________________
आगम संबंधी साहित्य
[भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि
[अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
सूत्रांक
यहां देखीए
श्रीआचारांगाद्येकादशांग्याः। सूत्राद्यकारादि
अंगाकारादि।
दीप क्रमांक के लिए
देखीए
मुद्रयित्रीमालवदेशान्तर्गतश्रीरत्नपुरीय( रतलाम )श्रीऋषभदेवजीकेशरीमलजीत्यभिधाना श्वेताम्बरसंस्था । मुद्रका-इन्दोर जैनबन्धु मुद्रणालयाधिपतिः श्रेष्ठी जुहारमलजी, पालरेचा,
भावनगरीय महोदयमुद्रणालयाधिपतिः श्रेष्ठी गुलाबचन्दजी लल्लुभाइ। वीरसंवत् २४६३ विक्रमसंवत् १९९३
काइस्टसन् १९३७ प्रत ५००
पण्यं ४-०-०
'सवृत्तिक
आगम
सुल्ताणि
... मूल संपादकीय टाईटल पृष्ठ