Book Title: Uktiratnakara
Author(s): Jinvijay
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir
View full book text
________________
दादर दर्दरः ।
पण्डितप्रवर श्रीसाधुसुन्दरगणि- कृत गुलपापडी गुडपर्पटिका।
साथ सार्थः । गुलधाणी गुडधानाः।
पह पथः । वलउ वलकः ।
माजणउ मजनम् । पीढी पीठी।
जुवान युवानः। छाजउ छाद्यकम् ।
पोथउ पुस्तकम्। देहरइ आमलसारउ
त्रापर तर्पः। देवगृहे आमलसारकः ।
रांपी रम्पा। गजथर गजस्तरः ।
वेढिमी वेष्टिमा । साभरमती साभ्रमती नदी ।
करंबउ करम्बः । जउणा यमुना।
खेडउ खेटकः। पारस पाहाण स्पर्शपाषाणः ।
पाद्र पदम् । चित्रावेलि चित्रकवल्ली।
सीर सिरा। गदगदवचन गद्गदवचनम् ।
पांजरउ पञ्जरः । मणमणउ मन्मनः ।
दोरउ दवरकः दोरो वा ।
छीतर छित्वरः । जाजरउ जर्जरः।
चोरइ खात्र पाड्यउ झालरि झल्लरिका ।
चौरेण खात्रं पातितम् । मरमरसबद मर्मरशब्दः।
मादल मर्दलः। तमक तमकः ।
बाउल बब्बूलः। राजान राजानकः ।
हीडि हिण्डिः। रोहीडउ रोहीतकः ।
कडणि कटिनिः । नारिंग रूंख नारङ्ग रु(वृ? )क्षः। पापड पर्पटः। धींगउ धींगः।
कारटउ कारटकम् । अनाड अनाट: ।
कारटियउ कारटिकः। ऊकरडउ उत्कुरुटः।
धड धटः । अखोड अक्षोटः।
खण क्षणः । भांड भण्डः।
डहरउ दहरः । चोरडउ चोरटः।
पींडार पिण्डारः । लउडउ लकुटः ।
खारउ क्षारम् । चीकणउ चिकणः ।
खप्पर खर्परम् । मायउ मातः ।
खापरउ खपरः । गाह गाथा ।
चरू चरुः । सीथ सिक्थः ।
गात्री गात्रिका।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136