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________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए सूत्रादीनां चिहावली. १५२ । भागद्वाराणि ६३. नन्यादिसप्तसूच्या अकारादिक्रमः लघ्वी बृहती च अङ्कसूचा लघुवृहद्विषयानुक्रमौ च, तत्र सूत्रादीनां चिढावली ॥ सूत्रम् १ ११ । पश्चिद्वैः सूत्रादीनि शास्त्रक्रमश्च २ अनुयोगद्वाराणि १४२.५ वशवकालिकसू. ५१५ सूत्रमाथा * यः, यथाऽकारादिक्रमे 'आमि १३७३ णियोहियणाण' ३-१ एवमस्ति, निर्युतिः१. तथा च तृतीयशास्त्रस्य श्रीमद्रावमूलभाष्यं १४ २१* ६ पिण्डनियुक्तिः । ६९७१ श्यकस्य नियुक्तेरियं प्रथमा गाथेति, भाष्यं + एवं तत्तत्सूत्रभाष्यादिषु सेयं । य २५७+x ध्यानशतकम् । १ काराकारणकारनकारसंयोगपरक इस्वदीचर्यादेशकाविलुप्साळुप्ततादिन समहणिः +१ +७१ भेदभागत्र । दीप क्रमांक के लिए देखीए (५४ २७+ आवश्यकसुत्रम १७१९ । SUGUGUS CASAS १०५ 'सवृत्तिक आगम १ नन्दीसूत्रम् ६५९ ८८ ओपनियुक्तिः। २८१२७ उत्तराध्ययनानि। १६४०%2 १३२२+ ५६२ ४५+1 सुल्ताणि ... जहा १ लिखा है वहा 'नंदीसूत्र' आगम समझना, इसी तरह जहा • लिखा है वहा 'उत्तराध्ययन' आगम समझना. ... अ-कारादि अनुक्रममे जो सूत्रांक दिये है वे सब सूत्र या गाथा इत्यादि को आगमोद्धारकरी संपादित प्रतमे दिये गये क्रमांक अनुसार समझना ... जहा '* ऐसी निशानी है वहा 'सूत्र-गाथा' समझना, जहा निशानी है वहा मूलभाष्य समझना इस तरह उपर दिये हुए सब संकेत-चिनो को स्वयम् समझ लेना चाहिए | ~2367
SR No.035073
Book TitleAagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages431
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_index
File Size92 MB
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