Book Title: Upasya Pade Upadeyta
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Jina Bharati

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Page 32
________________ स्वाध्याय-मंत्रधून का सामूहिक आराधन। प्रत्येक शुक्ला द्वितीया एवं पूर्णिमा को अखण्ड रात्रि का कार्यक्रम, जिसमें क्रमबद्ध भक्ति, पाक्षिकादि अतिचार, आलोचना, खामणा, आध्यात्मिक भजन एवं मंत्रधून, प्रभात में प्रार्थनादि। 5. श्रीमद् परमकृपालु देव की जन्म तथा पुण्यतिथि को, पर्युषण पर्व में, आश्रम स्थापना दिन पर, पूज्य श्री सहजानंदघनजी एवं पूज्य माताजी धनदेवी की जन्म और पुण्यतिथि को विशेष आयोजनपूर्वक आराधना। 6. दीपावली के तीन दिन अहोरात्र सामूहिक अखण्ड मंत्र धून। 7. प्रतिदिन प्रात: 10 से 12 बजे और दोपहर 3 से 5 बजे नियमित सत्संग, स्वाध्याय, गुरुदेव टेइप-प्रवचन श्रवण, जिसमें मुख्य विषय होता है- परम कृपालु देव के वचनाशय द्वारा आत्म साक्षात्कार और उस अनुभव मार्ग में प्रवेश करने की साधनपद्धति। नोट : सोने-बैठने हेतु चटाइयों के सिवा अन्य कोई सुविधा जान-बुझकर यहाँ नहीं रखी गई है। सत्संग अर्थ आनेवाले जैन मुमुक्षुओं को चाय, नाश्ता और दो बार भोजन निःशुल्क दिया जाता है। ॐ आनन्द आनन्द आनन्द सहजानंदघन। __ (पूज्य श्री सहजानंदघनजी के लेख से किंचित् संशोधित, परिवर्धित।)

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