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________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [र-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्राधनु नं.अ.आ. द.पि.उ. ७७ ॥७५॥ दीप क्रमांक के लिए रकार: बाइचाओऽवि य रज्जाणि उ अवहाया रण्णो गिहबईणं च रण्णो तणघरकरणं रणो तहिं कोसलियस्स रतिं न चेव कप्पड़ रतिपि चउरो भाए रतुकडा उ इत्यी अट्ठ रत्तो वा दुट्ठो वा रमए पंडिए सासं रयणाणि चउव्वीसं रयण पईवे जोई रयणुप्पया य विजओ ॐ511व रयताण भाण धरणा ३ २१३ रयमादिरक्खणट्ठा ४७९ रयहरण पट्टमेत्ता ७५* रसओ अंबिले जे उ ४४+ रसओ कडुए जे उ ७ ३७८ रसओ कसाए जे उ ४ ९२+ रसओ तित्तओ जे उ ७ १००८० रसओ परिणया जे ३ १४५३ रसओ महुरए जे उ ७५८ रस कक्कब पिंडगुला ७ ३७* रसभायणहे वा ५ २५६ रसवइ पविसण पासण ६ २९९ रसस्स जीहं गहणं ७ ३५२ रसहेउं पडिसिद्धो १७५+|रसंतो कंदुकुंभीसु . ४ ६९६ रसा पगाम न हु सेवियब्वा . ४ ७२६ रसेसु जो गेहि०(१३) ७ १२१८* ७ १४०५% रहकारपरसुमाई . १४०३रहनेमिनामगो . १४०४% रहनेमिस्स भगवओ ४४९ ७ १४०२ रहनेमी अहं भरे! ८१९* १३९१% रहनेमीनिक्लेवो चउ०७ . १४०६७ रहपडण उत्तिमंगाई १९३+ २८३ रहवीरपुर नवरं १४६४ ६ २३८ रहवीरपुरं नवरं ४ ५४+ राइणियं वजेत्ता . १२१७* राईमई विचितेइ ८११% ६ ६४१ राईयं च अईयारं ३८* RSS4315 देखीए १७८ 'सवृत्तिक आगम ॥७५॥ सुत्ताणि ~386
SR No.035073
Book TitleAagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages431
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_index
File Size92 MB
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