Book Title: Sudharm Gaccha Pariksha
Author(s): Bramharshi Muni
Publisher: Ravji Desar

View full book text
Previous | Next

Page 39
________________ श्री सुधर्मगड परीक्षा. (१) सावितीमां खुद श्री कामसूत्रना अंतिम यातावामांज पुरावो ने के:-तेणं कालेणं तेणं समएणं समणेनगवं महावीरे रायगिहे नगरे गुणसिलएचेए बहूणं समणाणं बहणं समणोणं बहूणं सावयाणं बहणं सारियाणं बहूणं देवाणं बहणं देवीणं मग्ग ए चेव एवमाइकइ एवं सासद एवं पनवेश एवं परूवेश पङोसवणाकप्पो नामं अज्यषं सअहं सहेन्यं सकारणं ससुत्तं सत्यं सतनयं सवागरणं नुको जुको उवयंसेत्तिबेमि.' एटले के श्री जअबाहुस्वामी पोताना शिष्यमंडळने कहे के-में जे था कल्पसूत्रनी अंदर त्रण अधिकार अर्थात् श्री जिनोनां चरित्र १. थिविरावली थने २. साधुसमाचारीरूप वा. चना प्ररुपेल, ते में मारी भनकरूपनाथी कहेल नथी; परंतु श्री तीर्थंकरदेवना उपदेशनी में थ. धिकार कहेल ने. मतसब के-ते काल चोथाया. राना अंतने विषे, राजरा होनगरीना गुणशील चैत्यने विषे वीरप्रनु समोसर्या, ते समये घा Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94