा दविए ३३३ नाम ग्वणा०एसो उस्सगात्सल ३ १५४४ नाम ठवणा साहू. ३ १००८ १२५३ नाम ठवणा०एसो खलु पिंडस्स६ ०एसा खलु पिंडस्स६५ नाम०तह सव्वधत्तसव्वं ३ १०४९ १२५० नाम ठवणा कामा ५ १६३ नाम०दव्वथओ पुष्फाई ३ १९३+ ३१८ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~352 Page #353 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [न-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए नाम०दव्वंमि कुरेग गया ६ ७९ नायमि गिहिजब्वे ३ १०६५ निकारणिों चमढण ४८० नाम०हिरण्णाई ४ ४११ नायमि गिहियब्वे ३ १७१८ निकिंचणा य समणा नाम०दव्वे वानरजूहं ४ ४५९ नारी पीवरगम्भा ८३+ निकई सविसेसं १६३८ नाम०व्वे भावे एकेकया ६ ७४ नारी पीवरगन्मा । १०६+ निक्सम पवेस मंडलि २७५+ नामन्दसण नाण चरिते ६ १३८ नारीसु नो पगिझिज्जा ७ २२६* निक्खम पवेस मोत्तुं ४. '२८१ | नाम०भावे गहणेसणया ६ ५१६ नावा अ इइ का वुत्ता - ७ ९०३७ निक्खम्ममाणा इस ५ ४६१* नाममि अ खित्तमि अ .. ५६ नावा (ए) उत्तरि ३ ३६ प्र० निक्खंतो गयउराओ नाममि सरिसनामो ६ १३९ नावानिभो उग्गहणतगो ४ ३१३+ निक्खंतो हथिसीसा नाम०सत्तमिया भावदिसा ३ ८०९ नासंदीपलिकेसु २६३७ निक्खिविउ किइकम्म नाम०संजमज़सकित्ती ३ १०५५ नासाए पंचमं बूआ २ २७* निक्खेवावसरो पुण नाम०संजम पग्गह जोहे. ७ ५२४ नासीले ण विसीले ३३१% निक्खेवु पवयणमि नामाइ चउम्भेयं ५ २८ नाहं रमे पक्खिणि पंजरे वा ७ ४८१० निक्खेवेगृह निरुत्त. नामाई वणरसर्गध० ७ १२९३७ निभमा मणुयगईए ४३६ निक्खेवेगह विहाण. नायमुदाहरणंति अ ५ ५२ निकंपया य नवमे २० निक्खवो अ (उ) चउक्के ५ ३ १५१+ ASSASALXAS 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~353 Page #354 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम लागि [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ न-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द. पि. उ. ॥ ५९ ॥ निक्लेवो अ (5) जीवंमि ७ निक्खेवो अपमाए ७ निक्खेवो अपमाए ७ निक्लेवो अ मिआए निक्खेवो अ सुमि निक्यो उ उम्मे निक्खेवो उ गईए निक्खेवी उ तयंमि निक्लेवो उदुमंमि निक्खेवो उनर्मिमि निक्खेवो कविलंमी निक्खेवो खलंकंमि निक्खेवो गोअमंमी निक्खेवो चरणंमि. (मी) " ७ ७ ७. ด ७ ५५४ निक्खेवो जन्नंमि अ ५०७ निक्खेवो जीवंनि अ ५२२ निक्लेवो नियंठंमि ४०५ निक्लेवो नियंठमि चड० ५०९ निक्खेवों पयडीए २४४ निक्खेवो मिक्लुमि चड० ५०३. निक्खेवो मग्गंमि (वि) ५१३ निक्लेवो मुक्खंमिश्र २८० निक्खेवो विभत्तीए २६० निक्खेवो संजइजमि २५० निक्लेवों सामंमि (य) ४९० निगमण सुद्धी तित्यंतरावि ४५१ निम्गम देउल दाणं ५१७ निग्गंध सक वस ~ . 354 ७ ७ ७ ७ ค ७ ७ ७ ७ ७ ७ ५ ६ ६ ४६३ निम्ये पावणे ५५२ निम्गंथो धितो ४२३ २३७ ५३३ ३७३ ५०१ निकालऽपमतेण नियं चिय जुवइपसू निषं मीएण तत्येणं निचुब्बिग्गो जहा तेणो निच्छ्रयओ दुनेयं निच्छयओ सवित्तो निच्छयओ सचित्तो ४९९ ५५६ ३९१ ४८३ १३४ निच्छिन्नसम्बदुक्सा ३३८ निच्छोडिए करीसेण ४४५ निज्जवगगस्स सगासं निच्चवनयस्स चरणाय ० निच्छयमवलंबता ७ ७ ७ ७ ५. ૨ ४. ६ ११ ६० १०५ ४ ₹ ७६० १०२४* ६२६ 1. ३५ ६७१* ६ १९८ ७१६ ३३९ ७६२ ९८८ २७३ २८+ सूत्रायतु क्रमः ।। ५९ ।। Page #355 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ न-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) निजवण भद्दगुत्ते निर्जतं मुत्तूणं परवयणे निजामगरयणाणं निजायकारणमी निज्जूहिऊण आहार निद्वाणं रसनिजढं ३ ३ ३ ७ ५ निरं च न बहुमनिया निदा तद्देव पयला ३ ५ निहामत्तो न सरह निद्देसपसंसाए निदेसबित्ती पुण जे गुरूणं ५. निदेसे पढमा होइ निदोसमणसमाहाणसं ० निदोस सारवन्तं च २ २ ३ ५ ی ७१६ निहोसं सारमंत १४५७ निद्धमहुराणि पुष्यं ९१४ निद्धंघसपरिणामो १६७९ निमगं च गामं १३७२* निद्वेयरो य कालो ३५६* निभएऽगारित्यीणं ३७६० निमित्ते अत्थसत्वे अ १२७१० निमित्ते अत्वसत्ये १३२२ निम्म महुं पायडो ३३१ निम्ममो निरहंकारो ४३८* निम्ममो निरहंकारी ५७* निम्मलद्गरवण्णा ८०* निम्मलगंधगुलिया ८८५ निभायाओं नमणं ~ 355 २ ४ 1 ३ ६ ४ १ 주 ३ U ७ ₹ -३ ५१* नियडुवहि पणिहीए २८४ + नियमा विगाही १३१३* नियमा चित्तं झार्ण ७२७ नियमा जिणेसु उ गुणा १२ + नियमातिकालविसएऽवि ३ 8 ३ इ ९६९ निरामयामयभावा ३०८ निवणुस्सिओ निवन्नो ३५ प्र० निवर्षिडो गयभतं +६० २५१+ १५८५ १९४८ ६. ३५ नियमा मणुयाईए ३ ६७* नियमूसियकणयसिलायल० १ ९४४ निययमहिभो व काओ 電 ७२८ निरडुगं मि विरजो ७ ६८९* निरत्यया नगगरुई उ तरस ७ १३७३* निरवेक्खो वतो 8 ५ २२८ R १५५७ ६. ३८७ ४३५ १८४ १३* १५३३ ९०* ७४७* १८९+ Page #356 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [न-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां आ. बापट नमः देखीए १३१८० ॥ २९४ दीप क्रमांक 40060mm ४ निववल्लभबहुपक्खंमि ३ १३०३ निसिभत्तकम्मनिवर्पिड़ निव्वाणगमणकाले . ३ ।८१ निसीहिआ आसजं निब्वाणमंतकिरिआ ३०६ निसीहिया अपमज्जिय निव्वाणसाहए जोए १०१० निसीहिया नमुकारे निब्वाणं खलु कर्ज ६९ निसिहिया नमोकारो निव्वाणं चिइगागिई ४३५ निस्सग्गुवएसरुई निब्वाणंति अबाहंति ९१४७ निस्संकिअथूभाइसु निव्विसउत्ति य पढमो २४+ निस्संकिय निकंखिय निव्वुहपहसासणयं १ २२% निस्संकिय निकंखिय निव्वेएणं भंते ! जीवे कि ७, १६ निस्संकिय निकंखिय निव्वेण व मालेण व ५८+ निस्सेणिं फलगं पीढं निव्वोदगस्स्स गहणं ४ ३५६ निहरंति मयं पुत्ता निम्बोद्गस्स गहणं ६ ३२ निण्हाइ दव्व भावोवउत्तु | निसिअतुयट्टणजग्गण . ४ ११० निंदद य नियकयाई ACCESSAA% के लिए देखीए ४७७ ३४२ ३ +३२ निंदणयाए णं भंते! ३ २७७० नी सिर्ज गई ठाणं ५ ४ ६५४ नीआविची अचवले ३ १४७५ नीयदुवारमि घरे ४ ६५० नीयदुवारंमि घरे मिक्खू ६ ७ १०७६* नीयदुवारुग्घाडण. ६८ नीयं पहेणगं में ३ १६५८ नीयाइअपरिभुत्ते ५ १८४ नीयावास विहारं ३ ५ १०९१* नीरुयत्ताए अवलो १२६* नीलासोगसंकासा ७ ५६२* नीसमनीसा व कई ६ ३ ८९० नीहरंति मयं पुत्ता . ३ ।१६ नेगम० आणु० किं संखिज्जाई २ ११८७४ ७४८ १४४६ 'सवृत्तिक आगम १२९६० १४४ ५६२* ८२ ॥ सुत्ताणि ~356 Page #357 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ न-कार + प-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत र२५* सूत्रांक यहां देखीए . दीप क्रमांक के लिए देखीए नेगर्म० भाणुलो०कि संखेजइ०२ ८४ नो इत्थीक कह कहिचा नो रक्खसौमु गिल्होजा नेगम आणु लोगस्स किं । ३ नो इत्थीहिं सद्धिं संनि० . ५ नो विभूसाणुवाई. नेगमववहाराणं आणु० २ ८१ नो इंदियऽग्गिज्य अमुत्त० . ४५९* नो सक्कियमिच्छई न पूर्व नेगमस्स णं एगो २ १४ नोउवगरणे जा सा १३६७ नो सहरूवरसगंध नगगिपरंपरपरिसाडि ४ ३२ नोकम्मदब्बकम्म ५३२ नोसन्नाकरणं पुण नेच्छह तमिसंमि तओ६ ३०१ नोकम्मव्वलेसा पओग०७ ५४५ नोसुअकरणं दुविहं नेमिओ पाखजिणो३ १७प्र० नोकम्मे दब्वाई। .. ५३५ नोसुअपञ्चक्खाणं । नेण्यतिरिक्सा . १२७८ नो कयपचक्खाणो ३ १६७८ नोसुयकरणं दुविहं हानेरइयतिरियमणुया ३ ६६४ नोधरंतरऽणेगविहं ३३४ पइखुट्टएण पगर्य नेश्य देव तित्थंकरा य १ ५७ नो तिविहं तिविहेणं १६७९ पठाणे नागवसू नेरइया सत्तविहा ७ १५२९ नो निग्गन्धे इत्थीर्ण . पइण्णवाई दुहिले नेव पल्हत्वियं कुजा १९ नो निग्गथे पुन्वरयं ८ परिकमुवस्सवं लर्बु सूनो अइमायाए पाणभोयणं . १० नो पणीय आहार ९ पउमप्पहनामाओ मो इत्थीण इंदियाई . ६ नोमाउगपि दुविहं १७१ पउमस्स कुमार , ACCA%A9c4 २४६+ २०४ orm are ७१* 'सवृत्तिक आगम ७(प्र०) २८२ ११ नद्या- ३ सुल्ताणि ~357 Page #358 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां नं.अ.आ. ८७९ له سه सत्रावनुक्रमः ओ. देखीए द.पि.उ. هه ॥६१॥ سه दीप س क्रमांक के लिए देखीए |पउमाभवासुपुजा ३ पउमुत्रे महाहरि पउमुप्पले अकुसलं |पउरनपाण पढमा पक्षणकुले वसंतो पक्खंदे जलियं जोई | पक्खे उस्सासाई पुरतो ४ पक्खेव डणमोसहि पगईह मंदावि भवंति एगे ५ पगई एस गिहीणं | पगई एस दुमाण ५ | पगइठिईअणुभार्ग . | पगडीण अण्णासुवि ३ | पगयं तु भावचरणे . ३७६ पगामं च निगामं च ४०० पञ्चक्खाएण कया पञ्चक्खाणमिणं १३२१ पञ्चक्खाणमिणं सेविऊण ११२४ पचक्खाणस्स फळं ११* पञ्चक्खाणं उत्तरगणेसु १५३+ पञ्चक्खाणं जाणइ १५३+ पनक्खाणं जाणा ११ पञ्चक्खाणं पञ्चक्खाओ ४०१७ पच्चक्खाणमि कए ११५ पच्चक्खाणं सब्वन्नुदेसि० १०९ पथक्खाण सेयं ५३६ पञ्चक्खाणं सेयं ५७२ पञ्चक्खाणा विउस्सग्गे ५२१ पञ्चक्खाणेणं भंते ! . ६ ६४४ पञ्चक्खे दणं जीवाजीवे ३ ३ १७०९ पचयो य बहुविहो पचया य बहुविहो ३ २३७ पञ्चयणिक्खेवो खलु ३ १७१७ पञ्चयत्वं च लोगस्स ३ १७१६ पञ्चवाया वालाइसावया ४ ३ १६५९ पञ्चंति तावसीओ ३ २५१+ पञ्चप्पण्णग्गाही ३. १६५२ पशुप्पन्नग्गाही उजुसुओ २ ३ १६९० पधुरसिपरंमुह० । ३ २५०+ पच्छावि ते पयाया ३ १४४४ पच्छासंथवदोसा । . १७७ पच्छा०सिआ तत्थ व कप्पइ ५ ३ १३७४ पज्जवकाओ पुण हुंति ३ . २७ पजं तु होइ तिविहं ५ जाम 'सवृत्तिक आगम 1545645%8-05-ॐ १५४० १७४ सुत्ताणि ~358 Page #359 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) पज्जोसवणाइ तवं पज्झायकिलामिअयं पट्टग मत्तय सयमोमाहो पट्टोवि होइ एको पट्टवणओ अ दिवसे पट्टविय बंदिए या पट्टविय बंदिए वा पट्टवियंमि सिलोगे. पडलाई रत्ताणं पडंति नरए घोरे पडिओ खलु दव्वो पडिकमणं देखियराइयं पडिकमणं पडिकमओ पडिकमणं पडिवरणा २ ४ ४ ३ ४ ३ ३ ४ ७ ४ ३ ३ ૐ १६६४ पडिकमणे सन्झाए ७९ पडिकुडकुलं न पविसे ६३१ पढिकुडकुलाणं पुण ३१४+ परिकुदिणे वजिभ १६६६ पडिकमणं भंते ! ६५७ परिकमामि एगविहे ३ १४८२ पडिकमामि गोयरचरियाए ३ ५ १४९७ पढिकमामि चारकालं ६७४ पडिकमामि छहिं जीव० ५७२* पडिक्कमामि तिहिं सल्लेहिं ३ ४८० पडिकमामि परिणाणं ७ ~ ४ ३ ७ १२६१ पढिकमामि पंचहिं काम० १२४३ पढिकमामि पंचहि किरियाहिं ३ १२४५ पडिकमित्ताण निस्सल्लो ७ 359 १९१२ | पडिकमित्तु निस्सल्लो ७६ पडिग्गहं संलिहित्ताणं पढिजग्गियंमि पढने ४४० १८१ + पडिणीय गेहवजण २५ पढिणीयसरीरहुणे ११ ९ पडिणीयं च बुद्धाणं पडिपुच्छणाए णं भंते ! पडिभग्गस्स मयस्स व १० १५ १२ ५७८* पडिमा भद्द महाभद्द १४ पडियरणपओ सेणं १३ पडिरूवयाए णं भंते ! १०३२* पडिवो खलु विणओ पढिमं पडिवजिआ मसाणे पडिमंत थंभणाई ७ १०४०* ५ १६०* ३ १४९४ ४ ४२४ ३ 19 ७ ४ ५ ६. ३ ६ ७ 越 १३५५ १७* ३४ ५३४ ४७२* ४९९ ४९६ ३६९ ५६ ३२२ Page #360 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए . १००९* ५ २८४ सूत्राधनुक्रमः नं.अ.आ. ओ. IG द.पि.उ. ॥ ६२॥ दीप ३ क्रमांक के लिए देखीए पडिरूवो खलु विणओ५ ३२५ पडिविज यंभणाई ६ ४९७ पढमपोरिसि समझायं पडिलामिय वर्षता ६ ५०५ पडिसडियपंडुपत्तं ६ ५१७ पढमविइआ चरिते पडिलेहओ य पडिलेहणा ४ ६ पडिसिद्धाणं करणे १२८५ पढमविइया गिलाणे पढिलेहगा उ दुविहा ४ ३२९ पडिसेवण पडिसुणणा १२४ पढमंवितियाऐं गमणं पडिलेहण संधारग ४ ११५+ पडिसेवणमाईणं ६ ११३ पढमवियाए गमर्ण पडिलेहण करतो ४ २७३ पडिसेवणाएँ तेणा ६ ११८ पढमबीयाणं पढमा पदमा पडिलेहणं कुणतो ७ १०२०* पडिसेवणा मइलणा ४ ७८९ पढमस्स बारसंग पडिलेहणं च पिंड ३ पडिसेवणा य दुविहा ४ ७८७ पढमं अहम्मतं पडिलेहणा दिसाणतए १३१८ पडिसेहिए व दिने वा १७२७ पढम जोगे जोगेसुवा पडिलेहणियाकाले ४ १७४+ पडिसेहेण संठाण. ___+६६ पडमं विट्ठीजुद्धं पदिलेहंतचित्र ४ ७९+ पच्छिखीर सतरं ४ ८८ पढमं नाणं तर दया पडिलेहेइ पमत्ते से ५३६७ पदमचरिमाउ सिसिरे ४ ३९९ पढम पोरिसिं समझायं पडिलेहेह पमत्तो ७ ५३५० पढमायणं दुम० ५ २६ पढम पोरिसिं सझायं पडिलोमे जह अभओ १ ८२ परमविवसमि कम्म विनि ६ २५८ पढममि भट्ट भंगा ३ CASSACROSCASSENSE 'सवृत्तिक आगम . . ॥ २॥ १०३४% ७१ सुत्ताणि ~3600 Page #361 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ७ ४ ३ दीप क्रमांक के लिए देखीए पढममि सम्धजीवा पठमा आवस्सिया नामं पढमाए नत्थि पढमा पडमाणुओगसिद्धो पढमापढमा चरिमे० पढमा वियारजोगं | पढमासइ अमणुन्नेय द्र पढमित्य इंवभूई पढमित्य इंदभूई पढमित्व वारणामो पढमित्थ विमलवाहण पढमिल्लुअस्स उदए पढमिस्लु पाण उदए दूपढमे धम्मपसंसा ७९१ पढमे भंते ! महब्बए पाणाइ०५ ३ पणवीसमद्धतेरस ३ ९९३* पढमे वए महारावं! ७ ७१७७ पणवीस सहस्साई १५९ पढमे बासचउकमि ७ १६२४* पणवीससागराऊ ७ १६०८* २६४ पढमे विणओ बीए १८ पणवीसं तु सहस्सा १६+ पढमो अकालमधू १९४ पणवीसा[आवस्सग]परिसुद्ध ३ १२१८ ७२ पढमो चउदसपुची १७७ पणवीसा भावणाहिं ७ ११५१ ३१९ पढमो धणूणऽसीई ३ ४०३ पणिहाणजोगजुत्तो५ १८७ पढमो य कुमारत्ते पणीय भत्तपाणं च ७ ५१६४ ५९३ पणतीसा तीसा पुण ३ ३९३ पण्णरस दस धणि य ३ ३८० १७६ पणपण्णगस्स हाणी ४ १६४ पण्गरस सयसहस्सा २७९ १५५ पणयचउकं च तिगं ३ १६५७ पण्णरस सयसहस्सा २८९ १५७० पणया पर्वतनिवा ३ ११०१ पण्णरसिमाहबहुले १०८ पणयाल सयसहस्सा ७ १४३१* पण्णवण वेय रागे २० पणयालीसा बारस . १ पण्णं पुव्वसहस्सा AAR ४ ३ ३ 'सवृत्तिक आगम ३ ३ ५ सुत्ताणि २८५ ACC ~361 Page #362 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां नं.अ.आ. ५५५ सूत्राघनु. ६ ६ १०८ देखीए द.पि.उ. 44 ॥६३॥ दीप ४ ३०० १७७ १७ क्रमांक 1564%A4%25% के लिए पण्णा छायालीसा *पण्णासा लक्खेहिं पत्तट्ठवणं तह गुच्छओ पत्तलदुमसालगया पत्तस्स उ पडिलेहा पत्तं च मग्गमाणे पत्वं पत्ताबंधो पायठ्ठवणं पत्तं पत्ताबंधो पायट्ठवणं पत्तं पमज्जिऊणं पत्ताण खेत्त जयणा पत्ताबंधपमाण पत्ते य पउरलंभे पत्तेवबुद्धकरणे पत्तेयबुद्ध जिणकप्पिया -RMA ३ ६५० पत्तेयबुद्ध निण्हव ६ १५८ पयसम दुगभन्भासे ३ ३० पत्तेयमक्खराई ३ १७ परकम्मं अत्तकम्मीकरेइ ४ ६९५ पत्तेयसरीरा उ . १४६७७ परतित्वियगहपहनास०१ २१४ पत्ते वसंतमासे ३ १४१२ परदारगमणं समणो०। ४ ४७९ पत्थेण व कुलएण व ५ ५७+ परपक्खेऽवि अ दुविहं ४ ३२७ पनरस तीसइविहा ७ १५६९* परपक्खो उ गिहत्या ६६९ पन्नान्नाणपरिसहा ७ ७४ परपश्चाइया छाया ६७५ पभूयरयणो राया ७००* परमत्वसंथवो वा २९५ पमाणे काले आवस्सए ४ ४१२ परमरहस्समिसीणं २३७ पयइठिइपएसाणुभावमिन्नं ३ ।५१ परमाणुपुग्गला खलु ६९४ पयणुकोहमाणो य ७ १३२०० परमाणू तसरेणू ६ ६४० पयत्तपत्ति व पक्कमालवे ५ ३१९० परमोहि असंखिज्जा ३ ११६३ पयलायइ पडिपुच्छर ३ १६४० परलोगु मुत्तिमग्गो ४ १२६ पयलायंत सुसुत्तो ३ १५७८ परवसणं अहिनंदद देखीए १०८८ ७६१ ४ ९९* 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ।२७ ~362 Page #363 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत % A ६ २०६+ सूत्रांक यहां देखीए २ لم ل ३०० س م ه दीप क्रमांक के लिए देखीए परस्स तं देइ सए व गेहे परिअरबंघेण भई परिअरवंघेण भडं परिआओ पव्वजा. परिक्खभासी सुसमाहि० | परिगलमाणा हीरेन परिजाणिऊण जीवे परिजाणिऊण य जओ |परिजुम्नेहि वत्येहिं परिजूरइ० घाणवले परिजूरइ० चक्खुबले परिजूरइ ते सरीरयं परिजूरइ० फासबले परिजूरइरसणबले ४५४* ४६० ३४८ ३ ३ 4%AAAABESAKASS ३५२ परिजूरइ०सबबले ८४ परिजूरिअपेरंतं । ११६४ परिणिव्वुया गणहरा ४१२ परितंतो वायणाए ३२४* परिपिडियमुल्लाबो १७६+ परिभासणा उ पढमा ८७८ परिमंडल संठाणे ३३ प्र० परिमंडले य वट्टे ६० परिमिअमत्तगदाणे ३१२ परियट्टणवाए णं भंते! ३११* परियट्टिए अभिहडे ३१० परियट्टियलावणं ३१४* परियटुंपि दुविहं ३१३७ परियाय परिस पुरिसे . ३१५ परियाय बंभचेरं ३ २ १२०७ परिवाडिएण चिट्ठिज्जा ६५८ परिखूढत्तिणं बूआ . . ५ १२० परिवेसणपंतीए ६ ४९५ परिब्धयंते अनियत्तकामे ७ ३ ३+ परिसडियपंडुपत्तं ७ १४१५* परिसेयपियणहत्वाइ० ४ ७ ३८ परिसेयपियणहत्याइ. ६ ४ १३८+ परिहीणं तं दवं . ४ ३५ परीसहरिकता ६ ९३ परीसहाणं पविभत्ती . . ३०७ परीसहा दुब्बिसहा अणेगे . ६ ३२३ परेसु गासमेसिजा. ३..११४० पलालं फासुअं तत्य . 666666 'सवृत्तिक आगम ७७५% ७८* ८४८%2 सुत्ताणि ~363 Page #364 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ ६४ ॥ पलिअचउभारण पलिभासंखिज्जइमे पलिओम दसभाष पलिओममेगं तु पलिओ मस्स भागो पलिओदमं जहना पलिओमाइं० उशोसेण पलिओ माई तिनि य पलिओषमा उ तिमि ड पलिओषमा उ विन्नि उ पलि० वासलक्षेण सहियं ७ परछत्थिया अपत्या ७ पल्लयगिरिस रिडवला पल्लीवइंमि नढा ३ ३ ७ ७ १५ प्र० पल्लोयापुल्लया चैव ८९८ पवईते व से तत्थ १६१ पवयणपाया अन्नेऽवि १५९२ पवयणमीहूयाणं ७ १५६३* पवयणमणपेहंतस्स १३४३* पवयणमाया नव बंभ० ७ १५७३* पविसणमग्गणठाणे १५७२* पविसंतनिमित्तमणेसणं १५५७* पविसित परागारं ७ ६ ४ ३ ४ ६ ४ 8 ५. १५५८* पवेअए अनपयं महागुणी ५ १५९३* पव्वइए अणगारे ५ ५ २ बैं १० पव्वइए अणगारे १०७ पव्बइयाण व चिट्ठ १२५ पब्वजपुट्टिले सब० ~ 364 १५०२ पासाचओ वा ६४* पव्वज्जाए जुगं ताबड़ १९७+ पब्वनाए पढमं दिवस ७८७ पम्बच्चा गागिलिस्स व ४४६ पव्वज्जानिक्लेवो चउन्विहो ७ ६२ पव्वाण किंचि अव्वाणमेव ४ ३. १९३ पसंते आसणत्थे व १०२ पसिढिलपलंपलोला ३५३* पसिढिलपलं बलोला ४८०# पसिडिलमघणं 8: १७५ १७९+ ३ १६० पसुगंधा सम्बवेया ३४८ पहाय रागं च तद्देव दोसं १२११ ७१०१८* ४ २६८ ? १६४+ ७ ७ ५३६ २८५ २६३ ४८९ ३४५० पहावंतं निगिन्दामि ४५० बहीणपुत्तस्स हु नत्थि वासो ७. ९७६* ७७७ ८८७* ४६९* सूत्राबनुक्रमः ॥ ६४ ॥ Page #365 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए . ७ ३ २ ३९२ १४१+ ७८ १३५+ दीप क्रमांक के लिए देखीए -३ ३ १७प्रद पंकामा धूमामा ७ १५३०* पंचमहत्वयं धर्म पंखाविहूणो व जहेव पक्खी . ४७०% पंचमा छेदणा नाम पंचग बारसगं खलु . ३९ पंचमियाएँ असंखडि पंच चउरो अभिग्गहि ३ १६९७ पंचमी अ अवायाणे पंचण्हमणुवयाणं ३९ प्र० पंच य अणुब्वयाई पंचण्हं किइकम्म १९१९ पंच य पुत्तसयाई पंचण्हं पंचसया ३. ५९७ पंच य महब्वयाई पंचाई वण्णाणं ३ ७३१ पंचऽरहते वदति पंचत्थिकायमइयं ।५३ पंचविहवसमायस्स पंचपव्वा उ जा लट्ठी ७३३ पंचविहविसयसोक्ख. पंचमसरमंता उ २ ३६* पंचविहं आयारं पंचमहव्वयजुत्तो ३ १२०९ पंचविहे माणुस्से पंचमहव्ययजुचो ७ ४७३ पंचविहो ल पमाओ पंचमहन्वयजुत्तो ७. ६८८* पंचसमिओ तिगुत्तो ११८७ पंचसब अपंचम ९९४७ पंचसया चुलसीया १३२२ पंचसया पुलसीया ५८ पंचसया चोयाला २४९ पंचसया जंतेणं । ४५ पंचहि समणसरहिं १२६२ पंचहिं लक्खेहिं तओ ४१९ पंचाणाई सहस्सा १४५९ पंचाणउई सहस्सा २२६ पंचालरायाऽविय भदत्तो ९९४ पंचासइआयामा ८०+ पंचासवपरिणाया १८१ पंचासवप्पमचो ११००* पंचासीइ सहस्सा ३ ६ ३ ७ ९३+ २७ 'सवृत्तिक आगम - १३१२ ४०७ सुत्ताणि ~365 Page #366 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द. पि. उ. ॥ ६५ ॥ पंचासीई पण्णत्तरी अ पंचिदिआण पाणाणं पंचिदिएहिं गुत्तो पंचिदिएहिं जा सा पंचिंदियकायमइगओ पंचिदियतिरिक्खा उ पंचिंदिया उ जे जीवा पंचिदिवाण दब्बे पंचिदियाणि कोहं पंचैव अपंचम पंचैव आणुपुब्बी पंचैव य खीराई पंचैव य सिप्पाई पंडगअप्पडिसेवी ३ ५ ४ ३ ७ ७ ७ ३ ७ ३ ७ ३ ३ ક ६ ४०६ पंतं असहू करिता २९८* पंतं सयणासणं भइत्ता २८१ पंताणि चैव सेविजा १२९३ पंथब्भासे य ठिमो ३०२ पंथं किर देसित्ता १५४३* पंयं च मासवासं १५२८* पंथं तु वचमाणा १४४७ पंथुचारे उद २६३* ३७८ पंसू अधिचरमो ७८ १७०२ पंसू अ मंसरुहिरे २०७ पाईणं पढिणं वादि ४७२ पाडग्गाईणमसाई ६०१ पाउग्गायरियाईकह पंथेणेगो दो उप्पण ~ 366 ४ 10 ७ ४ ३ ४ ४ ४ ४ ३ ३ ५ ४ ४ ३६+|पाडयदूरूढपढर्णं ४९७* पाएण देइ लोगे २१९ पाओकरणं दुविहं २० पाओस अङ्कुरते उत्तर० १४६ पाओसिय अङ्कुरते ७० + पागढपयासकरणे ३२६ पागारं कारइत्ताणं १४४ पाडलिपुत्त महागिरि २४८ पाडलिपुच हुयासण १४२९ पाढिच्छगसेहाणं नाऊगं १४२८ पाणवहमुसावाए २४२* पाणादिरेणुसारक्खण० २४६ पाणिद्यातवनियमा २२९+ पाणिमुसावाए ६ ६ ३ ४ ६ ७ ३ ३ ४ ३ ४ ५ ३ + ५८४ ४५० २९८ १४९० ६६३ ३०५ २४५* १३८० १३९६ ३७९ १६३५ ७२५ २९+ २४७+ क्रमः ॥ ६५ ॥ Page #367 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ३ दीप क्रमांक के लिए देखीए SHISHESASARABAERBASED पाणिवहमुसाबाया पाणिवहो तिसु गहणे पाणीपत्तं गिहिवंदणं पाणे य नाइवाइजा पाणेहि उ संसत्ता पाभाइयकालंमि उ पामिश्चंपिय दुविहं पायग्गहणमि देसिमि पायच्छित्तकरणेणं भंते! पायच्छित्तपरूवण पायच्छित्तं विणओ पायच्छित्तं विणओ पायपमज्जणनिसीहिआ पायपमज्जणपडिलेह . १०९९० पायपमनणहेडं ४ ६९७ पावं छिंदह जम्हा । २२१+ पायसमा ऊसासा ३ १६३६ पार्वति जहा पारं समं ४६३ पायस्स पडोवारं ३५३ पावंति निम्बुडपुरं २१६० पायस्स पडोयारे २८ पावाण वज्जणा खलु २५८ पायस्स०पत्तगवजो य ६ ८+ पावाणं कम्माण १४९५ पायस्स लक्खणमलक्ख. ६८६ पावुग्घाई कीरद ६ ३१६ पारंपरप्पसिद्धी . १९७८ पावे छकं ब्वे सचित्ता० ४ ३७६ पारिद्वावणियविहिं ३ १२८६ पासडिओ य पुच्छेज ७ ३० पारियकाउस्सग्गो ७ १०३१* पासस्थाई वंदमाणस्स ३ १४१७ पारियकाउस्सग्गो ७ १०३९७ पासत्थो ओसन्नो होई ४८ पारिय०तवं संपडिवज्जित्ता ७ १०४२* पासवणुचारभूमि च ७ ११२७* पालंति जहा गावो गोवा ३ ९१५ पासस्स कुमारत्तं ४ ५१० पावसमणिजं तह संज. . १५ पासंडियसमणाणं ४ ४३२ पावसुयपसंगेसु य . ११५३* पासंडीमुवि एवं ५ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~367 Page #368 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ७ ७ कमः २ दीप क्रमांक के लिए नं.अ.आ. पासा अ इ के चुत्ता ओ. I पासाए कारत्ता द.पि.उ. पासुत्तमसीमंडिअ० ॥६६॥ पासेहिं कूडजालेहि पासो अरिटुनेमी। पासोलित्त कडाइ पासोलित्त कडाहेऽन पाहाणे महुसित्ये पाहुडिठवियगदोसा है पाहुडिभत्तं भुजा पाहुडियं च ठवंती पाहुडियाविहु दुविहा पाहुणविसेसदाणे पिअविष्पभोगबंध ८७३% पिज्जदोसमिच्छादस० - ८५ पिंखण बहुक्काणं २+मित्रायन२५१० पिट्ठीचंपावासं ३ ४७८ पिंड निकाय समूहे ७ * पिडि संघाए जम्हा ५ २३८० पिंड निकाय समूहे ६६३७ पियए एगो तेणो ५ १९६७ पिंडविसोही सबिई ३+ २३२ पियधम्मे ढधम्मे . १३१९ पिंडस्स उ निक्खेवो. ५५२ पियधम्मो दृढधम्मोक १४७२ पिंडस्स उ निक्लेवो ५५४ पियधम्मो बढधम्मो ४ ६४८ पिंड व एसणं वा ४, ३३१ ३४ पियपुत्तगा व दुन्निवि ७ ४४५ पिंड सिजं च वत्वं च ५, २५६* पिया मे सब्यसारपि ।। ७ ७२२* पिंडुगमपडिमासु ७ ११४३ २९१ पिसाय भूगा जक्खा य . १५७९० पिंडे उपगम सप्पायणेस० ६ ५७७ पिसुणा परोवतावी ७ ४९७ पिंडेण मुत्तकरणं । २८५ पिसुणासन्भासम्भूय पिंडेसणसिजिरिया ३ ॥६६॥ १४१+ पिहिउन्भिन्नकवाडे ६ ३४७ पिंढेसणा व सव्वा . ५ २४२ ७८* पिहुंडे वकहरंतस्स ५ ७६१० पिंडो व एसणार ५ २३६ देखीए । 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि - 3680 Page #369 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए % - ३ ५ ५ ४६२ ३३८ १२८८ दीप क्रमांक के लिए देखीए पिंडोलए व दुस्सीलो पीढए चंगवेरे अ पीसंती निपिढे फासु पुक्खवररदीवडे पुच्छ भंते ! जहिच्छं ते पुच्छंताण कहेइ पुच्छाए कोणिओ खलु पुच्छाए तिणि तिआ पुच्छा गिहिणो चिंता पुच्छामि ते महाभाग! पुच्छिऊण मए तुभं | पुच्छिज्जा पंजलिउडो पुजा जस्स पसीयंति पुढं सुणेइ सदं 806 ७ १४९ पुढे सुणेइ सई ३०५* पुट्ठो जहा अबद्धो ३ ६०२ पुट्ठो जहा अबद्धो १०* पुट्ठो य दंसमसएहिं ८५३७ पुढविकार्य पहिंसंति ४३७ पुढविकायं विहिंसंतो ७८ पुढविकाओ तिविहो ४ ४ १५ पुढवितसे तसरहिए ४ २४० पुढविदए य पुढपिए ७ ८५२७ पुढविदगअगणिमारअ० ४ ५५ पुढविद्गअगणिमारुअ० ५ ७ १०००* पुढविद्गअगणिमारुय ३ ७ ४६* पुढविदगअगणिमारुय ४ १ ७८* पुढविदगअगणिमारुय५ ५ पुढवितसपाणसमुहिएहिं १४३४ पुढविं न खणे न खणावए १७६ पुढवि भित्ति सिलं लेखें ५८* पुढवी आउक्काए २३५* पुढवी आउकाए २३६* पुढवी आउकाए ३३८ पुढवी आउक्काए ४५ पुढवी आउकाए ४४ पुढवी आउकाए १६९+ पुढवी आउकाओ ३३६* पुढवी आउजीवा य +१४ पुढवी आउवगस्सइ ४६६ पुढवीकाओ तिविहो ४६ पुढवी कायमइगओ ५४१ १०२१* १४४२* 'सवृत्तिक आगम १२ नद्या- २९४* सुल्ताणि ~369 Page #370 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक -% यहां सूत्राधनु ८५७* क्रमः ८५८ देखीए द.पि. उ. ४५४ ॥६७॥ १८२ % दीप ६७९ ३०१ २७२ क्रमांक के लिए देखीए पुढवी य सकरा वालुया *पुढवी साली जवा चेव पुणरवि अयं खुमिजा पुणरविअ समोसरणे पुणरवि भडिअनगरे पुणमि मासकप्पे पुण्णं रत्तं च अलंकियं | पुण्णा व नई चउमासवा० पुतदारपरीकिष्णो पुत्तस्स विवाहविणं पुत्तो धणंजयस्सा पुत्तो पयावइस्सा . पुत्तो मे भाय नाइत्ति पुप्फफलोदयरयरेणु ७ १४४६* पुष्फाणं पत्ताणं सरडु०६ ७ २७६ पुष्पाणि अ कुसुमाणि ५ ४ ७० पुष्फुत्तराउ चवणं ३ ३६७ पुमत्तमागम्म कुमार दोऽवि ७ ४८७ पुरओ जुगमायाए १२९ पुरओ पक्खासन्ने २ १८ पुरओ मज्झे तह मग्गओ ४ ४ ६५+ पुरकम्मं उदउल्लं ४ ५ ४८९० पुरकम्मं पच्छकम्मे ४ ६ २८८ पुरतो जुगमायाए ४ ३ ४४९ पुरपच्छकम्म ससिणि० ६ ३ ४४७ पुरवरकवाडवच्छा ७ ३९* पुरिमंतरंजि भुयगुह ३ ४ ७०३ पुरिमंतरंजि भुषगुह ७ ४५ पुरिमा उजुजडा उ ३६ पुरिमाणं दुबिसुझो २७० पुरिमेण.. . ४४३* पुरिमेण पच्छिमेण य ६२* पुरिसज्जाएऽवि तहा +६८ पुरिसावायं तिविहं ४ १७८ पुरिसुवहिविवचासो ४ ४८६ पुरिसो इस्थिनपुंसग ५२० पुरेकम्मेण हत्थेण ४३१ पुरोहियं तं कमसोऽणुणतं . ५३४ पुरोहियं तं ससुयं सदारं ७ ११९ पुलागकुसीलाणं १३६+ पुलाग बकुस कुसीला... १७२ पुलाग बकुस कुसीला. २७+ 'सवृत्तिक आगम ४+ १८+ सुत्ताणि ~3700 Page #371 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा अकारादि [ प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) पुढागस्स सहस्सारे पुल्ले व मुद्री जह पुव्वकयन्भासो भावणाहि पुव्वकोडीपुडुतं तु पुव्वण्हलेबदाणं पुब्वण्ड लेब गहणं ४ पुब्वदिट्ठे इच्छ पुब्वद्दिट्ठो य विही ४ ३ ३ पुल्वपडिवन्नगा पुण पुब्वप्पओगओचि (वि) व ३ पुण्यभव जम्मनामं पुल्वभवे संखस्स उ पुब्वभवे संघडिआ पुब्वमविद्वमस्सु अमवेइअ ७ ७ ७ ३ ७ ४ ४ २६ + पुडवमुहा राइणिआ ७४०* पुव्वसयसहस्साई ३० पुव्वं अदिट्ठमस्मुअ० १५४९* पुव्वं च जं तदुत्तं ३८० पुन्बं ठंति य गुरुणो २०३+ पुष्यंते होज जुगं १५५ पुव्वं दव्वालोयण पुबि ६२८ पुब्वं बुद्धी हित्ता ८०८ पुब्वाई आसु महादिसासु १८५ पुव्वाणुपुब्वि न कमो १५२ पुण्याभिम्गहवुड्डी ३२१ पुव्वावरसंजुतं वेरा० ३६२ पुव्विल्लंमि चडन्भागे ९३९ पुब्बिमि चन्भागे ~ 371 ~ ४ ३ १ ३ ३ ३ ३ ५ ३ ३ ४ ३ ७ ७ २८२ + | उक्खिता माणुसेहिं २८३ पुब्बि कयाइ पहुणो ३ ६२७ पुवि च इहि च अणागयं ७ १५८२ पुवि पच्छा संधव विज्जा ६ १६४१ पुव्विपि वीरमुणिआ ८३३ पुब्बुद्द्द्वेि ठाणे ठाउं १३२३ पुब्बुद्दिट्टो विही २९४ पुस्से पुण ८१० ३ पुहवी व वारुणी १०२० पुंडरीय किरियद्वाणं २० + पूअणट्ठा जसोकामी १३०० पूर्वकम्मं दुविहं ९९९* पूर्याणि अलग्ग अगणी ० १०१२* पेढा व अद्धपेटा ४ ४ ४. ३ ३ ३ ५ ६ ४ ७ ९८+ २१+ ३९०* ४०९ १२४+ ५१२ २३० ३२८ ६४८ +३६ १९४* २४३ ३७५ १११६** Page #372 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ प कार + फ़-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ ६८ ॥ पेसिया पलिडंचंति पेइ हिआणुसासणं पेद्देता संजमो बुत्तो पोअण बारवइतिगं पोग्गलाणं परीणामं पोराणयगयो पोरिसि आपुछणया पोरिसिकरणं अहवावि पोरिसिलिगमश्चित्तो भेरिसि पमाणकालो पोरिसीए उत्पीए पोरिसीए चउभाए पोरिसीए चउभाए पोरिसीए० बंदिताण ततो ५ ४ ३ ५ ३ ४ ४ ६ ४ ७ ७ ७ ७ १०५६* पोरसिं पचपखाति ४५५* पोसस्स पुण्णिमाए १७० + पोसरस सुट्टी ४०८ पोसहोववासे चढव्विहे ३-९४* २१३ + फग्गुणबहुलिकारसि २०५ फग्गुणबहुले एकारसीह ९ फग्गुणबहुले छुट्टी फकार: १५+ फड य असंखिना २८२ फडा व आणुगामी ९०३५* फरिसेण जहा वाक १०१३* फासओ एण्ड जे उ १०२८* फासभी कक्खडे जे उ १०३६* फासओ गुरु जे उ ~ 372 ‍ ३ १ ३ ५ ७ ७ 9 ५२ फासलो निर जे उ २४८ फासलो परिणया मे २४७ फासमी मउए जे उ ४८ फासो उहुए जे २४१ ३४० २४४ फासजी लुक्खए जे उ फासओ सीअए जे उ फासरस कार्य गहणं फासियं मालियं चैव फासिंदियमिमणं भंते ! ७ १४१३** ७ १३९२* ७ ७ ७ ७ ७ ३ ६० ६१ फासूमि अणाबाहे ३३ + फासेसु जो गेहिमु० १४१२* फिडिए अण्को ऽण्णारण १४०७ फिडिए जा पचिती ४ ४ १४०९* फिडिओ व परिश्एर्ण ४ १४०८* १४१०* १४१४* १४११* १२३०* १६८९ ८० १३५९* १९३१* १९६ ६६+ २९+ *** सूत्राधनुक्रमः ।। ६८ ।। Page #373 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [फ-कार + ब-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए +५३ ५३ mmen २१५+ ६९५* ६४७ दीप क्रमांक के लिए देखीए 18 फिसियमि अरचे कालं ३ फुसइ अणते सिद्धे ३ फेडेज ब सइकार्क बकारः बकुसपडिसेवगाणं बज्झइ य जेण कम्म बत्तीसदोसपरिसुद्धं ३ बत्तीसं किर कवला ६ बत्तीसंगुल दीहं बत्तीसाइ परेणं बत्तीसा सामन्ने ते कहि ६ खमबद्धं तु सुझं ३ बलकुट्टे वलकोट्टो ७ बलदेववासुदेवा ३ १४९२ वसं थाम पेहाए९७६ चला संडासतुंडेहिं . ५२+ बलिपविसणसमकालं वयं च बालवं व २४+ बहली अ ओणमा ६४ बहली अर्डवइमा १२२५ बहवे इमे असाहू ६४२ बहिआ व णायसंडे ७०९ बहियोवरबपने ६४५ बहिया अमावाय ३७८ बहुभट्ठिय पुग्गलं १०३२ बहुआगमविनाणा ३२५ बहुआणं सहयं सुखा ४०४ बहुगहणे अचियत २५९० / बहुजणस्म मेयार ६५८ बहुमहादेसभागे ५८ बहुमाई पमुहरी १९८ बहुयाण सहयं सोम ३३७ बहुयाणि ड वासाणि ३३६ बहुमतीयमइबहुं ३२५* बहुरय जमालिपभवा १११+ बहुरय जमालिपभ १४५० बहुरय पएस अव्वत्त० १७३* बहुरय पएस अव्वत्त. १३२ बहुवाहला अग्गहा ७ १६३४* बहुसालगसालवणे २७४ बहुसुए पूजाए व ४ २६१+ बहुस्सुयं चित्तकहं . ७ १६५ ७७८ १४५ ५ ३१६* AAAAAK ४४९ 'सवृत्तिक आगम . १२४ सुत्ताणि ~373 Page #374 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ब-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्रायनभम ओ. 8 पि.3. ८३८ 60ms. १००१ १६२३% दीप क्रमांक के लिए बहुं खु मुणिणो भई बहुं परघरे अस्थि बहुं सुणेइ कन्नेहिं बंधइ अहे भवाऊ & बंधणसाडुभयाणं बंभगुण पन्नवीसे बंभणगामे नंदोवनंद & बभंमि (मी) उ चउकं बंभंमि नायज्झयणेसु | बादति भाणिऊणं |बाणउई चउहत्तरि वायर सुहुमं भावे बायरा जे उ पज्जत्ता बायरा जे उ पजत्ता ७ २४३० बायरा जे उ पजत्ता ५ १८६० बायरा जे उ पजत्ता ३५४* बायरा जे उ पजत्ता १०१ बायालीसेसणसंकडंमि १७१+ बायालीसेसणसंकडंमि २४ बारवइ अरहमित्ते ३ ४७५ बारवई वेयरणी ७ ३८१ बारस अंगुल दीहा ७ ११४८* बारस इकारसमे बार ३ ५३+ बारस चेष य वासा ३ ६५५ वारस वासे अहिए ६ २४९ बारसवासे अहिए ७ १४४४* वारसविहम्मिवि तवे ७ १४५८* बारसविहे कसाए ७ १४६६* बारस सोलस अट्ठार ७ १४८२१ बारसहिं जोयणेहिं ७ १४९१* बारसंगविऊ बुद्धे ४ ५४६ बारसंगो जिणक्खाओ ६ ६३४ बारसेव उ वासाई ३ १४०५ बारस्स पिट्टणंमि ३ १४०२ बालमरणाणि बहुसो २८ बालस्स पस्स बालतं ८३* बालाई उवगरणं ५३७ वालाईणणुकंपा बाला किडा मंदा बला ५२७ बालाणं अकामं तु १८८ बालाभिरामेसु दुहावहेसु ११३ वाले वुड्ढे मत्ते देखीए ८८+ १३+ BASSA 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ५७२ ~374 Page #375 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ब-कार + भ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए 450-6-4 ३ ३ ५ ७ दीप क्रमांक के लिए देखीए ३ 06666 | बालेहि मूटेहिं अयाणएहिं . ३८९० बाहुबलि कोवकरणं बालो अबालभावो ३ ७३+ विइयकसायाणुदए बावत्तरि कलाओ अ ४३६ विदयदुवस्स विवक्खो बावत्तरी कलाओ अ ७६४७ विइयपइन्ना जिणसास० बावीससहस्साई ७ १४५३० बिइयस्स पेसवर्ग बावीस सागराई १६०५० बिइयंमि होति तिरिया बावीससागराऊ ७ १५३८० विइयं सुत्तग्गाही बावीसं तित्थयरा ३ १२६० विडमुब्भेइमं लोणं । बाबीसं बायरसंपराए ७ ७९ वियतियचउरो पंचिंदिया बाहाए अंगुलीय ४ ४३८ वियतियचउरो पंचिंदिया बाहिरखित्तमि ठिो ३ १२३४ बिंदू छीए [य] परिणय बाहिरगामे बुच्छा ४ १०४+ बीए जोणिब्भूए बाहिरलंभे भजो ६२ बीओदग संघट्टण बाहिं जइवि असुद्धा ४ १०१ वीओऽवि नमीराया - ३४९ बीओऽविभ आएसो १०९ बीओऽविय आएसो १४२ बुद्धस्स निसम्म भासियं ९३ बुद्धाई उवयारे । ४९९ बुद्धे परिणिब्बुए चरे बेइंदियकायमइगओ बेइंदियपरिभोगो २२६* बेइंदियपरिभोगो ३६६ बेइंदिया उ जे जीवा ४७ बोडिय सिवभूईओ १४७७ बोडियसिवभूईओ २३४ बोहण अप्पडिबुद्धे २४७+ भकार: २६९ भइणीओ मे महाराय! - ४ - ३ ५ - 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ७ ~375 Page #376 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [भ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए नं.अ.आ. ओ. ३ ६ ३ सूत्रायत्तुक्रमः 001060m ६६* दीप an uw ५२% क्रमांक भगवं अदीणमणसो भजंती य दलंती भट्टेण चरित्चाओ भणइ अ आहिंडिजा भणइ अ धारेअव्वा भणइ य नाहं वेजो भणगं झरगं भणंता अकरिता य भणियं दसविहमेयं भत्तहिअ आवस्सग भत्तहिअ उब्बरि ६ भत्तद्विआ व खवगा भत्तट्टिवावसेसो भत्तपचक्खागणं भंते! ३४ ३१८ भत्तपरिण्णा इंगिणी ७ ५७४ भत्तं वा पाणं वा भुत्तूणं ३ १९७१ भत्तिविहवाणुरूवं ३ ७७० भत्तीइ० परमाए खीण० ३ ७७१ भचीइ जिणवराणं ३ ४५६ भत्तुवरियं खलु संख० ६ २८* भत्ते पाणे सयणासणे ३ १६९* भत्ते वा पाणे वा आव०४ १६७६ भदएणेव होअव्वं २१२ भहसुभदा सुप्पभ ३०४+ भदं च महाभदं ३ ११७+ भई थिइवेलापरिगयस्स ५८५ भई सव्वजगुज्जोयगस्स १ ५४ भई सीलपडागूसियस्स१ के लिए देखीए ७ COCKROACANCos २२५ भदिलपुर सीहपुरं ११९७ भयजणणरूवसध० ५८२ भयवपि थूलभद्दो ११०९ भरनित्थरणसमत्था ११०८ भरनित्थर० तिवग्ग २३२ भरहम्मि अद्धमासो २३८+ भरहम्मि अद्धमासो १९०+ भरहसिल पणिय ३२६ भरह सिल पणि ४१० भरह सिळ मिंड ५३० भरह सिल मिंड कुकुड भरहस्स रूबकम्म ३* भरहेखय० पूइयंमि ६ भरहेरवयविदेहे ६३% २४० ४ ६४% 'सवृत्तिक आगम ४ ४ ॥७०॥ १४+ ५२८ ७ सुत्ताणि ~376 Page #377 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] नन्दी-आदि- सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ भ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) भरहो साचो भरहो बाहुबलीवि भरुवच्छेनि य विजए भरायच्छे जिणदेवो भवणवा वाणमंतर भवणव वाणमंतर भवणवर बाणमंतर भवणवा वाणमंतर भवणवई जोइसिया भवणवण जोइवेमा ० भवतण्हा लया बुता भवसिद्धियो उ जीवो भवसिद्धिया उ जीवा भंडगपास बग्गा ४ ३ ३ ३ ३ ૨ ३ ३ ३ ७ ७ ६ ११६२ | भाइयपुणापियाणं ५३६ भाणू अ इति के बुत्ते १४१३ भायरा मे महाराय ! * १४०१ भारिया मे महाराय ! ६४ + भारेण वेयणाए न ९०+ • भारे वैयज खमणगुण्ह ० ११५+ भावकरणं तु दुबिहं ३४६ भावगई कम्मगई ५६० भावचलं गंतुमणे +३७ भावपर्यंपि य दुबिहं ८७९* भावम्पमाव पग ८१३ भावबहुएण बहुगा ३१३ भावमभावा छेऊमहेड १९+ भावसणं भंते !. ~ 377 ७ ७ ७ ४ ४ ७ ५ ४ ५८५ भावसुभ सहकरणे ९०८* भावसु पुण दुबिई ७२४* भावस्स मणं राहणं ७२६* भावस्सुवगारिता १९१ भावपि यदुविहं १५४+ भावंमि विभत्ती २०१ भावाऽऽगरिसे काउं १२० भावावयारमाद्देडमप्पने २०६+ भावासन्नो समण्णुन० १७० भावुग अभावुगाणि ५२५ भाबुग अभावुगाणि य ३११ भावे उ वस्थिनिग्गहु ८५* भावे खओवस मिए ६४ सावे पसत्य इयरो ७ 19 9 ६ ४ ३ ४ ७ ३ දී १०३८ ५११ १२४३* २४१ १५४ ५५९ ४२७ १०० ४१८ ११२६ ७७४ ३८२ ९०४ ४०७ Page #378 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा अकारादि [ भ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द. पि. उ. ॥ ७१ ॥ भावे पसत्यमियरं भावे पसत्थमियरो भावे पावमिणमो भावेसणा उ तिविहा भावेसणा उ दुविहा भावे सब्वोदइओदय० भावेसु जोगेहिं भासगपरित० भासंतमूढसंकिय इंदिय० भासा असथमोसा भासाइ दोसे अ भासासमसेढीओ भासासमसेढीओ मिउडीविडंचिअभुहो ७ ७ ६ ५ ३ ७ ४ ३ ५ १ ३ २ १५४६ | मिक्खद्गसमारंभ ९ मिक्खविसोही तब ० ३८७ भिक्खरसवि य अबेला ७७ मिखाइगओ रोगी २४० भिक्खाई वर्षते १८९ + भिक्खागाड़ी एगत्थ १२४४* मिक्खामित्ते अ विया० १५ भिक्खामेचे अवियालणं ६५२ भिक्खायरियाइ सुन्झइ ११०६ भिक्खालसिए एगे .३३३* मिक्खियव्वं न केयव्वं ७९* भिक्खुस्स य निक्लेवो ६ भिक्खू जन्नगंभी ७१* भिक्खूणं बहुसुऽहंति ~ 378 ६ ५ ४ ६ ६ ६ ६ ४ ३ ७ ७ ५ ६ ३ ३१९ भिक्खेण न मे क २२ भिक्खे परिहार्यते २१६+ भिन्नि लिप्यमाणं ४५७ भिन्नविसयं निसिद्धं ४३० मिसिणीपतेहि अरे २८४ भिदंतो अजह खुई ५९७ मी दुअं उप्पच्छे ४७० भीमट्टहासहत्थी १५२२ मीया य सा तहिं दहुं १०५३* भुओरगपरिसप्पा १३६७७ भुतंमि पढमकप्पे ३३४ भुत्तामुत्तसमुत्या ३५८ भुत्ता रसा भो ! जहाइ णे +५८ भुत्ते वियारभूमी ६ ४ ३ ३ ५ २ ३ ७ ७ ४ ४ ७ ४ ४८१ ४५+ ४०६ १२३९ २०० ३४५ ४७ ११२x ८१७* १५५४* ५९२ २२९ ४७२ ५०९ सूत्राधनु क्रमः ॥ ७१ ॥ Page #379 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ भ-कार + म कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) भुंजण अजीर पुरिमड ० मुंज न मुंजे भुंजसु भुंज माणुस्सए भोए भुंजह भुत्ता अम्हे भुंजंती चित्तकम्मं मुंजंती आयमणे मुंजतो आहारं गुणोव० भुंजित्तु भोगाई पसा • भूअत्थेणाहिगया भूआणमेसमाचाओ भूआपरिणयविग० भूमाइएस तं पुण भूमीघरा य तरुगण भूयहि अप्पगच्छे बंदेऽहं ६ ६ ७ ४ ६ ६ ४ ५ ७ ५ ३ ६ ५ १ ३३९ भेअओ भेअणं चैव १२२ भेताऽऽगमोवउत्तो ६४३* भेत्ता य भेअणं वा २१५ भोगफलं बाहुबल ४४६ भोगसमत्थं नाउं ५८७ भोगंमि चकिमाई ५८४ भोगामिसदोसविस ० भोगे ४९५* भुषा बमित्ता य १०७७* भोचा माणुस्सए भोए २४३* मकारः १०३३ मइमं अरोगि दीहाउभ ५६६ मइल कुचेले अभंगिए २५८ मइल कुचेले अम्भंगि० मइलिय फालिय ३९* ~ 379 ५ ५ 99 ३ ३ ३ ७ ७ ७ ६ ४ ५ ६ ३३६ मसु भगुतीसु ३४४ मक्खियकंटगट्टाईण ३७५ मगसिर सुद्धिकारसि १७८ मगहा गोब्बरगामे १९५ मगहा गोब्बरगामे १९१+ मगहापुरनयराओ २१२# ७ ११४४* ४ २७७+ ३ २५१ ६४३ ४९३ २८४ | मग्गसिरसुद्ध इकारसीह ४१३ मग्गी कोरविआ हरिया १०५ + मग्गे अविप्पणासो ८२+ मग्गे० केसी गोयमव्यवी ३२१ मथुणाऽम्भाहओ लोओ ३ ३ ७ मगहा रायगिहाइसु ३ ४८४* मग्ग० अहिगारो भावमगे ७ ११३* मग्गगईणं दुहवि ७ ३ २ ३ ७ ७ २३४ ५५१ ५१५ २५० ३९* ९०३ ८९३* ४६३* Page #380 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [म-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ५४५ | सत्राबह क्रमा ६ ६४७ SSCRSALESC+ Soy ३ २५. दीप क्रमांक १२९४ १५६७* + के लिए देखीए आ.Gमच्छा य कच्छभा ब मपिछयगम्मा भंतो मच्छुम्बत्तं मणसा मजणणिसेजभक्खा मजं विसय कसाया मज्जारखइयमंसा मजारमूसगाइय बारे मसहि पउरमिक्वं मज्मस्थस्स उ मुणिणो हैमझिमनिद्धे दो पोरिसी मझिमसरमंता उ मझिमा मज्झिमा व मडयं मयस्स देहो मणगं पडुन सेनभवण- १५४५* मणगुत्तयाए णं भंते! ६. मणिकणगरयणचिचे ३०२ मणगुत्तो वयगुत्तो ३६१* मणिकणगरयणचित्ते १२२० मणगुत्तो वयगुनो . ८२९७ मणिरयणकुहिमतले ७०३ मणपज्जवनाणं पुण १ ५८ मणिरयणदेययाविय १८० मणपञ्जवनाणं पुण , ३ ७६ मणुए चउमण्णयरं . १९२ मणपजवोहिनाणी सुअ० ७ २२३ मणुएहिं खलु जा सा २२८ मणपरिणामो अकओ ३ ८९+ मणुया दुविभेया उ १४८ मणपरिणामो अकओ ८०३७ मणोगयं वकगयं ।११ मणपल्हायज्ञणणी . ५११६ मणो साहस्सिओ भीमो १४+ मणसमाधारणयाए र्ण ७. मणोहरं चित्तघरं ३५* मणसहिएण र कारण ___३ १५८३ मत्तं च गंधहस्यि च १५८६* मृणसा वावारंनो . ३ १५७५ मतेण जेण दाहिह २६+ मणस्स भावं गहणं . १२४२* महवयाए णं भवे! १५ मणिआई दोराइसु ३ १५+ 'मयमहणं आयरिओ ४३ + ४ ३ . ७ ८८९* १३५६ + २ ७९२ + 'सवृत्तिक आगम ॥७२॥ + सुत्ताणि ३ ५ ~380 Page #381 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [म-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत १४२४ सूत्रांक यहां देखीए له سه * 3A0 * سه له १७३ दीप क्रमांक के लिए देखीए 1525152%2555 .. मयमाइवच्छगंपिव ६ मयहरगागारेहिं ३ मयहरपगए बहु ३ |मरणविभत्तीपरूवण मरणविभत्ती पुण पंच० ७ हमरणं च होइ दसमे ५ मरणंपि सपुण्णाणं 18|मरणमि इकमिके कइमा० . मरणे अणंतभागो ७ Xमरिहिसि रायं ! जया तया ७ मरुदेवि विजयसेणा ३ मलए पिसायरूवं ___३ मल्लिजिणाओ मुणि ३ मल्लिस्सवि वाससयं ३ ४४४ महईए संखडीए ६ २२८ महिया व मिन्नवासे १६७० महत्थरुवा वयणप्पभूया ७ ४१७७ महुगारसमा बुद्धा १४४४ महप्पभावस्स महाजसस्स ७ ६९७* महुपुग्गलरसयाणं २१० महरिहसिज्जारुहणमि ३ १०९६ महुपुग्गलाई तिन्नि १९ महङ्गेण देहि मा २६०+ महुरपरिणाम सामं २६३ महाउदगवेगेणं . ८९६* महुरविलास सललिअं १४५* महागरा आवरिया महेसी ५ ४१४* महुरं हेउनिजुत्तं २११ महाजसो एस महाणुभागो . ३८१७ महुराइ इंददत्तो २३१ महाजतेसु उच्छू वा ७ ६५३* महुराइ कालवेसिक ४८०* महादवग्गिसंकासे ७ ६५०* महुराए जउणराया ३८५ महामेहपसूकाओ ८८२* महुराए जिणदासो ५०८ महासुका सहस्सारा ७ १५८३७ महुराए संखो खलु १६ प्र. महिआवासं तह अंतरि० ४ ३० महुसित्य मुद्दिअंके २९५ महिया उ गम्भमासे ३ २२०+ महुसित्व मुहिके ३ ७ ४७० ३२२ 'सवृत्तिक आगम १३ नंद्या० ३ ९४२ सुत्ताणि ~381 Page #382 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ म-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ ७३ ॥ मंखलि मंत्र सुभदा मंगलद्दे पुट्टया मंडलपसूतिकुद्धी ● मंडलि अहराइणिआ ० मंडलिभायण भोवण मंडिज मोरियपुत्ते मंडिय मोरियपुत्ते मंतं मूलं विविहं विज्ज० मंताजोगं कार्ड मंदा यं फासा बहुलोभ० मंदिरे अग्गिभुई मंसवससोणियासव माई मुद्वेण पढई माउयपयंति नेयं ३ ६ ६ ४ ४ १ ३ ७ ७ ७ ३ ६ ७ ३ ४७३ मा एवं देहि इमं २९० मा काइंति अवणं ६०० मा गलियस्सेव कसं २८३ + मागहमाई विजयो ५३७ माणविजएणं भंते ! २१ माणं तु रयताणे ५९४ माणुम्माणपमाण ० ५०१* माणुसतं भवे मूलं १६३६* माणुसचंमि आवाओ १२६* माणुसते असारंभि ४४२ माणुस्स खेत जाई ५३९ माणुस खित जाई कुछ १०४९* माणुस्सर्व चउद्धा २३५+ माणुस्तं धम्मसुई सद्धा ~ 382 ७ ३ ७ ४ २ ७ ७ ७ ३ ७ ३ ७ २३७ | माणुस्तं विग्ग लबुं २३९ मा ताव शंख पुत्तय ! १२० मा ते फंसेज कुठं ३४८ ८२ ७०४ मा दिच्छिहिंति वो मा मे एजउ काउति मा मे चलउत्ति तणू ९६* माय चंडालियं कासी १९३* मायपि पुव्वसंथव १०५* मायंमिड निक्लेवो ६१४* मायरं पियरं वादि ८३९ मायाए उस्समां १५८ मायागारवस हिओ १४५२ माया पिया ण्डुसा भाया १५५ माया पुचं जहा नहं ७ ६ ६ ४ ३ ३ ७ ६ ७ ३ ३ ५ 1 २ १०२* २८६ ५०८ २२३ १५७१ १५७३ १० ४८५ ४६० १२०८ १६३७ ३०५ १६२* ११५* सूत्राधनुक्रमः ॥ ७३ ॥ Page #383 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [म-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ६ दीप क्रमांक के लिए देखीए 555555 | मायाबुइयमेयं तु ७ माया (वि) मे महाराय! ७ माया य रुहसोमा माया य रुहसोमा पिया य ७ मायाविजएणं भंते । मायावी चहुयारी मारणया जीववहो मालंमि कुडे मोयग ६ मालाभिमुई दलूण ६ मालोहडंपि दुविहं मा वेयणा उ तो उद्धरं० मासम्भंतरओ वा माइ० ३ मा ससिणिद्धोदउल्ले ४ मासं पाओवगया ३ ५७३४ मासाई सत्तता पढमा० ३ +५ मिगावई उमा चेव ७२३* मासियपारणगऽहा ६ २०९ मिच्छत्तकालियावाय०३ ९१३ ७७५ मासे मासे अ तवो ३ १६६७ मिच्छत्तथिरीकरणं ४४७ ९६ मासे मासे उ जो बालो . २७१* मिच्छत्तपडिक्कमणं १२६४ ८३ माहणकुलसंभूओ ९४८* मिच्छत्तमोहणिज्जा ११०४ ४८९ माहणकुंडग्गामे ४५७ मिच्छत्तं वेयन्तो जं २११ १९+ मा हु तुम सोदरियाण संभरे७ ४७३७ मिच्छट्ठिी जीवा ३६० माहेसरीउ सेसा ३ ७७२ मिच्छट्टिी तसथावराण ३३९ ३५९ मिअाउनामगोयं ४०७ मिच्छट्ठिी सासायणे ३ ३५७ मिउमद्दवसम्पन्ने ३६* मिच्छभयघोसणनिवे ३ १४२१ १५१९ मिउमद्दवसंपन्ने ७ १०६०* मिच्छा० तेसिं पुण दुलहा ७ १६३१* +२४ मिए छुभित्ता हयगओ ७ ५५० मिच्छादसणरत्ता ७ १६२९* २५८+ मिगचारियं चरिस्सामि . ६८४* मिच्छादिट्ठी जीवो ७ १६२ ६५९ मिगदेवीपुत्ताओ बलसिरि०७ ४०८ मिच्छाविट्ठीयाणं ३ ७८८ 542535ASS +८ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~383 Page #384 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [म-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक अ.आ. यहां देखीए द.पि. उ. ॥७४॥ ०१४ दीप ७७+ SCANCCIRCTCOM क्रमांक मिच्छा भवे उ सव्वत्था ५ २८+ मुक्खमग्गं पवसु Gमित्तवं नाइवं होड़ ७ ११२* मुक्ताभिकंखिस्सवि मित्ति मिउमद्दवत्ते ३ ६८६ मुक्खो मग्गो अ गई मित्ति मिउमद्दवत्ते १६०२ मुग्गरेहिं मुसुंढीहिं मित्तो इंदो निरई ९०* मुणिचंद कुमाराए मिहिलं सपुरजणवयं ७ २३१% मुणिसुब्बए नमिमि मिहिलाए चेइए वच्छे २३६* मुणिसुब्बओ अ अरिहा मिहिलाए लच्छिघरे ३ १३२४ मुणिमुव्वयंतेवासी मिहिलाए लच्छिघरे १७० मुत्तविएसु जुज्जइ मिहिलावइस्स णमिणो ७ २६६ मुत्तनिरोहे चक्खू मिहिला सोरिअनयरं ३८४ मुत्तपुरीसनिरोहे मीसज्जायं जावंतियं ६ २७१ मुत्तीए णं भंते ! मुकधुरा संपागड० ३ ११३८ मुसले उक्खित्तमि व | मुक्खमम्गगई तच्चं (त्थं) . १०६१* मुसं परिहरे भिक्खू के लिए देखीए . २७९ मुसाबाओ व लोगम्मि ७ ११४२* मुहणंतरण गोच्छं क्रमः . ५०५ मुहधोवण दंतवणं ७ ६६१* मुहपत्ति पडिलेहित्ता ४७७ मुहमूलंमि अ चारी ४ ४१८ मुहुत्तदुक्खा उहवंति कंटया ५ ४४५* ३ ३८१ मुहुत्तई०तित्तीसं सागरा ७ १३३० ११२ मुहुचद्धं तु जहन्ना १३२५* ५६ मुहुत्तद्धं तु तिष्णुदही १३२७* १९८ मुहुत्तद्धं तु०दोण्हुदही १३२८* ७२६ मुहुत्तद्धं० दसउदहिपलि० ७ १३२६* ६१ मुहुत्तद्धं० नवहिं वरिसेहिं . १३३७४। २४८+ मुहुत्तई० नायब्बा पम्ह०७ १३२९*13.।।७४॥ - २४* मुहं मुहूं मोहगुणे जयंतं . १२५* 'सवृत्तिक आगम ४ . सुत्ताणि ~384 Page #385 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ म-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) मूअं हुंकारं वा मूर्भ हुंकारं वा मूइंगाईमकोडएहिं मूडनइयं सुयं कालियं मूढो व दिसायणे मूढो व दिसिऽन्यणे सूर्य चढवूरं चैव मूलए सिंगबेरे य मूलगुणउत्तरगुणे मूढगुणाणं भ मूलगुणा वक्खाया मूलगुणाविय दुबिहा मूलगुणेहिं असुद्धं मूलमेयमहम्मस्स १ ३ ४ ४ ३ .३ ५ इ ३ 9 ३ ४ ५ ८९* मूला खन्धप्पभवो दुमस्स ५ २३ मूलुतरगुणरुवस्त ३ ५५९ मूले कंदे खंभे तया ७६२ मूसयरजउकेरे ३०९+ मूसवरयउकेरे १४७८ मूसाइ महाकायं १२२३ मेवगिरितुंगमरिसो. २३० मेरुगिरीसमभारे १७१० मोक्सट्टा नाणाई वणू १११ मोणं परिस्सामि समिच ६१+ मोतुं अकम्मभूमगनर ० ३८५० मोतुं गिलाणक ३०५ + मोतृणमेसिमिक २२५ मोरागसणिवेसे ~ 385 ♥ ४ * ३ ३ १ 8 ७ · ६ ★ क ४१६* | मोरिय नडलि बिराली २९५० मोरी नवल बिराली ३२ मोरीयसन्निवेसे ७०५ मोसल बुदिट्ठा २९१ मोसलि संघिसु मागह २२२+ १२६९ ३५१ ७४१ | मोसरस पण्छा व मोसस्स पच्छा व परत्व मोसरस पच्छा मोहचिमिच्छविगि ४९४# मोदणियंपिय दुबि २२१ १३१४ मोहपयडी भयं अमिभ० ७८५ मोडुब्भवो बलिए १९४० बोय ज्ञाण पवयण ‍ इ ४ इ ७ ७ ७ ४ 12 ३ ४. રૂ १७४ १३८+ ६४४ १६३+ ५१० ११९९* ११८६* १२१२* ५८९ १२७४* १५५१ १६३ ११४x Page #386 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [र-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्राधनु नं.अ.आ. द.पि.उ. ७७ ॥७५॥ दीप क्रमांक के लिए रकार: बाइचाओऽवि य रज्जाणि उ अवहाया रण्णो गिहबईणं च रण्णो तणघरकरणं रणो तहिं कोसलियस्स रतिं न चेव कप्पड़ रतिपि चउरो भाए रतुकडा उ इत्यी अट्ठ रत्तो वा दुट्ठो वा रमए पंडिए सासं रयणाणि चउव्वीसं रयण पईवे जोई रयणुप्पया य विजओ ॐ511व रयताण भाण धरणा ३ २१३ रयमादिरक्खणट्ठा ४७९ रयहरण पट्टमेत्ता ७५* रसओ अंबिले जे उ ४४+ रसओ कडुए जे उ ७ ३७८ रसओ कसाए जे उ ४ ९२+ रसओ तित्तओ जे उ ७ १००८० रसओ परिणया जे ३ १४५३ रसओ महुरए जे उ ७५८ रस कक्कब पिंडगुला ७ ३७* रसभायणहे वा ५ २५६ रसवइ पविसण पासण ६ २९९ रसस्स जीहं गहणं ७ ३५२ रसहेउं पडिसिद्धो १७५+|रसंतो कंदुकुंभीसु . ४ ६९६ रसा पगाम न हु सेवियब्वा . ४ ७२६ रसेसु जो गेहि०(१३) ७ १२१८* ७ १४०५% रहकारपरसुमाई . १४०३रहनेमिनामगो . १४०४% रहनेमिस्स भगवओ ४४९ ७ १४०२ रहनेमी अहं भरे! ८१९* १३९१% रहनेमीनिक्लेवो चउ०७ . १४०६७ रहपडण उत्तिमंगाई १९३+ २८३ रहवीरपुर नवरं १४६४ ६ २३८ रहवीरपुरं नवरं ४ ५४+ राइणियं वजेत्ता . १२१७* राईमई विचितेइ ८११% ६ ६४१ राईयं च अईयारं ३८* RSS4315 देखीए १७८ 'सवृत्तिक आगम ॥७५॥ सुत्ताणि ~386 Page #387 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [र-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) राईसरिसवमित्ताणि रावणीयसीदासणे रामवश्यं चरिज छाडे रागग्गिसंपलितो रागद्दोसकसाए य रागद्दोसकसायासवादि रागदोसादओ तिब्बा रागदोसा दंडा जोगा रागोसे य दो पावे ७ ७ रागं च दोसं च तद्देव मोहं ७ रागाई मिच्छाई रागाइ ५ रागेण व दोसेण व रागेण व दोसेण व रागेण सइंगालं ७ ३ ७ ६ ३ ३ ७ ३ ६ १३९ रागो दोसो मोहो य नेण ३ ५८९ रागो दोसो मोहो ७ ४९५* रागो य दोसोऽविय ७ 建 ६५७ रायकुलेसुऽवि जाया ९१८ रायगिह मगहसुंदरि । ५० रायगिमिहिलहत्यिण० ८७४* रायगिहम्मि वयंसा ३७७ रायगिह विस्सनंदी ११३७# रायगिद्द विस्सभूई ११६४* रायगिहि माडगारो २४६ रायगिद्दे गुणसिलए २५५+ रायगिद्दे गुणसिलए १५०९ रायगिद्दे धम्मरुई ६५९ रायघरे य कयाई ~ 387 ३ ७ 19 ३ ३ ७ ३ 99 ६ ६ | १३ | रायणिएम विणयं परंजे १०८०* राया आइचजसो ११६२ राया इह तित्षयरो २२२ राया उसुयारो या १४११ राया करेइ दंडं ३५१ ९१ ४४४ ४४५ रायाणिएस विणयं ४७४ ४७७ रायाणो रायमचा य राया य तत्थ बंभो राया य बंभदत्तो ११० रायारोह ऽबराई १२८+ राया व रायमथो १६८ राया विजंमि भए ५ ३ ३ ७ ३ ५ ५ 99 1७ ६ ४ राया सह देवीए ७ रिसद्देण उ एस (पसे) २ ४४१* ३६३ १४२२ ३६५ १९८ ३७५* २११* ३६४ ३३६ १२७ ५८४ ६२५ ४९३* ३३* Page #388 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [र-कार + ल-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां आ. ४ ७३१ सूत्रायनुक्रम। देखीए द.पि. उ. ३. ११११ दीप १४७ क्रमांक के लिए देखीए ईए ठंडिळषसही ४ १५३ रेववसरमंता उ रुप्प टंक विसमाहय० ३ १९५० रोइअनायपवयणे रूप्पं पत्तेयबुहा टंक ३ ११५१ रोगस्सामयसन्ना रूढा बहुसंभूआ ५ ३१२* रोगहरणं तिगिच्छा रूववयवेसभासा .२ ७६७ रोदा व सच वेयण रूवस्स चक् गहणं . ११७८० रोहीडगं च नवरं रूवं वओ व वेसो दक्खत्तं ५ १९४ रोदेह वणं छठे रूवाणुगासाणुगए य . १९८२* लकार: रूवाणुरत्तस्स नरस्स एवं ७ ११८७* लक्खणमियाणि दार रूवाणुवाएण परिग्गहेण ७ १९८३* लक्खं अट्ठ सथाणि अ रूविणो चेवरूवी य . १३७७* लक्खिजइत्ति नह रूवे अतित्ते अ परिग्गहमि . ११८४४ लागुद्वियंमि बीए स्वे विरत्तो मणुओ ७ १९८९* लज्जाइ गारवेण व रूवेसु जो गिडिमुवेद ७ ११७९४ लज्जा या संजम बंभ ॐॐॐवन २ ३०% ही आयपमाणा . ५ १६५* लवं पहेणगं में ४८+ उद्धिल्लि० अन्नं वाई १८+ द्धिल्लिअंच बोहिं ३ ४३४ लध्धूण य सम्मत्तं ३ १४१५ लणऽवि आरियतणं १५२० लणवि उत्तम मुई आणवि देवतं ११+ खूणऽवि माणुसत्तणं ३ २३२ लकमंतंपि न गिण्हा ५- १२+ व्या व इति का बुत्ता! ३ १५१८ बंधणपणसमायो . २१८ काउअ पौडफळे ५ ४११० लाडेसु व उक्सम्या . mMN ०००० ३०५ ४८१ ८७८* 'सवृत्तिक आगम १२८ R ॥७६॥ ९५७ सुत्ताणि ३ ४८२ 388 Page #389 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ल-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ५ ३०+T m200 . १५५५ १४४०%2 १५४६१ १३८४ A दीप क्रमांक के लिए देखीए लाभालाभे सुहे दुक्खे लामिय नेतो पुट्ठो साभेण जोजयंतो लाभे सति संघाडो लाहा हु ते मुला लितंति भाणिऊणं लितमि भावणंमि उ लिने छगणिभकारो लिप्पगहत्थी इत्यित्ति लिंगपुलातो अन लिंग जिणपण्णचं लिंगाई तस्स उस्सण्ण. लिंगाईहिवि एवं है लिंगेण उ नामिगह० ६९०* लिंगे भावलिंगे ३८. लिंगेण उ साहम्मी ५६५ ल्याइ चमढणा ६१३ लहवित्ती सुसंतुढे ४२७ लेत्यारियाणि जाणि र ६१५ लेबालेवत्ति जं वुवं २१२+ लेसमयणं पवक्वामि ३९७ साओ णाभावो १५३० लेसा कसायवेयण +ळेसाणं निक्लेवो । १९४३ लेसासु छमु कापसु ।२६ साहि चरमे समयंमि १५० साहिं सब्वादि १५२ लेई लिवीविदाणं २३+ लोइया वेइया चेव ६ १५१ लोइंदियमुंडा १८७+ लोए०कालविभाग ३५९* लोपगदेसे ते सव्वे ४ ३९५ लोएगदेसे ते सव्वे ६ ३८+ लोएगदेसे लोए अ ७ १२९२% लोएवि असुइर्गधा १७+ लोए बेए समए ५२ लोए संथारम्मिय ७ ५३७ लोगस्स एगदेसमि . ११४२% लोगस्स एगदेसंमि . १३५०* बोगसुजोअगरा . १३४९० लोगस्सुजोयगरे १३+ लोगे अच्छेजऽभेजो -- 'सवृत्तिक आगम ३ ३ ६ ६ १५३१ १९८९* २०७२ १% CCASE ३ ५ सुत्ताणि ~389 Page #390 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ल-कार + व-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां ४ ५ ५ २०७+ १५७ सूत्रायन क्रमः देखीए ७८८% दीप ७६५ ३ ४ क्रमांक ENERASACSC के लिए लालोगे वेए समए लोगोवयारविणओ लोणं दग अगणि लोणागडोदए एवं लोभविजएणं भंते ! लोभाणु वेअंतो लोभातिरेगगहि लोयविरलुत्तमंगं लोयाणुग्गहकारिसु लोलइ महीऍ धूलिए लोहस्सेस अणुप्फासे लोहि णीहू य थीहू य ७ - वकार: वइयाइ मखमाई ४४+ वइसाहसुद्धएकारसी ३१२ वएसु इंदियत्थेसु ५८९ वकं तु पुव्वभणि १६८ वकं वयणं च गिरा ८४ वक्खाणसमत्तीए ११७ वक्खित्तपराहुत्ते ३०६+ वक्खित्त पराहुचे २९२ बग्घस्स मए भीएणं ४४८ वग्यो वा सप्पो वा ४२२ वह हिंडह न करेमि २२७* वचंती छकाया पमहए १४७१७ वचंते जो उ कमो कले० वचतेण य दिहं ३०९ वच्छगगोणी खुजा DRUGROUGUSD4Chok ३ ७३४ वच्छो भएण नासइ ७ ११४१* वज्जरिसहसंघयणा ५ ३६५ बजरिसहसंघयणो २७२ वजंतऽवजमीरू ७१० वज्जेत्तु अणायतणं १२१० वजेमित्ति परिणओ ५१५ वर्ल्ड समचउरसं होई १२७ वडपुरगबंभवलयं १०३ वद्दुर हायइ छाया ५१२ वड्युई सुंडिआ तस्स २४९+ वढत वायगवंसो ३ २०८+ बते परिणामे ४ ३८४ बड़ेई तप्पसंग ३ १३३ वणसंडोब कुसुमिओ 2009 देखीए ६ ५ १ ३० ॥ ७७॥ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ६ ३ १०१+ 390 Page #391 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [व-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वणस्सइकाओ तिविहो वणस्सइकायमहगो वणस्सई न हिंसंति वणस्सई विहिंसंतो वणहत्यी अ कुमारं वणीमगस्स वा तस्स वणे रामे पुरे मिक्खे वण्णओ जे भवे किण्हे वण्णओ जे भवे नीले वण्णओ पीभए जे उ वण्णओ लोहिए जेउ |वण्णओ सुकिले जे उ है वण्णरसगंधफासे |वण्णरसगंधफासे - ६ ४३ वण्णेउ जहा विहिणा ७ २९८७ वण्णेण वासुदेवा । ५ २४९ वत्तणालक्षणो कालो ५ २५०* वतणा संधणा चेव ७ ३४७ वत्वगंधमलंकार ५ १७१वत्थुमि हत्थ मेजं ८८ वत्थूओ संकमणं . १३९५* वत्थूओ संकमणं होइ ROCALCCESSAGERAN356 ७ . ४५+ बन्नाइजुयावि वली ६ ३ ४०२ वयगंडथुल्लतणु० ७ १०७०* वयगुत्तयाए णं भंते ! ३ ६९९ वयछक्कमिंदियाणं च ____ वयछकं कायछकं ९४* वयणविभत्तिअकुसलो १३ वयणविभत्तीकुसलस्स ७५८ वयणविभत्तीकुसलो ४ १६१+ वयणविभत्ती पुण १५९+ वयमिकगसंजोगा। .७ १३८८* वयसमणधम्म संजम, ४ . १३८९ वयसमाहारणयाए णं भंते! . ४ ५०० वयं च वित्तिं लब्भामो ५ ३. २०५+ वरकणगतविअगोरा ३ ********************** 'सवृत्तिक आगम ७ १३९८० वत्थे कालुमि अ ७ १३९७० वन्नओ गंधओ चेव ७ १३९९% वन्नओ परिणया जे उ ५ २८७ बन्नबलरूवहेर्ड ७ २०२ वारसगंधसंठाण. ३७७ सुत्ताणि ~391 Page #392 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम लागि [भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा अकारादि [ व कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. .॥ ७८ ॥ वरकणगतवियचंपग बरपढहमेरिझल्लरि वरवरिआ ० बरवरिआ घोसिजर वरवारणी व रसो वरसुरहिमहसवणंमि वरं मे अप्पा दंतो बरिसंतो दस मासस्स विलय पव्वया कुणा नवगयमोहा समणा ववहरमाणस्स तर्हि ववहारे नीइजुड़े अ ववहारोऽविष्टु बळवं बसभे अ इंदकेऊ १ ३ ३ ७ ३ ७ ३ ७ ३ ७ ३ R 10 ३७ वसभे य इंदकेऊ १०४ + बसहि कह विसिजिदिय ८४+ वसहि० चैव ग्राम मोतव्यो २१९ बसहि निवेसण साही १३०५* वसहिफलं धम्मकहा ११०० बसही समणुष्णेसु १६* वसुभूई धणमिचे + ३१ बसे गुरुकुले नियं १४६८* वहणं वसथावराण होइ ३५६ बणे वमाणस ४३३ बँका कीटक्वइया २०४ बंके बंकसमायारे १२३ + बंतासी पुरिसो रायं ! २६५ बंतुचारसरिच्छे ~ 392 ३ ३ ३ ३ ४ २१०+ बंदणणं भंते ! +२ बंदण चिह्न किइकम्म १३४२ बंदामि महाभागं १३४१ बंदिज्यमाणा न समुकसंति ११४+ वाइया संगहिया चेव १०६ वाडकाओ तिविशे ६४७ बाउकायमगओ ३ ७ ५ 19 ४ ७ १३१६* वाघाए अण्णं ७ ६ ३४०* बाउंमि वायमाणे ४६४* बाएण हीरमाणम्मि १०४५० बाए पराजिओ सो ७३६ बाओ बुद्धं च सीउन्हं ४७८* वाघारण नियत्तो १९७ बाधाए तओ सिं दिजइ ३ ३ ७ ७ ३ २४ १११४ ८१ ६ ३८ 69 २९७* ४ ४ ६ ८६६ १०५७* २०९+ २३७ १४०+ ३२८ १८४ ४७८ १४३७ सूत्राद्यनुक्रमः ॥ ७८ ॥ Page #393 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [व-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए + १५०५* + + १७+ ३११+ १४८७ दीप क्रमांक के लिए देखीए वाधार्ते तपओ सिंह वाडेसु व त्यातु वाणारसिनयरीए वाणास्सीइ बहिया वाणारसी क कोंडे वाणारसी य णयरी वाणियगामाऽऽयावण वायणः पडिसुणणार वायणा पुच्छणा या कायणाए णे अंत! वायनिसग्गुनोए वायं विविहं समिक कायाइ नमोकारो १४ नंद्यावयाईधाअर्ण ४ ६४१ वारण सर्णकुमारे . १९१५* वारिमझेडवगाहित्ता ३ . १६३ बारेयम्बु उवाएण जइ वा ५ ७ ९५०* वालुयपंथे तेणा- ३ १४०४ वालुयाकवले चेष ७ ३ १४०४ वावित्ति फारमहुणा ५ ४९५ वासइ.तो कि विपर्क ५ ३ १४९ वासइन तणस्स कए ५ ७ ११३१४ वासग्गसो अतिण्हं . ३३ वासत्ताणावरिया ३ १६०९ वाससहस्सं बारस ३ ५०८* वासस्स य आगमणे ४ ३ ११३९ वाससहस्सं उग्गं ७ १५६५ वासहरा अणुजत्ता ६ ५१९ वासाई बारसेव उ . +५१ वासाण कुमारतं ३ ७. वासामु नस्थि अगणी ४ ५०७ वासासु च तिण्णि दिसा ४ ६३७* वासासु य तिनि दिसा ३ ५१+ वासासु उब्भिण्णा - ४ १०३ वासी चंदणकप्पो जो ३ १०० वासुदेवो अणं भणई . ८३ वासुदेवो०संसारसागर १४२७ वासोदयस्स व जहा २३८ वासोवम्गहिओ पुण ८१+ याहिओ वा अरोगी वा ५२६ विइयमेवं कुरंगाणं ८८ विइयमेयं कुरंगाणं १६४५ ८०७ ८७७ ७२७ ७ 'सवृत्तिक आगम ४५३ सुल्ताणि ~3930 Page #394 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [व-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ७२ नं.अ.आ. ओ. द.पि. उ. ॥७९॥ ४ ३ ५ सूत्रायनक्रम: ३ १६. दीप क्रमांक ४१९ Cococks के लिए विश्यमेयं गजकुलाणं विइयमेयं गयकुलाणं विउला विमला सुहुमा विकहा हसिजग्गाइय विकायमाणं पसदं विगलिदिएहिं जा सा विगहाकसायसन्नाणं विगिंच कम्मुणो हे |विच्छिन्ने दूरमोगाढे | विच्छुय सप्पे मूसग | विच्छुय सप्पे मूसग | विजदमि सए काए | विजहित्तु पुव्वसंजोगं विजसुअस्स य गेहे ६ ८४ विजाए होअगारी ४ ४५५ विजाचरणनएसुं ३ ९३७ विजा चरणं च तवो ४ १०० विजाण चक्कवट्टी १३१* विजातवप्पभावं ३ १२९२ विजामंतपरूवण ७ ११४०* विजासिप्पमुवाओ ७ १०७* विज्झाउत्ति न दीसह ७ ९३८* विज्झायमुम्मुरिंगालमेव ३ १३७+ विणएण पठ्ठवित्ता ७ १७३ विणएणं पविसित्ता ७ १५६०* विणए सुए अ तवे ७.२०९* विणओणएहिं ३ १७३ विणओ पुब्बुदिहो SRK-46- 20 ५९९ विणओवयारगुज्मगुरु० २। १०६४ विणओवयार माणस्स १२२७ १९७ विणओ सासणे मूलं १२२८ ९३२ विणयनयपवरमुणिवर० १ ४६२ विणयसुर्य च परीसह ४९४ विणयस्स समाहीए १९१ विणयंपि जो उवाएणं विणियट्टणयाए णं भंते ! . ५४९ वितहकरणे च तुरिअं. ४ १६२+ ५२२ वितहपि तहा मुक्ति ५ १४७* वित्तासेज़ हसेज व ३ १३२७ ४५४* वित्ती उ सुवण्णस्सा ३ १३८ वित्ते अचोइए निचं ४४** २९ वित्तेण ताणं न लभे पमत्ते ७ ११९* देखीए 'सवृत्तिक आगम ५ नियं सुत्ताणि ७ 394 Page #395 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [व-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत ४५७ * सूत्रांक यहां देखीए ६०९* * ३९३२ २७४ ६ दीप क्रमांक के लिए देखीए वित्यिण्णा खुइलिआ४ २१८ विययपक्खी य बोद्धव्वा ७ १५६१७ विविहगुणतबोरए विस्थिण्णे दूरमोगाढे ४ ३१५ वियरिजइ खज्जइ भुजई य ७ ३६८* विसएसु अरजंतो विदसएहिं जालेहिं ६६५* वियाणिया दुक्खविवडणं ७ ६९८* विसएसु मणुन्नेसु विद्वत्थाविद्वत्था ५८+ विरई अबभचेरस्स . ६२८७ विसपाइय पिसियासी विभूसं परिवजिजा ७ ५१८* विरजमाणस्स य इंदियत्था ७.१२६१* विसघाइरसायण विभूसा इस्थिसंसग्गी ५ ३९१० विरयाविरई संवुडमसंबुडे ३ ८६३ विसतिणिसवायवंजुल० विभूसावत्ति चेअं ५ २७५* विवत्ती अविणीअस्स ५ ४३६* विसप्पे सब्बओधारे विभूसावत्तिय मिक्खू , ५ . २७४७ विवत्ती बंभचेरस्स ५ २६६* विसम पलोट्टण आया विमलजिणा उप्पण्णो ३ १३प्र० विवायं च उदीरेड ५३८* विसमंमि समारोह विमलतणुबुद्धि जणणी ३ १०९७/विविच्च कम्मणो हेर्ड . १७४* विसमा जइ होज तणा विमलमणंतइ धम्मो ३ ३७१ विवित्तलयणाई भइज ७८०* विसमेसु य पव्वेसुं विमलमणतय धर्म १ १९* विवित्तसयणासणयाए ४५ विसयसुहनिअत्ताणं ५ विमलीकयऽम्ह चक्खु ६ ४९३ विवित्तसिजासणजंति०७ ११६७७ विसयसुहेसु पसत्तं विम्यकरो अपुग्यो २ ६८* विविचा अभवे सिज्जा ५ ३८७* विसरिसदसणजुत्ता ५ . ४ २ प्र० १३६४* १७९+ 151%-5555-25 SMSSSSSSSSS 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि - 395 Page #396 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [व-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्रायनक्रमः SC-STICAL ॥ ॥८ दीप क्रमांक विसं तु पीयं जह ७ विसालिसेहिं सीलेहिं विहगगई चलणगई विहमागासं भण्णई विड्वा पउत्थवइया विहिगहियं विहिभुतं (विहि० तह गुरुहिं पा०)३ विहिपुच्छाएँ पवेसो ४ | विहिपुच्छाए सण्णी विटिअबंधण धरणे वीयभय देवदत्ता वीयरागयाए णं भंते ! वीरवरस्स भगवओ वीरं अरिहनेमि ७४२वीरं सुफझाणम्गिद० १०८* वीरिय धम्म समाही १२१ वीरिय भावे य तहा ११९ बीरिय विउव्वणिड्डि २२२+ वीरियसजोगयाए १७०७ वीरो अरिहनेमी १७०७ वीरो सिंगारो अन्भुओ ८२ बीसजिऊण आसं ५०+ वीसमंतो इमं चिंते २९६ वीसमिऊण नियंठो ९४ वीसरसह अंते ५९ वीससकरणमणाई | ४७१ वीसं उक्कोसपए २२१ वीसं तु सागराई ३ १ बीसा दो वाससया ३ १३१+ +१३ बुन्छिद सिरोहमप्पणो ३१७* ३ ७५२ वुष्टुिं च हाणि च ससीव २७३ २०२ बुढी वा हाणी वा १६१० बुट्ठोऽणुकंपणिजो ६९ ३ २२६ वेआ अधीआ न भवंति ४५२ २ ६३* वेउम्विअसंघाओ जहन्नु० ३ १६७+ ७ ३९८ चे उब्बि वाउडे वातिए ४ ७२३ ५ १५३ वेएज निजरापेही ८५* ३ १२४ वेकच्छिया उ पट्टो ३१८+ ३ २३१+ वेजे मेंठे तह इंदणा० ३ ८४६ ३ १५४+ वेणइयस्सा[य]पढमया २०६ ७ ८२ वेमाणिया उजे देवा . १५८१* ७ १६०३* वेमायाहिं सिक्खाहिं . १९७* के लिए देखीए 900- -660 % 'सवृत्तिक आगम |||८० सुत्ताणि -58--% - 396 Page #397 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ व कार + स कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) देवण यायचे वेयण क्यावचे इरिय० वेयम क्वावणे वैयणियपि (य) दुविहं वेयाणं च मुहं ब्रूहि वैयाक्चगरी वा | वैयावचं निवयं करेह क्यावचे अमुट्ठियस्स वेवावणं भंते ! बावचे निर्ण वेविय परिसाडणया . बेसमणवयणसंचोइआ बेसालि भूषणंदो बेसालीए पडिमं 뽕 ६ ७ ७ • ४ 8 g ६ ३ ३ इ ५८१ बैढठ्ठाई सुरभि ६६२ वेंटल पुट्ठो न वाणे १०२३* बोग्गह इंडियमादी १२७३७ वोच्छिष्णे बसो ९६१# वोयाणं भंते ! ३२१+ वोटिंता ते व अन्ने वा ५३३ बोली अणुलो ५३८ वोसिडुमागयाणं १७ सकारः १००१* सइकाले चरे मिक्सू ५८२ सउणि चउप्पयं नागं ६८+ सभवसंता अममा ५१८ सकम्मसेसेण पुराकरणं ४९४ | सकया पायया चैव ~ 397 ३ ४ ३ १४४१ सकीसाणा पढमं ३ • २९+ सको अ वस्समक्खं 電 ४२ सको अ देवराया सभा० ' सको बंसवणे सक्खं खु दीखेड़ तकोविसेसो ७ सखुङ्गविअत्ताणं ५ सगरोऽवि सागरंवं ७ १६५# सम्यहबिब्वुड एवं १९९ सग्गाम परग्गामे सदेस ० २७७० सग्गाम० सा वा सो वा 19 蒋 ४ ४ ५४६ |सकारो सम्माणो ४२५ सका सहेडं आसाइ ५ ७ ५ ७ २ १६४ ४० ५०८ ४४२# सग्गामेऽवि य दुबिहं ५३७ सचरित पच्छयावो ३ ६ ६ 萌 ३ १५६ ४४४* ४८ ७७+ ४९८ १९० ३९५* २१५* ५८२* १४४० ३३० ४२८ ३३३ १०६० 幸子市子 Page #398 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए नं.अ.आ. सूत्राप ओ. द.पि.उ. ४९६ २७७ २६३ ४८३ २७० दीप क्रमांक के लिए देखीए | सच्चप्पवायपुख्वा ५ सच्चसोअप्पगडा ७ सच्चा तहेव मोसा य सच्चा तहेव मोसा य मण - सच्चित्तपुढविकाए . सच्चित्तपुढविलितं सच्चित्तमक्खियमी सचित्तमीसएमु , ६ सञ्चित्तसिलाकोले ३ सचित्ते अचित्ते ६ सचिचे अचित्ते मीसग ६ सञ्चित्ते अञ्चित्ते मीसग ६ सञ्चित्ते० आइतिए पडिसेहो ६ सचित्ते पन्चावण .१७ सचित्ते पब्बावण ४१४० सज्ज च अग्गजीहाए ९४२* सज्ज रवद मऊरो ९४०सज्जं रखइ मुअंगो ५४२ सज्जेण लहई वित्ति ३४९ सज्जे रिसहे गंधारे ५३६ सज्झमसझं कर्ज ५४० सज्झाएणं भंते ! +३३ सज्झायझाणतवओस० ६२७ सज्झायमचिंतता ५५८ सज्झायमचिंतता कणगं ५६३ सज्झायसज्झाणरयस्स ६०५ सज्झायसंजमतवे ५१ सज्झायं काऊणं ४ ३७० सज्झिलगा दो वणिया ४ २ २६* सट्ठाण परहाणे दुविहं ६ २. २८* सहि पणपण्ण वण्णे ३ २ ३०* सडरत केसर भायण। ६ ३२* सड्डस्स थेवदिवसेसु ६ २५* सड्ढेसु चरिअकामो ' ४ ६ २६२ सड्डोव अन्नरंभण ३२ सर्णकुमारो मणुस्सिदो ७ ३ १६०१ सण्णाणनाणोवगए .. ३ १४७० सति लाभे पुण दव्वे ४ ४ ६४५ सत्तण्हं पयडीणं ३ ५ ३९७* सत्त पाणूणि से थोवे २ ५ .३६८ सत्तरस विहाणाई मरणे . ४ ६६४ सचरस सागराई ७ 35555 १०५ 'सवृत्तिक आगम २१४ १६००* सुत्ताणि ~ 398 Page #399 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए 0000006 दीप क्रमांक के लिए देखीए RECENERS सत्तरससागराऊ सत्तवहवेहवंधण. सत्तविभागण करं सत्त सरा तओ गामा सत्त सरा नाभीओ सत्तसहस्साणंतइ. सत्तसु परिमियसत्ता सत्तस्स अप्पमाणे सत्ताहवले पुव्वसंगई सत्तुत्तरि सयाई सत्तू अ इइ के चुत्ते सगट्ठाणस्स उ सत्तेया दिट्ठीओ सत्तेव सहस्साई ७ १५३७* सत्तेव सागराऊ १९ सत्थग्गहणं विसभक्खणं ४९. सस्थपरिण्णा लोगो ५६* सत्वं जहा परमतिक्खं ४४७ सत्याहसुओ दक्सत्तणेण ३१० सत्येण सुतिक्खणवि. ३ २१८+ सदेवगंधव्वमणुस्स० ६ ५२५ सहरसरूवगंधा । २३९+ सहस्स सोयं गहणं ३ ४२प्र० सद्दहण जाणणा खलु ७८६८* सधयार उजोओ ३ १९९६ सद्दाइएसु संगं ३ ७८६ सदाइएसु साहू . ७ १४६१, सदाइविसयगिद्धो. ७ १५३५% सहाइविसयसाहण०३ २२ ७ १६३९ सद्दाणुगासाणु० ७ ११९५* ३ +४६ सहाणुवाएण परिग्गहेण ७ ११९६% ७ ७१८* सहाणुवाएण. ७ १२०० ५ १९२ सहा विविहा भवंति लोए ७ ५०७० २ १००० सहे अतित्ते. ७ ११९७१ ४८* सहे रूवे व गंधे य ५ १६४ सद्दे विरत्तो. ७ १२०२ ७ ११९१* सद्देसु अरुवेसु अ ३ ७५३ सहेसु जो गेहिमुवेइ ११९२% ७ १०७२* सद्धं णगरि किच्चा २४७* ३ १५२३ सद्धाभंगोऽणुग्गाहियंमि ४ ११९+ ६ २२४ सन्नाइगमण वियड० . . ३ १७ सन्नातो आगतो चरम. ४ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~399 Page #400 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए महिपापा सूत्राधनु नं.अ.आ. ओ. । द.पि. उ. दीप 4-45 क्रमांक सन्नासिद्धिं पप्पा सन्निहियाण वडारो सन्निहियाण बडारो सन्निहिं च न कुग्विजा सपडिकमणो धम्मो स पुज्जसत्थे सुविनीयसं० स पुष्वमेवं ण लभेज सप्पं च तरुवरंमी सप्पं सवणे जणणी सप्पोऽवि अ कुललेणं सप्पोऽवि कुललवस. सम्भावनिविगार सम्भावपञ्चक्खाणेणं सभए वासत्ताणं के लिए देखीए ५ १२३ समएवि संतई पप्प ३ १४८१ समकडगाओ अडवी ४ ६५६ समणकडाहाकम १७५* समणऽणुकंपनिमित्त १२५८ समणपवेसि निसीहि ४७* समणस्स उ निक्खेवो - १२३* समणं माहणं वावि ३ ७५+ समणं बंदिज मेहावी ११०२ समणं समणि सावग० ४६९ समणं संजयं दंतं ४७० समर्ण संजय दंतं ८१ समणं संजयं दंतं ५५ समणाणं सउणाणं ४ ३१ समणा तिदंडविरया २१४* ४३४ ३८८ २१५ ३* ४४३ ३६७* १५०२ १४० १६०० ७ १३८२* समणा मु एगे वदमाणा ७ ७ ३४३ समणुण्णेसु पवेसो ४ २६९ समणे चउकनिक्खेव०७ १११ समणेण कहेयव्वा ७७ समणेणं सावएणय २ ५ १५५ समणे माणि किवणे ६ ५ १६९४ समणो अहं संजउ बंभयारी ७ ३ १११८ समणो उ वणिब भगं० ३ ४ ४३३ समणोऽसि संजओ असि ७ ८६+ समभावंमि ठियप्पा ४ ११०+ समभूमेऽवि अइभरो ३ ७ ७५* समयाए समणो होइ ४ १७३ समयावलिअमुहुत्ता ३ ३५३ समयावलिअमुहुत्ता २४०+ ९७८* ॥