Book Title: Vakya Rachna Bodh
Author(s): Mahapragna Acharya, Shreechand Muni, Vimal Kuni
Publisher: Jain Vishva Bharti

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Page 625
________________ ६०८ वाक्यरचना बोफ अप्रतिष्ठा पाना। करना वि+अव (उद्योगे वादे कलहे च) उद्यम वि-विहार करना करना, वाद करना, कलह करना आ-आहार करना सम् (मारणे नाशे एकत्रीकरणे च) मारना, नि-निहार करना नाश करना, एकत्रित करना अव-निकालना सम् + अभि+वि+आ-समभिव्या (एक- अधि+आ-ऊपर से लेना मतेन योजनायां युक्तिनिष्काशने च) १२४ हनुंङ्क (ह नुते) छिपाना एक मत से योजना करना, युक्ति अप (अपह नुते) अपलाप करना निकालना। नि (गोपने) छिपाना सम् + उद्+आ = समुदा (कथने) कहना १२५. ह. वेंन (ह्वयते) स्पर्धा करना, सम्+उप (एकत्रीकरणे) इकट्ठा करना शब्द करना वि+अति (मिथः करणे एकमतेन चौर्ये च) आ (आह्वाने) बुलाना । परस्पर मिलना, एक मत से चोरी

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