SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 281
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ए-कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत -१०+ . सूत्रांक यहां देखीए १९६० दीप क्रमांक के लिए देखीए २०० एवमेव वयं मूढा एव य कालगर्यमी एवं अट्ठावीसइविहस्स एवं०अणगारस्स निक्खंतो एवं अदीणवं मिक्खु एवं अमिथुगंतो राय एवं अमिथुखतो. एवं उग्गमदोसा एवं उदउल्ले ससिणिद्धे एवं उस्सकिया एवं एए कहिया एवं एकेकदिणं एवं एगस्स विही एवं ककारलंभो 0200.. . ४८३ एवं करंति संबुद्धा ३ १३१७ एवं करंति संबुद्धा ३६ एवं करिति संबुद्धा ९९०* एवं करेंति संबुद्धा १९९* एवं खलु आययणं २८६* एवं खु अहं सुद्धो ८८+ एवं खु सीलमंतो ४ २५० एवं खु सीलवंतो ९२ एवं गच्छसमुई ५ १२२७ एवं गुणसमाउत्ता । ३ ७८४ एवं गेलमट्ठा वाघाओ ६ ६१७ एवं चक्खिदियनिग्गहेणं ४ ५५३ एवं च चिंतइत्ताणं ३ १०४१ एवं च पुणो ठविए .. १६० एवं चरणमि ठिओ ६९६० एवं चिय वयजोगे। २८९० एवं जाणतेणवि ७ ८३१ एवं जिवं सपेहाए ७८६ एवं तवोगुणरओ ११५ एवं वा कारणिओ ७८ एवं तु अगुणप्पेही ३ ११३२ एवं तु अण्णसंभोइयाण ११८ एवं तु अवयवाणं. . ९८१७ एवं तु इहं आया ४ ८५ एवं तु गविट्ठस्सा ७ ७७ एवं तु पुष्वलित्ते ७ ७३१* एवं तु सगुणप्पेही ४. १३२+ एवं तु संजयस्सावि BECARRARAN 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~281
SR No.035073
Book TitleAagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages431
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_index
File Size92 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy