Book Title: Uktiratnakara Author(s): Jinvijay Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir View full book textPage 8
________________ साधुसुन्दर गणी विरचित उक्ति रत्नाकर [उक्तीयक-औक्तिकपदानि-शब्दानुक्रमादिसमवेत प्रथमवार प्रकाशित] संपादक आचार्य, जिनविजय मुनि [प्रधान संपादक-राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला तथा सिंघी जैन ग्रन्थमाला] प्रकाशक राजस्थान राज्याशानुर संचालक, राजस्थान पुरातत्त्वान्वेषण मन्दिर जयपुर (राजस्थान) माघ वि. सं. २०१३ फरवरी राज्या सार- सवाधिकार सुरक्षित | इ.सं. १९५७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 136