________________
| जैन जगत् ।
संक्षिप्त समाचार १. मुम्बई में २०-२१ नवम्बर २०१० को आचार्य श्री सुनील सागर
जी के सानिध्य में प्राकृत परिचर्चा सम्पन्न हुई। जिसमें “अज्झप्पसारो" ग्रन्थ का विमोचन आचार्य श्री सुनील सागर जी म.सा. द्वारा हुआ तथा श्रुत सेवा यंग अवार्ड पुरस्कार के अन्तर्गत श्री सागर शाह शास्त्री,
मुम्बई को पुरस्कृत किया गया। २. वैशाली २० नवम्बर २०१० को प्राकृत जैन शास्त्र एवं अहिंसा शोध
संस्थान में डॉ. गुलाबचन्द चौधरी व्याख्यानमाला का आयोजन डॉ. रवीन्द्र कुमार सिंह, अध्यक्ष, दर्शन विभाग, बिहार विश्वविद्यालय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। तदुपरान्त वर्ष २००८ में प्राकृत व जैन शास्त्र में प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र श्री रत्नाकर शुक्ल को प्रो. भागचन्द जैन स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। डॉ. श्रेयांस कुमार सिंघई, जयपुर ने “पवयणपाहुड में श्रमण' विषय पर व्याख्यान दिया। निदेशक प्राकृत जैन शास्त्र एवं अहिंसा शोध संस्थान डॉ. ऋषभ जैन ने संचालन किया। पार्श्वनाथ विद्यापीठ के निदेशक प्रो. सुदर्शनलाल
जैन अस्वस्थता के कारण वहाँ व्याख्यान देने नहीं पहुँच सके। ३. इन्दौर, २ दिसम्बर २०१० को प्रो. प्रेम सुमन जैन को जैन विद्या
के क्षेत्र में उनके द्वारा दिये गये महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये वर्ष २००९ का कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया तथा प्रशस्ति-पत्र के साथ २५ हजार रुपये की सम्मान राशि प्रदान की गयी।