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________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ- कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए सूबाचादि आगमाङ्गः सूत्रायः | सूत्राचादि आगमायः सूत्राथकः । सूत्राचादि भागमाः सूत्रायः अहस्स सच्चे अणुवीइ० ३ +३९ अहाह जणओ तीसे ७९०* अहुणा गुणित्तिदारं .५ अह होह भावपासेसणा४ ५४५ अहिगम्मति व अत्था५ ३० अणुद्वियं व अणवि०६ ४१७ अह होइ लेवपिंडो अहुणुव्वासिअसकवाड ४ १०७ अह होज निद्धमहुराणि २८५+ अहिगरण भदपंता६ ४१४ हेक्यइ कोहेणं २८१%2 ४ अहं च भोगरायस्स ५ १३ अहिगारो पुवुत्तो५ ६३+ अहो जिणेहिं असावजा ५ १५१ अहं च भोगरायस्स ७ ८२५० अहिज वेए परिविस्स विप्पे ७ ४४९४ अहो ते अज्जवं साहू २८४ अहंपि जाणामि जहेह. . ४३२७ अहिमरअणिरिसण. ४ २५+ अहो ते णिजिओ कोहो . अहाउयं पालयित्ता ७ ८६ अहियासियाइं अंतो ३ १४६० अहो निश्चं तवोकर्म ५ | अहावरे चउत्थे भंते। अहियासिया उ अंतो४ ६३४ अहो वन्नो अहो रूवं अहावरे छठे भंते! अहिसरिया पाएहिं ३ ८७३ अंकारतं धन्नं २३% अहावरे तच्चे भंते! अहिंस सर्वच ७७०* अंगदसभागभेए अहावरे दुच्चे भंते! अहीणपंचिंदियत्तंपि से ७ ३०७० अंगपचंगसंठाणं ५१३ अहावरे पंचमे भंते ! अहीवेगंतविहीए ७ ६३८% अंगपञ्चंगसंठाणं ३९२* 6555575485%25415 25*6*5*5*6*** २८३ 'सवृत्तिक आगम ***** सुत्ताणि ~255
SR No.035073
Book TitleAagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages431
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_index
File Size92 MB
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