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आगम संबंधी साहित्य
[भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि
[प-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
औ०१९/
यहां
रा० २०श
देखीए
जी०२१ प्रज्ञा०२२
जं० २५
दीप
क्रमांक
के लिए देखीए
GENERALEENRELATES
पभू णं चंदवडिसए भोग० २१-२०४० | परिणामजोगसुद्धा पम्हे सुपम्हे महापम्हे २५-६१ पयइकुडिलम्मि कत्थर २७-१७९७ परिणामवन्नरसगंध पयखीरुच्छरसेसु २७-२४८८ परिणामविसुद्धीए सोहम्मे परमट्ठो परम उलं
२७-६०३ परित्तए णं पुच्छा परमणगयं मुणंता
परिमंडलो मुटुत्तो परमत्थो न तं अमयं २७-७५६ परिवडिओवहाणो... परमस्थओ विसं णोतं २७-७५४ | परिहर असच्चवथणं परमस्थम्मि सुदिटे २७-२३८५ , छज्जीववह परमत्थसंथबो चा २२-१३२ | परिहरसु तओ तासि परम(पसम)सुहसप्पिवासो २७-२८८ | पलंडुल्हसुणकंदे य परमाणुपोग्गलाणं० पजया २२-१२० | पलिओवमट्टिया परमाणुपोग्गले णं किं चरिमे ९२-१५७लू | पलिओचमट्ठभागो परमाणुम्मि तइयो २२-१८५ पलिओवर्म गहाणं परिगर गिरिश्रमशो २२-१४ | पवरसुकपहिं पत्तं परिजाणई तिगुत्तो २७-६७५ | पव्वज्जाई सव्वं परिजाणे मिच्छत्तं २७-१४५६ । पबजाए अग्भुजो
२७-१३९५ | पसत्थेसु० अपसत्यनिमित्तेसु २७-९२४ २७-१२६४ | पसमिभकामपमोहं २२-२१० | पहुणो सुकयाणांत २७-३०१
२७-४४० |पंचग्गम हिसीओ २७-९७३ २२-२४८० | पंच० नयरंमि कुंभकारे २७-६४४
२७-८९६ पंचमए पुण बंभो २७-१०९२ २७-१४१९ | पंचम भत्तपरिणा . २७-१८९७ २७-३७२ | पंचमहब्वयकलिओ .. २७-६२६ २७-३६४ पंच महब्वयसुत्थिय २२-१२६२ २७-४०१ पंचमी उ दस पत्तो २७-४८३ २२--८९ | पंच य अणुव्वयाई
२५-४० |पंच य महव्ययाई २७-२०० २७-२०८९
२७-१४९२ २७-१०४८ | पंचविहं जे सुद्धि २७-१३०३
२७-४२ | पंचविह० पत्ता निखिलेण २७-१३०४ २७-१२४७ पंचसमिए तिगुत्ते २७-१५६० २७-२८३ | पंच सया एगूणा २७-६४५
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'सवृत्तिक आगम
सुत्ताणि
॥५२॥
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