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________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ए-कार + ओ-कार + क-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए जी० प्रज्ञा०२२ एवं वहइ चंदो , बहुति ,, " समणे० अंबसाल. ,, सरीरसंलेहणाविहि एस करेमि पणाम ॥१६॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए , किराराहणया , समासो भणिओ एसा कप्पवईणं , गहितावि संती , णं गंधविही " भवणवईणं , वंतरियाणं एसो बलाबलविही २७-२०७४/ एसो तारापिंडो २७-१०५५ | का पं० चंदमंडला २५-१४३सू०पासूप २४-७५ वि टिइविसेसो २७-९५९ | " छाउमस्थियसमु० २२-३४८सू० २०-७० |, सबियारको २७-१५५८ m, णक्खत्तमंडला २५-१५०सू० २७-१४२० | ओगाहणसंठाणा २२-८ ,,, भंते!अणुवेलंधर०२१-१६१सू० २७-७४ | ओगाहणा अवाए २२-२०८ , गंधा २१-९९सू० २७-१३४ | ओगाहणाइ सिद्धा २२-२६६ , पुढवीओ २१-८२सू० २७-१२१५ "" " माउभंगा २७-सू० २७-५८८ | ओगाहणाएँ सिद्धा "" , समाओ २२-१४७सू० २७-१७२९ ओ(उ)बगाहा केवइयं २५-सू० , संठाणा २२-१५९सू० २७-११०७ | ओमजायणमंडब्बा लेसाओ २२-२१४सू० २४-९९ | ओरालियसरीरस्स० कतिदि०२२-२७७० " " २२-२२५सू० २७-१९३२ । __ , केमहा०२२-२७०सू० ", लेस्सायो २२-२३१सू० २७-९९४ | ओरालियसरीरे० किंसं० २२-२६९सू० |" , दुम्भि० २२-२२८सू० | ओसन्नोचि बिहारे २७-७४३ २७-७४३ | ", सूरमंडला २५-१२८सू० २७-९२८ | ओसप्पिणीइमीसे |, मंडलाइ बच्चा २४-१ २१-५२ | ओसरणमवसरिता २७-१८] " " " २४-३सू० २४-५६ | ओहिन्नाणे विसओ २७-११६८ | कइया णु तं सुमरणं २७-१८३ ॥१६॥ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि " तारापिंडो ~ 174
SR No.035073
Book TitleAagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages431
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_index
File Size92 MB
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