८२॥ 'सवृत्तिक आगम २००+ सुत्ताणि -400 Page #401 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८५१ ७ २ ८५० ८५६ दीप क्रमांक के लिए देखीए समवावलिय महत्ता समया सम्मत्त पसथ समया सव्वभूएसुं. समयो बेयालीयं समरेसु अगारेसु समवाइ असमबाई समवाओ गोहीणं समहिंदा कप्पसुरा समं असमं चेव समं च संघर्ष थीहिं समाइ पेहाइ परिव्ययंतो समागया बहू वस्थ समावग्णाण संसारे ६५३ समाहीइ चाउके दव्वं ७ ३८४ सम्मत्तचरणसहिया ३ १०४२ समिइओ जनाइजे १५ सम्मत्त० सणसंजय ३ ६२५३ समिईहिं मा सुमाहि० ७ ३७५% सम्मत्तदेसविरया पडिवन्ना ३ +१२ समिक्ख पंडिए तम्हा ७ १६१% सम्मत्तदेसविरया ३ ____२६७ समुआणं चरे भिक्खू ५ १८४* सम्मत्त० पलियस्स असंख०३ समुट्ठाण वायणालद्धिओ ३ ८८९ सम्मत्तमप्पमाओ २०+ समुद्दगंभीरसमा दुरासया ७ ३५७* सम्मत्तसुयं सव्वासु ११९+ समुरपालिमाऊ . ४३० सम्मत्तस्स० सेसाण ५२ समुद्देण पालिअमि ७ ४२९ सम्मत्तं अचरित्तस्स ११२ समुयाणं उंछमेसिजा . १३६८* सम्मदसणवरवइर० १ ९ समुवट्ठियं तहिं संतं ७ ९५३ सम्मईसणविहो नाणेण ८५०* समुसरण भत्त उग्गह ३ ३६२ सम्मइंसणरत्ता . ९६ समोयारो खलु दुविहो . ७२ सम्मदिहि अमोहो सोही ३ ४४६* समोसरणे केवइया ३ ५४३ सम्मदिट्ठी उ सुअंमि ५ २ ८४९ ११७४ १२% ५ 'सवृत्तिक आगम ७ . ५ १६३०* ८६१. २८२ सुत्ताणि ~4010 Page #402 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ स कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ ८३ ॥ सम्मदिट्ठी जीवो सम्मदिट्ठी सया अमूढे सम्ममसम्मा किरिया सम्मसुआणं लंभो सम्मसुयजगारीणं सम्मं धम्मं वियाणित्ता सयणासण ठाणे वा सयणासयण्णापाणे सयणासणपाणभोवणं सयणासणवत्थं वा सयभिसया भरणीओ सयमेव उ उग्गह जायणे सयमेवऽणुपालणियं सयमेव दिपाठी ७ ५ ६ ३ ३ ७ . ७ ५ ३ ३ ३ ४ १६३ |सयमेव य लुक्ख ४६७* सयमेवालोएड ४४० सयमेवालोएड ८०७ सयसाहस्सा गंथा लो० ८५४ सयं गेहूं परिचज ४९०* सयं च ज चिजा ११३३* सरागे बीयरागे वा १५९५ सरीरपञ्चक्खाणेणं ५०४* सरीरमाडु नावत्ति १८७ सरीरे उपकरणे वा १३३२ सललिय विलहलगई +४० सलं कामा विसं कामा १६८० सवद्धिं समुपेहिया ७५ सवलयघणतणुवाया ~ 402 ழ் ४ ६ ३ ७ 19 ७ ७ ७ ७ ३ 19 ५ ४ १३७ ४६१ ५१८ सविसयबलवत्तं पुण ८७६ सव्वगयं सम्मत्तं सुए सवलयघणतणुवाया सवियारमत्थवंजण ० ५४४* सव्वगुणसंपन्नयाए णं ७३०* सव्वग्गहोभयाणं १३२३ सव्वजीवाण कम्मं तु ५२ सब्वजीवेहिं सुयं ९०४ सव्वहसिद्धगा चैव ८+ सव्वत्थ अविसमत्तं १२७१ सव्वश्थ संजमं संजमाड २८० सव्वत्थुवहिणा बुद्धा ३३२* सम्बव विद्वत्ता ३६१ | सम्वप्पमायरहिया 符 ४ ७ ३ ७ ३ ७ ४ ५ ५ ३९ 1७८ ६+ ८३० ५८ १६९+ १२८४* ८६० १५८८* ५७६ ४७ २३०* २२९ ६३ सूत्राधनुक्रमः ॥ ८३ ॥ Page #403 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ स कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) सव्वबहुअगणिजीवा सत्र बहुअगणिजीवा सव्वभवेसु असाया सम्वभिचारं हेतु सब्बभूयप्पभूअस्स सम्वमिणं चइऊणं सव्वमे वइस्लामि सव्वमेयमणाइनं सव्वलोए अरिहंत चेइयाणं सम्बविहीमु अ कुसला सब्बसुरा जइ रूवं सव्वं असणं सर्व्व सव्यं गं कलहं च सव्यं च दुसविरि १ ३ 19 ५ ५ ७ ५ ५ ३ ३ ३ ७ ૨ ४९* स जगं जइ तुई ३१ सव्वं तओ जाणइ पासई ६७४* सव्वंति भाणिकणं ६८ सव्वंति भाणिऊगं ४० सव्यं पाणइवायं ३ ४०२ सव्वंपि न घेत्तव्वं ४ ३२१* सव्वं विलवियं गीयं ७ २६* सव्वं सुचिणं सफलं नराणं ७ २८ सव्वादपि सोया सव्वाओऽवि गईओ १०९५ ५६९ सव्वा ओसहजुती १६७३ सव्वावि अ सा दुविहा २११* सव्वा वट्टमाणा गुणओ ५६४ सव्बुक पर वा N 403 ७ ७ ३ ३ ३ ३ ७ ५ ३ ५ ४७९* सब्बे एए दारा मरणविभत्तीइ ७ १२६४# सब्वे काउस्सगं ३ २१* सब्बै जकमेणं ७ ८०० सव्वे जीवावि इच्छंति ५ १२८४ सव्वेते विझ्या मज्झं ८३ सव्वे दहुं उग्गाहिएण ४२१* सव्वे भवत्यजीवा मरंति ४१५७ सब्बे व माहणा जबा ५७९ सव्वे वा हिंडता वसहि ११७३ सब्बेऽवि अ अइयारा ४४ सव्वेऽबि एगदूसेण २८० सव्वेऽवि एगवण्णा |४० सव्वेऽवि गया मुक्खं ३२० सव्वेऽवि दव्वजोगा ७ ४ ७ ३ ४ ३ ३ ३ ३ ३ २३३ ७०६ ३४+ २१९* ५७४* ११८+ २२८ ६५७ १८५ ११२ २२७ ३९१ ३९० ९३४ Page #404 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां सूत्राधनु ३ . ७ देखीए कमा दीप 20 क्रमांक के लिए देखीए नं.अ.आ.द सब्बेऽवि परमजामे ४ ६६१ सयोऽविय आहारो ओ. सम्वेऽवि सर्वबुद्धा३ २१२ सम्बोसहीहि हविभो द.पि. उ. सव्वेसि चेच कम्माणं . १२८३* ससरक्खपाओ सुबई ॥८४॥ सव्वेसिपि निणणं ३३३ ससरक्खपाणिपाए सम्वेसिपि नयाचं १०६६ ससिणिद्धपि य सिविहं सब्वेसिपि चयाणं १४१* सह मरुदेवाइ निग्गओ सव्वेसिपि नवाणं १७१९ सहस पइट्ठा दिवा सब्वेसिपि नया १५२ सहसा अण्णाणेण व सब्वेसुवि संठाणे ३ ८२१ सहसा कालगयंमी सोहिंपि जिणेहि ३ ३३१ सहायपञ्चक्खाणेणं भंते ! |सबेहि भूएहि दयानुकंपी ७ ७७१* संकाइदोसरहिओ सब्बोबगरणमाया० ४ २२७+ संकाए चउभंगो सव्यो वणंतकाओ ४ ३६४ संकाए स नियट्टो सव्वोऽऽणतकाओ सचित्तो ६ ४४ संकामेड कम्मं सिद्ध १६८५ संकिव मक्खिय निक्खित्त ६ । ७९१* संकेवं चेव अद्धाए ५४०* संकोए संडासं उठवत्तंते ४ २०७ +२० संखडिकरणे काया ४८८ संखडिं संखडिं बूया ५३१५ ३४४ संखमसंखमणता २१५ संखककुंरसंकासा ७ १३००* ८०० संखंककुंदसंकासा ७ १४३४* १३२४ संखाईआओ खलु ५३ संखाईएऽवि भवे ३ ५९० ३२ संखाईयाणि उ कंडगाणि ६ २९+ ५२१ संखिजकालमुक्कोसा . १५०६* ६०२ संखिज. चउरिदियकाय० ७ १५२५१ २५६ संखिज० तेइंदियकाय०७ १५१५* ४ ३ ७ 'सवृत्तिक आगम ६ ४ ६ सुत्ताणि ~404 Page #405 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत ४ ३ सूत्रांक यहां देखीए -SACSCG44-460 १५५+ १६३+ २०८ ३२४ १८६+ * दीप क्रमांक के लिए देखीए संखिन मणोदब्वे ३ संखिजमसंखिजो . संखिजमि उ काले २ संखिजंमि उ काले संखिज्जाऊ चउरो संखेजजोषणा खलु |संखेवपिडियत्यो संखो तिणिसागुरुचंद संगमथेरायरिओ संगहकाओ गावि ३ संगहिअपिंडिअत्यं १ संगहियपिंडियत्वं ६ संगाणं च परिणोपाय०२ संगाम अस्थि भेओ . ४२ संगार बीय वसही .६७ संगारो नाम रसो .५३* संगारो रायणिए ३५ संगो एस मणुस्साणं ८१९ संघट्टइत्ता कारणं ५२ संघयणरूवसंठाण ७२ संघयणं संठाणं २५७ संघाडएणऽगहणे १९८९ संघाङगरायणिओ १५३९ संघाडगसंजोगो १३७७ संघाडेगो ठवणाकुलेसु ७५६ संघायणपरिसाडणउभयं १३७५ संघायणपरिसाडो ३५५ संघायणा व परिसाड० १७७ संघायमेतदुभय० ६६ संघायमेगसमयं २२+ संघुदिट्ट सोउं ६४* संचरकुंधुदेहिअल्या० ४३३* संचारगा चउद्दिसि ५७१ संचारिमा य चुल्ली १६० संजओ अहमस्सीति २१९+ संजओ चइडं रजं २२३+ संजो नाम नामेणं २१७ संजमआयविराहण १३७+ संजमओ छकाया १९२ संजमघाउववाए १६८+ संजम जैकिंचि १९४ संजमजोए अब्भुहियस्स * 5SM Sururr + १ ७ 'सवृत्तिक आगम १४२० ६८२ ६८१ १५नंग- . ३ सुत्ताणि -~405 Page #406 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्रावनु SUN क्रमः " द.पि. उ. ॥५॥ ३ ७ ६. दीप क्रमांक 860 संजमजोएसु सया संजमजोगविसन्ना संजमठाणाणं कंडगाण संजमतवतुंबारयस्स संजमहेउं देहो ४ संजमहेउं लेबो संजमेणं भंते! संजमे सुद्विअप्पाणं संजयगिहितदुभय ★ संजयनाम गोयं संजयभदा तेणा संजयमणुएहिं जा सा |संजयवेमाणित्थी संजलणकोहणो के लिए देखीए 5ॐॐॐॐॐॐॐ ११८२ संजाणंतो भणई २१७ संजायलित्तभत्ते ९९ संजुत्तगसंजोगो ५* संजोगसिद्धीइ फलं ४८ संजोगाण दसण्हं ४०५ संजोगा विष्पमुकस्स ४० संजोगा विप्पमुक्कस्स १७* संजोगे निक्खेवो १७+ संजोयणा उ भावे ३९३ संज्ञासु दोसु सूरो ३७५ संठाणओ भवे तसे १२९५ संठाणओ भवे वट्टे ११६+ संठाणओ य चउरसे +१९ संठाणपरिणया जे उ - ४८० संठियंमि भवे लाभो ४ ६ २४६ संढसपाणसबीओ ३ ७ ३१ संडास पमजिता ४ ३ १०२ संतई० अणाईया०ठिई ३ ४१प्र० संतई०अपज्जव०पडुन ७ १*संतई० अपज्जव०पडुच ७ ३२७* संतई० अपज्जवसियावि ३. संतई०अपञ्जवसियावि ६ ६३९ संतई०अपज्जवसियावि०७ ३ १५३८ संतई०अपज्जवसियावि ७ १४१७% संतई०ठिई पडुछ साईया . ५ १४१६ संतई०ठिई०सपज्जव०७ ७ १४१८७ संतई०पदुश्च साईया ७ १३९४* संतई पप्प०ठिई ६८८ +२७ १५५+ १५६२२ १५१३* १५७१* १४८५ १४६०%23 १५२३* १५९०* १४५२* १५४७* R ॥८५॥ 'सवृत्तिक आगम ६ ३ ३ ३ सुत्ताणि १५०४* -406 Page #407 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत लाल ९+ सूत्रांक यहां देखीए ५ له سه سه २०७ दीप क्रमांक के लिए देखीए ५४५ ट्रसंतई पप्पऽणाईआ . १४४४* संतिमे य दुवे ठाणा संतई पप्प तेऽणाई ७ १३८५* संतिमे सुहुमा पाणा |संतई०सपज्जवसियाचि ७ १४९४७ संतिमे सुहुमा पाणा संतई० साइया अपज्जव० ७ १५५६* संतिस्स कुमारत्तं संतपय०जाव अप्पाबहुं १५* संती कुंथू अ अरो संतपय परूवणय० ८* संती कुंथू अ अरो संतपयपरूवणय०चेव १० संते आउयकम्मे संतपयपरूवणयनस्थि ९* संथरे सव्वमुज्झति संतपयपरूवणयनस्थि ११* संथारंगभूमितिगं संतपयपरूवणया १३ संथारग्गहणाए संतपयपरूवणया दब्ब० ८९५ संघारपाय दंडग संतपयं पडिबन्ने ३ ८९६ संथारपाय दंडग खोमिय संता तिस्थवरगुणा ३ ११४४ संथारसिजासणभत्त० संति एगेहि भिक्खूहिं . १४७* संथारं फलगं पीढं ५ ६ १२९* संथारुत्तरचोलग २३२* संथारुत्तरपट्टो अड्डाइक २७०* संविट्ठा संलिहिउँ २९२ संदिट्ठो संदिहस्स चेव २२३ संदिस्संत जो सुणइ ४१७ संदीणमसंदीणो संधि०७ + संनाइपिंड जेमेइ ४०० संनिहिं च न कुग्विजा ५ २०३ संनिही गिहिमत्ते य २०४ संपज्जलिया घोरा ३६५ संपत्ते मिक्खकालंमि ४६ संपयममुत्तदारं ४४३* संपाइमतसपाणा ५३३* संपातिमरयरेणूपमजण० ४ ४०+ 'सवृत्तिक आगम ६ ५ ५ ७१३ सुत्ताणि ~407 Page #408 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ता' [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ स कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ ८६ ॥ संबंधणसंजोगे खित्ता ० संबंधणसंजोगो संबंधणसंजोगो कसाय ० संबंधण संजोगो संसारा० संबुद्धो सो तहिं भयवं संबुद्धो सो भयवं संबोहण परिचाए संभावणेऽविसदो संमिण्णं पासंतो संभोगपश्चक्खाणं संमत्तस्स सुयस्स व संमचं चैव मिच्छतं संमद्दमाणी पाणाणि संमदमाणे पाणाणि 10 ७ 19 ७ ७ ७ -३ ४ ३ ७ ३ ७ ५ 10 ६३ संमुच्छिमपुव्यकोडी ४६ ६१ ६२ संयोयणाए दोसो ७६८० संरंभ० कार्य पवतमाणं ४४१ संरंभ० वयं पवत्तमाणं ० २०९ संरंभ० समारंभे समुच्छिमाण एसेव संयम सुय पडिसेवण ४०+ संच्छरबारसएण १२७ संच्छरकोसं ४७ ८११ १२७५ ८८ ५३२ संवण्डरं वाऽवि परं संवच्छ रेण धूअं संच्छरेण० संच्छरेण भिक्खा संवरेण होही ~ 408 २ ७ १७ ६ ७ یا ४ ३ ५ -३ R ३ १११* संवहगवाए व १५७०* संवहमेह आयंसगा १७+ संवरकयनिच्छिदं ६३८ संवरवरजलपगलिय० ९१५* संवरविणिवरामो ९४३* संवरियासवदारा ९४१* संवासो उपसिद्धो १५+ संविग्गअण्णसंभोइयाण १५५५ संविग्गमणुण्णाए ५१०* संविग्गगमसंचिग्गा ३४ + संविग्ग संनि भग ८१+ संविग्गसंनिभहग ३१९ संविग्गे पवेसो २१६ संवेगजणि अहासो 19 R ३ १ ३ ३ ६ ३ ४ १४९२* १८८ । ५९ ४ ४ १५* । ९६ १५६२ ११७ २४८+ ९६+ २९९ १०५ ४ ११५ ४ ७ १०४ ४२० सूत्राधनु क्रमः ॥ ८६ ॥ Page #409 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १३८५ ५८७* ६ ५ ५३८ संसारपडिकमणं ९५सारपारगमणे * दीप क्रमांक के लिए देखीए १६११* TAGSSSSSSSSSSSSS संवेगेणं भंते जीवे किं संवेगो निब्वेओ संसज्जइ धुवमेअं संसजिमम्मि देसे |संसजिमेहिं वर्ज संसट्टेण य हत्थेण संसट्टेयरहत्यो संसत्तग्गणी पुण संसत्तभचपाणे मचग संसत्तभत्तपाणेसु संसत्तमसंसत्ता संसत्तं तत्तो चित्र संसत्तेण व दव्वेण संसयं खलु सो कुणइ . १५ संसरिभ थावरो३ ४४३ सा उ अविसेसियं ५ ३५० संसारस्थान्तसा य थावरा. १४४१% सार्ड पज आवरेण ४ २५९+ संसारत्था य सिद्धा य १४२१४ साएए पुंडरीए ५९३ संसारत्था य सिद्धाय १६२० सागरतं जहित्वा गं ३ १२६६ सागरा अउणतीसं तु सागरा अडवीसंतु ELEBRससारपारगमणे सागरा अहवीसं तु संसारमावन्न परस्स अट्ठा ७ ११८७ सागरा इकतीसंतु संसारसागराओ३ ९७ सागरा इकवीसंत ७२संसाराअडवीए मिच्छत्त ३ ९०९ सागराणि य सत्तेव २६१ संसारामओ आलोयणा उ ५ ४३+ सागरा सत्तवीस तु ४ ५०५ संसोधण संसमणं ६ ४५९ सागय साहिया दुन्नि ६ ५७६ संहिया य पदं चैव २ १३५४ सागरा साहिया सत्त २५३४ सा इह पुष्वाणुपुव्वी - ३५+ सागरोवममेगं तु १६१४ ACCOCC-600-+ २३१+ tee ७ १५९६* ७ १५९५ 'सवृत्तिक आगम ७ १५९७* सुत्ताणि -~409 Page #410 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ स कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. 