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सहजानंदघनस्वामीजी द्वारा लिखित हैं। ये मुझे अनायास ही प्राप्त हुए और उन्हें मुद्रित कराकर प्रसिद्ध करने की मेरी भावना का मैं संवरण नहीं कर सका हूँ। इस कारण से यह पुस्तिका आज आप के करकमल में आ रही है। उसका सदुपयोग करें ऐसी आशा सह परमकृपालुदेव को और श्री सहजानंदघनस्वामीजी को भक्ति-भाव पूर्वक नमस्कार करके यह निवेदन समाप्त करता हूँ ।
श्रीमद् राजचन्द्र ज्ञान प्रचारक ट्रस्ट
दिल्ही दरवाजा बाहर अहमदाबाद
जयन्तीलाल सकराभाई मे. एम. वाडीलाल की कम्पनी
अहमदाबाद
(गुजराती से अनूदित )
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