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लेख
लेखक
आचार्य हरिभद्रसूरि प्रणीत 'उपदेशपद एक अध्ययन' डॉ. फूलचन्द जैन 'प्रेमी' श्री जिनेन्द्र वर्णीजी द्वारा प्रणीत 'पदार्थ विज्ञान' और डॉ. कमलेश कुमार जैन उसकी विवेचन शैली
डॉ. विजय कुमार जैन
डॉ. श्रीरंजन सूरिदेव
शर्की - कालीन हिन्दी साहित्य के विकास में बनारसी डॉ. राजदेव दुबे
दास का अवदान
प्राचीन भारत के प्रमुख तीर्थस्थल : बौद्ध और
राजेश कुमार
इतिहास, पुरातत्त्व एवं
साहित्य
जैन धर्म के विशेष सन्दर्भ में ( शोधप्रबन्ध-सार) जैन दर्शन में सृष्टि की अवधारणा
अतुल कुमार प्रसाद सिंह दर्शन तत्त्व मीमांसा
एवं ज्ञान मीमांसा
डॉ. शिवप्रसाद
इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला समाज एवं संस्कृति
गुरु का स्वरूप : गुरुतत्त्वविनिश्चिय के विशेष सन्दर्भ
महावीर के सिद्धान्त : वर्तमान परिप्रेक्ष्य
विधिपक्ष अपरनाम अंचलगच्छ (अचलगच्छ) का संक्षिप्त इतिहास
आधुनिक सन्दर्भों में तीर्थंकर - उपदेशों की 'प्रासंगिकता
Vasanta in Prakrit Literature
विषय
आगम एवं साहित्य
दर्शन - तत्त्व मीमांसा व
अनिल कुमार
ज्ञान-मीमांसा दर्शन - तत्त्व मीमांसा
व ज्ञान मीमांसा
धर्म, साधना, नीति
एवं आचार
आगम एवं साहित्य
Dr. Veneemadhavashastri आगम एवं साहित्य
Joshi
वर्ष
५०
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५०
ई.सन्
पृष्ठ
४-६ १९९९ ५२-६६
अंक
अँ
४-६ १९९९ ६७-७२
४-६ १९९९
४-६
४-६
४-६
४-६
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४-६
४-६
१९९९
१९९९
१९९९
७३-८५
१९९९
१९९९
८६-९०
९१-९५
९६-१०१
१९९९ १०२ - १११
११२ - १५३
१५४ - १५८
१९९९ १५९ - १७७
श्रमण अतीत के झरोखे में (द्वितीय खण्ड)
: ९३