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________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए वृत्तिक आगम सुत्ताण [भाग-3] उपांग+प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः उपांग + प्रकीर्णक सूत्रादि - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य) औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥१३॥ SANTUIT एस० परमाणुपोग्गलाणं " यादराणं० कयरे२ एएसि णं भंते! पार्गेदि० चंदिम० मेरइयाणं " 32 एति णं० सदियाणं 39 " 22 33 35 35 25 " सकसाईणं सकाइयाणं "" एासे तु दुहाणं देवाण सुमाणं ० बायराणं० ओहि 55 पहाणं 35 एएस चेव ठाणेसु भत्तिजुत्ता "" मुडुतजोसु २२-२२० २२-६१ सू० २१-२२६० २१-२०१० २२-५७० २२-५८० एक्का य होइ रयणी पक्कारस य सहस्सा 11 33 २२-६५० २२-५९सू० २२-६०सू० एक्कारसुत्तरं हेडिमेसु २२-६२सू० हेट्ठिमए २७-१८८८ एक्को करेइ कम् एगअहोरतेण वि 93 २७-९७९ २७-११६१ २५-८ एगट्टिभाय काऊण एगदुगतिगचडपण एग० नेरइयस्स नेर० एगमेगस्स णं० चंदिस्स चंदिम० एएसु य अद्धाणं पत्थाणं विमा २७-१५८६ २७-१२५५ २७-९०० 19 विहिविहण्णू "" एपहिं सरीरेहिं एक्काणउई सतराई 33 171 ~ २७-८५९ एगमेगस्स गं० नेर०वेद० २२-३३४० मेर०रयते २२- ३३६सू० संघच्छरस्स २५-१५३० २७-१११४ २७-१३२७ २२ - ( १०७) प्र० २४-४० १९- १५ २१-५० २४-५४ २२-१५८ २७-१११० २७-१४८ २७-१८७२ २७- २०१३ 35 33 33 15 एगपयेऽणेगा एगवीस जोयणसयाई एगस्स दोण्ह तिन्ह व ए च सतसहस्सं सय सहसं 35 33 " 33 एगंतगुणे रहिया एतमणावाए एवं पंडियमरणं २७-१२७० 33 २२- ३३७० एमिवि जम्मि पर २५ १६५० पगाइ गिराऽनेगे २१ - १९५० |एगा जोयणकोडी २२-१२६ २७-११९७ २२-१०३ २१-२९ २५-८३ २४-३२ २७-५१६ २७-१५६३ २७-६५५ २७-१२५७ २७-१२५९ २७-१२२ २७-१९ २१-४० सूर्य० | २३ चं० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ ॥१३॥
SR No.035073
Book TitleAagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages431
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_index
File Size92 MB
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