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________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ज-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां औ०१९/ रा० २० जी०२१ प्रज्ञा०२२ देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए NUNATAF |जंबुद्दीवे० ० जहण्णपए २५-१७६० जंबूदीवे णं भंते! कयरे० २१-१९७सू० | जा काइ पत्थणाओ २७-१९८ सूर्य ताराए अबाहाए २५-१७१सू० , ,भते! मंदर० २१-१९६० " " " २७-२४९०1० /-४ तारारुवस्स २१-२०२सू० मणवयकाएहिं २७-५४ , तस्स खमा तइया २७-१६६९/ जं० २५ भरहे वासे० सु०२५-२०स०, रागदोसमा , पुष्वभाथिया किर २७-२५०७ नि० २६ , भरहप्पमाण. २५-१२६९० जंबित्थीओ पभासंति २७-९१७ | जामद्धं जाम दिण पक्व० २७-७१२ प्रकी०२७ .. भारहेछ काले २५-१८सू० जं सग्गहम्मि कीरह २७-८६५ जायमाणस्स जं दुक्ख २७-४७२ ,मंदरस्स पव्वय०२५-१३२९० |., संठाणं तु इहं जायमित्तस्स जंतुस्स २७-४७९ , सूरिआ उदीण०२५-१५२० २२-२६२ जावइआई दुक्खाई , उग्गमण २५-१३७सू० २७-१२१० जावइआ किर दोसा २७-३८३ , २५-१३८सू० , सासयसुहसाहण २७-२८१ जावइयं किंचि दुहं २७-१६३८ .. सरियाण० कि०२५-१३७सू० सीसपूरउत्तिभ | जावइयंमि पमाणमि २५-४३ ., सूरिआ खत्तं २५-१४०सू० ,, सुचिरेणवि होहिद | जावजीवं तिविह २७-३१८ मंदरस्स० चंद०२५--१४७सू० जाई मोग्गर तह जूहिया २२-२७ | जाव य खेमसुमिक्वं २७-१३९० २२-२०४ जाउलगमीलपरिली २२-२५ जंबुद्दीवो जा पस सत्तमी सा उ २७-८५१ ,, सुई न नासह २७-१३८९ , सव्व० सूरमंडले २५-१३३० | जाओ परब्बसेणं २७-१६०९ | जावंति केइ ठाणा २७-१४२७ जंबूर णं सुदंसणाए २१-१५३सू० । जाओवि अ इमाओ २७-२०सू० ], , दुक्खा २७-६८७ लवणे 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि Sslil ३१ HEA ~189
SR No.035073
Book TitleAagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages431
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_index
File Size92 MB
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