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________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए नं.अ.आ. ६७७७मत्राचन क्रमः 666 दीप क्रमांक mur.0.00१७ के लिए देखीए एकेकीय दिसाए एकेके चउभंगो एकेको य सयविहो एकेण कयमकर्ज एको घरेइ भाणं एको व जहाणं |एको व दो व तिन्निव एग एव चरे लाढे एगो विरई कुज्जा एगओ संवसित्ता णं एगकज्वपवन्नाणं एगकजपवन्नाणं एगखुरा दुखुरा चेव | एगग्गमणसंनिभंते! CACACCCCCCC ५६१ एगग्गस्स पसंतस्स ५६८ एगच्छत्तं पसाहित्ता ७५९ एगट्ठा एयवंजण १८५ एगट्ठियाणि तिण्णि उ १८६ एगत्तं च पुहुत्तं च ४०१ एगत्ते जह मुडिं ४ ६१७ एगत्तेण साइया ७ ६६* एगस्थ होइ भत्तं . ११३६* एगदुगतिगचनका ४६६* एगनिक्समणं चेव ८५५* एगपएसोगाढं . ८६१* एगपणअद्धमासं . १५५३* एगप्पो अजिए सत्तू . ३९ एगबहूसमणुण्णाण ३ ६९३ | एगभूओ अरन्ने वा ५८९० एगमुगुंवा तूरं एग ६ १३० एगया अचेलए होई ३ १२९ एगया खत्तिो होइ १०७३७ एगया देवलोएसु १०४८ एगरस एगवणे ७ १४३८* एगविहमणाणत्ता ४ २५२ एगविहमनाणत्ता ३१६ एगविहं दुविहेणं ३ १२१६ एगविहाइ दसविहो ३ ४४ एगस्स खीरभोअण. ४ १६६ एगस्स माणजुत्तंन । . ८६९* एग किर छम्मासं दो ४ ८१ एग डसइ पुच्छंमि १४५९० . ७ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~276
SR No.035073
Book TitleAagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages431
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_index
File Size92 MB
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