SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 175
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ क-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ॥१७॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए कइया णु तं सुमरणं २७-१४८१ | कण्हलेसे पं० जीवे कइसु २२-२२४सू० कति गं० कुला २५-१६२सू०सूय०१२३ काविहा णं ओही २२-३१८सू० | नेरइए०२२-२२३सू० ", णक्खत्ता २५-१५६सू च ०/२४ जोणी २२-२५३सू० | कण्हे अकरकंडे य ", भंते! पुढवीओ २२-१५४सू० ज० २५ " जोणी २२-१५२सू० | कण्हे कंदे बजे २२-५३ " भासजाया २२-१६७०नि० २६ भंते ! पजवा २२-२०३सू० | कति ० इंदिया २२-२९१सू० २२-१७४सू०प्रकी०२७ देदणा २२-३३०सू० | करणा २५-१५४सू० , वेलंधरा २१-१६०सू० कइबिहे णंआउयबंबे २२-१४पसू० , कम्पपगडीओ २२-३०१सू० ,, समुद्दा २१-१८९सू० - उबओगे २२-३१३सू० २२-३०२सू० सरीरा २२-१७६० ", गइप्पवाए २२-२०५० २२-३०३सू० लेखा २२-२३२सू० काभरि पिप्पलिया २२-२२ २२-२८९सू० समुग्धाया २२-३३३स० कणगत्तयरत्तामा २२-२९४सू० "" सरीरया २२-२६८सू० कणगमगिरवणभूमि २२-३००सू० , संवच्छरा २५-१५२१० कणर्गकरययफालिय० २१-३१ कसायसमुग्धाया २२-३४२सू० कति पगडी कह बंधति २२-२१७ कणगावलिमुत्तावलि कसाया २२-१८६सू०] कतिपतिटिप ० कोहे २२-१८७सू० कण्ह लेस्सा पं० कतिविहं २२-२२९० किरियाओ २२-२८०सू० कतिविधाणं भंते ! पुढवी २१-१०२सू० , ,, केरिसिया २२-२२७सू० २२-२८५सू० कतिविघेणं इंदियअवाए २२..२००सू० *,, , वनणं२२-२२६० ,, किरियाओ २२-२८४१० । , कोधे २२१८८० १७॥ DDRESS 'सवृत्तिक आगम " " सुत्ताणि ~ 175
SR No.035073
Book TitleAagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages431
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_index
File Size92 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy