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________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [अ-कार + आ-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ऑ०१९ रा०२० ०२६ TRAX 1०२० जी०२१ प्रज्ञा०२२ नि० २३ प्रकी०२७ दीप क्रमांक के लिए देखीए XXIXARXEOX YAXS अहवा तिबिहा०पज्जत्तगा०२१-२५३सू० अहवा सब्बं चित्र २७-५८ अंतो मणुस्सवेत्ते २७-१०७५ अहवा तिथिहा परित्ता० २१-२५२सू० | अहवा सुवण्णमासा २७-५१२ अंतोमुत्तकाठगे २१-९१ अहवा तिविहा भवसिद्धिया अह सो आलोअणदोसजिनं २७-२९७ अंधियपत्तियमच्छिय २२-१११ २१-२५६० अह सो जिणभत्तिा | अंबट्ठा य कार्लंदा य २२-११९ अहवा तिविहा० सपणी० २१-२५५० अह सो दुबडगरिहा | आइयतेअतविआ अहवा तिविहा० सुहुमा २१-२५४सू० अह सो निराणुकंपो २७-६७० २४-२९ अहवा दसविधा०पढमसम २१-२७३सू० अह सोधि चत्तदेहो २७-६५८ | आइच्चतेयतविया २७-८६३ अहवा दुविहा० चरिमा चेव २१-२५०सू० अह सो सामाइअधरो २७-३०९ | आउनेयसमत्ती २७-१२४८ अहवा दुविहा०सभासगा य२१-२४२० हज देसविरओ। आउसो! एवं जायस्स २७-१३सू० अहवा दुविहा सव्वजीवा०२१-२४८० अंजणगुणसुविसुद्ध आउसो! जंपिइमं सरीरं २७-१६सू०(ब) अहवा दृविहा सबजीवा २२-२४६स० अंतरं बायरस्सा आउसो! तओ नवमे मासे २७-११सू० अहवा पंचविहा० रइया०२१-२६३सू० अत्तं(न्तं)परजोगेहि य २७-२३४१ आउसो! से जहानामए २७-२७सू० अहवा सत्तविहा० कण्हलेस्सा अंतो चउरंसा खलु २७-२६१ आकंपणं अणुमाणर्ण २७-१३५८ २१-२६७सू० अंतो णं भंते! मणुस्स०, २१-१८०० आगममयप्पभाविय २७-१४०३ अहवा समाहिहेडं २७-६७६ | अंतो पं० माणुसुत्तरस्स० २५-२५१सू० | आगरसमुट्ठिय तह २७-१५८१ २७-१५८७ | अंतो मणुस्सखेत्ते २१-७२ | आणयपाणयकप्पे अहवा समाहिहेउं सागारं २७-३२१ । २२-१५६ SSCRIXXXREAL 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~164
SR No.035073
Book TitleAagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages431
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_index
File Size92 MB
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