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पाठ २२ : अपादान
शब्द संग्रह
पोतघाट : ( बंदरगाह ) । पादयानम् ( बाईसिकल) । पारियाणिक: ( मुसाफिर के लिए गाडी ) । चित्ररथः, तैलरथ: ( मोटर ) । वाष्पगम् (रेलगाडी) । लोहसरणी (रेल की लाइन ) । पथकोट:, स्थैषणम् ( स्टेशन ) । अग्निपोतः (अगनवोट) । जलयानम् (जहाज) । वायुयानम् ( हवाईजहाज ) । वहनदलम् (टिकट) । भूतैलसार : ( पेट्रोल) । घोरणम् (वग्धी ) । आंगलभाषा ( अंग्रेजी) । निरीक्षणम् (इन्सपेक्शन) । निरीक्षक (इन्सपेक्टर) अध्यापकः ( पढ़ानेवाला) । समयविभागः ( टाइमटेबल) । विश्वविद्यालय: ( युनिवर्सिटी) । पादकंदुकम् ( फुटबाल) । विज्ञानम् ( साइन्स) । विधा ( टयूशन) । पोष्यपोषम्, गुणवेतनम् ( पेन्शन) । शुल्कम् (फीस) । वेतनम् ( तनख्वाह ) | उत्कर्षः ( तरक्की) । उपढौकनम् (भेंट ) । उत्कोचः, उपदा ( रिश्वत ) । अनुवाद:(तर्जुमा) । आज्ञापनम् (लाइसेंस ) ।
- (धातु) गम्लृ - गतो ( गच्छति ) जाना । घस्लूं - अदने (घसति ) । खाना । पत्लुं—पतने ( पतति ) गिरना । षद् - विशरणगत्यवसादनेषु ( सीदति ) नष्ट होना, जाना और विषाद करना । दृशृं - - प्रेक्षणे ( पश्यति ) देखना |
अव्यय - साम्प्रतम् ( अब ) । स्वयम् ( अपने आप ) । जातु ( कदाचित् ) । तथाहि (जैसा कि ) । ध्रुवम्, नूनम् ( निश्चय ) । मा ( मत ) । सहसा ( एकदम ) । भृशम् (बहुधा) ।
पयस् शब्द के रूप याद करो (परिशिष्ट १ संख्या ३२ ) । मनस् और धनुष शब्द के रूप पयस् की तरह चलते हैं ।
गम् और दृश् धातु के रूप याद करो (परिशिष्ट २ संख्या १८, १९ ) । घस् से सद् तक के रूप प्रायः गम् की तरह चलते हैं । कुछ रूपों में भिन्नता है अपादान
अपायः विश्लेषः - अलग होने का नाम अपाय या विभाग है । उसकी
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दौड़ते हुए घोडे से गिरता है) । यह विभाग शरीर से संबंध रखता है । बुद्धि पूर्वक विभाग में शरीर से अलग होने की कोई जरूरत नहीं होती, केवल बुद्धि से ही अलगाव होता है । जैसे - रामः शत्रुभ्यो बिभेति (राम शत्रुओं से डरता