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________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [न-कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ५९२ LA- ५ दीप क्रमांक के लिए देखीए नक्खत्तं सुमिणं जोग - ५ २८५४ न तुम जाणसिऽ(णे अ)नाहस्स७ ७१४४ नमी नमेइ अप्पाणं नगिणस्स बाबि मुंडस्स ५ २७३७ नत्थि उ पमाणजुत्ता ४ २३२ नमुकार चउवीसग न घरेज वासे वासंते ६७* नत्थि चरित्तं संमत्त०७ १०८९* नमुक्कार पोरिसीए न चरेज वेससामंते '६८* नत्यि छुहाए सरिसया वैयणा ४ २९०+ न मे चिरं दुक्खमिणं न चित्ता वायए भासा ७ १७०* नत्थि छुहाए सरिसा ६ ६६३ नमो चउवीसाए न जाइमत्ते न य रूवमत्ते ५ ४७९* नत्यि य सि कोई वेसो ५ १५७ न य उग्गमाइसुद्धं नहूँ वलं चलं भास ४ ५१७ नन्नत्य एरिसं वुत्तं ५ २१४* न य कत्थइ निम्माओ नहेहि गीएहि य वाइएहिं ७ ४१९० न पक्खओ न पुरओ - ५ ३८०* न य तस्स तन्निमित्तो नणु सुहूमपूइयस्सा ६ २६० न परं वइजासि अयं ४७८* न य पावपरिक्खेवी नऽण्णटुं पाणहेउं वा ९५७ न बाहिरं परिभवे. ५ ३६४* न य भोअणमि मिद्धो. न तरेजा जइ तिन्नि ३९४ नमिआउनामगोयं . २२२ नयरी य चंपनामा न तस्स दुक्खं विभयंति नायओ७ ४२८* नमिणो कुमारवासो ३ २९७ नवरी य पंडुमहुरा न तं अरी कंठ छित्ता ७ ७४६* नमिविनमीणं जायण ३ ३१७ न य चुग्गहिरं कह SIन तुज्य भोगे चईऊण बुद्धी ७ ४३८* नमी नमेइ अप्पाणं . . १०* न य हिंसामित्वेणं ACANC+CAR ७५. ३३८* 'सवृत्तिक आगम ३ १४१६८ १३९८ ४७०* ७५९ ५ सुत्ताणि ४ ~349
SR No.035073
Book TitleAagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages431
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_index
File Size92 MB
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