11 2011 सागारमणागारा सागारं संवरणं सागारिअ पुच्छ गमणं सागारि मंत्र छंदण सागारियाइकहणं सागारि वणिम सुणए सागेए चंडवर्डिसयस्स सागेयम्मि महाबल सा चंडवायवीची पणुलिया सार्ण सूइअं गाविं साणा गोणा इयरे साणीपावारपिहिअं सादी सपज्जवसिओ साधारणं बहूणं ३ ४ ४ ६ ३ ४ 19 ३ ३ ५ ४ ५ ३ ६५ सा नवा दुह सा पव्वइया संती ३८ १६७ सा पुण जायमजाया ३१० सा पुण सद्दहणा जाणणा १४४५ साफलदारमहुणा ४३७ साभाविय तिन्नि दिणा ३३१ सामिग्गद्दा य निरभि० १३९४ सामण्णपुष्वगस्स उ ८३५ सामत्यणरायसुए ७१* सामन्नमणुचरंतरस ४२३ सामं समं च सम्मं ७७* सामाइअमाई ७३२ सामाइअं करेमी ५९४ |सामाइअं नाम सावन ० ~ 410 ५ ७ ४ ३ ५ ३ ३ ५ ६ ५ ३ ३ ३ ૩ २४३ सामाइअंमि उ कए ८१४* सामाइएणं भंते! ५९५ सामाइव अणुक्रमभ १६८२ सामाइयऽत्य पढमं ५५+ सामाइयनिज्जुच्छिं १४३० सामाइयमाई १६५४ सामाइयं च तिविहं १५४ सामाइयं च पढमं १२१ सामाइयंमि उ कए ३०३ सामाइयं समइयं १०४२ सामाइयाइया वा ३७+ सामाणिअदेविडि १०५७ सामायारिमगीए ४६ सामायारिं पवक्खामि ७ ५ ७ ૨ ३. ३ ३ ३ ३ ३ ३ ४ ७ २०* २२ १२ १०९२* ८७ ९३ ७९६ ११४९ ८०१ ८६४ २७१ ५०५ १४३ ९९२ सूत्राद्यनुक्रमः ॥ ८७ ॥ Page #411 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ४ ६ ४ दीप क्रमांक के लिए देखीए सामायारी आहे | सामिसं कुललं दिस्सा सामी चारभडा वा साय सयं गोसऽद्धं सायं संमत्त पुमं हास सारक्खिया गिलाणा सारवणं साहल्लय सारस्सयमाइचा. सारस्सयमाइचा सारीर माणसा चेव सारीरमाणसे दुक्खे सारीरंपि य दुविहं सालंबणो पडतो सालीओअणहत्वं ३ SOURCESS १२+ सालीघयगुलगोरस १८० सावत्थीइ कुमारो भदो . ४८६ सालीमाई अवडे फलाइ ६ १६१ सावत्थी उसमपुरं ३७१ सालु वा विरालिअं५ १७७* सावत्थी जियसत्तू १६२७ सावग जइ वीसऽभिग्गह ६ १५५ सावत्थी सिरिभद्दा १४४ सावगजणमहुअरि० ८* सावय०गुम्मिअगहणा १३०+ सावगमज्जा सत्तवइए ३ १३४ सावय तेणा दुविहा ७४ सावज उवउत्तो जयमाणो ३ १४९x सावयधम्मस्स विहिं ८६ सावज्जगंधमुक्का र ७४२८ सा सगडतित्तिरी २१४ २४२ सासणि विगयमोहाणं . ६४५७ सावजजोगपरिवजणवा ३ ७९९ सा समा० जाणिआ १ ९११ सावजजोगविरई २६ साह्दु निक्खिवित्ताणं ५ १४४६ सावज्जजोगविरई २ १२३* साहम्मऽभिग्गहेणं नो पव० ६ १९८४ सावजमणायत्तणं ४ ७६४ साहम्मिअपुरिसासह ४ १९८ सावज०सामाइअमाईए ३ १०६३ सा हवइ सव्वधत्ता ७ 'सवृत्तिक आगम ३ ६ सुत्ताणि ~411 Page #412 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्राधनुक्रम: दीप -50-4500-56 क्रमांक नं.अ.आ.४ साहयो तो चिअत्रेणं ५ १५४% साहु गोयम! पनाते ७ ८५९७ साहूण नमोकारो एवं ३ १०१६ ओ. साहति अपिअधम्मा से ४ १३५+ साहु छिन्नो० अन्नोऽवि . ८८५* साहूण नमोकारो जीवं ३ १०१४ द.पि. उ. साहारण ओसरणे ३ ५५४ साहु०छिन्नो मे संसओ ८६५* साहूण नमोकारो धन्नाण ३ । २०१५ ॥८८॥ साहारणमपज १ १२३ साहु०तं मे कहसु गोयमा . ८७५७ साहू लहे तहा५ ३४९ साहारणसरीरा . १४६९ साहु०पन्नातं मे ९०५* सिआ अ गोयरग्गगओ ५ १४१* साहारणासवत्ते तदुवओगे ३ ५७८ साहु०पन्ना ते छिन्ने मे .. ९१६* सिआ एगइओ लड़े १९०* साहीपसव्यमंतो ९३३ साहु०संसओ इमो ८९५* सिआ य भिक्खू इच्छिज्जा ५ १४६%* साही पुरोहडे वा ४ ६२३ साहु०संसओ०मझ ९१० सिआय समणवाए ५ ९९* साहीयं सागरं इकं १५९१७ साहु०संसओ ममं तं ९०० सिा०विविहं पाणभोअणं ५ १९२** साहु०अन्नोऽवि० ७ ८८०* साहुस्स दरिसणे तस्स ७ ६०७* सिआ हु सीसेण गिरिपि ५ ४०७* साहु अन्नोऽवि संसओ . ८७०* साहुं तिगिच्छिऊणं ३ १७५ सिआ हु से पाक्य नो डहिजा ५ ४०५* साहुकारपुरोगं ७४ साहुं संवासेइ अ ७ २८९ सिइअवणण पडिलाभण साहुगुणेसणकहणं २९७ साहू अकम्मधम्माउ ३ +५४ सिउंबर जंघाए ३ १०८३ साहु गोयम ! तं मे कहसु. ८९०७ साहूण नमुकारो सम्ब० ३ १०१७ सिओ उसिणो साहारणो ६ ६५१ के लिए देखीए 4446 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~412 Page #413 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ स कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) सिक्खगअसिक्खगाणं सिक्खा दुविहा गाहा सिक्खावए अ लिंगे अ सिक्खिऊण मिक्लेसण० सिग्ववरं आगमणं सिजंसबंभवत्ते सिज्यं तस्सु क्यारं सिद्धसि सहू पडिणीयनि ० सिणाणं अदुवा कर्क सिणेहूं पुप्फमुहुर्म % R सिज्जा दढा पाउरणं च अस्थि ७ सिजायरपिंड च सिद्धत्तिम बुद्धत्ति अ सिद्धत्यपुरे तेणेसि ३ 19 ५ ४ 8 ५ ५ ३ ३ ५७ १९ ४५४ सिद्धत्थवणं च जहा सिद्धस्स मुद्दो रासी सिद्धं जीवस्स अत्थितं २०९ सिद्धाइ गुणजोगेसु १४४+ सिद्धाणऽर्णवभागे ३२७ सिद्धाण नमुकारो एवं ५२८ सिद्धाण नमुकारो धन्नाण २१७ सिद्धाण नमो किया २७२३ सिद्धाणमसिद्धाण ३४९* सिद्धाणं० ९८७ सिद्धाणं बुद्धाणं ५११ सिद्धाणं संथवं किया ३ ७ २५१ सिद्धाण नमोकारो जीवं श् ७८ सिद्धाण० बिद्दअं होइ मंगलं ३ ७ ३ ३ ७ ~ મ ३ ५ 413 1 99 १०२ + | सिद्धिगइ मुबयाणं ९८२ सिद्धिवसह मुवगया ३ २५+ सिद्धी य देवलोगो सुकुलु० ५ ३ ३ ७ ११५४* सिद्धे नमसि ऊणं संसारत्था १२९०# सिद्धे भो पयओ णमो ९९९ सियविय पोलासाढे ९९० सिरिगुचेण वि ६९९* सिंगक्खोडे कल्हो ९८९ सिंगाररसुतइया ९९२ सिंगी सिही बिसाणी ५५८ सिंघाडगतिगचउक ३० सिंघाडय० १४* सिंहगिरि भद्दगुते १०३३* सीअलजिणाउ भयवं ३ B ५ २ ३ ७ ३ १ ९११ २०५ १२८३ १३* १६९ १३९+ ७६+ २१४ ८३* २१८ ८३+ ९७ १०प्र० Page #414 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक + यहां अ.आ. ७ ४१८ । मासूत्राबन क्रमः देखीए ९७+ ३ दीप क्रमांक के लिए 55%ECASSAGAR सीआइ मज्झयारे ३ सीआलं भंगसयं ३ सीआ साडी दीदं च १ | सीआ साडी दीहं च तणं ३ सीउण्हखारखत्ते ४ सीउण्हसारखत्ते सीउण्हखारखत्ते |सीउण्ह०बुकंतजोणिएणं ६ सीए दवस एगो ६ सीओदगसमारम्भ ५ सीओदगं न सेविजा ५ सीओसिणा समसगा य . सीमंधरो व राया |सीयललुक्खाऽणुचियं ३ ९४+ सीयले खुट्टए कण्हे १०५६ सीया उण्हा य निद्धा य ६८* सीयाणे जं दिडं तं तं ९४५ सीवायवाइएहि य ३४१ सीबनिसरिसमोदग० ३४७ सीवनिसरिसमोयग० १३ सीसमुरोअर पिट्ठी २२ सीसमुरोयर पिट्ठी ६५२ सीसं उरो य उदरं २६०* सीसावेढेण वेढिता ३४०* सीसुकंपियमूई ७७६* सीसे जइ आमंतइ ३७२ सीसेण एवं सरणं उवेह ११९८ सीसो पढमपवेसे ३ १९१६ सीहत्ता निक्खमिङ ७ १३९३* सीहासणे निसण्णो ३ ३ २२६+ सुअणोसुअ सुभ । ।१०४ सुअधम्मे पुण तिबिहा ५ ४ ४५२ सुअनाणमि अभत्ती ३ ६ ८१ सुअनामिवि जीवो ३ ३ १६०+ सुअसुत्तगंधसिद्धत०२ ७ १८९ सुअस्स भगवओ करेमि ३ ७ १५२ सुअं०इह खलु सम्मत्पर०७ ३ +५२ सुअं०चत्तारि विणयसमाह० ५ ३ १६४४ सुझं मे०इह खलु०बंभ० ७ ४ १३५ सुझं वा जइ वा दिदं ५ ७ ३८६* सुआणि मे पंच महब्वयाणि ७ ३ १२४० सुइभइगदित्ताई देखीए २ ३५५** ६१० 'सवृत्तिक आगम IMद सुत्ताणि ~414 Page #415 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत ३ सूत्रांक यहां देखीए ३८६ ११२२ moc -- ४२. ३ १३८७ -- ३ १ ३ SROENESSROSSASRCOS -2 . ६* दीप क्रमांक के लिए देखीए १३५३ ४ सुइंच लटुं सद्धं च सुकडंति सुपकंति सुकडित्ति सुपक्रित्ति सुकयं आणतिपिव सुकुमालकोमलतले सुकमाणसुभाविय० सुकं झाणं झियाइजा सुकंबरा य समणा- सुकाए.लेसाए दो ततियं सुकीअं वा सुविकी सुक्केणऽवि जं छिक सुक्केण सरक्खेणं सुके सुकं पडियं सुके सुकं पढमो १०४* सुक्कोल्ल उल्लगमणे ३६* सुकोल्लपडिग्गहगे ३१८* मुक्कोल्लसरिसपाए १३२१ सुग्गीवे दृढरहे ४२* सुग्गीवे नयरंमि अ ।८७ सुग्गीवे नयरे रम्मे ७ १३७१ सुचिरंपि अच्छमाणो ३५७ सुचिरंपि अच्छमाणो ।८९ सुचिरंपि०नलथंभो ३२२ सुचिरंपि कडाई ३७+ सुचिरंपि वंकुडाई ३ ५३३ सुचिरंपि०वेकलिओ ४ ३९८ सुच्चाण महावि सुभासियं . ५६७ सुच्चाण मेहावी सुभासि० ५ ३ ३ ५ ६ ६ ६ ६ २४ सुजसा सुव्वया अइरा ५७६ सुहुतरं नासंती ३९७ सुद्दुत्तरमायामा सा ३८८ सुहु वाइयं सुहु गाइयं ४०९ सुझुवि सम्मदिही ६०१ सुणियाऽभावं साणस्स ११२५ सुणेह मे एगमणा ७७२ सुणेहि मे महाराय । ११२९ सुण्णघरासइ बाहिं ४९४ सुत्तत्थतदुभयविऊ १४१० सुत्तत्वऽकरण नासो ७७३ सुत्तत्यधिरीकरणं ७४९* सुत्तत्थबालवुड्ढे य ४१५* सुचत्थं अकरिता aur 'सवृत्तिक आगम १४५ सुत्ताणि E ~415 Page #416 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक . यहां देखीए १३९* ९८१ १४० दासत्रायन क्रम: ३ दीप ५ क्रमांक के लिए देखीए नं.अ. आ. दत्तत्यो खल्लु पढमो ओ. सुत्तत्थो खलु पढमो द.पि. उ.18 सुत्तस्स अप्पमाणे ॥९ ॥ | सुतं बित्ती तह वत्तिय सुन्तेसु आवी पडिबुडू० सुद्धपयचा सिद्धी सुद्धपुढवीं न निसीए | सुद्धसणा उ णवाणं सुनिउणमणाइणिहर्ण सुबघर देउले वा सुन्नं व असइ कालो सुपट्टे कुसकुर्वि | सुप्पणिहिअजोगी पुण |सुबहुंपि सुयमहीयं ९० सुमइस्स कुमारत्तं ३ २४ सुमई त्व निच्चभत्तेण . ३ ५२५ सुमंगला जसबई +५० सुमिणमवहारऽमिग्गह १२० सुमुणियनिवानिश्च १ २७+ सुय अभिगम नाय विही ६ ३३९% सुयखंचे निक्खेवं २१८* सुयधम्मतित्थमग्गो ।४५ सुयनाणे अणुओगे० ५०४ सुयपडिवण्णा संपइ ३३५ सुयसम्मसत्तयं खलु ३४९ सुयस्स आराहणयाए णं . ३०९ सुर्य मे० इह खलु छज्जीव०५ ९८ सुर्य मे० इह खलु बावीसं०. २८१ सुया मे णरए ठाणा . २२८ सुरगणसुहं समत्तं . ३९८ सुरपूइश्रोत्ति हेऊ ४५८ सुरहिपुर सिद्धजत्तो .४०* सुरही दोचंगट्ठा छोढूण ४ ३१७ सुरं वा मेरगं वावि ५ १२ सुवणे वीसुबघातो १३० सुवण्णरूप्पस्स य पव्वया ७ ३ सुविदियजगस्सभावो ८५२ सुविहिय दुधिहियं ३ ८५५ सुविहिं च पुष्पदंतं ३ सुसंमिया कामगुणा इमे ते . १ सुसंवुडा पंचहि सवरेहिं . १ सुसाणे सुन्नगारे वा . २९७+ १९५* -९३+ २७५* । ३४ ११३४ ३* ४७१* ४००% ६८* ३ ४ 155555555 ॥९० 'सवृत्तिक आगम ३ सुल्ताणि ~416 Page #417 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम लागि [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ स कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) १६ नंया सुसाणे सुन्नगारे वा सुस्सूसइ पढिपुच्छर सुस्सूसइ पढिपुच्छर सुहदुक्खसंपओगो सुहम्मं अग्गिवेसाणं सुहसायगस्स समणस्स सुहं बसामो जीवामो सुहसाएणं भंते । जीवे सुडुमा० इतो कालविभागं सुहुमा० दो चैव वायराणं सुडुमा य सव्यलोगंमि सुदुमा० लोग देखे य बायरा सुमो अ होइ कालो सुमो य होइ कालो ७ १ ३ ५ १. ५ ७. ७ ७ ५. ७. ७ १. ३ १३५८# सुद्दोइओ तुमं पुत्ता ८८* सुंदरजणसंसग्गी २२ ६० २३# ५७७ ७ ४ सुभगदुब्भग्गकरा जोगा ६ सूरे उग्गए णमोकारसहित ३ सूरे सुदंसणे कुंभे ३ सूरोदय पच्छिमार २४१ सूरोदयं गच्छमहं पभाए ४३ १४९३* सूबोदणस्स भरि १०+ से सुजायं सुविभतसिंगं १४५१* सेएण कक्खमाई १४८४३ से किं तं अकसिणखंचे ५५* से किं तं अक्खरसु १ ३७ से किं तं अचित्तदब्बोवणमे २. ~ ६ ४. 417 ७ ३. ६३४* से किं तं अचित्ते दव्वसंचे २ ७८५ से किं तं अट्ठनामे ५०२ ५१ ३८९ २ २. से किं तं अणुग ५५५ से किं तं अणुगमे २ २१३ से किं तं अणुगमे २ ७१५ से किं तं अणुत्तरोबवाइअ० १. २ से किं तं अणंतरसिद्ध केवल० १ १ से किं तं अणाणुगामिअं से किं तं अणुग २७१ से किं तं अगदवियखंचे २ १३११ से किं तं अस्थाहिगारे २ ५२ से किं तं अत्युगाद्दे १ ३९ से किं तं अपए उवकमे २ ६५ से किं तं अपडिवाइओहिनाणं १ ४८ १२८ २१ ११ ८० ९५ १११ १५१ ५४ ५३ १४८. ३० ६४ १५ Page #418 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत कळ सूत्रांक यहां देखीए ११२ सूत्राचन 4 4 5 - दीप क्रमांक के लिए से कितं अवाए १ कासे कितं अंगपविई १ से कितं अंतगडदसायो १ से किं तं भागमओ दम्बसुअं२ से किं तं आगमओ दवावस्सयंर से किं तं आगमओ भावखंधे २ से कितं आगमतो भावसु २ से किं तं आगमतो भावा० २ से किं तं आणुगामि ओहि०१ से किं तं आणुपुब्वी २ से कि तं आमिणिबोहि० १ से किं तं आयारे १ से किं तं आवस्सयं २ से कि तं इविअपचक्खं १ से किं ईहा ... ३१ से कितं. कालाणुपुष्वी १ ५ से कितं इक्विणापुत्री २ ११५ से कितं कालिओवएसेणं । ५३ से कितं उग्गहे १ २८ से किं तं कालोषकमे २ ३३ से कि तं सवकमे २ ३० से किं तं कुप्पावयणि द०२ १३ से किं तं उवणिहिया काला०२ ११४ से कि तं कुप्पावयणियं भा०२ ५५ से किं तं नवणिहिया खेत्ता०२ १०३ से कितं केवलनाणं. १ ३९ से कि उवणिहिया वया०२ ९६ से किं तं खोवसमिअं १ . २३ से किं तं उवासगदसामो १ ५२ से किं तं खंधे १० से किं तं एगणामे २ १२१ से किं तं खेत्तपमाणे । . ७१ से किं तं ओवमिए २ १३८ से कि तं खेत्तपलिओवमे २६ से किं तं ओहिनाण. १ ६ से किं तं खेत्ताणुपुब्बी ४६ से किं कसिणखंचे २ ५१ से किं तं खेतोवरमे २ ८ से कितं कालप्पमाणे २ १३४ से किं तं गणणाणपुयी २ ४ से किं तं कालाणुपुम्वी २ १०४ से कितं गमिभं देखीए %A525 'सवृत्तिक आगम 16-%% सुत्ताणि ४४ % ~418 Page #419 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ स कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) से किं तं गुणप्पमाणे से किं तं चढणामे से किं तं चप्पए उवकमे से किं तं छण्णामे २ २ २ २ से किं तं जाणयसरी रब्व० २ से किं तं जाणय० ३५०व० २ से किं तं जाणय० ३ दुव्वसु २ से किं तं जाणयसरीरव्वाव० २ २ से किं तं ठवणावस्सर्व से किं तं ठवणासु से किं वं ठाणे से किं तं गए से किं तं णामे से किं तं णेगम० अनुपय० २ १ २ २ २ . १४४ | से किं तं १२४ से किं तं ६३ १२६ ३५ १८ ३७ १६ १० ३१ ग ० भंगस० णेग० भंगोव ० २ २ से किं तं णेगम ० अणोवणि० २ से किं तं णेगम० अणो० का २ से किं तं तिनामे से किं तं दब्वखंचे से किं तं दव्वपमाणे से किं तं दष्वसु से किं तं दव्वावस्सयं से किं तं दसनामे ४८ १५२ से किं तं दुनामे १२० १०७ से किं तं विद्विबाप से किं तं दुपए उवकमे से किं तं नयप्पमाणे ~ 419 १ २ २ २ २ R १ २ २ २ १०८ १०९ १०१ १०६ १२३ ४६ १३२ ३२ १२ १३० ५७ १२२ ६२ १४५ से किं तं नवनामे से किं तं नामसुअं से किं तं नामावस्सयं २ से किं तं नायाधम्मकहाओ से किं तं निक्खेवे २ से किं तं नेगम० अट्ठपय० २ से किं तं नेगम० भंगसमु० २ से किं तं नेगम० भंगोवदंस० २ से किं तं नेगमववहाराणंक्षणो०२ से किं तं नोआगमओ दुब्व० २ से किं तं नोआगमओ दव्वा०२ से किं तं नोआगमओ भावखं ०२ से किं तं नोआगमतो भावसु० २ से किं तं नोआगमतो भावा०२ १२८ ५१ १५० ७४ ७६ ७८ ७३ २४ १५ ५६ ४० २४ Page #420 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां २१ सूत्रावतुकम देखीए ॥ ९२॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए से किं तं नोइंदिअपचक्खं १ से किं तं धारणा FIसे किं तं पएसणिफण्णे २ से किं तं पञ्चक्खं से किं तं पडिवाइओहि. से किं तं पण्डावागरणाई १ से किं तं पमाणे २ से किं तं परम्परसिद्धकेव० १ से किं परुक्खनाणं .१ से किंतं पंचनामे २ से किं तं पुव्वाणुपुव्वी २ से कितं भवपञ्चइअं १ से किं तं भविषसरीर० २ से किं तं भविअसरीर०दव्या०२ ५ से किं तं भावखंधे २ ३४ से किं तं भावप्पमाणे १३५ से किं तं भावसुअं से किं तं भावाणुपुब्बी २ १४ से किं तं भावावस्सयं ५५ से किं तं भावोवकमे १३१ से किं तं मणपजवनाणं १ २२ से किसं मिच्छासुझं १ से किं तं मीसए दव्वखंघे २ से किं तं मीसए दबोवनमे २ ९७ से किं तं लोइ दव्वा० २ से किं तं लोइ नोआ०.२ ३६ से किं तं लोइयं भावा० २ १७ से किं तं लोउत्तरिमं नो० २ ५४ से किं तं लोगुत्तरि दव्या०२ १४३ से किं तं लोगुत्तरिमं भा० २ से किं तं वङमाणयं १ से किं तं वत्तव्वया से किं तं वंजणुग्गहे १ से किं तं विभागनिष्फण्णे २ १७ से किं तं विवागसुझं ४२ से किं तं विवाहे से कि तं सचित्ते दब्वखंधे०२ ६६ से किं तं सचित्ते व्वोव० २ १९ से किं तं सत्तनामे २ ४१ से किं तं समए २ २५ से किं तं समवाए ४२ से कितं समोआरे १२७ १३७ 'सवृत्तिक आगम ११० सुत्ताणि -420 Page #421 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए १६१* +६४ १४४ 000 CASSAGAR दीप क्रमांक के लिए देखीए से किं तं समोआरे २ से कि तं समोआरे से कि तं सम्मसुझं से किं तं सं० अट्ठपयपरू. २. से किं तं सं०अणो०काला०२ से कि तं सं० अणो०खित्ता २ से किं तं सं०अणोदव्वा २ से किं तं संखप्पमाणे २ से किं तं संगहस्स अट्ठपय०२ से कि तं संगहस्स समो० २ से कि तं संठाणाणुपुब्वी २ से किं तं संणिसुर्य से किं तं सं०भंगोवदसणया २ से किं तं साइ सपज्जव० १ तं माइ सपजव० १ १४९ से किं तं सामायारीआणु० २ से किं तं सिद्धकेवलनाणं १ से किं तं सुभनिस्सिनं १ से किं सुतं ?,२ चढव्विहं २ ११२ से किं तं सुयनाणपरोक्खं १ १०२ से किं तं हीयमाणयं ओहि.१ ९० से किं तं सूअगडे १ १४६ से गामे वा नगरे वा ५ ११३ से चुए बंभलोगाओ से जाणमजाणं वा ११७ सेनं ठाणं च जदा ३ सेनं ठाणं च जहिं ३ ९३ सेजंभवं गणधरं ५ ४३ ४३ सेज्जातरेऽणुभासइ ४ ११८ सेवा निसीहियाए ५ २० सेणावई पसत्थारं २७ सेणाहिबई भोइय २९ से तं अंगपविट्ठ ३८ से तं केवलनाणं १३ से तारिसे दुक्खसहे ४७ से नूर्ण मए पुव्वं ६१* से मिक्खू०एगओ वा ५ ५७६७ से मिक्खू०कीडं वा पर्यग० ५ ३६५ से मिक्खु० विआ वा० ५ ६९६ से भिक्खू०संजयविरय. ५ ६९५ से भिक्खू सुत्ते वा जागरे ५ १४ से भिक्ख०से बीएसु वा ५ ८ + सेयपुरं रिद्वपुरं AAAAAAAACHAR 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~421 Page #422 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [स-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां ८९८ नं.अ.आ. मो. द.पि. उ. सूत्राधनुक्रम देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए सेयवि पोलासाढे ३ १३०४|सेसेवि पुच्छिऊणं सेयंगुलि बगुलावे ६ ४७१ सेसेसु अवटुंतो सेयं सुजायं सुविभत्तसिंगं ३ २११+ सेसेसु य पडिक्क्खो | सेलघणकुखग १ ४४सेसेहि उ दव्येहिं सेलघणकुडगचालणि ३ १३९ सेसेहिं कापहिं तीहिवि ६ सेवामि सेलकाणण. ३ १२७९ सोअग्गिणा आयगुणिधर्ण णे . सेसं सुत्ताफास ६०+ सो आपुच्छि अणुनाओ ४ सेसा उ जहासत्ति १४६३ सो आलोइयभोई सेसा उ जहासचि ३ १६१६ सोइंविअरस्सीहिर | सेसा उ जहासत्ती ४ ६३७ सोइंदियनिग्गहेणं भंते ! सेसा उ दंडनीई ३ .१६९ सो उज्जाणनिसमो. ७ सेसाणं परिआओ ३ ३०१ सोउं उवट्ठियाए ३ | सेसाणं मरणाणं नेओ . २३२ सो उस्सग्गो दुविहो ३ सेसा विसोहिकोडी ६ ३९५ सोऊण अणाउर्टि ३ ३८२ सोऊण कीरमाणी ३ २८० सोऊण कोंकणस्स य. ४ ६०४ सोऊण तस्स ववर्ण । २६६ सोऊण तस्स सो धम्म . ५३५ सोऊण ते अरहओ ४५०० सोऊण तं भगवओ ४३० सोऊण तं भगवओ ५५२ सोऊण य सो धर्म २९८ सोऊण रायकन्ना ७६ सो एव जिप्पमाणो ४७५ सो एवं पडिसिद्धो १७१४ सो कुंडलाण जुयलं १५४९ सो पेव उ निगामणे विही ४ ८७७ सोचा जाणइ कक्षाणं ५ -16 - ३३+ % ८०२* 'सवृत्तिक आगम %4 ७३+ ४२ 0 सुत्ताणि -5 ~422 Page #423 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ स कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ७ सोचाणं फहसा भासा सोचा दहूणं वा बाहिठि ४ सो जिणदेहाईणं ३ सो तत्थ एव पडिसिद्धो सो तवो दुविहो बुतो सो तस्त्र सव्वस्स दुहस्स सो तिह आहे णामे सो दाइ तवोकम्मं ७ 19 ३ सो दाइ बोकम्मं ३ सो दाणि सिं राय महाणु० ७ ! सो देवपरिग्गहिओ सो देवलोगसरिसे 19 19 सो नाम महावीरो सो तिम्मापियरो ३ 9 ९ 10 ७३* सोयरस सद्दं महणं ५१+ सोरिअ सुरंबरेऽवि अ २७+ सोऽरिनेमिनामो अ ९५६* सोरियपुरंनि तस्सासि ११०४* सोरियपुरंमि नयरे १२६५* सोरियपुरंमि० समुद्दविजये ४४+ सोरियसमुद्द विजए १६६३ सो लद्धबोहिलाभो १६६५ सोलस उग्गमदोसा ४२५* सोलस उग्गमदोसे ४६० सोलस चेव सहस्सा २३०* सोलस दक्खा भागा ६५* सोलस रायसहस्सा ६७६* सोळस वासाणि तथा ~ 423 ७ ३ 69 ७ ७ ७ ३ ७ ६ ६ T ७ ३ ३ ११९० | सोडसविभेषणं १३९१ सोलस सयाणि चउरुत० ७८७७ सोबकमो अ निरुवकम ० ४४६ सोबचले सिंघवे ढोणे ७८३# सोवागकुलसंभूजो ७८५* सो वाणरजूहवती १३९२ सो वानरजूदवई ४१६ सोऽवि अंतरभासितो ६६९ सो विणण उबगओ ४०३ सो वीयरागो कयसव्व ० ४३ प्र० सोधीररायक्सभो १५० सोवीरा गोरसासव ७१ सो समणो पव्वइभो १२७x सो समणो पक्इओ ७ १ ७ ५ 10 ३ ३ ७ ३ 10 69 19 १२७७* १४२* २२६ २४* ३५९# ८४७ १४०३ १०५४* ४२६ १२६३* ५९४* ५४ ४७२ ४८२ Page #424 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग 3] नन्दी - आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ स कार + ह-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) नं. अ. आ. ओ. द. पि. उ. ॥ ९४ ॥ सो सोयइ मथुजरासमो सो इम्मई अमो सोहम्मकप्पवासी देवो सोही उच्चभूयस्स सोही चटकभावे सोही पचवाणस्स सो होइ अभिगमरुई सो होइ दिट्ठगाड़ी हकारः हओ ण संजले मिक्खू इकारे मकारे धिकारे इट्ठस्स अणवगहस्स हत्थकम्प गिरिफुल्लिय हत्थपायपलिच्छिन्नं ی ३ ४ ४. ७ ३ ३ ५ ८३८ इत्थसयमेग गंता ३४४ हत्यसयमेग गंता ४९९ इत्थसयं खलु देसो १०६* हत्थसंजए पायसंजए ५७७ हृत्थं पायं च कार्य च २४९४ हत्यं मत्तं च धुवें १०८३* इत्यंमि मुद्दत्तंत्तो २५६+ इत्यंमि मुहुत्तो हत्यागया इमे कामा ७४* इत्यायामं चउरस्स १६७ इत्थिगद्दणंमि गिम्हे १०४* इत्विग्गणंमि गिन्छे ४६१ हत्यिण्डरं अभोज्झा ३९० इत्यणपुरंमि चित्ता ! ~ 424 ४. ६. ६ ५ १. ३ 19 ४ ४ ६ ३ ३६२ हत्थिदुनियलबद्धे ४१ इत्यी छचित्थीओ ३४४ हत्थी इत्वीणिआमो ४७५* इत्युत्तरजोएणं ३७९# हत्थुस्सेहो सीसप्पणामणं २५५+ हत्यो चित्ता साठी ५१* हत्थोवधाय गंतॄण ३३ हयमारुढो राया १३३० इयं नाणं कियाहीणं ६. १८१ + हयाणीए गयाणीए ४५४ हरिअच्छेयण छप्पय „ ३ ४ ३ ... ४ ८३ हरिए बीए चले जुत्ते O ४ ४ ३२३ हरिए बीएस तहा अनं० ४३३* हरिएसनामगोअं ७ ५७३ १६६ ५०.३ २६३+ ८७* ३७७ ३९५ १०१ ५४९# १६९ ३८८ २०४+ ३२० सूत्राधनु क्रमः ॥ ९४ ॥ Page #425 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि [भाग 3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि - गाथा - अकारादि [ह-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी -आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) ३२४ हिंसालियचोरिके १५८५* हिंसे बाले मुसाबाई हरिएसा गोदत्ता हरिएसा चंडाळा हरियाणंतरिया हरियालभेयसंकासा हरियाले हिंगुलुए १२ हिंसे वाले मुसाबाई ५२७ हीणा वा अहिया वा २७+ हीलेल व सिंसेज व हरिसह सेयवियार २९ हुआसणे जमि हले हलेति अभित्ति ५७९ हुआ कई सिलं बावि ६४८ हुंडे परिचभेदो नं. अ. आ. ओ. द.पि. उ. ॥ ९५ ॥ ७ हेरणिए करिसए हेरन्निए करिसए होइ पविति निवित्ती होइ पसत्वं मोक्खस्स होइ भयंतो भयअंत होय न व होज लंभो S 9 ७ ३ ५ ५ हवइ उ असक्षमोसा हवइ पयावर बंभो ३ हवइ पुर्ण सत्तमी सं २ दसिज उलिअ उवहिअ ५ हंदि धम्मत्थकामाणं हारियगुत्तं साइं दासं सिद्धं रई दुष्पं ५ १ ७ -१ ३ ३ ३ ३ ४ ३४१ हिअमिअअफरुसवाई ३२३ हिडिमाहिट्टिमा चैव ५५७ हिमतेणसावयभया १२९९* हियरण संकिरणं १४४७* हिययंमि समाउ ५१६ हियं विगयभया बुद्धा २९३ हियाहारा मियाद्दारा २८३ हिवाहारा मियाहारा ४११ हिरण्णं जायरूवं च ६२* हिरण्णं सुवणं मणिमोत्तं ७ २६४ हिरली सिरिली सिस्सिरीली ७. २१३७ हिंगुलुयधारकासा २६ हिंसत्यं जुजंतो ५१५# हिंसाए पडिवक्खो ७०% होज सिभा उद्धरिअं ९४७ होमायवितद्दकरणे ७४६ होमि नाहो भयंताणं ७४१ होहिंति वासुदेवा १८४+ होही अजिओ संभव ५३७ होही ते विणिवाओ ५ 19 ४ ६ ६ ७ ४ ६ ७ 425 ७. ४ ५ ४ 10 ३ ३ ३ १३६५* हुंति उवंगा कण्णा २७३* देउप्पमवो बंधो १४७०* देऊदाहरणासंभवे य १२९८* देहावणि कोसलगा ७५७ देद्विहाण चत्थं ४५ हे भो इलित्ति अभित्ति ५८८ होही पोसवणा ४३९ होही सगरो मघवं ७०९० होति कमविसुद्धाभो दोति पप्पन्नविणास होति पुण अहियपुरिसा ३७० दोति बिले दो दोसा ३९+ १२७३ | होति सुहासवसंवर० ४ 10 २ ४ 19 ५ ४ ७ ६ ७ 4 ३ ५ ४ 電 ७८८ १३६* १८२* ९८* ६८+ ६५७ १२४# ६८९ १९० ४६+ । ४८ ६१९ २९७ २९६ १६६२ ३७४ ६६ ६९ ९७* * १८३+ ९३ सूत्रापतु क्रमः मुनिश्री दीपरत्नसागरेण पुन: संपादितः “[भाग-3] नन्दी आदि सप्त-सूत्रादि-अकारादि” परिसमाप्ताः Page #426 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नम: भाग-3 पूज्य आगमोध्धारक आचार्य श्री सागरानंदसूरीश्वरेण संशोधित: संपादितश्च नन्दद्यादिगाथाद्यकारादि (किंचित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: "नन्दी-आदि गाथादि-अकारादि:” नाम्ना परिसमाप्त: आगम-संबंधी-साहित्य'-श्रेणि, भाग-३ -426 Page #427 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री. आगमसूत्रादयकारादिः भाग-3 नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नम: आगम-सूत्रादि-अकारादि: [आद्य संपादक: - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा.] (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता, मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D., श्रुतमहर्षि) सूत्रादि अकारादि शि उपाग-प्रकीर्णक सूत्रादि अकारादि F[3] नन्दयादि सूत्रादि अकारादि * आगम-संबंधी-साहित्य भाग-3] परिसमाप्ता: ~427 Page #428 -------------------------------------------------------------------------- ________________ राणामगियामरामायणाय व्यास ਗੁਰੂ ਨ ਕਾਹਲ ਹੁਸ ਵਲ ਸ ਵਾਰ आगम वाचनाश o 428 Page #429 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मनमो नमो निम्मलदसणस्स आगम_संबंधी साहित्य मूल संशोधक अभिनव-संकलनकर्ता R पूज्यपाद आगमोद्धारक आचार्य श्री आनंदसागरसूरीश्वरजी महायज आगम दिवाकर मुनिश्री दीपरत्नसागरजी [M.Com., M.Ed., Ph.D., श्रुतमहर्षि] प्रत-प्राप्ति और पेज-सेटिंग कर्ता : के चेरमन श्री प्रवीणभाई शाह, अमेरिका मुद्रक : नवप्रभात प्रिन्टींग प्रेस अमदाबाद Mo 9825598855/98253062751 429 Page #430 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ईस प्रोजेक्ट के संपूर्ण-अनुदान-दाता सच्चारित्र चूडामणि स्वर्गस्थ पूज्यपाद गच्छाधिपति आचार्यदेव श्री देवेन्द्रसागर सूरीश्वरजी महाराज साहेब श्री परम आनंद श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ वीतराग सोसायटी, प्रभूदास ठक्कर कोलेज रोड, पालडी, अमदावाद करीब पचास साल पहेले परम पूज्य स्वर्गस्थ गच्छाधिपति आचार्य देव श्रीमद् देवेन्द्रसागरसूरीश्वरजी महाराज साहेब द्वारा संस्थापित इस संघ में श्री शीतलनाथ भगवंत का जिनालय भी है, जिन के प्रतिष्ठाचार्य भी पूज्य देवेन्द्रसागरसूरीश्वरजी म० ही है । इस संघ में पूज्य साधू -भगवंत एवं साध्वी - महाराज के लिए उपाश्रय भी है, जहां हर साल चातुर्मास करवा के श्रावक-श्राविकाओ को धर्म-आराधन से लाभान्वित करवाया जाता है । इस संघमें आयंबिलभवन, उबाला हुआ पानी, ज्ञान भण्डार एवं पाठशाला भी बहोत अच्छी सुविधा प्रदान हो रही है । ऐसे सम्यग् मार्गी संघ की सद्भावना और प्रभावक आचार्य पूज्य श्री हर्षसागरसूरिजी म० की प्रेरणा से इस शास्त्र के लिए अनुदान प्राप्त हुआ है । 430 Page #431 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आजम आगम आगम आजम _ मूल संशोधक जमआजम मूल सशाधक 3 पूज्यपाद आगमोद्धारक आचार्य श्री आनंदसागरसूरीश्वरजी महाराजसाहेब आगम आगम आगम आगम आगम आगम-सूत्रादि-अकारादि: आजमा आज अभिनव-संकलनकर्ता आजस, आगम दिवाकर मुनिश्री दीपरत्नसागरजी - [M.Com., M.Ed., Ph.D., श्रुतमहर्षि] आगम आजम आगम् आगम आजम आजमा आजम 431