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वर्ष
अंक
ई.सन्
पृष्ठ
लेख राग-द्वेष भाव का विसर्जन ही त्याग है
५०
७-९
१९९९ ११२-११७
निर्ममत्व की ओर बढ़ना ही आकिंचन्य है
५०
७-९
१९९९ ११८-१२२
आत्मा में रमण करना ही ब्रह्मचर्य है
भाषाना विकासमा प्राकृत-पालिभाषानो फालो जैन परंपरानुं अपभ्रंश साहित्यमा प्रदान Jaina Festivals Fear of Food? Jaina attitudes on Eating जैन अलङ्कार साहित्य वाग्भट्टालङ्कार भट्टाकलङ्कदेव रचित 'तत्त्वार्थवार्तिक आचार्य अजितसेन और उनकी अमरकृति 'अलङ्कारचिन्तामणिः' चन्द्रप्रभचरित एवं महाकवि वीरनन्दी महाकवि अर्हद्दास और उनकी रचनाएँ काव्य-कल्पलता और कवि-कल्पलता
लेखक
विषय प्रो. भागचन्द्र जैन 'भास्कर' धर्म, साधना, नीति
एवं आचार प्रो. भागचन्द्र जैन 'भास्कर' धर्म, साधना, नीति
एवं आचार प्रो. भागचन्द्र जैन 'भास्कर' धर्म, साधना, नीति
एवं आचार पं. बेचरदास दोशी आगम और साहित्य प्रो. हरिवल्लभ चु. भायाणी आगम और साहित्य Padmanabh S. Jaini समाज एवं संस्कृति Padmanabh S. Jaini पं. अमृतलाल शास्त्री आगम एवं साहित्य पं. अमृतचन्द्र शास्त्री आगम एवं साहित्य पं. अमृतचन्द्र शास्त्री आगम एवं साहित्य पं. अमृत शास्त्री आगम एवं साहित्य
५० ५०
५० _ ५०
५० ५० ५० ५० ५०
७-९ १९९९ १२३-१२९ ७-९ १९९९ १३०-१४० ७-९ १९९९ १४१-१५० ७-९ १९९९ १५१-१५९ ७-९ १९९९ १६०-१७४ १०-१२ १९९९ १-११ १०-१२ १९९९ १२-१७ १०-१२ १९९९ १८-२४ १०-१२ १९९९ २५-३१
श्रमण अतीत के झरोखे में (द्वितीय खण्ड) : ९५
पं. अमृतचन्द्र शास्त्री पं. श्री अमृतलाल शास्त्री पं. अमृतचन्द्र शास्त्री
आगम एवं साहित्य आगम एवं साहित्य आगम एवं साहित्य
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१०-१२ १९९९ १०-१२ १९९९ १०-१२ १९९९
३२-७१ ७२-७५ ७६-७७