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आगम
संबंधी
साहित्य
प्रत
सूत्रांक
यहां
देखीए
दीप
क्रमांक
के लिए
देखीए
वृत्तिक
आगम
सुत्ता'
[भाग 3] नन्दी आदि सप्तसूत्राणि गाथा अकारादि
[ भ-कार ]
पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः नन्दी - आदि गाथा - अकारादिः (आगम-संबंधी- साहित्य)
नं. अ. आ. ओ.
द. पि. उ.
॥ ७१ ॥
भावे पसत्यमियरं
भावे पसत्थमियरो
भावे पावमिणमो
भावेसणा उ तिविहा
भावेसणा उ दुविहा
भावे सब्वोदइओदय० भावेसु जोगेहिं भासगपरित० भासंतमूढसंकिय इंदिय०
भासा असथमोसा
भासाइ दोसे अ
भासासमसेढीओ
भासासमसेढीओ
मिउडीविडंचिअभुहो
७
७
६
५
३
७
४
३
५
१
३
२
१५४६ | मिक्खद्गसमारंभ
९ मिक्खविसोही तब ०
३८७ भिक्खरसवि य अबेला
७७ मिखाइगओ रोगी
२४० भिक्खाई वर्षते
१८९ + भिक्खागाड़ी एगत्थ १२४४* मिक्खामित्ते अ विया०
१५ भिक्खामेचे अवियालणं
६५२ भिक्खायरियाइ सुन्झइ
११०६ भिक्खालसिए एगे
.३३३* मिक्खियव्वं न केयव्वं
७९* भिक्खुस्स य निक्लेवो
६ भिक्खू जन्नगंभी
७१* भिक्खूणं बहुसुऽहंति
~
378
६
५
४
६
६
६
६
४
३
७
७
५
६
३
३१९ भिक्खेण न मे क
२२ भिक्खे परिहार्यते
२१६+ भिन्नि लिप्यमाणं
४५७ भिन्नविसयं निसिद्धं
४३०
मिसिणीपतेहि अरे
२८४ भिदंतो अजह खुई
५९७ मी दुअं उप्पच्छे
४७० भीमट्टहासहत्थी
१५२२ मीया य सा तहिं दहुं
१०५३* भुओरगपरिसप्पा
१३६७७ भुतंमि पढमकप्पे
३३४ भुत्तामुत्तसमुत्या
३५८ भुत्ता रसा भो ! जहाइ णे
+५८ भुत्ते वियारभूमी
६
४
३
३
५
२
३
७
७
४
४
७
४
४८१
४५+
४०६
१२३९
२००
३४५
४७
११२x
८१७*
१५५४*
५९२
२२९
४७२
५०९
सूत्राधनु
क्रमः
॥ ७१ ॥