Book Title: Tattvarthshlokavartikalankar Part 6
Author(s): Vidyanandacharya, Vardhaman Parshwanath Shastri
Publisher: Vardhaman Parshwanath Shastri

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Page 9
________________ ( ८ ) पहार - साकारमन्त्रभेदाः ।। २६ ।। स्तेनप्रयोग - तदाहृतादान - विरुद्धराज्यातिक्रम- हीनाधिकमानोन्मान-प्रतिरूपक व्यवहाराः ॥ २७ ॥ परविवाह करणेत्वरिकापरिगृहीतागमनानङ्गक्रीडा-कामतीत्रा - भिनिवेशाः ॥ २८ ॥ क्षेत्रवास्तुहिरण्यसुवर्ण-धनधान्य- दासीदास -कुप्य प्रमाणातिक्रमाः ।। २९ ।। ऊर्ध्वाधस्तिर्यग्व्यतिक्रमण-क्षेत्र वृद्धि - स्मृत्यन्तराधानानि ॥ ३० ॥ आनयन-प्रेष्यप्रयोग-शब्द-रूपानुपात - पुद्गलक्षेपाः ।। ३१ । कन्दर्प - कौत्कुच्य -मौखर्यासमीक्ष्याधिकरणोपभोगपरिभोगानर्थक्यानि ॥ ३३ ॥ अप्रत्यवेक्षिताप्रमार्जितोत्सर्गादान-संस्तरोपक्रमणानादर - स्मृत्यनुपस्थानानि ॥ ३४॥ सचित्त-सम्बन्ध- सम्मिश्राभिषव दुः- पक्वाहाराः ।। ३५ ।। सचित्तनिक्षेपाविधान परव्यपदेश- मात्सर्यकालातिक्रमः।। ३६ ।। जीवित-मरणाशंसामित्रानुराग-सुखानुबन्ध-निदानानि ॥ ३७ ॥ अनुग्रहार्थं स्वस्यातिसर्गो दानम् || ३८ || विधि - द्रव्य-दातृ-पात्र विशेषात्तद्विशेषः ।। ३९ ।। इति तत्त्वार्थाधिगमे मोक्षशास्त्र सप्तमोऽध्यायः ॥ ७ ॥

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