Book Title: Tandulvaicharik Prakirnakam
Author(s): Ambikadutta Oza
Publisher: Sadhumargi Jain Hitkarini Samstha

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Page 35
________________ san Manavi din Aranana Kendre www.kobatirm.org Acharya Sur Kassegarmur Gyarmandir पासीय खलु पाउसो ! पुचि मणुया ववगयरोगायंका बहुवाससयसहस्सजीविणो, तंजहा-जुयलधम्मिया, अरिहंता वा चकवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा चारणा विज्जाहरा। तेणं मणुया अणइवरसोमचारुरूवा भोगुत्तमा भोगलक्षणधरा सुजायसव्वंगसुदरा रत्त प्पलपउम कर चरण कोमलंगुलितला नगनगरमगर सागरचक्क धरंकलक्खणंकियतला सुप्पइट्ठियकुम्मचारुचलणा आणुपुचि सुजायपीवरंगुलिया उन्नयतणुतंबनिद्धनहा संठियसुसिलिट्ठगूढगुप्फा एणी कुरुर्विदावत्त वट्टाणुपुब्वजंघा समुग्गनिमग्ग गूढजाण गयस सण सुजायसंनिभोरू परवारणमत्ततुल्लविकमविलासियगई सुजायपरतुरय गुज्म देसा आइएण हयच निरुवलेवा पमुइयवरतुरय सीह अइरेगवट्टियकडी साहय सोगंद मुसलदप्पण निगरियवरकणगच्छरु सरिसवरवडरवलिय मज्झा गंगावर पयाहिणावर तरंगभंगुर रविकिरण तरुणबोहियविकोसायंत पउमगंभीरवियडनामी उजुयसमसहिय सुजायजायजच्च तणुकसिण निद्ध आइज्जलाह सुकुमाल मउयरमणिजरोमराई झसविहगसुजायपीण कुच्छीझसोयरा पउमवियडनामी संगयपासा सन्नयपासा सुंदरपासा सुजायपासा मियमाईयपीणरईयपासा अकरंड्यकणय रुयगनिम्मल सुजायनिरुवहयदेहधारी पसत्थवचीसलक्खणधरा कणगसिलायलुञ्जल पसत्थ समतल उबचियविच्छिन्नपिहुलवच्छा सिरिवच्छं कियवच्छा पुरवरफलिहवट्टिय भुया भुयगीसरउिउल भोग आयाणफलिह उच्छूढदीहवाहू जुगसंनिम पीणरहय पीवरपउट्ठा संठियउवचिय घणथिरसुबद्ध सुवट्टसुसिलिट्ठ लट्ठपन्चसंधी रसतलोबचिय मउय मंसल सुजाय लक्खणपसत्थ अच्छिद जालपाणी पीवरवट्टियमुजाय कोमलवरंगुलिया तंबतलिण मुहरुहरनिद्वनक्खा चंदपाणिलेहा सूरपाणिलेहा संखपाणिलेहा चकपाणिलेहा सुत्थियपाणिलेहा ससिरविसंखचकसुत्थियसुविभत्तसुविरइयपाणिलेहा BSIDUE BABIESE ERESSE EMNE For Private And Personal use only

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