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समास ५ (अलुक्समास)
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भस्मनिहुतम् ।
नियम २०६-(अमूर्धमस्तकात्स्वाङ्गादकामे ३।२।२१)-मूर्ध और मस्तक इन दो शब्दों को छोडकर अकारान्त और हसान्त शब्द स्वाङ्गवाची हों तो उनकी सप्तमी विभक्ति का लोप नहीं होता काम शब्द को छोडकर उत्तरपद में कोई भी शब्द आगे हो तो। जैसे—कण्ठेकालः । उदरेमणिः । शिरसि शिखः।
_ नियम २०७- (संज्ञायां ३।२।१६) मनसा से आगे उत्तर पद हो, वह संज्ञा बनता हो तो विभक्ति का लुक नहीं होता। मनसादेवी, मनसागुप्ता, मनसादत्ता, मनसासंगता-ये स्त्रीलिंग में नाम हैं। ।
प्रयोगवाक्य ___ आत्मनापञ्चमः रमेशो विद्यते । अयं धातुः परस्मैपदी विद्यते । आत्मनेपदे कियन्तः धातवः सन्ति ? तव कथनं प्रवाहेमूत्रितं चकास्ति । कण्ठेकालस्य अर्चा कः करोति ? शीला यजति यजते वा । तन्तुवायः वस्त्राणि वयति, वयते वा । विनोदः त्वां आह्वत् आह्वत वा। कृषक: क्षेत्रे किं वप्स्यति, वप्स्यते वा? अस्मिन्नुद्याने दाडिमानां, पनसानां, द्राक्षाणां, वातादानाञ्च एकोऽपि वृक्षो नास्ति । किं तुभ्यं बदरी रोचते ? कर्णेजपानां कदापि संग मा कुरु । शिरसिशिखस्य अनेकानि रूपाणि सन्ति । मनसागुप्ता कस्मिन् देशे विदेशे च गमिष्यति । सदा आत्मनेपदं भाव्यम् ।
संस्कृत में अनुवाद करो क्या तुम्हारे खेत में गंवारफली उत्पन्न हुई है ? पिस्ता पोष्टिक होता है । मेवाडी लोग मक्की की रोटी खाते हैं। कोरडु कौन खाता है ? राजा श्रेणिक के बगीचे में बारह ही महीने आम लगे रहते थे। रोगी ने वैद्य को अनार दिये । बंदर को कटहल अच्छी लगती है। नींबू खट्टा होता है। सास ने बहू से कहा-तुम पीपल ले आओ। रोगी लोग नीम के वृक्ष के नीचे बैठे हैं । बेल पेट के लिए लाभप्रद है। हमने वादाम के वृक्ष देखे हैं। हैदराबाद में अंगूर बहुत होते हैं। राजस्थानी लोग बेर को बहुत पसंद करते हैं । मुझे केला अच्छा नहीं लगता । नारियल के वृक्ष बहुत लंबे होते हैं। नागपुर में नारंगी बहुत उत्पन्न होती है। क्या तुमने सेव का साग खाया है ? इलाहाबाद में अमरूद होते हैं । चंद्रकान्त यहां अपने सहित छट्ठा व्यक्ति है। योगी के शिर पर जटा है । नरेश की दादी क्या सीती है ? श्याम को किसने बुलाया है ? किसान खेत मे बीज कब बोयेगा?
अभ्यास १. अलुक् समास का क्या अर्थ है ? किस समास में अलुक होता है ? २. इन शब्दों के संस्कृत रूप लिखोगंवारफली, पीपल, अमरूद, नीम, बेर, नारंगी, नींबू, पिस्ता, खुमानी,
शहतूत ।