Book Title: Upasya Pade Upadeyta
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Jina Bharati

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Page 20
________________ ॥ ॐ नमः॥ सहजात्मस्वरूप परम गुरु श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम हम्पी (दक्षिण भारत) प्रास्ताविक 'उपास्यपदे उपादेयता' एवं श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, हम्पी संक्षिप्त अहेवाल' पुस्तक की द्वितीय आवृत्ति आपके करकमल में अर्पित करने में हम अत्यंत हर्ष का अनुभव करते हैं। इस पुस्तक में श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम हम्पी' की स्थापना के विषय में दर्शाया गया है एवं श्रीमद् राजचन्द्रजी के विषय में, उनकी आत्मचर्या के विषय में, शुद्ध समकित के विषय में श्रीमद्जी के ही शब्दों का उपयोग करके दर्शित किया गया है, जिसे पढ़ने से श्रीमद्जी के युगप्रधान होने के संबंध में और अद्वितीय आत्मज्ञान के संबंध में जानकर प्रत्येक जीव वंदन करने हेतु प्रेरित होता है। अनेक लोग कृपालु-भक्त बने। ___ 'श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम हम्पी' की स्थापना संवत् 2017 सन् 1961 में प.पू. युगप्रधान श्री सहजानंदघनजी ने की। वे भी आत्मज्ञानी थे यह बात भी उनके व्याख्यानों के द्वारा सर्व भक्तों को प्रतीत हुई।

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